आरएसएस चीफ मोहन भागवत का आज 75वां जन्मदिन, पीएम मोदी बोले- सौभाग्य हमारे पास उनके जैसा सरसंघचालक

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज 75 साल के हो गए। उनके जन्मदिन पर देश तमाम नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। पीएम मोदी ने भी भागवत को बधाई दी है। उन्होंने एक बधाई संदेश लिखा है। जिसमें लिखा है कि वे एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा। पीएम मोदी ने लिखा, हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जी जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो ऐसे समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर, मोहन भागवत जी ने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया है। उनके 75वें जन्मदिन के मौके पर, मोहन जी और उनके प्रेरक व्यक्तित्व पर कुछ विचार लिखे। मां भारती की सेवा में उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।

आज 11 सितंबर है। यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है। एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है 9/11 का आतंकी हमला, जब विश्व बंधुत्व को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई गई। आज के दिन की एक और विशेष बात है। आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिवस है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत जी का आज जन्मदिन है।

पीएम मोदी ने संघ प्रमुख से अपना पुराना संबंध याद किया

पीएम मोदी ने लिखा कि मेरा मोहन भागवत जी के परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है। मुझे उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था। मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है। वकालत के साथ-साथ मधुकरराव जी जीवन भर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित रहे। अपनी युवावस्था में उन्होंने लंबा समय गुजरात में बिताया और संघ कार्य की मजबूत नींव रखी। मधुकरराव जी का राष्ट्र निर्माण के प्रति झुकाव इतना प्रबल था कि अपने पुत्र मोहनराव को भी इस महान कार्य के लिए निरंतर गढ़ते रहे। एक पारसमणि मधुकरराव ने मोहनराव के रूप में एक और पारसमणि तैयार कर दी।

भागवत जी का पूरा जीवन प्रेरणा देने वाला-पीएम मोदी

भागवत जी का पूरा जीवन सतत प्रेरणा देने वाला रहा है। वे 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। सामान्य जीवन में प्रचारक शब्द सुनकर ये भ्रम हो जाता है कि कोई प्रचार करने वाला व्यक्ति होगा, लेकिन जो संघ को जानते हैं उनको पता है कि प्रचारक परंपरा संघ कार्य की विशेषता है। 2000 में वे सरकार्यवाह बने। यहां भी अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता और सटीकता से संभाला। 2009 में वे सरसंघचालक बने और आज भी अत्यंत ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। भागवत जी ने राष्ट्र प्रथम की मूल विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।

भागवत के संगीत और गायन की रूचि से कराया अवगत

प्रधानमंत्री ने आगे लिखा है कि मोहन जी, हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रबल पक्षधर रहे हैं। भारत की विविधता और भारत भूमि की शोभा बढ़ा रही अनेक संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव में भागवत जी पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। वैसे बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोहन भागवत जी अपनी व्यस्तता के बीच संगीत और गायन में भी रुचि रखते हैं। मोहन जी के स्वभाव की एक और बड़ी विशेषता ये है कि वो मृदुभाषी हैं। उनमें सुनने की भी अद्भुत क्षमता है। यह विशेषता न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता और गरिमा भी लाती है।

मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

75 की उम्र को लेकर से क्या बोले आरएसएस प्रमुख भागवत, पीएम मोदी से जोड़ा जा रहा कनेक्शन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। भागवत ने एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। भागवत की इस टिप्पणी को पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 75 वर्ष के होने वाले हैं।

संघ प्रमुख भागवत मोरोपंत पिंगले की स्मृति में एक किताब के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' पुस्तक का विमोचन करने के बाद, भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेता की विनम्रता, दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की अद्वितीय क्षमता को याद किया।

आरएसएस के विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने कहा जब आप 75 के हो जाते हैं, इसका मतलब है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को रास्ता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, 75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।

