बिजली दर में बढ़ोतरी का उद्योग संघ ने किया विरोध, मंत्री टंकराम ने कहा –
रायपुर-    उद्योग संघ के बिजली के दर बढ़ने के विरोध पर मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री बहुत ही संवेदनशील हैं. छग की विकास और समृद्धि के लिया काम कर रहे हैं. उद्योगपतियों की समस्या को सुनेंगे और निष्कर्ष निकालेंगे. वहीं पूर्व सांसद रमेश बैस की छग वापसी पर मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, कांग्रेस पहले अपने घर को संभाले. कांग्रेस में सर फुटव्वल की स्थिति है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एक तरफा हार हुई है. कांग्रेस अपने अंदरूनी लड़ाई झगडे़ को संभाले. रमेश बैस एक कद्दावर नेता हैं, बड़ा व्यक्तित्व है. केंद्रीय नेतृत्व का निर्णय सराहनीय होगा.


पूर्व मंत्री शिव डहरिया के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री वर्मा ने कहा, रमेश बैस काफी सीनियर लीडर हैं. शिव डहरिया होते कौन हैं रमेश बैस को सलाह देने वाले. टोपी और टी शर्ट बांटने के सवाल पर मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा, हमारे विभाग का इस विषय से कोई लेना-देना नहीं है. विधानसभा में भी मैंने कहा था हमारे विभाग ने ना तो खरीदी किया है ना खरीदी के लिए टेंडर जारी किया है. ना ही भुगतान किया है. टी शर्ट, टोपी कौन खरीदा कौन सा फर्म था यह जांच का विषय है.

कांग्रेस नेता के भाजपा सरकार में कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा वापस लेने के सवाल पर टंकराम वर्मा ने कहा, सुरक्षा किसी के मांगने से नहीं मिलता है, उनके लिए नीति निर्धारण है. यह सुरक्षा विभाग तय करेगा कि किसको कितनी सुरक्षा देनी है. चाहे वह ट्राइबल बेल्ट के हो, चाहे मैदानी इलाके के हो, सुरक्षा का पूरा ध्यान सुरक्षा विभाग रखता है. चाहे वह कोई भी दल का हो, सुरक्षा देना के लिए सुरक्षा विभाग है. उनका काम है, वह मूल्यांकन करते हैं. किसको सुरक्षा की जरूरत है किसको नहीं है. उसके हिसाब से गृह विभाग सुरक्षा मुहैया करवाते हैं.
छत्तीसगढ़ में आज रात से बंद हो जाएंगे 150 उद्योग, बिजली दर बढ़ाने पर उद्योगपति संघ ने लिया फैसला

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में बढ़ी हुई बिजली दर का विरोध उद्योगपति अब बड़े स्तर पर करने जा रहे हैं. आज रात 12 बजे से करीब 150 से 200 स्टील और स्पंज के उद्योगों को बंद करने का फैसला उद्योगपति संघ ने लिया है. पहले चरण में CSPDCL आधारित मिनी स्टील उद्योग को बंद किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश के 500 उद्योगों को भी बंद करने का फैसला संघ ने लिया है. अगर यह तमाम उद्योग बंद होंगे तो निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ में एक बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है.

स्टील उद्योग संघ के प्रमुख अनिल नचरानी ने बताया कि बिजली दर में हालिया वृद्धि के कारण हमारी स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है. यदि बिजली की कीमतों में कमी नहीं की जाती है तो यह इस्पात उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा, जो एक श्रृंखला प्रणाली में संचालित होता है. उच्च कीमतें इस श्रृंखला को बाधित करेंगी, जिससे महत्वपूर्ण परिचालन चुनौतियां उत्पन्न होगी. उन्होंने आग्रह किया है कि इस वर्ष के लिए बिजली दर को कम करने पर विचार करें.

नचरानी ने कहा, उद्योग श्रृंखला की सुचारू कार्यप्रणाली बनाए रखने के लिए उचित बिजली दर सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. यदि उद्योग उच्च कीमतों का सामना करने में असमर्थ रहता है तो इससे उत्पादन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती है और अन्य प्रतिकुल प्रभाव हो सकते हैं. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है इस मामले की जांच करें और इस्पात उद्योग को समर्थन देने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि उत्पादन बिना किसी रुकावट के चालू रखा जा सके.

