कुम्हार समाज के मैट्रिक और इंटर में उत्तीर्ण छात्राओं को 18 अगस्त को किया जाएगा सम्मानित

गया शहर के कुजापी स्थित एक निजी होटल में बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति पश्चिम क्षेत्र डेल्हा की ओर से 18 अगस्त को सेशन 2024 मैट्रिक और इंटर में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा.

इसकी जानकारी बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति पश्चिम क्षेत्र डेल्हा के अध्यक्ष सुदामा प्रसाद, सचिव राजदेव प्रजापति और कोषाध्यक्ष राजकुमार प्रजापति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर की है। इस मौके पर अध्यक्ष सुदामा प्रसाद ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम करने का मुख्य उद्देश्य की कुम्हार समाज में शैक्षणिक जागृति लाना है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

आमस में भू-सर्वेक्षण अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी के द्वारा शिविर लगाकर लोगों को किया गया जागरूक

गया/आमस। बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत रविवार को भू सर्वेक्षण अधिकारी एवं बड़की चिलमी के राजस्व कर्मचारी राम विकाश सिंह के द्वारा शिविर लगाकर लोगो को जागरूक किया गया।

सर्वेक्षण अधिकारी रोहित कुमार एवं मुकेश कुमार ने बताया के सरकार का सर्वे करने का मुख्य उद्देश्य सरकारी भूमि को चिन्हित कर निकालना एवं उसपर अधिक अधिक रोजगार सृजन किया जाना है।जिससे लोगो को आसानी रोजगार मिल सके।

बिहार विशेष सर्वेक्षण के तहत 12 अगस्त के रामपुर पंचायत, 13 अगस्त को आमस, 14अगस्त को झरी, 15 अगस्त को सांवकला, 16 अगस्त को करमडीह, 17 अगस्त को कलवन, 18 अगस्त को अकौना, 19 महुआवां में शिविर लगाकर लोगो को भू सर्वेक्षण से जुड़ी लोगो को जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर मुखिया महेंद्र पासवान, उप मुखिया कृष्ण मुरारी यादव,विक्की सिंह,अवधेश कुमार, कृष्ण यादव सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थें।

रिपोर्ट: धनंजय कुमार।

*बिहार में प्रशासनिक फेर-बदल : मयंक वरवड़े बने पटना प्रमंडल के आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा समेत इन दो विभागों का

डेस्क : बीते रविवार को बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेर-बदल किया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त को बदल दिया गया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि का स्थानांतरण करते हुए इनकी जगह मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े को पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वहीं प्रदेश के दो आईएएस को क्रमश: ऊर्जा तथा उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। जबकि दो का स्थानांतरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक वहीं गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम अगले आदेश तक गया प्रमंडलीय आयुक्त और गया स्थित बिपार्ड के अपर महानिदेशक के दैनिक कार्यों के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पॉवर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी को उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उन्हें आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार-आइडा के प्रबंध निदेशक और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि को स्थानांतरित करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव के पद पर तैनात किया गया है। साथ ही उन्हें भवन निर्माण विभाग के सचिव और बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष का युवा जदयू ने किया स्वागत, आगामी चुनाव में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए हुए संकल्पबद्ध

गया। ज्ञान एवं मोक्ष की धरती पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा का आगमन हुआ। इस मौके पर इनका युवा जदयू की तरफ से गया युवा जदयू के जिलाध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने गया-पटना रोड पर सन सिटी अपार्टमेंट, बिथो के सामने प्रदेश अध्यक्ष का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया।

अपने पार्टी के युवा साथियों के इस उत्साह को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष काफी प्रभावित हुए। उसके बाद जदयू कार्यालय का उन्होंने गया नगर में उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के मौके पर युवा जदयू जिलाध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा ने भगवान विष्णुपद चिन्ह भेंटकर प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत किया। साथ ही आश्वस्त किया बेलागंज उपचुनाव में युवा जदयू अपनी उत्कृष्ट भूमिका निभाएगी।

पार्टी की तरफ से जो जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी उसको पूरी तनमयता के साथ काम किया जाएगा। इतना ही नहीं आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हमारी पार्टी की तरफ से जो तैयारी के लिए रणनीति तैयार की गई है उसमें युवा जदयू अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगी। प्रदेश अध्यक्ष के स्वागतकर्ताओं में युवा जदयू के दिनेश यादव, अभिषेक कुमार, टेकारी प्रखंड अध्यक्ष सुनील पासवान, बोधगया प्रखंड अध्यक्ष प्रकाश कुमार, अजित कुमार, रंजीत पांडेय, चितरंजन कुमार, कोच प्रखंड अध्यक्ष मुकेश शर्मा आदि साथियों ने स्वागत समारोह में हिस्सा लिया।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

