जनता को मिले अनवरत बिजली, अनुपूरक बजट में 2 हजार करोड़ का प्राविधान : मुख्यमंत्री
लखनऊ। ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में हो रहे कार्यों को मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की जनता को अनवरत बिजली मिल सके इसके लिए दो हजार करोड़ रुपए का प्राविधान इस अनुपूरक बजट में किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ साल में प्रदेश 8 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन थर्मल पॉवर परियोजनाओं के जरिए करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। इनमें, पॉवर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन पर सरकार का विशेष ध्यान है।
किसानों के ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से जोड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितना बड़ा निवेश आ रहा है और जितनी बड़ी आबादी है उसके अनुरूप हम अपने आप को अपग्रेड कर रहे हैं। जब हम 2017 में सत्ता में आए थे तब 1 लाख 21 हजार मजरों में बिजली नहीं पहुंची थी। हमने इनका विद्युतिकरण किया। 1 करोड़ 76 लाख परिवार को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिये गये। 14 लाख से अधिक किसानों के पास ट्यूबवेल के कनेक्शन थे, मगर बिजली के बिल का भुगतान वो नहीं कर पा रहे थे। हमने अप्रैल 2023 से सरकारी और निजी ट्यूबवेल के लिए धनराशि का प्राविधान करते हुए बिजली बिल माफ कर दी है। इससे पहले के उनके बकाए बिल के लिए हम वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) स्कीम लेकर आए हैं। इसके बाद हम उन्हें सोलर पैनल से जोड़ देंगे, जिससे उनके लिए परमानेंट व्यवस्था बन जाएगी। अबतक 60 हजार से अधिक सोलर पैनल किसानों को ट्यूबवेल के लिए उपलब्ध कराई गई है।
सरयू नहर योजना के लिए मिशन मोड में काम किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि सन 1972 में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना बनी थी। ये योजना तब से लटकी हुई थी। उस वक्त योजना आयोग ने इसका पीपीआर बनाया और लागत 100 करोड़ रुपए रखी। हमारी सरकार बनने के बाद इस योजना पर हमने मिशन मोड में काम किया। भूमि अधिग्रहण किया गया। प्रधानमंत्री से बात किया, उन्होंने पीएम कृषि सिंचाई योजना के जरिए इसके लिए धनराशि उपलब्ध कराई। तब जाकर 2021 में पीएम मोदी ने इस परियोजना का लोकार्पण किया। इसके बाद नेपाल से सटे बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर जनपद के 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने बताया कि बीते सात साल में 22 लाख हेक्टेयर भूमि के अतिरिक्त सिंचाई की व्यवस्था की गई है।
2017 से पहले बिजली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2016 में प्रदेश में बिजली की डिमांड 16 हजार मेगावाट थी प्रतिदिन की थी, जो आज बढ़कर 31 से 32 हजार मेगावाट तक पहुंच चुकी है। इसके बावजूद अनवरत बिजली देने की कोशिश पॉवर कॉर्पोरेशन की ओर से की जा रही है। 2017 से पहले बिजली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था, गांवों में बिजली नहीं थी, उद्योग नहीं थे, ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं दिये जा रहे थे। आज हमने बिजली के कनेक्शन दिये, उद्योग लगाए, बिजली की व्यवस्था बनाई है। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय को 20 से 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों को 18 से 20 घंटे बिजली दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 31 जनपद में इस बार बारिश बहुत कम हुई है। हाइड्रो पावर के लिए पानी चाहिए, जिससे थोड़ी समस्या आई है।
उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर जवाबदेही तय की गई है
सीएम योगी ने कहा कि पॉवर कॉर्पोरशन को सरकार संबल दे रही है। 46 हजार करोड़ रुपए हम सब्सिडी के रूप में कॉर्पोरेशन को दे रहे हैं। ये पैसा अगर प्रदेश के विकास में लगे तो रिजल्ट कुछ और होंगे, मगर ये अभी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस सप्लिमेंट्री डिमांड में 2 हजार करोड़ रुपए पॉवर कॉर्पोरेशन को उपलब्ध कराने का प्राविधान है, ताकि अनवरत बिजली प्रदेश की जनता को मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हर डिस्कॉम की जिम्मेदारी तय की गई है। टोल फ्री नंबर 1912 को एक्टिव रखने के निर्देश हैं और हर फीडर की जवाबदेही तय की गई है। उन्होंने बताया कि यह संक्रमण काल है। ऊर्जा सेक्टर में इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े बदलाव हो रहे हैं, तो थोड़ी समस्या आ सकती है। हम इसके स्थाई समाधान के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
Aug 02 2024, 16:28