नवीन कार्यालय भवन निर्माण कार्य में अनियमितता, रतनपुर नगर पालिका के उप अभियंता वैभव अग्रवाल निलंबित, आदेश जारी…

रायपुर-    रतनपुर नगर पालिका में पदस्थ उप अभियंता वैभव अग्रवाल को निलंबित किया गया है, जिसका आदेश नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने जारी किया है.

बता दें कि रतनपुर नगर पालिका में नवीन कार्यालय भवन निर्माण कार्य लागत राशि 165.77 लाख रूपये के लिए ऑनलाईन टेंडर कमांक 152643 जारी किया गया था, जिसमें नवीन कार्यालय भवन निर्माण कार्य के लिए आमंत्रित निविदा खोले जाने की कार्रवाई में बिना किसी पर्याप्त कारण के अनावश्यक विलंब किया गया. इसके अलावा निविदा समिति से अनुशंसा प्राप्त नहीं करने, पुनर्निंविदा की कार्रवाई में अनियमितता और संभावित आर्थिक क्षति के लिये उत्तरदायी पाए जाने के बाद नियम 1968 के नियम 53 के तहत वैभव अग्रवाल उप अभियंता, नगर पालिका परिषद रतनपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

निलंबन अवधि में अग्रवाल का मुख्यालय संयुक्त, संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर नियत किया गया है. उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर 12.34 करोड़ श्रम सम्मान राशि भुगतान हेतु आवंटित

रायपुर-   वनमंत्री केदार कश्यप ने दैनिक वेतन भोगी संगठन के पदाधिकारियों से सौहाद्रपूर्ण माहौल में चर्चा के उपरांत उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके, श्रम सम्मान राशि से वंचित श्रमिकों के लिए राशि आवंटन हेतु आश्वस्त किया था। संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के प्रति त्वरित कार्यवाही करने विभागीय मंत्री को निर्देश दिए थे।

वन मंत्री के निर्देश के परिपालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा राशि रूपये 12.34 करोड़ श्रम सम्मान राशि भुगतान हेतु आवंटित कर दिये हैं। इसके पूर्व इसी वित्तीय वर्ष में राशि रूपये 09.21 करोड़ आवंटित की गई थी। वर्तमान में वन विभाग में सभी 6100 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को प्रतिमाह राशि 4 हजार रूपये की दर से श्रम सम्मान राशि का भुगतान किया जायेगा। ज्ञातव्य है कि वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ श्रम सम्मान राशि से वंचित कर्मचारियों के लिए श्रम सम्मान राशि भुगतान करने की मांग वनमंत्री से विगत दिवस की थी। वनमंत्री केदार कश्यप की इस पहल से विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में हर्ष एवं खुशी का माहौल है।

मुंबई में जशप्योर ब्रांड की भारी डिमांड विभिन्न स्थानों में जशप्योर ब्रांड के उत्पादों की लगाई गई स्टॉल

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों को मुम्बई में भी पसंद किया जा रहा है। प्रदर्शनी का अवलोकन करके बड़ी मात्रा में खरीदी भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जशप्योर ब्रांड का मुंबई के विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाई गई है। जहॉ जशपुर जिले के स्थानीय कच्चे माल से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है। जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अपनी शुद्धता और स्वास्थ्य लाभ के कारण उच्च मांग में हैं, क्योंकि इनमें कोई रसायन नहीं होते हैं, जिससे वे बाजार के अन्य उत्पादों की तुलना में स्वस्थ विकल्प बन जाती हैं।

इन स्टॉल गतिविधियों को महाराष्ट्र के जवाहर जिले के स्थानीय आदिवासी किसानों द्वारा निष्पादित किया जाता है। जिला प्रशासन की इस पहल से जशपुर जिले के आदिवासियों के साथ-साथ जवाहर जिले के आदिवासियों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार एवं युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने कहा कि महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उत्पाद, जैसे महुआ सिरप (शहद का महुआ आधारित विकल्प), महुआ आधारित चीनी मुक्त च्यवनप्राश विकल्प फॉरेस्टगोल्ड वन्यप्राश और बाजरा पास्ता के नियमित ग्राहक खरीदी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त छिन्द घास के हाथ से बने टोकरियॉ त्यौहारी मौसम के दौरान मांग बढ़ी हुई हैं।

