रक्षाबंधन पर बहनें इस समय पर न बांधे भाई की कलाई पर राखी,जानें शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह का पर्व है. पंचांग के अनुसार हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जोकि अगस्त के महीने में पड़ता है. इस साल 19 अगस्त 2024 को देशभर में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा और इसी दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधेगी.

 रक्षाबंधन में राखी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधी जाती है. वहीं खासकर भद्राकाल में राखी बांधने से बचना चाहिए. यही कारण है कि राखी बांधने से पहले सभी लोग मुहूर्त जरूर देखते हैं. क्योंकि अशुभ मुहूर्त में राखी बांधना अच्छा नहीं माना जाता है.

लेकिन पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर सुबह के समय राखी बांधने के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है. यानी सुबह के समय बहनें भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेगी. ऐसे में जान लीजिए रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए क्या है शुभ मुहूर्त और किस समय बांधी जा सकेगी भाई को राखी.

राखी बांधने के लिए सुबह नहीं कोई मुहूर्त

19 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन सुबह 3 बजकर 4 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी, जिसका समापन रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा. पूरे दिन पूर्णिमा तिथि रहने पर भी सुबह राखी नहीं बांधी जा सकेगी, क्योंकि इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा का साया रहेगा, जिसकी समाप्ति दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर होगी.

दरअसल भद्रा काल में राखी बांधना बहुत अशुभ होता है. मान्यता है कि, रावण की बहन के भद्रा काल में राखी बांधी थी, जो उसकी मृत्यु का कारण बना. इसके बाद से ही भद्रा में कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांधती है. 

ऐसे में आप दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद आप भाई को राखी बांध सकती हैं. क्योंकि इस समय भद्रा समाप्त हो जाएगी. वहीं राखी बांधने के लिए दोपहर डेढ़ बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच सबसे शुभ समय रहेगा.

कोलकाता की घटना के बाद गृह मंत्रालय ने लिया एक बड़ा फैसला,सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर दो घंटे में राज्य की लॉ एंड ऑर्डर रिपोर्ट

कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस के बाद गृह मंत्रालय सख्त हो गया है. डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. सभी राज्यों से हर दो घंटे में लॉ एंड ऑर्डर रिपोर्ट मांगी गई है. कलकत्ता की घटना के बाद गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया है. आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हर दो घंटे में केंद्रीय गृह विभाग को राज्य की लॉ एंड ऑर्डर रिपोर्ट भेजेंगे.

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्यों की पुलिस ने शुक्रवार शाम 4 बजे से ईमेल, फैक्स और व्हाट्सएप के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के कंट्रोल रूम को अपडेट्स भेजना शुरू कर दिया है. कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और अस्पताल की उस भयावह घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. डॉक्टरों में आक्रोश है. वे लगातार विरोध जता रहे हैं. हड़ताल कर रहे हैं. पीड़िता को इंसाफ दिलाने की बात कर रहे हैं.

पीड़िता को इंसाफ दिलाने की जद्दोजहद जारी

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को घटी पूरे देश में तहलका मचा दिया है. पीड़िता को इंसाफ दिलाने की जद्दोजहद लगातार जारी है. अलग-अलग राज्यों में लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं. शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे का बंद बुलाया था. इस दौरान कई राज्यों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावति रहीं. इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहीं.

13-14 अगस्त की आधी रात अस्पताल में हिंसा

9 अगस्त की घटना के बाद 13-14 अगस्त की दरमियानी रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा भड़क गई. घटना के विरोध में डॉक्टरों का प्रदर्शन चल रहा था. इसी बीच हजारों की भीड़ अस्पताल में घुस आई और जमकर हंगामा किया. इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े. इस मामले में पुलिस ने अब तक 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकियों की तलाश जारी है. पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

सीबीआई कर रही मामले की जांच

कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस की सीबीआई कर रही है. पहले यह जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई ने अब तक इस घटना से जुड़े 10 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. वहीं पीड़ित परिवार ने भी जांच एजेंसी को कुछ नाम सुझाए हैं. पूर्व प्रिंसिपल संदीप घओष समेत कुल मिलाकर 30 लोग सीबीआई की रडार पर हैं.

