पटना में 16 पदाधिकारियों पर डीएम का बड़ा एक्शन, रोक दी गई सैलरी, जानें पूरा मामला

डेस्क: जिला समन्वय समिति की बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पदाधिकारियों को स्व उत्तरदायित्व एवं स्व अनुशासन का पाठ पढ़ाया। समाहरणालय सभागार में सोमवार को हुई इस बैठक में उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ तेजी से समाधान करें।

इस क्रम में बैठक में 16 पदाधिकारियों को नहीं देख डीएम नाराज हो गए। इन सभी पदाधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकते हुए सभी से स्पष्टीकरण मांगा। कहा कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो विभागीय तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीएम ने कहा कि इस बैठक का मूल उद्देश्य पदाधिकारियों एवं कर्मियों की कार्यालय में समय से उपस्थिति सुनिश्चित करना है। साथ ही अतंर्विभागीय समन्वय भी जरूरी है ताकि जनहित के कार्यों को तत्परता से क्रियान्वित किया जा सके।

डीएम ने लोक शिकायत से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना समेत विभिन्न योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई। लोक शिकायत निवारण अपील के 89 मामलों में लोक प्राधिकार पर 2,40,300 रुपये दंड की राशि अध्यारोपित है। डीएम ने दंड की राशि अविलंब जमा करने काको कहा।

सुनवाई से 27 सितंबर से तीन अक्टूबर के बीच लोक प्राधिकार दानापुर एसडीओ एक बार तथा शाहपुर थानाध्यक्ष तीन बार अनुपस्थित थे। डीएम ने इन सभी से स्पष्टीकरण का निर्देश दिया।

डीएम ने कहा कि सी श्रेणी में वैसे मामले आते हैं जिसमें अंचल अधिकारी को निर्णय लेना है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण है या नहीं, लेकिन 88 मामलों में सीओ ने निर्णय नहीं लिया। यह गंभीर मामला है। कहा कि एक्सपायर्ड मामलों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।

दनियावां, पुनपुन, खुसरूपुर एवं बाढ़ के अंचलाधिकारी, बिहटा, मनेर, नौबतपुर, खुसरूपुर एवं पंडारक के सीडीपीओ, सदर एवं पटना सीटी के डीसीएलआर, जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला अवर निबंधक, भविष्य निधि पदाधिकारी एवं मापतौल पदाधिकारी

बड़ी खबर : 70 वीं बीपीएससी परीक्षा की तारीख में बदलाव, जानिए क्या है वजह और कब होगा अब एग्जाम*

डेस्क : 70वीं बीपीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। परीक्षा की तिथि में बदलाव किया गया है। अब यह परीक्षा नवंबर माह के बदले दिसंबर माह में होगी। इसे लेकर आयोग की ओर से पत्र जारी किया गया है। दरअसल बिहार इनदिनों बाढ़ की चपेट में है। प्रदेश के तकरीबन डेढ़ दर्जन जिले बाढ़ से भयंकर रुप से प्रभावित हैं। इसके मद्देनजर बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से यह बड़ा फैसला किया गया है। आयोग ने फिलहाल 70 वीं बीपीएससी के परीक्षा की तारीख में बदलाव कर दिया है। इस सम्बन्ध में आयोग की ओर से चिट्ठी जारी की गयी है। इस परीक्षा के लिए 17 नवम्बर को परीक्षा की तिथि संभावित थी। अब यह परीक्षा संभवत: 13 और 14 दिसम्बर को आयोजित की जाएगी। इस सम्बन्ध में आयोग की ओर से जिलों के डीएम के पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है की इस परीक्षा में 7 से 8 लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना है। जिनके लिए परीक्षा केंद्र की आवश्यकता है।
बड़ी खबर : फरवरी माह में फ्लोर टेस्ट के दौरान नीतीश सरकार को गिराने के लिए विधायकों के खरीद-फरोख्त का हुआ था खेल, जांच कर रही EOU को मिले इसके स

