मुख्यमंत्री ने सपरिवार हरेली तिहार में की पूजा-अर्चना, अच्छी फसल और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय में आज परंपरागत रूप से छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली परिवार व आमजनों संग धूमधाम से मनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धर्मपत्नी कौशल्या साय एवं परिजनों के साथ विधिवत रूप से तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों, गेड़ी की पूजा कर अच्छी फसल, किसानों और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। छत्तीसगढ़ की परंपराएं और संस्कृति मुख्यमंत्री निवास में पूरी तरह से जीवंत हो उठीं। हरेली, जो कि छत्तीसगढ़ का पहला और सबसे प्रमुख त्यौहार है, इसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपरिवार और आमजन के साथ धूमधाम से मना रहे हैं।

मुख्यमंत्री निवास को छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश में ढालते हुए, पारंपरिक सजावट और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुरूप सजाया गया है। इस मौके पर आयोजित हो रहे छत्तीसगढ़ी संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राउत नाचा और गेड़ी नृत्य का भी विशेष आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर परंपरागत कृषि उपकरणों के स्टॉल उपकरणों से छत्तीसगढ़ के कृषि संस्कृति जीवन्त हो उठी है।

मुख्यमंत्री ने कलाकारों का बढ़ाया उत्साह

राउत नाचा के कलाकारों के आग्रह पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया, जिससे हरेली के इस महोत्सव में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने हरेली पर कृषि औजारों और गेड़ी की पूजा की, प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दीं

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज राजधानी रायपुर स्थित अपने शासकीय निवास में कृषि औजारों और गेड़ी की पूजा कर परंपरागत रूप से हरेली त्योहार मनाया। उन्होंने पूजा-अर्चना कर अच्छी फसल और किसानों की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। उन्होंने हरेली के मौके पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अपने निवास पर आयोजित हरेली कार्यक्रम में कलाकारों के साथ नृत्य किया। उन्होंने इस दौरान गेड़ी का भी आनंद लिया। श्री साव ने हरेली पर्व पर प्रदेश को हरा-भरा बनाने और धरती मां के श्रृंगार के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत लोगों से अपनी मां के सम्मान और स्मृति में पौधा लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण के संरक्षण-संवर्धन के साथ ही धरती की सुंदरता भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री निवास में बिखरी हरेली तिहार की छटा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रायपुर स्थित निवास कार्यालय में धूम-धाम से हरेली तिहार मनाया जा रहा है। निवास परिसर को बड़े ही सुन्दर ढंग से सजाया गया है। यहां मेले-मड़ई जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का आयोजन हो रहा है। पूरे परिसर में उत्सव का माहौल है।मुख्यमंत्री निवास में ग्रामीण परिवेश जीवंत हो उठा है। कहीं सुंदर वस्त्रों में सजे राऊत नाचा कर रहे कलाकारों की रंगत है तो कहीं आदिवासी कलाकार अपने पारंपरिक लोक नृत्य करते नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का अद्भुत ग्रामीण लैंडस्केप अपनी सम्पूर्ण सांस्कृतिक सुंदरता में यहां दिखायी दे रहा है। अलग अलग तरह की धुनों में छत्तीसगढ़ी संगीत का माधुर्य अपने चरम पर है।

मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर्व के अवसर पर कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगायी गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस लोक पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़ के किसानों को उन्नत कृषि यंत्र की सौगात भी देंगे। किसानों को कृषि यंत्रीकरण मिशन के तहत 20 ट्रैक्टर एवं एक हारर्वेस्टर का वितरण भी किया जाएगा। कृषि यंत्रीकरण मिशन के तहत राज्य के 1600 किसानों को ट्रैक्टर दिए जाने का लक्ष्य है। सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को ट्रैक्टर 50 प्रतिशत अनुदान पर तथा अन्य वर्ग के कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किया जाएगा।

मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार पर छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का अनूठा नजारा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निवास कार्यालय में आज हरेली पर्व पर खेती-किसानी, कला-संस्कृति, खान-पान और वेशभूषा का अनूठा नजारा देखने को मिला। हरेली पर्व में शामिल लोग छत्तीसगढ़िया परिधान पहने लोक संस्कृति के रंग में सरोबार नजर आए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय एवं मंत्रीगण पारंपरिक वेशभूषा में खुमरी पहने हुए थे। छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जहां हर एक अवसर और कार्यों के लिए विशेष प्रकार के पारंपरिक उपकरणों एवं वस्तुओं का उपयोग किया जाता रहा है। हरेली पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में इन्हीं पारंपरिक कृषि यंत्रों एवं परिधानों का नजारा देखने को मिला जो छत्तीसगढ़ की समृद्धि संस्कृति की अमूल्य धरोहर है।

