पौधों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करें : मंत्री टंकराम वर्मा

रायपुर-    जीने के लिए सांस और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत धरती के सभी जीवों के लिए हमेशा बना रहेगा। वृक्षों से जीवनदायिनी ऑक्सीजन मिलती है, इसका मतलब पेड़ पौधों के बिना मानव और जीव जंतुओं का जीवन संभव नहीं है। हर साल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन उसमें से कितने पौधे जीवित बचते हैं। इसका आंकलन करना जरुरी है। जिस प्रकार माँ-बाप अपने बच्चों की देखभाल तब-तक करते हैं, जब तक वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते। उसी प्रकार पौधे लगाने के बाद 5-6 साल तक भली-भांति देख-रेख करना जरूरी है। मंत्री टंक राम वर्मा ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय लवन में सावन के रिमझिम फुहारों के बीच वन विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में उपर्युक्त बातें कही। वन महोत्सव कार्यक्रम में एक पेड़ माँ के नाम अभियान अंतर्गत मंत्री टंक राम वर्मा सहित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने स्कूल परिसर में पौधरोपण किया।आज स्कूल परिसर में करीब 500 पौधे लगाए गए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ठाना है कि वृहद वृक्षारोपण के माध्यम से छत्तीसगढ़ कों हरियर प्रदेश बनाना है। उनकी प्रतिबद्धता को पूरा करने आप सभी अपने खेत, खलिहान और जहां भी खाली जमीन मिलता है वहां पेड़ जरूर लगाएं। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि राजस्व रिकार्ड में त्रुटियों को सुधारने के लिए अब तहसीलदारों को अधिकृत किया गया है,जिससे अब आसानी से त्रुटि सुधार हो सकेगा। राजस्व रिकार्ड त्रुटि सुधार आगे पंचायत स्तर पर भी शुरु किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने एवं खिलाडियों को सम्मानित करने के लिए खेल अलंकरण समारोह शुरू किया गया है। इस वर्ष 29 अगस्त को खेल अलंकरण समारोह होगा। उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार- भाटापारा जिले का नाम खेल के क्षेत्र में रोशन हो इसके लिए खेल सुविधाएं बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इसके तहत 7.5 करोड़ की लागत से एथलेटिक्स ट्रैक का निर्माण किया जाएगा।

कार्यक्रम कों सम्बोधित करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि हर साल वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाता है, इस वर्ष इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पेड़ लगाने का आह्वान किया है। यदि हम अपने माँ के नाम से पेड़ लगाएंगे तो उसमें हमारी भावना भी जुडी होगी,जिससे पेड़ की अच्छी देख-भाल होगी। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर हर प्राणी को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत होती है जो पेड़ से मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वयं पेड़ लगाएं एवं समाज के लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर्रे। कार्यक्रम को पूर्व विधायक भाटापारा शिवरतन शर्मा, पूर्व संसदीय सचिव डॉ सनम जांगड़े ने भी सम्बोधित किया। डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया कि नदी तट योजना के तहत जिले में 50 हेक्टेयर में वृक्षारोपण किया गया है। किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत 1151 किसानों के 2185 एकड़ रकबे में वृक्षारोपण किया जाएगा।

विश्व बैंक की टीम ने चिराग परियोजना को लेकर मुख्य सचिव से की भेंट

रायपुर-    मुख्य सचिव अमिताभ जैन से आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में चिराग परियोजना के संबंध में विश्व बैंक के अधिकारियों के टीम ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से चर्चा के दौरान चिराग परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि चिराग योजना का प्रदेश में बेहत्तर क्रियान्वयन हो रहा है।

इस मौके पर विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर राज गांगुली के साथ विश्व बैंक के अधिकारी मीरा मिश्रा, ब्रेमला नाथन, मनवीन्दर मामक, लक्ष्मी दुर्गा, मधुश्री बैनर्जी और ऋषिकेश ठाकुर मौजूद थे। विश्व बैंक के टीम ने चर्चा के दौरान चिराग परियोजना की प्रगति और पुर्नगठन की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, संचालक कृषि सारांश मित्तर, संचालक उद्यानिकी डॉ. एस.जगदीशन एवं परियोजना संचालक तुलिका प्रजापति शामिल थी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दिव्यांगजनों को बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्रायसायकल और व्हील चेयर का किया वितरण

रायपुर-    आज उपमुख्यमंत्री कार्यालय परिसर, कवर्धा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने 14 दिव्यांगजनों को बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्रायसायकल, दो दिव्यांगजनों को ट्रायसायकल, और एक दिव्यांगजन को व्हील चेयर का वितरण किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, "प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार समावेशी विकास को प्राथमिकता दे रही है। हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि दिव्यांगजनों का जीवन सुगम और सशक्त बने। इस पहल के माध्यम से, न केवल उनकी दैनिक गतिविधियों में सुविधा होगी, बल्कि वे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में भी अधिक सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिव्यांगजनों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और उनके लिए चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।