गुलनार महिला सिलाई सेंटर में दो दिवसीय राखी मेकिंग प्रतियोगिता संपन्न, 13 अगस्त को प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण

गया। स्थानीय मीर अबु सालेह रोड स्थित गुलनार नि:शुल्क महिला सिलाई सेंटर में पवित्र रक्षाबंधन पर्व को लेकर दो दिवसीय राखी मेकिंग प्रतियोगिता शनिवार को संपन्न हो गई। प्रतियोगिता में कुल 48 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशिक्षिका पूनम कुमारी एवं नंदनी कुमारी के निर्देशन में दो दिनों तक प्रतिभागियों ने कच्ची डोरी, स्टोन, मोती,लेस आदि सामानों से काफी आकर्षक एवं सुंदर राखियां बनाई।

प्रतिभागियों ने कहा कि तैयार राखियां अपने भाइयों के कलाई पर रक्षाबंधन के दिन सजाएंगे। गुलनार समूह के संस्थापक सचिव नीरज कुमार ने बताया कि भाई बहन के पवित्र रिश्ते भरे पर्व रक्षाबंधन के मद्देनजर प्रतिवर्ष संस्था द्वारा इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाता है। राखी मेकिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच प्रथम द्वितीय तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार से प्रतिभागियों को 13 अगस्त को दोपहर 12:00 बजे से पुरस्कृत किया जायेगा। इस तरह के प्रतियोगिता से छात्राओं के अंदर छिपी हुई प्रतिभा निखरती है।

मौके पर आशा कुमारी सोनी कुमारी, अलका कुमारी, नीतू कुमारी,रोशनी कुमारी, सुजाता, इंदु कुमारी, कोमल कुमारी, खुशी कुमारी, नंदनी कुमारी सहित कई छात्राएं उपस्थित थे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

विकलांग बच्चों का संरक्षण हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गया। पटना स्थित ज्ञान भवन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली के न्यायाधीश अभय एस ओका सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली अहसानुद्दीन अमानुल्लाह एवं पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में विकलांग बच्चों का संरक्षण हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम किशोर न्याय निगरानी समिति, पटना एव उच्च न्यायालय के सहयोग से समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार और यूनिसेफ द्वारा आयोजित किया गया है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है कि दिव्यांग बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता, विशेष रूप से चिकित्सा प्रबंधन सहित विकलांग बच्चों के लिए आवश्यक देखभाल के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई। उक्त कार्यशाला में जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम को बुलाया गया था। आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने बताया कि 6 साल से कम उम्र वाले बच्चे, जिन्हें सुनने की क्षमता नही थी अर्थात ( हियरिंग लॉस) वाले बच्चों को चिन्हित कर श्रवण श्रुति कार्यक्रम के तहत उन बच्चो का निषुल्क उपचार करवाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के सर्वे के अनुसार 1000 बच्चों में से 5- 7 बच्चे बोल नहीं पाते हैं तथा सुन नहीं पाते, से संबंधित पाए जाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ के सहयोग से श्रवण श्रुति कार्यक्रम ज़िले में प्रारंभ की गई। और ज़िले के सभी आगनवाड़ी केंद्रों में विशेष कैम्प लगवाकर बच्चो को चेकअप करवाया गया है।

ज़िले में अब तक 326399 से अधिक बच्चों को जांच करा लिया गया है उनमें 652 बच्चो को उपचार कर ठीक करवा लिया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चो की स्क्रीनिंग में 87 बच्चे बेरा पॉजिटिव पाए गए अर्थात हियरिंग लॉस पाए गए हैं। उन में से 45 बच्चों को निशुल्क इलाज कराया गया तथा cochlear implant मशीन बच्चों को लगाए गए। अब ये बच्चे अपने मां—बाप आवाजें सुन सकते हैं। सर्जरी के बाद ये सभी बच्चों के माता—पिता के चेहरे पर मुस्कान है। उन्हें अब आशा जग गयी कि वह अपने बच्चों की बोली सुन रहे हैं। बच्चे अपने मातापिता को प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।

आपरेशन के बाद सभी बच्चों को निःशुल्क समुचित स्पीच थेरैपी करवाया जाता है। स्पीच थेरैपी के माध्यम से बच्चो को सुनने एव समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है। उपस्थित सभी ने श्रवण श्रुति के तहत छोटे बच्चो के समुचित इलाज को लेकर काफी प्रशंसा जाहिर किया है। उल्लेखनीय है कि अब पूरे बिहार में बाल श्रवण के नाम से यह योजना संचालित की गई है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

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अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

जिस महिला पर लगा था पुरुष होने का आरोप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास

पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.उन्होंने महिला बॉक्सिंग की वेल्टरवेट कैटगरी के फाइनल मुकाबले में चीन की बॉक्सर और 2023 की वर्ल्ड चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हरा दिया. इमान खेलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर हैं. उनके अलावा केवल होसीन सोलटानी ने पुरुष कैटेगरी में अल्जीरिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. ये अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास का 7वां गोल्ड मेडल है.प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी को हराने के बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. उनका जमकर विरोध हुआ था. यहां तक की उन्हें डिस्क्वालिफाई करने की मांग होने लगी थी.

मुश्किल था पेरिस ओलंपिक का सफर

इमान खेलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. उनके लिए गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष बताकर जमकर ट्रोल किया गया. उनका खूब विरोध हुआ, यहां तक उन्हें डिस्क्वालिफाई करके बाहर निकाले जाने की भी मांग हुई. इन सभी चीजों को सहते हुए खेलीफ अपने मुकाबलों पर ध्यान देती रहीं. हालांकि, फाइनल में उन्हें खूब समर्थन मिलते देखा गया. बाउट के दौरान कई फैंस उनके नाम के नारे लगाकर चीयर कर रहे थे.

खेलीफ ने जीत के बाद हवा में पंच मारा और अल्जीरिया के झंडे के साथ विक्ट्री लैप लगाते हुए सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं. खेलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 सालों कासपना था, जो पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं अपने ऊपर हुए हमलों और नफरतों को लेकर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लेकर हुए विरोध ने इस जीत को स्पेशल बना दिया है. खेलीफ ने भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होने की उम्मीद जताई.

कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर

इमान खेलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है. खेलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ. 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बनाने का फैसला किया. खेलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था. उस वक्त खेलीफ बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं. इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल पसंद नहीं था. फिर भी खेलीफ ने हार नहीं मानी और सारी परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा.

2023 से चल रहा पुरुष होने का विवाद

इमान खेलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. 2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं. वहीं 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद साल 2023 में खेलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचीं. हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खेलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होने का हवाला दिया था.

बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खेलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आ गया था. वहीं खेलीफ ने IBA के फैसले को एक बड़ी साजिश भी बताया था. पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हुए मुकाबले के बाद वो एक बार फिर विवादों में आ गईं. इस मुकाबले में उनकी विरोधी एंजेला कारिनी ने 46 सेकेंड के बाद ही खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया था. इसके बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद खेलीफ को पूरी दुनिया से नफरतों का सामना करना पड़ा. फिर भी वो हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है.

गया एसएसपी ने सिपाही चालक को किया बर्खास्त, रिश्वत लेकर गिट्टी लदे वाहन को छोड़ने का ऑडियो हुआ था वायरल

गया। बिहार के गया में रामपुर थाना में पोस्टिंग चालक सिपाही 119 सोनू कुमार शर्मा को गया के एसएसपी आशीष भारती ने तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

दरअसल, चालक सिपाही 119 सोनू कुमार शर्मा रामपुर थाना में पोस्टिंग के दौरान रिश्वत लेकर गिट्टी लदे वाहन को छोड़ने का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसके बाद ऑडियो क्लिप का जांच कराय गया तो वह सही निकला और आवाज की भी पुष्टि की गई तो सही निकाला।

जिसके बाद जाँच प्राधिकार के द्वारा समर्पित किए गए जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसएसपी ने चालक/सिपाही 119 सोनु कुमार शर्मा को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है और गया जिला के सभी पंजीयों से इनका नाम विलोपित करने का आदेश दिया गया है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

गया पुलिस के द्वारा सिकरिया मोड़ से मगध मेडिकल हॉस्पिटल तक चलाया गया अतिक्रमण हटाओ व्यापक अभियान

गया। बिहार के गया में गया एसएससी आशीष भारती के निर्देश पर सिटी एसपी के नेतृत्व में सिकरिया मोड़ से मगध मेडिकल हॉस्पिटल तक ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी के बाउंड्री के आसपास एवं सड़क किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने का व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान अतिक्रमण कारियों को हटाने के साथ-साथ उन्हें भविष्य में अतिक्रमण न करने के लिए भी जागरूक किया गया। 

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाना है। जिससे आम जनता को होने वाली किसी भी प्रकार की असुविधा को दूर किया जा सके। इस मौके पर मगध मेडिकल थाना, रामपुर थाना एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी, कर्मियों और पुलिस बल शामिल रहे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।