वन मंत्री केदार कश्यप बाघ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए
रायपुर-    अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर आज 29 जुलाई को वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में चेन्दरू पार्क, गढ़बेंगाल, नारायणपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ के तहत् पौध रोपण किया गया। उदबोधन में श्री कश्यप द्वारा टायगर बॉय चेन्दरू एवं वनों की सुरक्षा, संवर्धन तथा वन्यप्राणियों की रक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। अंत में चेन्दरू के परिवार का सम्मान किया गया। स्कूली स्तर में चित्रकला तथा निबंध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार वितरण किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, संयुक्त वन प्रबंधन समिति सदस्य, स्कूली बच्चे, मुख्य वन संरक्षक, कांकेर वृत्त, कांकेर, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, जिला नारायणपुर, जिला स्तरीय अधिकारी तथा नारायणपुर वनमण्डल के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
एक पेड़ मां के नाम : उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपनी मां के सम्मान में लगाया पौधा

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज मुंगेली जिले के लोरमी विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला डोंगरिया में वृक्षारोपण किया। उन्होंने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपनी मां श्रीमती प्रमिला देवी के सम्मान में पीपल का पौधा लगाया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'एक पेड़ मां के नाम' देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया अभियान है। सबसे पवित्र रिश्ता मां का होता है। मां कष्ट सहकर बच्चों का पालन-पोषण करती है। इसलिए मां की सेवा और समर्पण पर श्रद्धा भाव अर्पित करते हुए हम सभी को उनके नाम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। मां-बाप की तरह ही उसकी सेवा-जतन करना चाहिए।

श्री साव ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आज डोंगरिया के 10 एकड़ क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। आज हमारी सरकार मोदी की गारंटी के अनुरूप आमजनों, किसानों तथा अन्य हितग्राहियों से किए वादे पूरे करने के लिए पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य कर रही है। हितग्राहियों के खाते में योजनाओं के पैसे पहुंच रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अपने संबोधन के दौरान डोंगरिया के कृषि संग्रहण केंद्र में किसानों के बैठने के लिए 14 लाख रुपए की लागत से किसान कुटीर और आश्रित गांव कोदवामहंत में साढ़े 12 लाख रुपए की लागत से गोदाम बनाने की घोषणा की। उन्होंने डोंगरिया स्कूल प्रांगण में मंच निर्माण के लिए पांच लाख रुपए देने और गांव में जल्द ही एनीकट बनाने की भी घोषणा की।

कार्यक्रम में आई.डी.बी.आई. बैंक ने सी.एस.आर. के तहत पौधों की सुरक्षा के लिए 560 ट्री गॉर्ड भेंट किया। कार्यक्रम में डोंगरिया स्कूल में विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। मुंगेली के कलेक्टर राहुल देव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पांडेय और डोंगरिया के सरपंच महंत हरिशंकर दास सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक तथा स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को दी गई भावभीनी विदाई, राजभवन में विदाई समारोह संपन्न

रायपुर-  राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को आज यहां राजभवन परिवार द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राजभवन परिवार के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अपने कार्यकाल के विभिन्न पलों को याद किया और राजभवन परिवार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल को राजभवन परिवार की ओर से शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और यहां लोगों की मेहनत, समर्पण और साहस को नजदीक से देखा। यहां की भूमि न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है बल्कि छत्तीसगढ़ के लोग भी अत्यंत सरल, सहज होते हैं। सभी लोगों ने जो स्नेह और सम्मान दिया है उसे भूलना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण योजनाओं एवं नीतियों को लागू किया गया। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी गुणवत्तायुक्त, अध्ययन - अध्यापन हो जिससे विद्यार्थियों का भविष्य बेहतर हो सके यह उनकी कोशिश रही। विश्वविद्यालयों में समय पर दीक्षांत समारोह करने के निर्देश दिये। कुलाधिपति के रूप में उन्होंने सदैव विद्यार्थियों को राष्ट्र की सेवा करने एवं गरीब, शोषित व वंचित वर्ग के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित किया। सबका अधिकार उनको मिलना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि आम लोगों के अधिकार की रक्षा के लिए वे हमेशा संघर्ष करते रहे है। जहां भी अन्याय देखा उसके विरूद्ध खड़े हो गये। समाज में व्याप्त अन्याय, शोषण को दूर करना आप सभी का भी कर्त्तव्य है।

राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण आज विश्व की बड़ी समस्या है। इसके लिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा। पर्यावरण को साफ रखने के लिए सभी को पेड़ लगाना चाहिए। यदि आप ऐसा करते है तो यह पर्यावरण एवं मानवता की बड़ी सेवा होगी।
श्री हरिचंदन ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। राजभवन के दरवाजे सदैव सभी के लिए खुले रहे। उन्होंने यह हमेशा प्रयास किया कि राजभवन सरकार और जनता के बीच एक मजबूत पूल बन सकें। सबकी सहभागिता और समर्थन से यह संभव हो पाया।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार ने कहा कि श्री हरिचंदन ने अपने ज्ञान व अनुभव से हमारा सतत् मार्गदर्शन किया। उनकी संवेदनशीलता उनके कार्यो से परिलक्षित होती थी। अपनी समस्या लेकर आने वाले लोगों से आत्मीयता से मिलते और समस्या के त्वरित निराकरण के लिए निर्देश देते थे। समस्या के समाधान में कोई दिक्कत आने पर उसका भी निराकरण करते थे। उनकी सक्रियता से हमे भी प्रेरणा मिलती थी। उनके सुदीर्घ और स्वस्थ जीवन के लिए यशवंत कुमार ने शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उपसचिव हिना अनिमेष नेताम ने आभार प्रदर्शन किया। समारोह में राज्यपाल के परिसहाय द्वय सुनील शर्मा, निशांत कुमार एवं राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारियों उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने चार नवगठित नगर पालिकाओं में ’’मोर संगवारी’’ योजना का किया विस्तार

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज लोरमी में प्रदेश की चार नवगठित नगर पालिकाओं मंदिर हसौद, बांकी मोंगरा, लोरमी और पंडरिया में ‘‘मोर संगवारी’’ योजना का विस्तार किया। उन्होंने लोरमी के मानस मंच में आयोजित कार्यक्रम में 'मोर संगवारी' एप भी लांच किया। इस योजना के माध्यम से नागरिकों को जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, दुकान एवं स्थापना पंजीयन, राशन कार्ड, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र सहित 27 प्रकार की सुविधाएं घर पहुंचकर प्रदान की जाएंगी।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शासकीय कार्यालयों से नागरिक सेवाएं घरों तक पहुंचाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप चरणबद्ध रूप से “मोर संगवारी” योजना का विस्तार किया जा रहा है। इसमें 27 तरह की सेवाएं नागरिकों को बिना किसी व्यवधान और कार्यालय जाए बिना उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार बनी है, तब से कामकाज में तेजी आई है। सभी वर्गों के विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। हमारा संकल्प है, जिस छत्तीसगढ़ को हमने बनाया है, उसे संवारने का काम भी हम करेंगे।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि प्रदेश के नगरीय निकायों में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगो को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए 150 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवासहीन परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रभावी निपटान के लिए निकायों द्वारा समग्र प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, चेक और प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

सुडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) के सीईओ शशांक पाण्डेय ने कार्यक्रम में बताया कि सरकारी दस्तावेज बनवाने की यह घर पहुंच सेवा वर्तमान में प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों, 44 नगर पालिकाओं तथा दो नगर पंचायतों अंबागढ़ चौकी और गौरेला में संचालित की जा रही है। ये सेवाएं सभी कार्य दिवसों में प्रातः आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक संचालित की जा रही हैं। मुंगेली के कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि "मोर संगवारी" योजना आम जनता के लिए बहुत खास है। इससे नगर के लोगों को काफी सहुलियत होगी। विभिन्न सेवाओं के लिए नागरिकों को घर पहुंच सेवा का लाभ मिलेगा। लोरमी नगर पालिका की अध्यक्ष अंकिता रवि शुक्ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

'मोर संगवारी' एप के जरिए घर बैठे बनेंगे प्रमाण पत्र

'मोर संगवारी' एप के जरिए नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को घर बैठे आय, मूल निवासी, विवाह, जन्म, जाति, राशन कार्ड, गुमास्ता, मृत्यु, आधार कार्ड, असंगठित कर्मकार पंजीकरण एवं सुधार, पैन कार्ड पंजीकरण एवं सुधार आदि सेवाओं का लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत टोल-फ्री नंबर पर कॉल करने पर संगवारी घर पहुंच कर योजना से जुड़ी सेवाओं एवं सुविधाओं का लाभ देना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए कोई भी नागरिक घर बैठे टोल-फ्री नंबर 14545 में कॉल कर संपर्क कर सकता है। संगवारी नागरिकों के निवास स्थान पर पहुंचकर सेवा का ऑनलाइन पंजीयन कर सेवा से संबंधित दस्तावेज संकलित करेंगे।

