केंद्र से तनाव के बीच स्टालिन की संबंध बढ़ाने की कोशिश! राज्य की स्वायत्तता के लिए बनाई हाई-लेवल कमेटी


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केंद्र सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई है। इसको लेकर तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत्त बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। मुख्यमंत्री स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार लगातार राज्यों के अधिकारों में दखल दे रही है। इसलिए, राज्य की स्वायत्तता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंगलवार को विधानसभा में राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया। स्टालिन के प्रस्ताव पर तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस पैनल की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ करेंगे। यह पैनल केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों का गहराई से अध्ययन करेगा।

अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है स्टालिन सरकार

मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में नियम 110 के तहत घोषणा कर कहा कि यह कदम राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र के साथ राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

उन्होंने बताया कि समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे। स्टालिन ने राज्य विधानसभा को बताया कि पैनल जनवरी 2026 में एक अंतरिम रिपोर्ट देगा। इसके बाद, दो साल के भीतर अंतिम रिपोर्ट और सिफारिशें पेश की जाएंगी। इसके माध्यम से राज्य सरकार अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है।

केन्द्र पर लगाया राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप

स्टालिन ने कहा कि देश की आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं। हमारे देश में अलग अलग भाषा, जाति और संस्कृति के लोग रहते हैं। एक-एक करके राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से संघर्ष कर रहे हैं। हम अपनी भाषा से जुड़े अधिकारों की भी मुश्किल से रक्षा कर पा रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि राज्य तभी सही मायने में तरक्की कर सकते हैं, जब उनके पास सभी ज़रूरी अधिकार और शक्तियां हों।

गवर्नर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार का बड़ा कदम

सीएम स्टालिन ने राज्य को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की बात ऐसे समय में की है, जब राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य विधानसभा में पारित विभिन्न विधेयकों को मंजूरी देने से मना कर दिया। इसके चलते डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव भी हुआ। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 8 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल आरएन रवि का 10 बिलों पर सहमति रोकना 'गैरकानूनी' था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक रूप से राज्य विधानसभा की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

तमिलनाडु में साथ आए बीजेपी-एआईएडीएमके, गठबंधन का ऐलान

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बीजेपी और उसके पुराने सहयोगी अन्नाद्रमुक एक बार फिर साथ आ गए हैं। तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन हो गया है। इसका एलान चेन्नई दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। चेन्नई में एआईएडीएमके नेता ई. के. पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज एआईएडीएमके और भाजपा के नेताओं ने मिलकर तय किया है कि आने वाला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव एआईएडीएके, भाजपा और सभी साथी दल मिलकर एनडीए के रूप में एक साथ लड़ेंगे।'

पलानीस्वामी के नेतृत्व में लडे़ंगे चुनाव-शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव राज्य में ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। शाह ने कहा कि 1998 से जयललिता जी और अटल जी के समय से हम मिलकर चुनाव लड़ते आए हैं। एक समय ऐसा था जब हमने 39 में से 30 लोकसभा सीटें साथ मिलकर जीती थीं।

गठबंधन विश्वास और विचारधारा पर आधारित-शाह

शाह ने आगे कहा कि बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास और विचारधारा पर आधारित रहा है. शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और प्रधानमंत्री मोदी के बीच रिश्तों को भी याद किया और कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर हमेशा तमिलनाडु के विकास के लिए काम किया है

अन्नामलाई की विवाद से पहले गठबंधन

बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच गठबंधन तक फाइनल हुआ है जब अन्नामलाई की जगह प्रदेश भाजपा को नयनार नागेन्द्रन के रूप में नया अध्यक्ष मिलना तय हो गया है। एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा पूर्व आईपीएस अन्नामलाई को ही माना जाता रहा है।

जहां तक भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की बात है तो हाल ही में अन्नामलाई खुद ही कह चुके थे कि उनकी 'प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में दिलचस्पी नहीं है' और वह 'एक सामान्य कार्यकर्ता' की तरह कार्य करना चाहते हैं।

बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच फिर से गठबंधन होने की चर्चा तब से तेज हुई है, जब पिछले महीने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के चीफ ईके पलानीस्वामी अमित शाह से मिलने दिल्ली आए थे। इसके बाद ही इन संभावनाओं को बल मिला है कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का पार्टी फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकती है।

लोकसभा चुनाव से पहले टूटा था गठबंधन

दोनों दलों के बीच खटास तब से पैदा हुई थी, जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने एआईएडीएके के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसकी वजह से आखिरकार लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया। हालांकि, अन्नामलाई के करिश्माई नेतृत्व का बीजेपी को वोट शेयर के रूप में बड़ा फायदा भी मिला, लेकिन वह सीटों में तब्दील नहीं हो सका।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

सुप्रीम कोर्ट की तमिलनाडु राज्यपाल को फटकार, कहा- बिल रोकना मनमान, जानें पूरा मामला


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तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी बिलों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि यह मनमाना कदम है और कानून के नजरिए से सही नहीं। अदालत ने कहा कि राज्यपाल सहमति रोके बिना विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित नहीं कर सकते। बता दें कि राज्य विधानसभा द्वारा पास किए गए कई विधेयकों को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े विधेयक भी शामिल थे।

कोर्ट ने राज्यपाल को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि के विधेयकों को लंबे समय तक टाले रखने वाले मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा, इन 10 बिलों को लेकर राज्यपाल और राष्ट्रपति ने जो भी कदम उठाए, वे सब कानूनी रूप से अमान्य हैं। कोर्ट ने फैसला दिया कि ये बिल उस तारीख से मंजूर माने जाएंगे, जिस दिन तमिलनाडु विधानसभा ने इन्हें दोबारा पास करके राज्यपाल के पास भेजा था। कोर्ट ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी से काम नहीं किया। इसका मतलब है कि राज्यपाल ने संविधान के हिसाब से अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।

“राज्यपालों को राजनीतिक दल की तरफ से संचालित नहीं होना चाहिए”

राज्यपाल को एक दोस्त, दार्शनिक और राह दिखाने वाले की तरह होना चाहिए। आप संविधान की शपथ लेते हैं। आपको किसी राजनीतिक दल की तरफ से संचालित नहीं होना चाहिए। आपको उत्प्रेरक बनना चाहिए, अवरोधक नहीं। राज्यपाल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई बाधा पैदा न हो।

“राज्यपालों को राजनीतिक कारणों से विधानसभा में बाधा नहीं बनना चाहिए”

अदालत ने कहा कि राज्यपाल को संसदीय लोकतंत्र की स्थापित परंपराओं के प्रति उचित सम्मान के साथ काम करना चाहिए. साथ ही, विधानसभा के माध्यम से व्यक्त की जा रही लोगों की इच्छा और लोगों के प्रति जवाबदेह निर्वाचित सरकार का सम्मान करना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने सबसे तल्ख टिप्पणी ये की कि राज्यपालों को राजनीतिक कारणों से विधानसभा के कामकाज में बाधा नहीं बनना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किए अधिकार

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और राज्य सरकार के अधिकारों को स्पष्ट किया है। कोर्ट ने यह भी बताया है कि राज्यपाल को किस तरह से विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को निर्देश दिया कि उन्हें अपने विकल्पों का इस्तेमाल तय समय-सीमा में करना होगा, वरना उनके उठाए गए कदमों की कानूनी समीक्षा की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल बिल रोकें या राष्ट्रपति के पास भेजें, उन्हें यह काम मंत्रिपरिषद की सलाह से एक महीने के अंदर करना होगा। विधानसभा बिल को दोबारा पास कर भेजती है, तो राज्यपाल को एक महीने के अंदर मंजूरी देनी होगी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह राज्यपाल की शक्तियों को कमजोर नहीं कर रहा, लेकिन राज्यपाल की सारी कार्रवाई संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के अनुसार होनी चाहिए।

तमिलनाडु सरकार ने विशेष सत्र में पारित किए गए थे बिल राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पारित 12 में से 10 बिलों को 13 नवंबर 2023 को बिना कारण बताए विधानसभा में लौटा दिया था और 2 बिलों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था। इसके बाद 18 नवंबर को तमिलनाडु विधानसभा के विशेष सत्र में इन 10 बिलों को फिर से पारित किया गया और गवर्नर की मंजूरी के लिए गवर्नर सेक्रेटेरिएट भेजा गया।बिल पर साइन न करने का विवाद नवंबर 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच था।

क्या भाजपा-अन्नाद्रमुक आएंगे साथ, जानें क्यों लग रही गठबंधन की अटकलें?