कोलकाता रेप-मर्डर केस,कौन हैं संदीप घोष, जिनसे इस मामले में CBI लगातार कर रही पूछताछ

9 अगस्त 2024 को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर के साथ पहले रेप किया जाता है और फिर बेरहमी के साथ उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है. इस रेप-मर्डर कांड को कॉलेज के प्रिंसिपल सुसाइड में बदलने की कोशिश करते हैं. लेकिन नाकाम हो जाते हैं. पूरे देश में जूनियर डॉक्टर को इंसाफ दिलाने की कवायद शुरू होती है और लोग सड़कों पर उतर आते हैं प्रेशर में आकर कॉलेज के प्रिंसिपल घटना के 4 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं. लेकिन ये प्रिंसिपल कौन हैं, जिनसे इस मामले में CBI लगातार पूछताछ कर रही है.

एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल से पहले वो कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल रह चुके हैं. इसके साथ ही वो एक सर्जन और ऑर्थोपेडिक्स भी हैं. उन पर न सिर्फ हत्या को आत्महत्या में बदलने की कोशिश का आरोप है. बल्कि उन्होंने पीड़िता का नाम और पहचान भी उजागर कर दी. इसके अलावा उनको लेकर तब ज्यादा चर्चा होने लगी, जब ये बात सामने आई कि उनके लिंक तृणमूल कांग्रेस से हैं. इसलिए उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है.

ट्रांसफर किया गया

जून 2023 में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा. इसके बाद उनका मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन 48 घंटे के अंदर-अंदर ही उन्हें उनके पिछले पद पर बहाल कर दिया गया. इसके बाद सितंबर 2023 में रैगिंग से जुड़ी एक घटना के बाद उन्हें प्रिंसिपल के तौर पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया.

सीबाआई की पूछताछ

यही नहीं विवादों से प्रिंसिपल साहब को पुराना नाता लगता है. साल 2021 से भी वो आरजी कर हॉस्पिटल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे. लेकिन छात्रों ने सेपरेट स्टूडेंट और रेजिडेंट हॉल काउंसिल स्थापित करने से इनकार करने के विरोध में भूख हड़ताल की, जिसके ​​बाद में उन्हें हटा दिया गया था.फिलहाल संदीप घोष से सीबीआई दो दौर की पूछताछ कर चुकी है. इसमें अधिकारियों ने उनसे डॉक्टर को दी गई 36-48 घंटे की शिफ्ट के बारे में पूछताछ की है.

आरापों से किया था इनकार

जब संदीप घोष ने इस्तीफा दिया था, तब उन्होंने अपने ऊपर जूनियर डॉक्टरों की ओर लग रहे आरोप से इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि मैं यह अपमान और बर्दाश्त नहीं कर सकता. मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. मुझे पद से हटाने के लिए छात्रों को भड़काया गया और आंदोलन कराया गया. इस सब के पीछे राजनीतिक साजिश है.

इथियोपियाई एयरलाइंस के उड़ान भरने से पहले एक बैंग में लगी आग, मचा हड़कंप,पांच लोग गिरफ्तार



मुंबई एयरपोर्ट की यह घटना शुक्रवार सुबह की है. सहार पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर बैग ले जा रहे पश्चिम बंगाल के रहने वाले समीर नारायणचंद्र विश्वास समेत पांच लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. जिनमें विश्वास के साथ नंदन दिनेश यादव, सुरेश सुब्बा सिंह, विश्वनाथ बालसुब्रमण्यम सेनजुंधर और अखिलेश गजराज यादव का नाम शामिल है.

बैग को कांगो में नवीन शर्मा को सौंपना था

अधिकारी ने बताया कि इस मामले में नवीन शर्मा वांछित है, जिसके ‘कांगो’ में होने का संदेह है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे यह घटना हुई. जब विमान में सामान लादा जा रहा था. इसी समय एक बैग से धुआं निकलता देखा गया. बैग में जल्द ही आग पकड़ ली, लेकिन उसे तुरंत बुझा दिया गया.

बिश्वास को हिरासत में लेकर पुलिस थाने में पूछताछ की गई. उसने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि नंदन यादव नामक व्यक्ति ने उसे यह बैग दिया था. उसने बताया कि इस बैग को कांगो में नवीन शर्मा को सौंपना था. इसके बाद यादव और लॉजिस्टिक कंपनी के कर्मचारियों सहित तीन और को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

इन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया

अधिकारी ने बताया कि बैग में 10 किलोग्राम ज्वलनशील पदार्थ था, जिसमें से आधा तरल रूप में और शेष पाउडर के रूप में था. उन्होंने बताया कि इसकी वास्तविक प्रकृति का पता लगाने के लिए इसे फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेज दिया गया है.