इस योजना के अंतर्गत अब नागरिकों को दस्तावेजों के लिए शासकीय कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। दस्तावेज, प्रमाण पत्र या लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया आसान होगी। इससे लोगों का समय भी बचेगा। अब पोर्टल के माध्यम से योजना में शामिल सभी सेवाओं से संबंधित जरूरी दस्तावेजों की पूरी जानकारी केवल एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। इससे न केवल दस्तावेज, प्रमाण पत्र या लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि इसे बनाने में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। इस एप के जरिए किसी भी तरह की समस्या होने पर शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने लोरमी में 8.26 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज "मोर संगवारी" योजना के शुभांरभ कार्यक्रम में लोरमी के लिए आठ करोड़ 25 लाख 79 हजार रुपए लागत के विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की। इनमें वार्ड क्रमांक-7 में मानस मंच सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ 85 लाख 96 हजार रुपए, वार्ड क्रमांक-8 में रानी तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ 88 लाख 57 हजार रुपए, रानी गांव मुक्तिधाम सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ 38 लाख 31 हजार रुपए, मुंगेली रोड में प्रवेश द्वार निर्माण के लिए 37 लाख 68 हजार रुपए, बिलासपुर रोड में प्रवेश द्वार के लिए 54 लाख 85 हजार रुपए, पण्डरिया रोड में प्रवेश द्वार के लिए 54 लाख 92 हजार रुपए, कर्मा माता तहसील चौक लोरमी के लिए 19 लाख 42 हजार रुपए, वार्ड क्रमांक-15 में अम्बेडकर चौक के लिए 28 लाख 82 हजार रुपए तथा नगर पालिका कार्यालय में प्रथम तल निर्माण एवं पार्किंग के लिए एक करोड़ 17 लाख 26 हजार रुपए की राशि शामिल हैं।

संसद में गरजे सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पर बोला तीखा हमला

रायपुर-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। बृजमोहन अग्रवाल ने अपने भाषण में कहा कि, मैं माननीय मोदी के तीसरे कार्यकाल में 48 लाख 21 हजार करोड़ रुपए के बजट का स्वागत करता हूं। तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को बहुत-बहुत बधाई देता। उन्होंने कहा कि, इस देश की जनता सदियों से गुलामी का दंश झेलती आई है, कभी मुगलों की, कभी अंग्रेजों की तो कभी कांग्रेस की। बजट के बाद इस देश की जनता को लग रहा है कि, "सुनहरा लग रहा है एक-एक पल, कई दशकों बाद देश में तब्दीली हुई है"।
उन्होंने विपक्ष में निशाना साधते हुए कहा कि, नेता प्रतिपक्ष जब खड़े होते हैं तो, भारत जोड़ो के नारे लगते हैं, उन्होंने सवाल उठाया कि, इस देश को तोड़ने का काम किसने किया? भारत के टुकड़े कर पाकिस्तान किसने बनाया, कोको द्वीप बर्मा को किसने दिया? देश को बांटने वाले, आज देश जोड़ों का नारा लगा रहे है। जब डोकलाम विवाद चल रहा था तब राहुल गांधी चीनी दूतावास में क्या कर रहे थे? भारत की जनता उनकी हकीकत जान गई है। इसीलिए उन्होंने भरोसे के साथ मोदी सरकार बनाई है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वो छत्तीसगढ़ से हैं जो माता कौशल्या की जन्मभूमि है। छत्तीसगढ़ महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मभूमि है। प्रभु राम हमारे भांजे है, छत्तीसगढ़ प्रभु राम का वन गमन मार्ग भी रहा है।

उन्होंने रामायण की चौपाई
"जाको प्रभु दारुण दुख देही ।
ताकी मति पहले हर लेही ।।"

दोहराते हुए कहा कि, राहुल गांधी और विपक्ष की मति को भगवान ने पहले ही हर लिया है। 99 सीटें लाने वाली कांग्रेस, 244 सीटें लाने वाली भाजपा को फेल बता रही है। उन्होंने कहा कि, सरकार की पीएम आवास, नल जल, कौशल विकास, महिला विकास आदि जन कल्याणकारी योजनाओं और 4 करोड़ नौकरी का फायदा सभी को मिलेगा। मोदी जी ने इस देश को 4 जातियों में बांटा है जो युवा, किसान, महिला और गरीब हैं। अगर इनका विकास होता है तो देश का विकास होगा।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, आप इस बजट का विरोध कर रहे हैं क्योंकि आपको इस देश का विकास पसंद नहीं है। किसानों, महिलाओं, युवाओं का विकास पसंद नहीं है। देश की सीमाओं का विकास पसंद है। विपक्ष को पसंद है तो सिर्फ और सिर्फ कुछ परिवारों का विकास जो माननीय नरेन्द्र मोदी के रहते कभी संभव नहीं है। और बजट के विरोध का यही एक मात्र कारण है। माननीय नरेन्द्र मोदी जी के लिए देश प्रथम है। विपक्ष के लिए परिवार प्रथम है। एससी, एसटी, ओबीसी की बात करने वाले राहुल गांधी ने किसी एससी, एसटी, ओबीसी सांसद को नेता प्रतिपक्ष क्यों नहीं बनाया?