भागवत ने आपातकाल (1975) के बाद राजनीतिक बदलाव के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब चुनाव की चर्चा हुई, मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं तो करीब 276 सीटों पर जीत जाएंगे और जब परिणाम आए, तो 276 सीटों पर ही जीत हुई। हालांकि, वे चुनाव परिणाम के दौरान इन चर्चाओं से दूर रहे। पिंगले ने कभी अपनी उपलब्धियों का जिक्र नहीं किया। वह अपनी मुस्कुराहट से विषयों को बदल देते थे और किसी भी सम्मान समारोह में जाने से भी बचते थे।

भागवत के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उनका बयान किस तरफ इशारा करता है।शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के होने वाले हैं।संयोग से खुद भागवत भी इसी साल 75 साल के होने वाले हैं।

*Bengal Pro T20 League men’s draft featured 802 cricketers*

Sports 

 

 

 Khabar kolkata sports Desk : A total of 802 cricketers were drafted in the mega men’s draft of the Bengal Pro T20 League Season 2 at a glitzy ceremony at a city hotel on Monday.

The players were picked by the eight franchisees namely Sobisco Smashers Malda, Adamas Howrah Warriors, ServoTech Siliguri Strikers, Harbour Diamonds, Shrachi Rarh Tigers, Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers, Murshidabad Kings and Rashmi Medinipur Wizards.  

CAB Office bearers led by President Snehasish Ganguly, Vice President Amalendu Biswas, Secretary Naresh Ojha, Treasurer Prabir Chakrabarty, Joint Secretary Debabrata Das along with India cricket legend Sourav Ganguly, women’s cricket icon Jhulan Goswami were present for the draft. Chairpersons of various CAB committees, former international players, former office bearers and Apex Council Members were also present.

Also present were Bengal Pro T20 League committee members - Deep Chatterjee, Subhradeep Ganguly, Lopamudra Banerjee, Keya Ray, Surajit Lahiri, Ambarish Mitra, Soumendu Chatterjee, Joydeep Mukherjee, along with other CAB members.  

Speaking about the draft, CAB President Mr Ganguly said: “I welcome to all the current office bearers, former office bearers, international players and all the franchises for the men’s draft of the second season of the Bengal Pro T20 League. 

“I hope you will all witness an exciting draft process in the next few hours. I am sure we will have an even more successful Bengal Pro T20 League season this time,” Mr Ganguly added. 

MEN’S TEAMS:

1. Shrachi Rarh Tigers: Shahbaz Ahmed, Pradipta Pramanik, Sumanta Gupta, Ashutosh Kumar, Ravi Kumar, Sayan Shekhar Mondal, Kazi Junaid Saifi, Pritam Chakraborty, Gaurav Singh Chauhan, Abhishek Das, Siddharth Patidar, Abhijeet Bhagat, Md Shami, Saikat Das, Ayan Bhattacharyaa, Avirup Gupta, Mayank Jha

2. ServoTech Siliguri Strikers: Akash Deep, Suraj Singhu Jaiswal, Vikas Singh, Tarun Godara, Ankur Paul, Subham Chatterjee, Nuruddin Mondal, Irshad Alam, Ankush Tyagi, Sourav Paul, Mithilesh Das, Raju Halder, Pawan, Lokesh, Aditya Singh, Shivamm Bharati, Sachin Yadav, 

3. Rashmi Medinipur Wizards: Sudip Chatterjee, Vivek Singh, Priyanshu Srivastava, Vaibhav Yadav, Ritwik Roy Chowdhury, Ranjot Singh Khaira, Rajkumar Pal, Soumyadip Mandal, Sandipan Das Jr, Sourav Halder, Rahul Kundu, Akash Ghatak, Rahul Gupta, Pankaj Shaw, Aishik Patel, Ayush Ghosh, Jagmohan Prasad Gupta 

4. Adamas Howrah Warriors: Aamir Gani, Kanishk Seth, Shakir Habib Gandhi, Pramod Chandila, Sujit Kumar Yadav, Saksham Sharma, Yuvraj Deepak Keswani, Shreyan Chakrabarty, Shashank Singh, Deepak Kumar, Debangshu Pakhira, Jayveer Singh, Rohit, Sachin Chaudhary, Arindam Ghosh, Agniswar Das, Agastya Shukla

5. Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers: Abishek Porel, Karan Lal, Sayan Ghosh, Akash Pandey, Sandeep Kumar Tomar, Ayush Kumar Singh, Anurag Tiwari, Md Kaif, Sandipan Das, Debopratim Halder, Ronit Ghosh, Vipin Chandra, Harsh Vardhan Jajodia, Arjun Kumar, Sanjib Goswami, Bhoirob De Sarkar, Dron Chatterjee

6. Harbour Diamonds: Prayas Ray Barman, Manoj Tiwary, Badal Singh Balyan, Subham Sarkar, Chandrahas Dash, Vishal Bhati, Kaushik Maity, Geet Puri, Pradeep Kumar, Priyank Patel, Abhishek Raman, Rahul Prasad, Abhimanyu Easwaran, Balkesh Yadav, Prakash Kr Roy, Kaushik Giri, Ankit Chatterjee, Vijay Srivastava

7. Murshidabad Kings: Sudip Kumar Gharami, Agniv Pan, Sukhmeet Singh, Vikas Singh, Toufik Uddin Mondal, Saksham Chaudhury, Rishabh Chaudhary, Dilshad Khan, Saurabh Kumar Singh, Aniket Singh, Tanmoy Pramanick, Sayed Irfan Aftab, Priyam Sarkar, Koushik Ghosh, Nikhil Singh, Ankit Chatterjee, Sayan Paul 

8. Sobisco Smashers Malda: Mukesh Kumar, Writtick Chatterjee, Kaif Ahmed, Ramesh Prasad, Akhil, Shuvam Dey Sr, Gitimoy Basu, Brijesh Sharma, Arjun Bharadwaj, Avilin Ghosh, Sumit Mohanta, Viraj Krishna, Harsimar Singh Patheja, V Venkat Raj, Sk Janishar Akhatar Nishar, Arjun Singh, Aditya Roy.

Pic Courtesy by: CAB

दुनिया प्रेम और मंगल की भाषा तब ही सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो’, क्या हैं मोहन भागवत के बयान के मायने

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है और उसकी भूमिका ‘बड़े भाई’ की है। भारत विश्व में शांति, सौहार्द और धर्म का प्रचार करने वाला राष्ट्र है। इसके साथ-साथ संघ प्रमुख ने बताया कि भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी है। मोहन भागवत जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आज आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी?

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है, लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता, लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। दुनिया आपकी बात तब ही सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। हमारी ताकत विश्व ने देखी है।

भागवत ने आगे कहा कि विश्व कल्याण हमारा धर्म है। विशेषकर हिंदू धर्म का तो यह पक्का कर्तव्य है। यह हमारी ऋषि परंपरा रही है, जिसे आज संत समाज आगे बढ़ा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

*Mohanbagan's young brigade to stop the Kerala storm*

Sports 

 Kalinga Super Cup 

 Khabar kolkata sports Desk : Junior footballers do not get the chance that way. As a result, you can not prove yourself. This time, the opportunity to satisfy the excitement is Dhiraj Singh, Raj Basfor, Sandeep Malik, Amandeep and a young footballer. In the quarter -finals of the Super Cup, Mohanbagan's team Bhubaneswar went on Thursday to play against Blastus. The only foreign Portugal is Nuno Miguel.

*In the first match of the Super Cup against Kerala Blasters 2-0 by the departure of East Bengal*

Sports

Khabar Kolkata Sports Desk: East Bengal lost 2-0 against Kerala Blasters in the first match of the Super Cup in Bhubaneswar on Sunday. As a result, the red-yellow brigade did not competition this season. East Bengal played in the first match of the tournament as a Super Cup defending champion. But they had to leave in the first match. Kerala Blasters will now face Mohanbagan Super Giant in the quarter -finals of the Super Cup. In the first half, Anwar Ali forgot the first attempt from the pass penalty, but the second time did not miss Blaster Jiminez. In the second half, Noah scored 2-0 in a shot. The ball in the hands of the proletariat could not be stopped. Noah missed the Blasters at the match injury time, but missed it.

