नालंदा:- हक दो बादा निभाओ कार्यक्रम के तहत 21 अगस्त को अंचल मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन की तैयारी शुरू,
भाकपा माले ने कामरेड चारु मजूमदार के 52वें स्मृति दिवस पर ‘हक दो बादा निभाओ’ कार्यक्रम के तहत 21 अगस्त 2024 को अंचल मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। इस अभियान के अंतर्गत हिलसा के करीब 50 गांवों में ग्रामीण बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों का नेतृत्व भाकपा माले के कार्यकारी सचिव दिनेश कुमार यादव, जिला कमिटी सदस्य ब्रह्मदेव प्रसाद बिंद, संजय पासवान, जयप्रकाश पासवान और शिव शंकर प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया। ग्रामीण सभाओं को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि कामरेड चारु मजूमदार ने देश में शोषण विहीन समाज बनाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए। आज एक बार फिर देश और राज्य की गरीब विरोधी सरकारें गरीबों और किसानों को कॉर्पोरेट की गुलामी की ओर धकेलने की कोशिश कर रही हैं। बिहार में गरीबों की आर्थिक और सामाजिक जातीय जनगणना से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार गरीबी की निचली सतह पर खड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 94 लाख परिवारों की वार्षिक आमदनी 72,000 रुपये के लगभग है। नेताओं ने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि सभी गरीब परिवारों को 5 डिसमिल जमीन और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी दी जाएगी। जातीय सर्वेक्षण और सामाजिक सर्वेक्षण के आधार पर बिहार सरकार ने 65% आरक्षण का प्रावधान किया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। यह गरीबों के साथ अन्याय है और केंद्र सरकार को संसद में विधेयक लाकर कानून बनाना चाहिए। कृषि बजट में कटौती कर खेत, खेती और किसानी को घाटे का सौदा बनाया जा रहा है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। किसान अपने उत्पाद की उचित कीमत के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे अनदेखा कर रही है। कॉर्पोरेट घराने खेती पर गिद्ध दृष्टि गड़ाए हुए हैं और सरकारें उनका समर्थन कर रही हैं। श्रम कानूनों में संशोधन करके मजदूरों को कॉर्पोरेट की गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। नेताओं ने कामरेड चारु मजूमदार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संकल्प लिया कि उनके सपनों को पूरा करने के लिए हर नेता और कार्यकर्ता प्रतिबद्ध है और गरीबों के हक और अधिकार की लड़ाई को हर कीमत पर आगे बढ़ाएंगे।
Aug 02 2024, 00:22