“केरल मिनी पाकिस्तान, इसलिए राहुल और प्रियंका...”, नितेश राणे के बयान पर बवाल

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अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने बीजेपी नेता और फडणवीस सरकार में मंत्री बने नितेश राणे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने केरल की तुलना पाकिस्तान से की है। उन्होंने कहा कि यह राज्य मिनी पाकिस्तान की तरह है, तभी राहुल गांधी और उनकी बहन वहां से सांसद चुने जाते हैं। राणे के इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया। हालांकि, बढ़ते मामले को देखते हुए सोमवार को भाजपा नेता ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि केरल भारत का हिस्सा है। उन्होंने पाकिस्तान से केवल केरल में हो रहे घटनाक्रमों के संदर्भ में तुलना की थी।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो मुस्लिमों की वजह से वयनाड से चुनाव जीत पाते हैं। उन्होंने कहा है कि केरल मिनी पाकिस्तान है, इसलिए राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी जीतकर आते हैं, सांसद बनने के लिए ऐसे ही लोग उनको वोट देते हैं। नितेश राणे ने यह टिप्पणी पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को की।

विवाद बढ़ने के बाद दी सफाई

विवाद बढ़ता देख राणे ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि हमारा देश एक हिंदू राष्ट्र बने, यही हमारी इच्छा है। हिंदुओं को हर संभव तरीके से सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'केरल भारत का हिस्सा है, लेकिन वहां हिंदू आबादी का घटना एक चिंता का विषय है। हिंदुओं का इस्लाम और ईसाई धर्म में धर्मांतरण एक आम बात हो गई है। वहीं, 'लव जिहाद' के मामले भी बढ़ रहे हैं। मैं केरल और पाकिस्तान की स्थिति की तुलना कर रहा था। अगर हमारे देश में भी पाकिस्तान जैसी स्थिति पैदा होती है, तो हमें इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यही मैंने अपने भाषण में कहा था।'

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले वह 2 नवंबर 2024 जब राणे से पूछा गया था कि आपको मुस्लिमों से क्या दिक्कत है? तो उन्होंने कहा था कि देश में 90 प्रतिशत हिंदू रहते हैं। हिंदुओं के हितों की चिंता करना कोई अपराध नहीं हो सकता। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा था कि देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के त्योहारों पर पत्थरबाजी करते हैं। यदि इसके खिलाफ आवाज उठाने पर मुकदमा दर्ज होता है तो, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं।

राणे के खिलाफ 38 मामले दर्ज

नितेश राणे कोंकण इलाके की कंकावली विधानसभा सीट से विधायक हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उनके खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं। इनमें 66 गंभीर धाराएं शामिल हैं। अधिकतर मामले पिछले एक से डेढ़ साल में दर्ज हुए हैं और भड़काऊ भाषण से जुड़े हैं। हालांकि, इन 38 में से सिर्फ 10 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। भड़काऊ भाषणों से जुड़े किसी भी मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, क्योंकि सरकार ने उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है। अब तक 10 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है और इनमें से चार मामलों में अदालतों ने आरोप तय किए हैं।

बीजेपी में नीतीश को भारत रत्न देने की उठी मांग,यहां पक रही है कौन सी सियासी खिचड़ी!

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के लिए भारत रत्न की मांग की है। नीतीश कुमार के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान मांग रहे ये वही गिरिराज सिंह जो कभी नीतिश कुमार को लेकर काफी मुखर रहे हैं। गिरिराज सिंह है जो अभी कुछ ही समय पहले नीतीश कुमार को पानी पी-पीकर कोस रहे थे जब वे तेजस्वी के साथ सरकार में थे, उनके सुर बदल गए हैं। नीतीश कुमार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संदेह के बादल के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ताजा बयान से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल बिहार की सियासत को जानने वाले और नीतीश कुमार के दांव को परखने वाले बखूबी जानते हैं कि यह भी एक राजनीतिक रणनीति है। पूछे जा रहे हैं कि गिरिराज का ये बयान नीतीश कुमार को उनकी राजनीति के आखिरी स्टेप की और इशारा तो नहीं कर रहे हैं? या फिर बिहार की कुर्सी के प्रति मोह त्यागने का सुरक्षित राह का दर्शन करा रहे हैं?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इतने साल से बिहार के सीएम हैं। इनके शासन में विकास की लहर तेज गति से बही है। इसलिए नीतीश कुमार को पुरस्कृत किया जाए, उन्हें भारत रत्न दिया जाए। हालांकि बड़े सलीके से इस बयान को कहीं एग्जिट प्लान न मान लिया जाए। इससे बचते हुए यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ये भी कह डाला कि अगला सीएम भी नीतीश कुमार ही होंगे।

गिरिराज सिंह ने ये बयान तब दिया है, जब 25 दिसंबर को ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर सुशासन दिवस के मौके पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी, अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती। इसके बाद सवाल उठने लगा कि क्या बिहार में बीजेपी कुछ और भी सोच रही है?

