सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकहित के मामले में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल पूछा

रायपुर-     SC/ST/OBC के उत्थान के लिए बनी पीएम-दक्ष योजना के संबंध में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल पूछे है। जिसपर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने बताया कि, पीएम-दक्ष एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है जिसे वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों , कचरा बीनने वालों सहित सफाई मित्रों आदि जैसे विभिन्न लक्षित समूहों के योग्यता स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

जिससे उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार और कामकाजी-रोजगार दोनों में रोजगार योग्य बनाया जा सके। लक्षित समूह के अधिकांश व्यक्तियों के पास न्यूनतम आर्थिक परिसंपत्ति है; इसलिए, इन लाभवंचित लक्षित समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण/उत्थान के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान और उनकी क्षमताओं को बढ़ाना आवश्यक है। स्कीम के अंतर्गत, कोई भी ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3.00 लाख रुपये से कम है, प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पात्र हैं, जबकि कचरा बीनने वालों सहित एससी / एसटी, सफाई मित्रों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए कोई आय सीमा नहीं है। इस स्कीम में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक 450 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। वर्ष 2024-25 में पीएम-दक्ष स्कीम के अंतर्गत 130 करोड़ रुपये स्वीकृत है।

छत्तीसगढ़ में साल 2022-23 में CSR मद से करीब 600 करोड़ रुपए के कार्य किए गए

रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कॉरपोरेट कार्य मंत्री से छत्तीसगढ़ समेत देश भर में सीएसआर मद के अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा उपयोग की गई धनराशि का ब्यौरा मांगा है। जिसपर कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने जानकारी दी है कि, छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022-23 में CSR मद से करीब 600 करोड़ रुपए खर्च की गई है। जो की वर्ष 2021 -22 में करीब 300 करोड़ रुपए और 20-21 में 325.53 करोड़ रुपए थी। वहीं देश भर में यह राशि करीब 30 हजार करोड़ रुपए है। जो की 2122 में करीब 26600 करोड़ रुपए और 20-21 में करीब 26210 करोड़ रुपए थी।

देश में इस्पात उत्पादन बढ़ाने और सुधारने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मांगी जानकारी

इस्पात उत्पादन बढ़ने का सबसे बड़ा फायदा छत्तीसगढ़ होगा, विकास के साथ रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी

इस्पात उ‌द्योग में अकार्बनीकरण को बढ़ावा देने के सरकार विभिन्न स्तरों पर कर रही कार्य


छत्तीसगढ़ देश का बड़ा इस्पात उत्पादक राज्य है जहां देश का 38 फीसदी स्टील का उत्पादन होता है साथ ही राज्य में देश का कुल 20 फीसदी लौह अयस्क उपलब्ध है। जिस कारण बीएसपी और इस्पात की कई बड़ी कंपनियों के यहां संयंत्र है, जो उत्पाद के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं। यह कहना है सांसद बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने देश में इस्पात का उत्पादन बढ़ाने और सुधारने के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी मांगी थी
जिसपर इस्पात राज्य मंत्री ने जानकारी दी है कि, इस्पात उत्पादन में पिछले 5 सालों के वैश्विक रिकॉर्ड के मुताबिक भारत 5.54 फीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ विश्व में अग्रणी देश है। सरकार ने देश में विशेष इस्पात के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजीगत निवेशों को आकर्षित कर आयात को कम करने के लिए विशेष इस्पात हेतु उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना शुरू की है। जिसके तहत विशेष इस्पात हेतु 29,500 करोड़ रुपए का प्रत्याशित अतिरिक्त निवेश और विशेष इस्पात के लिए लगभग 25 मिलियन टन की अतिरिक्त क्षमता का सृजन अपेक्षित है।

देश में इस्पात के उपयोग, इस्पात की समग्र मांग और इस्पात क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए रेलवे, रक्षा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, आवासन, नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्रों सहित संभावित उपयोगकर्ताओं के साथ और अधिक सहभागिता के साथ मेक इन इंडिया पहल और प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान पर कार्य कर रहा है। जिसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा। इतना ही नहीं घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाने हेतु स्टील स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति को अधिसूचित करना है। सरकार ‌द्वारा इस्पात उ‌द्योग में अकार्बनीकरण को बढ़ावा देने के सरकार इस्पात क्षेत्र के अकार्बनीकरण हेतु विभिन्न स्तरों पर चर्चा, विचार-विमर्श और सिफारिश करने के लिए उ‌द्योग, शिक्षाविदों, बु‌द्धिजीवियों, एस एंड टी निकायों, विभिन्न मंत्रालयी तथा अन्य हितधारकों को शामिल करते हुए 14 कार्यबलों का गठन किया गया है। इस्पात स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति, 2019 इस्पात निर्माण में कोयले की खपत को कम करने के लिए स्वदेशी रूप से उत्पादित स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाती है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन तथा उपयोग के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अधिसूचित किया है। इस्पात क्षेत्र को भी इस मिशन में एक हितधारक बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ई बस सेवा की राज्य स्तरीय स्टेयरिंग समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-     मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा राज्य के विभिन्न शहरों में सार्वजनिक परिवहन सुविधा के लिए बसों की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान प्रदान की गई।