उन्होंने बताया कि बिश्वास और अन्य को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम, 1982 की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि उड़ान में ज्वलनशील पदार्थ ले जाने के उद्देश्य की भी जांच की जा रही है.

इथियोपियाई एयरलाइंस ने भी जारी किया बयान

इथियोपियाई एयरलाइंस ने भी इस घटना पर एक बयान जारी किया. उसने कहा, ’16 अगस्त की सुबह, मुंबई हवाई अड्डे पर रैम्प क्षेत्र में ETI 641 (मुंबई-अदीस अबाबा) के लिए चेक-इन किये गये सामान को ले जा रहे एक बैगेज कंटेनर में आग देखी गयी. यह घटना उस समय हुई जब कंटेनर को बैगेज ‘मेकअप’ क्षेत्र से विमान तक ले जाया जा रहा था.’

इसमें कहा गया कि, ‘हवाई अड्डा सुरक्षा और अग्निशमन दल ने तुरंत कदम उठाये. सभी आवश्यक सुरक्षा प्रक्रियाओं के साथ आग पर काबू पा लिया. प्रभावित कंटेनर और बैगेज की जांच मुंबई एयरपोर्ट के अधिकारियों द्वारा की जा रही है.’ पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के डायरेक्टर सनोज मिश्रा लापता,पत्नी ने साजिश की आशंका जताई

द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के डायरेक्टर सनोज मिश्रा 14 अगस्त से लापता हैं. उनकी पत्नी ने साजिश की आशंका जताई है, सनोज मिश्रा ने बंगाल की हिंसा की घटनाओं पर "द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल" फिल्म बनाई है. सनोज मिश्रा की पत्नी का कहना है कि उनको कोलकाता पुलिस ने बुलाया था इसलिए वह कोलकाता गए थे पर वहां जाने के बाद से ही उनके सारे नंबर बंद आ रहे हैं. पत्नी के मुताबिक उनको ट्रेलर रिलीज के बाद से ही लगातार अलग-अलग नंबरों से धमकियां मिल रही थीं.

एबीपी लाइव से बातचीत में सनोज मिश्रा की पत्नी द्विति मिश्रा ने बताया कि 14 अगस्त को सुबह 7:30 बजे वह अपने घर से निकले थे. उनको एयरपोर्ट छोड़ने के लिए उनका भतीजा गया था. 9:00 बजे की उनकी फ्लाइट थी और उन्होंने दोपहर में घर पर फोन करने की बात कही थी. पर तब से लगातार उनके दोनों नंबर बंद आ रहे हैं.

उन्होंने अलग-अलग जगह पर अपने सभी दोस्तों-संबंधियों से बात करने की कोशिश की लेकिन जब कहीं कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई. पुलिस ने शुरुआती जांच में इस बात का पता लगाया है कि सनोज का नंबर 15 अगस्त को शाम में कोलकाता में एक मंदिर के पास खुला था, लेकिन उसके बाद फिर से नंबर बंद है. सनोज की पत्नी ने गोमती नगर थाने में अपनी तहरीर दे दी है

आपको बता दें कि सनोज को बंगाल पुलिस ने पूछताछ करने के लिए बुलाया था पर कोलकाता पहुंचने के बाद से ही उनके नंबर बंद आ रहे हैं. साल 2023 में सनोज की फिल्म "द डायरी ऑफ वेस्ट बेंगल" का ट्रेलर रिलीज हुआ था और उसके बाद से उनको अलग-अलग धमकी आने लगी थी. इस फिल्म के रिलीज के बाद ही उनको वेस्ट बेंगल पुलिस की तरफ से लीगल नोटिस भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि उन्होंने फिल्म के माध्यम से पश्चिम बंगाल की छवि धूमल करने का प्रयास किया है.

महिलाओं को मिलेगा हर महीने 1,500 रुपये, राज्य सरकार ने किया ऐलान,जानें कितने साल तक मिलेगा ये लाभ

महाराष्ट्र सरकार ने रक्षाबंधन के त्योहार से ऐन पहले राज्य की करोड़ों महिलाओं को शानदार तोहफा दिया है. राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उनके खाते में हर महीने 1,500 रुपये डालने की योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को अगले 5 साल तक लाभ मिलता रहेगा.

हर महीने इन महिलाओं को मिलेंगे पैसे

राज्य सरकार ने इस योजना को मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना का नाम दिया है. इस योजना के तहत राज्य सरकार लाभार्थी महिलाओं के खाते में हर महीने 1,500 रुपये जमा करेगी. महाराष्ट्र की वैसी महिलाएं राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकती हैं, जिनकी उम्र 21 साल से 65 साल के बीच है और सालाना कमाई ढाई लाख रुपये से कम है. मतलब यह योजना सीधे उन महिलाओं को से सशक्त बनाएगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. योजना का लाभ अगले 5 साल तक मिलेगा.

31 अगस्त तक योजना के लिए कर सकते हैं आवेदन

महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से करीब डेढ़ करोड़ महिलाओं को सीधे फायदा होने की उम्मीद है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार 14 अगस्त तक योजना का लाभ उठाने के लिए 1.69 करोड़ आवेदन प्राप्त हो चुके थे. उनमें से स्क्रूटनी के बाद लगभग 1.36 करोड़ आवेदन को सही पाया गया है. सरकार ने योजना के लिए आवेदन की तिथि पहले ही 31 अगस्त तक बढ़ा दी है. इस कारण उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में लाभार्थियों की संख्या बढ़ सकती है और डेढ़ करोड़ के पार निकल सकती है.

इन महिलाओं के अकाउंट में पहुंच गए पैसे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज शनिवार को पुणे में योजना की आधिकारिक शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन योजना के तहत लाभ पहले ही मिलने लगा है. राज्य सरकार पहले ही 30 लाख महिलाओं के खाते में 3-3 हजार रुपये ट्रांसफर कर चुकी है. इस योजना के तहत लाभ मिलने की शुरुआत पिछले महीने यानी जुलाई 2024 से ही हो रही है. इसी कारण अभी लाभार्थियों के खाते में जुलाई और अगस्त दो महीने के पैसे भेजे जा रहे हैं. सरकार ने आधिकारिक शुरुआत से पहले ही पैसे भेजना शुरू कर दिया है, ताकि अंतिम समय में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

मध्यप्रदेश में आई थी लाडली बहन योजना

महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना को पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में शुरू की गई लाडली बहन योजना की तर्ज पर लाया है. मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली सरकार ने लाडली बहन योजना की शुरुआत की थी, जिसे काफी सराहना मिली है. इस योजना का लाभ भले ही 5 साल के लिए मिलने वाला है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह योजना तात्कालिक या कुछ समय के लिए नहीं है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए भरोसा दिया कि महिलाओं को लाभ देने वाली इस योजना को कभी बंद नहीं किया जाएगा.

मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के लिए कैसे अप्लाई करें?

सरकार ने आवेदन के लिए नारी शक्ति दूत ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. ऐप एंड्रॉयड प्ले स्टोर और आईओएस ऐप स्टोर पर उपलब्ध है. जो महिलाएं ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकती हैं, उन्हें ऑफलाइन आवेदन की सुविधा दी गई है. आंगनबाड़ी सेवक, ग्राम सेवक आदि की मदद से ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है. आवेदन करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.

शाहरुख खान ने बताया अपना डेली रूटीन,4 से 5 घंटे लेते हैं नींद

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने अपने लंबे करियर में कई तरह के किरदार निभाए हैं. रोमांटिक हीरो वाले कैरेक्टर में उन्हें खूब पसंद किया गया, लेकिन एक्शन के मामले में भी उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी. हाल ही में शाहरुख खान अपनी फिल्म ‘डंकी’ को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. ‘डंकी’ ने इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न 2024 (IFFM) में इक्वेलिटी इन सिनेमा अवॉर्ड जीता है. इसी बीच किंग खान ने अपनी लाइफस्टाइल के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि वो दिन में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं और वो सिर्फ 4 से 5 घंटे सोते हैं. आइए जानते हैं कि शाहरुख खान ने डेली रूटीन को लेकर क्या दिलचस्प खुलासे किए हैं.

शाहरुख ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने 2020 में कोविड-19 के दौरान वर्कआउट किया और अपनी बॉडी को मेंटेन रखा. शाहरुख ने कहा कि वो सुबह 5 बजे सोते हैं और सुबह के 9 या 10 बजे तक उठ जाते हैं. अपने शेड्यूल के मुताबिक वो अक्सर 2 बजे काम से घर पहुंचते हैं और इसके बाद थोड़ी कसरत करते हैं और फिर सोने के लिए जाते हैं.

ये है किंग खान का डेली रूटीन

द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा, “मैं सुबह 5 बजे सो जाता हूं. जब मार्क वाह्लबर्ग (हॉलीवुड एक्टर) उठते हैं, उस टाइम मैं सो जाता हूं और फिर अगर मैं शूटिंग कर रहा हूं तो लगभग 9 या 10 बजे उठता हूं. मैं रात को 2 बजे घर आता हूं, नहाता हूं और फिर सोने से पहले योगा करता हूं.” उनके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वो दिन में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं.

शाहरुख ने अपनी छुट्टी पर की बात

एक्टिंग में चार साल के गैप पर बात करते हुए शाहरुख ने कहा, “55 साल की उम्र में मैंने खुद के लिए छुट्टी ली. कोविड के दौरान मेरे पास करने के लिए कुछ और नहीं था और मैंने घर में सबसे कहा था कि इटैलियन खाना बनाना सीखो और कसरत करो. उस दौरान मैंने घर पर ही करसत की और बॉडी बनाई.”

स्विटजरलैंड में किया गया सम्मानित

शाहरुख खान को हाल ही में 77वें लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, पार्डो अला कैरियरा से सम्मानित किया गया. लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में बातचीत के दौरान, उन्होंने अपने करियर और अपनी अचीवमेंट पर चर्चा की और बताया कि वो अब अपनी अपकमिंग फिल्म ‘किंग’ की तैयारी कर रहे हैं.

शाहरुख ने ‘किंग’ के बारे में क्या कहा?

शाहरुख अब सुजॉय घोष की ‘किंग’ में अपनी बेटी सुहाना खान और अभिषेक बच्चन के साथ दिखाई देंगे. ‘किंग’ एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है. फिल्म फेस्टिवल में उन्होंने इस फिल्म पर कहा था, ‘मेरी अगली फिल्म ‘किंग’, जिस पर मुझे काम करना शुरू करना है. इसके लिए मुझे थोड़ा वजन कम करना है और थोड़ा स्ट्रेच करना है, ताकि एक्शन करते समय मेरी कमर में दर्द न हो. उन्होंने ये भी कहा था, “मैं अब कुछ खास तरह की फिल्में करना चाहता हूं जो ऐज सेंट्रिक हों और मैं 6-7 साल के लिए कुछ आज़माना चाहता हूं. मैं इसके बारे में सोच रहा था और इसके लिए एक दिन मैंने सुजॉय घोष से बात की.”

प्रशांत किशोर पार्टी लॉन्च करने के बाद बिहार के 4 सीटों पर लड़ेंगे उपचुनाव

राजनीति पर्दापण में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ही अपनी पार्टी का लिटमस टेस्ट करना चाहते हैं. 

इसको लेकर उन्होंने तैयारी भी कर ली है. हाल ही में प्रशांत किशोर ने इसके संकेत दिए हैं. प्रशांत किशोर, पार्टी लॉन्च करने के बाद बिहार के 4 सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगे.

बिहार विधानसभा की ये 4 सीटें विधायकों के सांसद चुने जाने की वजह से रिक्त हुई हैं. जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें गया की इमामगंज, जहानाबाद की बेलागंज, कैमूर की रामगढ़ और भोजपुर की तरारी सीट शामिल हैं.

लिटमस टेस्ट करेंगे प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर बिहार में उपचुनाव के जरिए अपने प्रयोग का लिटमस टेस्ट करेंगे. शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए पीके ने कहा कि 2 अक्टूबर के बाद अगर उपचुनाव की घोषणा की जाती है, तो जनसुराज भी उम्मीदवार उतारेगी.

 उन्होंने कहा कि हम चुनाव सभी सीटों पर लड़ेंगे और अपनी बात लोगों तक पहुंचाएंगे.

प्रशांत ने यह भी कहा कि अगर चुनाव की घोषणा अक्टूबर से पहले होगी, तो हम निर्दलीय को उतारने पर विचार करेंगे.

बिहार में विधानसभा की 4 सीटें तरारी, इमामगंज, रामगढ़ और बेलागंज सीट पर उपचुनाव होने हैं. चारों ही सीट के विधायक इस बार सांसद चुने गए हैं.

 2020 के विधानसभा चुनाव में तरारी सीट से माले के सुदामा प्रसाद, रामगढ़ सीट से आरजेडी के सुधाकर सिंह, बेलागंज सीट से आरजेडी के सुरेंद्र यादव और इमामगंज सीट से हम के जीतन राम मांझी ने जीत दर्ज की थी.

उपचुनाव को लेकर क्या है पीके का प्लान?

जनसुराज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर इन सीटों पर उम्मीदवार उतारकर ये देखना चाहते हैं कि उनका संदेश लोगों तक पहुंच पा रहा है या नहीं? जिन सीटों पर चुनाव होने हैं, वो संबंधित विधायकों का गढ़ माना जाता है.

मसलन, बेलागंज सीट से सुरेंद्र यादव 8 बार चुनाव जीत चुके हैं. इसी तरह सुदामा प्रसाद 2015 से ही तरारी सीट से जीत रहे हैं. रामगढ़ भी जगदानंद परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. जीतनराम मांझी भी इमामगंज से लगातार जीतते आ रहे हैं.

ऐसे में पीके इन सीटों पर चुनाव लड़कर खुद की मजबूती देखना चाहते हैं. इन सीटों के लिए पीके की तरफ से खास प्लान भी तैयार किया गया है. इसके मुताबिक सीटों पर उम्मीदवारों के सिलेक्शन और चुनावी रणनीति भविष्य के आधार पर तय की जाएगी.

– सूत्रों के मुताबिक उम्मीदवारों के चयन में 50 साल से कम उम्र के नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी. – पहले से अगर कोई नेता क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनकी छवि अगर साफ है तो उन्हें भी टिकट दिया जा सकता है. – सभी सीटों पर जातीय समीकरण भी साधा जाएगा. 4 में से 2 सीटों पर दलित को उतारा जा सकता है.

जनसुराज के सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव लड़ने का फैसला हाल ही में रूपौली के रिजल्ट को देखकर लिया गया है. रूपौली में जनता ने आरजेडी और जेडीयू के उम्मीदवारों की जगह पर निर्दलीय को तरजीह दी.

नीतीश-लालू के बीच रास्ता तलाश रहे पीके

प्रशांत किशोर 2022 में बिहार की राजनीति में सक्रिय हुए. इस दौरान उन्होंने जनसुराज नाम से पदयात्रा निकाली. पीके इस पदयात्रा के जरिए बिहार के लगभग 80 प्रतिशत इलाकों में जा चुके हैं. पीके अपनी पदयात्रा में बिहार के हालातों के बारे में लोगों को बताते हैं.

जानकारों का कहना है कि पीके बिहार में नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली एनडीए और लालू यादव की नेतृत्व वाली इंडिया के बीच में अपनी राजनीतिक संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं.

पीके इसी रणनीति के तहत लालू यादव और नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हैं. इतना ही नहीं, पीके इन दोनों के कोर वोटरों में भी सेंध लगाने में जुटे हुए हैं.

2 अक्टूबर को पार्टी लॉन्च करेंगे प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने ऐलान कर रखा है कि 2 अक्टूबर को वे अपनी पार्टी जनसुराज लॉन्च करेंगे. पीके की पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ेगी. पीके ने पार्टी और चुनाव को लेकर कुछ तस्वीरें अभी साफ कर दी है.

जनसुराज में पीके की भूमिका सूत्रधार की होगी. हालांकि, कहा जा रहा है कि चुनाव के बाद अगर जनसुराज की सरकार बनती है तो प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री बन सकते हैं.

काला जादू या टोने टोटके का सामान चौराहे पर रखा हो तो,भूलकर भी न छुएं

कई बार सड़क के किनारे पर कुछ टोटके करके चीजों को रखा जाता है. जिनपर पैर रखना अशुभ होता है. कहते हैं ये काला जादू भी हो सकता है. सड़क पर पड़ी इन चीजों को भूलकर भी न छुएं.

रास्ते में कोई मृत पशु दिखे तो अपनी दिशा बदल दें. इससे भी निगेटिविटी निकलती है, जो पार करने वाले जातक के शरीर के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालती है

सड़क पर कहीं नींबू मिर्च पड़ी दिखाई दे तो भूलकर भी उस पर पैर नहीं रखें, न ही इसे लांघना चाहिए. आमतौर पर नींबू मिर्च से लोग नजर उताकर चौराहे पर फेंक देते हैं. ये बुरी शक्तियों से बचने के लिए किया जाता है.

वास्तु के अनुसार बालों का गुच्छा भी सड़क पर पड़ा दिखे तो इसे लांघना नहीं चाहिए. कहते हैं इनमें राहु का प्रभाव होता है. इनको छून से पैर लगाने से जीवन संकटों में घिर सकता है. बालों के गुच्छे से काला जादू भी किया जाता है.

काले या लाल कपड़े की पोटली चौराहे या रास्ते में कहीं दिखाई दे तो इसे पैर न लगाएं. साइड से निकल जाएं, दरअसल इस तरह की पोटली से नजर उतारकर चौराहे पर फेंक दी जाती है. कहते हैं इन्हें छूने से नकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन में परेशानी ला सकती है.

हिंदू मान्यता के अनुसार अक्सर लोग चौराहों में अपने पितरों के लिए खाना रख देते हैं. ऐसे में इन चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

फटे-पुराने कपड़ों में नकारात्मक ऊर्जा होती है. ऐसे में अगर रास्ते में ये आपको दिखे तो भूलकर भी इन्हें लांघे नहीं. इससे जीवन में समस्याएं आ सकती है.

किसानों को 1 लाख तक की सब्सिडी दे रही हैं सरकार,ऐसे उठाएं लाभ

सरकार खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए की सारे जरूरी कदम उठाती है. ऐसे में अब बिहार सरकार उन किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आई है जो फल और फूल की खेती करते हैं. बिहार सरकार उद्यानिकी क्लस्टर विकास योजना चला रही है, इस योजना के तहत किसानों को अमरूद, आंवला, नींबू बेल, पपीता, गेंदा फूल और लेमन ग्रास के पौधे और पेड़ लगाने पर बिहार सरकार सब्सिडी दे रही है.

1 लाख तक की सब्सिडी दे रही सरकार

इस योजना के तहत, गांव में 25 एकड़ से ज्यादा में बागवानी करने पर सरकार अनुदान देगी, इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए किसानों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस योजना की जानकारी बिहार सरकार उद्यान निदेशालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी दी. इस पोस्ट में बताया गया कि बागवानी क्लस्टर योजना के तहत, गांव में 25 एकड़ से ज्यादा पर बागवानी फसल उगाने वाले किसानों को 1 लाख रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी. इससे आय बढ़ेगी, खेती में सुधार होगा और कृषि के नए तरीकों को बढ़ावा मिलेगा.

क्लस्टर में बागवानी योजना के तहत, गांव में 25 एकड़ से अधिक बागवानी फसल उगाने पर ₹1 लाख प्रति एकड़ तक की सहायता प्राप्त करें! इससे आय बढ़ेगी, खेती में सुधार होगा, और कृषि में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

फूलों की खेती को बढ़ावा देना है मकसद

इस योजना का मकसद किसानों की आय बढ़ाना और फूलों की खेती को बढ़ावा देना है. दरअसल, बिहार में गेंदा फूल के पौधे कोलकाता से आते हैं जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है, इस पर बिहार सरकार अब किसानों के समूह बना कर उन्हें पौधा उत्पादन ट्रेनिंग के लिए कोलकाता भेजने की तैयारी कर रही है. साथ ही यह भी सुझाव दे रही है कि पॉली हाउस का इस्तेमाल कर वे फूलों की खेती करें जिससे कि फूलों की आवक बढ़ सके.

इस तरह करें आवेदन

आवेदन करने के लिए किसानों को पहले राज्य सरकार की हॉर्टिकल्चर वेबसाइट पर जाना होगा, इसके बाद होम पेज पर आपको योजना का लिंक दिखाई देगा जिसे आपको क्लिक करना है. बाद इसके आपको अपनी उधानिक क्लस्टर में बागवानी का विकल्प चुनना होगा. यहां पर आपको सब्सिडी के लिए आवेदन करना होगा. इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल कर सामने आ जाएगा, मांगी गई सभी जानकारी को ठीक से भरकर आप योग्य होने पर इस योजना का लाभ ले पाएंगे.