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तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही हैं कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। अटकलों की वजह है पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी की अमित शाह से मुलाकात। पलानीस्वामी मंगलवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंचे थे।

हिंदी विवाद के बीच मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। इस मुलाकात में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में करीब 2 घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई, जिसमें चुनावी गठबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। हालांकि, यह दोनों नेताओं के बीच में शुरुआती बैठक है। सूत्रों के मुताबिक आगे चलकर दो से तीन दौर की बातचीत होगी।

इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।

सत्तारूढ़ गठबंधन की बढ़ सकती है परेशानी

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दल अभी से सियासी समीकरण सेट करने में जुट गए हैं। यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।

लोकसभा चुनाव के समय नहीं बन सकी बात

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के समय भी दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा हुई थी, लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। चुनाव में बीजेपी अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाने में सफल रही। हालांकि, बीजेपी तमिलनाडु में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी पार्टी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एआईएडीएमके को भी अब लगने लगा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी बड़ी भूमिका निभा सकती है। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए अब दोनों दल एक बार फिर से करीब आ रहे हैं।

2023 में दोनों के बीच टूटा था गठबंधन

सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। एआईएडीएमके के नेता बीजेपी की तमिलनाडु में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और द्रविड़ आइकन पेरियार के बारे में बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों से परेशान थे। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, एआईएडीएमके ने अकेले जाने का फैसला किया। वे बीजेपी के प्रभाव के बिना अपनी राह बनाना चाहते थे। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब उनका गठबंधन टूटा था।

परिसीमन पर स्टालिन ने चेन्नई में बुलाई बड़ी बैठक, बोले-आंदोलन की शुरूआत

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चेन्नई में आज बड़ा राजनीतिक जुटान होने वाला है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन पर आज चेन्नई में बड़ी बैठक बुलाई है। बैठक में भाग लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और पंजाब के भगवंत मान के शामिल होने की उम्मीद है। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार करेंगे, जबकि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और ओडिशा के नवीन पटनायक अपने पार्टी प्रतिनिधि को भेजेंगे।

तृणमूल ने किया किनारा

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को बताया कि चेन्नई में 22 मार्च को बुलाई गई परिसीमन बैठक के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बैठक में भाग लेने के लिए चेन्नई पहुंच गए हैं।

स्टालिन ने बताया राष्ट्रीय आंदोलन

बैठक से पहले स्टालिन ने कहा, भारतीय संघवाद के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। स्टालिन ने शुक्रवार को कहा, एक्स पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए बताया कि डीएमके सरकार 22 मार्च को चेन्नई में बैठक और पहले दौर की चर्चा क्यों आयोजित कर रही है। पोस्ट में स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु की पहल के रूप में जो शुरू हुआ वह अब निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसमें राज्य संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अनुचित आवंटन के विरोध में एकजुट हो रहे हैं।

बीजेपी ने कहा 'भ्रामक नाटक'

वहीं, तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि परिसीमन पर बैठक एक 'भ्रामक नाटक' है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, तमिलनाडु की पहल से शुरू हुआ यह आंदोलन अब एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसमें पूरे भारत के राज्य निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की मांग के लिए हाथ मिला रहे हैं।

होटल अवध विलास में आराम और भव्यता का संगम

 

अयोध्या, जहां श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, वहां एक ऐसा ठिकाना है जो परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत करता है- होटल अवध विलास। यह होटल न केवल आपको आरामदायक और स्वच्छ आवास प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसा वातावरण भी देता है जहां आप अपने प्रवास को सुखद और यादगार बना सकते हैं। अयोध्या के हृदय में स्थित, होटल अवध विलास अपनी उत्कृष्ट सेवा और समर्पण के साथ हर अतिथि को घर जैसा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।होटल अवध विलास का उद्देश्य अपने मेहमानों को ऐसी सुविधा और सेवा देना है, जो उन्हें आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मानसिक शांति और शारीरिक आराम दोनों प्रदान कर सके। चाहे आप धार्मिक अन्वेषण के लिए आए हों, सांस्कृतिक धरोहरों को देखने निकले हों, या बस आराम फरमाने की चाह रखते हों, यह होटल आपके लिए आदर्श स्थान है। इसकी बेहतरीन लोकेशन के कारण आप यहां से अयोध्या के प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। सरयू नदी केवल 500 मीटर की दूरी पर है, श्रीराम जन्मभूमि मात्र 1 किलोमीटर दूर स्थित है, और हनुमान गढ़ी भी महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है।

होटल अवध विलास में उपलब्ध सुविधाएं इसे अन्य होटलों से अलग बनाती हैं। यहां के कमरे अत्यंत स्वच्छ और सुव्यवस्थित हैं, जो आधुनिक सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। कमरे वातानुकूलित हैं, जिनमें 24 घंटे गर्म पानी, मुफ्त वाई-फाई, और आरामदायक बिस्तर उपलब्ध हैं, जिससे आपके ठहरने का अनुभव और भी आनंददायक हो जाता है। इसके अलावा, यहां का रेस्तरां भी अपनी खास पहचान रखता है, जहां शुद्ध और स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। यदि आप कमरे में ही भोजन करना चाहते हैं तो रूम सर्विस की सुविधा भी मौजूद है, जिससे आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो।

होटल अवध विलास न केवल आराम और लक्ज़री का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा और सुविधा के मामले में भी अव्वल है। यहां 24/7 सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षित पार्किंग, और अनुभवी स्टाफ की व्यवस्था है, जो आपके प्रवास को तनावमुक्त बनाता है। इसके अतिरिक्त, होटल के भीतर 24/7 वाई-फाई सेवा उपलब्ध है, जिससे आप अपनों के संपर्क में रह सकते हैं और अपने आध्यात्मिक या व्यावसायिक कार्य भी निर्बाध रूप से कर सकते हैं।

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उपायुक्त की अध्यक्षता में डीएमएफटी न्यास परिषद् की बैठक संपन्न।


डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में सांसद हजारीबाग मनीष जायसवाल, माननीय विधायक सदर श्री प्रदीप प्रसाद, माननीय विधायक बरही श्री मनोज यादव, माननीय विधायक बरकट्ठा श्री अमित यादव, माननीय विधायक 