वहीं, खबरें ये भी हैं कि नीतीश कुमार कुठ तो नया दांव चल रहे हैं। कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की सीक्रेट मुलाकात हुई है। यह कितना सही है ये तो वे दोनों ही जानते होंगे। लेकिन इससे इतर तेजस्वी लगातार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पर बीजेपी का नियंत्रण हो चुका है और मुख्यमंत्री कार्यालय के चार करीबी अधिकारी सीधे अमित शाह के संपर्क में हैं। तेजस्वी के इन आरोपों ने बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में खटास की अटकलों को हवा दी है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में महाराष्ट्र जैसी रणनीति अपना सकती है, जहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदले बिना चुनाव लड़ा गया था।

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अब पूरी तरह बीजेपी के इशारों पर चल रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने उनकी सत्ता को कमजोर कर दिया है। बिहार की जनता यह सब देख रही है और आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।

बीते दिनों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार नाराज हैं। एनडीए से नाराज हैं, भाजपा से नाराज हैं। तो क्या वास्तव में नीतीश कुमार नाराज हैं, जिन्हें भाजपा मनाने की कोशिश कर रही है। नीतीश कुमार को भारत रत्न दिये जाने की गिरिराज सिंह की मांग को इसी कवायद का हिस्सा कहा जा रहा है।राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह जरुर मान रहे हैं कि गिरिराज सिंह को नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग करनी पड़ गई, ये किसी भी तरह से नहीं पच रहा है। कुछ ना कुछ तो जरूर हलचल है।

अंबेडकर विवाद पर अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार-चंद्रबाबू नायडू को लिखी चिट्ठी, जानें क्या कहा

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राज्यसभा में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान ने देश की सियासत में उबाल ला दिया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसे लेकर शाह और पूरी बीजेपी पर हमलावर हैं। इस बीच दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नया दांव खेला है। केजरीवाल ने एनडीए के साथी दलों जेडीयू और टीडीपी के मुखिया नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने दोनों नेताओं से कहा कि लोगों को लगता है कि बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। आप भी इसपर विचार करें।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने यह चिट्ठी गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के संबंध में लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बाबा साहब नेता नहीं, इस देश की आत्मा हैं।हाल ही में संसद में, गृहमंत्री की ओर से दिया गया बयान न केवल अपमानजनक है बल्कि भाजपा की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, 'बाबासाहेब के बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर भाजपा ने कैसे किया? प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया। इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया।लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। बाबा साहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते, लोग चाहते हैं आप भी इस मसले पर गहराई से विचार करें।

#बिहार की स्वर कोकिला #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर #पटना पहुंच चुका है। #सीएम नीतीश कुमार समेत पहुंची लोगों की भीड़
#बिहार की स्वर कोकिला #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर #पटना पहुंच चुका है।




#सीएम नीतीश कुमार समेत पहुंची लोगों की भीड़। #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए #पटना में रखा जाएगा और फिर गुरुवार की सुबह शारदा सिन्हा का #राजकीय सम्मान के साथ #अंतिम संस्कार होगा। Nitish Kumar Sharda Sinha
CAB President Snehasish Ganguly wishes players good luck as J.C Mukherjee T20 meet begins


*Khabar kolkata sports Desk*: CAB President Snehasish Ganguly wished all the players good luck as CAB local cricket season commenced in the city on Monday with the J.C Mukherjee T20 tournament.

"I wish all the players the best for the tournament. We have started the 2024-25 local CAB season early and well ahead of the normal schedule. I hope the J.C Mukherjee T20 tournament will be a competitive one," Mr Ganguly said before the start of Bhowanipore Club vs Kalighat Club match at the JU 2nd Campus Ground, Salt Lake.

Also present for the ocassion were CAB Joint Secretary Debabrata Das, CAB Tour, Fixture and Technical Committee Chairman Suvankar Ghosh Dastidar, CAB Tournament Committee Chairman Nitish Ranjan Dutta, CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick, CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey and other CAB Members.

In the opening day, Bhowanipore take on Kalighat while Mohammedan Sporting Club face Barisha Sporting Club at the JU, 2nd Campus Ground.

At the 22 Yards SP School Ground, Town Club take on United Club while Kidderpore Sporting Club take on Tapan Memorial Club. *Pic Courtesy by: CAB*
Easwaran, Abishek, Mukesh named in India A squad for Australia tour
*Sports News*



*Khabar kolkata News Desk:*  Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, wicket-keeper batsman Abishek Porel and fast bowler Mukesh kumar has been named in the India A squad for the forthcoming Australia tour, it was announced by BCCI on Monday.

All eyes will be on in-form Easwaran, who has been rewarded for his consistent run, ahead of India’s Test series against Australia.

Easwaran, who is the vice-captain of India A, has been in superb form in the domestic circuit for the last couple of seasons. In this season, he scored two hundreds in the Duleep Trophy, another ton in the Irani Cup, and began the Ranji Trophy season with a century for Bengal.

On the other hand, it is an incredible opportunity for the young and talented Abishek to gather immense experience from the overseas tour. Mukesh will also aim to do well and make an impact in Australia.

India A are scheduled to take on Australia A in two first-class matches.  They then play against India squad in a warm-up match.

India A team,Ruturaj Gaikwad (C), Abhimanyu Easwaran (VC), Sai Sudharsan, Nitish Kumar Reddy, Devdutt Padikkal, Ricky Bhui, Baba Indrajith, Ishan Kishan (WK), Abishek Porel (WK), Mukesh Kumar, Khaleel Ahmed, Yash Dayal, Navdeep Saini, Manav Suthar, Tanush Kotian.

*Pic Courtesy by:CAB*
बिना अनुभव के गठबंधन सरकार चलना नरेन्द्र मोदी के लिए होगा कितना मुश्किल, नीतीश और नायडू बन सकते हैं बड़ी चुनौती
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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजे मंगलवार को सामने आ गए। हालांकि ये नतीजे चौंकाने वाले रहे। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 और 2019 दोनों में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था। लेकिन, एक दशक में पहली बार है, जब बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। हालांकि, एनडीए 292 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई। वहीं, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और बिहार में नीतीश कुमार ने अपने-अपने राज्यों में शानदार जीत हासिल की। इसके बाद दोनों किंगमेकर बनकर उभरे हैं। अब बीजेपी 10 साल बाद अपने सहयोगियों, खासकर टीडीपी और जेडी(यू) पर निर्भर होगी। केन्द्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार के लिए दो सहयोगी दलों की सबसे बड़ी भूमिका होगी। इनमें एक हैं भाजपा के पुराने साथी हैं बिहार के सीएम नीतीश कुनार के नेतृत्व वाली जेडीयू और दूसरी है आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने जा रही टीडीपी।इनकी सहमति और सहयोग के बिना भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार की कल्पना ही संभव नहीं है। फिलहाल दोनों ओर से किसी तरह के तिकड़म की सुगबुहाट तो नहीं दिखती, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रति अतीत में दोनों की जैसी मंशा रही है, उसके बीज अब भी उनमें कहीं दबे-छिपे हैं तो किसी भी वक्त वह प्रस्फुटित हो सकते हैं। भाजपा के नेतृत्व में सरकार बन जाएगी, इसमें शक नहीं है। पर, सरकार कितने दबाव में चलेगी, यह सभी को पता है। नरेंद्र मोदी के दिल्ली आने के बाद नीतीश कुमार और नायडू के संबंध बीजेपी से बहुत कड़वाहट भरे भी रहे हैं। नायडू और नीतीश 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर बीजेपी के विरोधी खेमे में रह चुके हैं और इस लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में वापसी की है। *नरेन्द्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू में कैसे रहे संबंध?* साल 2002 में गुजरात में हुए दंगे के बाद चंद्रबाबू नायडू एनडीए के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने बतौर मुख्यामंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े की मांग की थी। अप्रैल 2002 में टीडीपी ने मोदी के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को राहत देने में में बुरी तरह फेल होने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया था। यही नहीं, साल 2018 में चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एनडीए का साथ छोड़ दिया था और केंद्र में अपने दो मंत्रियों को भी हटा दिया। नायडू उस समय मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। ये अविश्वास प्रस्ताव तो पास नहीं हो पाया लेकिन अपने 16 सांसदों के साथ एनडीए से निकल गए थे। साल 2019 में गठबंधन से निकलने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट कर कहा था, "मोदी ने योजनाबद्ध तरीक़े से भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों को नष्ट कर दिया है। बीजेपी सरकार के शासन में संस्थागत स्वायत्तता और लोकतंत्र पर हमला हुआ है। अब, जब से आंध्र में टीडीपी की 16 सीटें आई हैं और अब जब नायडू किंगमेकर की भूमिका में दिख रह हैं तो सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी का साल 2019 में आंध्र प्रदेश में दिया गया भाषण ख़ूब शेयर किया जा रहा है। इस भाषण में नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडू को “अपने ससुर के पीठ में छूरा भोंकने वाला बताया था।” उन्होंने राज्य में एक चुनावी रैली में कहा था, “वो (चंद्रबाबू नायडू) ख़ुद को मुझसे सीनियर मानते हैं, अच्छी बात है आप सीनियर हैं. लेकिन आप सीनियर हैं, पार्टी बदलने में, अपने ससुर की पीठ में छूरा भोंकने में और आप सीनियर हैं एक के बाद एक चुनाव हारने में...उसमें तो मैं सीनियर नहीं हूँ। *नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के रिश्ते जगजाहिर* नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार के बीच के रिश्ते जगजाहिर है। दोनों के एक साथ एक मंठ पर दिख जाना सिवाय राजनैतिक मजबूरी के और कुछ नहीं है।भाजपा ने 2013 में जब नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की घोषणा की तो नीतीश कुमार ने भाजपा से रिश्ते तोड़ लिए थे। हालांकि 2017 में वे भाजपा के साथ आ गए, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रति उनके मन की नफरत नहीं गई। यही वजह रही कि 2022 में नीतीश ने आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिला लिया और नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की तरह विपक्षी एकता का अभियान शुरू कर दिया। भाजपा के खिलाफ आज जो इंडी अलायंस वजूद में हैं, उसकी बुनियाद रखने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। हालांकि अपनी मजबूरियों के कारण नीतीश फिर पलट गए और भाजपा से हाथ मिला कर बिहार में सीएम की अपनी कुर्सी सुरक्षित कर ली। नरेन्द्र मोदी के साथ कड़वाहट भरे रिश्ते रिश्ते रख चुके दो दिग्गज आज तीसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाने को राजी तो हो रहे हैं। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को अपने साथ लेकर चलना नरेन्द्र मोदी के सामने सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और चुनौती होगी।खासकर तब जब नरेंद्र मोदी के पास गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। गुजरात में जब वह मुख्यमंत्री थे, तब भी प्रचंड बहुमत वाली सरकार थी। हक़ीक़त यह है कि बीजेपी की कमान मोदी के पास आने के बाद से एनडीए का कुनबा छोटा होता गया। अकाली दल और शिव सेना बीजेपी के दशकों पुराने सहयोगी रहे थे लेकिन दोनों कब का अलग हो चुके हैं। इस बार जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो उन्हें सरकार चलाने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा। जो किसी चुनौती से कम नहीं है।
नीतीश-नायडू ने दिया साथ तो क्या बन सकेगी “इंडिया” गठबंधन की सरकार, जानें आंकड़ों का गणित
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लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद इंडी गठबंधन आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम मीटिंग करने वाला है। मीटिंग में तय किया जाएगा कि गठबंधन विपक्ष में बैठेगा या सरकार बनाने की कवायद करेगा। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है, बावजूद संभावना जताई जा रही है कि ये सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। दरअसल, सरकार गठन में इतनी अनिश्चिता इसलिए बनी हुई है, क्योंकि राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि बिहार में 12 सीटें जीतने वाली जेडीयू और आंध्र प्रदेश में 16 सीटें जीतने वाली टीडीपी कहीं पलटी न मार लें। दोनों दलों के प्रमुख नेता यानी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू कभी कांग्रेस के साथ रह चुके हैं। और राजनीति में तो इस तरह की संभावनाएं से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन की बैठक होने वाली है।इंडिया गठबंधन की बैठक शाम 6 बजे होगी।कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने के लिए आगे आने वाली है। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। मगर कांग्रेस के नेताओं की तरफ से एनडीए सहयोगियों को अपने पाले में करने पर काम चल रहा है।

देश में नई सरकार को बनाने में दो नेता 'किंगमेकर' बनकर उभरे हैं। इसमें एक जेडीयू के नीतीश कुमार हैं तो दूसरे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू हैं। इन दोनों को अपनी ओर करने के लिए कांग्रेस भी खूब बयान दे रही है।

अब सवाल उठता है कि अगर नीतीश और नायडू का साथ मिला तो क्या इंडिया गठबंधन सरकार बना पाएगा। चुनाव आयोग के मुताबिक, इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत का आंकड़ा 272 है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत होगी। टीडीपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो ये 28 होती हैं। 234 और 28 को जोड़ने पर इंडिया का आंकड़ा 262 तक पहुंचेगा। सत्ता में आने के लिए उसे 10 सीटों की और जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जो अन्य 17 सांसद हैं वो महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन को इन सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी।


बिहार के मुख्यमंत्री दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक के लिए पटना से रवाना हुए। उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी प्लेन में बैठे हुए देखा गया। इस वजह से भी नीतीश के पाला बदलने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।
“केरल मिनी पाकिस्तान, इसलिए राहुल और प्रियंका...”, नितेश राणे के बयान पर बवाल

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अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने बीजेपी नेता और फडणवीस सरकार में मंत्री बने नितेश राणे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने केरल की तुलना पाकिस्तान से की है। उन्होंने कहा कि यह राज्य मिनी पाकिस्तान की तरह है, तभी राहुल गांधी और उनकी बहन वहां से सांसद चुने जाते हैं। राणे के इस बयान के बाद सियासी बवाल मच गया। हालांकि, बढ़ते मामले को देखते हुए सोमवार को भाजपा नेता ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि केरल भारत का हिस्सा है। उन्होंने पाकिस्तान से केवल केरल में हो रहे घटनाक्रमों के संदर्भ में तुलना की थी।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो मुस्लिमों की वजह से वयनाड से चुनाव जीत पाते हैं। उन्होंने कहा है कि केरल मिनी पाकिस्तान है, इसलिए राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी जीतकर आते हैं, सांसद बनने के लिए ऐसे ही लोग उनको वोट देते हैं। नितेश राणे ने यह टिप्पणी पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को की।

विवाद बढ़ने के बाद दी सफाई

विवाद बढ़ता देख राणे ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि हमारा देश एक हिंदू राष्ट्र बने, यही हमारी इच्छा है। हिंदुओं को हर संभव तरीके से सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'केरल भारत का हिस्सा है, लेकिन वहां हिंदू आबादी का घटना एक चिंता का विषय है। हिंदुओं का इस्लाम और ईसाई धर्म में धर्मांतरण एक आम बात हो गई है। वहीं, 'लव जिहाद' के मामले भी बढ़ रहे हैं। मैं केरल और पाकिस्तान की स्थिति की तुलना कर रहा था। अगर हमारे देश में भी पाकिस्तान जैसी स्थिति पैदा होती है, तो हमें इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यही मैंने अपने भाषण में कहा था।'

पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले वह 2 नवंबर 2024 जब राणे से पूछा गया था कि आपको मुस्लिमों से क्या दिक्कत है? तो उन्होंने कहा था कि देश में 90 प्रतिशत हिंदू रहते हैं। हिंदुओं के हितों की चिंता करना कोई अपराध नहीं हो सकता। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा था कि देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के त्योहारों पर पत्थरबाजी करते हैं। यदि इसके खिलाफ आवाज उठाने पर मुकदमा दर्ज होता है तो, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं।

राणे के खिलाफ 38 मामले दर्ज

नितेश राणे कोंकण इलाके की कंकावली विधानसभा सीट से विधायक हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उनके खिलाफ 38 मामले दर्ज हैं। इनमें 66 गंभीर धाराएं शामिल हैं। अधिकतर मामले पिछले एक से डेढ़ साल में दर्ज हुए हैं और भड़काऊ भाषण से जुड़े हैं। हालांकि, इन 38 में से सिर्फ 10 मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। भड़काऊ भाषणों से जुड़े किसी भी मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, क्योंकि सरकार ने उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है। अब तक 10 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है और इनमें से चार मामलों में अदालतों ने आरोप तय किए हैं।

बीजेपी में नीतीश को भारत रत्न देने की उठी मांग,यहां पक रही है कौन सी सियासी खिचड़ी!

#nitish_kumar_bharat_ratna_demand_by_bjp_twist

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के लिए भारत रत्न की मांग की है। नीतीश कुमार के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान मांग रहे ये वही गिरिराज सिंह जो कभी नीतिश कुमार को लेकर काफी मुखर रहे हैं। गिरिराज सिंह है जो अभी कुछ ही समय पहले नीतीश कुमार को पानी पी-पीकर कोस रहे थे जब वे तेजस्वी के साथ सरकार में थे, उनके सुर बदल गए हैं। नीतीश कुमार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संदेह के बादल के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ताजा बयान से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल बिहार की सियासत को जानने वाले और नीतीश कुमार के दांव को परखने वाले बखूबी जानते हैं कि यह भी एक राजनीतिक रणनीति है। पूछे जा रहे हैं कि गिरिराज का ये बयान नीतीश कुमार को उनकी राजनीति के आखिरी स्टेप की और इशारा तो नहीं कर रहे हैं? या फिर बिहार की कुर्सी के प्रति मोह त्यागने का सुरक्षित राह का दर्शन करा रहे हैं?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इतने साल से बिहार के सीएम हैं। इनके शासन में विकास की लहर तेज गति से बही है। इसलिए नीतीश कुमार को पुरस्कृत किया जाए, उन्हें भारत रत्न दिया जाए। हालांकि बड़े सलीके से इस बयान को कहीं एग्जिट प्लान न मान लिया जाए। इससे बचते हुए यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ये भी कह डाला कि अगला सीएम भी नीतीश कुमार ही होंगे।

गिरिराज सिंह ने ये बयान तब दिया है, जब 25 दिसंबर को ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर सुशासन दिवस के मौके पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी, अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती। इसके बाद सवाल उठने लगा कि क्या बिहार में बीजेपी कुछ और भी सोच रही है?

वहीं, खबरें ये भी हैं कि नीतीश कुमार कुठ तो नया दांव चल रहे हैं। कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की सीक्रेट मुलाकात हुई है। यह कितना सही है ये तो वे दोनों ही जानते होंगे। लेकिन इससे इतर तेजस्वी लगातार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पर बीजेपी का नियंत्रण हो चुका है और मुख्यमंत्री कार्यालय के चार करीबी अधिकारी सीधे अमित शाह के संपर्क में हैं। तेजस्वी के इन आरोपों ने बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में खटास की अटकलों को हवा दी है। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में महाराष्ट्र जैसी रणनीति अपना सकती है, जहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदले बिना चुनाव लड़ा गया था।

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अब पूरी तरह बीजेपी के इशारों पर चल रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने उनकी सत्ता को कमजोर कर दिया है। बिहार की जनता यह सब देख रही है और आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।

बीते दिनों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार नाराज हैं। एनडीए से नाराज हैं, भाजपा से नाराज हैं। तो क्या वास्तव में नीतीश कुमार नाराज हैं, जिन्हें भाजपा मनाने की कोशिश कर रही है। नीतीश कुमार को भारत रत्न दिये जाने की गिरिराज सिंह की मांग को इसी कवायद का हिस्सा कहा जा रहा है।राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह जरुर मान रहे हैं कि गिरिराज सिंह को नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग करनी पड़ गई, ये किसी भी तरह से नहीं पच रहा है। कुछ ना कुछ तो जरूर हलचल है।

अंबेडकर विवाद पर अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार-चंद्रबाबू नायडू को लिखी चिट्ठी, जानें क्या कहा

#arvind_kejriwal_wrote_a_letter_to_nitish_and_chandrababu_naidu

राज्यसभा में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान ने देश की सियासत में उबाल ला दिया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसे लेकर शाह और पूरी बीजेपी पर हमलावर हैं। इस बीच दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नया दांव खेला है। केजरीवाल ने एनडीए के साथी दलों जेडीयू और टीडीपी के मुखिया नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने दोनों नेताओं से कहा कि लोगों को लगता है कि बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। आप भी इसपर विचार करें।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने यह चिट्ठी गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के संबंध में लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बाबा साहब नेता नहीं, इस देश की आत्मा हैं।हाल ही में संसद में, गृहमंत्री की ओर से दिया गया बयान न केवल अपमानजनक है बल्कि भाजपा की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, 'बाबासाहेब के बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर भाजपा ने कैसे किया? प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया। इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया।लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। बाबा साहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते, लोग चाहते हैं आप भी इस मसले पर गहराई से विचार करें।

#बिहार की स्वर कोकिला #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर #पटना पहुंच चुका है। #सीएम नीतीश कुमार समेत पहुंची लोगों की भीड़
#बिहार की स्वर कोकिला #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर #पटना पहुंच चुका है।




#सीएम नीतीश कुमार समेत पहुंची लोगों की भीड़। #शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए #पटना में रखा जाएगा और फिर गुरुवार की सुबह शारदा सिन्हा का #राजकीय सम्मान के साथ #अंतिम संस्कार होगा। Nitish Kumar Sharda Sinha
CAB President Snehasish Ganguly wishes players good luck as J.C Mukherjee T20 meet begins


*Khabar kolkata sports Desk*: CAB President Snehasish Ganguly wished all the players good luck as CAB local cricket season commenced in the city on Monday with the J.C Mukherjee T20 tournament.

"I wish all the players the best for the tournament. We have started the 2024-25 local CAB season early and well ahead of the normal schedule. I hope the J.C Mukherjee T20 tournament will be a competitive one," Mr Ganguly said before the start of Bhowanipore Club vs Kalighat Club match at the JU 2nd Campus Ground, Salt Lake.

Also present for the ocassion were CAB Joint Secretary Debabrata Das, CAB Tour, Fixture and Technical Committee Chairman Suvankar Ghosh Dastidar, CAB Tournament Committee Chairman Nitish Ranjan Dutta, CAB Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick, CAB Medical Committee Chairman Pradip Kr Dey and other CAB Members.

In the opening day, Bhowanipore take on Kalighat while Mohammedan Sporting Club face Barisha Sporting Club at the JU, 2nd Campus Ground.

At the 22 Yards SP School Ground, Town Club take on United Club while Kidderpore Sporting Club take on Tapan Memorial Club. *Pic Courtesy by: CAB*
Easwaran, Abishek, Mukesh named in India A squad for Australia tour
*Sports News*



*Khabar kolkata News Desk:*  Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, wicket-keeper batsman Abishek Porel and fast bowler Mukesh kumar has been named in the India A squad for the forthcoming Australia tour, it was announced by BCCI on Monday.

All eyes will be on in-form Easwaran, who has been rewarded for his consistent run, ahead of India’s Test series against Australia.

Easwaran, who is the vice-captain of India A, has been in superb form in the domestic circuit for the last couple of seasons. In this season, he scored two hundreds in the Duleep Trophy, another ton in the Irani Cup, and began the Ranji Trophy season with a century for Bengal.

On the other hand, it is an incredible opportunity for the young and talented Abishek to gather immense experience from the overseas tour. Mukesh will also aim to do well and make an impact in Australia.

India A are scheduled to take on Australia A in two first-class matches.  They then play against India squad in a warm-up match.

India A team,Ruturaj Gaikwad (C), Abhimanyu Easwaran (VC), Sai Sudharsan, Nitish Kumar Reddy, Devdutt Padikkal, Ricky Bhui, Baba Indrajith, Ishan Kishan (WK), Abishek Porel (WK), Mukesh Kumar, Khaleel Ahmed, Yash Dayal, Navdeep Saini, Manav Suthar, Tanush Kotian.

*Pic Courtesy by:CAB*
बिना अनुभव के गठबंधन सरकार चलना नरेन्द्र मोदी के लिए होगा कितना मुश्किल, नीतीश और नायडू बन सकते हैं बड़ी चुनौती
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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजे मंगलवार को सामने आ गए। हालांकि ये नतीजे चौंकाने वाले रहे। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 और 2019 दोनों में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था। लेकिन, एक दशक में पहली बार है, जब बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। हालांकि, एनडीए 292 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई। वहीं, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और बिहार में नीतीश कुमार ने अपने-अपने राज्यों में शानदार जीत हासिल की। इसके बाद दोनों किंगमेकर बनकर उभरे हैं। अब बीजेपी 10 साल बाद अपने सहयोगियों, खासकर टीडीपी और जेडी(यू) पर निर्भर होगी। केन्द्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार के लिए दो सहयोगी दलों की सबसे बड़ी भूमिका होगी। इनमें एक हैं भाजपा के पुराने साथी हैं बिहार के सीएम नीतीश कुनार के नेतृत्व वाली जेडीयू और दूसरी है आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने जा रही टीडीपी।इनकी सहमति और सहयोग के बिना भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार की कल्पना ही संभव नहीं है। फिलहाल दोनों ओर से किसी तरह के तिकड़म की सुगबुहाट तो नहीं दिखती, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रति अतीत में दोनों की जैसी मंशा रही है, उसके बीज अब भी उनमें कहीं दबे-छिपे हैं तो किसी भी वक्त वह प्रस्फुटित हो सकते हैं। भाजपा के नेतृत्व में सरकार बन जाएगी, इसमें शक नहीं है। पर, सरकार कितने दबाव में चलेगी, यह सभी को पता है। नरेंद्र मोदी के दिल्ली आने के बाद नीतीश कुमार और नायडू के संबंध बीजेपी से बहुत कड़वाहट भरे भी रहे हैं। नायडू और नीतीश 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर बीजेपी के विरोधी खेमे में रह चुके हैं और इस लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में वापसी की है। *नरेन्द्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू में कैसे रहे संबंध?* साल 2002 में गुजरात में हुए दंगे के बाद चंद्रबाबू नायडू एनडीए के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने बतौर मुख्यामंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े की मांग की थी। अप्रैल 2002 में टीडीपी ने मोदी के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को राहत देने में में बुरी तरह फेल होने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया था। यही नहीं, साल 2018 में चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एनडीए का साथ छोड़ दिया था और केंद्र में अपने दो मंत्रियों को भी हटा दिया। नायडू उस समय मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। ये अविश्वास प्रस्ताव तो पास नहीं हो पाया लेकिन अपने 16 सांसदों के साथ एनडीए से निकल गए थे। साल 2019 में गठबंधन से निकलने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट कर कहा था, "मोदी ने योजनाबद्ध तरीक़े से भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों को नष्ट कर दिया है। बीजेपी सरकार के शासन में संस्थागत स्वायत्तता और लोकतंत्र पर हमला हुआ है। अब, जब से आंध्र में टीडीपी की 16 सीटें आई हैं और अब जब नायडू किंगमेकर की भूमिका में दिख रह हैं तो सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी का साल 2019 में आंध्र प्रदेश में दिया गया भाषण ख़ूब शेयर किया जा रहा है। इस भाषण में नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडू को “अपने ससुर के पीठ में छूरा भोंकने वाला बताया था।” उन्होंने राज्य में एक चुनावी रैली में कहा था, “वो (चंद्रबाबू नायडू) ख़ुद को मुझसे सीनियर मानते हैं, अच्छी बात है आप सीनियर हैं. लेकिन आप सीनियर हैं, पार्टी बदलने में, अपने ससुर की पीठ में छूरा भोंकने में और आप सीनियर हैं एक के बाद एक चुनाव हारने में...उसमें तो मैं सीनियर नहीं हूँ। *नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के रिश्ते जगजाहिर* नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार के बीच के रिश्ते जगजाहिर है। दोनों के एक साथ एक मंठ पर दिख जाना सिवाय राजनैतिक मजबूरी के और कुछ नहीं है।भाजपा ने 2013 में जब नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की घोषणा की तो नीतीश कुमार ने भाजपा से रिश्ते तोड़ लिए थे। हालांकि 2017 में वे भाजपा के साथ आ गए, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रति उनके मन की नफरत नहीं गई। यही वजह रही कि 2022 में नीतीश ने आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिला लिया और नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की तरह विपक्षी एकता का अभियान शुरू कर दिया। भाजपा के खिलाफ आज जो इंडी अलायंस वजूद में हैं, उसकी बुनियाद रखने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। हालांकि अपनी मजबूरियों के कारण नीतीश फिर पलट गए और भाजपा से हाथ मिला कर बिहार में सीएम की अपनी कुर्सी सुरक्षित कर ली। नरेन्द्र मोदी के साथ कड़वाहट भरे रिश्ते रिश्ते रख चुके दो दिग्गज आज तीसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाने को राजी तो हो रहे हैं। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को अपने साथ लेकर चलना नरेन्द्र मोदी के सामने सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और चुनौती होगी।खासकर तब जब नरेंद्र मोदी के पास गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। गुजरात में जब वह मुख्यमंत्री थे, तब भी प्रचंड बहुमत वाली सरकार थी। हक़ीक़त यह है कि बीजेपी की कमान मोदी के पास आने के बाद से एनडीए का कुनबा छोटा होता गया। अकाली दल और शिव सेना बीजेपी के दशकों पुराने सहयोगी रहे थे लेकिन दोनों कब का अलग हो चुके हैं। इस बार जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो उन्हें सरकार चलाने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा। जो किसी चुनौती से कम नहीं है।
नीतीश-नायडू ने दिया साथ तो क्या बन सकेगी “इंडिया” गठबंधन की सरकार, जानें आंकड़ों का गणित
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लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद इंडी गठबंधन आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम मीटिंग करने वाला है। मीटिंग में तय किया जाएगा कि गठबंधन विपक्ष में बैठेगा या सरकार बनाने की कवायद करेगा। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है, बावजूद संभावना जताई जा रही है कि ये सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। दरअसल, सरकार गठन में इतनी अनिश्चिता इसलिए बनी हुई है, क्योंकि राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि बिहार में 12 सीटें जीतने वाली जेडीयू और आंध्र प्रदेश में 16 सीटें जीतने वाली टीडीपी कहीं पलटी न मार लें। दोनों दलों के प्रमुख नेता यानी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू कभी कांग्रेस के साथ रह चुके हैं। और राजनीति में तो इस तरह की संभावनाएं से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन की बैठक होने वाली है।इंडिया गठबंधन की बैठक शाम 6 बजे होगी।कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने के लिए आगे आने वाली है। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। मगर कांग्रेस के नेताओं की तरफ से एनडीए सहयोगियों को अपने पाले में करने पर काम चल रहा है।

देश में नई सरकार को बनाने में दो नेता 'किंगमेकर' बनकर उभरे हैं। इसमें एक जेडीयू के नीतीश कुमार हैं तो दूसरे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू हैं। इन दोनों को अपनी ओर करने के लिए कांग्रेस भी खूब बयान दे रही है।

अब सवाल उठता है कि अगर नीतीश और नायडू का साथ मिला तो क्या इंडिया गठबंधन सरकार बना पाएगा। चुनाव आयोग के मुताबिक, इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत का आंकड़ा 272 है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत होगी। टीडीपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो ये 28 होती हैं। 234 और 28 को जोड़ने पर इंडिया का आंकड़ा 262 तक पहुंचेगा। सत्ता में आने के लिए उसे 10 सीटों की और जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जो अन्य 17 सांसद हैं वो महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन को इन सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी।


बिहार के मुख्यमंत्री दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक के लिए पटना से रवाना हुए। उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी प्लेन में बैठे हुए देखा गया। इस वजह से भी नीतीश के पाला बदलने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।