रामपाल यादव क्षेत्र से जुड़े हुए नेता थे इसीलिए आज भी उनका सम्मान लोग करते हैं: न्यायमूर्ति वीरेंद्र यादव

आरएन सिंह,बिसवां(सीतापुर)। पूर्व विधायक एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामपाल यादव की उनके गांव कि चांदी भानपुर तंबौर में प्रतिमा का अनावरण उच्च न्यायालय प्रयागराज के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति वीरेंद्र यादव ने किया उन्होंने कहा रामपाल यादव क्षेत्र से जुड़े हुए नेता थे इसीलिए आज भी उनका सम्मान लोग करते हैं ।

उन्होंने अपनी छोटी उम्र से राजनीति शुरू की और हर वर्ग के दिलों में जगह बना ली थी उन्होंने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी इस अवसर पर जिले के तमाम लोगों के अलावा पूर्व विधायक महेंद्र कुमार जी नरेंद्र वर्मा तौकीर अहमद अल्लाह रामसेवक यादव कौशल वर्मा बार एसोसिएशन बिसवां के अध्यक्ष के अलावा उनके परिवार के शांति यादव प्रमुख बिसवां जितेंद्र यादव पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामेंद्र यादव सहित परिवार के लोग मौजूद थे सभी अतिथियों ने रामपाल यादव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

संसदीय कार्य एवं शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने बिसवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण

आरएन सिंह,बिसवां(सीतापुर)। प्रदेश सरकार संसदीय कार्य एवं शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने बिसवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करते हुए वहाँ भर्ती मरीजों का हालचाल लिया और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली ।उन्होंने अस्पताल में पर्यावरण की दृष्टि से पीपल के पौधे का भी रोपण किया ।मंत्री का स्वागत चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अमित कपूर,सुमित मेहरोत्रा, डॉ. चंद्रा ने किया ।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने विधायक निर्मल वर्मा से कहा कि अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही है तथा महिलायों का प्रसव आपरेशन द्वारा कराए जाना बेहद खुसी की बात है शासन की सुविधाएं और योजनाओं का लाभ मरीजों को मिल रहा है यह खुशी का विषय है ।

उन्होंने कहा की अस्पताल में जगह कम है यहां पर मरीजो की संख्या देखते हुए सौ बेड का हॉस्पिटल ड्रामा सेंटर तथा महिला रोगियों के लिए अलग से चिकित्सायल होना चाहिए ।उन्होंने जिला अधिकरी से इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए ।विधायक निर्मल वर्मा ने कहा कि बिसवां में और बेहतर सुविधाओ के लिए अस्पताल का उच्चीकरण होना आवश्यक है इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला भी मौजूद थे।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने जिला संयुक्त चिकित्सालय, जिला कारागार,आश्रम पद्धति विद्यालय का औचक किया निरीक्षण

विकास कुमार अग्रहरी,सोनभद्र। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निर्मला सिंह ने आज जिला संयुक्त चिकित्सालय लोढ़ी, जिला कारागार, आंगनबाड़ी केन्द्र पसहीकला, आश्रम पद्धति विद्यालय घोरावल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिला कारागार के निरीक्षण के दौरान महिला बंदियों से बात-चीत कर कारागार में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली और स्मार्ट बोर्ड का उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों के बच्चों को स्पान्सर योजना का लाभ दिलाया जाये, पूर्व से 6 बच्चों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है और आज 6 बच्चों को स्पान्सर योजना के अन्तर्गत चिन्हांकन भी किया गया, जिला संयुक्त चिकित्सालय में उन्होंने टीकू वार्ड, एनआरसी वार्ड का निरीक्षण किये एवं माताओं को फल का वितरण भी की, इसके पश्चात सदस्या ने पसहीकला आंगनबाड़ी केन्द्र में गोद भराई व अन्नप्रासन की रश्म अदायगी की, घोरावल आश्रम पद्धति विद्यालय में वृक्षारोपण भी किये।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की, बैठक के दौरान सदस्य ने कहा कि श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, प्रोबेशन विभाग,स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, उन योजनाओं से प्रत्येक पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाये और योजनाओं की जानकारी हेतु जागरूकता अभियान भी चलाया जाये, इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के सम्बन्ध में बिन्दुवार जानकारी प्राप्त की और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दियें, उन्होंने कहाकि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार का वितरण नियमानुसार कराया जाये।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, जिलाा अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनन्द पाण्डेय, जिला दिव्यांग एवं सशक्तिकरण अधिकारी विद्या देवी, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

जाइंट्स ग्रुप ऑफ़ वीमेन पावर ने शुरू किया निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण कैंप

चंदौसी।जाइंट्स ग्रुप ऑफ़ वीमेन पावर ने एक माह का महाजन मोहल्ले में राशि फैशन पॉइंट के आवास पर शुरू किया निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण कैंप।

सर्वप्रथम जाइंट्स प्रार्थना के साथ यूनिट डायरेक्टर क्षमा अग्रवाल  कोऑर्डिनेटर अनु रस्तोगी के द्वारा दीप प्रज्जलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ।प्रशिक्षण शिविर में आज पहले दिन शिक्षिका रेशु गर्ग ने युवतिओं को मशीन की सुई में धागा डालना और हाथ के टांका सिखाया ।    
युवतियों को आत्मनिर्भर बनाना ही ग्रुप का मकसद है ग्रुप कि सभी सदस्यो  ने पूरा सहयोग दिया । इस अवसर पर ग्रुप कि अध्यक्ष साधना अग्रवाल  शुभ्रा स्वाति मानसी काव्या ज्योति निमिषा शुभा उपस्थित रहीं।
विधानसभा चुनावों में उलटफेर के साथ होगा 2024 का अंत

लोकसभा चुनाव के परिणामों को अभी गिनती के दिन ही बीते हैं कि देश में एकबार फिर चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है। चुनाव आयोग द्वारा जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। वहीं महाराष्ट्र और झारखण्ड पर बने सस्पेंस ने भी राजनीतिक घरानों की धड़कनें बढ़ा रखी है। जहां एक ओर विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म होने के बाद, पहली बार विधानसभा चुनावों का साक्षी बनने जा रहा जम्मू-कश्मीर, राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता तक के लिए चर्चा का विषय बन गया है, वहीं महाराष्ट्र में महायुति की अग्नि परीक्षा ने भी इस विस चुनाव में लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। उधर दशकों के संघर्ष से खड़ी की पार्टी से नजरअंदाज हुए, झारखंड टाइगर के राजनीतिक भविष्य पर भी सब की निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसे में इन राज्यों के चुनावी परिणाम किसकी दिवाली रौशन करेंगे और किसके पटाखों में सीलन का कारण बनेंगे ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन अभी तक के विश्लेषण के आधार पर मैं इतना जरूर कह सकता हूँ कि यह विधानसभा चुनाव सभी राज्यों में सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं। मसलन जम्मू कश्मीर अब्दुल्ला परिवार की सत्ता में वापसी देख सकता है, वहीं महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे पर भरोसा जता सकता है, जबकि हरियाणा में कांग्रेस हुंकार भरते नजर आ सकती है तो झारखण्ड हेमंत सोरेन के हाथों से फिसलकर, बीजेपी के लिए अच्छी खबर ला सकता है।