बड़कागांव श्री रोशन लाल चौधरी, माननीय विधायक मांडू उपस्थित रहे।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि डीएमएफटी मद से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप प्रभावित इलाकों में प्राथमिक सेक्टर खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला एवं बाल विकास एवं द्वितीय सेक्टर में कौशल विकास प्रशिक्षण सहित खनन प्रभावित इलाकों में आधारभूत सुविधाएं निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने एवं समय पर योजनाएं पूरी हो इसका अनुश्रवण करना सभी जनप्रतिनिधियो की भी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने बताया कि डीएमएफटी मद का 70 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में खर्च किया जाता है। 

ज़िला प्रशासन खनन प्रभावित इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बाल व महिला कल्याण सहित मूलभूत सुविधाओं में गुणात्मक व मात्रात्मक सुधार के लिए लोगो को ध्यान में रखकर कई तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि ज़िला के 576 आंगनवाड़ी केंद्रों को डीएमएफटी मद से मॉडलीकरण किया गया है साथ ही मॉडल एस्टीमेट व पोषक इलाकों में जमीन चिन्हित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए है। बैठक में खनन प्रभावित इलाकों के गावों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पर पहुंचाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मोबाइल मेडिकल वाहन, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए है। दिव्यांजनो को चिह्नित कर बैटरी चलित ट्राई साइकिल दिया गया है। 

साथ ही साथ कौशल विकास,महिला एवं बाल विकास,पेयजल एवं स्वच्छता,कृषि,वृद्धाश्रम,सभी प्रखंडों में पुस्तकालय का निर्माण आदि कई उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है।

उपायुक्त ने न्यास परिषद की बैठक में विस्तृत रूप से डीएमएफटी मद से किए गए आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। 

मौके पर मौजूद हजारीबाग के सांसद श्री मनीष जायसवाल ने डीएमएफटी मद से किसानों के लिए सिंचाई योजना पर विशेष प्रस्तावों को तैयार करने को कहा।

आगे उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है उन्हें यत्र तत्र पोस्टिंग न कर उन्हें यथावत अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों में ही सुचारू रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न चौक चौराहों पर सोलर चलित हाई मास्क लाइट लगाने को कहा। 

सदर विधायक श्री प्रदीप प्रसाद ने पुराना सदर ब्लॉक में महिला ट्रेनिंग सेंटर या विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय निर्माण करने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्र के विभिन्न ग्राउंड में हाई मास्क लाइट लगाने का सुझाव दिया। 

सांसद ने जनप्रतिनिधियों को कहा खनन प्रभावित गांवों की ग्रामसभा से जनोपयोगी योजना को पारित कर ज़िला में स्थानीय एमएलए या उचित माध्यम से भेजा जाय ताकि योजना डीएमएफटी से ली जा सके।

जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के न्यास परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया।

1. "प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना" (PMKKKY) का पुनरीक्षित मार्गदर्शिका पर विचार-विमर्श ।

2. दिनांक 15.02.2024 को सम्पन्न न्यास परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन प्रतिवेदन।

3. जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के आय-व्यय एवं स्वीकृत योजनाओं की क्षेत्रवार संक्षिप्त विवरणी

4. वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु वार्षिक कार्य योजना पर विचार-विमर्श ।

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत मॉर्चरी हेतु उपस्कर उपकरणों की आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया गया। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत डिजिटल पैथोलॉजी सैंपल रिपोर्टिंग सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत क्लाउड आधारित ब्लड बैंक डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया गया।

जिलान्तर्गत अवस्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु विविध निर्माण कार्य एवं मानव बल पर विचार विमर्श किया गया।

शिक्षा (ज्ञान ज्योति)

 हजारीबाग के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

जिले में अवस्थित सभी सरकारी आवासीय विद्यालयों (कस्तूरबा, झारखण्ड आवासीय विद्यालय, इंदिरा गांधी, मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप समर्थ विद्यालय, एकलव्य इत्यादि) को में विकसित करने पर विचार-विमर्श ।

+2/उच्च/मध्य विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं स्मार्ट बोर्ड की आपूर्ति पर विचार विमर्श किया गया।

हजारीबाग जिलान्तर्गत शेष प्राथमिक/मध्य/उच्च/+2 विद्यालयों में आवश्यकता के आधार पर सुदृढीकरण हेतु कार्य कराये जाने पर चर्चा की गई।

खनन से प्रभावित छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा हेतु सरकारी/अनुदान प्राप्त एवं राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में व्यवसायिक विषयों में नामांकन हेतु वित्तीय सहायता पर विचार-विमर्श ।

प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए प्रखण्डस्तरीय पुस्तकालय के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुश्रवण हेतु महिला प्रवेक्षिकाओं को टैब मुहैया कराने पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का समुचित विकास (भवन मरम्मती, शौचालय, जलापूर्ति, चाहरदिवारी, बिजली इत्यादि) पर विचार-विमर्श किया गया।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 288 आंगनबाड़ी केन्द्रों के मॉडलीकरण कार्य पर विचार-विमर्श।

(क) प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए वृद्धजनों के लिए आवासन की सुविधा कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एस०एच०जी० ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) के महिलाओं को स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मशीन के संचालन हेतु प्रशिक्षण एवं आपूर्ति के कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एफ०पी०ओ० (किसान उत्पादन समूह) को मधु उत्पादन क्षेत्र में स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण एवं बॉक्स (Bee-hive) के आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

कृषकों के आय को बढ़ाने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन एवं प्रशिक्षण कार्य कराने पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों पर सोलर आधारित डीप बोरिंग एवं पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों (यथा बाजार हाट, बस स्टैन्ड आदि) पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श ।

चुरचू प्रखण्ड अन्तर्गत बेलगड्डा गौशाला का उन्नयन कार्य ( चाहरदिवारी, पशुओं के लिए शेड, बिजली, पेयजल आदि) पर विचार-विमर्श.

हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखण्डों में बायो फर्टिलाइजर प्लांट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में लगने वाले हाट बाजारों को विकसित किए जाने से संबंचित कार्य पर विचार-विमर्श ।

प्लास्टिक पूष्कीकरण केन्द्र का निर्माण पर विचार-विमर्श। हजारीबाग जिला के सभी सरकारी भवनों (स्वास्थ्य, शिक्षा में वर्षा जल संचयन) का कार्य पर विचार-विमर्श।

जिलान्तर्गत खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोलर आधारित मोटर पम्प की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श।

माननीय सांसद/विधायक/अन्य जन प्रतिनिधियों से रोड, पुल-पुलिया आदि के निर्माण के संबंध में प्राप्त प्रस्तावों के अनुरूप नियमानुसार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य पहुंच पर्यो, पुल-पुलिया, नाला आदि के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श।

हजारीबाग जिलान्तर्गत महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाई मास्ट लाईट, पोल एल०ई०डी० लाईट एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

हजारीबाग झील परिसर में वन चेतना केन्द्र के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

इस बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री न्यूटन तिर्की,जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी व मुखियागण मौजूद रहे।

उपायुक्त की अध्यक्षता में डीएमएफटी न्यास परिषद् की बैठक संपन्न।


डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में सांसद हजारीबाग मनीष जायसवाल, माननीय विधायक सदर श्री प्रदीप प्रसाद, माननीय विधायक बरही श्री मनोज यादव, माननीय विधायक बरकट्ठा श्री अमित यादव, माननीय विधायक 