जशप्योर ब्रांड का स्टॉल डीसीबी बैंक मुख्यालय, मुंबई कैफे लीप लॉजिस्टिक्स, कांदिवली पश्चिम, गेब्स कैफेटेरिया, साकी नाका, अंधेरी वेस्ट, आदित्य बिड़ला अहुरा सेंटर वेस्ट, आईआईटी-मुंबई, पवई, सेंट्रल सबर्ब, गोरेगांव वेस्ट, वीवर्क-एक्सप्रेस टावर्स, नरीमन पॉइंट, दक्षिण, आनंद मेला, विक्रोली, सेंट्रल सबन, पवई, केंद्र, लोअर परेल, मुंबई, लीप लॉजिस्टिक्स, कांदिवली मुंबई, गेब्स-अंधेरी, साकी नाका, वीवर्क-स्पेक्ट्रम टावर्स, वेस्ट सबअर्ब मुंबई, वीवर्क-जेनिया बिल्डिंग ठाणे मुंबई सहित अन्य जगहों में लगाए गए हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और जशपुर और जवाहर जिले के दोनों के आदिवासियों को स्थायी रोजगार प्रदान करने में जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। यह पहल न केवल आदिवासी समुदायों को सशक्त बना रही है बल्कि इन अद्वितीय, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है।

विष्णु के सुशासन में तेजी से बदल रही गांव की तस्वीर, ग्राम घुघरी में बड़ी संख्या में लोग हो रहे योजनाओं से लाभान्वित
  रायपुर-      छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में राज्य के गांवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। विभिन्न विभागों की योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् 56 जरूरतमंद परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं और 483 परिवारों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए हैं।
जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घुघरी जिला मुख्यालय जशपुर से 93 किलोमीटर दूर स्थित है। इस गांव में पंचायत की बैठकों में गांव की समस्याओं का समाधान नियमित रूप से किया जा रहा है। गांव में 567 लोगों का राशन कार्ड बनाया गया हैं जिनमें 37 एपीएल कार्ड, 407 बीपीएल कार्ड शामिल हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 216 बच्चों को पोषण आहार का लाभ मिल रहा है। धात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए भी पूरक पोषण आहार की व्यवस्था की गई है। सामाजिक सुरक्षा के लिए 342 लोगों को पेंशन योजनाओं से जोड़ा गया है। महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से 36 स्व-सहायता समूहों का गठन कर 412 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।
घुघरी निवासी मंगरी बाई ने बताया कि उन्हें हर महिना 500 रूपए पेंशन मिलती है। उसी पैसे से अपना जीवन यापन करती हैं। परिवार के पालन पोषण करने में सहायता मिल रही हैं। विनोद राम ने बताया कि मनरेगा में गांव के लोग काम करने जाते हैं। गांव के लोगों का जॉब कार्ड बना है। मनरेगा में कार्य करके उनके परिवार के लोग मिलकर 28 हजार रूपए तक कमा लेते हैं, इससे घर परिवार अच्छी तरह से चल रहा है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आवास मेले में 36 हजार से ज्यादा परिवारों को दी आवास की सौगात

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज बिलासपुर के स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में आवास मेला में शामिल हुए। उन्होंने जिले के 36 हजार 663 आवासहीन ग्रामीण परिवारों को आवास का स्वीकृति पत्र देकर खुशियों की गारंटी दी। उन्होंने ऐसे हितग्राही जिनके आवास पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें प्रतीकात्मक रूप से घर की चाबी भी भेंट की। आज बिलासपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के चेहरों की चमक देखते ही बन रही थी। त्यौहारों के मौसम में उनकी खुशियां दोगुनी हो गईं। विधायक धर्मजीत सिंह भी आवास मेला में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुख्य अतिथि के रूप में आवास मेला को संबोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका स्वयं का मकान हो। प्रधानमंत्री आवास योजना लोगों के सपनों को साकार करने वाली योजना है। हर गरीब के सपने को सरकार ने अपना सपना बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गरीबों के आवास का सपना पूरा करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आवास योजना के तहत इस वर्ष बिलासपुर जिले में 33 हजार 019 हितग्राहियों के लिए 132 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य सरकार द्वारा 18 लाख आवासहीन परिवारों को आवास की सौगात दी जा रही है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। गांव, गरीब और किसान सरकार की प्राथमिकता में है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 दिसम्बर को शपथ ली और 14 दिसम्बर को 18 लाख प्रधानमंत्री आवास के कार्यो की स्वीकृति दी। हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिन 25 दिसम्बर को 12 लाख किसानों के खातों में 3716 करोड़ रुपए की बोनस की बकाया राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार गांवों, गरीबों और किसानों की तरक्की के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साव ने आवास योजना में बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को कार्यक्रम में सम्मानित भी किया।

विधायक धर्मजीत सिंह ने आवास मेला में अपने संबोधन में कहा कि दस साल पहले नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने और उन्होंने लोगों के सपनों को पूरा करने की दिशा में काम किया। अपना घर अपना होता है, और जब किसी को पक्का घर मिलता है तो उसकी जिंदगी का एक मकसद पूरा होता है। पूरे देश में लोगों के इस मकसद को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री कर रहे हैं। बिलासपुर जिला पंचायत के सीईओ आर.पी. चौहान ने कार्यक्रम में बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 50 हजार 619 आवासों की स्वीकृति का लक्ष्य है। इनमें से अब तक 36 हजार 643 आवास स्वीकृत कर 33 हजार 019 आवासों के लिए प्रथम किस्त की राशि जारी की जा चुकी है। पूर्व में स्वीकृत आवासों में 93 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। कलेक्टर अवनीश शरण और नगर निगम के कमिश्नर अमित कुमार सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और आवास योजना के हितग्राही बड़ी संख्या में आवास मेला में मौजूद थे।

हितग्राहियों ने बांटी अपनी खुशियां

आवास मेला में आवास स्वीकृति पत्र और नए घर की चाबी मिलने से हितग्राहियों के चेहरे खिल उठे। कुछ हितग्राहियों ने अपनी खुशियां मंच से साझा भी कीं। महमंद के वेदलाल बघेल ने बताया कि वे पहले मिट्टी के घर में रहते थे। बारिश के दिनों में बहुत दिक्कत होती थी। अब कच्चे घर की परेशानियों से छुटकारा मिल गया है। कोटा विकासखंड के करका निवासी प्रमिला बैगा ने बताया कि पक्का घर मिलने से बहुत सी समस्याओं से निजात मिल गई है। पक्के घर में रहने से समय और श्रम बचता है। साथ ही वह ज्यादा सुरक्षित भी महसूस करती है। उसने बताया कि वह ‘बिहान’ योजना से भी जुड़ी हुई है। सरकार की योजनाओं से उसकी जिंदगी बदल गई है। उसने संवेदनशील पहल के लिए सरकार का आभार जताया।

छत्तीसगढ़ को कर हस्तांतरण के मिले 6070 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री के प्रति जताया आभार

रायपुर-    भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को कर हस्तांतरण के तहत 6070 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि त्योहारों के मौके पर भारत सरकार द्वारा प्रदेशवासियों के लिए यह अनुपम उपहार है। इस राशि से राज्य के वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जो विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे जनकल्याण के कार्यों में भी तेजी आएगी। श्री साय ने कहा कि डबल इंजन की हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में लगातार प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

क्षेत्रीय सरस मेला-2024 का आयोजन 12 से 19 अक्टूबर तक लालबाग मैदान में

रायपुर-   क्षेत्रीय सरस मेला-2024 का आयोजन 12 से 19 अक्टूबर तक जगदलपुर शहर के लालबाग मैदान में किया जा रहा है। क्षेत्रीय सरस मेला 2024-बस्तर का उद्घाटन समारोह 12 अक्टूबर सुबह 11 बजे से किया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री एवं गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में बस्तर सांसद महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर सफिरा साहू उपस्थित रहेंगी।

कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में आयोजित इस सरस मेले में कई आकर्षक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक कबड्डी, वॉलीबॉल, रस्सा-कस्सी और खो-खो जैसे खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इसके साथ ही संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोक नृत्य दलों और स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। मेले में विभिन्न विभागों की योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी के साथ-साथ स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जो मेले का एक और खास आकर्षण होगी। क्षेत्रीय सरस मेला बस्तर के ग्रामीण और सांस्कृतिक धरोहरों को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों को व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।

UDFA ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात, चार सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
रायपुर-   United Doctors Front Association ने आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. एसोशिएशन का आरोप है कि नियम विरूद्ध नीट PG में एम्स रायपुर के MBBS पास आउट लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है, इस पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं UDFA छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉक्टर हीरा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हमारी मांगे सुनकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

इन मांगों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन

1. भूल या त्रुटि:

बॉन्डेड डॉक्टर्स बैच 2018 में लगभग 535 डॉक्टर है. जिन्हें मूल वेतन (69850) से 14850 रुपये कम है यानि 55000 रुपए मिलता है (एक लिपिकीय त्रुटि के कारण). उनका वेतन विसंगति दूर हो, उन्हें सन् 2023 का बढ़ा हुआ वेतन (69850) दिया जाए.

2. काउंसलिंग में खेल:

NEET PG काउंसलिंग में राज्य कोटे की 50% सीट जिन पर छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों का हक है, उनपर AIIMS रायपुर से पासआउट MBBS डॉक्टर्स को एडमिशन दिया जा रहा है. इसे गलत ठहराते हुए कहा कि इस स्टेट कोटे की सीट में सिर्फ राज्य के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाये. AIIMS से पासआउट होने वालों को सिर्फ ऑल इंडिया कोटे के लिए पात्र किया जाए.

3. PG की अवधि बढ़ी लेकिन छुट्टी नहीं:

रेगुलर, परमानेंट चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक जो एमडी, MS, DM, MCh में तृतीय वर्ष में जो बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं, उनका अध्ययन अवकाश 2 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष का सवैतनिक अवकाश किया जाये, ताकि उनको अंतिम वर्ष में भी सैलरी मिल सके.

4. हम भी इंसान है मशीन नहीं

PG रेसिडेंट, जो 24/36 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें 24 घंटे ड्यूटी के बाद अवकाश मिले और हफ्ते में एक दिन का अवकाश दिया जाए. उन्होंने कहा कि लगातार काम करने से हम भी मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाते हैं. जो मरीजों की सेवा करने में घातक साबित होता है.

बिना अनुमति स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों और चपरासियों पर हुई कार्रवाई, DEO ने किया बर्खास्त

बलौदाबाजार-   जिले में प्रसासनिक कसावट के लिए  कलेक्टर दीपक सोनी ने अब कड़ा रुख अपना लिया है. उन्होंने लंबे समय से कार्य में अनुपस्थित और लापरवाह कर्मचारियों को पद से बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने लंबे समय से अनुपस्थित 4 शिक्षक और 2 भृत्यों को बर्खास्त करने की पहली कार्रवाई की है.

DEO हिमांशु भारतीय ने बताया कि ये लगभग चार वर्षों से लगातार अनुपस्थित थे और इन्हें नोटिस भी दिया गया था. लेकिन इनकी तरफ से न ही कोई जवाब आया और न ही वे उपस्थित हुए. इन सभी पर जांच कार्रवाई के बाद कलेक्टर के अनुमति से सभी चारों शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत 2 भृत्यों को बर्खास्त किया गया है. वहीं जिले में 23 लोगों पर जांच जारी है. इसमें से 10 शिक्षा विभाग से हैं, जिनपर कभी भी बर्खास्तगी कार्रवाई की जा सकती है.

शासकीय सेवा से बर्खास्त शिक्षक और भृत्य के नाम

- विकासखण्ड बलौदाबाजार के शासकीय प्राथमिक शाला पिपराही में पदस्थ सहायक शिक्षक ललिता रूपदास,

- शास.प्राथ. शाला पौसरी के सहायक शिक्षक ज्योत्सना सागरकर,

- शास.प्राथ.शाला खैरघटा के सहायक शिक्षक गीतांजली वर्मा,

- विकासखण्ड सिमगा के शास. प्राथ.शाला करहुल सहायक शिक्षक एल.बी गुपेन्द्र कुमार यादव

- शास.पूर्व माध्य.शाला डोटोपार भृत्यपवन कुमार ध्रुव,

- विकासखण्ड भाटापारा के शास. उच्च माध्य.विद्यालय करही बाजार के भृत्य मदन लाल टंडन शामिल है.

जांच में पाई गई अनुशासनहीनता और लापरवाही

इस सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कार्य से पृथक कर दिया गया है. इन्होंने मूलभूत नियम 18 और छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के 3 नियमों समेत अवकाश नियम 7 के नियमों के का पालन ना करते हुए शासकीय कार्य में लापरवाही बरती है. लगातार मिल रही शिकायत के बाद जांच कार्रवाई में यह सभी नियमों के विरुद्ध अवकाश लेना और अनुशासनहीनता पाई गई, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है.

11 साल बाद मिला इंसाफ: बेटे और उसके दोस्त की मौत के बाद पिता ने लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई, हाई कोर्ट ने हत्यारों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बिलासपुर- जवान बेटे और उसके दोस्त के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे एक पिता को 11 साल बाद हाई कोर्ट से इंसाफ मिला है। हाई कोर्ट ने राजधानी में साल 2011 में हुए इस दोहरे हत्याकांड के मामले में सुनवाई करते हुए चार में से दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में पहले सत्र न्यायालय ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ मृतक मनोज मिश्रा के पिता ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुरी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिविजन बेंच में हुई।

बता दें कि यह घटना 2 जनवरी 2011 की है। पचपेड़ी नाका पुलिस देर रात लागविन बार के सामने दो गुटों में झड़प की सूचना मिली थी, इसके बाद आरक्षक राजू निर्मलकर मौके पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देखा कि मनोज मिश्रा गंभीर रूप से घायल अवस्था में सड़क पर पड़े हुए है। वहीं उनके दोस्त कीर्ति चौबे का शव कुछ ही दूरी पर स्थित लक्ष्मी मेडिकल के पास पड़ा मिला था। पुलिस आनन फानन में घायल मनोज को ले गई जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस जांच में सामने आया कि ऑटो चालक संघ के अनिल देवांगन, राजेश मित्रा, दुर्गेश देवांगन और राजकुमार सेन के साथ सवारी उठाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद आरोपियों ने बेसबॉल और चाकू से हमला किया था। पुलिस ने वारदात के अगले दिन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से खून से सना बेसबॉल, चाकू और अन्य हथियार बरामद किए थे।

ट्रायल कोर्ट ने किया था बरी

मामले की सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट में पर्याप्त चश्मदीद गवाहों की कमी के कारण सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था। लेकिन मृतक मनोज के पिता प्रभाशंकर मिश्रा ने हाई कोर्ट में अपील की, जहां सुनवाई के दौरान गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अनिल देवांगन और राजेश मित्रा को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हाई कोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शी अजय के बयानों को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया।

हालांकि, सबूतों के अभाव में दुर्गेश देवांगन और राजकुमार सेन को बरी करने के सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने दोषी अनिल देवांगन और राजेश मित्रा को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाते हुए तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है।