Pic: Courtesy by Social media

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत का आज 75वां जन्मदिन, पीएम मोदी बोले- सौभाग्य हमारे पास उनके जैसा सरसंघचालक

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज 75 साल के हो गए। उनके जन्मदिन पर देश तमाम नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। पीएम मोदी ने भी भागवत को बधाई दी है। उन्होंने एक बधाई संदेश लिखा है। जिसमें लिखा है कि वे एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा। पीएम मोदी ने लिखा, हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जी जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो ऐसे समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर, मोहन भागवत जी ने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया है। उनके 75वें जन्मदिन के मौके पर, मोहन जी और उनके प्रेरक व्यक्तित्व पर कुछ विचार लिखे। मां भारती की सेवा में उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।

आज 11 सितंबर है। यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है। एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है 9/11 का आतंकी हमला, जब विश्व बंधुत्व को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई गई। आज के दिन की एक और विशेष बात है। आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिवस है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत जी का आज जन्मदिन है।

पीएम मोदी ने संघ प्रमुख से अपना पुराना संबंध याद किया

पीएम मोदी ने लिखा कि मेरा मोहन भागवत जी के परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है। मुझे उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था। मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है। वकालत के साथ-साथ मधुकरराव जी जीवन भर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित रहे। अपनी युवावस्था में उन्होंने लंबा समय गुजरात में बिताया और संघ कार्य की मजबूत नींव रखी। मधुकरराव जी का राष्ट्र निर्माण के प्रति झुकाव इतना प्रबल था कि अपने पुत्र मोहनराव को भी इस महान कार्य के लिए निरंतर गढ़ते रहे। एक पारसमणि मधुकरराव ने मोहनराव के रूप में एक और पारसमणि तैयार कर दी।

भागवत जी का पूरा जीवन प्रेरणा देने वाला-पीएम मोदी

भागवत जी का पूरा जीवन सतत प्रेरणा देने वाला रहा है। वे 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। सामान्य जीवन में प्रचारक शब्द सुनकर ये भ्रम हो जाता है कि कोई प्रचार करने वाला व्यक्ति होगा, लेकिन जो संघ को जानते हैं उनको पता है कि प्रचारक परंपरा संघ कार्य की विशेषता है। 2000 में वे सरकार्यवाह बने। यहां भी अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता और सटीकता से संभाला। 2009 में वे सरसंघचालक बने और आज भी अत्यंत ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। भागवत जी ने राष्ट्र प्रथम की मूल विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।

भागवत के संगीत और गायन की रूचि से कराया अवगत

प्रधानमंत्री ने आगे लिखा है कि मोहन जी, हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रबल पक्षधर रहे हैं। भारत की विविधता और भारत भूमि की शोभा बढ़ा रही अनेक संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव में भागवत जी पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। वैसे बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोहन भागवत जी अपनी व्यस्तता के बीच संगीत और गायन में भी रुचि रखते हैं। मोहन जी के स्वभाव की एक और बड़ी विशेषता ये है कि वो मृदुभाषी हैं। उनमें सुनने की भी अद्भुत क्षमता है। यह विशेषता न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता और गरिमा भी लाती है।

मालेगांव ब्लास्ट केस में भागवत को गिरफ्तार करने का मिला था आदेश? एटीएस के पूर्व अधिकारी का दावा

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मालेगांव में हुए धमाके को लेकर मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है। मालेगांव धमाके में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस मामले में एक मुख्य आरोपी थीं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ जो भी सबूत पेश किए हैं वो इतने काफी नहीं हैं, जिन्हें आधार मानकर आरोपियों को सजा दी जा सके। कोर्ट का यह फैसला 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आया। अब इस मामले में एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लास्ट की जांच में शामिल एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें इस केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था।

क्यों दिया गया मोहन भागवत की गिरफ्तारी का आदेश?

आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के एक पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने यह सनसनीखेज दावा किया है। महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद इस पर रिएक्शन देते पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने बताया है कि उन्हें संघ के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। मुजावर के मुताबिक, भागवत को गिरफ्तार करने के ऑर्डर का मकसद 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी का स्थापित करना था।

“सीधे तौर मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए”

पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा, मुझे इस केस में इसलिए शामिल किया गया था ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ को साबित किया जा सके। मुझे सीधे तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने के निर्देश दिए गए थे, और ये आदेश तत्कालीन मालेगांव धमाके के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह और उनके उपर के अधिकारियों ने दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि, सरकार और एजेंसियों का मकसद यह था कि मोहन भागवत और अन्य निर्दोष लोगों को इस मामले में फंसाया जाए। भगवा आतंकवाद की पूरी संकल्पना एक झूठ थी।

“भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी”

मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की जो थ्योरी थी वो पूरी तरह से झूठी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मेरे ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए। लेकिन बाद में कोर्ट से मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों। लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोगों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे। ये सभी आदेश ऐसे नहीं थे कि उनका पालन किया जा सके। मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था। चूंकि मैंने इन आदेशों का पाल नहीं किया इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया।

पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से किया सवाल

मुजावर ने यह भी दावा किया कि जिन संदिग्धों संदीप डांगे और रामजी कलसंगरा की हत्या हो चुकी थी, उन्हें जानबूझकर चार्जशीट में जिंदा दिखाया गया। मुझे आदेश दिया गया कि उनकी लोकेशन ट्रेस करो, जबकि वो मर चुके थे। मेहबूब मुजावर ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इन बातों का विरोध किया और गलत काम करने से इनकार किया, तो उन पर झूठे केस थोपे गए। मुझ पर झूठे मुकदमे डाले गए, लेकिन मैं निर्दोष साबित हुआ। मुजावर ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें अब सामने आकर बताना चाहिए कि “क्या हिंदू आतंकवाद जैसी कोई थ्योरी वास्तव में थी?

पहला मामला जब किसी ब्लास्ट में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित मालेगांव शहर में एक जबरदस्त धमाका हुआ। शुरू में एटीएस को शक था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित मुस्लिम संगठनों का हाथ हो सकता है, क्योंकि पहले हुए धमाकों में पाकिस्तान समर्थित और देशी मुस्लिम आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आ चुकी थी। लेकिन एटीएस के तत्कालीन प्रमुख, दिवंगत आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच ने देश को चौंका दिया। बाद में जांच में सामने आया कि मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपी हिंदू थे और इसे "भगवा आतंकवाद" का मामला बताया गया।

75 की उम्र को लेकर से क्या बोले आरएसएस प्रमुख भागवत, पीएम मोदी से जोड़ा जा रहा कनेक्शन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। भागवत ने एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। भागवत की इस टिप्पणी को पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 75 वर्ष के होने वाले हैं।

संघ प्रमुख भागवत मोरोपंत पिंगले की स्मृति में एक किताब के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस' पुस्तक का विमोचन करने के बाद, भागवत ने संघ के वरिष्ठ नेता की विनम्रता, दूरदर्शिता और जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाने की अद्वितीय क्षमता को याद किया।

आरएसएस के विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने कहा जब आप 75 के हो जाते हैं, इसका मतलब है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों को रास्ता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, 75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।

भागवत ने आपातकाल (1975) के बाद राजनीतिक बदलाव के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब चुनाव की चर्चा हुई, मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं तो करीब 276 सीटों पर जीत जाएंगे और जब परिणाम आए, तो 276 सीटों पर ही जीत हुई। हालांकि, वे चुनाव परिणाम के दौरान इन चर्चाओं से दूर रहे। पिंगले ने कभी अपनी उपलब्धियों का जिक्र नहीं किया। वह अपनी मुस्कुराहट से विषयों को बदल देते थे और किसी भी सम्मान समारोह में जाने से भी बचते थे।

भागवत के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उनका बयान किस तरफ इशारा करता है।शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया है। संयोग से इसी साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के होने वाले हैं।संयोग से खुद भागवत भी इसी साल 75 साल के होने वाले हैं।

*Bengal Pro T20 League men’s draft featured 802 cricketers*

Sports 

 

 

 Khabar kolkata sports Desk : A total of 802 cricketers were drafted in the mega men’s draft of the Bengal Pro T20 League Season 2 at a glitzy ceremony at a city hotel on Monday.

The players were picked by the eight franchisees namely Sobisco Smashers Malda, Adamas Howrah Warriors, ServoTech Siliguri Strikers, Harbour Diamonds, Shrachi Rarh Tigers, Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers, Murshidabad Kings and Rashmi Medinipur Wizards.  

CAB Office bearers led by President Snehasish Ganguly, Vice President Amalendu Biswas, Secretary Naresh Ojha, Treasurer Prabir Chakrabarty, Joint Secretary Debabrata Das along with India cricket legend Sourav Ganguly, women’s cricket icon Jhulan Goswami were present for the draft. Chairpersons of various CAB committees, former international players, former office bearers and Apex Council Members were also present.

Also present were Bengal Pro T20 League committee members - Deep Chatterjee, Subhradeep Ganguly, Lopamudra Banerjee, Keya Ray, Surajit Lahiri, Ambarish Mitra, Soumendu Chatterjee, Joydeep Mukherjee, along with other CAB members.  

Speaking about the draft, CAB President Mr Ganguly said: “I welcome to all the current office bearers, former office bearers, international players and all the franchises for the men’s draft of the second season of the Bengal Pro T20 League. 

“I hope you will all witness an exciting draft process in the next few hours. I am sure we will have an even more successful Bengal Pro T20 League season this time,” Mr Ganguly added. 

MEN’S TEAMS:

1. Shrachi Rarh Tigers: Shahbaz Ahmed, Pradipta Pramanik, Sumanta Gupta, Ashutosh Kumar, Ravi Kumar, Sayan Shekhar Mondal, Kazi Junaid Saifi, Pritam Chakraborty, Gaurav Singh Chauhan, Abhishek Das, Siddharth Patidar, Abhijeet Bhagat, Md Shami, Saikat Das, Ayan Bhattacharyaa, Avirup Gupta, Mayank Jha

2. ServoTech Siliguri Strikers: Akash Deep, Suraj Singhu Jaiswal, Vikas Singh, Tarun Godara, Ankur Paul, Subham Chatterjee, Nuruddin Mondal, Irshad Alam, Ankush Tyagi, Sourav Paul, Mithilesh Das, Raju Halder, Pawan, Lokesh, Aditya Singh, Shivamm Bharati, Sachin Yadav, 

3. Rashmi Medinipur Wizards: Sudip Chatterjee, Vivek Singh, Priyanshu Srivastava, Vaibhav Yadav, Ritwik Roy Chowdhury, Ranjot Singh Khaira, Rajkumar Pal, Soumyadip Mandal, Sandipan Das Jr, Sourav Halder, Rahul Kundu, Akash Ghatak, Rahul Gupta, Pankaj Shaw, Aishik Patel, Ayush Ghosh, Jagmohan Prasad Gupta 

4. Adamas Howrah Warriors: Aamir Gani, Kanishk Seth, Shakir Habib Gandhi, Pramod Chandila, Sujit Kumar Yadav, Saksham Sharma, Yuvraj Deepak Keswani, Shreyan Chakrabarty, Shashank Singh, Deepak Kumar, Debangshu Pakhira, Jayveer Singh, Rohit, Sachin Chaudhary, Arindam Ghosh, Agniswar Das, Agastya Shukla

5. Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers: Abishek Porel, Karan Lal, Sayan Ghosh, Akash Pandey, Sandeep Kumar Tomar, Ayush Kumar Singh, Anurag Tiwari, Md Kaif, Sandipan Das, Debopratim Halder, Ronit Ghosh, Vipin Chandra, Harsh Vardhan Jajodia, Arjun Kumar, Sanjib Goswami, Bhoirob De Sarkar, Dron Chatterjee

6. Harbour Diamonds: Prayas Ray Barman, Manoj Tiwary, Badal Singh Balyan, Subham Sarkar, Chandrahas Dash, Vishal Bhati, Kaushik Maity, Geet Puri, Pradeep Kumar, Priyank Patel, Abhishek Raman, Rahul Prasad, Abhimanyu Easwaran, Balkesh Yadav, Prakash Kr Roy, Kaushik Giri, Ankit Chatterjee, Vijay Srivastava

7. Murshidabad Kings: Sudip Kumar Gharami, Agniv Pan, Sukhmeet Singh, Vikas Singh, Toufik Uddin Mondal, Saksham Chaudhury, Rishabh Chaudhary, Dilshad Khan, Saurabh Kumar Singh, Aniket Singh, Tanmoy Pramanick, Sayed Irfan Aftab, Priyam Sarkar, Koushik Ghosh, Nikhil Singh, Ankit Chatterjee, Sayan Paul 

8. Sobisco Smashers Malda: Mukesh Kumar, Writtick Chatterjee, Kaif Ahmed, Ramesh Prasad, Akhil, Shuvam Dey Sr, Gitimoy Basu, Brijesh Sharma, Arjun Bharadwaj, Avilin Ghosh, Sumit Mohanta, Viraj Krishna, Harsimar Singh Patheja, V Venkat Raj, Sk Janishar Akhatar Nishar, Arjun Singh, Aditya Roy.

Pic Courtesy by: CAB

दुनिया प्रेम और मंगल की भाषा तब ही सुनती है, जब आपके पास शक्ति हो’, क्या हैं मोहन भागवत के बयान के मायने

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है और उसकी भूमिका ‘बड़े भाई’ की है। भारत विश्व में शांति, सौहार्द और धर्म का प्रचार करने वाला राष्ट्र है। इसके साथ-साथ संघ प्रमुख ने बताया कि भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी है। मोहन भागवत जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आज आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे। सम्मान समारोह के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

भारत को शक्ति संपन्न होना क्यों जरूरी?

मोहन भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है, लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता, लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। दुनिया आपकी बात तब ही सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। हमारी ताकत विश्व ने देखी है।

भागवत ने आगे कहा कि विश्व कल्याण हमारा धर्म है। विशेषकर हिंदू धर्म का तो यह पक्का कर्तव्य है। यह हमारी ऋषि परंपरा रही है, जिसे आज संत समाज आगे बढ़ा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर मोहन भागवत का पहला बयान, बोले-सरकार सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की ओर से भी बयान जारी किया गया है।संघ की तरफ से सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के नाम से बयान वक्तव्य जारी किया है। संघ ने पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन को लेकर भारत सरकार के साथ ही सैन्य बलों की तारीफ की है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकवादी घटना के बाद कहा है कि पाक प्रायोजित आतंकवादियों एवं उनके समर्थक पारितंत्र पर की जा रही निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के लिए भारत सरकार के नेतृत्व और सैन्यबलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों के नृशंस हत्याकांड में आहत परिवारों को एवं समस्त देश को न्याय दिलाने हेतु हो रही इस कार्रवाई ने समूचे देश के स्वाभिमान एवं हिम्मत को बढ़ाया है।

पाकिस्तानी हमलों की निंदा

आरएसएस ने बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्ती क्षेत्र पर किए जा रहे हमलों की हम निंदा करते हैं और जो इन हमलों का शिकार हुए, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते।संघ ने आगे कहा कि हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान में आतंकियों, उनका ढॉंचा एवं सहयोगी तंत्र पर की जा रही सैनिक कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक एवं अपरिहार्य कदम है। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में संपूर्ण देश तन-मन-धन से देश की सरकार एवं सैन्य बलों के साथ खड़ा है।

सूचनाओं का पालन करने की अपील

आरएसएस प्रमुख ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस चुनौतीपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों से आह्वान करता है कि शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही सभी सूचनाओं का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित करे। इसके साथ-साथ इस अवसर पर हम सबको अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यह भी सावधानी रखनी है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामाजिक एकता एवं समरसता को भंग करने के किसी भी षड्यंत्र को सफल न होने दें।

*Mohanbagan's young brigade to stop the Kerala storm*

Sports 

 Kalinga Super Cup 

 Khabar kolkata sports Desk : Junior footballers do not get the chance that way. As a result, you can not prove yourself. This time, the opportunity to satisfy the excitement is Dhiraj Singh, Raj Basfor, Sandeep Malik, Amandeep and a young footballer. In the quarter -finals of the Super Cup, Mohanbagan's team Bhubaneswar went on Thursday to play against Blastus. The only foreign Portugal is Nuno Miguel.

*In the first match of the Super Cup against Kerala Blasters 2-0 by the departure of East Bengal*

Sports

Khabar Kolkata Sports Desk: East Bengal lost 2-0 against Kerala Blasters in the first match of the Super Cup in Bhubaneswar on Sunday. As a result, the red-yellow brigade did not competition this season. East Bengal played in the first match of the tournament as a Super Cup defending champion. But they had to leave in the first match. Kerala Blasters will now face Mohanbagan Super Giant in the quarter -finals of the Super Cup. In the first half, Anwar Ali forgot the first attempt from the pass penalty, but the second time did not miss Blaster Jiminez. In the second half, Noah scored 2-0 in a shot. The ball in the hands of the proletariat could not be stopped. Noah missed the Blasters at the match injury time, but missed it.

Pic: Courtesy by Social media

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने किया हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान, दिया बड़ा बयान

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल की धरती से कहा है कि हमें हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत है।उन्होंने हिंदू समाज को जिम्मेदार समुदाय बताते हुए कहा कि वह एकता को विविधता का प्रतीक मानते हैं। संघ प्रमुख ने ये बातें पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

देश का जिम्मेदार समाज हिंदू-भागवत

पश्चिम बंगाल के ब‌र्द्धमान में संघ के मध्य बंग प्रांत की सभा को संबोधित करते हुए हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना है, क्योंकि यह समाज भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान का प्रतीक है।भागवत ने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जाता है कि संघ सिर्फ हिंदू समाज पर ही क्यों ध्यान देता है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ही इस देश का जिम्मेदार समाज है, जो उत्तरदायित्व की भावना से परिपूर्ण है। इसलिए, इसे एकजुट करना आवश्यक है।

हिंदू ने विश्व की विविधता को अपनाया-भागवत

भागवत ने कहा, भारतवर्ष एक भौगोलिक इकाई नहीं है इसका आकार समय के साथ घट या बढ़ सकता है। इसे भारतवर्ष तब कहा जाता है जब यह अद्वितीय प्रकृति का प्रतीक हो। भारत का अपना चरित्र है। जिन लोगों को लगा कि इस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया। जो लोग बचे रहे, वे चाहते थे कि भारत का सार बना रहे। यह सार क्या है? 15 अगस्त 1947 से अधिक पुराना है। यह हिंदू समाज है, जो विश्व की विविधता को अपनाकर फलता-फूलता है। यह प्रकृति विश्व की विविधता को स्वीकार करती है और उसके साथ आगे बढ़ती है। यह एक शाश्वत सत्य है जो कभी नहीं बदलता है।

इतिहास से सबक और समाज में एकता की आवश्यकता

अपने संबोधन में मोहन भागवत ने ऐतिहासिक आक्रमणों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पर शासन करने वाले आक्रमणकारियों ने समाज के भीतर विश्वासघात के कारण सफलता पाई। उन्होंने सिकंदर से लेकर आधुनिक युग तक के विभिन्न आक्रमणों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज जब संगठित नहीं रहता, तब बाहरी ताकतें हावी हो जाती हैं। इसलिए, हिंदू समाज की एकजुटता सिर्फ वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की भी जरूरत है।

हिंदू पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि अपने पिता का वचन पूरा करने के उद्देश्य से 14 साल के लिए वनवास जाने वाले राजा (भगवान राम) और उस व्यक्ति (भरत) को याद रखता है, जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और वनवास से लौटने पर राज्य उसे राज सौंप दिया। उन्होंने कहा, ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। हम ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होते जो दूसरों को आहत करते हों। शासक, प्रशासक और महापुरुष अपना काम करते हैं, लेकिन समाज को राष्ट्र की सेवा के लिए आगे रहना चाहिए।

बता दें कि पहले ममता बनर्जी सरकार ने आरएसएस की रैली को अनुमति नहीं दी थी। इस पर संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रास्ता खटखटाया था, जिसने उन्हें रैली की इजाजत दी।