एक बाइक पर सवार 3 युवकों ने दूसरे को मारी टक्कर केस दर्ज

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल पुलिस चौकी क्षेत्र के भिउरी गांव के निवासी प्रेमचंद मिश्रा बीते 25 जुलाई को देर शाम लगभग 8 बजे उनवल कस्बे से सब्जी लेकर घर की ओर जा रहे थे। उनवल राजकीय अस्पताल के पास पीछे से आ रहे एक ही बाइक पर सवार तीन युवकों ने उन्हें टक्कर मार दी घटना में गंभीर रूप से घायल प्रेमचंद मिश्रा को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची उनकी पत्नी और बेटे ने गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।

इलाज के बाद स्वस्थ्य होने पर खजनी थाने में दी गई तहरीर पर खजनी पुलिस ने बाइक सवार आरोपित युवकों के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 313/ 2024 की धाराओं 281,125(ए),125(बी) में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के द्वारा घटना की छानबीन शुरू कर दी गई है।

गोला उरुवा सड़क मार्ग पर दो दिनों से लग रहा वाहनों का भयंकर जाम

गोला गोरखपुर। गोला तहसील मुख्यालय से जाने वाला गोला उरुवा सड़क मार्ग बीते दो दिनों से वाहनों के जाम से कराहता नजर आ रहा है।यह वाहनों का जाम निरन्तर कई घण्टो तक लगा रहता है।बीच मे अगर इस मुख्य मार्ग पर अगर मरीज या दुर्घटना ग्रस्त ब्यक्ति को लिए एम्बुलेंस की गाड़ी पड़ गयी तो मरीज व दुर्घटना हुए ब्यक्ति का काम रास्ते मे ही तमाम हो जाएगा उसे अस्पताल पहुचने की जरूरत नही पड़ेगी।

सड़क जाम लगने का मुख्य कारण सूत्रों का कहना है कि एक तरफ तो सड़क पर लगे पेड़ो का कटान चल रहा है दूरी तरफ सड़क पर गिट्टिया ढोने वाले वाहन प्रमुख रूप से है। जिसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन को बराबर मिलने के बाद भी प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।

इस ब्यवस्था से सड़क मार्ग से सफर करने वालो को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।सफर करने वाले लोग शासन की ब्यवस्था को कोसते नजर आ रहे है।

प्राप्त बिबरण केअनुसार राम जानकी मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य जारी है।सड़क के किनारे लगे पेड़ो की कटान तीब्र गति से चल रहा है।और उस काटे गए पेड़ो के लकड़ियों को बोटा बना कर भारी भारी वाहनों पर लोड किया रहा है। दूसरी तरफ भारी भारी वाहनों से सड़क पर डालने के लिए गिट्टिया लायी जा रही है।दोनों तरफ से भारी भारी वाहनों के आवगमन से रास्ता जाम हो जा रहा है।जिसके कारण तो कभी कभी गोपालपुर से बिसरा गांव तक दोनों तरफ से वाहनों की लाइन लग जा रही है।

किसी को कोई खास जरूरत अगर हो तब भी अगर बीच मे आ गया तो निकलना भारी पड़ रहा है।कभी कभी तो बीच मे एम्बुलेंस भी फंस जा रही है।जिससे अंदर लाये जा रहे मरीजों या दुर्घटना ग्रस्त लोगों को अस्पताल तक पहुचना भारी पड़ रहा है।अगर स्थानीय प्रशासन से अपील भी किया जाय तो सम्भवतः अपील स्वीकार नही हो सकती है। यह क्रम दो दिनों से इस सड़क मार्ग पर निरन्तर चल रहा है।इस प्रकरण को जब एस पी आर ए ग्रामीण दक्षिणी जितेंद्र कुमार को बताया गया तो उन्होंने कहा अभी हम दिखवाते है।

यह राजनैतिक अराजकता व प्रशासनिक गुंडई : विनयशंकर तिवारी

गोला गोरखपुरI प्रशासन द्वारा बुधवार को की गई बुल्डोजर कार्ररवाई को पूर्व विधायक चिल्लूपार विनयशंकर तिवारी ने राजनीतिक अराजकता व प्रशासनिक गुंडई कहा. उन्होंने कहा कि यह सत्ता के अहंकार की निकृष्ट पराकाष्ठा है। व्यक्तिगत शत्रुता के चलते ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती दी गई।

इसका निर्णय समय आने पर चिल्लूपार विधान सभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है।

विनयशंकर तिवारी ने कहा कि लगातार चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व.पण्डित हरिशंकर तिवारी के जन्म दिवस 5 अगस्त को उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्रामप्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।

विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति हेतु उपजिलाधिकारी गोला को प्रेषित किया और अपनी तैयारी में लग गए।स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी के कद,पद,प्रतिष्ठा के अनुरूप उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने हेतु ग्राम वासियों के अतिरिक्त अन्य कई सारे वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है। स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी कि अचानक मूर्ति स्थापना हेतु निर्मित चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुल्डोजर वाली सरकार बुल्डोजर के साथ पहुंची और निर्मित चबूतरे को ढहा दिया गया।गांव के मुख्य द्वार पर लिखा गया स्व.पंडित हरिशंकर तिवारी का नाम सत्ता के नशे में चूर विधायक के गुंडों ने रात के अंधेरे में चोरी से मिटा दिया।जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो,जो व्यक्ति हिंदुआ सूर्य माननीय कल्याण सिंह जी की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो,जिस व्यक्ति को भारत रत्न माननीय अटल बिहारी वाजपेई के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो, मुलायम सिंह यादव जी, मायावती जी की सरकारों ने भी जिन्हे कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों।उनके मरने के बाद वर्तमान के निरंकुश शासनाधीष द्वारा लगातार उन्हे अपमानित किया जा रहा हो तो .. हमे क्या करना चाहिए ।

गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय हम उनके पुत्रों का नही था । यह निर्णय ग्रामवासियों का है। गांव के नागरिकों द्वारा निर्वाचित ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति का है पर अब यह हमारे स्वाभिमान का विषय भी बनता है और मेरे ही नही यह व्यवहार किसी भी स्वाभिमानी पिता के स्वाभिमानी पुत्र के साथ होता हो तो उसे सहन नही करना चाहिए ।हम भी नही करेंगे और इस अराजकता का उत्तर कानून और व्यवस्था की परिधि में रहकर अवश्य देंगे। अपने सहयोगियों, समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए विनयशंकर तिवारी ने कहा कि इस अनीति का उत्तर जरूर दिया जायेगा पर कानून व्यवस्था और मर्यादा की परिधि में रहकर।

प्लास्टिक कचरे से बीमारियों को दावत दे रही चोक होती नालियां,सरकार के प्लास्टिक बैन का आदेश नहीं मान रहे लोग

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत उनवल सहित सभी कस्बे बाजारों में प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए पाॅलिथिन (प्लास्टिक) बैन का कोई असर नहीं है। ठेले खोमचों पर चाट चाऊमीन बेचने वाले हों या फल, सब्ज़ी, किराना और कपड़े के व्यापारी सभी पाॅलिथिन की बनी थैलियों का खुलेआम बे-रोकटोक उपयोग कर रहे हैं। साथ ही सभी मांगलिक आयोजनों में जलपान की दुकानों पर हर तरफ सस्ते प्लास्टिक ग्लास और दोने का उपयोग हो रहा है। बेतहाशा बढ़ती गर्मी, स्वच्छ पेयजल की समस्याओं और सूखे की मार झेल रहे लोग भी प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से अनजान बने हुए हैं। तहसील क्षेत्र के खजनी,हरनहीं, सिकरीगंज, महदेवां बाजार, बेलघाट, कुरी बाजार, कटघर, छताईं, सतुआभार,रकौली,खजुरी, भैंसा बाजार आदि घनी आबादी वाले सभी कस्बे बाजारों तथा गांवों के खेतों,नालियों तथा तालाबों में हवा के साथ उड़ते पाॅलीथिन का कचरा, डंपिंग ग्राउंड में प्लास्टिक के कचरे का लगा अंबार और उनसे उठती दुर्गंध प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए पाॅलिथिन पर प्रतिबंध के आदेश का माखौल उड़ा रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी के तेजी से बढ़ते तापमान के कारण आज आकस्मिक प्राकृतिक आपदाओं का सामना पूरी दुनियां कर रही है।

क्षेत्र के सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भक्तराज राम त्रिपाठी, एडवोकेट महेश प्रसाद दूबे, दीपक मिश्रा, डॉक्टर अरूण शर्मा ने बताया की प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग से वातावरण विषाक्त हो रहा है। बरसात में नालियां चोक हो जा रही हैं। बड़े शहरों में सख्ती के कारण इसके प्रयोग में कुछ कमी आई है, लेकिन देहात में इसका उपयोग बढ़ गया है। सरकार के रोक का कोई असर नहीं है, हर तरफ धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल हो रहा है।

खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी ने बताया कि हमेशा गंदगी से बीमारियां फैलती ही हैं, वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए पौधरोपण के साथ ही प्लास्टिक के बढ़ते कचरे से भी बचना चाहिए।

