सभी अपने आस-पास की सड़कों व गलियों की सफाई का लें संकल्प : एके शर्मा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वच्छता का संदेश देने वाले तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने वाले स्वच्छ सारथी क्लब के सदस्यों, युवा छात्रों, स्वच्छ योद्धा और निकायों के स्वच्छता एंबेसडर को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता का संदेश देने के लिए स्वच्छ सारथी क्लब के लोगों का अनावरण किया तथा ‘कबाड़ से जुगाड़’ वेस्ट टू वेंडर का कॉफीटेबल बुक का विमोचन किया। जन-जन में राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की अलख जगाने के लिए उन्होंने हर घर तिरंगा जागरूकता रैली का शुभारंभ कर रैली का नेतृत्व किया।

सभी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना पड़ेगा

नगर विकास मंत्री की एके शर्मा ने कहा कि सभी लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। सभी को अपने आस-पास की सड़कों, गली की सफाई का संकल्प लेना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय से जुड़े सभी 5,000 स्वच्छ सारथी क्लब के 65,000 से अधिक सदस्य, स्वच्छ योद्धा और स्वच्छता एम्बेसडर प्रदेश में स्वच्छता के सारथी हैं। स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता के साथ ही मार्गदर्शन भी करते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष में 02 लाख स्वच्छ सारथी सदस्य बनाए जाएंगे।

स्वच्छता में ही धन संपदा और ईश्वर का वास होता है: ऊर्जामंत्री

उन्होंने कहा कि स्वच्छता में ही धन संपदा और ईश्वर का वास होता है, सभी के सहयोग से प्राचीन गौरव के साथ भारत को पुनः स्वच्छ और समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि सारथी क्लब के सभी सदस्य लोगों को जागरूक करें, जिससे अब सफाई को लेकर चलना है वाला भाव अब न चले। सुबह पांच बजे से सफाई कर्मी गली मोहल्ला और सड़कों में झाड़ू लेकर पहुंच जाते हैं लेकिन सफाई हो जाने के बाद लोगों की नींद खुलती है और लोग अपने घरों का कूड़ा सफाई होने के बाद बाहर फेंकते हैं। घरों का कूड़ा कचरा टीवी फ्रिज के गत्ते आदि नाले नालियों में फेंक देने से जल निकासी में अवरोध होता है।
हर गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था जल्द लागू हो : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जल जीवन मिशन से संबधित महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल देने की व्यवस्था को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के साथ ही उसके संचालन और मेंटेनेंस को लेकर भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। जल जीवन मिशन में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के कार्य में प्लबंर की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इनकी समुचित ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में उपयोग की जा रही सामग्री उच्च क्वालिटी के हो, इस बात को सुनिश्चित किया जाए। पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो। साथ ही टोंटी चोरी होने और खराब होने पर तत्काल नई टोंटी की व्यवस्था कराई जाए। अधिकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 02 करोड़ 63 लाख से अधिक हाउसहोल्ड के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें 01 लाख 60 हजार करोड़ रुपये लागत आ रही है। वहीं प्रतिवर्ष इसके संचालन और मेंटेनेंस में करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से मिलेगी निजात

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पेयजल अत्यंत आवश्यक है। ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से निजात मिलेगी, जिससे हमारे गांव स्वस्थ होंगे। उन्होंने कहा कि ये योजना एक प्रकार से वॉटर थैरेपी की तरह है, जिससे पाचन संबंधित बीमारियां, यूरीन संबंधित बीमारियां, पीलिया, किडनी की पथरी और किडनी फेल होने जैसी बीमारियों से काफी हद तक निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। इसके लिए ग्राम प्रधान के साथ मिलकर तैयार कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।

प्रदेश के प्रत्येक गांव को हमें आत्मनिर्भर बनाना होगा

उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों तक इस बात को पहुंचाया जाना चाहिए कि यह उनके मोबाइल के मासिक खर्च से भी कम में उन्हें दिया जा रहा है। इसके लिए पंचायत सहायक और बीसी सखियों को भी लगाया जाए। उन्होंने इस बात के लिए विशेष तौर पर निर्देशित किया कि पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क को समय पर ठीक कराएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गांवों को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव को हमें आत्मनिर्भर बनाना होगा। गांव के ऐसे तालाब जो किसी मंदिर से न जुड़े हों उनमें मत्स्य पालन की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। इसके अलावा ग्राम हाट और पक्की दुकानें बनाकर उनसे आय अर्जित की जा सकती है। इसके लिए अधिकारी, स्थानीय जन प्रतिनिधि के साथ मंत्रीगण भी गांवों में जाएं और प्रधान व ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा करें।

ग्राम सचिवालय का मॉडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ग्राम सचिवालय का मॉडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। यह गांव की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है। जिन कार्यों के लिए पहले तहसील जाना होता था, अब ग्रामीणों को वह सुविधा गांव में ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि गांवों के बीच आत्मनिर्भर होने को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए सरकार के स्तर से उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। गांवों को अपने स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय के बराबर धन सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए।
केन बेतवा लिंक परियोजना की मुख्यमंत्री योगी ने की समीक्षा,बोले- बांधों व नदियों को कराएं चैनलाइज

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केन बेतवा लिंक परियोजना की समीक्षा की। इस दौरान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और भारत सरकार के बीच इस
परियोजना को लेकर एमओयू हुआ है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के 2.51 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसमें बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जनपदों को लाभ मिलेगा।

221 किमी लंबी केन बेतवा लिंक चैनल में से यूपी में 21 किमी लिंक चैनल का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए 271 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है। इसके लिए केन बेतवा लिंक नहर निर्माण खंड 2 के अधिशासी अभियंता को नोडल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना से लाभान्वित होने वाले जनपदों में हमीरपुर को भी शामिल किया जाए। ऐसी व्यवस्था बने कि बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जनपदों के साथ साथ हमीरपुर की कृषि भूमि को भी इस परियोजना का लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बांधों के डीसिल्टिंग का कार्य तेजी से पूरा करें।

उन्होंने आगरा में ताज के पास रबर डैम बनाने की जरूरत पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में सरयू नदी में करंट और सिल्ट ज्यादा है। ऐसे में एक बांध के जरिए इसे कम किया जा सकता है, जिससे भविष्य में कभी अयोध्या पर आने वाले किसी खतरे को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आईआईटी से सलाह ली जा सकती है। उन्होंने तराई की नदियों को चैनलाइज करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही नदियों के डीसिल्टिंग के लिए विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के लिए कहा।
सपा ने 10 में से छह सीटों पर घोषित किए प्रभारी, शिवपाल को दी गई कटहरी सीट की जिम्मेदारी

लखनऊ । यूपी में दस सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों के लिए सपा ने छह सीटों पर प्रभारियों की घोषणा कर दी है। शिवपाल यादव को कटहरी विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिल्कीपुर की जिम्मेदारी फैजाबाद सीट से हाल ही बने सांसद अवधेश प्रसाद को दी गई। वीरेंद्र सिंह को मझवां सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

चन्द्रसेन यादव को करहल विधानसभा का प्रभारी बनाया गया है। इन्द्रजीत सरोज को फूलपुर का प्रभारी बनाया गया है। कानपुर की सीसामऊ सीट पर राजेंद्र कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है। सपा ने 10 में से 6 सीटों पर प्रभारियों की घोषणा की है। चार सीटों पर घोषणा होनी बाकी है। इससे इस बात के भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या ये सीटें कांग्रेस के कोटे में जा सकती हैं।

मालूम हो कि कांग्रेस और सपा के बीच सीटों के बंटवारे की बात चल रही है। भाजपा सभी दस सीटों पर पहले ही प्रभारी घोषित कर चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के पास दो सीटें मिल्कीपुर और कटहरी की सीटें हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है।
दूसरे के मुसीबत का वीडियो न बनाएं, डायल करें यूपी-112 : डीजीपी प्रशांत कुमार

लखनऊ।  पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति मुसीबत में है तो उसकी वीडियो न बनाएं बल्कि उसकी मदद के लिए यूपी-112 पर कॉल कीजिए। पुलिस महानिदेशक ने यूपी 112 के विशेष अभियान 'एक पहल' का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह अभियान आम लोगों को संवेदनशील और सतर्क बनाने के लिए है। यह अभियान एक जगजागृति है। यूपी पुलिस को लेकर कहा जाता कि वो आॅपरेशनल एक्टिविटी में व्यस्त रहती है। लेकिन ट्रेनिंग, भर्ती हर आयाम में यूपी पुलिस ने बेहतरीन काम किया है। उत्तर प्रदेश इस समय दस्यु मुक्त, फिरौती मुक्त है।

आठ साल पहले यूपी 112 का रिस्पॉन्स टाईम जो 40-45 मिनट था अब वो घटकर आठ-नौ मिनट हो गया है। उन्होंने सड़क पर पड़े घायल या फिर छेड़छाड़, छींटाकशी की घटनाएं होने पर फौरन यूपी-112 डायल करें । डीजीपी ने कहा कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने में सामुदायिक पुलिसिंग की अहम भूमिका है। जिम्मेदार नागरिक के रूप में प्रत्येक नागरिक अपने आस-पास की गतिविधियों घटनाओं, दुर्घटनाओं के बारे में समय से पुलिस को सूचना देकर कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने में अपना अहम योगदान दे सकते हैं। यूपी 112 द्वारा एक पहल अभियान की शुरूआत की गयी है, जिसमें पुलिस को सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जायेगी।

इस अभियान से अपराध पर नियंत्रण के साथ उन पीड़ितों को त्वरित सहायता पहुंचाने में काफी मदद मिलेगी, जो अपनी सहायता के लिए पुलिस को किसी कारणवश बुलाने में उस समय असमर्थ हैं। समाज को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा। पुलिस और आम जनमानस के बीच की दूरी कम होगी और सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश को और अधिक सुरक्षित बनाने में सफलता मिलेगी। पीड़ितों की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट करने के लिए यूपी-112 ने सामुदायिक पुलिसिंग के लिए जन-जागरुकता अभियान एक पहल की शुरूआत की है। इसके तहत लोगों को दूसरों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक-112 ने कहा कि दुर्घटनाओं में घायलों की समय पर मदद करके जान बचाई जा सकती है। आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने वाले सजग व सतर्क नागरिक किसी घटना या संदिग्ध की समय से सूचना देकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में बहुमूल्य योगदान कर सकते हैं। यूपी-112 पर कॉल करके सभी आकस्मिक सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं। लेकिन आमजन में व्याप्त उदासीनता के कारण लोग इससे वंचित रह जाते हैं। इसे दूर करने के लिए यूपी-112 की तरफ से एक पहल अभियान की शुरूआत की गई है। इसके तहत सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जिसमें यूपी 112 लोगों को विभिन्न माध्यमों से बताएगी कि किस तरह सजग नागरिक की भूमिका में वह पुलिस के साथ कदम मिलाकर चल सकते हैं। दुर्घटनाओं में घायलों की मदद के लिए कैसे समय पर पुलिस को सूचना देने के साथ उन्हें अस्पताल पहुंचाना है। संदिग्ध व्यक्ति, वाहन की सूचना पुलिस को तत्काल देकर किसी बड़े अपराध के कारित होने से पहले रोकना, सामुदायिक या दो समूह वर्ग में विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की जानकारी देकर उसे रोकना जैसे प्रयासों से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। यह अभियान आकस्मिक परिस्थितियों में दूसरों की मदद करने की ओर व्यक्ति को प्रेरित करेगा। साथ ही ऐसे सभी कॉलर की पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
लखनऊ : उप्र के वरिष्ठ आईएएस देवेश चतुर्वेदी को केंद्र में मिली अहम जिम्मेदारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी कार्यमुक्त कर दिया है, उन्हें केन्द्र सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई है। केंद्र के लिए रिलीव होने से पहले उन्हाेंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है।

उत्तर प्रदेश में तैनात सीनियर आईएएस अफसर देवेश चतुर्वेदी को केंद्र सरकार में कृषि मंत्रालय के सचिव बनाया गया है। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद यूपी सरकार को उन्हें जल्द रिलीव करने को कहा था। आईएएस देवेश चतुर्वेदी मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में एपीसी के साथ ही एसीएस नियुक्ति एवं कार्मिक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

वरिष्ठ आईएएस देवेश चतुर्वेदी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी और मूलत: लखनऊ के रहने वाले हैं। वे अपने कार्यकाल में यूपी में कृषि विभाग से जुड़ी कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कृषि क्षेत्र में गहरी समझ और अनुभव को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
कई आईएएस अधिकारियों के तबादले,  रवींद्र कुमार बने प्रमुख सचिव कृषि
लखनऊ। आईपीएस व पीपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद अब उत्तर प्रदेश में सोमवार काे कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला हुआ है। रवींद्र कुमार को प्रमुख सचिव कृषि बनाया गया।
तबादलों के क्रम में मोनिका गर्ग को एपीसी बनाया गया है उनके पास अल्पसंख्यक कल्याण भी बना रहेगा। वहीं, एम देवराज को नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग का एसीएस बनाया गया है। साथ ही एसीएस तकनीकी शिक्षा भी बने रहेंगे।

आईएस बीना कुमारी मीना को महिला कल्याण और बाल विकास पुष्टाहार विभाग से हटाकर आयुष विभाग का चार्ज सौंपा है। उनके पास आबकारी और गन्ना बना रहेगा। लीना जौहरी को प्रमुख सचिव बाल विकास पुष्टाहार और महिला कल्याण की भी जिम्मेदारी मिली है। रवींद्र कुमार को प्रमुख सचिव कृषि बनाया गया। के रविन्द्र नायक को सचिवालय प्रशासन के साथ प्रमुख सचिव पशुधन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
लखनऊ : स्वतंत्रता दिवस की रियल टाइम रिहर्सल, मंडलायुक्त ने ली सलामी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 15 अगस्त को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में सोमवार को विधान भवन के सामने रियल टाइम रिहर्सल परेड की गयी। मंडलायुक्त डा. रौशन जैकब रिहर्सल परेड पर पहुंचकर तैयारियों का जाएजा लिया।हर साल की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। इसकी तैयारियों को लेकर सोमवार को रियल टाइम रिहर्सल परेड सुबह नौ बजे आयोजित हुई।

कार्यक्रम की तैयारियों का लिया जाएजा

मंगलवार को भी परेड होगी, इसको देखते हुए यातायात मार्ग में परिवर्तन किया गया है। मंडलायुक्त डा. रौशन जैकब,  जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी और पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों ने विधानभवन पहुंचकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों का जाएजा लिया। मंडलायुक्त ने प्रॉक्सी मुख्यमंत्री बनकर परेड की सलामी ली। चालीस मिनट तक कार्यक्रम का पूर्वाभ्यास किया गया। मंगलवार को भी होगा।जिलाधिकारी ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस बार भी स्वतंत्रता दिवस पर भव्य एवं उत्कृष्ट कार्यक्रम होगा।

शहीदों के आश्रितों का किया जाएगा सम्मान

15 अगस्त को कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा वीरों का वंदन अभिनंदन होगा। बेहतर कार्य करने वाले पुलिस बल, सशस्त्र पुलिस बल, शहीदों के आश्रितों को सम्मान किया जाएगा। इस बार भी ध्वजारोहण के दौरान पुष्प वर्षा की जाएगी। 15 अगस्त को ध्यान में रखते हुए विधानभवन समेत अन्य सार्वजनिक स्थल, ऐतिहासिक स्थल, इमारत में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और होटलों में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस कमिश्नरेट ने कमर कस रखी है।

सीएम योगी ने साफ शब्दों में चेताया, महिलाओं व बालिकाओं से संबंधित अपराधों में हीलाहवाली करने वालों पर गिरेगी गाज
लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त दिखाई दे रहे है। इसीलिए सीएम योगी ने महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित अपराधों के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों कड़ी फटकार लगायी है साथ ही सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। माना जा रहा है कि सीएम योगी के अल्टीमेटम के बाद भी सुधार न होने पर कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वैसे तो उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश में पहले स्थान पर है।

महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण में यूपी पहले स्थान पर

सीएम योगी ने हाल ही में कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। जिसमें अधिकारियों ने सीएम योगी के सामने आईटीएसएसओ पोर्टल के आधार पर 1 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश भर के राज्यों में पहले स्थान पर है।वहीं अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर सीएम को बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों के अधिकारी निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं हैं। रिपोर्ट में उनकी लापरवाही सामने आयी है।

लापरवाह पुलिस अधिकारियों को सुधरने का एक माह का दिया मौका

इस पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे अधिकारियों (एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर) को एक माह में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही अधिकारियों को एक माह बाद लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट शासन को उपब्लध कराने के निर्देश दिये हैं। माना जा रहा है कि यदि लापरवाह अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होता है तो उन पर गाज गिर सकती है। अधिकारियों के अनुसार इन जिलों में निस्तारण का रेश्यो 80 से 90 प्रतिशत के बीच है जबकि सीएम योगी महिला एवं बच्चियों संबंधी अपराधों के निस्तारण का रेश्या शत-प्रतिशत चाहते हैं।

सही काम न करने वालों पर सीएम ने जताई नाराजगी

गृह विभाग के इंवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (आईटीएसएसओ) पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज कमिश्नरेट का कॉम्प्लाएंस रेट क्रमश: 80.48 प्रतिशत है। वहीं प्रतापगढ़ का कॉम्प्लाएंस रेट 84.31 प्रतिशत, कानपुर देहात का 85.37 प्रतिशत और चित्रकूट का 86.27 प्रतिशत है। इस पर सीएम योगी ने बेहद नाराजगी जाहिर की है। सीएम ने इन जिलों के अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधों पर लगाम लगाने के साथ दर्ज मामलों में कम से कम समय में आराेपियों को सजा दिलाने के निर्देश दिये हैं। इसी तरह बरेली में महिला अपराध संबंधी 2997 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 8 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.27 प्रतिशत है।


अलीगढ़ में 1910 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 6 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.31 प्रतिशत है। सुल्तानपुर में 952 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 3 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.32 प्रतिशत है। फतेहगढ़ में 767 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 2 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.26 प्रतिशत है। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्राथमिकता के आधार पर पेंडिंग मामलों का निस्तारण किया जाए। उन्होंने इसको लेकर वह एक माह बाद भी समीक्षा करेंगे अगर स्थिति संतोषजनक नहीं मिली तो बेपरवाह अधिकारियाें के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

अमरोहा का डिस्पोजल रेट 97.81 प्रतिशत तो बाराबंकी का 98.04 प्रतिशत

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अमरोहा में महिला अपराध संबंधी 1142 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 1117 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका डिस्पोजल रेट 97.81 प्रतिशत है। बाराबंकी में 1580 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 1549 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका डिस्पोजल रेट 98.04 प्रतिशत है। लखनऊ कमिश्नरेट में 2686 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 2636 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका डिस्पोजल रेट 98.13 प्रतिशत है। इसी तरह प्रतापगढ़ में 1246 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 1223 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका डिस्पोजल रेट 98.15 प्रतिशत है। बरेली में 2997 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 2942 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका डिस्पोजल रेट 98.16 प्रतिशत है।

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में मौजूद गृह विभाग के अधिकारियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब अगली बैठक हो तो इनमें सुधार होना चाहिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन मामलों में जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है इन पर खासा फोकस किया जाए। इसकी बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उनपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
पीडीए के लिए संविधान संजीवनी है, तो आरक्षण प्राणवायु: अखिलेश यादव


लखनऊ । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरक्षण के भीतर आरक्षण के मुद्दे पर अपनी पार्टी की लाइन स्पष्ट कर दी है। उन्होंने जारी बयान कहा कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए, न कि उस समाज का विभाजन या विघटन। इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है।

उन्होंने कहा कि पीडीए के लिए संविधान संजीवनी है, तो आरक्षण प्राणवायु।अखिलेश का यह बयान आरक्षण के उप वर्गीकरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले को देखते हुए अहम माना जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करके आरक्षण के भीतर आरक्षण ( उप वर्गीकरण) का विरोध करते हुए इस मामले में सपा और कांग्रेस की नीयत भी साफ न होने की बात कही थी।

अखिलेश यादव ने रविवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से नहीं पाटी जा सकती। आरक्षण शोषित, वंचित समाज को सशक्त व सबल करने का सांविधानिक मार्ग है। इसी से बदलाव आएगा। इसके प्रावधानों को बदलने की जरूरत नहीं है।


उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है। जब पीडीए के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है।