डेस्क : इस साल फरवरी मे बिहार में बड़ा राजनीतिक खेल हुआ था। नीतीश कुमार की जदयू ने राजद के समर्थनवाली महागठबंधन सरकार से रिश्ता तोड़कर भाजपा समर्थित एनडीए के साथ सरकार बना ली थी। जिसमें 12 फरवरी को विधानसभा में नीतीश कुमार ने विश्वास मत हासिल किया था। इस दौरान सरकार को गिराने के लिए भाजपा और जदयू के आधा दर्जन विधायकों को खरीदने की कोशिश की बात सामने आई थी। जिसके कारण कुछ विधायक सदन में पहुंचे भी नहीं थे। विधायकों की कथित-फरोख्त की जांच कर रही बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू ने पैसे का खेल होने की पुष्टि कर दी है। दरअसल राजद से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर जदयू द्वारा सरकार बनाने के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले राजद द्वारा बड़े जोर-शोर से कहा गया था कि नीतीश कुमार अपना बहुमत साबित नहीं कर पायेंगे और सरकार का गिरना तय है। राजद द्वारा कहा गया था कि 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दिन बड़ा खेला होगा। हालांकि नीतीश सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया था। वहीं उसके बाद सत्ता पक्ष द्वारा यह आरोप लगाया गया कि सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खेल हुआ है और बड़े पैमान पर पैसे का खेल हुआ है। अब तक यह राजनेताओं द्वारा लगाई जाती रही है, लेकिन जांच एजेंसी ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है। मामले की जांच कर रही बिहार आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसको लेकर बड़ा दावा किया है। ईओयू के डीआईजी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह यह स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं कि बिहार में नीतीश सरकार को गिराने के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। जिसमें पैसे का खेल हुआ था और इसको लेकर कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद इस मामले की जांच ईओयू ने संभाल ली थी। अब मामले में जांच के दौरान ईओयू के कई लोगों से पूछताछ के बाद पैस के लेन देन के साक्ष्य मिले हैं। डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि ईओयू ने अपनी जांच रिपोर्ट अब ईडी को सबमिट कर दी है। अब ईडी ही इस मामले में पैसे के लेन देन की पूरी जांच करेगी।
बड़ी खबर : बिहार के शिक्षकों को दुर्गापूजा पर सरकार का बड़ा तोहफा, ट्रांसफर पोस्टिंग नीति का किया एलान*

डेस्क : बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी के इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। सीएम नीतीश ने नवरात्रि में शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति को नीतीश सरकार ने हरी झंडी दे दी है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा की है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इस पॉलिसी में अधिक लोग खुश रहे यही नीतीश कुमार चाहते हैं। शिक्षकों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने नीति बनाई है। BPSC और जो भी पुराने शिक्षक हैं वो इसपर पिटीशन दे सकते हैं। शिक्षकों को 10 ऑप्शन मिलेगा। हम लोगों ने कोशिश की है कि जो शिक्षक हैं, वह अपने ही जिले में रहे। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी हो दिव्यांगता हो या फिर मानसिक कोई समस्या हो तो इन सबों को प्राथमिकता देंगे। वैसी महिला जो विडो है या सिंगल है उनको भी ध्यान में रखा गया है। नीतीश कुमार जी को धन्यवाद। उनके निर्देश पर ही ये नीति आई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इनकी ज्वाइनिंग दिसंबर माह में होगी। जिला स्तर पर भी कमिटी बनी है,या फिर डिविजनल कमिश्नर के लेवल पर भी कमिटी बनी है। सभी के विचारों को लिया गया और उसपर चर्चा की गई। नियोजित शिक्षक को अनुशासन में रहना होगा, उसके फायदे भी हैं। इस दौरान सुनील कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा का स्तर और बेहतर हो लक्ष्य रखना है। हम ट्रांसफर पॉलिसी में पूरी चीज को ध्यान में रखे हैं। इन शिक्षकों को भी सरकारी सेवक जैसी सुविधा मिलेगी। जिला लेवल पर प्रबंधन विभाग के स्तर पर अलग से कमेटी बनेगी जो शिक्षा विभाग के द्वारा आने वाली शिक्षकों की ट्रांसफर पालिसी से संबंधित समस्याओं को देखेगी। बता दें पिछले दिनों बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा था कि बिहार के बीपीएससी शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला अंतिम चरण में है। अगले कुछ दिनों में इस पर निर्णय आ सकता है। हालांकि उन्होंने कहा था कि 30 सितंबर से पहले ट्रांसफर पोस्टिंग की नीति को लागू कर दी जाएगी।
नीतीश कुमार के NDA के 220 सीट जीतने के बयान पर प्रशांत किशोर का कटाक्ष, बोले-जदयू अगले चुनाव में 20 सीट भी नहीं जीत पाएगी*

*बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि वो नीतीश कुमार के साथ-साथ बीजेपी को भी सबक सिखाएगी- पीके* डेस्क : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के उस बयान पर कटाक्ष किया जिसमें वो अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा कर रहे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में एनडीए 220 सीटें जीतेगा। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू एनडीए के साथ लड़े या महागठबंधन के साथ, अगले चुनाव में उन्हें 20 सीटें भी नहीं मिलेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आज अगर बिहार की जनता किसी से सबसे ज्यादा नाराज है तो वो हैं नीतीश कुमार। पीके ने कहा है कि जनता नीतीश के अफसर राज से परेशान है। भाजपा भी जानती है कि नीतीश कुमार आज राजनीतिक बोझ बन चुके हैं और कोई कंधा उन्हें उठा नहीं सकता। लेकिन नियति ने भी ऐसी व्यवस्था बना दी है जिसके चलते भाजपा के लिए मजबूरी हो गई है कि उन्हें अगला चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ना होगा और नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, जन सुराज पार्टी के लिए इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को चुनौती दी है कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वो अगला चुनाव नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़े। और अगर ऐसा हुआ तो जो 2020 के चुनाव में जेडीयू के साथ हुआ, वही इस बार जदयू के साथ-साथ बीजेपी के साथ भी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के बच्चों की चिंता करने की बजाय भाजपा ने दिल्ली में चंद सांसदों के लालच में बिहार को नीतीश कुमार के हवाले कर दिया। जबकि बीजेपी जानती है कि नीतीश कुमार कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए अगले चुनाव में जनता जदयू और बीजेपी दोनों को सबक सिखाएगी। धीरेन्द्र पांडेय की रिपोर्ट
पटना पुलिस की हिरासत से फरार कुख्यात प्रिंस साथी के साथ गिरफ्तार, एसटीएफ की टीम ने दबोचा*

डेस्क : पटना पुलिस की हिरासत से फरार हुए कुख्यात अपराधी प्रिंस कुमार उर्फ अभिजीत अपने एक साथ के साथ गिरफ्तार हो गया है। कुख्यात प्रिंस को उसके एक सहयोगी गुंजन कुमार के साथ एसटीएफ और वैशाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सोना लुटेरा गिरोह के सरगना सुबोध सिंह के दोनों गुर्गे को रविवार को वैशाली जिले के गोरौल थाना क्षेत्र के छापेमारी करके दबोचा गया। बताया जा रहा है कि प्रिंस उर्फ अभिजीत फरार होने के बाद से गुंजन उर्फ अभय कुमार के घर पर ही रह रहा था। गुंजन ने ही अभिजीत को फरार होने में मदद की थी। वह गोरौल थाने के हुसैना खुर्द का रहने वाला है। फिलहाल इस संबंध में पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि सोना लूटकांड समेत डकैती और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल प्रिंस कुमार उर्फ अभिजीत कुमार बेऊर जेल में बंद था। बीते महीने उसे जेल से इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाया गया था। वहां से वह पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग गया था। मामले में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस प्रिंस की गिरफ्तारी के लिए बिहार और दूसरे राज्यों में भी दबिश डाल रही थी। पुलिस की जांच में प्रिंस को भगाने और उसे पनाह देने में अपराधी गुंजन का नाम सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने रविवार को वैशाली से आरोपित को धर दबोचा। पीएमसीएच से फरार प्रिंस वैशाली के हुसैना गांव का निवासी है। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रखी है। प्रिंस पर वैशाली के सदर, बिदुपुर, महुआ, भगवानपुर, गोरौल, पातेपुर में लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। वह सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले का आरोपित है।
*मौसम का मिजाज : दिन में गर्मी तो रात में सिहरन का हो रहा अहसास, अगले माह से प्रदेश में ठंड पड़ने के आसार