नियद नेल्लानार योजना का लाभ हितग्राहियों तक गुणवत्तापूर्वक और समय सीमा पर मिले, मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बस्तर संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा जिले में शासन की महत्वाकांक्षी नियद नेल्लानार योजना के तहत यहां के निवासियों को मिल रही बुनियादी सुविधाओं की गहन समीक्षा की। आवासीय विद्यालय, सामूहिक एवं व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टा, 500 यूनिट मुफ्त बिजली, किसान सम्मान निधि, किसानों को निःशुल्क बीज एवं कृषि उपकरण, सिंचाई सोलर पंप और किसानों के खेतों में बोरवेल की सुविधा के बारे में जिलों के कलेक्टरों से जानकारी ली। इसी तरह से हाई मास्क लाइट, उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन, निःशुल्क खाद्यान्न सामग्री, पेयजल, अग्निवीर भर्ती कोचिंग, युवाओं को कौशल विकास ट्रेनिंग और खेल सामग्री, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास, बारहमासी सड़कों की सुविधा सहित मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंक एटीएम सुविधा की भी जानकारी ली। मुख्य सचिव ने योजनांतर्गत आने वाले गांवों में आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूलों की स्थिति और लघु वनोपज की खरीदी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में पुलिस कैम्पों के अंतर्गत नाइट लैंडिंग सुविधा के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों में लोगों की सभी बुनियादी सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के लिए योजनाबद्ध कार्य करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सुविधा प्रदान करने वाले सभी विभागीय सचिवों के पास कार्ययोजना एवं दी जा रही सुविधाओं की जिलेवार अपडेट जानकारी रहना चाहिए। मुख्य सचिव ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि योजना क्षेत्र के गांवों में सभी हितग्राहियों को राशनकार्ड पर चावल, गुड़, चीनी, चना इत्यादि सामग्री अनिवार्य रूप से मिले इसकी निगरानी लगातार करें। श्री जैन ने बस्तर संभागायुक्त को नियद नेल्लानार योजना की सतत् निगरानी के निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता सहित बस्तर संभागायुक्त और कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर का निरीक्षण मरीजों से मिलकर जाना उनका हाल, सुविधाओं का लिया जायजा
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज अभनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजों से मिलकर उनका हाल पूछा और उनके शीघ्र ही स्वस्थ होने की कामना की। श्री जायसवाल ने अस्पताल में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया। श्री जायसवाल ने इस दौरान अस्पताल के स्टाफ और चिकित्सकों के कार्य और व्यवहार के बारे में भी मरीजों से जानकारी ली । स्वास्थ्य मंत्री ने ओपीडी और वार्ड का निरीक्षण करने के साथ ही ओपीडी पंजीयन काउंटर का भी निरीक्षण किया। इस दौरान श्री जायसवाल ने चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए मरीजों की बेहतर देखभाल और समुचित उपचार करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने ली छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक

रायपुर-    आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने आज यहां अटल नगर नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के कार्यालय में राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें अधिकारियों से कहा स्व-प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण से जुडे कार्यों में अपना योगदान दे। उनके द्वारा कार्यों में पारदर्शिता एवं तत्परता हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने एवं डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश दिये गये ताकि डैश बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की जा सके। श्री चौधरी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को मिलने का समय भी निर्धारित कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर लगाने कहा।

श्री चौधरी द्वारा उद्योगों द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन एवं निपटारे हेतु नियमों के पालन कड़ाई से कराने हेतु निर्देश दिया गया। फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश दिये, जिससे कि फ्लाई ऐश इधर-उधर न फेका जा सके।

श्री चौधरी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उद्योगों को प्रदान किये गये पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये तथा उद्योगों केवल वृक्षारोपण करने तक सीमित ना रहें अपितु लगाये गये पौधों के संवर्धन हेतु भी निरीक्षण का एक सिस्टम तैयार किया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वें अपने-अपने क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करायें एवं इन पेड़ों में पीपल, नीम आदि पेड़ शामिल किये जाए। श्री चौधरी ने वाहन प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देते हुये निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी वाहन प्रदूषण मापन प्रदूषण जाँच सिस्टम को शक्तिशाली बनाये एवं वाहन प्रदूषण मापन केन्द्रो की समय-समय पर बैठक आयोजित करें।

श्री चौधरी ने अधिकारियों से चर्चा में कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उठाये गये कदमों को और कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है तथा आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है, इस पर भी विचार करें। उन्होनें जल एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। श्री चौधरी ने परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट नियम के प्रावधानों का पालन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, ई अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, निर्माण विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, उद्योगों, खदानों, संस्थानों के चिमनी उत्सर्जन, परिवेशीय वायु मापन, उपचारित दूषित जल गुणवत्ता का मापन कार्य, राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यकम के अंतर्गत प्राकृतिक जल स्त्रोतों, परिवेशीय वायु गुणवत्ता के मापन कार्यों की भी समीक्षा की।

श्री चौधरी ने कहा की शीघ्र ही सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक ली जायेगी एवं प्रदूषण नियंत्रण सुधार कार्यों में बुद्ध जीवी वर्ग की मदद ली जायेगी। श्री चौधरी ने मंडल की पद संरचना की समीक्षा करते हुये मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में पुनः पदसंरचना निर्धारित करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा सभी कर्मचारियों के डेटा को एच.आर.एम.एस. सिस्टम में एक माह के भीतर अपलोड करते हुये ऑनलाईन कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक में मंडल की अध्यक्ष एवं सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग आर. शंगीता एवं मंडल के सदस्य सचिव पी. अरूण प्रसाद भी उपस्थित थे।

साइबर ठगों ने बनाए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और कलेक्टर के फर्जी वाट्सएप अकाउंट, कलेक्टरों को मैसेज कर मांगी रकम…

रायपुर- साइबर ठग आईएएस अधिकारियों को भी नहीं बख्श रहे हैं, उनके फर्जी फेसबुक और वाट्सएप अकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज कर ठगने का प्रयास कर रहे हैं. साइबर ठगों की करतूत को देखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कलेक्टरों से सतर्क रहने की अपील की है.

साइबर ठगों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले और सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट तैयार कर प्रदेश के कई कलेक्टरों को मैसेज भेजकर रुपयों की मांग की है. मामले की जानकारी सामने आने पर साइबर सेल में एफआईआर दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कलेक्टरों को सतर्क रहने की अपील की है.

भोरमदेव शक्कर कारखाने ने गन्ना किसानों के लिए जारी किया 100 प्रतिशत भुगतान, रियायत दर पर मिलेगी 50 किलो शक्कर
कर्वधा- किसान के मितान और गरीब की जुबान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की मेहनत लाई रंग, एक ओर जहां भोरमदेव शक्कर कारखाने का 100% भुगतान जारी हो गया। वही दूसरी ओर किसानों को रियायत दर पर 50 किलो शक्कर अतिशीघ्र मिलेगी।


उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर ने त्योहारी सीजन में गन्ना किसानों को एफआरपी गन्ना भुगतान अंतर्गत 6 करोड़ 2 लाख रुपए का भुगतान जारी किया है। इस प्रकार भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की ओर से पेराई सीजन वर्ष 2023/24 में कारखाने में गन्ना बेचने वाले किसानों को कुल 113.52 करोड़ का भुगतान जारी कर दिया गया है। इस सत्र में गन्ना बेचने वाले समस्त किसानों का 100% भुगतान कारखाने ने जारी कर दिया है।

सावन के पवित्र महीने और त्यौहारों के सीजन में गन्ना बिक्री की राशि मिलने से क्षेत्र के गन्ना किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की ओर से पूर्व वर्षों के अनुसार ही एफआरपी गन्ना राशि का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। कारखाना प्रबंधन ने बताया है कि क्षेत्र के किसानों की जागरूकता और उच्च क्वालिटी की गन्ना कारखाने को आपूर्ति करने के कारण रिकवरी में भी पिछले वर्ष से वृद्धि हुई है। इसके कारण इस वर्ष किसानों को रिकवरी की राशि भी पिछले वर्ष से ज्यादा मिलेगी। इससे किसानों में खुशी की लहर है, जिसका भुगतान भी अतिशीघ्र किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि एफआरपी रिकवरी की राशि शक्कर कारखाना की ओर से दी जाती है, जबकि गन्ना प्रोत्साहन या बोनस की राशि कृषि विभाग छत्तीसगढ़ शासन की ओर से दी जाती है। बोनस राशि भी शीघ्र गन्ना किसानों को देने छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि बजट मे शामिल है।

इस प्रकार सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व की पालनहारी सरकार और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में अन्नदाता किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और किसानों की आय में वृद्धि को लेकर दिन रात प्रयत्नशील है।
DPS में पालकों का हंगामा : बच्ची के साथ कथित छेड़छाड़ का मामला, जानकारी छुपाने का लगाया आरोप, स्कूल प्रबंधन ने घटना को बताया झूठा

भिलाई- भिलाई के मरोदा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में पांच वर्षीय बच्ची के साथ कथित लैंगिक छेड़छाड़ के मामले में आज परिजनों ने स्कूल प्रबंधन का घेराव किया. परिजनों ने इस घटना से जुड़ी जानकारी छुपाने का आरोप प्रबंधन पर लगाया है.

सैकड़ों की संख्या में बच्चों के पालक डीपीएस रिसाली पहुंचे थे. इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने किसी भी बच्चे के साथ अनाचार या लैंगिग छेड़छाड़ की घटना होने की बात को गलत बताया और परिजनों को घटना की जानकारी दी. इस मामले में दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने भी प्रेस कॉंफ्रेंस के माध्यम से इस पूरे मामले में भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

दुर्ग जिले में दिल्ली पब्लिक स्कूल मरोदा में पांच साल की बच्ची के साथ अनाचार होने की घटना और इस मामले में प्रबन्धन और पुलिस प्रशासन द्वारा चुप्पी साधने की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही थी, लेकिन आज आखिरकार परिजनों का आक्रोश स्कूल प्रबंधन पर फूट पड़ा. डीपीएस मरोदा में पढ़ने वाले बच्चों के पैरंट्स ने इस मामले में स्कूल प्रबंधन को घेरने की कोशिश की. स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि बच्चों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार की घटना से स्कूल में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इस तरह के मामले को दबाया जाना गंभीर अपराध है. प्रबंधन को जवाब देना चाहिए. परिजनों ने प्रबंधन से घटना दिनांक की फुटेज भी मांगी, लेकिन प्रबंधन ने इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि जब लापरवाही नहीं हुई तो उस महिला अटेन्डेंट को क्यों हटाया गया है. इसके बाद पालकों की ओर से एक कमेटी बनाकर प्रिंसिपल और केजी वन क्लास के टीचर से चर्चा की गई.

स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ ने बताया कि 5 जुलाई को एक खेल के दौरान बच्चे को उल्टी हुआ था, जिसे साफ करने महिला अटेन्डेंट को भेजा गया था. इसके बाद उस बच्ची के परिजनों ने स्कूल के टीचरों से सम्पर्क किया और इसकी जानकारी दे दी. प्रिंसिपल ने यह भी बताया है कि जिले के किसी बड़े पुलिस अधिकारी ने कुछ दिनों पहले एडमिशन के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उन्हें नियम विरुद्ध एडमिशन से साफ मना कर दिया था. इसके बाद यह घटना हुई और इस घटना को दूसरा रूप दे दिया गया, लेकिन प्रिंसिपल ने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया.

सभी जांच के लिए तैयार : प्रिंसिपल

प्रिंसिपल ने कहा कि इस मामले में अब तक परिजनों ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं की है. हमने परिजनों को पूरी सीसीटीवी फुटेज दिखाया है. पूरी जानकारी दी है, लेकिन फिर भी अगर किसी भी जांच कमेटी के माध्यम से इसकी जांच करने की बात होगी तो हम उनका सहयोग करेंगे.

बच्ची के साथ नहीं हुआ है दुराचार : एसपी

दुर्ग पुलिस की ओर से एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस मामले को स्वतः संज्ञान में लेकर पुलिस ने इसमें आईयूसीएडब्ल्यून के एडिशनल एसपी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर इस पूरे मामले की जांच की थी, लेकिन किसी प्रकार के बच्चे के साथ लैंगिग छेड़छाड़ या दुराचार का मामला सामने नहीं आया है. बच्चे और उसने परिजनों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए हमने इसकी गुप्त जांच कराई थी, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टरों के बयान, स्कूल टीचर प्रबन्धन और परिजनों के बयान लिए गए. बारीकी से जांच करने पर इस तरह का कोई तथ्य सामने नहीं आया, जिस पर स्कूल को 4 दिन पहले ही क्लीन चिट दी गई है. आज पैरेंट्स अपनी कई समस्याओं को लेकर स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने पहुंचे थे. अधिक संख्या में पैरेंट्स होने कारण आज पुलिस यहां पहुंची है.

छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा देश में धान का सर्वाधिक मूल्य

रायपुर-     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए विश्वास, विकास और बदलाव की गारंटी बन चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान कल्याण की नीतियों से खेती में किसानों का मुनाफा बढ़ा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनसे किसान परिवार अधिक सशक्त और फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक की प्रक्रिया बेहद आसान हुई है। सरकार के परिवर्तनकारी फैसलों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों को उनके धान का उच्चतम मूल्य मिल रहा है।

कृषक उन्नति योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है। इस फैसले से किसानों में उत्साह दिख रहा है। किसानों से अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़ में की विष्णु देव साय की सरकार ने 25 दिसंबर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसानों के बैंक खातों में पिछले दो वर्ष का लंबित धान बोनस का 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

किसानों को मिल रहे प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिसके एवज में उन्हें 31,913 करोड़ रुपये का भुगतान कियागया। 12 जनवरी, 2024 को धान के मूल्य की अंतर राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया, जिसके लागू होने से अब अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं को दूर करते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी, इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2024-2025 के बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, इसके साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीजों का वितरण भी समय के भीतर ही हो सके।