*ढेबरा बाजार में हादसों को दावत दे रहे रोड पर बने गड्ढे*

सिकरीगंज गोरखपुर।कस्बे से दो किलोमीटर पहले ढेबरा बाजार में खजनी सिकरीगंज मुख्य मार्ग पर बने बड़े गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं। बारिश में पानी भरने के बाद गड्ढों की गहराई का पता नहीं चलता तथा अचानक इन गड्ढों में गिर कर बाइक और आॅटो सवार यात्री रोज घायल हो रहे हैं।

घनी आबादी वाले कस्बे में बड़े गड्ढे को भरने में लोकनिर्माण विभाग कोई रूचि नहीं ले रहा है।

कस्बे के निवासी बलराम गुप्ता, मोहन सिंह,अभय तिवारी, पंकज शुक्ला, संतोष, सुभाष यादव, बाबूलाल आदि ने बताया कि महीनों से रोज इन गड्ढों में गिरने वाले लोग घायल हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इन गड्ढों की मरम्मत नहीं की जा रही है, लगता है कि जैसे किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है।

दिशा छात्र संगठन ने प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर शहीद भगतसिंह पुस्तकालय' का हुआ उद्घाटन

गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन की ओर से प्रेमचन्द के जन्मदिवस के अवसर पर संस्कृति कुटीर, कल्याणपुर, जाफ़राबाज़ार, गोरखपुर में 'शहीद भगतसिंह पुस्तकालय' का उद्घाटन किया गया।

पुस्तकालय का उद्घाटन शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेमचन्द, शहीद भगतसिंह, अरविन्द और मीनाक्षी के तस्वीरों पर माल्यार्पण के साथ हुई। कार्यक्रम में सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित नुक्कड़ नाटक 'राजा का बाजा' की प्रस्तुति की गयी। साथ ही 'आ गये यहां जवा क़दम', 'दुनिया के हर सवाल के हम ही ज़वाब हैं' आदि क्रान्तिकारी गीत गाये गये।

कार्यक्रम में शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय, आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन और सामाजिक कार्यकर्ता रुबी ने बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवनन्दन सहाय ने की। 

वक्ताओं ने कहा कि पुस्तकालय जैसी संस्थाएं आने वाली पीढ़ियों के निर्माण का काम करती हैं। आज के दौर में जब चारो तरफ़ घटिया गानों-फिल्मों का बाज़ार बच्चों तक के मन में ज़हर घोलने का काम कर रहा है। सही विचार पहुंचने के माध्यम कम होते जा रहे हैं। ऐसे दौर में पुस्तकालय इस अतार्किकता-अवैज्ञानिकता के घटाटोप के बरक्स सही विचारों को पहुंचाने का माध्यम है। राष्ट्रीय आन्दोलन के दौर में भी भगतसिंह जैसे क्रांतिकारियों के क्रान्तिकारी व्यक्तित्व को गढ़ने में पुस्तकालयों की बहुत भूमिका रही। आज के दौर में भी यह पुस्तकालय समाज में परिवर्तनकामी विचारों का केन्द्र बनेगा।

आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन ने आज के दौर में प्रेमचन्द की विरासत और उनकी प्रासंगिकता' पर बात रखते हुए कहा कि प्रेमचन्द सच्चे अर्थों में जनता के लेखक थे। उन्होंने अपने लेखन का विषय समाज के उस वर्ग की दुःख-तकलीफ़ को बनाया जो वर्ग उसके पहले कभी साहित्य और लेखन के केन्द्र में नहीं रहा। अपनी लेखनी के माध्यम से न केवल उन्होंने अपने दौर में ब्रिटिश हुक़ूमत की जड़ों पर गहरी चोट की, बल्कि भारतीय सामाजिक ढांचे में मौजूद तमाम कुरीतियों जातिवाद, सांप्रदायिकता आदि पर भी करारा प्रहार किया। अपनी इस लेखकीय प्रतिबद्धता और ईमानदारी की कीमत उन्हें बार-बार चुकानी पड़ी। सोजे-वतन जैसी उनकी रचना को जब्त कर लिया गया।

आज के दौर में जब लूट पर टिका मौजूदा सामाजिक ढांचा लोगों को तबाह कर रहा है, हर दिन हज़ारों बच्चे भूख और कुपोषण का शिकार होकर मौत के मुंह में जा रहे हैं, हर साल लाखों नौजवान हताशा और अवसाद का शिकार होकर आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं। दूसरी ओर फ़ासीवादी ताक़तें देश की पोर-पोर में साम्प्रदायिकता का ज़हर बोने में लगी हुई हैं। ऐसे दौर में प्रेमचन्द की विरासत को मानने वालों का फ़र्ज़ है कि वह साहित्य का इस्तेमाल भी प्रेमचन्द की तरह मौजूदा हालात का मुक़ाबला करने के लिए करें। 

सामाजिक कार्यकर्ता रुबी ने पुस्तकालय के महत्व पर बात रखी। कार्यक्रम का संचालन अंजलि ने किया।

कार्यक्रम में रेलवे कर्मचारी नेता जयनारायण शाह, सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप विक्रांत, आज़म अनवर, विजय शंकर, चंद्रप्रकाश, सौम्या, धर्मराज, अंजलि, प्रेमचन्द, नीशू, शिवा, अविनाश , अमित, मुकुल, ज्ञान, संजय, प्रियांशु, ध्रुव आदि शामिल हुए।

अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में गोरखपुर के बच्चों का रहा शानदार प्रदर्शन

गोला गोरखपुर। अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू-क्योकाई में गोरखपुर यूपी के बच्चों का शानदार प्रदर्शन। अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता के अध्यक्ष प्रेमजीत सेन की अध्यक्षता में हुई और साथ ही साथ इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू- क्योंकाई के महासचिव व राष्ट्रीय कराटे जज तथा कराटे कोच दीपक शाही, कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष आरसी कराटे एसोसिएशन आॅफ इंडिया कराटे एसोसिएशन आॅफ बंगाल के ए बी के अध्यक्ष और ए ग्रेड के जज और रेफरी एशियन कराटे फेडरेशन और वर्ल्ड कराटे फेडरेशन की देखरेख में हुई। कराटे कोच श्री शाही ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ओपन कराटे चैंपियनशिप का शुभारंभ जुलाई 26, 27 व 28 को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ।

जिसमें भारत के साथ-साथ बांग्लादेश नेपाल भूटान श्रीलंका मलेशिया सऊदी अरब ईरान इन देशों के कराटे खिलाड़ी भी हिस्सा लिए। जिसमें उत्तर प्रदेश गोरखपुर जनपद के नगर पंचायत गोला तथा नगर पंचायत बांसगांव के भी खिलाड़ी हिस्सा लिए जिनका प्रशिक्षण केंद्र इंटरनेशनल सोतोकान कराटे डू-क्योकाई गोरखपुर है। कराटे खेल का प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल करते हुए पदकों पर कब्जा किया। जिसमें सीनियर कैटेगरी में आदित्य सिंह तथा शिवांश सिंह ने गोल्ड मेडल आयुष कुमार सिंह तथा जितेंद्र कुमार ने सिल्वर मेडल उसी के साथ-साथ रतन कुमार आबिद हुसैन अनमोल राव सतीश कुमार मौर्य विशाल भारती तथा मंगेश कुमार ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा किया। उसी के साथ-साथ जूनियर कैटेगरी में 11 वर्ष में उदित विश्वकर्मा सिल्वर मेडल तथा राज कपूर ने ब्रांच मेडल पर कब्जा किया।

एसडीएम की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु टॉस्क फोर्स की बैठक हुई,रोग के खात्मे के लिए एसडीएम ने प्रेरित किया

खजनी गोरखपुर। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया रोग को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए अभियान चलाया गया है। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर आज तहसील मुख्यालय सभागार में उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक हुई।

जिसमें फाइलेरिया उन्मूलन राष्ट्रीय कार्यक्रम को 10 अगस्त 2024 से 2 सितंबर 2024 तक संचालित किए जाने के लिए 102 टीमें तथा 34 सुपरवाइजरों की टीम हर घर तक जाकर फैलेरिया रोधी दवाएं खिलाएँगे। बताया गया कि दवाओं को इस प्रकार खिलाना है। 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 गोली डीईसी और 1 गोली एलबेंडजोल 5 से 15 वर्ष को 2 गोली डीईसी और 1 गोली एलबेंडजोल, 15 वर्ष से उपर को 3 डीईसी और गोली एलबेंडजोल खिलाई जाएगी।

किंतु यह दवा गर्भवती माताओं,अति गंभीर रोगी, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी। बताया गया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। इसके विषाणु लंबे समय तक हमारे शरीर मे रहते है जिसका पता संक्रमित होने के 8 से 10 वर्ष बाद चलता है। यह बीमारी पैर,हांथ,अंडकोश, स्तन में खास तौर पर होती है।

यदि कोई व्यक्ति 3 वर्ष तक लगातार प्रतिरोधक दवा खा लेता है तो उसे कभी भी फैलेरिया की बीमारी नहीं होगी। इसलिए सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खानी चाहिए। बैठक में एमओआईसी डॉक्टर प्रदीप तिवारी एचईओ जुमराती अहमद बीसीपीएम खुश मोहम्मद अंसारी सीडीपीओ रचना पांडेय सहित तहसील स्तरीय टास्क फोर्स के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

चित्रगुप्त मंदिर द्वारा मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण

गोरखपुर। श्री चित्रगुप्त मंदिर सभा द्वारा आयोजित उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह पर बुधवार को बेतियाहाता हाता स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क में उनकी प्रतिमा पर सभा के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष आलोक रंजन वर्मा, मंत्री शुभेंदु सिंह श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी विवेक अस्थाना, राजेश श्रीवास्तव, मृत्युंजय शंकर सिंह, दीप प्रकाश श्रीवास्तव, नम्रता श्रीवास्तवा, फूलचंद श्रीवास्तव, शानू श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव गुड्डू, शिवचरण, मंदराचल और सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

मोटापे और मधुमेह से भी बचाता है स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित

गोरखपुर, जो बच्चे छह माह तक सिर्फ स्तनपान करते हैं और उसके बाद दो वर्ष तक मां के दूध के साथ पूरक आहार का सेवन कर पाते हैं उनमें मोटापे और मधुमेह की आशंका कम हो जाती है। स्तनपान, कमजोर बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। यह कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्तनपान के इन लाभों के बारे में पुष्टि करता है। स्तनपान के वैश्विक महत्व को देखते हुए हर साल की भांति इस वर्ष भी एक अगस्त से सात अगस्त तक ह्यह्यक्लोजिंग द गैप : ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर आॅलह्णह्ण थीम के साथ विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा । इस दौरान सभी प्रसव केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और समुदाय के बीच स्तनपान की महत्ता का संदेश दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्तनपान न करने वाले बच्चों को लोग वसायुक्त चीनी मिला कर दूध देते हैं जो उनमें मोटापा बढ़ाता है। एक वर्ष तक बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए। इसके विपरीत स्तनपान करने वाले शिशु इस मोटापे से बच पाते हैं और कालांतर में मधुमेह से भी उनका बचाव होता है। जन्म से कमजोर बच्चों को जब बाहर का दूध दिया जाता है तो वह पचा नहीं पाते हैं और उनके कुपोषित और अधिक कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं कमजोर बच्चे भी स्तनपान से जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। डायरिया पीड़ित बच्चों का भी स्तनपान कराते रहना चाहिए। अगर बच्चे का अधिक निर्जलीकरण हुआ है तो ओआरएस के घोल और जिंक के टैबलेट के साथ मां का दूध पर्याप्त मात्रा में पिलाया जाना चाहिए।

डॉ दूबे ने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान तीन मुख्य संदेश जन जन तक पहुंचाया जाना है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद यथाशीघ्र बच्चे को स्तनपान कराया जाए। इस कार्य में उपस्थित एनएम और स्टॉफ नर्स को मदद करनी चाहिए। बच्चे को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना है। उसे पानी या खाने की कोई भी चीज नहीं देनी है। मां के दूध से ही बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है। शिशु जब छह महीने का हो जाए तो उसे दो वर्ष की आयु तक पूरक आहार के साथ साथ मां का दूध अवश्य देना है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के विपरीत, छह महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने का चलन है, जो कि चिंताजनक है।

प्रमुख सचिव ने की है वीडियो अपील

प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिये वीडियो अपील जारी कर कहा है कि शोध के अनुसार पहले छह माह तक सिर्फ स्तनपान से बच्चों की मृत्यु में 22 फीसदी तक की कमी आ सकती है। बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए बहुत जरूरी है जन्म के तुरंत बाद मां स्तनपान कराए। स्तनपान से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सकता है और इस दिशा में सभी को मिल जुल कर कदम उठाने चाहिए।

प्रचार प्रसार का निर्देश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ पिंकी जोवल ने विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने के संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेज कर विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं। पत्र के अनुसार स्तनपान सप्ताह में आठ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए कहा गया है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही से ही स्तनपान का लाभ बताने, स्तनपान से गर्भावशय के कैंसर से बचाव, मां शिशु के भावनात्मक लगाव व बच्चों की बुद्धिमता में बढ़ोत्तरी जैसी बातों को समुदाय तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। मिशन निदेशक ने स्तनपान सप्ताह के दौरान स्वयं सहायता समूहों की मदद लेने, मां कार्यक्रम के दस बिंदुओं को लागू करने और बाहरी दूध व खाद्य पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।