पिता लालू प्रसाद की जाति और लाठी की नीति से अलग इन दो नेताओं की नीति की राह पर तेजस्वी, क्या राजद की सत्ता मे होगी वापसी !
डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में अभी एक साल बाकी है, लेकिन सभी दल के नेताओं ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए राजद अभी से पुरजोर कोशिश में लग गई है। तेजस्वी यादव अभी से जनता के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए दिन-रात एक करना शुरु कर दिए है। हालांकि तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद की नीति से अलग राह पर चलने की कोशिश शुरु कर दिए है।
राजद के संस्थापक लालू प्रसाद ने जाति और लाठी की नीति अपनाकर बिहार की सत्ता पर पूरे 15 वर्षों तक एकछत्र राज किया था। लालू के शासन काल में बैलेट पेपर से चुनाव होता था और हर चुनाव के दौरान लालू प्रसाद कहा करते थे कि बैलेट बॉक्स से जिन्न निकलेगा। यानि की उनकी जीत तय है और ऐसा ही होता था। यह सभी जानते है कि ऐसा कैसे होता था। हालांकि उनकी उसी नीति को मुद्दा बनाकर 2005 में नीतीश कुमार ने राजद को सत्ता से बेदखल किया था और आज भी जदयू और बीजेपी हर मौके पर लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासन काल की याद बार-बार जनता को दिलाकर अपनी राजनीतिक पैठ भी मजबूत करती रहती है।
अब पार्टी की कमान हाथ में आने के बाद तेजस्वी यादव राजद के उपर लगे उस ठप्पे को मिटाने की कोशिश में लग गए है। तेजस्वी को अब लगने लगा है कि जातिय समीकरण और बाहुबल के सहारे सत्ता में वापस नहीं आया जा सकता है। इसलिए वे अपने पिता की उस नीति अलग अब उन नेताओं की नीति को अपनाने पर ज्यादा जोर दे रहे जो अपनी नीति की वजह से या तो सत्ता पर काबिज है या फिर उनकी और उनकी पार्टी की साख बढ़ी है।
अब सवाल है कि वे कौन नेता है जिसकी राजनीति से तेजस्वी यादव प्रेरित हो रहे है और उनकी नीति अपना रहे है। तो इस सवाल का सीधा सा जवाब उनके हाल-फिलहाल के कार्य-कलापों से साफ हो जाता है।
तेजस्वी यादव जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने कि लिए 'मिशन 2025' के तहत 'आभार सह संवाद यात्रा' शुरू की है। दरअस तेजस्वी की यह यात्रा वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रेरित नजर आती है। वहीं उन्होने इस यात्रा के दौरान कई ऐसे एलान किये है जो दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से प्रेरित है।
आइए अब आपको बताते है ऐसा क्यों लग रहा। आपको याद दिला दें कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता मुफ्त बिजली, पानी और वाईफाई जैसे वादों के दम पर सफलता हासिल की थी। अपने आभार सह संवाद यात्रा के दौरान तेजस्वी ने भी ऐसा ही एलान किया है। तेजस्वी ने कहा है कि 2025 में राजद की सरकार बनती है तो प्रदेशवासियों को 200 यूनिट फ्री बिजली मिलेगा। इसके साथ ही उन्होने नौजवानों को नौकरी देने का भी वायदा कर रहे है।
वहीं तेजस्वी की 'मिशन 2025' के तहत 'आभार सह संवाद यात्रा' तकरीबन राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' से मिलती जुलती है। राहुल ने अपनी यात्रा के दौरान जनता से सीधे संवाद किया था और उनकी बातें सुनी थीं। राहुल गांधी की उस यात्रा का परिणाम भी लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। जहां सत्ताधारी एनडीए की ओर से इस बार 400 के पार और कांग्रेस का सूपड़ा साफ का दावा किया जा रहा था। दोनो ही बातें फेल हुई थी और कांग्रेस को उल्टे फायदा हुआ था।
तेजस्वी की यात्रा पर यदि नजर डाले तो तेजस्वी भी अपनी यात्रा में यही कर रहे हैं। वे लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और उनसे संवाद कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव ने अपनी इस यात्रा के लिए नई रणनीति अपनाई है। पहले जहां राजद की रैलियों में भीड़, हुड़दंग और नारेबाजी आम बात होती थी, वहीं इस बार सादगी और अनुशासन पर जोर दिया जा रहा है। तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं को गमछा और पगड़ी पहनने से मना किया है और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता पर रोक लगाई है।
वैसे तेजस्वी यादव की यह नई रणनीति कितनी कारगर होगी, यह तो आने वाले वाले चुनाव परिणआ के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन इतना तो तय है कि तेजस्वी यादव अपनी पार्टी की छवि बदलने और सत्ता में वापिस की पुरजोर कोशिश कर रहे है।
Sep 19 2024, 09:17