योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने का बनाया रिकॉर्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम शुक्रवार को एक और नया रिकार्ड जुड़ गया है। उन्होंने उप्र में एक समय में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बनने के रिकार्ड को अपने नाम कर लिया है।

योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उप्र में भाजपा की सरकार बनाने के साथ ही प्रदेश की कमान संभालने वाले लगातार सबसे अधिक दिन तक रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने लगातार 7 वर्ष, 148 दिन तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड कायम किया है। इस रिकार्ड को अपने नाम करते हुए वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव, नेताजी मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पीछे छोड़ दिया है। योगी आदित्यनाथ अब यूपी में सबसे लंबे समय तक लगातार कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों में शुमार हो गए हैं।

योगी आदित्यनाथ से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानंद इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहे हैं। क्षेत्रीय पार्टियों के नेता चौधरी चरण सिंह, मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी के आस-पास भी नहीं दिखाई पड़ते हैं। मायावती ने चार बार और मुलायम सिंह ने तीन बार शपथ ली, लेकिन फिर भी जो रिकार्ड योगी आदित्यनाथ ने बनाया है वह नहीं तोड़ पाए थे।

मुख्यमंत्री योगी की गिनती उन नेताओं में होती है, जिनके नेतृत्व में प्रदेश में किसी पार्टी की दूसरी बार सरकार बनी। 25 मार्च 2022 को जब योगी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने नारायण दत्त तिवारी का 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। नारायण दत्त ने वर्ष 1985 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उत्तराखंड बनने के बाद देखा जाए तो योगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुए। यहीं नहीं मुख्यमंत्री योगी ने नोएडा जाने से कुर्सी चली जाने का मिथक भी तोड़ने का रिकार्ड बनाया है।

यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती सूची रद्द, नई मेरिट लिस्ट फिर से जारी करने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने आज इस भर्ती को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तीन माह के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी कर सरकार के लिए परेशानी को भी बढ़ा दिया है।यूपी की 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर आज लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा निर्णय सुनाते हुए पूरी चयन सूची को ही रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की बेंच ने पूरी चयन सूची को रद्द करते हुए डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया। सिंगल बेंच ने 8 मार्च 2023 को फैसला दिया था कि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 की लिस्ट को रद्द किया जाता है। सिंगल बेंच ने एटीआरई (अपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम) को पात्रता परीक्षा नहीं माना था। डबल बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का सरकारपालन करें। कोर्ट ने 3 महीने के अंदर नई लिस्ट रिजर्वेशन का पालन करते हुए सरकार से देने को कहा है. वहीं एटीआरआई परीक्षा को पात्रता परीक्षा माना है।

किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा

उल्लेखनीय है कि सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तोउसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी की 27 फीसदी और 21 प्रतिशत सीटों को ओबीसी व एससी से भरा जाएगा।कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को फैसला सुनाया था। यह फैसला शुक्रवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।

इस फैसले पर उतर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि माननीय न्यायालय के इस आदेश का विभाग अध्ययन करा रहा है। किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा।

चयन सूची रद्द करने के खिलाफ सभी अपीलें निस्तारित

इस मामले में परिषदीय विद्यालयों के 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण विसंगति पाए जाने पर हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2023 को 6800 अभ्यर्थियों की सूची रद्द करते हुए पूरी लिस्ट को फिर से देखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था, इसके खिलाफ 19000 सीटों पर विवाद को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों के खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल की थी। पिछले साल 13 मार्च को एकल पीठ ने मामले में 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया था।

आरक्षण नियमावली का सही से पालन नहीं किया गया

कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया था। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था। याचियों की तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमावली का सही से पालन नहीं किया गया। इस कारण आरक्षित वर्ग में चयनित 18,988 अभ्यर्थियों को जारी कटऑफ में 65 परसेंट से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बावजूद सामान्य श्रेणी की सूची में शामिल नहीं किया गया। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया को आरक्षित श्रेणी में ही पूरा कर दिया गया, जो आरक्षण नियमावली का उल्लंघन था।

5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी

इससे आरक्षित श्रेणी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। इसी को लेकर कई अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिकाएं दाखिल की थी। इनमें से कुछ याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई है जिन्होंने अनारक्षित वर्ग के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं। जबकि, अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से अनारक्षित वर्ग में रखा गया, जिन्होंने टीईटी व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले लिया था। इन याचिकाओं में एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद अनारक्षित वर्ग में अभ्यर्थियों का चयन किए जाने को विधि विरुद्ध बताया गया था, जबकि दो याचिकाओं में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी।

किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा

उल्लेखनीय है कि सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तोउसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी की 27 फीसदी और 21 प्रतिशत सीटों को ओबीसी व एससी से भरा जाएगा।कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को फैसला सुनाया था। यह फैसला शुक्रवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।इस फैसले पर उतर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि माननीय न्यायालय के इस आदेश का विभाग अध्ययन करा रहा है। किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा।

स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी का संदेश


मध्यप्रदेश।आज़ादी के अमृतकाल में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का 78वां स्वतंत्रता दिवस हम मना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।प्रधानमंत्री  ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।

हम सब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र एवं डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को विकसित मध्यप्रदेश बनाने में अपना योगदान देने का संकल्प लें।

स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर मैं सभी स्वतंत्रता सेनानियों, भारत माता के सभी वीर सपूतों को नमन करता हूँ,

"जय हिन्द-जय भारत"
ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का है आधार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए।

युवा शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज हित में करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का अनूठा संगम है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जैसे केंद्रों के माध्यम से देश युवा शक्ति को श्रेष्ठतम शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इन संस्थानों से मिलने वाली डिग्री युवाओं की प्रतिभाओं का बड़ा सम्मान है। इससे समाज में उनकी विशेष पहचान स्थापित होती है। युवाओं का यह कर्तव्य है कि प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज के हित में हो। मध्यप्रदेश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश के लक्ष्य के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।

आईआईटी गांधी नगर के साथ मिलकर विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए नवीन कार्यक्रम आरंभ किया गया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से उज्जैन में भी सेटेलाइट टाऊन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है और यह विश्वास है कि हम विश्व के विकसित देश के रूप में अपना स्थान स्थापित करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की पहचान : केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं। संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी-कंडक्टर और स्पेस सेक्टर को दिया जा रहा है प्रोत्साहन

केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है।

भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे। हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है।

भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है।

छात्रों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया तथा संस्थान की शैक्षणिक शोभा यात्रा में शामिल हुए। संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुआ। संस्थान के निदेशक प्रो. गोवर्धन दास ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिवादन अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।

संस्थान के निदेशक डॉ. गोवर्धन दास ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक, प्रवीणता पदक और सर्वश्रेष्ठ थीसिस के लिए छात्रों को सम्मानित किया।

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी अपनी उपाधियों का उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विज्ञान, शिक्षा सहित विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है।
ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का है आधार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शोध, अनुसंधान और नवाचार को मिल रहा है प्रोत्साहन राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में निजी भागीदारी को भी कर रही है प्रोत्साहित वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल का 11 वाँ दीक्षांत समारोह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। युवा शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज हित में करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का अनूठा संगम है।

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जैसे केंद्रों के माध्यम से देश युवा शक्ति को श्रेष्ठतम शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इन संस्थानों से मिलने वाली डिग्री युवाओं की प्रतिभाओं का बड़ा सम्मान है। इससे समाज में उनकी विशेष पहचान स्थापित होती है। युवाओं का यह कर्तव्य है कि प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज के हित में हो।

मध्यप्रदेश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश के लक्ष्य के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। आईआईटी गांधी नगर के साथ मिलकर विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए नवीन कार्यक्रम आरंभ किया गया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से उज्जैन में भी सेटेलाइट टाऊन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है और यह विश्वास है कि हम विश्व के विकसित देश के रूप में अपना स्थान स्थापित करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की पहचान : केंद्रीय मंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं।

संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी-कंडक्टर और स्पेस सेक्टर को दिया जा रहा है प्रोत्साहन केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है। भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे। हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है। छात्रों को किया सम्मानित मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया तथा संस्थान की शैक्षणिक शोभा यात्रा में शामिल हुए। संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुआ।

संस्थान के निदेशक प्रो. गोवर्धन दास ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिवादन अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। संस्थान के निदेशक डॉ. गोवर्धन दास ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक, प्रवीणता पदक और सर्वश्रेष्ठ थीसिस के लिए छात्रों को सम्मानित किया।

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी अपनी उपाधियों का उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विज्ञान, शिक्षा सहित विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है।
दान एवं सेवा से मिलती है आत्मिक अनुभूति - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सेवा एवं दान के सुख और आनंद को शब्दों में परिभाषित करना कठिन है।  सेवा एवं दान का आनंद और सुख आत्मिक अनुभूति का विषय है। दान एवं सेवा का सुख और आनंद की अनुभूति हम कर्म करके ही प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज इंदौर के राऊ स्थित डीपीएस स्कूल में जागरण सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित गुरूदेव शिक्षा केन्द्र इंदौर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान है।

ईश्वर की सच्ची पूजा वंचित वर्गों की सेवा एवं उनके कल्याण के कार्य हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को लेकर शिक्षा का प्रसार किया जाना चाहिए। जो संस्थाएं ऐसे कार्यों में लगी हैं उनके कार्य सराहनीय है। उन्हीं में से एक संस्था जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी भी है। उन्होंने कहा कि इस संस्था द्वारा कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, यह संस्था बधाई की पात्र है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक मधु वर्मा,सुश्री उषा ठाकुर तथा गोलू शुक्ला, अभिषेक मोहन गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को गणवेश एवं पठन-पाठन सामग्री वितरित की। उन्होंने पौध-रोपण भी किया। कार्यक्रम में प्राचार्य श्रीमती आशा नायर ने स्वागत भाषण दिया। शिक्षा केन्द्र की डीन मेघा मुक्तिबोध ने "एक यात्रा सपने से अपनों तक" के माध्यम से गुरुदेव शिक्षा केन्द्र के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के वायस चेयरमेन हरिमोहन गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि अभावग्रस्त बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुरुदेव शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है।
इन्दौर तकनीकी कम्पनियों का तेजी से उभरता पसंदीदा स्थान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 21वीं सदी बौद्धिक युग की अग्रणी सदी है। कॉग्निजेंट कंपनी के आगमन से मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा 18 एवं 19 वीं सदी खाद्य और कपास से आर्थिक विकास से जुडी थी। 20 वीं सदी पेट्रोकेमिकल से आर्थिक विकास का युग रहा। आज चहुँओर बौद्धिकता का बोलबाला है।

दुनिया, भारत के ज्ञान का लोहा मानती है। उन्होंने कहा कि आईटी कम्पनियों को बेहतर वातावरण और सुविधाएं प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार सदैव तत्पर है। ये हमारे लिए बेहद खुशी की बात है कि कॉग्निजेंट ने अपने नए केंद्र के शुभारंभ के लिए इंदौर को चुना है।

यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे जाहिर होता है कि इंदौर अपने बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर और कुशल एवं प्रतिभाशाली लोगों की मौजूदगी की वजह से दुनिया भर की टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए बड़ी तेजी से पसंदीदा स्थान के रूप में उभर रहा है। आईटी सेक्टर में आज इंदौर के साथ ही प्रदेश को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली। लगभग 500 की संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स को यहां रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आईटी कम्पनी कॉग्निजेंट के इन्दौर सेन्टर के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम लगातार नई तकनीकी कंपनियों एवं उद्योगों को स्थापित करने में अपना सहयोग देने, व्यवसायों के लिए नए-नए अवसर पैदा करने के इरादे पर अटल हैं। हम एक ऐसा माहौल बनाना चाहते है जिससे इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी का लगातार विकास हो, जो हमारे राज्य को देश के अगले डिजिटल केंद्र के रूप में आगे बढ़ाते हुए हमारे युवाओं के लिए अवसर पैदा करें। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, गौरव रणदीवे, चिंटू वर्मा, प्रमुख सचिव संजय दुबे, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्यजन, कॉग्निजेंट के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

कॉग्निजेंट अमेरिका के ईवीपी एवं अध्यक्ष सूर्या गुम्मादी ने कंपनी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर शहर के मध्य में ब्रिलियंट टाइटेनियम में स्थित कंपनी का यह नया सेंटर 46 हजार वर्ग-फीट में फैला हुआ है। सेक्टर में 500 लोगों की बैठने की क्षमता है, यहॉ कामकाज के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया है। इसी वजह से यहाँ 1250 एसोसिएट्स काम कर सकते हैं। इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए इस केंद्र में परस्पर सहयोग के लिए नेक्स्ट-जेनरेशन वर्क स्पेस मौजूद है, साथ ही यहाँ 110 सीटों वाला कैफ़ेटेरिया, वेलनेस के लिए विशेष स्थान तथा गर्भवती महिलाओं के लिए खास सुविधाओं वाली जगह भी उपलब्ध है।

उन्होंने कहा इन्दौर बेहद प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्टता मिसाल कायम करने वाले शैक्षणिक संस्थानों की मौजूदगी के साथ बड़ी तेजी से टेक्नोलॉजी के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा अहमियत देने की कॉग्निजेंट सेंटर की अपनी संस्कृति को इस शहर में लाकर हमें बेहद खुशी हो रही है। इंदौर पूरे भारत में मौजूद हमारे मौजूदा डिलीवरी नेटवर्क से बड़े ही सहज तरीके से जुड़ जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी दुनिया भर में मौजूद अपने ग्राहकों के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस पर विशेष ध्यान देगा। स्थानीय प्रतिभाओं के लिए नए-नए अवसर पैदा करेगा। साथ ही हमारे कार्यालयों को हमारे एसोसिएट्स के निवास स्थान के करीब लाएगा।

कॉग्निजेंट कंपनी अलग-अलग उद्योगों के 30 स्टेकहोल्डर्स को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही

कॉग्निजेंट आधुनिक व्यवसायों के इंजीनियर हैं। अपने ग्राहकों को तेजी से बदलती दुनिया में आगे रहने के लिए टेक्नोलॉजी को आधुनिक बनाने, प्रक्रियाओं को नए सिरे से तैयार करने तथा अनुभवों को और अधिक बेहतर करने में मदद करती हैं। कंपनी दुनिया भर में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ एवं बीमा, संचार मीडिया, लाइफ साइंसेज, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, एनर्जी एवं यूटिलिटी, खुदरा एवं उपभोक्ता वस्तुएँ, तथा ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी जैसे अलग-अलग उद्योगों के 30 स्टेकहोल्डर्स को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही है। इस केंद्र में काम करने वाले एसोसिएट्स कई अलग-अलग तरह की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर काम करने में सक्षम हैं, जिनमें एआई, एमएल, आईओटी, और डिजिटल इंजीनियरिंग शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं।

कॉग्निजेंट में 3 लाख 36 हजार 300 कर्मचारी कार्यरत इसमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा एसोसिएट्स भारत में

दुनिया भर में कॉग्निजेंट के कर्मचारियों की संख्या 3 लाख 36 हजार 300 है, जिनमें से 70 प्रतिशत से ज़्यादा एसोसिएट्स भारत में हैं। कंपनी इंदौर के अलावा बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, मंगलुरु, मुंबई और पुणे में भी मौजूद है। कॉग्निजेंट दुनिया की सबसे बड़ी व्यवसायिक सेवा कंपनी में से एक है, जो अपनी सेवाओं के ज़रिये 20 अलग-अलग तरह के उद्योगों से जुड़े संगठनों को तेजी से बदलती दुनिया में आगे रहने के लिए टेक्नोलॉजी को आधुनिक बनाने, प्रक्रियाओं को नए सिरे से तैयार करने तथा अनुभवों में बदलाव लाने में मदद करती है। कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में स्थित है, जो भारत से लेकर यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और मध्य-पूर्व तक बड़ी तेजी से अपने दायरे का विस्तार कर रही है। कॉग्निजेंट अपने लोगों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने में निवेश करने के संकल्प पर कायम है, जो वर्तमान के साथ भविष्य की नौकरियों के लिए आवश्यक है।
श्री विश्वकर्मा महापंचायत की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक संपन्न, प्रदेशभर के पदाधिकारी रहे मौजूद

भोपाल। श्री विश्वकर्मा महापंचायत मध्य प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक राजधानी भोपाल में संपन्न हुई। बैठक का प्रारंभ भगवान विश्वकर्मा के पूजन तथा दीप प्रज्वलन से हुआ।

प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में मध्यप्रदेश के सैकड़ों पदाधिकारीयों ने सम्मिलित होकर अपने विचार रखे। प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में संगठन विस्तार, सामाजिक जनगणना सहित केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने पर चर्चा की गई।

स्वागत भाषण और उद्बोधन के दौरान श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के सदस्य तथा श्री विश्वकर्मा महापंचायत के प्रदेश संगठन महामंत्री परमानंद विश्वकर्मा ने संगठन की आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संगठन का विस्तार तेज़ी से मंडल स्तर तक किया जाएगा, साथ ही उन्होंने सामाजिक युवाओं से संगठन से जुड़कर समाजसेवा करने की अपील की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर विश्वकर्मा ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए संगठन की कार्यप्रणाली से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज के सर्वांगीण विकास में अपनी सहभागिता सभी को सुनिश्चित करनी चाहिए।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग को प्राप्त हो इसके लिए श्री विश्वकर्मा महापंचायत हर स्तर पर प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा भगवान पूजन दिवस 17 सितंबर को शासकीय अवकाश घोषित कराने हेतु सरकार से अपील की जाएगी तथा विश्वकर्मा समाज की कला को प्रदेश स्तर पर मंच देने हेतु शासकीय उपक्रम काष्ठकला एवं लौहकला की व्यवस्था के लिए भी महापंचायत प्रयासरत है। बैठक में श्री विश्वकर्मा महापंचायत के संस्थापक एवं श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम नारायण विश्वकर्मा (कैबिनेट मंत्री दर्जा) प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर विश्वकर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता व श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के सदस्य परमानंद विश्वकर्मा, पथरिया नगर परिषद अध्यक्ष सुंदरलाल विश्वकर्मा, भाजपा नेता मनोज विश्वकर्मा, भाजपा नेता सतीश विश्वकर्मा, पार्षद श्रीमती ममता विश्वकर्मा, पार्षद श्रीमती रीता विश्वकर्मा, भाजपा नेता राधेश्याम विश्वकर्मा, प्रदेश मंत्री आशाराम विश्वकर्मा, प्रदेश मंत्री वीरेंद्र विश्वकर्मा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती कविता मालवीय, प्रदेश संयोजक संतोष विश्वकर्मा, भोपाल जिलाध्यक्ष पवन विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा, डिम्पल विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, मीडिया प्रभारी अरुण विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिये नवाचारों को दें बढ़ावा:शिक्षा मंत्री सिंह गाडरवारा

मध्यप्रदेश।स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नरसिंहपुर जिले के सिविल अस्पताल गाडरवारा में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देना हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर को व्यवस्थित कर उसे सुचारू रूप से बनायें रखने और मरीज़ों के उचित इलाज की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री सिंह आज रोगी कल्याण समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

बैठक में मंत्री सिंह ने कहा कि गाडरवारा सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिये नवाचारों को बढ़ावा दें। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर क्षमता एवं नियमानुसार स्टाफ रखा जा सकता है। उन्होंने विधायक निधि से ट्यूबवेल के लिए दो लाख रुपये और अस्पताल में विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने, जनरेटर के लिए 13 लाख रुपये देने की स्वीकृति भी प्रदान की। चर्चा के दौरान ओपीडी पर्ची 10 रुपये प्रति व्यक्ति करने पर सहमति हुई। बैठक में यह तय हुआ कि सिविल अस्पताल परिसर की दुकानों का नया अनुबंध कराया जाये।

दानदाताओं का सहयोग आवश्यक

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि मरीज़ों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा देने के लिए समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा। मंत्री सिंह ने कहा कि उनके द्वारा अस्पताल को प्रतिवर्ष एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जायेगी। बैठक में अस्पताल में बने प्रायवेट एसी वार्ड कक्ष का चार्ज 800 रुपये और एसी रहित कक्ष का चार्ज 400 रुपये करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सिविल अस्पताल के आसपास अतिक्रमण हटाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। उन्होंने कहा कि अस्पताल का व्यवस्थित मुख्य द्वार बनाया जाये। उन्होंने अस्पताल उन्नयन के लिए प्रोपोजल तैयार करने और ऑक्सीजन प्लांट के लायसेंस की कार्यवाही में गति लाने को कहा।

सिविल अस्पताल में पौधरोपण

मंत्री सिंह ने बैठक के पूर्व सिविल अस्पताल गाडरवारा परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया। उन्होंने गाडरवारा शहर में पौधरोपण अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।
मध्यप्रदेश को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के हों प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज के दौर में चिकित्सा क्षेत्र का अत्यंत महत्व है। इसलिये चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर से बेहतर उपचार की व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने का कार्य चिकित्सक ही करते हैं, यह बड़ा पुण्य का कार्य है।

मध्यप्रदेश को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, एम्स भोपाल में तीन दिवसीय 20वां अखिल भारतीय अकादमिक आपताकलीन चिकित्सा सम्मेलन दीक्षान्त एवं पुरस्कार समारोह का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अध्यक्ष एम्स डॉ. सुनील मलिक, अन्य पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे। एम्स के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों ने स्मारिका एवं स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी इमरजेंसी दस्तावेज का विमोचन किया। इसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के प्रतिभागी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। भारत में कोरोना का नि:शुल्क टीका लगाकर एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में विचारों के मंथन से इमरजेंसी मेडिसिन की दिशा में बेहतर कार्य होगा।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन एम्स, भोपाल में हो रहा है। एम्स से मेरी विशेष स्मृतियॉ जुड़ी हुई है। एम्स को स्थापित करने में बाबूजी स्व. बाबूलाल गौर का विजन महत्वपूर्ण रहा है। एम्स भोपाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बन गया है। इस सम्मेलन से नवीनतम ज्ञान और कौशल विकास का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश स्वस्थ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास से प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।

अमेरिका से आए डॉ. सागर सी. गलवनकर ने कहा कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। जीवन की रक्षा एक आपातकालीन चिकित्सक ही कर सकता है। डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान का फेस इमरजेंसी मेडिसिन होता है। देश, समाज और मानवता के लिए अच्छे चिकित्सक तैयार करना वर्तमान की आवश्यकता है।