बड़ी खबर : सिपाही भर्ती पेपर लिक मामले में ईओयू की एसआईटी ने जांच में पूर्व डीजीपी को पाया दोषी, कार्रवाई की अनुशंसा की*

डेस्क : बिहार में हुए सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। मामले में बिहार के पूर्व डीजीपी एस.के सिंघल की सलिप्तता की बात की जा रही है। मामले की जांच कर रही ईओयू की एसआईटी ने इस मामले में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष सह पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को दोषी पाया है। ईओयू के एडीजी ने राज्य के डीजीपी को तमाम सबूतों के साथ सिंघल के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ करने की अनुशंसा की है। एडीजी ने डीजीपी को इस बाबत पत्र भेजा है। बताया जा रहा है कि विशेष जांच दल ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है। उसने पाया है कि पर्षद अध्यक्ष ने लापरवाही के अलावा नियमों एवं मानकों की अनदेखी की। उन्होंने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया, जिसकी वजह से सुनियोजित तरीके से एक संगठित आपराधिक गिरोह ने पेपर लीक किया। हालांकि, एसआईटी ने जांच में पाया कि तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक गतिविधि से संबंधित साक्ष्य नहीं मिले हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि सिंघल के दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण परीक्षा की कड़ी (चेन ऑफ कस्टडी) की गोपनीयता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए निर्धारित मानकों की अनदेखी की गई है। इस कारण पेपर लीक हुआ। इसलिए इनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है। इस अनुशंसा के मद्देनजर अब डीजीपी और राज्य सरकार को अंतिम रूप से निर्णय लेना है। जांच के क्रम में एसके सिंघल से ईओयू की टीम तीन से चार बार पूछताछ कर चुकी है। इस दौरान कई तथ्यों पर उन्हें दोषी पाया गया है। गौरतलब है कि बहाली परीक्षा की गोपनीयता, विश्वसनीयता, अखंडता और सुरक्षा की पूरी जिम्मेवारी अध्यक्ष की थी।
राज्य के शहरी निकायों को मिले 826 करोड़, इन क्षेत्रों के विकास में आएगी तेजी

पटना : 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद बिहार को मिली 2023-24 की दूसरी किस्त की राशि से राज्य के शहरी निकायों को कुल 826.50 करोड़ रुपये का सहायक अनुदान उपलब्ध कराया गया है। इसके तहत 18 नगर निगम को 278.29 करोड़, 87 नगर परिषदों को 335.02 करोड़ और 153 नगर पंचायतों को 211.60 करोड़ रुपये दिये गये हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में सभी निकायों को सूचित कर दिया है। इनमें से 495.90 करोड़ रुपये टाइड ग्रांट जबकि 330.60 करोड़ रुपये अनटाइड ग्रांट के रूप में मिले हैं।

नियमों के मुताबिक टाइड ग्रांट (आबद्ध अनुदान) के रूप में मिली राशि का 30 प्रतिशत स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और 30 प्रतिशत राशि पेयजल, वर्षा जल संचयन एवं जल पुनर्चक्रण से संबंधित कार्यों पर खर्च किया जाना अनिवार्य है। किसी एक घटक में राशि की पूर्ति हो जाने के बाद टाइड ग्रांट की यह राशि अन्य घटक में उपयोग की जा सकेगी।

निकायों को भेजी गई राशि में पटना को छोड़ अन्य 18 नगर निगम को 278.29 करोड़ का सहायक अनुदान मिला है। इनमें गया नगर निगम को सर्वाधिक 26.01 करोड़, भागलपुर नगर निगम को 21.76 करोड़, मुजफ्फरपुर नगर निगम को 19.36 करोड़, बिहारशरीफ को 18.61 करोड़ एवं दरभंगा, पूर्णिया व सासाराम को 16 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। इसी तरह, 87 नगर परिषदों को 335.02 करोड़ रुपये मिले हैं। इनमें सबसे अधिक हाजीपुर को 10.72 करोड़, सीवान को 10.59 करोड़ और दानापुर को 10.29 करोड़ रुपये मिले हैं।

जबकि बक्सर, डेहरी डालमियानगर, डुमरांव, खगड़िया, गोगरी जमालपुर, बगहा, बेनीपुर, जमालपुर, जहानाबाद, औरंगाबाद, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, संपतचक, राजगीर व बोधगया नगर परिषद को पांच से आठ करोड़ रुपये तक का सहायक अनुदान मिला है।