बड़कागांव श्री रोशन लाल चौधरी, माननीय विधायक मांडू उपस्थित रहे।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि डीएमएफटी मद से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप प्रभावित इलाकों में प्राथमिक सेक्टर खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला एवं बाल विकास एवं द्वितीय सेक्टर में कौशल विकास प्रशिक्षण सहित खनन प्रभावित इलाकों में आधारभूत सुविधाएं निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने एवं समय पर योजनाएं पूरी हो इसका अनुश्रवण करना सभी जनप्रतिनिधियो की भी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने बताया कि डीएमएफटी मद का 70 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में खर्च किया जाता है। 

ज़िला प्रशासन खनन प्रभावित इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बाल व महिला कल्याण सहित मूलभूत सुविधाओं में गुणात्मक व मात्रात्मक सुधार के लिए लोगो को ध्यान में रखकर कई तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि ज़िला के 576 आंगनवाड़ी केंद्रों को डीएमएफटी मद से मॉडलीकरण किया गया है साथ ही मॉडल एस्टीमेट व पोषक इलाकों में जमीन चिन्हित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए है। बैठक में खनन प्रभावित इलाकों के गावों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पर पहुंचाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मोबाइल मेडिकल वाहन, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए है। दिव्यांजनो को चिह्नित कर बैटरी चलित ट्राई साइकिल दिया गया है। 

साथ ही साथ कौशल विकास,महिला एवं बाल विकास,पेयजल एवं स्वच्छता,कृषि,वृद्धाश्रम,सभी प्रखंडों में पुस्तकालय का निर्माण आदि कई उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है।

उपायुक्त ने न्यास परिषद की बैठक में विस्तृत रूप से डीएमएफटी मद से किए गए आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। 

मौके पर मौजूद हजारीबाग के सांसद श्री मनीष जायसवाल ने डीएमएफटी मद से किसानों के लिए सिंचाई योजना पर विशेष प्रस्तावों को तैयार करने को कहा।

आगे उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है उन्हें यत्र तत्र पोस्टिंग न कर उन्हें यथावत अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों में ही सुचारू रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न चौक चौराहों पर सोलर चलित हाई मास्क लाइट लगाने को कहा। 

सदर विधायक श्री प्रदीप प्रसाद ने पुराना सदर ब्लॉक में महिला ट्रेनिंग सेंटर या विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय निर्माण करने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्र के विभिन्न ग्राउंड में हाई मास्क लाइट लगाने का सुझाव दिया। 

सांसद ने जनप्रतिनिधियों को कहा खनन प्रभावित गांवों की ग्रामसभा से जनोपयोगी योजना को पारित कर ज़िला में स्थानीय एमएलए या उचित माध्यम से भेजा जाय ताकि योजना डीएमएफटी से ली जा सके।

जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के न्यास परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया।

1. "प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना" (PMKKKY) का पुनरीक्षित मार्गदर्शिका पर विचार-विमर्श ।

2. दिनांक 15.02.2024 को सम्पन्न न्यास परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन प्रतिवेदन।

3. जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के आय-व्यय एवं स्वीकृत योजनाओं की क्षेत्रवार संक्षिप्त विवरणी

4. वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु वार्षिक कार्य योजना पर विचार-विमर्श ।

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत मॉर्चरी हेतु उपस्कर उपकरणों की आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया गया। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत डिजिटल पैथोलॉजी सैंपल रिपोर्टिंग सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत क्लाउड आधारित ब्लड बैंक डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया गया।

जिलान्तर्गत अवस्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु विविध निर्माण कार्य एवं मानव बल पर विचार विमर्श किया गया।

शिक्षा (ज्ञान ज्योति)

 हजारीबाग के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

जिले में अवस्थित सभी सरकारी आवासीय विद्यालयों (कस्तूरबा, झारखण्ड आवासीय विद्यालय, इंदिरा गांधी, मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप समर्थ विद्यालय, एकलव्य इत्यादि) को में विकसित करने पर विचार-विमर्श ।

+2/उच्च/मध्य विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं स्मार्ट बोर्ड की आपूर्ति पर विचार विमर्श किया गया।

हजारीबाग जिलान्तर्गत शेष प्राथमिक/मध्य/उच्च/+2 विद्यालयों में आवश्यकता के आधार पर सुदृढीकरण हेतु कार्य कराये जाने पर चर्चा की गई।

खनन से प्रभावित छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा हेतु सरकारी/अनुदान प्राप्त एवं राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में व्यवसायिक विषयों में नामांकन हेतु वित्तीय सहायता पर विचार-विमर्श ।

प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए प्रखण्डस्तरीय पुस्तकालय के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुश्रवण हेतु महिला प्रवेक्षिकाओं को टैब मुहैया कराने पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का समुचित विकास (भवन मरम्मती, शौचालय, जलापूर्ति, चाहरदिवारी, बिजली इत्यादि) पर विचार-विमर्श किया गया।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 288 आंगनबाड़ी केन्द्रों के मॉडलीकरण कार्य पर विचार-विमर्श।

(क) प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए वृद्धजनों के लिए आवासन की सुविधा कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एस०एच०जी० ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) के महिलाओं को स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मशीन के संचालन हेतु प्रशिक्षण एवं आपूर्ति के कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एफ०पी०ओ० (किसान उत्पादन समूह) को मधु उत्पादन क्षेत्र में स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण एवं बॉक्स (Bee-hive) के आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

कृषकों के आय को बढ़ाने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन एवं प्रशिक्षण कार्य कराने पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों पर सोलर आधारित डीप बोरिंग एवं पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों (यथा बाजार हाट, बस स्टैन्ड आदि) पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श ।

चुरचू प्रखण्ड अन्तर्गत बेलगड्डा गौशाला का उन्नयन कार्य ( चाहरदिवारी, पशुओं के लिए शेड, बिजली, पेयजल आदि) पर विचार-विमर्श.

हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखण्डों में बायो फर्टिलाइजर प्लांट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में लगने वाले हाट बाजारों को विकसित किए जाने से संबंचित कार्य पर विचार-विमर्श ।

प्लास्टिक पूष्कीकरण केन्द्र का निर्माण पर विचार-विमर्श। हजारीबाग जिला के सभी सरकारी भवनों (स्वास्थ्य, शिक्षा में वर्षा जल संचयन) का कार्य पर विचार-विमर्श।

जिलान्तर्गत खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोलर आधारित मोटर पम्प की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श।

माननीय सांसद/विधायक/अन्य जन प्रतिनिधियों से रोड, पुल-पुलिया आदि के निर्माण के संबंध में प्राप्त प्रस्तावों के अनुरूप नियमानुसार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य पहुंच पर्यो, पुल-पुलिया, नाला आदि के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श।

हजारीबाग जिलान्तर्गत महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाई मास्ट लाईट, पोल एल०ई०डी० लाईट एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

हजारीबाग झील परिसर में वन चेतना केन्द्र के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

इस बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री न्यूटन तिर्की,जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी व मुखियागण मौजूद रहे।

केंद्र से तनाव के बीच स्टालिन की संबंध बढ़ाने की कोशिश! राज्य की स्वायत्तता के लिए बनाई हाई-लेवल कमेटी


#tamilnadumkstalinpresentresolutionofstateautonomous

केंद्र सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई है। इसको लेकर तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत्त बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। मुख्यमंत्री स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार लगातार राज्यों के अधिकारों में दखल दे रही है। इसलिए, राज्य की स्वायत्तता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंगलवार को विधानसभा में राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया। स्टालिन के प्रस्ताव पर तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस पैनल की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ करेंगे। यह पैनल केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों का गहराई से अध्ययन करेगा।

अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है स्टालिन सरकार

मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में नियम 110 के तहत घोषणा कर कहा कि यह कदम राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र के साथ राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

उन्होंने बताया कि समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे। स्टालिन ने राज्य विधानसभा को बताया कि पैनल जनवरी 2026 में एक अंतरिम रिपोर्ट देगा। इसके बाद, दो साल के भीतर अंतिम रिपोर्ट और सिफारिशें पेश की जाएंगी। इसके माध्यम से राज्य सरकार अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है।

केन्द्र पर लगाया राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप

स्टालिन ने कहा कि देश की आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं। हमारे देश में अलग अलग भाषा, जाति और संस्कृति के लोग रहते हैं। एक-एक करके राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से संघर्ष कर रहे हैं। हम अपनी भाषा से जुड़े अधिकारों की भी मुश्किल से रक्षा कर पा रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि राज्य तभी सही मायने में तरक्की कर सकते हैं, जब उनके पास सभी ज़रूरी अधिकार और शक्तियां हों।

गवर्नर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार का बड़ा कदम

सीएम स्टालिन ने राज्य को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की बात ऐसे समय में की है, जब राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य विधानसभा में पारित विभिन्न विधेयकों को मंजूरी देने से मना कर दिया। इसके चलते डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव भी हुआ। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 8 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल आरएन रवि का 10 बिलों पर सहमति रोकना 'गैरकानूनी' था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक रूप से राज्य विधानसभा की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।

दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

तमिलनाडु में साथ आए बीजेपी-एआईएडीएमके, गठबंधन का ऐलान

#tamilnadupoliticsbjpaiadmk_coalition

बीजेपी और उसके पुराने सहयोगी अन्नाद्रमुक एक बार फिर साथ आ गए हैं। तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन हो गया है। इसका एलान चेन्नई दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। चेन्नई में एआईएडीएमके नेता ई. के. पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज एआईएडीएमके और भाजपा के नेताओं ने मिलकर तय किया है कि आने वाला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव एआईएडीएके, भाजपा और सभी साथी दल मिलकर एनडीए के रूप में एक साथ लड़ेंगे।'

पलानीस्वामी के नेतृत्व में लडे़ंगे चुनाव-शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव राज्य में ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। शाह ने कहा कि 1998 से जयललिता जी और अटल जी के समय से हम मिलकर चुनाव लड़ते आए हैं। एक समय ऐसा था जब हमने 39 में से 30 लोकसभा सीटें साथ मिलकर जीती थीं।

गठबंधन विश्वास और विचारधारा पर आधारित-शाह

शाह ने आगे कहा कि बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास और विचारधारा पर आधारित रहा है. शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और प्रधानमंत्री मोदी के बीच रिश्तों को भी याद किया और कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर हमेशा तमिलनाडु के विकास के लिए काम किया है

अन्नामलाई की विवाद से पहले गठबंधन

बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच गठबंधन तक फाइनल हुआ है जब अन्नामलाई की जगह प्रदेश भाजपा को नयनार नागेन्द्रन के रूप में नया अध्यक्ष मिलना तय हो गया है। एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा पूर्व आईपीएस अन्नामलाई को ही माना जाता रहा है।

जहां तक भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की बात है तो हाल ही में अन्नामलाई खुद ही कह चुके थे कि उनकी 'प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में दिलचस्पी नहीं है' और वह 'एक सामान्य कार्यकर्ता' की तरह कार्य करना चाहते हैं।

बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच फिर से गठबंधन होने की चर्चा तब से तेज हुई है, जब पिछले महीने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के चीफ ईके पलानीस्वामी अमित शाह से मिलने दिल्ली आए थे। इसके बाद ही इन संभावनाओं को बल मिला है कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का पार्टी फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकती है।

लोकसभा चुनाव से पहले टूटा था गठबंधन

दोनों दलों के बीच खटास तब से पैदा हुई थी, जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने एआईएडीएके के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसकी वजह से आखिरकार लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया। हालांकि, अन्नामलाई के करिश्माई नेतृत्व का बीजेपी को वोट शेयर के रूप में बड़ा फायदा भी मिला, लेकिन वह सीटों में तब्दील नहीं हो सका।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

सुप्रीम कोर्ट की तमिलनाडु राज्यपाल को फटकार, कहा- बिल रोकना मनमान, जानें पूरा मामला


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तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी बिलों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि यह मनमाना कदम है और कानून के नजरिए से सही नहीं। अदालत ने कहा कि राज्यपाल सहमति रोके बिना विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित नहीं कर सकते। बता दें कि राज्य विधानसभा द्वारा पास किए गए कई विधेयकों को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े विधेयक भी शामिल थे।

कोर्ट ने राज्यपाल को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि के विधेयकों को लंबे समय तक टाले रखने वाले मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा, इन 10 बिलों को लेकर राज्यपाल और राष्ट्रपति ने जो भी कदम उठाए, वे सब कानूनी रूप से अमान्य हैं। कोर्ट ने फैसला दिया कि ये बिल उस तारीख से मंजूर माने जाएंगे, जिस दिन तमिलनाडु विधानसभा ने इन्हें दोबारा पास करके राज्यपाल के पास भेजा था। कोर्ट ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी से काम नहीं किया। इसका मतलब है कि राज्यपाल ने संविधान के हिसाब से अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।

“राज्यपालों को राजनीतिक दल की तरफ से संचालित नहीं होना चाहिए”

राज्यपाल को एक दोस्त, दार्शनिक और राह दिखाने वाले की तरह होना चाहिए। आप संविधान की शपथ लेते हैं। आपको किसी राजनीतिक दल की तरफ से संचालित नहीं होना चाहिए। आपको उत्प्रेरक बनना चाहिए, अवरोधक नहीं। राज्यपाल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई बाधा पैदा न हो।

“राज्यपालों को राजनीतिक कारणों से विधानसभा में बाधा नहीं बनना चाहिए”

अदालत ने कहा कि राज्यपाल को संसदीय लोकतंत्र की स्थापित परंपराओं के प्रति उचित सम्मान के साथ काम करना चाहिए. साथ ही, विधानसभा के माध्यम से व्यक्त की जा रही लोगों की इच्छा और लोगों के प्रति जवाबदेह निर्वाचित सरकार का सम्मान करना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने सबसे तल्ख टिप्पणी ये की कि राज्यपालों को राजनीतिक कारणों से विधानसभा के कामकाज में बाधा नहीं बनना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किए अधिकार

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और राज्य सरकार के अधिकारों को स्पष्ट किया है। कोर्ट ने यह भी बताया है कि राज्यपाल को किस तरह से विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को निर्देश दिया कि उन्हें अपने विकल्पों का इस्तेमाल तय समय-सीमा में करना होगा, वरना उनके उठाए गए कदमों की कानूनी समीक्षा की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल बिल रोकें या राष्ट्रपति के पास भेजें, उन्हें यह काम मंत्रिपरिषद की सलाह से एक महीने के अंदर करना होगा। विधानसभा बिल को दोबारा पास कर भेजती है, तो राज्यपाल को एक महीने के अंदर मंजूरी देनी होगी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह राज्यपाल की शक्तियों को कमजोर नहीं कर रहा, लेकिन राज्यपाल की सारी कार्रवाई संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के अनुसार होनी चाहिए।

तमिलनाडु सरकार ने विशेष सत्र में पारित किए गए थे बिल राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पारित 12 में से 10 बिलों को 13 नवंबर 2023 को बिना कारण बताए विधानसभा में लौटा दिया था और 2 बिलों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था। इसके बाद 18 नवंबर को तमिलनाडु विधानसभा के विशेष सत्र में इन 10 बिलों को फिर से पारित किया गया और गवर्नर की मंजूरी के लिए गवर्नर सेक्रेटेरिएट भेजा गया।बिल पर साइन न करने का विवाद नवंबर 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच था।

क्या भाजपा-अन्नाद्रमुक आएंगे साथ, जानें क्यों लग रही गठबंधन की अटकलें?