काठा - इस चित्र में सबसे बाएं दो गोलनुमा लकड़ी की संरचना दिख रही है, जिसे काठा कहा जाता है। पुराने समय में जब गांवों में धान मापन के लिए तौल कांटा-बाट का प्रचलन नही था, तब काठा से धान का मापा जाता था। सामान्यतः एक काठा में चार किलो धान आता है। काठा में ही नाप कर पहले मजदूरी के रूप में धान का भुगतान किया जाता था।

खुमरी - सिर के लिए छाया प्रदान करने के लिए बांस की पतली-पतली खपच्ची से बनी, गुलाबी रंग से रंगी और कौड़ियों से सजी घेरेदार संरचना खुमरी कहलाती है। यह प्रायः गाय चराने वाले चरवाहें अपने सिर पर धारण करते हैं। जिससे धूप और बारिश से बचाव होता है। पहले चरवाहा कमरा (रेनकोट) और खुमरी लेकर पशु चराने निकलते है। कमरा जो कि जूट के रेशे से बने ब्लैंकेट नुमा मोटा वस्त्र होता था, जो कि बारिश बचने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

कांसी की डोरी - खुमरी के बगल में डोरी का गोलनुमा गुच्छा कांसी पौधे के तने से बनी डोरी है। यह पहले चारपाई या खटिया में उपयोग होने वाले निवार के रूप में प्रयोग किया जाता है। डोरी बनाने की प्रक्रिया को डोरी आंटना कहा जाता है। बरसात के शुरुआती मौसम के बाद जब खेत के मेड़ों में कांसी पौधे उग आते है, तब उसके तने को काटकर डोरी बनाई जाती है, जो कि चारपाई बुनने के काम आती है।

झांपी - चित्र के सबसे दाएं तरफ ढक्कन युक्त लकड़ी की गोलनुमा बड़ी संरचना झाँपी कहलाती है। यह पुराने जमाने में छत्तीसगढ़ में बैग या पेटी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता था। यह खासकर विवाह के अवसर पर बारात जाने के समय दूल्हे का कपड़ा, श्रृंगार समान, पकवान आदि सामग्रियां रखने का काम आता था। यह बांस की लकड़ी से बनी मजबूत संरचना होती थी, जो कई वर्षों तक खराब या नष्ट नहीं होती है।

कलारी - बांस के डंडे के छोर पर लोहे का नुकीला हुक लगाकर कलारी बनायी जाती है। इसका उपयोग धान मिंजाई के दौरान धान को उलटने-पलटने में होता है।

स्टेट फार्मेसी काउन्सिल से कहा गायब हो गए अनुभव प्रमाण पत्र, जिम्मेदार दे रहे आग में जलाने का हवाला, RTI से खुली पोल

रायपुर-     छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउन्सिल में 4 हजार से ज्यादा पंजीयन अनुभव के आधार पर किए गए है, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। कौंसिल में हजारों अवैध पंजीयन दर्ज है। IPA के सदस्यों ने बताया एक व्यक्ति के नाम से दो पंजीयन दर्ज है। चुनाव में दो मतपत्र जारी होते रहे हैं और एक व्यक्ति के दो वोट डाले गए हैं। वहीं अनुभव प्रमाण का कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने पर एमपी कार्यालय में आग लगने का हवाला दिया जा रहा है। सूचना के अधिकार अधिनियम में इसका खुलासा हुआ है।

IPA के सचिव वर्मा ने कहा कि ऐसे फर्जी पंजीयनों को छुपाने अवैध रूप से नियम विरोधी लाइफ टाइम पंजीयन किया गया है ताकि नवीनीकरण के समय गड़बड़ी पकड़ी न जा सके। उन्होंने कहा कि फार्मेसी एक्ट में लाइफ टाइम पंजीयन का कोई प्रावधान ही नहीं है। 30 हजार पंजीयन में से लगभग 4000 पंजीयन लाइफ टाइम किया गया हैं। शासन-प्रशासन को शिकायत करने पर भी जांच एवं कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कौंसिल के रजिस्ट्रार बदलते रहे लेकिन किसी ने कार्रवाई की हिम्मत नहीं की। पूर्व सरकार ने जांच समिति बनाई थी लेकिन जांच समिति में अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई, जिनके पास पहले ही ज़्यादा काम हैं नतीजन जांच हो नहीं सकी। फार्मेसी पंजीयन का उपयोग मुख्यतः मेडिकल स्टोर खोलने ड्रग लाइसेंस बनवाने किया जाता है।

मौत के बाद पंजीयन का दुरुपयोग

आजीवन पंजीयन नियम में कही नहीं है लेकिन पंजीयन किया गया है पंजीयन धारी सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। उसके बाद भी उनकी पंजीयन निरस्त नहीं किया गया है और मौत के बाद उसकी पंजीयन का उपयोग जारी है।

आगजनी की घटना का हवाला देते हुए किया जा रहा गुमराह

IPA के सचिव ने बताया कि अनुभव के आधार पर पंजीयन पहले होता था, जो बंद हो गया है। अनुभव के आधार पर पंजीयन हुआ है तो अनुभव प्रमाण पत्र कहां है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हमने जानकारी मांगी तो कहा गया कि इन लोगों का अनुभव प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में नहीं है। मौखिक तौर पर यह भी कहा गया कि MP में आग लगी थी तो जल गया है। वहां से दस्तावेज़ नहीं दिए गए है। जब MP में सूचना के अधिकार अधिनियम लगाया गया तो वहां से लिखित में बताया गया कि यहां कोई आग नहीं लगी है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल फ़ार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने कहा अनुभव के आधार पर पहले रजिस्ट्रेशन होता था। अनुभव प्रमाण पत्र नहीं होने की जानकारी मिल रही है तो ये सही नहीं है। इसमें जांच की जाएगी। आगज़नी की घटना को लेकर कहा कि ऐसे तो कहासुनी में हमने भी सुना है कि आग लगी थी लेकिन इसका कोई प्रमाण हमारे पास नहीं है। MP में आग लगी थी या नहीं यह एक बार हम पूछेंगे फिर आगे आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।

पंजीयन निरस्त किया जाएगा

छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के वाइस प्रेसीडेंट राहुल तिवारी का कहना है मुद्दा गम्भीर है और इस मुद्दे को काउंसिल की बैठक में उठाया गया था। लगभग छह हज़ार लोगों का लाइफ़टाइम पंजीयन कराया हुआ है, जिनकी कोई जानकारी नहीं है। अब हम इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पता लगा रहे हैं कि कितने लोग जीवित है कितने लोग नहीं है, जीवित हैं तो आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी अगर जीवित नहीं है तो उनका पंजीयन निरस्त किया जाएगा।

कम में फायदा नहीं ज्यादा में नुकसान

बीमारियों में जो दवा खाते हैं वो फार्मासिस्ट की ओर से दी जाती है। अगर हम कम डोज लेते हैं तो बीमारी पर दवा असर नहीं करती और ज्यादा डोज लेते हैं तो कई तरह के रिएक्शन का शिकार होते हैं जान भी जा सकती है।

गाइडलाइन बनाकर तुरंत शुरू करें – डॉ राकेश गुप्ता

इस मामले में काउंसिल के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल और मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट और डॉक्टरों की संख्या हमेशा भ्रम की स्थिति रही है. राज्य बनने के बाद लगातार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ही हुई है. वास्तव में प्रैक्टिस कर रहे फार्मासिस्ट और डॉक्टरों की सही संख्या का अनुमान नवीनीकरण न होने से हमेशा संदेह के दायरे में है. कभी-कभी सर्टिफिकेट की मान्यता भी संदेह के घेरे में आती रही है. नवीनीकरण होने से सही संख्या और सर्टिफिकेट में योग्यता की सत्यता प्रमाणित हो सकेगी. इसे शासन के स्तर पर गाइडलाइन बनाकर तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.

आपत्तियों के निराकरण किए बिना अधिसूचना जारी, परिसीमन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर

बिलासपुर- बिलासपुर नगर निगम के परिसीमन के लिए जारी अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि आपत्तियों का निराकरण किए बिना अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें कई तरह की अनियमितताएं है, इसलिए परिसीमन रद्द कर पूर्व प्रक्रिया अनुसार निगम चुनाव कराए जाएं।

बिलासपुर के पूर्व कांग्रेसी विधायक शैलेश पांडेय और कांग्रेस के चार ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू, मोती थारवानी, जावेद मेमन, अरविंद शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में बताया गया है कि इससे बिलासपुर शहर की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा और उनके पते बदल जाएंगे। इससे राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज को बदलने की जरूरत पड़ेगी। यह परिसीमन बिना किसी जरूरत के किया जा रहा है।

शासन की ओर से पूरे प्रदेश में परिसीमन के लिए दिशा निर्देश जून में दिए गए। बिलासपुर में कांग्रेस कमेटी ने इसका विरोध किया, क्योंकि बिना जरूरत के परिसीमन करना उचित नहीं था। इसके बाद भी शासन ने हड़बड़ी में दावा आपत्तियों को दरकिनार कर अधिसूचना जारी कर दी। याचिका में अधिसूचना पर रोक और पूर्व के परिसीमन के आधार पर ही आगामी निगम चुनाव कराने की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को हरेली त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी
रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरेली त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में श्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता से दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ का लोक त्यौहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस बार हम धरती माता का आभार उनकी पूजा करने के साथ ’एक पेड़ माँ के नाम’ लगाएं और हरेली की खुशियां मनाएं। श्री साय ने कहा कि हरेली त्यौहार प्रदेशवासियों के जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए।
IPS अशोक जुनेजा बन रहेंगे राज्य के डीजीपी, 6 माह का दिया गया एक्सटेंशन

रायपुर-    अशोक जुनेजा को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल गया है। केंद्र सरकार ने उनके एक्सटेंशन को हरी झंडी दे दी है। अब अशोक जुनेजा अगले 6 महीने तक डीजीपी के पद पर बने रहेंगे। अशोक जुनेजा 1989 बैच के अफसर हैं। बता दें कि, 5 अगस्त 2022 को उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी बनाया गया था। वहीं सूत्र बताते हैं कि, गृह विभाग ने नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर ली थी। पैनल में भेजे गए नामों में से किसी एक नाम पर केंद्र सरकार की मुहर लगती, इन नामों में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम प्रमुख रूप से शामिल थे। इसके अलावा पवन देव भी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखे जा रहे थे, पैनल भेजे जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती इससे पहले इसे रोक दिया गया हैं।

अशोक जुनेजा के रिटायर होने के बाद उनकी सेवा वृद्धि किए जाने की संभावना के पीछे कई वजह गिनाई जा रही है। राज्य में भाजपा सरकार के काबिज होने के बाद से नक्सल मोर्चे पर मिल रही सफलता एक बड़ी वजह है। वहीं बीते छह महीने में करीब डेढ़ सौ नक्सली मारे जा चुके हैं। बड़ी तादाद में नक्सलियों ने सरेंडर किया है। वहीं अर्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस के बीच समन्वय का असर है कि नक्सल मोर्चे पर पहली बार बड़ी सफलता मिल रही है। कहते हैं कि, जुनेजा को एक्सटेंशन दिए जाने की संभावना के पीछे इस विषय को ही आधार माना जा रहा है। वहीं साय सरकार भी नक्सलवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। कहते हैं कि, डीजीपी बदलने से समन्वय में किसी तरह की संभावित अनदेखी पर सरकार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। इसे भी एक कारण माना जा सकता हैं।

राजधानी में मंत्रिमंडल समिति की बैठक: सत्ता-संगठन के आगामी कार्यक्रमों पर हुआ मंथन, साव बोले-

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों की तीन घंटे तक चली बैठक समाप्त हो गई है. बैठक की जानकारी उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दी. उन्होने कहा कि प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने आज लगातार कई बैठकें कीं, जिनमें प्रदेश पदाधिकारी, कोर कमिटी और मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल हुए. बैठक में “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम के तहत सभी मंत्रियों को इसे अपने प्रभार के जिलों और क्षेत्रों में निचले स्तर तक ले जाने का निर्देश दिया गया है.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है कि “एक पेड़ मां के नाम” अभियान को तेज गति से आगे बढ़ाया जाए. इसके अलावा उन्होने बताया कि पूरे प्रदेश में 15 अगस्त को “हर घर तिरंगा” अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को पूरी ताकत से भाग लेना है. युवा मोर्चा तिरंगा यात्रा का आयोजन करेगा, और 14 अगस्त को विभाजन की विभीषिका दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि आज की पीढ़ी को इसके बारे में जानकारी मिल सके.

निकाय चुनाव पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार के स्तर पर तैयारी चल रही है, वार्डों का परिसीमन जारी है और जन समस्या पखवाड़ा चल रहा है. उन्होंने बताया कि हम हर समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर हैं. बैठक में लिए गए निर्णयों से संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और जनता के बीच सरकार की योजनाओं को प्रभावी रूप से पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

लगातार बारिश के बीच स्वर्णप्राशन के लिए आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में उमड़ी भीड़ 1370 बच्चों का कराया गया स्वर्णप्राशन

रायपुर-     दिन भर लगातार बारिश और झड़ी के बीच आज स्वर्णप्राशन के लिए अभिभावक बड़ी संख्या में बच्चों को लेकर रायपुर के आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय पहुंचे। बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्ति वर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए यहां आज 1370 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया।

शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष विभाग की संचालक इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। स्वर्णप्राशन समन्वयक डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह काफी लाभदायक है। महाविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 25 जनवरी को 1235, 21 फरवरी को 1420, 18 मार्च को 1720, 16 अप्रैल को 1410, 13 मई को 1256, 10 जून को 1802 और 8 जुलाई को 1342 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया था।