इसके अलावा 153 नगर पंचायतों को 211.60 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। इनमें परसा बाजार, रिविलगंज, सोनपुर, एकमा बाजार, बिक्रम, पालीगंज, सुगौली, धमदाहा, मीरगंज, सरायरंजन, मुसरीघरारी, बहादुरगंज, हथुआ, नरपतगंज, जगदीशपुर, मखदुमपुर, घोषी, बेनीपट्टी, आलमनगर और बौंसी नगर पंचायत को दो करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि मिली है। दानापुर छावनी परिषद को 1.58 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया है। इससे इलाकों में विकास कार्य तेज होगा।

राजधानी पटना के दो कुख्यात समेत प्रदेश के इन 8 मोस्ट वांटेड अपराधियों के खिलाफ इनाम की घोषणा

डेस्क : बिहार एसटीएफ ने राजधानी पटना के दो कुख्यात समेत प्रदेश के 8 कुख्यात मोस्ट वांटेड अपराधियों के खिलाफ इनाम की घोषणा की है। इसमें पटना के दो अपराधियों के अलावा गया के दो और समस्तीपुर के 4 अपराधी शामिल हैं।

एसटीएफ की ओर से सबसे ज्यादा इनाम पटना के सुल्तानगंज थाना के महेन्द्रू का रहने वाला मो. चांद उर्फ मो. आफताब और समस्तीपुर का वांटेड अपराधी वैशाली के विदुपुर थाना के दाउदपुर का कर्मबीर कुमार उर्फ धरमबीर पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

पटना का कुख्यात चांद 6 कांडों में शामिल हैं। पहले इस पर 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई थी, लेकिन इस बार इस पर इनाम की राशि बढ़ा दी गई है। वहीं, कर्मबीर पर 10 मामले दर्ज हैं। जबकि फतुहा थाना के भिखुआ का रहने वाला बजरंगी यादव पर एक लाख रुपये का इनाम है।

इसके अलावा इस सूची में मुजफ्फरपुर जिला के सकरा थाना के सकरा वाजिद की रहने वाली लापता या अपह्त शालिनी के बारे में सूचना देने वालों को भी 1 लाख का इनाम दिया जाएगा। शेष अन्य सभी अपराधियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित है।

इस फेहरिस्त में गया जिले के दो नक्सली भी शामिल हैं। इसमें जहानाबाद के घोषी थाने के चैति पिपरा का कमलेश रवानी तथा जहानाबाद के हुलासगंज थाने के धरमपुर का अनिल यादव भी शामिल है। समस्तीपुर के वांटेड की सूची में वैशाली के बिदुपुर थाने के दाउदनगर खिलवत का रहने वाला मो. शाहिल और राजा शामिल है।

*मौसम अलर्ट : आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में बारिश के आसार*

डेस्क : आज शुक्रवार से राजधानी पटना सहित पूरे प्रदेश में अगले दो दिनों तक मौसम का मिजाज बदलेगा। इस दौरान भारी से हल्की बारिश गरज व तड़क के साथ होने के आसार हैं। इस बाबत मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आज शुक्रवार को राज्य के पूर्वी और मध्य भागों में गरज-तड़क के साथ हल्की बारिश हो सकती है। वहीं नवादा, गया, जमुई, बांका, मुंगेर और लखीसराय जिले में भारी बारिश होगी। बीते गुरुवार को राजधानी सहित प्रदेश के 34 शहरों के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। पटना के अधिकतम तापमान में 1.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सबसे गर्म जिला 37.8 डिग्री के साथ मधुबनी रहा।
बिहार में एकबार फिर बड़े पैमाने पर IPS अधिकारियों का तबादला, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार में इन दिनों बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादला का सिलसिला जारी है। पिछले कई IAS/IPS समेत बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों का स्थानांतरण और प्रोन्नति हुई थी। वहीं आज एकबार फिर बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन किया गया है। इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कुल 29 पुलिस अधिकारियों स्थानांतरण किया गया है। जिसमें पटना के सभी सिटी एसपी भी शामिल हैं। नगर पुलिस अधीक्षकों को विभिन्न जिलों में एसपी के पद पर पदस्थापित किया गया है।