फिलहाल नम्बर्स के फेर में बहुत अधिक न पड़ते हुए शुरूआती विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि 90 सीटों वाले जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस का पलड़ा भारी रहने वाला है, जिसे कांग्रेस के आक्रामक तेवर का समर्थन प्राप्त होगा साथ ही कुछ अन्य लोकल ताकतें भी इस गठबंधन का सहारा बनेंगी। बीजेपी की उम्मीदवारों की सूची जारी करने और वापस लेने की हड़बड़ी ने जाहिर किया है कि 10 सालों बाद सत्ता की चाहत के साथ मैदान में उतरने को बेताब स्थानीय नेताओं की महत्वाकांक्षाएं, पार्टी को संभावित नुकसान का विशेष कारण बन सकती हैं। वहीं राहुल की विकसित छाप और अब्दुल्ला का स्थानीय सियासत का व्यापक अनुभव, इस जोड़ी को जीत के मुहाने पर पहुँचाने का विशेष कारण बन सकता है।

288 सीटों वाले महाराष्ट्र की बात करें तो एकनाथ शिंदे और अजीत पवार गुट के लिए अस्तित्व का सवाल बन चुका यह विधानसभा चुनाव और अधिक मुश्किलें लेकर आने वाला हो सकता है, और इसका सीधा लाभ उद्धव ठाकरे की शिवसेना को मिलने की उम्मीद है। चूंकि महा विकास अघाड़ी के लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन ने जनता और कार्यकर्ता दोनों में एक सकारात्मक छवि विकसित की है, और समाजवादी पार्टी, पीडब्ल्यूपीआई, सीपीआई और निर्दलीय विधायकों सहित कई अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन ने और अधिक मजबूती प्रदान की है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि उद्धव ठाकरे एंड टीम का पलड़ा फिलहाल बीजेपी और सहयोगी दलों की तुलना में अधिक भारी है, जहां टिकट बंटवारे की खींचतान की समस्या और खुलकर सामने आने की उम्मीद है, और नुकसान भी लोकसभा की तुलना में अधिक होने की आशंका है।

उधर हरियाणा इस बार बदलाव के मूड में दिख रहा है। 90 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में कांग्रेस भले अकेले दम पर बहुमत लाने की स्थिति में अभी भी न हो लेकिन समर्थकों के बल पर सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर चल रही है। दूसरी ओर बीजेपी के लिए उठ रहे खिलाफत के स्वरों के बीच जननायक पार्टी के दुष्यंत चौटाला और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद के साथ में चुनाव लड़ने के फैसले ने सत्ता पक्ष के लिए और मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। किसानों, युवाओं और महिलाओं की आवाज को अनसुना करने का इल्जाम झेल रही सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए यह चुनाव बचाना जरा भी आसान नहीं होने वाला है। ऐसे में सत्ता परिवर्तन की उम्मीद कर रहे लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद की जा सकती है।

अंत में झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में अधिकतम सीटों पर बीजेपी के कब्ज़ा करने की उम्मीद है। अभी तस्वीर बहुत साफ़ नहीं है लेकिन चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना, राज्य में बीजेपी के संघर्ष के दिनों पर लगाम लगाने का कार्य कर सकता है। आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 सीटों पर विशेष ध्यान देते हुए कोल्हान क्षेत्र की 14 सीटों पर बीजेपी की नजरें गड़ी हुईं हैं, जहां पिछली बार एक भी सीट हाथ नहीं लगी थी। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में मिली ठीक ठाक कामियाबी ने भी बीजेपी का जोश बनाये रखा है। वहीं अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी जैसे दिग्गज आदिवासी नेताओं को आगे कर बीजेपी ने इन चुनावों में कोई रिस्क न लेने का रास्ता भी चुना है। भले हेमंत सोरेन के पास हाई कोर्ट का बयान और समर्थकों का भावनात्मक सपोर्ट है लेकिन जमीनी समीकरणों में बीजेपी और समर्थित दलों का वजन भारी नजर आता है। जबकि कांग्रेस के परीक्षा की घड़ी नजदीक आने तक पार्टी नेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाने, अंदरूनी घमासान से निपटने, और टिकट बंटवारे में व्यस्त रहने की ही आशंका है। जिसका कोई विशेष लाभ गठबंधन को नहीं मिलने वाला है। कुल मिलाकर देखें तो झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा से इस बार सत्ता परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है, जबकि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस व साथियों के बूते बीजेपी के विकास के फॉर्मूले को दरकिनाहै।

- अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 24 साल बाद बढ़ाई संस्कृत विद्यालयों-महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति

लखनऊ। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा निर्णय लेते हुए 24 साल बाद प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लोकभवन में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों-महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में संशोधन-वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। मालूम हो कि संस्कृत विद्यालयों-महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को 24 साल बाद बढ़ाया गया है। इससे पूर्व आखिरी बार 2001 में छात्रवृत्ति तय हुई थी। उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें 13 प्रस्तावों को मंत्रिमंडल से अनुमोदन प्राप्त हो गया।

कक्षा 6 व 7 के छात्रों को भी मिलेगा छात्रवृत्ति का लाभ

माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस प्रस्ताव के सम्बंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से सम्बंधित इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके अंतर्गत प्रथमा के कक्षा 6 एवं 7 के लिए 50 रुपए प्रतिमाह और कक्षा 8 के लिए 75 रुपए प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) के लिए 100 रुपए, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के लिए 150 रुपए, शास्त्री के लिए 200 रुपए एवं आचार्य के लिए 250 रुपए प्रति माह की दर से दिए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रि परिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

किसी भी आय वर्ग के छात्र ले सकेंगे लाभ

माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों की पृष्ठभूमि से होते हैं, इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रथमा कक्षा छह, सात और आठ के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। 6 और 7 के बच्चों को पहले छात्रवृत्ति दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने उन्हें भी छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति में जो संशोधन किया गया है वो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसका लाभ सीधे-सीधे विद्यार्थियों को प्राप्त होगा।

यह निर्णय संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है। इसमें पहले कैपिंग थी कि 50 हजार रुपए वार्षिक आय वाले ही इसमें पात्र होंगे, लेकिन अब इस शर्त को हटा लिया गया है। अब इसमें आय वर्ग का कोई कैप नहीं है। किसी प्रकार का कोई भी व्यक्ति चाहे किसी आय वर्ग का हो, अगर वो संस्कृत का विद्यार्थी बनेगा तो उसे छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत ही सभी भाषाओं की जननी है, इसलिए सरकार पूरी तरीके से इस पर ध्यान दे रही है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में कुल 517 संस्कृत विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

अब 30 साल तक पर्यटक आवास गृह का प्रबंधन कर सकेंगे निजी उद्यमी

उत्तर प्रदेश में आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को बेहतर आवासीय एवं खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लि. द्वारा संचालित पर्यटक आवास गृहों को प्रबंधकीय संविदा के आधार पर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित कराने की समयसीमा को 5 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष (15+15) कर दिया है।पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2016-17 में लगभग 16 करोड़ पर्यटक आए थे तो 2023 में 48 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश में आए। इस साल इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। वहीं 2025 में महाकुंभ भी है, जिसमें बड़ी संख्या में पर्यटक प्रदेश में आएंगे। उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था संभव हो सके, इसके लिए पर्यटन विकास निगम के पर्यटक आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं। इनमें तमाम पर्यटक आवास गृह ऐसे हैं जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है और कर्मचारियों की कमी से भी जूझ रहे हैं।

ऐसे में प्रदेश में निजी पर्यटन उद्यमियों को प्रोत्साहित करने एवं रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से निगम द्वारा संचालित इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से न्यूनतम 15 वर्ष की अवधि एवं आगामी 15 वर्षों के लिए आपसी सहमति के आधार पर विस्तारित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसे निविदा आमंत्रित कर संचालित कराया जाएगा। निजी उद्यमियों के इकाइयों के संचालन से पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाओं में गुणात्मक सुधार होगा, उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित इकाइयों को निजी उद्यमियों, संस्थाओं के माध्यम से न्यूनतम 15 वर्ष की अवधि और इसके बाद लीजरेंट में 15 प्रतिशत की वृद्धि की शर्त के साथ विस्तारीकरण आगामी 15 वर्षों हेतु किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष निवेशकर्ता द्वारा पर्यटन निगम को दी जाने वाली धनराशि में 5 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रावधान रखा जाएगा।