#bjpaiadmkalliance_rumours

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही हैं कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। अटकलों की वजह है पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी की अमित शाह से मुलाकात। पलानीस्वामी मंगलवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंचे थे।

हिंदी विवाद के बीच मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। इस मुलाकात में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में करीब 2 घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई, जिसमें चुनावी गठबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। हालांकि, यह दोनों नेताओं के बीच में शुरुआती बैठक है। सूत्रों के मुताबिक आगे चलकर दो से तीन दौर की बातचीत होगी।

इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।

सत्तारूढ़ गठबंधन की बढ़ सकती है परेशानी

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दल अभी से सियासी समीकरण सेट करने में जुट गए हैं। यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।

लोकसभा चुनाव के समय नहीं बन सकी बात

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के समय भी दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा हुई थी, लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। चुनाव में बीजेपी अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाने में सफल रही। हालांकि, बीजेपी तमिलनाडु में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी पार्टी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एआईएडीएमके को भी अब लगने लगा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी बड़ी भूमिका निभा सकती है। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए अब दोनों दल एक बार फिर से करीब आ रहे हैं।

2023 में दोनों के बीच टूटा था गठबंधन

सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। एआईएडीएमके के नेता बीजेपी की तमिलनाडु में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और द्रविड़ आइकन पेरियार के बारे में बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों से परेशान थे। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, एआईएडीएमके ने अकेले जाने का फैसला किया। वे बीजेपी के प्रभाव के बिना अपनी राह बनाना चाहते थे। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब उनका गठबंधन टूटा था।

परिसीमन पर स्टालिन ने चेन्नई में बुलाई बड़ी बैठक, बोले-आंदोलन की शुरूआत

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चेन्नई में आज बड़ा राजनीतिक जुटान होने वाला है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन पर आज चेन्नई में बड़ी बैठक बुलाई है। बैठक में भाग लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और पंजाब के भगवंत मान के शामिल होने की उम्मीद है। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार करेंगे, जबकि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और ओडिशा के नवीन पटनायक अपने पार्टी प्रतिनिधि को भेजेंगे।

तृणमूल ने किया किनारा

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को बताया कि चेन्नई में 22 मार्च को बुलाई गई परिसीमन बैठक के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बैठक में भाग लेने के लिए चेन्नई पहुंच गए हैं।

स्टालिन ने बताया राष्ट्रीय आंदोलन

बैठक से पहले स्टालिन ने कहा, भारतीय संघवाद के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। स्टालिन ने शुक्रवार को कहा, एक्स पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए बताया कि डीएमके सरकार 22 मार्च को चेन्नई में बैठक और पहले दौर की चर्चा क्यों आयोजित कर रही है। पोस्ट में स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु की पहल के रूप में जो शुरू हुआ वह अब निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसमें राज्य संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अनुचित आवंटन के विरोध में एकजुट हो रहे हैं।

बीजेपी ने कहा 'भ्रामक नाटक'

वहीं, तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि परिसीमन पर बैठक एक 'भ्रामक नाटक' है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, तमिलनाडु की पहल से शुरू हुआ यह आंदोलन अब एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसमें पूरे भारत के राज्य निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की मांग के लिए हाथ मिला रहे हैं।

होटल अवध विलास में आराम और भव्यता का संगम

 

अयोध्या, जहां श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, वहां एक ऐसा ठिकाना है जो परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत करता है- होटल अवध विलास। यह होटल न केवल आपको आरामदायक और स्वच्छ आवास प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसा वातावरण भी देता है जहां आप अपने प्रवास को सुखद और यादगार बना सकते हैं। अयोध्या के हृदय में स्थित, होटल अवध विलास अपनी उत्कृष्ट सेवा और समर्पण के साथ हर अतिथि को घर जैसा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।होटल अवध विलास का उद्देश्य अपने मेहमानों को ऐसी सुविधा और सेवा देना है, जो उन्हें आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मानसिक शांति और शारीरिक आराम दोनों प्रदान कर सके। चाहे आप धार्मिक अन्वेषण के लिए आए हों, सांस्कृतिक धरोहरों को देखने निकले हों, या बस आराम फरमाने की चाह रखते हों, यह होटल आपके लिए आदर्श स्थान है। इसकी बेहतरीन लोकेशन के कारण आप यहां से अयोध्या के प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। सरयू नदी केवल 500 मीटर की दूरी पर है, श्रीराम जन्मभूमि मात्र 1 किलोमीटर दूर स्थित है, और हनुमान गढ़ी भी महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है।

होटल अवध विलास में उपलब्ध सुविधाएं इसे अन्य होटलों से अलग बनाती हैं। यहां के कमरे अत्यंत स्वच्छ और सुव्यवस्थित हैं, जो आधुनिक सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। कमरे वातानुकूलित हैं, जिनमें 24 घंटे गर्म पानी, मुफ्त वाई-फाई, और आरामदायक बिस्तर उपलब्ध हैं, जिससे आपके ठहरने का अनुभव और भी आनंददायक हो जाता है। इसके अलावा, यहां का रेस्तरां भी अपनी खास पहचान रखता है, जहां शुद्ध और स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। यदि आप कमरे में ही भोजन करना चाहते हैं तो रूम सर्विस की सुविधा भी मौजूद है, जिससे आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो।

होटल अवध विलास न केवल आराम और लक्ज़री का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा और सुविधा के मामले में भी अव्वल है। यहां 24/7 सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षित पार्किंग, और अनुभवी स्टाफ की व्यवस्था है, जो आपके प्रवास को तनावमुक्त बनाता है। इसके अतिरिक्त, होटल के भीतर 24/7 वाई-फाई सेवा उपलब्ध है, जिससे आप अपनों के संपर्क में रह सकते हैं और अपने आध्यात्मिक या व्यावसायिक कार्य भी निर्बाध रूप से कर सकते हैं।

यदि आप अयोध्या की यात्रा को वास्तव में विशेष और आरामदायक बनाना चाहते हैं, तो होटल अवध विलास आपकी पहली पसंद होना चाहिए। यहां की उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं, बेहतरीन लोकेशन और मेहमानों के प्रति विशेष आतिथ्यभाव इसे अयोध्या का सबसे लोकप्रिय होटल बनाते हैं। आध्यात्मिकता और आधुनिकता के इस संगम का अनुभव लेने के लिए आज ही अपनी बुकिंग करें।

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उपायुक्त की अध्यक्षता में डीएमएफटी न्यास परिषद् की बैठक संपन्न।


डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में सांसद हजारीबाग मनीष जायसवाल, माननीय विधायक सदर श्री प्रदीप प्रसाद, माननीय विधायक बरही श्री मनोज यादव, माननीय विधायक बरकट्ठा श्री अमित यादव, माननीय विधायक 

बड़कागांव श्री रोशन लाल चौधरी, माननीय विधायक मांडू उपस्थित रहे।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि डीएमएफटी मद से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप प्रभावित इलाकों में प्राथमिक सेक्टर खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला एवं बाल विकास एवं द्वितीय सेक्टर में कौशल विकास प्रशिक्षण सहित खनन प्रभावित इलाकों में आधारभूत सुविधाएं निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने एवं समय पर योजनाएं पूरी हो इसका अनुश्रवण करना सभी जनप्रतिनिधियो की भी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने बताया कि डीएमएफटी मद का 70 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में खर्च किया जाता है। 

ज़िला प्रशासन खनन प्रभावित इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बाल व महिला कल्याण सहित मूलभूत सुविधाओं में गुणात्मक व मात्रात्मक सुधार के लिए लोगो को ध्यान में रखकर कई तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि ज़िला के 576 आंगनवाड़ी केंद्रों को डीएमएफटी मद से मॉडलीकरण किया गया है साथ ही मॉडल एस्टीमेट व पोषक इलाकों में जमीन चिन्हित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए है। बैठक में खनन प्रभावित इलाकों के गावों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पर पहुंचाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मोबाइल मेडिकल वाहन, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए है। दिव्यांजनो को चिह्नित कर बैटरी चलित ट्राई साइकिल दिया गया है। 

साथ ही साथ कौशल विकास,महिला एवं बाल विकास,पेयजल एवं स्वच्छता,कृषि,वृद्धाश्रम,सभी प्रखंडों में पुस्तकालय का निर्माण आदि कई उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है।

उपायुक्त ने न्यास परिषद की बैठक में विस्तृत रूप से डीएमएफटी मद से किए गए आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। 

मौके पर मौजूद हजारीबाग के सांसद श्री मनीष जायसवाल ने डीएमएफटी मद से किसानों के लिए सिंचाई योजना पर विशेष प्रस्तावों को तैयार करने को कहा।

आगे उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है उन्हें यत्र तत्र पोस्टिंग न कर उन्हें यथावत अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों में ही सुचारू रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न चौक चौराहों पर सोलर चलित हाई मास्क लाइट लगाने को कहा। 

सदर विधायक श्री प्रदीप प्रसाद ने पुराना सदर ब्लॉक में महिला ट्रेनिंग सेंटर या विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय निर्माण करने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्र के विभिन्न ग्राउंड में हाई मास्क लाइट लगाने का सुझाव दिया। 

सांसद ने जनप्रतिनिधियों को कहा खनन प्रभावित गांवों की ग्रामसभा से जनोपयोगी योजना को पारित कर ज़िला में स्थानीय एमएलए या उचित माध्यम से भेजा जाय ताकि योजना डीएमएफटी से ली जा सके।

जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के न्यास परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया।

1. "प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना" (PMKKKY) का पुनरीक्षित मार्गदर्शिका पर विचार-विमर्श ।

2. दिनांक 15.02.2024 को सम्पन्न न्यास परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन प्रतिवेदन।

3. जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के आय-व्यय एवं स्वीकृत योजनाओं की क्षेत्रवार संक्षिप्त विवरणी

4. वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु वार्षिक कार्य योजना पर विचार-विमर्श ।

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत मॉर्चरी हेतु उपस्कर उपकरणों की आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया गया। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत डिजिटल पैथोलॉजी सैंपल रिपोर्टिंग सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत क्लाउड आधारित ब्लड बैंक डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया गया।

जिलान्तर्गत अवस्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु विविध निर्माण कार्य एवं मानव बल पर विचार विमर्श किया गया।

शिक्षा (ज्ञान ज्योति)

 हजारीबाग के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

जिले में अवस्थित सभी सरकारी आवासीय विद्यालयों (कस्तूरबा, झारखण्ड आवासीय विद्यालय, इंदिरा गांधी, मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप समर्थ विद्यालय, एकलव्य इत्यादि) को में विकसित करने पर विचार-विमर्श ।

+2/उच्च/मध्य विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं स्मार्ट बोर्ड की आपूर्ति पर विचार विमर्श किया गया।

हजारीबाग जिलान्तर्गत शेष प्राथमिक/मध्य/उच्च/+2 विद्यालयों में आवश्यकता के आधार पर सुदृढीकरण हेतु कार्य कराये जाने पर चर्चा की गई।

खनन से प्रभावित छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा हेतु सरकारी/अनुदान प्राप्त एवं राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में व्यवसायिक विषयों में नामांकन हेतु वित्तीय सहायता पर विचार-विमर्श ।

प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए प्रखण्डस्तरीय पुस्तकालय के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुश्रवण हेतु महिला प्रवेक्षिकाओं को टैब मुहैया कराने पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का समुचित विकास (भवन मरम्मती, शौचालय, जलापूर्ति, चाहरदिवारी, बिजली इत्यादि) पर विचार-विमर्श किया गया।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 288 आंगनबाड़ी केन्द्रों के मॉडलीकरण कार्य पर विचार-विमर्श।

(क) प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए वृद्धजनों के लिए आवासन की सुविधा कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एस०एच०जी० ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) के महिलाओं को स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मशीन के संचालन हेतु प्रशिक्षण एवं आपूर्ति के कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एफ०पी०ओ० (किसान उत्पादन समूह) को मधु उत्पादन क्षेत्र में स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण एवं बॉक्स (Bee-hive) के आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

कृषकों के आय को बढ़ाने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन एवं प्रशिक्षण कार्य कराने पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों पर सोलर आधारित डीप बोरिंग एवं पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों (यथा बाजार हाट, बस स्टैन्ड आदि) पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श ।

चुरचू प्रखण्ड अन्तर्गत बेलगड्डा गौशाला का उन्नयन कार्य ( चाहरदिवारी, पशुओं के लिए शेड, बिजली, पेयजल आदि) पर विचार-विमर्श.

हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखण्डों में बायो फर्टिलाइजर प्लांट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में लगने वाले हाट बाजारों को विकसित किए जाने से संबंचित कार्य पर विचार-विमर्श ।

प्लास्टिक पूष्कीकरण केन्द्र का निर्माण पर विचार-विमर्श। हजारीबाग जिला के सभी सरकारी भवनों (स्वास्थ्य, शिक्षा में वर्षा जल संचयन) का कार्य पर विचार-विमर्श।

जिलान्तर्गत खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोलर आधारित मोटर पम्प की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श।

माननीय सांसद/विधायक/अन्य जन प्रतिनिधियों से रोड, पुल-पुलिया आदि के निर्माण के संबंध में प्राप्त प्रस्तावों के अनुरूप नियमानुसार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य पहुंच पर्यो, पुल-पुलिया, नाला आदि के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श।

हजारीबाग जिलान्तर्गत महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाई मास्ट लाईट, पोल एल०ई०डी० लाईट एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

हजारीबाग झील परिसर में वन चेतना केन्द्र के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

इस बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री न्यूटन तिर्की,जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी व मुखियागण मौजूद रहे।

उपायुक्त की अध्यक्षता में डीएमएफटी न्यास परिषद् की बैठक संपन्न।


डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में सांसद हजारीबाग मनीष जायसवाल, माननीय विधायक सदर श्री प्रदीप प्रसाद, माननीय विधायक बरही श्री मनोज यादव, माननीय विधायक बरकट्ठा श्री अमित यादव, माननीय विधायक 

बड़कागांव श्री रोशन लाल चौधरी, माननीय विधायक मांडू उपस्थित रहे।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि डीएमएफटी मद से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप प्रभावित इलाकों में प्राथमिक सेक्टर खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला एवं बाल विकास एवं द्वितीय सेक्टर में कौशल विकास प्रशिक्षण सहित खनन प्रभावित इलाकों में आधारभूत सुविधाएं निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने एवं समय पर योजनाएं पूरी हो इसका अनुश्रवण करना सभी जनप्रतिनिधियो की भी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने बताया कि डीएमएफटी मद का 70 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टर में खर्च किया जाता है। 

ज़िला प्रशासन खनन प्रभावित इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बाल व महिला कल्याण सहित मूलभूत सुविधाओं में गुणात्मक व मात्रात्मक सुधार के लिए लोगो को ध्यान में रखकर कई तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।

बैठक में उपायुक्त ने बताया कि ज़िला के 576 आंगनवाड़ी केंद्रों को डीएमएफटी मद से मॉडलीकरण किया गया है साथ ही मॉडल एस्टीमेट व पोषक इलाकों में जमीन चिन्हित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए है। बैठक में खनन प्रभावित इलाकों के गावों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पर पहुंचाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मोबाइल मेडिकल वाहन, चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए है। दिव्यांजनो को चिह्नित कर बैटरी चलित ट्राई साइकिल दिया गया है। 

साथ ही साथ कौशल विकास,महिला एवं बाल विकास,पेयजल एवं स्वच्छता,कृषि,वृद्धाश्रम,सभी प्रखंडों में पुस्तकालय का निर्माण आदि कई उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है।

उपायुक्त ने न्यास परिषद की बैठक में विस्तृत रूप से डीएमएफटी मद से किए गए आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। 

मौके पर मौजूद हजारीबाग के सांसद श्री मनीष जायसवाल ने डीएमएफटी मद से किसानों के लिए सिंचाई योजना पर विशेष प्रस्तावों को तैयार करने को कहा।

आगे उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है उन्हें यत्र तत्र पोस्टिंग न कर उन्हें यथावत अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों में ही सुचारू रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न चौक चौराहों पर सोलर चलित हाई मास्क लाइट लगाने को कहा। 

सदर विधायक श्री प्रदीप प्रसाद ने पुराना सदर ब्लॉक में महिला ट्रेनिंग सेंटर या विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय निर्माण करने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्र के विभिन्न ग्राउंड में हाई मास्क लाइट लगाने का सुझाव दिया। 

सांसद ने जनप्रतिनिधियों को कहा खनन प्रभावित गांवों की ग्रामसभा से जनोपयोगी योजना को पारित कर ज़िला में स्थानीय एमएलए या उचित माध्यम से भेजा जाय ताकि योजना डीएमएफटी से ली जा सके।

जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के न्यास परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया।

1. "प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना" (PMKKKY) का पुनरीक्षित मार्गदर्शिका पर विचार-विमर्श ।

2. दिनांक 15.02.2024 को सम्पन्न न्यास परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन प्रतिवेदन।

3. जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट, हजारीबाग के आय-व्यय एवं स्वीकृत योजनाओं की क्षेत्रवार संक्षिप्त विवरणी

4. वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु वार्षिक कार्य योजना पर विचार-विमर्श ।

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत मॉर्चरी हेतु उपस्कर उपकरणों की आपूर्ति पर विचार-विमर्श किया गया। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत डिजिटल पैथोलॉजी सैंपल रिपोर्टिंग सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श। शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग अन्तर्गत क्लाउड आधारित ब्लड बैंक डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया गया।

जिलान्तर्गत अवस्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु विविध निर्माण कार्य एवं मानव बल पर विचार विमर्श किया गया।

शिक्षा (ज्ञान ज्योति)

 हजारीबाग के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

जिले में अवस्थित सभी सरकारी आवासीय विद्यालयों (कस्तूरबा, झारखण्ड आवासीय विद्यालय, इंदिरा गांधी, मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप समर्थ विद्यालय, एकलव्य इत्यादि) को में विकसित करने पर विचार-विमर्श ।

+2/उच्च/मध्य विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं स्मार्ट बोर्ड की आपूर्ति पर विचार विमर्श किया गया।

हजारीबाग जिलान्तर्गत शेष प्राथमिक/मध्य/उच्च/+2 विद्यालयों में आवश्यकता के आधार पर सुदृढीकरण हेतु कार्य कराये जाने पर चर्चा की गई।

खनन से प्रभावित छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा हेतु सरकारी/अनुदान प्राप्त एवं राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में व्यवसायिक विषयों में नामांकन हेतु वित्तीय सहायता पर विचार-विमर्श ।

प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए प्रखण्डस्तरीय पुस्तकालय के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुश्रवण हेतु महिला प्रवेक्षिकाओं को टैब मुहैया कराने पर विचार-विमर्श ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों का समुचित विकास (भवन मरम्मती, शौचालय, जलापूर्ति, चाहरदिवारी, बिजली इत्यादि) पर विचार-विमर्श किया गया।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 288 आंगनबाड़ी केन्द्रों के मॉडलीकरण कार्य पर विचार-विमर्श।

(क) प्रखण्ड स्तर पर निर्मित अनुपयोगी भवनों का उन्नयन कार्य कराते हुए वृद्धजनों के लिए आवासन की सुविधा कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एस०एच०जी० ग्रुप (स्वयं सहायता समूह) के महिलाओं को स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मशीन के संचालन हेतु प्रशिक्षण एवं आपूर्ति के कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित ग्रामों में कार्यरत एफ०पी०ओ० (किसान उत्पादन समूह) को मधु उत्पादन क्षेत्र में स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण एवं बॉक्स (Bee-hive) के आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

कृषकों के आय को बढ़ाने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन एवं प्रशिक्षण कार्य कराने पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों पर सोलर आधारित डीप बोरिंग एवं पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिले के खनन प्रभावित प्रखण्डों में आवश्यकता के आधार पर सार्वजनिक स्थलों (यथा बाजार हाट, बस स्टैन्ड आदि) पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श ।

चुरचू प्रखण्ड अन्तर्गत बेलगड्डा गौशाला का उन्नयन कार्य ( चाहरदिवारी, पशुओं के लिए शेड, बिजली, पेयजल आदि) पर विचार-विमर्श.

हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखण्डों में बायो फर्टिलाइजर प्लांट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

जिलान्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में लगने वाले हाट बाजारों को विकसित किए जाने से संबंचित कार्य पर विचार-विमर्श ।

प्लास्टिक पूष्कीकरण केन्द्र का निर्माण पर विचार-विमर्श। हजारीबाग जिला के सभी सरकारी भवनों (स्वास्थ्य, शिक्षा में वर्षा जल संचयन) का कार्य पर विचार-विमर्श।

जिलान्तर्गत खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोलर आधारित मोटर पम्प की आपूर्ति कार्य पर विचार-विमर्श।

माननीय सांसद/विधायक/अन्य जन प्रतिनिधियों से रोड, पुल-पुलिया आदि के निर्माण के संबंध में प्राप्त प्रस्तावों के अनुरूप नियमानुसार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य पहुंच पर्यो, पुल-पुलिया, नाला आदि के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श।

हजारीबाग जिलान्तर्गत महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाई मास्ट लाईट, पोल एल०ई०डी० लाईट एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट के अधिष्ठापन कार्य पर विचार-विमर्श ।

हजारीबाग झील परिसर में वन चेतना केन्द्र के निर्माण कार्य पर विचार-विमर्श किया गया।

इस बैठक में जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री न्यूटन तिर्की,जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी व अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी व मुखियागण मौजूद रहे।