पटना ग्रामीण के एसपी रोशन कुमार को रोहतास का एसपी बनाया गया है। नगर पुलिस अधीक्षक पूर्वी पटना भारत सोनी को नालंदा का एसपी,पटना मध्य के एसपी चंद्र प्रकाश को जमुई का एसपी बनाया गया है। पटना पश्चिम के एसपी अभिनव धीमान को नवादा एसपी के पद पर पदस्थापित किया गया है। दरभंगा के नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य को पुलिस अधीक्षक बक्सर, अजय कुमार को पुलिस अधीक्षक लखीसराय और पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा बमबम चौधरी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में एसपी बनाया गया है।

लखीसराय के एसपी पंकज कुमार को पुलिस अधीक्षक राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो में पदस्थापित किया गया है । कार्तिकेय के। शर्मा को पुलिस अधीक्षक पूर्णिया बनाया गया है। कटिहार के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार को पुलिस अधीक्षक कमजोर वर्ग, समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को मुजफ्फरपुर रेल का एसपी बनाया गया है।

औरंगाबाद के एसपी स्वपना गौतम मेश्राम को समादेष्टा बीएमपी-3 गया के पद पर पदस्थापित किया गया है। शैलेश कुमार सिन्हा को शिवहर का एसपी बनाया गया है। पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-10 का समादेष्टा बनाया गया है। बिहार सैन्य पुलिस-3 बोधगया के समादेष्टा दीपक रंजन को सहायक पुलिस महा निरीक्षक बिहार विशेष सैन्य पुलिस के पद पर पदस्थापित किया गया है। पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे गौरव मंगला को सहायक पुलिस महा निरीक्षक रेल बनाया गया है। पश्चिम चंपारण के पुलिस अधीक्षक डी। अमरकेश को एसपी साइबर प्रशिक्षण पोर्टल के पद पर पदस्थापित किया गया है।

नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा को समस्तीपुर का एसपी बनाया गया है। शिवहर के पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार राय को बीएमपी -16 का समादेष्टा बनाया गया है। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात को पुलिस अधीक्षक पूर्वी चंपारण, जमुई के पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन को पुलिस अधीक्षक पश्चिमी चंपारण, रोहतास के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार को पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा, नवादा के पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल को औरंगाबाद का एसपी बनाया गया है।

भोजपुर के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार यादव को एसटीएफ का एसपी बनाया गया है। बक्सर के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार को केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती में पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वैभव शर्मा को कटिहार का एसपी बनाया गया है। नवजोत सिमी पुलिस अधीक्षक कमजोर वर्ग को पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया है। पटना ग्रामीण के एसपी रोशन कुमार को रोहतास का एसपी बनाया गया है। नगर पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर अवधेश दीक्षित को गोपालगंज एसपी के पद पदस्थापित किया गया है।

जेडीयू ने प्रदेश की नई टीम के गठन के बाद अब विभिन्न प्रकोष्ठों में नए अध्यक्ष और प्रभारी किए नियुक्त, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार विधान सभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का समय है। लेकिन सभी पार्टियों द्वारा इसकी तैयारी शुरु कर दी गई है। एक तरफ जहां प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है तो वहीं सत्ताधारी जेडीयू भी चुनाव को लेकर एक्टिव हो गई है।

जेडीयू ने प्रदेश की नई टीम के गठन के बाद अब विभिन्न प्रकोष्ठों में नए अध्यक्ष और प्रभारी की नियुक्ति की है। जेडीयू ने राज्य की सभी 243 सीटों के लिए विधानसभा प्रभारियों को नियुक्त किया है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पत्र जारी कर किया है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा जारी पत्र के अनुसार भारती मेहता को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि पूर्व मंत्री डॉ। रंजू गीता को प्रभारी नियुक्त किया गया है।

राधेश्याम को छात्र जदयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव को छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी को बनाया गया है, जबकि मेजर इकबाल हैदर प्रभारी होंगे।

पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मनीष कुमार को युवा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष, जबकि वशिष्ठ सिंह को प्रभारी बनाया गया है।

राजेश त्यागी को अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है,पूर्व विधायक अरुण मांझी इसके प्रभारी होंगे। सुरेंद्र उरांव को अनुसूचित जनजाति का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मनोज कुमार को किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।

धनजी प्रसाद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जबकि विधान पार्षद ललन सर्राफ को प्रभारी का दायित्व दिया गया है। राम चरित्र प्रसाद को तकनीकी प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। सुनील कुमार को शिक्षा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष जबकि नीतीश पटेल को मीडिया प्रकोष्ठ का प्रभारी बनाया गया है। वहीं डॉक्टर एन एल बी सिंह चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

विधान सभा चुनाव से पहले 26 हजार किमी ग्रामीण सड़क और 1600 नये पुल-पुलिया का होगा निर्माण : अशोक चौधरी

डेस्क : प्रदेश में 26 हजार किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1600 नये पुल-पुलियों का भी निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को इसकी घोषणा की है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के पहले इनका निर्माण कर लिया जाएगा। अर्थात नवंबर 2025 के पहले सड़क और पुल-पुलिये बन जाएंगे।

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने इसी क्रम में दो अहम फैसले किये। इनमें मुख्यमंत्री ग्रामीण लड़क उन्नयन योजना को विस्तार देना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को फिर से चालू करने का निर्णय शामिल है। इससे ग्रामीण सड़कों व पुल-पुलियों के निर्माण में न केवल तेजी आएगी बल्कि हजारों बसावटों को संपर्क पथ मिल सकेगा।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए योजनाओं की स्वीकृति जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग द्वारा ही की जाएगी। लेकिन, निर्माण की जिम्मेवारी अलग-अलग होगी। इसके अंतर्गत 100 मीटर तक के पुल-पुलियों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा, जबकि इससे अधिक लंबे पुलों का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा कराया जाएगा।

ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष तक 10 हजार किलोमीटर सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। इसके साथ ही 13 हजार नयी सड़कों के निर्माण की भी योजना है। इसके अलावा तीन हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण विभिन्न चरणों में है। इसी तरह एक हजार पुल-पुलियों के निर्माण पर काम चल रहा है जबकि 600 नये पुल-पुलियों के निर्माण की भी योजना है।

खाते में राशि होने के बाद भी बंद चीनी मिल के कर्मियों-मजदूरों के बकाये वेतन-मानदेय का नहीं हो पाया है भुगतान, विभाग और मजदूर संगठन की अपनी-अपनी

डेस्क : बिहार के बंद चीनी मिलों के पांच हजार से अधिक कर्मियों-मजदूरों के वेतन-मानदेय का भुगतान कई वर्ष बीत जाने के बाद नहीं मिल पाया है। कर्मचारी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। किसी को आठ वर्ष तो किसी को पंद्रह वर्ष बाद भी भुगतान नहीं हो पाया है। जबकि वेतन-मानदेय की 72 करोड़ रुपये से अधिक राशि संबंधित जिलाधिकारियों के खाते में पड़ी है।

दरअसल नब्बे के दशक में सरकार ने घाटे में चल रही पंद्रह चीनी मिलों को बंद करने का निर्णय लिया था। मिलों में स्थायी, सीजनल और कैजुएल, तीन तरह के कर्मचारी काम करते थे। बाद में बंद चीनी मिलों के कर्मियों के लिए एग्जिट सेटलमेंट प्लान की घोषणा की गई। स्थायी कर्मियों को वर्ष 2008, 2015 और 2016 में सेवानिवृत्ति दी गई। इनके भुगतान का कट ऑफ 2015 तय किया गया। वहीं, सीजनल और कैजुएल कर्मचारियों को 1997 तक मानदेय भुगतान के लिए आवेदन करना था।

तीनों तरह के कर्मचारियों को मिलाकर कुल संख्या 15,541 थी। इनके बीच 294 करोड़ 68 लाख रुपये बंटना था। अब तक इनमें से 10,526 कर्मचारियों को 222 करोड़ 28 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। शेष 5015 कर्मचारियों को 72 करोड़ 40 लाख रुपये दिया जाना है। वेतन-मानदेय की 72 करोड़ रुपये से अधिक राशि संबंधित जिलाधिकारियों के खाते में पड़ी है। लेकिन उनका भुगतान अबतक नहीं हो पाया है।

विभाग और मजदूर संगठन की अपनी-अपनी दलील

इधर बकाये बेतन-मानदेय के भुगतान नहीं होने के लेकर विभाग और मजदूर संगठन की अपनी-अपनी दलील है। गन्ना उद्योग विभाग का कहना है कि इन कर्मियों से नौ बार आवेदन मांगे जा चुके हैं। अभी अगस्त 2024 में एक बार फिर से आवेदन के लिए विज्ञापन निकाला गया है। इन मिलों के काम कर चुके कर्मियों से दावा करने को कहा गया है। बावजूद कोई दावा आवेदन नहीं आ रहा है।

वहीं, चीनी मिल मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे अघ्नु यादव का कहना है कि अधिकारी-कर्मचारी जानबूझकर देरी कर रहे हैं। जब पूरा रिकार्ड विभाग के पास है तो आवेदन मांगने का क्या मतलब।

बहरहाल गन्ना विभाग और मजदूर संगठन के नेताओं की जो भी दलील है इसमें कौन कितना सही और गलत है यह अलग बात है। लेकिन इसका सीधा खामियाजा चीनी में काम किये कर्मचारियों और मजदूर को उठाना पड़ रहा है। उनकी अपनी मेहनत के पैसे ही उन्हें नहीं मिल पा रहे है और उन्हें दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।

आज सारण जिले का दौरा करेंगे सीएम नीतीश कुमार, जिलेवासियों को देंगे करोड़ों की योजनाओं का सौगात

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सारण (छपरा) जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान वे जिलेवासियों को करोड़ों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर सौगात देंगे। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रविंद्र कुमार से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुबह 11:05 बजे राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज मढ़ौरा जाएंगे एवं राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में नवनिर्मित 300-300 क्षमता के 2 छात्रावासों का उद्घाटन करेंगे।

इसके बाद राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अवस्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन एवं अन्य विकास की योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करेंगे।

11:33 बजे ग्रामपंचायत राज अमनौर हरनारायण में अवस्थित अमृत सरोवर का अवलोकन करेंगे। वहीं 11:45 बजे ग्राम पंचायतराज अपहर आगमन एवं भ्रमण तथा विभिन्न योजनाओं से संबंधित लाभुकों को लाभ प्रदान करने के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

उसके बाद हरि जी अपहर उच्च विद्यालय-सह-इंटर कॉलेज अपहर का भ्रमण करेंगे। 12:05 बजे पटना के लिए प्रस्थान कर जायेंगे।

प्रत्येक गरीब परिवार को अनाज उपलब्ध कराने का सरकार कर रही प्रयास, कोरोना काल से अबतक 65.61 लाख बने राशन कार्ड : लेशी सिंह

डेस्क : राज्य सरकार प्रदेश के सभी गरीब परिवारों को अनाज उपलब्ध हो इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रत्येक गरीब परिवार का राशन कार्ड बनाने का प्रयास चल रहा है। कोरोना काल से अब तक राज्य में 65 लाख 61 हजार नए राशन कार्ड बने हैं। उक्त बातें राज्य की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह ने कही है।

बीते बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8 करोड़ 35 लाख लाभुकों को प्रतिमाह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। यह खुशी की बात है कि 90 फीसदी राशन कार्डधारी परिवारों में परिवार के मुखिया के रूप में महिलाओं के नाम दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि ई-केवाईसी के बाद किसी भी जनवितरण प्रणाली की दुकान से राशन उठा सकते हैं। राज्य में 60 फीसदी लोग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। बिहार से बाहर 2.77 लाख लोग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा दिल्ली के 1.95 लाख लोग हैं। इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल में रह रहे प्रवासी वहीं अनाज उठा रहे हैं। राज्य के बाहर के 6000 परिवार बिहार की दुकानों से अनाज उठा रहे हैं।

मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि पात्र लाभुकों को अनाज देने के लिए आधार से कार्ड को जोड़ने और ई-केवाईसी की व्यवस्था की गई है। इसके बाद 16 लाख 37 हजार लोगों के नाम हटाए भी गए हैं। ई-केवाईसी से खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता आएगी। गलत व्यक्ति खाद्यान्न के लाभ से वंचित रहेगा। उन्होंने बताया कि अब वेबसाइट की मदद से कोई भी अनाज आवंटन से वितरण तक की व्यवस्था देख सकता है।

वहीं सचिव ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए विभाग की ओर से उचित उठाए गए हैं। मूल्य नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी के स्तर से कार्रवाई की जा रही है। स्टॉक से ज्यादा दलहन रखने वालों पर भी कार्रवाई हुई है। राज्य स्तर के अलावा सभी जिलों में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कार्यरत है। इनके रिक्त पदों पर उपभोक्ता संरक्षण निदेशालय की ओर से नियुक्ति की जा रही है। अभी तक राज्य आयोग में 17980 और जिला आयोगों में 1 लाख 14 हजार परिवाद निष्पादित किए जा चुके हैं।