भाजपा सरकार में नहीं थम रहे अपराध, महिलाओं से जुड़े मामले भी बढ़े : अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टीके राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में अपराध थम नहीं रहा है। महिलाओं से जुड़े अपराध बढ़ते जा रहे हैं। भाजपा सरकार का कानून व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो हो गया है। सरकार के सारे दावे फेल हैं। प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है। महिला अपराध के मामले में प्रदेश की स्थिति भयावह है। हर दिन कहीं सामूहिक दुराचार हो रहा है तो कहीं महिलाओं और बच्चियों की हत्या हो रही हैं। अपराधियों में पुलिस का कोई डर नहीं है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक करने और अपराधियों को सजा दिलाने के बजाय अपने विरोधियों और निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम करने को ही कानून व्यवस्था सुधारना मानती है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में जन्माष्टमी उत्सव देखने निकली दो बच्चियों की लाशें पेड़ पर लटकी मिलना, एक बेहद संवेदनशील घटना है। भाजपा सरकार इस मामले में तत्काल निष्पक्ष जांच करे और हत्या के इस संदिग्ध मामले में आख्या प्रस्तुत करे। ऐसी घटनाओं से समाज में एक भयावह वातारण बनाता है। जो नारी समाज को समाज में मानसिक रूप से बहुत गहरा आघात पहुंचाता है। महिला सुरक्षा को राजनीति से ऊपर उठकर एक गंभीर मुद्दे के रूप में उठाने का समय आ गया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 डायल सेवा शुरू की गयी थी। इसमें महिलाएं और बच्चियां अपने साथ होने वाली घटनाओं की जानकारी देती थी। समय पर उनकी मदद होती थी। लेकिन भाजपा सरकार ने वूमेन पॉवर हेल्पलाइन सेवा को कमजोर कर दिया। इस सरकार में महिलाएं असहाय है। मुख्यमंत्री और सरकार बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन महिला सुरक्षा की स्थितियां सुधरने के बजाय और बिगड़ती जा रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से आम जनता और महिलाओं का भरोसा खत्म हो गया हैं जनता मानने लगी है कि अब इस सरकार के हटने के बाद ही प्रदेश के हालात बदलेंगे।

योगी कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, अनुरक्षण नीति 2024 को मंजूरी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन में कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें में जल शक्ति विभाग, पर्यटन विभाग समेत कई अन्य विभागों के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने फसलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जलजीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रो में पाइप पेयजल आपूर्ति योजना संचालन के लिए अनुरक्षण नीति 2024 को मंजूरी मिल गयी है। जिन ग्राम में कार्य पूरा हो चुका है, उसके रख रखाव मेंटिनेंस के लिए अनुरक्षण नीति लाई जा रही है।

संस्कृति व पर्यटन विभाग से आये प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लगी है। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृहों हेतु निजी प्रबंधन पर चल रहे आवास गृहों को 15+15 कुल 30 वर्ष के लीज पर दिए जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान की गई। घाटे में चल रहे या बंद हो चुके आवास गृहों हेतु प्रस्ताव हैं।माध्यमिक शिक्षा विभाग से आये प्रस्ताव के तहत संस्कृत छात्रों के छात्रवृत्ति में बढोत्तरी के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। डाटा सेंटर्स में ग्रिड द्वारा विद्युत नेटवर्क प्रदान करने के प्रस्ताव (संशोधन)को स्वीकृति प्रदान की गई।

श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधिवत की पूजा-अर्चना

लखनऊ/मथुरा। आखिरकार ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी ने अपनी शरण में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को बुला ही लिया। बिना तय कार्यक्रम के रविवार देरशाम प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए मंदिर के आसपास सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल होने मथुरा जनपद के दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार देरशाम अचानक श्रीबांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। हालांकि शासन द्वारा जारी आधिकारिक कार्यक्रम में उनका वृंदावन आगमन शामिल नहीं था, लेकिन शाम को मथुरा पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री का इशारा होते ही आनन-फानन मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा मंदिर के साथ आसपास की गलियों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।

शयन आरती से ठीक पहले मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री ठाकुरजी की अद्भुत छवि को अपलक निहारते नजर आए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, प्रभारी मंत्री संदीप सिंह, विधायक श्रीकांत शर्मा समेत पुलिस प्रशासन के अफसर मौजूद रहे। उधर, श्रीहरिदास बिहारी फाउंडेशन भारत ट्रस्ट के संस्थापक एवं बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत इतिहासकार आचार्य प्रहलादबल्लभ गोस्वामी द्वारा अमर शहीद रूपानंद जन्मोत्सव में आमंत्रित किए जाने पर पूर्व घोषित कार्यक्रम न होते हुए भी बांकेबिहारीजी पहुंचे। उन्हें पूज्य गोस्वामी रूपानंदजी महाराज का चित्रपट एवं अपने द्वारा रचित मंदिर के ऐतिहासिक ग्रंथ भेंट किए।

सिर्फ फूट डालने की फिराक में राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों में क्यों नहीं कराते जातिगत जनगणना : स्वाती सिंह

लखनऊ। राहुल गांधी सिर्फ अंग्रेजों द्वारा अपनायी गयी फूट डालो, राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं। उनको किसी जाति से कुछ भी लेना-देना नहीं है। यदि वे जातिगत जनसंख्या ही जानना चाहते हैं तो कांग्रेस शासित राज्यों में उन्होंने जनगणना क्यों नहीं करायी। अपनी जाति क्यों नहीं बताते हैं। यदि वे अपनी जाति नहीं बताते तो फिर दूसरों से पूछने की अपेक्षा कैसे करते हैं। ये बातें उप्र सरकार की पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वाती सिंह ने कही।

वे राहुल गांधी द्वारा बार-बार उठाये जा रहे जातिगत जनगणना के मुद्दे पर साेमवार काे जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को देश के हित से कोई मतलब नहीं है। उनको सिर्फ सत्ता की भूख है। वे किसी भी तरह से सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। यही कारण है कि जब उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला तो वे जातिगत आधार पर लोगों के बीच झगड़ा लगाना चाहते हैं। यदि वे जातिगत जनगणना भी कराना चाहते हैं तो उन्होंने कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में क्यों नहीं जातिगत जनगणना कराते हैं।

स्वाती सिंह ने कहा कि इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस का शासन था, लेकिन उन्होंने वहां कभी जातिगत जनगणना कराने की नहीं सोची। यदि वे वास्तव में जातिगत जनगणना कराना चाहते तो उन्हें बिहार की तरह राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल में पहले जातिगत जनगणना कराकर एक नजीर पेश करना चाहिए था।

स्वाती सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की छल करने वाली नीति को जनता समझ चुकी है। यही कारण है कि लाख कोशिशों के बावजूद, छल का सहारा लेने के बाद भी वे लोकसभा में सैकड़ा तक नहीं पहुंच पाए। आने वाले दिनों में उनकी झुठी गारंटी का जवाब जनता अवश्य देगी। इसके साथ ही उप्र में समाजवादी पार्टी को भी जनता सबक सिखाएगी।

स्वाती सिंह ने कहा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी भारत की एकता कायम रखने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी और इंडी गठबंधन इसके बिखंडन का कुचक्र रच रहा है। भारत का विकास इंडी गठबंधन को पच नहीं रहा है। यही कारण है कि इंडी गठबंधन के लोग तरह-तरह के कुचक्र का सहारा लेते हैं।