ज्ञातव्य है कि शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत राज्यों को शहरो के लिए जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है, जिसके संबंध में राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी (एसएलएससी) की प्रथम बैठक 30 जुलाई 2024 को आयोजित की गई। समिति द्वारा रायपुर हेतु 100 मिडी ई बस, दुर्ग भिलाई हेतु 50 मिडी ई बस, बिलासपुर हेतु 35 मिडी तथा 15 मिनी ई बस और कोरबा हेतु 20 मिडी तथा 20 मिनी ई बसों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव का कार्याेत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया है तथा योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीटीएम और बस डिपोट सिविल अधोसंरचना हेतु राशि रूपए 70.34 करोड़ रूपए के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने का अनुमोदन किया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।

ई-बस सेवा से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार तथा पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता एवं आरामदायक सुखद यात्रा प्राप्त होगा। बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव बसवराजू एस, विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं समिति के सदस्य मौजूद थे।

मनोनीत राज्यपाल रमेन डेका से मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के विकास पर की चर्चा
रायपुर-    मनोनीत राज्यपाल रमेन डेका से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजभवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने मनोनीत राज्यपाल श्री डेका से प्रदेश के हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने मनोनीत राज्यपाल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और शॉल भेंटकर सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द भी उपस्थित थे।
पीएम आवास योजना शहरी की राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-    मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत आवास के निर्माण की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।

मुख्य सचिव ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को हितग्राहियों को स्वीकृत आवासों का आबंटन करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत क्रियान्वित परियोजनाओं हेतु भारत सरकार के प्रेषित उपयोगिता प्रमाण-पत्र, जीएफआर, एक्शन टेकन रिपोर्ट सहित भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी विभागीय अधिकारियों ने दी।

बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के करीब 156 नगरीय-निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के घटक हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के अंतर्गत 937 परियोजनाओं में एक लाख 50 हजार 898 आवास स्वीकृत किए गए है। बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव  बसवराजु एस., विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा सहित नगरीय प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारी एवं समिति के सदस्य शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रामेन डेका पहुंचे रायपुर : CM साय और मंत्रियों ने किया स्वागत

रायपुर- छत्तीसगढ़ के 10वें राज्यपाल रामेन डेका मंगलवार शाम को रायपुर पहुंचे, जहां स्टेट हेंगर में सीएम विष्णुदेव साय और मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक नृत्य भी पेश किए गए। राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

राज्यपाल रामेन डेका ने अपने स्वागत समारोह के बाद प्रेस से बात करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करें और विकास की गति को तेज करें। मैं आश्वस्त करता हूं कि मैं छत्तीसगढ़ के विकास के लिए निरंतर काम करूंगा और राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊंगा।”

राज्यपाल ने यह भी कहा कि “छत्तीसगढ़ एक उभरता हुआ राज्य है और विकास की राह पर अग्रसर है। हमारा काम केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय बनाए रखना और विकास की गति को तेज करना है। छत्तीसगढ़ खनिज और संस्कृति के मामले में संपन्न है और असम और छत्तीसगढ़ के बीच संबंधों को भी बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।”

जब राज्यपाल की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि “मैं अब भाजपा का सदस्य नहीं हूँ। मैंने भाजपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और अब एक संवैधानिक पद पर कार्यरत रहूंगा। इसलिए, मुझे संविधान और सरकारी नियमों का पालन करना और उनका मार्गदर्शन करना होगा।”

लंबित आरक्षण मामलों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “आरक्षण पर अभी चर्चा करना जल्दबाजी होगी। वर्तमान में विकास हमारी मुख्य प्राथमिकता होगी।”

इससे पहले, निवर्तमान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को राजभवन में विदाई दी गई खी। वे आज भुवनेश्वर (ओड़िशा) के लिए रवाना हो गए। इस अवसर पर प्रथम महिला सुप्रभा हरिचंदन भी उपस्थित थीं। राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने राजभवन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और आर्शीवाद दिया।

विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि, भगवान जगन्नाथ की कृपा से आप सभी लोग सदैव समृद्ध और सुखी रहे। राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुष्पवर्षा कर हरिचंदन का स्वागत किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पांडेय और उपसचिव हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

31 जुलाई को लेंगे शपथ

बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा 31 जुलाई को नए राज्यपाल को शपथ दिलाएंगे। ये कार्यक्रम रायपुर के राजभवन में आयोजित होगा। रमेन डेका का जन्म 1 मार्च 1954 को असम के कामरूप जिले के सुआलकुची में हुआ था। वे असम की मंगलदोई लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके हैं। वह BJP के संस्थापक सदस्यों में भी हैं। असम बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।

राहुल गांधी के बयान पर मंत्री ओपी चौधरी का तीखा प्रहार, कहा-

रायपुर-   लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट 2024-25 पर सदन में चर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. राहुल गांधी के भाषण पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कांग्रेस ने पांच दशकों तक देश को “पंजे के चक्रव्यूह” में फंसाए रखा, जिससे युवाओं, किसानों और नारी शक्ति की प्रगति रुकी रही. चौधरी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति का कल्याण हो रहा है, जबकि कांग्रेस केवल “ब्लेम गेम” की राजनीति कर रही है.

मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, पांच दशकों तक देश तो पंजे के चक्र में में फंसा हुआ था. आज गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति, ज्ञान का पीएम मोदी के नए-नए योजनाओं के तहत कल्याण हो रहा है तो कांग्रेस ब्लेम गेम की राजनीति पर उतर आई है. उनको जवाब देना चाहिए की पांच दशकों तक उन्होंने क्यों देश की शक्ति, ऊर्जा, युवा, नारी, किसान को रोक करके रखा था. 1971 में गरीबी हटाओ का नारा लगाते रहे लेकिन गरीबी इनसे हटी नहीं. आज पीएम मोदी देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए कम कर रहे हैं. तो पंजे के चक्रव्यूह कहने के बजाय आज यह झूठा ब्लेम गेम कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि एक पुरानी परंपरा रही है हलवा सेरेमनी बजट में होती है. कांग्रेस के जमाने से और बरसों से दशकों से यह परंपरा रही है. उसका इस तरह किसी भी एक अच्छे चीज देश की जनता के लिए है तो यह परंपरा रही है. उसकी आलोचना करना बहुत ही गलत है. क्या राहुल गांधी को 1 लाख 48 हजार करोड़ खर्च करके 4 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के लिए कम करना हलवा नजर आ रहा है. क्या राहुल गांधी को एक करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप की व्यवस्था पांच हजार प्रति माह के एडिशल सपोर्ट के साथ करना उनको हलवा नजर आ रहा है ? ग्रीन ग्र हाउस इफेक्ट के कारण जो क्लाइमेट चेंज हो रहा है उससे सामना करने के लिए जो ब्रीड डिवेलप की जा रही है वो राहुल गांधी को क्या हलवा नजर आ रहा है? 11 लाख 11 हजार एक सौ ग्यारह करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने की कोशिश का प्रावधान राहुल गांधी को हलवा नजर आ रहा है? उनको जवाब देना चाहिए.

जनसमस्या निवारण शिविरों में मिल रहे आवेदनों को निराकृत करने बनाएं प्रभावी व्यवस्था – अरुण साव

रायपुर-      उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 27 जुलाई से शुरू हुए जनसमस्या निवारण पखवाड़ा की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जनसमस्या निवारण शिविरों में मिल रहे आवेदनों को निराकृत करने प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को जन अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने को कहा। उन्होंने शहरों की समस्याओं के निदान और जन सुविधाएं विकसित करने के लिए व्यापक हित में योजना बनाने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक कुंदन कुमार भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के तहत आयोजित वार्डवार शिविरों के सुचारु संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों के आवेदनों का त्वरित निराकरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर वार्ड में आयोजित किए जा रहे शिविर आवेदन लेने का शिविर नहीं है। आवेदनों का तत्परता से निराकरण इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य है। श्री साव ने सभी आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शिविरों में सकारात्मक परिणाम के लिए बधाई दी। उन्होंने ज्यादा संख्या में मौके पर ही लोगों की समस्याएं निराकृत करने वाले नगरीय निकायों की पीठ थपथपाई और हौसला अफजाई की। उन्होंने बांकी बचे दिनों में भी जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के प्रभावी आयोजन के निर्देश दिए। शिविरों में आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए राशि जारी करने की बात भी कही।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने शिविरों के अनुभव के आधार पर कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने शिविरों में स्टॉल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत वार्डों में आयोजित हो रहे शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, जिससे कि लोगों को अपने वार्ड में आयोजित हो रहे शिविर के बारे में पहले से जानकारी हो और वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर में पहुंच सके।

समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के शुरूआती तीन दिनों में प्रदेश भर में कुल 19 हजार 598 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 17 हजार 310 आवेदन मांगों से और 2288 आवेदन शिकायतों से संबंधित हैं। शिविरों में प्राप्त हुए करीब 40 प्रतिशत यानि 7747 आवेदनों को मौके पर ही निराकृत किया गया है। इस दौरान प्राप्त 1092 आवेदनों के दूसरे विभागों से संबंधित होने के कारण निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित शिविरों के बहुत अच्छे परिणाम आ रहे हैं। आप सभी अच्छा आयोजन कर रहे हैं। इसी तरह 15 दिनों तक काम करना है। उन्होंने हितग्राहीमूलक कार्यों को मौके पर करने के साथ ही सामुदायिक सुविधाओं जैसे पानी, नाली, बिजली की समस्या इत्यादि का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पट्टा, सड़क, नाली, बिजली जैसी मांग आने पर इन्हें किसी भी मद से करने का प्रस्ताव भेज सकते हैं। सीएसआर और डीएमएफ मद से भी कार्य करा सकते हैं। उन्होंने शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने को कहा। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ मंत्रालय में समीक्षा बैठक में राज्य शहरी विकास अभिकरण (सुडा) के सीईओ शशांक पाण्डेय, नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य और संयुक्त संचालक एस.के. सुंदरानी भी मौजूद थे। वहीं सभी नगर निगमों के आयुक्त, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के संभागीय संयुक्त संचालक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में जुड़े।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इन अधिकारियों-कर्मचारियों के हुए तबादले

रायपुर- राज्य सरकार ने लोक यांत्रिकी विभाग में बड़ी संख्या में तबादले किये हैं। कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता सहित उप अभियंता और टेक्निशियन के तबादले हुए हैं।

देखिये लिस्ट-

 
छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में उठाए सवाल

रायपुर-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। जिसपर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि, केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में रोजगार के लिए अनेकों कदम उठा रही है। रोजगार सृजन के साथ रोजगार क्षमता में सुधार केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। देश 15 से 29 आयुवर्ग के युवाओं के लिए देश में अनुमानित बेरोजगारी दर वर्ष 2022-23 के दौरान 10 फीसदी रही जबकि छत्तीसगढ़ के लिए यह दर 7.1 फीसदी थी।

सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों जैसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, ग्रामीण विकास, आवास और शहरी, वित्त, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आदि अलग-अलग रोजगार सृजन योजनाएं कार्यान्वित कर रहे हैं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएम), पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरए‌मईटीआई), दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएबाई-एनयूए‌लएम), प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) आदि में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि शामिल है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय से छत्तीसगढ़ में कौशल विकास प्रशिक्षण में नामांकित उम्मीदवार, आवंटित धन राशि और केंद्रों का विवरण भी मांगा। जिसपर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने जानकारी दी है कि, मंत्रालय वर्ष 2015 से अपनी प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का कार्यान्वयन कर रहा है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ सहित देश भर में युवाओं को अल्पावधि प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना तथा पूर्व शिक्षण मान्यता के माध्यम से कौशलोन्नयन एवं पुनकौशलीकरण विकास प्रदान करना है। विगत तीन वर्षों के दौरान पीएमकेवीवाई के अंतर्गत छत्तीसगढ़ से 32हजार से ज्यादा उम्मीदवार नामांकित किए गए है जिसमे से 19810 महिला और 12193 पुरुष है। इतना ही नहीं राज्य से 670 महिलाओं समेत कुल 1283 उम्मीदवारों का नियोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल पीएमकेवीवाई के 192 प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में रेडियो सेवा को बेहतर बनाने के लिए सांसद बृजमोहन ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
रायपुर-     रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी की रेडियो सर्विस को बेहतर बनाने के लिए रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के आकाशवाणी केन्द्र में स्वीकृत 30 पदों में से 20 पद रिक्त हैं। जिन्हे शीघ्र पूर्ति की आवश्यकता है। साथ ही पर्याप्त संख्या में स्टाफ नहीं होने के कारण आदिवासी अंचल जगदलपुर (बस्तर) में सी-बैंड अप-लिंग आरएनयू सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद भी, यहां केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का स्थानीय भाषा में सप्ताह में केवल एक ही दिन प्रसारण होता है, जिससे आदिवासी भाई-बंधु को समाचारों और अन्य जानकारियां को नियमित रूप से सुनने में में समस्या आती है। जिसके लिए बृजमोहन अग्रवाल ने तत्काल कारवाई की मांग की जाए।