* डेस्क : बिहार में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। दिन में जहां गर्मी तो रात में सिहरन का एहसास होने लगा है। प्रदेश में मानसून की विदाई का समय नजदीक आ गया है। शरद ऋतु का आगमन हो गया है। जिस कारण धीरे-धीरे हर हफ्ते तापमान में क्रमिक गिरावट दर्ज की जाएगी। चंद दिनों बाद यानी अक्टूबर के मध्य से मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। हालांकि, पश्चिमी देशों में बर्फबारी होने के बाद ही प्रदेश वासियों को ठंड का पूरी तरह एहसास होगा। हालांकि अक्टूबर में रात के वक्त जितना सिहरन का एहसास होना चाहिए, उतना नहीं हो रहा। इसकी वजह अधिकतम और न्यूनतम तापमान का सामान्य से अधिक होना है। वहीं मौसम विभाग की ओर से संभावना जताई जा रही है कि अगले माह नवंबर से प्रदेश में ठंड दस्तक दे देगी।
दुर्गापूजा में सुरक्षा को लेकर प्रशासन की पूरी तैयारी : राजधानी पटना में 645 जगहों पर होगी मजिस्ट्रेट की तैनाती, संवेदनशील इलाकों पर प्रशासन की

डेस्क : बिहार में दुर्गापूजा भव्य तरीके से मनाया जाता है। बड़े-बड़े पंडाल बनते है जिनमें मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा बैठाई जाती है। वहीं इस दौरान मेला भी लगता है। पूजा पंडाल में मां के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ती है। पूजा के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसे लेकर प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है। राजधानी पटना जिले में 645 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात होंगे। संवेदनशील इलाकों में विशेष चौकसी रहेगी। खासकर पटना शहर के डाकबंगला चौराहा, बोरिंग रोड, नेहरू पथ, गांधी मैदान फुलवारीशरीफ आदि इलाके में विशेष सुरक्षा की व्यवस्था रहेगी। संवेदनशील इलाकों में गश्त भी कराई जाएगी। सुरक्षा की दृष्टिकोण से पटना शहर को 13 जोन में बांटा गया है। सभी जोन में वरीय मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। पटना सदर अनुमंडल में 178, पटना सिटी में 91, दानापुर में 74, बाढ़ में 139, मसौढ़ी में 86, पालीगंज में 77 संवेदनशील इलाकों में वरीय मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम के दौरान भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए 88 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। गंगा किनारे आठ घाटों पर भी मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। 10 अक्टूबर से सभी जगहों पर मजिस्ट्रेट तैनात हो जाएंगे जो 13 अक्टूबर तक रहेंगे। मूर्ति विसर्जन को लेकर 13 और 14 अक्टूबर गंगा में निजी नाव का परिचालन बंद रहेगा। 10, 11, 12 अक्टूबर को सभी अनुमंडल क्षेत्र में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रहेगी। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सभी मजिस्ट्रेट को चौकस रहने को कहा गया है तथा भीड़ पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। लोगों से अपील की गई है कि वे पर्व के दौरान शांति बनाए रखें। अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी प्रकार की सूचना 112 डायल पर दे सकते हैं। दुर्गापूजा तक सभी थानों को अलर्ट पर रखा गया है।
*बड़ी खबर : बिहार STF को मिली बड़ी सफलता, दो जोनल और एक सब जोनल कमांडर 1 लाख के इनामी नक्सली को किया गिरफ्तार*

डेस्क : बिहार एसटीएफ की विशेष टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ की विशेष टीम ने औरंगाबाद जिले के दो जोनल कमांडर और एक सब-जोनल कमांडर को गिरफ्तार किया है। एक लाख रुपये के इनामी जोनल कमांडर कुख्यात नक्सली सुभाष यादव उर्फ उर्फ गौरव और एक लाख रुपये के ही इनामी जोनल कमांडर कुख्यात नक्सली सुधाकर उर्फ नट बोल्ट उर्फ रामविनय रविदास उर्फ रंजनजी को औरंगाबाद जिले के हंसपुरा इलाके से गिरफ्तार किया गया। साथ ही नक्सली सब-जोनल कमांडर सत्येंद्र रविदास उर्फ विधायकजी को भी पकड़ा गया है। इन तीनों के साथ हंसपुरा थाने के सत्यदेव नगर निवासी सत्येंद्र सिंह की भी गिरफ्तारी हुई है। इनके पास से तीन देसी पिस्टल और आठ कारतूस बरामद किए गए हैं। नक्सली विधायकजी 2005 में जहानाबाद में जेल ब्रेक कांड का आरोपी है। 2012 में गया के कोंच में जेसीबी जलाने की घटना में भी वह प्रमुखता से शामिल है। वहीं औरंगाबाद के रफीगंज में 2024 में नक्सली सुभाष यादव ने जेसीबी जला दी थी। साथ ही गया के कोंच निवासी जितेंद्र उर्फ हीरा यादव की हत्या कर दी थी। नक्सली नट बोल्ट 2016 में नवादा के सिरदला में निर्माणाधीन खरौन्ध रेलवे स्टेशन पर हुए नक्सली हमले में शामिल था। इन तीनों नक्सली के खिलाफ गया, जहानाबाद, नवादा और औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों में कई नक्सली वारदात से जुड़े केस दर्ज है। इनसे नक्सलियों से फिलहाल पूछताछ जारी है। इससे कई अहम जानकारी मिलने की संभावना है।
*इन बिजली उपभोक्ताओं के यहां नहीं लगेगा प्रीपेड स्मार्ट मीटर, जानिए क्यों

डेस्क : बिहार में राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का तेजी से चल रहा है। हालांकि इसपर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्ष इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। वहीं सरकार स्मार्ट मीटर को लगाना अनिवार्य कर दिया है।

इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमे कुछ ऐसे उपभोक्त है जिनके यहां प्रीपेड मीटर नहीं लगेगा। दरअसल इसके पीछे तकनीकी वजह है। 

जिन उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन 19 केवी से ज्यादा है, उनके लिए यह तकनीकी रूप से संभव नहीं है स्मार्ट प्रीपेड मीटर की मौजूदा क्षमता 60 एम्पियर या 19 केवी तक के कनेक्शन तक ही सीमित है, इससे ज्यादा पर यह काम नहीं कर सकता ऐसे में इससे ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगेगा।

एलटीसीटी पोस्टपेड मीटर उन उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कराए गए हैं जिनका विद्युत भार 19 केवी से 70 केवी के बीच है जबकि, एचटी पोस्टपेड मीटर उन उपभोक्ताओं के लिए उपयोग किए जाते हैं जिनका विद्युत भार 70 केवी से अधिक है इन मीटरों के लिए ऑटो रीडिंग सुविधा पहले से ही उपलब्ध है, इसलिए तकनीकी कारणों से इन्हें स्मार्ट प्रीपेड मीटर में नहीं बदला जा सकता है।

सिंगल फेज के उपभोक्ताओं के लिए तो यह और भी कम है और यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर की क्षमता 7 केवी तक ही है। थ्री-फेज में यह 5 से 19 केवी के बीच में है। पटना जिले में करीब 92 फीसदी उपभोक्ताओं के यहां 19 केवी से कम बिजली लोड है, इसलिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। लेकिन जिन उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन 19 केवी से ज्यादा है, उनके यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाएगा।