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Apr 29 2024, 14:54

अमेरिका में तेज हुआ इजरायल विरोधी प्रदर्शन, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लगाया गया फिलीस्तीन का झंडा

#anti_israel_protesters_at_us_universities

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलीस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। अमेरिका की 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया।यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड के स्टैच्यू के ऊपर जहां अमेरिका का झंडा फहराया जाता है, वहां रविवार को फिलिस्तीनी झंडा दिखा।

गाजा में इजरायल के हमलों के विरोध में अमेरिका में बवाल मचा हुआ है।गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इजराइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका की शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन वाला आंदोलन फैलता जा रहा है।30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं।कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारियां की गई हैं।न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक देशभर में अब तक 900 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

इस बीच इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जॉन हॉवर्ड के उस मूर्ति के ऊपर फिलीस्तीन का झंडा फहराया जहाँ सिर्फ और सिर्फ अमेरिका झंडे को ही फहराने की अनुमति होती है।यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।"

इस हरकत की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में अलग-अलग समय पर मूर्ति के हाथ में झंडा और फिर सिर के ऊपर झंडा साफ देखा जा सकता है। 

बता दें कि इस समय अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी इंडियाना यूनिवर्सिटी, अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित कई यूनिवर्सिटियों में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे हैं। हावर्ड की घटना से पहले सदर्न कैनिफोर्निया कैंपस में सैंकड़ों छात्रों ने टेंट लगाकर प्रदर्शन किया था।

लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया में रविवार को फिलिस्तीन और इजराइल समर्थक गुटों में झड़प भी हुई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में दोनों गुटों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए बैरियर लगाया गया था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी हुई। विरोध प्रदर्शनों पर रविवार को व्हाइट हाइस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को मामले से जुड़े अपडेट्स दिए जा रहे हैं। हालांकि, मामले को संभालने की जिम्मेदारी फिलाहल लोकल प्रशासन पर ही छोड़ी गई है।

बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कैंप उखाड़ दिए। इस दौरान 100 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलजजीरा के मुताबिक यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'यहूदियों की हत्या करो' के भी नारे लगाए। यह लाइन क्रॉस करने जैसा था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शन कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक भी पहुंच गए हैं। कनाडा की मेकगिल यूनिवर्सिटी में शनिवार को छात्रों ने गाजा में नरसंहार रोकने की मांग के साथ कैंपिंग की। वहीं सिडनी की यूनिवर्सिटी में टेंट लगे नजर आए।

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Apr 19 2024, 09:02

इजराइल ने ले लिया अपना बदला, ईरान पर दागी मिसाइलें

#israel_fires_missiles_at_iran

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। रविवार के शुरुआती घंटों में इजरायल पर ईरान ने हमला किया था। अब इजरायल ने ईरान से बदला लेना शुरू कर दिया है। इजरायल ने ईरान पर मिसाइल दागे हैं। बता दें कि शनिवार को ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स से हमला किया था। जिसके बाद इजराइल ने भी पलटवार किया है और ईरान पर मिसाइलों से हमला किया है।ईरान के शहर इस्फहान में धमाकों की आवाज सुनाई दी है और ईरान ने अपने वायु क्षेत्र में सभी फ्लाइट के आने जाने पर रोक लगा दी है।

दोनों देशों में तनाव की शुरुआत 1 अप्रैल को हुई थी। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास पर हमला किया था। इसके बाद 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर पलटवार किया और अब इजराइल ने उस हमले का जवाब दिया है।ईरान की फारस न्यूज एजेंसी ने भी दावा किया है कि ईरान के शहर इसाफान के एयरपोर्ट में धमाके की आवाज सुनी गई है। बता दें कि ईरान के कई परमाणु ठिकाने इसाफान प्रांत में ही स्थित हैं, जिनमें ईरान में यूरेनियम संवर्धन का प्रमुख केंद्र भी यहीं पर मौजूद है।

ABC News की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारी के हवाले से यह दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि इजरायली मिसाइल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाकर दागी गई हैं। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि उत्‍तरी इजरायल के अरब अल-अरामशे में इमर्जेंसी सायरन बजाया गया है। आमतौर पर इसके जर‍िये आम लोगों और स्‍थानीय प्रशासन को सतर्क किया जाता है।

हमले के बाद ईरान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। ईरानी सोशल मीडिया पर आए फुटेज में दिख रहा है कि इमाम खुमैनी इंटरनेशनल हवाी अड्डे पर घोषणआ की जा रही है, जिसमें यात्रियों को बताया जा रहा है कि सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यात्रियों को हवाई अड्डा छोड़ने को कहा गया है। इसके अलावा तेहरान आने वाले विमानों को भी डायवर्ट कर दिया गया है।

बता दें कि इजरायल पर ईरान के बीच संघर्ष के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। दरअसल, सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हमला हुआ था। इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी।0 मारे गए लोगों में सीरिया और लेबनान में ईरान के विशिष्ट कुद्स बल के सीनियर कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी भी शामिल थे। 

हालांकि इजरायल ने 1 अप्रैल को हुई एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था और शनिवार को ईरान ने 300 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला था। हालांकि, इनमें से 99 प्रतिशत को इजरायल ने एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हवा में ही मार गिराया गया। ईरानी हमले को रोकने में इजरायल की मदद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ ही पड़ोसी मुस्लिम देश जॉर्डन ने भी की। ईरान के इस हमले के बाद से ही इजराइल के पलटवार की आशंका जताई जा रही थी। अब इजराइल ने इसका जवाब दे दिया है।

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Apr 16 2024, 11:45

ईरान के खिलाफ मिडिल ईस्ट में अकेला नहीं इजराइल, ये मुस्लिम देश खड़े हैं साथ*
#muslim_countries_altercation_over_iran_attack_on_israel ईरान के अचानक ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे पश्चिमी देश इजराइल के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। यही नहीं, कुछ मुस्लिम देशों ने भी खुलकर इजरायल का साथ दिया है। ईरान की तरफ से सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों को इजरायल की तरफ दागे हैं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल ने हवा में मार गिराने का दावा किया है। अब द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इजरायल पहले से ही ईरान के हमलों के लेकर तैयार था, क्योंकि अरब देशों ने चुपचाप तेहरान की हमले की योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी दे दी थी। इजरायल के पड़ोसी जॉर्डन ने ईरानी हमले को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तो क्षेत्र के बड़े और प्रभावशाली मुस्लिम देश सऊदी अरब ने भी इसमें मदद की है। इजरायल की सेना करीब 7 महीने से गाजा के मैदान में युद्ध लड़ रही है। मुस्लिम देशों की आंख की किरकिरी बन चुके इजरायल को शायद ही कोई मुस्लिम देश साथ देने की सोचता हो। लेकिन जिस तरह का हमला ईरान ने इजरायल पर बोला है, उसके बाद अब मुस्लिम देश दो फाड़ दिखाई दे रहे हैं। ईरान के हमले का मुस्लिम देश समर्थन कर रहे हैं तो कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी हैं जिन्होंने ईरान के हमले की निंदा भी की। इनमें सबसे बड़ा और पहला नाम जॉर्डन है और दूसरा सऊदी अरब। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अरब देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को लड़ाकू विमानों के लिए खोल दिया, रडार निगरानी जानकारी साझा की और कुछ मामलों में, मदद के लिए अपनी सेनाओं की सेवाएं भी प्रदान कीं। सऊदी और मिस्र के अधिकारियों ने बताया कि ईरान के हमला करने का निर्णय लेने के बाद, अमेरिकी अधिकारियों ने क्षेत्रीय अरब सरकारों पर तेहरान की योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने के साथ-साथ इजरायल की ओर लॉन्च किए गए ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में सहायता करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया था। टाइम्स ऑफ इजरायल ने इजरायली सेना के सूत्र के हवाले से बताया है कि जॉर्डन के जेट विमानों ने उत्तरी और मध्य जॉर्डन से होकर इजरायल की ओर आने वाले दर्जनों ड्रोन को मार गिराया। जॉर्डन की तरफ से इजरायल की मदद के लिए अपने जेट भेजना एक बड़ा कदम है, क्योंकि अम्मान इसके पहले गाजा में अभियान के लिए इजरायल की भारी आलोचना की है। सूत्रों का कहना है कि ड्रोन जॉर्डन घाटी की ओर हवा में उतारे गए थे और यरूशलम की ओर जा रहे थे। अन्य को इराकी-सीरियाई सीमा के करीब रोक लिया गया। वे कोई और विवरण नहीं देते। इजरायल की मीडिया के मुताबिक, जॉर्डन के जेट विमानों ने उत्तरी और मध्य जॉर्डन से होकर इजरायल की ओर आने वाले दर्जनों ड्रोन को मार गिराया। जबकि इससे पहले गाजा युद्ध के दौरान जॉर्डन इजरायल के खिलाफ खड़ा रहा। जानकार मानते हैं कि अब स्थिति बदली हुई है। सऊदी अरब ने भी ईरान के हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे संघर्ष बढ़ेगा जो दुनिया के लिए अच्छा नहीं है। इससे भी स्पष्ठ है कि ईरान की कार्रवाई से सऊदी अरब खफा है। इसके अलावा बाकी मुस्लिम देशों ने भी ईरान के इस हमले की कार्रवाई पर चुप्पी साध रखी है। इस हमले के बाद मुस्लिम देशों में फूट पड़ना ईरान के लिए अच्छा संकेत नहीं है। जिससे ईरान की टेंशन जरूर बढ़ेगी।

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Apr 16 2024, 10:29

ईरान के साथ तनाव के बीच इजराइल की बड़ी अपील, कहा- भारत को पश्चिम एशिया में स्थिरता लाने का प्रयास करना चाहिए*
#israel_iran_tensions_israeli_said_india_should_impose_its_influence_to_normalize_situation सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले को लेकर ईरान इजराइल पर बौखलाया हुआ है। इस हमले की जवाबी कर्रवाई करते हुए ईरान ने शनिवार को सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन इजराइल के आसमान में दागे। इजरायल ने हर बार अपने दुश्मनों को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि वह इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया। इस हालात में दुनियाभर की नजर इजराइल के अगले कदम पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इजराइल अपना बदला ले कर रहेगा। हालांकि ईरान के हमले को दो दिन बीत चुके हैं पर इजराइल अभी खामोश बना हुआ है। अब ये कहना मुश्किल है कि ये आने वाले तूफान के पहले की खामोशी है या इजराइल पर अपने दोस्त अमेरिका की चेतावनी का असर है। ईरान के साथ जारी तनाव के बीच इजरायल ने अपने 'दोस्त' भारत से मदद की अपील की है। नई दिल्ली में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि हम पश्चिम एशिया में शांति के लिए भारत से ईरान को रोकने की उम्मीद करते हैं। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार (15 अप्रैल) को कहा कि इजरायल मजबूत और परिस्थिति के अनुसार ढलने में सक्षम है और वह ईरान के हालिया हमले के बाद जरूरत पड़ने पर उसका मुकाबला करेगा। उन्होंने कहा कि भारत को पश्चिम एशिया क्षेत्र में स्थिरता लाने में भूमिका निभानी चाहिए। इजरायली राजदूत से पूछा गया कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मामले में दोनों देशों के अपने समकक्षों के साथ टेलीफोन पर बात की है। ऐसी स्थिति में वग भारत से किस भूमिका की अपेक्षा करते है। इस पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि एक मित्र के रूप में हम भारत से यह उम्मीद करते हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बहुत मजबूत होकर यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान पश्चिम एशिया में अपनी अस्थिरता को रोके। उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि एक क्षेत्र के रूप में पश्चिम एशिया भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उस क्षेत्र में लाखों भारतीय काम करते हैं. उसके (क्षेत्र में) कई व्यापारिक संबंध हैं। संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर के साथ मजबूत संबंध हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत ईरान को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हिस्से के रूप में सक्रिय भूमिका निभाए। राजदूत ने कहा, ईरान इस व्यवहार को जारी नहीं रख सकता, अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम ईरान का मुकाबला करेंगे। यह हमारी पसंद नहीं है। हम यहां केवल जवाब दे रहे हैं और हमें जवाबी कार्रवाई करने या ईरान को यह संदेश भेजने के लिए संभवत: उचित समय मिल जाएगा कि यह अस्वीकार्य है। बातचीत के दौरान गिलोन ने कहा कि ईरान ने 350 मिसाइलों और ड्रोन से इजरायल के ऊपर हमला किया था। उन्होंने 99 प्रतिशत मिसाइलों और ड्रोन को रोकने के लिए अमेरिका और क्षेत्र के दूसरे दोस्तों के साथ इजरायल की एयर डिफेंस और वायु सेना की विशाल क्षमता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ। इजरायल के दक्षिण में केवल एक 7 साल की बच्ची घायल हुई है और उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ठीक हो जाएगी। बता दें कि इजरायल पर ईरान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमला किए जाने के बाद भारत ने रविवार को कहा था कि वह दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर अत्यंत चिंतित है और हमले से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है।

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Apr 15 2024, 12:12

ईरान-इजरायल के बीच बने युद्ध के हालात, जानें भारत समेत पूरी दुनिया पर क्या होगा असर

#whateffectwillthewarbetweeniranandisraelhaveon_india

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालात बन गए हैं। दरअसल, ईरान ने इजरायल पर शनिवार देर रात सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिलाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। इस हमले के बाद से मध्‍य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध तेज होने की आशंका से पूरी दुनिया सहमी हुई है। युद्ध बढ़ने की आशंकाओं से दुनिया में महंगाई की टेंशन फिर बढ़ चुकी है। वहीं अंदेशा है कि आने वाला दिन ग्‍लोबल शेयर बाजार और अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए अच्‍छा नहीं होने वाला है। साथ ही कई देशों के आयात-निर्यात कारोबार भी प्रभावित हो सकते हैं।इसके अलावा, सोने के दाम में भी उछाल आ सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होता है तो आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है।

ईरान और इजरायल के भू-राजनीतिक तनाव का असर पूरी दुनिया दिख सकता है, खासकर तेल की कीमतों में इजाफे के रूप में।अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का दाम पहले ही 91 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच चुका है, जो इसका पिछले 6 महीने का सबसे उच्च स्तर है। ईरान दुनियाभर के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक है।ऐसे में अगर ईरान और इजरायल का तनाव युद्ध में तब्दील होता है, तो इसका ऑयल प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ेगा।

युद्ध की आशंका से भारत भी “भयभीत”

युद्ध की आशंका ने भारत को भी डरा दिया है। युद्ध के हालात से भारत के आर्थिक हित भी दांव पर हैं। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का असर आर्थिक संबंधों पर पड़ सकता है। ईरान के साथ भारत की बढ़ती आर्थिक भागीदारी, इसमें विशेषकर चाबहार बंदरगाह विकास परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। यह बंदरगाह इस क्षेत्र में व्यापार मार्गों और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है। ईरान-इजरायल युद्ध की आशंका को देखते हुए इसका असर महंगाई पर भी पड़ सकता है। कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की तेजी के पीछे यही संकट अहम माना जा रहा है। इसका असर महंगाई पर पड़ सकता है। साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन भी इससे प्रभावित हो सकती है।

भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक

भारत कच्चे तेल का सबसे अधिक आयात और उपभोग करने वाले देशों में से एक है। ऐसे में पश्चिम एशिया के तनाव का हम पर सीधा असर पड़ेगा। हमारी तेल आपूर्ति खतरे में आ सकती है। भारत फिलहाल करीब 40 देशों से अपनी जरूरत का 90 प्रतिशत तेल आयात करता है। देश में रोजाना 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की पहली छमाही की बात करें, तो भारत ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से खरीदा। उसके बाद इराक और सऊदी अरब का नंबर था। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां अधिकतर देशों ने रूस से तेल खरीदना कम कर दिया, वहीं भारत लगातार उससे सस्ते भाव क्रूड ऑयल खरीद रहा है।

दोनों देशों के साथ कारोबार होंगे प्रभावित

भारत के दोनों ही देशों से कारोबारी संबंध है। ईरान और इजरायल के साथ पिछले साल भारत ने करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया था। ईरान के साथ भारत ने 20800 करोड़ का कारोबार किया। भारत मुख्‍यत: ईरान को चाय, कॉफी, बासमती चावल और चीनी का निर्यात करता है। भारत से ईरान को पिछले साल 15300 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। वहीं, ईरान से भारत ने पेट्रोलियम कोक, मेवे और कुछ अन्‍य चीजें आयात की। इनका मूल्‍य 5500 करोड रुपये था। साल 2023 में भारत का इजरायल के साथ 89 हजार करोड रुपये का कारोबार रहा। भारत ने ईरान को 70 हजार करोड रुपये का माल और सेवाओं का निर्यात किया।

सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका

ईरान-इजरायल संघर्ष से सप्लाई चेन भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि ईरान स्वेज नहर को बंद करने की अपनी धमकी पर कायम है। स्वेज नहर रूट से फारस की खाड़ी के देशों से खनिज तेल भेजा जाता है। वहीं भारत और अन्य एशियाई देशों से चाय, जूट, कपास, मसाले और चीनी जैसी चीजों का पश्चिमी यूरोपीय देशों के साथ उत्तरी अमेरिका में निर्यात होता है। पश्चिमी देशों भी इसी रास्ते से केमिकल, इस्पात, दवाएं और गाड़ियां और वैज्ञानिक उपकरण आदि भेजते हैं। अगर यह रूट बंद होता है, तो वैश्विक व्यापार को बड़ा झटका लगेगा। दुनियाभर में महंगाई में भीषण इजाफा भी हो सकता है।

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Apr 15 2024, 11:31

ईरान से बदले की तैयारी में इजराइल, मिडिल ईस्ट में खुल सकता है एक और वॉर जोन

#israelretaliatetoiranattackwithinnext2448_hours

कभी यूक्रेन और रूस का युद्ध तो कभी इजरायल और हमास के बीच जंग और अब ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बाद युद्ध की आशंका से पूरी दुनिया सहमी हुई है। ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला है। जिसके बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। इजराइल ने ईरान से बदला लेने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि अगले 24-48 घंटों में इजराइल कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है। इस बीच ईरान के प्रमुख नेता खामेनेई ने अमेरिका को चुनौती दी है कि जंग और भीषण होगी। ऐसे में साफ है कि इजराइल ने हमला किया तो ईरान विध्वंसक बदले से भी पीछे नहीं हटेगा। ऐसे हालात में एक और मोर्चे पर युद्ध शुरू हो सकता है।

बता दे कि शनिवार को ईरान ने 300 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला। हालांकि, इनमें से 99 प्रतिशत को इजरायल ने एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हवा में ही मार गिराया गया। ईरानी हमले को रोकने में इजरायल की मदद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ ही पड़ोसी मुस्लिम देश जॉर्डन ने भी की। अब ईरानी हमले के बाद इजरायल क्या प्रतिक्रिया देगा, सारी दुनिया की नजर इस पर है। इजरायल के प्रमुख राजनेताओं के बीच रविवार को इस बात पर चर्चा होती रही कि ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इजरायल का अगला कदम क्या होना चाहिए।

कब और कैसे हमला करेगा इजराइल?

ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले को नाकाम करने के बाद इजरायल अब जवाबी तैयारी कर रहा है। रविवार को इजराइल की वॉर कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में पीएम नेतन्याहु, रक्षा मंत्री गैलेंट, कैबिनेट मिनिस्टर बेनी गैंज इस बात पर तो एकमत रहे कि ईरान को करारा जवाब दिया जाएगा।

यरूशलम पोस्ट की खबर के अनुसार, इजरायल की वार कैबिनेट के सदस्य और बिना पोर्टपोलियो वाले मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। एक वीडियो बयान में कहा कि इजरायल ईरान के खिलाफ हमले का तुरंत जवाब नहीं देगा। गैंट्स ने कहा, ईरान के खिलाफ हम एक क्षेत्रीय गठबंधन बनाएंगे और अपने हिसाब से सही समय पर इस हमले की कीमत वसूलेंगे। गैंट्ज से हमले को नाकाम करने को एक रणनीतिक उपलब्धि बताया जिसका इजरायल को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लाभ उठाना चाहिए।

बता दें कि वॉर कैबिनेट ने अटैक और डिफेंस के लिए अपने प्लान को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि ईरान पर इजराइल कब हमला करेगा? सीधा हमला करेगा या कुछ और तरकीब अपनाएगा। उधर, इजराइल के जवाबी हमले को लेकर ईरान अलर्ट पर है।

अमेरिका ने किया आगाह

बता दें कि अमेरिका के मनाही के बावजूद इजराइल ने ईरान के हमले का जवाब देने का फैसला किया है। दरअसल, ईरानी के हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली पीएम नेतन्याहू से बात की। इस दौरान बाइडेन ने इजराइल को सुरक्षा का भरोसा दिया।इजरायल को आगाह किया है कि वह ईरान के खिलाफ इजरायल की अगली कार्रवाई में साथ नहीं देगा। राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक स्पष्ट संदेश भेजा है। ईरान के हमले को विफल कर दिया गया है। इजराइल की जीत हुई है। इसलिए ईरानी धरती पर सीधा सैन्य हमला करके इस और बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

मिडिल ईस्ट में जंग की आहट

इजरायल के सामने मुश्किल यह है कि एक तरफ उसका सबसे बड़ा सहयोगी अमेरिका उससे शांति की अपील कर रहा है, तो वहीं इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान में कई हार्डलाइनर हैं जो ईरान पर मजबूती से हमला किए जाने पर जोर दे रहे हैं। नेतन्याहू के गठबंधन सहयोगी सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गविर ने ईरान पर हमले में देरी को खोखला पश्चिमी विचार कहा है। तेल अवीव के नेताओं के बयानों से साफ है कि ईरान को इजरायल जवाब देगा। इसका मतलब है कि इजरायल का अगला कदम मध्य पूर्व में जंग शुरू कर देगा।

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Apr 13 2024, 10:08

ईरान जल्द ही इजरायल पर करेगा हमला’ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी चेतावनी, भारत में भी अलर्ट जारी

#us_president_joe_biden_says_he_expects_iran_will_attack_israel_sooner

रूस-युक्रेन वॉर के बाद हमास-इजराइल के बीच जंग जारी है। इस बीच एक और युद्ध छिड़ता दिख रहा है। बताया जा रहा कि ईरान इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस युद्ध की आशंका जताते हुए अलर्ट किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें आशंका है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि इजरायल पर ईरान का हमला कब होगा, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं इस जानकारी की डिटेल में नहीं जाना चाहता, लेकिन मेरी उम्मीद हमला जल्द से जल्द होने की है।' उनसे जब पूछा गया कि उनके पास ईरान के लिए क्या संदेश है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मत करो।'

पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या अमेरिकी सैनिक खतरे में हैं। इसे लेकर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हम इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित। हम इजरायल का समर्थन करेंगे, हम इजरायल की रक्षा में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा।'

वहीं तनाव के बीच भारत ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करने को कहा. विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीयों को सलाह दी है कि अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी गतिविधियां कम से कम रखें. परामर्श में कहा गया है कि क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि अगले नोटिस तक ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करें।

बता दें कि एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। ईरान इस हमले का आरोप इजराइल पर लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इजराइल को सजा दी जानी चाहिए। उस पर इजराइली विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर ईरान हमला करता है तो हम कड़ा जवाब देंगे।

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Apr 11 2024, 10:13

हमास के टॉप लीडर हानिया के 3 बेटों की इजराइली हमले में मौत, आईडीएफ ने कहा-तीनों आतंकी थे

#israel_kills_three_sons_of_hamas_chief_haniyeh_in_gaza_air_strike 

इजराइल के हमले में बुधवार देर रात हमास चीफ इस्माइल हानिया के तीन बेटों की मौत हो गई। 'टाइम्स ऑफ इजराइल' की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा के अल-शती कैंप के पास एक कार पर एयरस्ट्राइक की। इसमें इस्माइल हानिया के तीन बेटों, 3 पोतियों और एक पोते की मौत हो गई। मौत की पुष्टि खुद हानिए ने की है।इस्माइल हानिया ने कहा है कि इजरायल ने प्रतिशोध की भावना से उसके तीन बेटों की हत्या कर दी है। 

हमास मीडिया ने बताया कि इजरायल ने गाजा के अल-शती कैंप में एक कार पर एयर स्ट्राइक की। उस हमले में कार सवार उसके बेटे हाजेम, अमीर और मोहम्मद मारे गए। इजरायल ने आतंकी संगठन हमास को बड़ा झटका देते हुए उसके सरगना इस्माइल हानिये के 3 बेटों और पोतों को मार गिराया है। इजरायल ने ऑपरेशन के लिए एयर स्ट्राइक का इस्तेमाल किया।

हानिया ने कहा कि उसके बेटों की हत्या प्रतिशोध की भावना से की गई और इसके लिए किसी भी नियम या मानवाधिकार का पालन नहीं किया गया। हानिया ने कहा, उसके बेटे यरुशलम और अल अक्सा मस्जिद को आजाद कराने की राह पर चलते हुए शहीद हुए हैं। उसने कहा कि इन मौतों से हमास की गतिविधियों और हौसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हमास अपने उद्देश्यों के लिए पूर्व की भांति संघर्ष करता रहेगा। 

हानिया कतर में निर्वासन में रह रहा है। हमास के अल-अक्सा टीवी स्टेशन ने दोहा के एक अस्पताल में पहुंचाए गए घायल फिलिस्तीनियों से मिलने के दौरान हनिया को उसके परिवार में हुई मौतों की खबर दी। हनिया ने अपना सिर हिलाया, नीचे जमीन की ओर देखा और धीरे से कमरे से बाहर चला गया। हनिया ने बुदबुदाते हुए कहा कि ईश्वर के अलावा कोई शक्ति या ताकत नहीं है।

वहीं, इजराइली सेना का कहना है कि हानिया के तीनों बेटे आतंकी थे। सेना के मुताबिक, अमीर हानिया हमास सैन्य विंग में एक स्क्वाड कमांडर था। वहीं, हाजेम और मोहम्मद हानिया सैन्य विंग में ऑपरेटिव्स थे। तीनों सेंट्रल गाजा में हमला करने के लिए जा रहे थे। इनमें से एक इजराइलों को बंधक बनाने में भी शामिल था।

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Apr 06 2024, 11:41

इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी में ईरान! मोसाद की चेतावनी के बाद लड़ाकू दस्ते और वायुसेना अलर्ट, पूरे देश में जीपीएस ब्लॉक

#iran_ready_to_launch_missile_and_drone_attack_on_israel

दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद ईरान “गुस्से में लाल” है। ईरान अपने कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए उतावला है। ईरानी राष्ट्रपति के तेवर देख कर भी यही लग रहा है कि ईरान किसी भी वक्त इजराइल पर हमला कर सकता है। इधर, मोसाद ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर सकता है। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इजराइल में जीपीएस ब्लॉक कर दिया गया है ताकि मिसाइल या ड्रोन हमले को निष्क्रिय किया जा सके।

ईरान ने सोमवार को सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है। ईरानी दूतावास पर हुए हमले के पीछे व्यापक रूप से इजराइल का हाथ माना रहा है। ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के मिसाइल हमले के जवाब में तेहरान को कार्रवाई करने का अधिकार है। जिसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक वरिष्ठ जनरल सहित 13 लोग मारे गए थे। हालांकि इसराइल ने इस हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उनके पास खुफिया जानकारी है जो संकेत देती है कि ईरान "लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों या ड्रोन" का उपयोग करके अपने क्षेत्र से देश पर हमला कर सकता है। माना जाता है कि बुधवार को इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच फोन पर बातचीत के दौरान कथित खतरे पर विस्तार से चर्चा हुई। कथित तौर पर दोनों पक्षों ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि संभावित ईरानी प्रतिशोध के लिए सबसे अच्छी तैयारी कैसे की जाए।

लेबनानी न्यूज आउटलेट अल-मायदीन के मुताबिक अमेरिका ने हमले के जवाब में ईरान से अपनी प्रॉपर्टी को निशाना न बनाने की अपील की है। बता दें क्षेत्र में अमेरिका के कई बेस और दूसरे एसिट मौजूद हैं। गाजा जंग में इजराइल का बिना शर्त साथ देने की वजह से अमेरिका को डर है कि कहीं हमलों के जवाब में ईरान उसके बेस को निशाना न बनाए। ईरानी प्रेसीडेंसी ऑफिस से जुड़े मोहम्मद जमशीदी ने खुलासा किया कि तेहरान ने अमेरिका को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है, अगर अमेरिका ऐसा करता रहा तो इसका खामयाजा वाशिंगटन को भुगताना पड़ सकता है।

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Apr 05 2024, 15:30

बाइडेन ने एक फोन पर नरम पड़े नेतन्याहू, छह महीने बाद गाजा के साथ क्रॉसिंग खोला

#israelopensgazaerezcrossinghamaswaruswarning

हमास और इस्राइल के बीच कई माह से जंग जारी है। इस युद्ध को रुकवाने के लिए कोशिशें जारी है, लेकिन फिर भी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान अब तक की सबसे बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है। पहले की तुलना में अब इजराइल के रुख में लचीलापन देखने को मिल रहा है। इजराइल की तरफ से शुक्रवार को कहा गया है कि वह गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए कदम उठा रहा है। जिसमें बुरी तरह प्रभावित उत्तरी गाजा की एक सीमा को फिर से खोलना भी शामिल है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने योजनाओं की घोषणा की।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक-दूसरे से फोन पर बातचीत की। जिसके बाद नेतन्याहू के रूख में नर्मी देखी जा रही है।

इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने 7 अक्टूबर के हमास हमलों के बाद पहली बार इजरायल और उत्तरी गाजा के बीच इरेज़ क्रॉसिंग को फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है। सीएनएन के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इज़रायली अधिकारी ने कहा कि गाजा में अधिक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए क्रॉसिंग को खोला जाएगा। कैबिनेट ने गाजा में अधिक सहायता पहुंचाने में मदद के लिए इजरायली बंदरगाह अशदोद का इस्तेमाल करने की भी मंजूरी दे दी। इरेज क्रॉसिंग, एक पैदल यात्री मार्ग है। यह उन बॉर्डर प्वाइंट्स में से एक है जिसका उल्लंघन 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों ने इजरायल पर हमला करने के लिए किया था।

बाइडन और नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई बातचीत

इजराइल की तरफ से यह घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद की गई है। इससे पहले फोन पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि गाजा में युद्ध के लिए भविष्य का अमेरिकी समर्थन नागरिकों और सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए इजराइल की ओर से और अधिक कदम उठाए जाने पर निर्भर करेगा। 

बता दें कि मतभेदों के बावजूद, बाइडन प्रशासन ने हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध के लिए इजराइल को महत्वपूर्ण सैन्य सहायता और राजनयिक समर्थन प्रदान करना जारी रखा है।

सात अक्तूबर को हमास ने किया था हमला

बता दें, इजराइल और हमास के बीच युद्ध लगातार जारी है। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। सात अक्तूबर से लेकर अब तक 30 हजार से अधिक लोगों की इस संघर्ष में मौत हो चुकी है। वहीं, हमास के बाद इजराइली सेना भी कार्रवाई करते हुए बिना रुके हमले कर रही है। इजराइल ने गाजा में जमीन, हवाई, समुद्र समेत सभी यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। पहले लोगों की आवाजाही के लिए इरेज और माल के लिए केरेम शालोम बॉर्डर थे।

इस कारण इजराइल की हो रही आलोचना

गौरतलब है कि गाजा में एक इजरायली हवाई हमले में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ के 7 अंतरराष्ट्रीय सहायताकर्मियों की मौत हो जाने के बाद इजरायल की दुनिया भर में आलोचना हो रही हैं। यह सभी लोग गाजा में फूड सप्लाई के काम में लगे थे। हमले में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, पोलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के वर्ल्ड सेंट्रल किचन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उनका एक फिलिस्तीनी सहयोगी मारा गया। इजराइल का कहना है कि हमला एक गंभीर गलती थी और उसने माफी मांगी है। इसमें स्वतंत्र जांच का भी वादा किया गया है।

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Apr 29 2024, 14:54

अमेरिका में तेज हुआ इजरायल विरोधी प्रदर्शन, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लगाया गया फिलीस्तीन का झंडा

#anti_israel_protesters_at_us_universities

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलीस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। अमेरिका की 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया।यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड के स्टैच्यू के ऊपर जहां अमेरिका का झंडा फहराया जाता है, वहां रविवार को फिलिस्तीनी झंडा दिखा।

गाजा में इजरायल के हमलों के विरोध में अमेरिका में बवाल मचा हुआ है।गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इजराइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका की शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन वाला आंदोलन फैलता जा रहा है।30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं।कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारियां की गई हैं।न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक देशभर में अब तक 900 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

इस बीच इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जॉन हॉवर्ड के उस मूर्ति के ऊपर फिलीस्तीन का झंडा फहराया जहाँ सिर्फ और सिर्फ अमेरिका झंडे को ही फहराने की अनुमति होती है।यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।"

इस हरकत की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में अलग-अलग समय पर मूर्ति के हाथ में झंडा और फिर सिर के ऊपर झंडा साफ देखा जा सकता है। 

बता दें कि इस समय अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी इंडियाना यूनिवर्सिटी, अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित कई यूनिवर्सिटियों में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे हैं। हावर्ड की घटना से पहले सदर्न कैनिफोर्निया कैंपस में सैंकड़ों छात्रों ने टेंट लगाकर प्रदर्शन किया था।

लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया में रविवार को फिलिस्तीन और इजराइल समर्थक गुटों में झड़प भी हुई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में दोनों गुटों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए बैरियर लगाया गया था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी हुई। विरोध प्रदर्शनों पर रविवार को व्हाइट हाइस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को मामले से जुड़े अपडेट्स दिए जा रहे हैं। हालांकि, मामले को संभालने की जिम्मेदारी फिलाहल लोकल प्रशासन पर ही छोड़ी गई है।

बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कैंप उखाड़ दिए। इस दौरान 100 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलजजीरा के मुताबिक यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'यहूदियों की हत्या करो' के भी नारे लगाए। यह लाइन क्रॉस करने जैसा था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शन कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक भी पहुंच गए हैं। कनाडा की मेकगिल यूनिवर्सिटी में शनिवार को छात्रों ने गाजा में नरसंहार रोकने की मांग के साथ कैंपिंग की। वहीं सिडनी की यूनिवर्सिटी में टेंट लगे नजर आए।

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Apr 19 2024, 09:02

इजराइल ने ले लिया अपना बदला, ईरान पर दागी मिसाइलें

#israel_fires_missiles_at_iran

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। रविवार के शुरुआती घंटों में इजरायल पर ईरान ने हमला किया था। अब इजरायल ने ईरान से बदला लेना शुरू कर दिया है। इजरायल ने ईरान पर मिसाइल दागे हैं। बता दें कि शनिवार को ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स से हमला किया था। जिसके बाद इजराइल ने भी पलटवार किया है और ईरान पर मिसाइलों से हमला किया है।ईरान के शहर इस्फहान में धमाकों की आवाज सुनाई दी है और ईरान ने अपने वायु क्षेत्र में सभी फ्लाइट के आने जाने पर रोक लगा दी है।

दोनों देशों में तनाव की शुरुआत 1 अप्रैल को हुई थी। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास पर हमला किया था। इसके बाद 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर पलटवार किया और अब इजराइल ने उस हमले का जवाब दिया है।ईरान की फारस न्यूज एजेंसी ने भी दावा किया है कि ईरान के शहर इसाफान के एयरपोर्ट में धमाके की आवाज सुनी गई है। बता दें कि ईरान के कई परमाणु ठिकाने इसाफान प्रांत में ही स्थित हैं, जिनमें ईरान में यूरेनियम संवर्धन का प्रमुख केंद्र भी यहीं पर मौजूद है।

ABC News की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारी के हवाले से यह दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि इजरायली मिसाइल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाकर दागी गई हैं। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि उत्‍तरी इजरायल के अरब अल-अरामशे में इमर्जेंसी सायरन बजाया गया है। आमतौर पर इसके जर‍िये आम लोगों और स्‍थानीय प्रशासन को सतर्क किया जाता है।

हमले के बाद ईरान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। ईरानी सोशल मीडिया पर आए फुटेज में दिख रहा है कि इमाम खुमैनी इंटरनेशनल हवाी अड्डे पर घोषणआ की जा रही है, जिसमें यात्रियों को बताया जा रहा है कि सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यात्रियों को हवाई अड्डा छोड़ने को कहा गया है। इसके अलावा तेहरान आने वाले विमानों को भी डायवर्ट कर दिया गया है।

बता दें कि इजरायल पर ईरान के बीच संघर्ष के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। दरअसल, सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर 1 अप्रैल को हमला हुआ था। इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई थी।0 मारे गए लोगों में सीरिया और लेबनान में ईरान के विशिष्ट कुद्स बल के सीनियर कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी भी शामिल थे। 

हालांकि इजरायल ने 1 अप्रैल को हुई एयर स्ट्राइक की जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था और शनिवार को ईरान ने 300 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला था। हालांकि, इनमें से 99 प्रतिशत को इजरायल ने एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हवा में ही मार गिराया गया। ईरानी हमले को रोकने में इजरायल की मदद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ ही पड़ोसी मुस्लिम देश जॉर्डन ने भी की। ईरान के इस हमले के बाद से ही इजराइल के पलटवार की आशंका जताई जा रही थी। अब इजराइल ने इसका जवाब दे दिया है।

World

Apr 16 2024, 11:45

ईरान के खिलाफ मिडिल ईस्ट में अकेला नहीं इजराइल, ये मुस्लिम देश खड़े हैं साथ*
#muslim_countries_altercation_over_iran_attack_on_israel ईरान के अचानक ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे पश्चिमी देश इजराइल के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। यही नहीं, कुछ मुस्लिम देशों ने भी खुलकर इजरायल का साथ दिया है। ईरान की तरफ से सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों को इजरायल की तरफ दागे हैं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल ने हवा में मार गिराने का दावा किया है। अब द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इजरायल पहले से ही ईरान के हमलों के लेकर तैयार था, क्योंकि अरब देशों ने चुपचाप तेहरान की हमले की योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी दे दी थी। इजरायल के पड़ोसी जॉर्डन ने ईरानी हमले को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तो क्षेत्र के बड़े और प्रभावशाली मुस्लिम देश सऊदी अरब ने भी इसमें मदद की है। इजरायल की सेना करीब 7 महीने से गाजा के मैदान में युद्ध लड़ रही है। मुस्लिम देशों की आंख की किरकिरी बन चुके इजरायल को शायद ही कोई मुस्लिम देश साथ देने की सोचता हो। लेकिन जिस तरह का हमला ईरान ने इजरायल पर बोला है, उसके बाद अब मुस्लिम देश दो फाड़ दिखाई दे रहे हैं। ईरान के हमले का मुस्लिम देश समर्थन कर रहे हैं तो कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी हैं जिन्होंने ईरान के हमले की निंदा भी की। इनमें सबसे बड़ा और पहला नाम जॉर्डन है और दूसरा सऊदी अरब। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अरब देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को लड़ाकू विमानों के लिए खोल दिया, रडार निगरानी जानकारी साझा की और कुछ मामलों में, मदद के लिए अपनी सेनाओं की सेवाएं भी प्रदान कीं। सऊदी और मिस्र के अधिकारियों ने बताया कि ईरान के हमला करने का निर्णय लेने के बाद, अमेरिकी अधिकारियों ने क्षेत्रीय अरब सरकारों पर तेहरान की योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने के साथ-साथ इजरायल की ओर लॉन्च किए गए ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में सहायता करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया था। टाइम्स ऑफ इजरायल ने इजरायली सेना के सूत्र के हवाले से बताया है कि जॉर्डन के जेट विमानों ने उत्तरी और मध्य जॉर्डन से होकर इजरायल की ओर आने वाले दर्जनों ड्रोन को मार गिराया। जॉर्डन की तरफ से इजरायल की मदद के लिए अपने जेट भेजना एक बड़ा कदम है, क्योंकि अम्मान इसके पहले गाजा में अभियान के लिए इजरायल की भारी आलोचना की है। सूत्रों का कहना है कि ड्रोन जॉर्डन घाटी की ओर हवा में उतारे गए थे और यरूशलम की ओर जा रहे थे। अन्य को इराकी-सीरियाई सीमा के करीब रोक लिया गया। वे कोई और विवरण नहीं देते। इजरायल की मीडिया के मुताबिक, जॉर्डन के जेट विमानों ने उत्तरी और मध्य जॉर्डन से होकर इजरायल की ओर आने वाले दर्जनों ड्रोन को मार गिराया। जबकि इससे पहले गाजा युद्ध के दौरान जॉर्डन इजरायल के खिलाफ खड़ा रहा। जानकार मानते हैं कि अब स्थिति बदली हुई है। सऊदी अरब ने भी ईरान के हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे संघर्ष बढ़ेगा जो दुनिया के लिए अच्छा नहीं है। इससे भी स्पष्ठ है कि ईरान की कार्रवाई से सऊदी अरब खफा है। इसके अलावा बाकी मुस्लिम देशों ने भी ईरान के इस हमले की कार्रवाई पर चुप्पी साध रखी है। इस हमले के बाद मुस्लिम देशों में फूट पड़ना ईरान के लिए अच्छा संकेत नहीं है। जिससे ईरान की टेंशन जरूर बढ़ेगी।

India

Apr 16 2024, 10:29

ईरान के साथ तनाव के बीच इजराइल की बड़ी अपील, कहा- भारत को पश्चिम एशिया में स्थिरता लाने का प्रयास करना चाहिए*
#israel_iran_tensions_israeli_said_india_should_impose_its_influence_to_normalize_situation सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए हमले को लेकर ईरान इजराइल पर बौखलाया हुआ है। इस हमले की जवाबी कर्रवाई करते हुए ईरान ने शनिवार को सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन इजराइल के आसमान में दागे। इजरायल ने हर बार अपने दुश्मनों को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि वह इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया। इस हालात में दुनियाभर की नजर इजराइल के अगले कदम पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इजराइल अपना बदला ले कर रहेगा। हालांकि ईरान के हमले को दो दिन बीत चुके हैं पर इजराइल अभी खामोश बना हुआ है। अब ये कहना मुश्किल है कि ये आने वाले तूफान के पहले की खामोशी है या इजराइल पर अपने दोस्त अमेरिका की चेतावनी का असर है। ईरान के साथ जारी तनाव के बीच इजरायल ने अपने 'दोस्त' भारत से मदद की अपील की है। नई दिल्ली में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि हम पश्चिम एशिया में शांति के लिए भारत से ईरान को रोकने की उम्मीद करते हैं। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार (15 अप्रैल) को कहा कि इजरायल मजबूत और परिस्थिति के अनुसार ढलने में सक्षम है और वह ईरान के हालिया हमले के बाद जरूरत पड़ने पर उसका मुकाबला करेगा। उन्होंने कहा कि भारत को पश्चिम एशिया क्षेत्र में स्थिरता लाने में भूमिका निभानी चाहिए। इजरायली राजदूत से पूछा गया कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मामले में दोनों देशों के अपने समकक्षों के साथ टेलीफोन पर बात की है। ऐसी स्थिति में वग भारत से किस भूमिका की अपेक्षा करते है। इस पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि एक मित्र के रूप में हम भारत से यह उम्मीद करते हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बहुत मजबूत होकर यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान पश्चिम एशिया में अपनी अस्थिरता को रोके। उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि एक क्षेत्र के रूप में पश्चिम एशिया भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उस क्षेत्र में लाखों भारतीय काम करते हैं. उसके (क्षेत्र में) कई व्यापारिक संबंध हैं। संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर के साथ मजबूत संबंध हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत ईरान को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हिस्से के रूप में सक्रिय भूमिका निभाए। राजदूत ने कहा, ईरान इस व्यवहार को जारी नहीं रख सकता, अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम ईरान का मुकाबला करेंगे। यह हमारी पसंद नहीं है। हम यहां केवल जवाब दे रहे हैं और हमें जवाबी कार्रवाई करने या ईरान को यह संदेश भेजने के लिए संभवत: उचित समय मिल जाएगा कि यह अस्वीकार्य है। बातचीत के दौरान गिलोन ने कहा कि ईरान ने 350 मिसाइलों और ड्रोन से इजरायल के ऊपर हमला किया था। उन्होंने 99 प्रतिशत मिसाइलों और ड्रोन को रोकने के लिए अमेरिका और क्षेत्र के दूसरे दोस्तों के साथ इजरायल की एयर डिफेंस और वायु सेना की विशाल क्षमता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ। इजरायल के दक्षिण में केवल एक 7 साल की बच्ची घायल हुई है और उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ठीक हो जाएगी। बता दें कि इजरायल पर ईरान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमला किए जाने के बाद भारत ने रविवार को कहा था कि वह दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर अत्यंत चिंतित है और हमले से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है।

India

Apr 15 2024, 12:12

ईरान-इजरायल के बीच बने युद्ध के हालात, जानें भारत समेत पूरी दुनिया पर क्या होगा असर

#whateffectwillthewarbetweeniranandisraelhaveon_india

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालात बन गए हैं। दरअसल, ईरान ने इजरायल पर शनिवार देर रात सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिलाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। इस हमले के बाद से मध्‍य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध तेज होने की आशंका से पूरी दुनिया सहमी हुई है। युद्ध बढ़ने की आशंकाओं से दुनिया में महंगाई की टेंशन फिर बढ़ चुकी है। वहीं अंदेशा है कि आने वाला दिन ग्‍लोबल शेयर बाजार और अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए अच्‍छा नहीं होने वाला है। साथ ही कई देशों के आयात-निर्यात कारोबार भी प्रभावित हो सकते हैं।इसके अलावा, सोने के दाम में भी उछाल आ सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होता है तो आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है।

ईरान और इजरायल के भू-राजनीतिक तनाव का असर पूरी दुनिया दिख सकता है, खासकर तेल की कीमतों में इजाफे के रूप में।अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का दाम पहले ही 91 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच चुका है, जो इसका पिछले 6 महीने का सबसे उच्च स्तर है। ईरान दुनियाभर के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक है।ऐसे में अगर ईरान और इजरायल का तनाव युद्ध में तब्दील होता है, तो इसका ऑयल प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ेगा।

युद्ध की आशंका से भारत भी “भयभीत”

युद्ध की आशंका ने भारत को भी डरा दिया है। युद्ध के हालात से भारत के आर्थिक हित भी दांव पर हैं। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का असर आर्थिक संबंधों पर पड़ सकता है। ईरान के साथ भारत की बढ़ती आर्थिक भागीदारी, इसमें विशेषकर चाबहार बंदरगाह विकास परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। यह बंदरगाह इस क्षेत्र में व्यापार मार्गों और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है। ईरान-इजरायल युद्ध की आशंका को देखते हुए इसका असर महंगाई पर भी पड़ सकता है। कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की तेजी के पीछे यही संकट अहम माना जा रहा है। इसका असर महंगाई पर पड़ सकता है। साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन भी इससे प्रभावित हो सकती है।

भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक

भारत कच्चे तेल का सबसे अधिक आयात और उपभोग करने वाले देशों में से एक है। ऐसे में पश्चिम एशिया के तनाव का हम पर सीधा असर पड़ेगा। हमारी तेल आपूर्ति खतरे में आ सकती है। भारत फिलहाल करीब 40 देशों से अपनी जरूरत का 90 प्रतिशत तेल आयात करता है। देश में रोजाना 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की पहली छमाही की बात करें, तो भारत ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से खरीदा। उसके बाद इराक और सऊदी अरब का नंबर था। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां अधिकतर देशों ने रूस से तेल खरीदना कम कर दिया, वहीं भारत लगातार उससे सस्ते भाव क्रूड ऑयल खरीद रहा है।

दोनों देशों के साथ कारोबार होंगे प्रभावित

भारत के दोनों ही देशों से कारोबारी संबंध है। ईरान और इजरायल के साथ पिछले साल भारत ने करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया था। ईरान के साथ भारत ने 20800 करोड़ का कारोबार किया। भारत मुख्‍यत: ईरान को चाय, कॉफी, बासमती चावल और चीनी का निर्यात करता है। भारत से ईरान को पिछले साल 15300 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। वहीं, ईरान से भारत ने पेट्रोलियम कोक, मेवे और कुछ अन्‍य चीजें आयात की। इनका मूल्‍य 5500 करोड रुपये था। साल 2023 में भारत का इजरायल के साथ 89 हजार करोड रुपये का कारोबार रहा। भारत ने ईरान को 70 हजार करोड रुपये का माल और सेवाओं का निर्यात किया।

सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका

ईरान-इजरायल संघर्ष से सप्लाई चेन भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि ईरान स्वेज नहर को बंद करने की अपनी धमकी पर कायम है। स्वेज नहर रूट से फारस की खाड़ी के देशों से खनिज तेल भेजा जाता है। वहीं भारत और अन्य एशियाई देशों से चाय, जूट, कपास, मसाले और चीनी जैसी चीजों का पश्चिमी यूरोपीय देशों के साथ उत्तरी अमेरिका में निर्यात होता है। पश्चिमी देशों भी इसी रास्ते से केमिकल, इस्पात, दवाएं और गाड़ियां और वैज्ञानिक उपकरण आदि भेजते हैं। अगर यह रूट बंद होता है, तो वैश्विक व्यापार को बड़ा झटका लगेगा। दुनियाभर में महंगाई में भीषण इजाफा भी हो सकता है।

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Apr 15 2024, 11:31

ईरान से बदले की तैयारी में इजराइल, मिडिल ईस्ट में खुल सकता है एक और वॉर जोन

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कभी यूक्रेन और रूस का युद्ध तो कभी इजरायल और हमास के बीच जंग और अब ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बाद युद्ध की आशंका से पूरी दुनिया सहमी हुई है। ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला है। जिसके बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। इजराइल ने ईरान से बदला लेने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि अगले 24-48 घंटों में इजराइल कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है। इस बीच ईरान के प्रमुख नेता खामेनेई ने अमेरिका को चुनौती दी है कि जंग और भीषण होगी। ऐसे में साफ है कि इजराइल ने हमला किया तो ईरान विध्वंसक बदले से भी पीछे नहीं हटेगा। ऐसे हालात में एक और मोर्चे पर युद्ध शुरू हो सकता है।

बता दे कि शनिवार को ईरान ने 300 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजरायल पर बड़ा हमला बोला। हालांकि, इनमें से 99 प्रतिशत को इजरायल ने एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से हवा में ही मार गिराया गया। ईरानी हमले को रोकने में इजरायल की मदद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ ही पड़ोसी मुस्लिम देश जॉर्डन ने भी की। अब ईरानी हमले के बाद इजरायल क्या प्रतिक्रिया देगा, सारी दुनिया की नजर इस पर है। इजरायल के प्रमुख राजनेताओं के बीच रविवार को इस बात पर चर्चा होती रही कि ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इजरायल का अगला कदम क्या होना चाहिए।

कब और कैसे हमला करेगा इजराइल?

ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले को नाकाम करने के बाद इजरायल अब जवाबी तैयारी कर रहा है। रविवार को इजराइल की वॉर कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में पीएम नेतन्याहु, रक्षा मंत्री गैलेंट, कैबिनेट मिनिस्टर बेनी गैंज इस बात पर तो एकमत रहे कि ईरान को करारा जवाब दिया जाएगा।

यरूशलम पोस्ट की खबर के अनुसार, इजरायल की वार कैबिनेट के सदस्य और बिना पोर्टपोलियो वाले मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। एक वीडियो बयान में कहा कि इजरायल ईरान के खिलाफ हमले का तुरंत जवाब नहीं देगा। गैंट्स ने कहा, ईरान के खिलाफ हम एक क्षेत्रीय गठबंधन बनाएंगे और अपने हिसाब से सही समय पर इस हमले की कीमत वसूलेंगे। गैंट्ज से हमले को नाकाम करने को एक रणनीतिक उपलब्धि बताया जिसका इजरायल को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लाभ उठाना चाहिए।

बता दें कि वॉर कैबिनेट ने अटैक और डिफेंस के लिए अपने प्लान को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि ईरान पर इजराइल कब हमला करेगा? सीधा हमला करेगा या कुछ और तरकीब अपनाएगा। उधर, इजराइल के जवाबी हमले को लेकर ईरान अलर्ट पर है।

अमेरिका ने किया आगाह

बता दें कि अमेरिका के मनाही के बावजूद इजराइल ने ईरान के हमले का जवाब देने का फैसला किया है। दरअसल, ईरानी के हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली पीएम नेतन्याहू से बात की। इस दौरान बाइडेन ने इजराइल को सुरक्षा का भरोसा दिया।इजरायल को आगाह किया है कि वह ईरान के खिलाफ इजरायल की अगली कार्रवाई में साथ नहीं देगा। राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक स्पष्ट संदेश भेजा है। ईरान के हमले को विफल कर दिया गया है। इजराइल की जीत हुई है। इसलिए ईरानी धरती पर सीधा सैन्य हमला करके इस और बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

मिडिल ईस्ट में जंग की आहट

इजरायल के सामने मुश्किल यह है कि एक तरफ उसका सबसे बड़ा सहयोगी अमेरिका उससे शांति की अपील कर रहा है, तो वहीं इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान में कई हार्डलाइनर हैं जो ईरान पर मजबूती से हमला किए जाने पर जोर दे रहे हैं। नेतन्याहू के गठबंधन सहयोगी सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गविर ने ईरान पर हमले में देरी को खोखला पश्चिमी विचार कहा है। तेल अवीव के नेताओं के बयानों से साफ है कि ईरान को इजरायल जवाब देगा। इसका मतलब है कि इजरायल का अगला कदम मध्य पूर्व में जंग शुरू कर देगा।

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Apr 13 2024, 10:08

ईरान जल्द ही इजरायल पर करेगा हमला’ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी चेतावनी, भारत में भी अलर्ट जारी

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रूस-युक्रेन वॉर के बाद हमास-इजराइल के बीच जंग जारी है। इस बीच एक और युद्ध छिड़ता दिख रहा है। बताया जा रहा कि ईरान इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस युद्ध की आशंका जताते हुए अलर्ट किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें आशंका है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर हमला करेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि इजरायल पर ईरान का हमला कब होगा, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं इस जानकारी की डिटेल में नहीं जाना चाहता, लेकिन मेरी उम्मीद हमला जल्द से जल्द होने की है।' उनसे जब पूछा गया कि उनके पास ईरान के लिए क्या संदेश है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मत करो।'

पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या अमेरिकी सैनिक खतरे में हैं। इसे लेकर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हम इजरायल की रक्षा के लिए समर्पित। हम इजरायल का समर्थन करेंगे, हम इजरायल की रक्षा में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा।'

वहीं तनाव के बीच भारत ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करने को कहा. विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श में ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीयों को सलाह दी है कि अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी गतिविधियां कम से कम रखें. परामर्श में कहा गया है कि क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि अगले नोटिस तक ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करें।

बता दें कि एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। ईरान इस हमले का आरोप इजराइल पर लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इजराइल को सजा दी जानी चाहिए। उस पर इजराइली विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर ईरान हमला करता है तो हम कड़ा जवाब देंगे।

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Apr 11 2024, 10:13

हमास के टॉप लीडर हानिया के 3 बेटों की इजराइली हमले में मौत, आईडीएफ ने कहा-तीनों आतंकी थे

#israel_kills_three_sons_of_hamas_chief_haniyeh_in_gaza_air_strike 

इजराइल के हमले में बुधवार देर रात हमास चीफ इस्माइल हानिया के तीन बेटों की मौत हो गई। 'टाइम्स ऑफ इजराइल' की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा के अल-शती कैंप के पास एक कार पर एयरस्ट्राइक की। इसमें इस्माइल हानिया के तीन बेटों, 3 पोतियों और एक पोते की मौत हो गई। मौत की पुष्टि खुद हानिए ने की है।इस्माइल हानिया ने कहा है कि इजरायल ने प्रतिशोध की भावना से उसके तीन बेटों की हत्या कर दी है। 

हमास मीडिया ने बताया कि इजरायल ने गाजा के अल-शती कैंप में एक कार पर एयर स्ट्राइक की। उस हमले में कार सवार उसके बेटे हाजेम, अमीर और मोहम्मद मारे गए। इजरायल ने आतंकी संगठन हमास को बड़ा झटका देते हुए उसके सरगना इस्माइल हानिये के 3 बेटों और पोतों को मार गिराया है। इजरायल ने ऑपरेशन के लिए एयर स्ट्राइक का इस्तेमाल किया।

हानिया ने कहा कि उसके बेटों की हत्या प्रतिशोध की भावना से की गई और इसके लिए किसी भी नियम या मानवाधिकार का पालन नहीं किया गया। हानिया ने कहा, उसके बेटे यरुशलम और अल अक्सा मस्जिद को आजाद कराने की राह पर चलते हुए शहीद हुए हैं। उसने कहा कि इन मौतों से हमास की गतिविधियों और हौसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हमास अपने उद्देश्यों के लिए पूर्व की भांति संघर्ष करता रहेगा। 

हानिया कतर में निर्वासन में रह रहा है। हमास के अल-अक्सा टीवी स्टेशन ने दोहा के एक अस्पताल में पहुंचाए गए घायल फिलिस्तीनियों से मिलने के दौरान हनिया को उसके परिवार में हुई मौतों की खबर दी। हनिया ने अपना सिर हिलाया, नीचे जमीन की ओर देखा और धीरे से कमरे से बाहर चला गया। हनिया ने बुदबुदाते हुए कहा कि ईश्वर के अलावा कोई शक्ति या ताकत नहीं है।

वहीं, इजराइली सेना का कहना है कि हानिया के तीनों बेटे आतंकी थे। सेना के मुताबिक, अमीर हानिया हमास सैन्य विंग में एक स्क्वाड कमांडर था। वहीं, हाजेम और मोहम्मद हानिया सैन्य विंग में ऑपरेटिव्स थे। तीनों सेंट्रल गाजा में हमला करने के लिए जा रहे थे। इनमें से एक इजराइलों को बंधक बनाने में भी शामिल था।

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Apr 06 2024, 11:41

इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी में ईरान! मोसाद की चेतावनी के बाद लड़ाकू दस्ते और वायुसेना अलर्ट, पूरे देश में जीपीएस ब्लॉक

#iran_ready_to_launch_missile_and_drone_attack_on_israel

दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद ईरान “गुस्से में लाल” है। ईरान अपने कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए उतावला है। ईरानी राष्ट्रपति के तेवर देख कर भी यही लग रहा है कि ईरान किसी भी वक्त इजराइल पर हमला कर सकता है। इधर, मोसाद ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर सकता है। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इजराइल में जीपीएस ब्लॉक कर दिया गया है ताकि मिसाइल या ड्रोन हमले को निष्क्रिय किया जा सके।

ईरान ने सोमवार को सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है। ईरानी दूतावास पर हुए हमले के पीछे व्यापक रूप से इजराइल का हाथ माना रहा है। ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के मिसाइल हमले के जवाब में तेहरान को कार्रवाई करने का अधिकार है। जिसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक वरिष्ठ जनरल सहित 13 लोग मारे गए थे। हालांकि इसराइल ने इस हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उनके पास खुफिया जानकारी है जो संकेत देती है कि ईरान "लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों या ड्रोन" का उपयोग करके अपने क्षेत्र से देश पर हमला कर सकता है। माना जाता है कि बुधवार को इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच फोन पर बातचीत के दौरान कथित खतरे पर विस्तार से चर्चा हुई। कथित तौर पर दोनों पक्षों ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि संभावित ईरानी प्रतिशोध के लिए सबसे अच्छी तैयारी कैसे की जाए।

लेबनानी न्यूज आउटलेट अल-मायदीन के मुताबिक अमेरिका ने हमले के जवाब में ईरान से अपनी प्रॉपर्टी को निशाना न बनाने की अपील की है। बता दें क्षेत्र में अमेरिका के कई बेस और दूसरे एसिट मौजूद हैं। गाजा जंग में इजराइल का बिना शर्त साथ देने की वजह से अमेरिका को डर है कि कहीं हमलों के जवाब में ईरान उसके बेस को निशाना न बनाए। ईरानी प्रेसीडेंसी ऑफिस से जुड़े मोहम्मद जमशीदी ने खुलासा किया कि तेहरान ने अमेरिका को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है, अगर अमेरिका ऐसा करता रहा तो इसका खामयाजा वाशिंगटन को भुगताना पड़ सकता है।

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Apr 05 2024, 15:30

बाइडेन ने एक फोन पर नरम पड़े नेतन्याहू, छह महीने बाद गाजा के साथ क्रॉसिंग खोला

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हमास और इस्राइल के बीच कई माह से जंग जारी है। इस युद्ध को रुकवाने के लिए कोशिशें जारी है, लेकिन फिर भी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान अब तक की सबसे बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है। पहले की तुलना में अब इजराइल के रुख में लचीलापन देखने को मिल रहा है। इजराइल की तरफ से शुक्रवार को कहा गया है कि वह गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए कदम उठा रहा है। जिसमें बुरी तरह प्रभावित उत्तरी गाजा की एक सीमा को फिर से खोलना भी शामिल है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने योजनाओं की घोषणा की।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक-दूसरे से फोन पर बातचीत की। जिसके बाद नेतन्याहू के रूख में नर्मी देखी जा रही है।

इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने 7 अक्टूबर के हमास हमलों के बाद पहली बार इजरायल और उत्तरी गाजा के बीच इरेज़ क्रॉसिंग को फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है। सीएनएन के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इज़रायली अधिकारी ने कहा कि गाजा में अधिक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए क्रॉसिंग को खोला जाएगा। कैबिनेट ने गाजा में अधिक सहायता पहुंचाने में मदद के लिए इजरायली बंदरगाह अशदोद का इस्तेमाल करने की भी मंजूरी दे दी। इरेज क्रॉसिंग, एक पैदल यात्री मार्ग है। यह उन बॉर्डर प्वाइंट्स में से एक है जिसका उल्लंघन 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों ने इजरायल पर हमला करने के लिए किया था।

बाइडन और नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई बातचीत

इजराइल की तरफ से यह घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद की गई है। इससे पहले फोन पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि गाजा में युद्ध के लिए भविष्य का अमेरिकी समर्थन नागरिकों और सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए इजराइल की ओर से और अधिक कदम उठाए जाने पर निर्भर करेगा। 

बता दें कि मतभेदों के बावजूद, बाइडन प्रशासन ने हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध के लिए इजराइल को महत्वपूर्ण सैन्य सहायता और राजनयिक समर्थन प्रदान करना जारी रखा है।

सात अक्तूबर को हमास ने किया था हमला

बता दें, इजराइल और हमास के बीच युद्ध लगातार जारी है। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। सात अक्तूबर से लेकर अब तक 30 हजार से अधिक लोगों की इस संघर्ष में मौत हो चुकी है। वहीं, हमास के बाद इजराइली सेना भी कार्रवाई करते हुए बिना रुके हमले कर रही है। इजराइल ने गाजा में जमीन, हवाई, समुद्र समेत सभी यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। पहले लोगों की आवाजाही के लिए इरेज और माल के लिए केरेम शालोम बॉर्डर थे।

इस कारण इजराइल की हो रही आलोचना

गौरतलब है कि गाजा में एक इजरायली हवाई हमले में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ के 7 अंतरराष्ट्रीय सहायताकर्मियों की मौत हो जाने के बाद इजरायल की दुनिया भर में आलोचना हो रही हैं। यह सभी लोग गाजा में फूड सप्लाई के काम में लगे थे। हमले में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, पोलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के वर्ल्ड सेंट्रल किचन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उनका एक फिलिस्तीनी सहयोगी मारा गया। इजराइल का कहना है कि हमला एक गंभीर गलती थी और उसने माफी मांगी है। इसमें स्वतंत्र जांच का भी वादा किया गया है।