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, हिन्दुस्तान को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने वाले उद्देश्य को लेकर माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा प्रस्तुत इस बजट का समर्थन करता हूं। यह बजट माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों की सिद्धी का बजट हैं। विपक्ष के ये वो लोग है जो जनता के नकारें जाने के बाद भी अपने आप को जनता का हमदर्द बता रहे हैं। और बजट का विरोध कर रहे हैं। यह बजट हिन्दुस्तान के 141 करोड़ जनता के सपनों को पूरा करने का बजट है।

यह महिलाओं के उत्थान का बजट है। यह बजट हिन्दुस्तान के अन्नदाता किसानों की तरक्की का बजट है। यह हिन्दुस्तान के सपनों को गढ़ने वाले युवाओं का बजट है। यह हिन्दुस्तान को आर्थिक महाशक्ति बनाने का बजट है।

विपक्ष को या तो बजट पढ़ना नहीं आता या उनमें दृष्टिदोष हैं। बजट को लेकर विपक्ष जनता में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। इस बजट में अन्नदाता किसानों को, गरीबों को, महिलाओं को, युवाओं को जो सुविधाएँ दी जा रही है, क्या पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हिमांचल, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, दिल्ली की जनता को नहीं मिलेगा।

बजट का आबंटन हर राज्य को मिलेगा। फिर कैसे इन प्रदेशों की उपेक्षा। माननीय नरेन्द्र मोदी का ही दम है, जिसने लक्वे ग्रस्त अर्थव्यवस्था को पटरी पे ले आए है। कांग्रेस ने देश को 11वें नम्बर पर रखा था, जो अब 10 साल में 5वें नंबर पर पहुंच गया है, व आने वाले 5 वर्षों में तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। यह बजट हिन्दुस्तान को सशक्त, शक्तिशाली, स्वाभिमानी, आत्मनिर्भर बनाने का बजट हैं। यह बजट ऐतिहासिक सुधार का बजट है, विकसित भारत का बजट है।

राज्यपाल श्री हरिचंदन को मुख्यमंत्री श्री साय ने सुदीर्घ और स्वस्थ जीवन की दी शुभकामनाएं

रायपुर-     राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से आज राजभवन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सौजन्य मुलाकात कर उनके सुदीर्घ और स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। श्री साय ने कहा कि राज्यपाल श्री हरिचंदन के मार्गदर्शन में प्रदेश ने प्रगति के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कि राज्यपाल का स्नेह इसी प्रकार उन्हें और छत्तीसगढ़वासियों को मिलता रहेगा।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री हरिचंदन को मुख्यमंत्री श्री साय ने पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ से मुख्यमंत्री सहित प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की।

वाणिज्यिक कर विभाग में तबादले, कई अधिकारी हुए इधर से उधर
रायपुर- वाणिज्यिक कर विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किए गए है. इसमें अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. महानदी भवन मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार इसमें पीएस विध्यराज, राज्य कर आयुक्त (अपील) बिलासपुर को संभाग एक कार्यालय बिलासपुर में ट्रांसफर किया गया है.
दिल्ली से लौटे सीएम साय, कहा – विकसित छत्तीसगढ़ के लिए बना रहे डॉक्यूमेंट

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद रायपुर लौट आए हैं. उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक थी, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. बैठक में सार्थक चर्चा हुई. विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाना है. इसके लिए डॉक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं. इसे छग स्थापना दिवस के दिन जनता को समर्पित करेंगे.

दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की. इस पर सीएम साय ने कहा, केंद्रीय मंत्री से अलग-अलग विषयों में चर्चा हुई है. नक्सलियों के पुनर्वास और पीएम आवास के संबंध में चर्चा हुई.

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में हलुआ कहा. इस पर सीएम साय ने कहा, राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में शामिल होने पर साय ने कहा, दो दिनों तक सीएम कॉन्क्लेव की बैठक हुई, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल हुए. बैठक में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई.