सपा ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष और मुख्य सचेतक कमाल अख्तर को बनाया
लखनऊ । विधानसभा सत्र से पहले समाजवादी पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाई। जिसमें काफी चिंतन और मंथन के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। अखिलेश यादव ने निर्देश दिए हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हो रहे विधानमंडल सत्र में पूरी तैयारी के साथ उतर जाएं और जनहित के मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएं। इनमें किसानों, जातीय गणना और कानून-व्यवस्था प्रमुख मुद्दे होंगे। माना जा रहा है कि अखिलेश ने पीडीए के बाद ब्राह्राण कार्ड चला है।

विधायक महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल नियुक्त

जानकारी के लिए बता दें कि  इस दौड़ में  शिवपाल यादव व इंद्रजीत सरोज का नाम भी तेजी से चल रहा था, लेकिन अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया। इसके अलावा सपा ने विधायक महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ आरके वर्मा को उप सचेतक नियुक्त किया है। गौरतलब है कि इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव खुद थे। अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से विधायक थे। माता प्रसाद पांडे सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से विधायक हैं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं।

सात बार से विधायक हैं माता प्रसाद पांडेय

आपको बता  दें कि माता प्रसाद सात बार से विधायक हैं। वह मुलायम और अखिलेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। साथ ही इन्हें शिवपाल यादव का बेहद करीबी माना जाता है। अभी सिद्धार्थनगर की इटावा से विधायक हैं। दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे और मुखर वक्ता होने के कारण अन्य पार्टियों में इनकी गहरी पैठ है। साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि यह सपा में एक बड़ा ब्राह्राण चेहरा है। बताया जा रहा है कि वैसे तो बैठक के बाद अंतिम फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया गया था। चूंकि ज्यादातर विधायक शिवपाल को चाहते थे लेकिन परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए अखिलेश यादव को यह बड़ा फैसला लेना पड़ा।

मुलायम के बेहद करीबी रहे कमाल अख्तर

कमाल अख्तर की बात की जाए जिन्हें मुख्य सचेतक बनाया गया है। वह भी मुलायम यादव के बेहद करीबी रहे है। 2004 में कमाल अख्तर को सीधे राज्यसभा भेज दिये गए थे। अगर कहा जाए तो इनकी राजनीतिक शुरूआत राज्यसभा सदस्य बनने के बाद हुई। साल 2012 में सपा ने कमाल अख्तर को अमरोहा की हसनपुर सीट से मैदान में उतारा था। कमाल अख्तर ने जीत दर्ज की और उन्हें पंचायती राज मंत्री बना दिया गया। इसके बाद साल 2014 का लोकसभा चुनाव आया तो कमाल अख्तर की पत्नी हुमैरा अख्तर को अमरोहा सीट से चुनाव लड़ा दिया गया लेकिन हुमेरा जीत नहीं पायी और दूसरे स्थान पर रही। साल 2015 में कमाल अख्तर को अखिलेश यादव ने खाद्य एवं रसद विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया।
नेता प्रतिपक्ष को लेकर सपा विधायकों की बैठक, अखिलेश पर छोड़ा फैसला
लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के सभी विधायकों की रविवार को प्रदेश कार्यालय पर बैठक हुई। बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर चर्चा हुई लेकिन नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। हालंकि इस दौरान सभी विधायकों ने अखिलेश यादव के ऊपर ही नाम तय करने का फैसला छोड़ दिया है।

सत्र के आरम्भ होने से पहले नेता प्रतिपक्ष का नाम तय

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करेंगे। विधानसभा के सत्र के आरम्भ होने से पहले नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाना सम्भव है। सपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि रविवार को नाम तय हो जायेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से शीघ्र ही नाम की जानकारी दी जायेगी। अखिलेश और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभी पार्टी मुख्यालय में ही हैं। शिवपाल यादव मुख्यालय से बाहर निकल गए है। शिवपाल यादव को सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

विधानसभा में मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरु

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरु हो रहा है। सपा के तरफ से नेता प्रतिपक्ष के नाम पर दूसरे दलों की भी नजर है। इसका मुख्य कारण है कि नेता प्रतिपक्ष को सपा का बड़ा नेता माना जायेगा, जो अखिलेश यादव की जगह विधानसभा में लेगा। राजनीतिक जानकारों की माने तो अखिलेश यादव किसी ऐसे नेता को प्रतिपक्ष बनाना चाहते हैं जो विधानसभा में योगी एंड टीम का कड़ा मुकाबला कर सके। दूसरा पक्ष यह है कि वह जातीय गणित का भी ध्यान रखना चाहते हैं। ऐसे में अभी तक किसी एक नाम पर अंतिम राय नहीं बन पाई है।

कई बागी विधायक नहीं पहुंचे बैठक में

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी विधायकों की बैठक रविवार को बुलाया लेकिन इस बैठक में सात बागी विधायक अभय सिंह, मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आसुतोष माैर्य नहीं पहुंचे। वहीं कौशांबी से विधायक पल्लवी पटेल भी बैठक में नहीं पहुंची। बताया जा रहा है कि अखिलेश ने इस बैठक में उनका नहीं बुलाया था। हालांकि दो दिन पहले पल्लवी सीएम योगी से मिली थी। जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
यूपी में भाजपा में मचे घमासान पर शीर्ष नेतृत्व ने जताई कड़ी नाराजगी, कहा मतभेद व मनभेद को दूर करके अपने काम कर दें ध्यान
लखनऊ । यूपी भाजपा में मचे घमासान को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कड़ी नाराजगी जताई है। हाईकमान ने पार्टी के सभी मंत्रियों और विधायकों को सार्वजनिक बयानबाजी और शक्तिप्रदर्शन जैसी स्थिति पैदा करने से बाज आने का फरमान भी सुनाया है। पार्टी हाईकमान की ओर से सभी नेताओं से यह भी कहा गया है कि मनभेद और मतभेद का सार्वजनिक प्रदर्शन करने की आदत पर लगाम लगाएं। सभी मंत्री अपने-अपने काम काज पर ध्यान दें, किसी दूसरे के कामकाज में दखलअंदाजी न करें।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में बुलाई गई दो दिवसीय मुख्यमंत्री की बैठक शुरू होने से पहले उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। दोनों नेताओं की अमित शाह से मुलाकात हुई। सूत्रों की माने तो पहले अमित शाह ने दोनों डिप्टी से सीएम से बात की। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की मौजूद में यूपी के हालात पर चर्चा हुई है। दोनों डिप्टी सीएम ने अपने-अपने पक्ष रखे। इस पर उन्हें आपस से मिल जुलकर काम करने के साथ ही 10 विधानसभा के लिए होने वाले उप चुनाव में जुटने को कहा गया है।
बरेली से आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल नियुक्त

लखनऊ । बरेली से आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार का नया ठिकाना अब झारखंड का राजभवन होगा। राष्ट्रपति ने राज्यपाल नियुक्त कर उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। शहर से राज्यपाल नियुक्त होने वाले वह पहले राजनेता होंगे। वह वर्ष 1989 से वर्ष 2004 तक लगातार सांसद रहे। सिर्फ वर्ष 2009 में कांग्रेस ने उनका विजय रथ रोका था। उसके बाद वर्ष 2014 व 2019 में वह फिर लगातार सांसद चुने गए। वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी व मोदी सरकार में मंत्री भी रहे।

इस बार लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। उनकी आयु 75 वर्ष होने के नाते टिकट कटने की बात कही गई। पार्टी ने उनकी जगह छत्रपाल गंगवार को यहां से चुनाव लड़ाया। साथ ही उसी समय से संतोष गंगवार को भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कयास भी लगाए जा रहे थे।पीलीभीत की पहली जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मिलने के अंदाज से जता दिया था कि संतोष गंगवार का टिकट भले ही काटा गया है, लेकिन उनका प्रभाव कम नहीं हुआ। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी अलग-अलग कार्यक्रमों में उन्हें पूरा सम्मान दिया।

राष्ट्रपति भवन से विज्ञप्ति जारी होने के बाद जब रात करीब 12 बजे संतोष गंगवार को राज्यपाल बनाए जाने की खबर सार्वजनिक हुई तब वह अपने घर में रात्रि विश्राम करने चले गए थे। लोगों ने उनके घर पर व शुभ चिंतकों को फोन किया तो बताया गया कि वह सो गए हैं, लेकिन बधाइयों का सिलसिला तेज हुआ तो रात डेढ़ बजे के बाद वह जाग गए। लोगों की बधाई स्वीकार की और आभार जताया। यही नहीं घर में पहुंचे समर्थकों ने मिठाई भी खाई। इसके बाद देर रात तक उन्हें बधाई देने का सिलसिला चलता रहा।
सांसदों, विधायकों और एमएलसी से मिले योगी, तैयार होगी क्षेत्रीय विकास की कार्ययोजना


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों के जनप्रतिनिधियों संग लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों को लेकर विस्तार से समीक्षा बैठक पूरी कर ली है। तकरीबन 20 दिन तक चली मंडलवार बैठकों में सांसद, विधायक और एमएलसी सीएम के समक्ष अपने क्षेत्र की समस्याओं और जन अपेक्षाओं को लेकर उपस्थित हुए। वहीं मुख्यमंत्री ने भी सभी जनप्रतिनिधियों को धैयपूर्वक सुनते हुए तथा उनकी अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय विकास की नई रणनीति तैयार की जाए। 7 जुलाई को देवीपाटन और अयोध्या मंडल से शुरू हुई मंडलवार समीक्षा बैठक शुक्रवार को लखनऊ मंडल के साथ समाप्त हो गई है।

मंडलवार बैठक में पहुंचने वाले जनप्रतिनिधिगणों ने खुलकर अपनी बात कही है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी विस्तार से भी की बातों को सुनने के बाद आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर जीत का मंत्र भी दिया। सीएम योगी ने संवाद, सक्रियता और सोशल मीडिया पर सर्वाधिक फोकस करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि सभी जनप्रतिनिधिगण अपने अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को जनता तक जरूर पहुंचाएं। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क लगातार बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि विपक्ष की ओर से सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जा रहे अफवाहों और सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने के प्रयास का मुखर होकर विरोध करें। सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए विपक्ष के हर झूठ को बेनकाब करें और जनता के बीच सच लेकर जाएं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में युवाओं और महिला संगठनों से संपर्क और संवाद स्थापित करें। युवाओं को बताएं कि बिना किसी रिश्वत और जाति, मत, मजहब के भेद के निष्पक्ष तरीके से सरकारी नौकरियां प्रदान की जा रही है। ऐसे युवाओं से संपर्क स्थापित करें जिन्हें बिना भेदभाव और रिश्वत के नौकरियां मिली हैं। इसके साथ ही अपने अपने क्षेत्र के खिलाड़ियों से भी लगातार संपर्क बनाए रखें।

मुख्यमंत्री ने इसके अलावा सभी जनप्रतिनिधियों को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से जुटने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है इस लोकसभा चुनाव में आपके क्षेत्र में हुए मतदान का बारीकी से एनालिसिस करें और इसी के आधार पर अपनी कार्ययोजना तैयार करें। सीएम योगी ने सभी जनप्रतिनिधियों को यह भी कहा कि शासन के लोककल्याणकारी कार्यों को धरातल पर उतारने में कोई भी अधिकारी हीलाहवाली करे तो उसकी लिखित शिकायत करें, कार्रवाई निश्चित की जाएगी।
बलिया में पुलिस की वसूली उप्र में जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकार की नाकामी : अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित संविधान-मान स्तंभ की स्थापना के कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकतार्ओं का धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा।

अखिलेश यादव ने कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उप्र की सरकार पर जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर तीखा हमला बोला। बलिया में पुलिस वाली वसूली मामले को लेकर कहा कि, जब हम विपक्ष में रहकर सवाल उठाते थे तो प्रदेश सरकार हमको कहती थी कि करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। इनके द्वारा आंकड़े लाए जाते थे, तमाम दावा किया जाता था,लेकिन जिस तरह हम सुन रहे हैं कि उनके अपने नेता, विधायक ही कह रहे हैं कि उन्होंने अपने जीवन काल में ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा। एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया था कि भ्रष्टाचार हो रहा है।

बलिया के मामले को सपा विधायक संग्राम सिंह ने इसे विधानसभा में मामला उठाया था, जबकि ऐसा कई जगह हो रहा है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि आज 'पुलिस ही डाकू' की हेडलाइन अखबार अगर लिख रहे हैं तो समझ जाइये, क्योंकि वे खुलकर लिखने को मजबूर हुए, ये स्थिति है।

अखिलेश यादव ने कहा कि 'प्रधान सांसद' के क्षेत्र में पुलिस वसूली करते पकड़ी गई। हमने तो यह भी देखा कि पुलिस खुद रेट तय कर रही है कि टांग पर गोली मारने पर कितना रुपया मिलेगा, जबकि नोएडा में जब पहला फर्जी एनकाउंटर एक जिम ट्रेनर का हुआ था, तो हमने उसे उठाया था। झांसी में इन्होंने फर्जी एनकाउंटर किया। कोर्ट से उसकी एफआईआर लिखी गई। उस परिवार को सरकार न्याय नहीं दिला पाई। उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली। सरकार में बैठे लोग जिनके पास सम्पर्क और पैसा है, वो लोग लखनऊ सरोजिनी नगर के मामले में खुलासा नहीं होने दे रहे हैं। इसी सरकार में एक आईपीएस कितने दिन फरार रहा, आप सब जानते हैं। ऐसे मामलों से फाइलें भरी पड़ी हैं।

?अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार ड्रोन से मरीज देख रही है। अस्पताल में ड्रोन की जरूरत है क्या मरीजों की भीड़ देखने के लिए। ये लोग 13 मेडिकल कॉलेज बना रहे थे, उनको मान्यता नहीं मिली। ऐसा इसलिए है कि कुछ लोग मोहरा बन गए हैं दिल्ली के वाईफाई के पासवर्ड बन गए हैं। सुन रहे है मौर्या दिल्ली के वाईफाई के पासवर्ड बन गए हैं।

अखिलेश ने राजनीति के मंझे खिलाड़ी की तरह पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एक राज्यपाल थे यहां जो सरकार को चिट्ठी लिखते थे। अखबार की कटिंग लगाकर जातिवादी होने का आरोप लगाते थे। आज बताइये मुख्य सचिव कौन हैं और अधिकारी कौन हैं। आप बस खेल देखिये दिल्ली के वाईफाई पासवर्ड का।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार में 10 साल रह कर इन्होंने हर व्यवस्था को खराब किया। कहीं इलाज नहीं मिल रहा गरीब को, एक जिला अस्पताल नहीं बनाया। कितना भ्रष्टाचार होगा, यह तो पता ही नहीं और यह तो कुछ खुल रहे हैं क्योंकि कुछ लोग मोहरा बन गए हैं।

उन्होंने कहा कि बताओ मुख्यमंत्री कौन हैं, मुख्य सचिव कौन है, प्रमुख सचिव कौन है और विभाग में कौन-कौन कहां बैठा है? आप भी सवाल उठाते थे जातिवाद का, विचार करिए गंभीर सवाल है। यूपी की जनता को इन्होंने धोखा दिया है।
यूपी में अग्निवीरों को पुलिस व पीएसी भर्ती में मिलेगा आरक्षण : योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि अग्निवीर जब अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे तो उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस और पीएसी भर्ती में इन नौजवानों को प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करेगी। उनके लिए एक निश्चित आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि किसी भी देश और समाज के लिए प्रगति एवं समृद्धि के नित नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए समय-समय पर होने वाला रिफार्म अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। लगातार हर फील्ड में पिछले 10 वर्षों में बेहतरीन रिफार्म करके देश की अर्थव्यवस्था को एक सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाने और दुनिया में पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में काफी कदम उठाए गए। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को भी उतना ही महत्व देना होगा।

योगी ने कहा कि अग्निपथ योजना इसी दृष्टि से आगे बढ़ाई गई है। युवाओं के मन में उत्साह है। विपक्ष पर हमला बोलते हुए योगी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के लिए उनकी राजनीति देश से बड़ी हो गयी है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाह रहे हैं। उनका काम ही है कि रिफार्म वाले, समृद्धि वाले हर कार्य में टांग अड़ाना है। अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, गुमराह करना, बयानबाजी करना उनकी नीयत बन गयी है। अग्निवीर को लेकर भी विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया है।

आज अग्निवीर में जहां ट्रेंड युवा भर्ती हो रहे हैं, वहीं अग्निवीर की सेवा पूरा करने के बाद उन्हें सेना में भी अच्छा अवसर प्राप्त होने वाला है। पैरा मिलिट्री, सिविल पुलिस और विभिन्न सेक्टर में भी उनके समायोजन की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अग्निवीर जब अपनी सेवा पूरा करके वापस आएंगे तो हम उप्र पुलिस सेवा, पीएसी में इन जवानों को प्राथमिकता देंगे। उनके लिए हम निश्चित आरक्षण की व्यवस्था करेंगे।
एक बार फिर अपने चिर परिचित अंदाज में नजर आए राहुल गांधी, अचानक पहुंचे मोची की दुकान पर और सीखा जूता बनाने का तरीका

लखनऊ । सुल्तानपुर पहुंचे राहुल गांधी एक बार फिर अपने चिर परिचित अंदाज में नजर आए। सुल्तानपुर से लौटते समय वे कई दुकानों पर रुके और हालचाल लिया। वहीं मोची की दुकान पर राहुल ने रुकने के साथ साथ जूते और चप्पलों में टांके भी लगाए और बेहद आत्मीयता से बात भी की।

दरअसल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी आज सुल्तानपुर में मानहानि के मामले अपना बयान दर्ज करवाने पहुंचे हुए थे।  कोर्ट की कार्यवाही पूरी करने के बाद राहुल पुनः पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जरिए लखनऊ के लिए रवाना हुए जहां से उन्हें दिल्ली जाना था, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से पहले अयोध्या प्रयागराज हाइवे पर कूरेभार थानाक्षेत्र के विधायक नगर चौराहे के पास अचानक से उनका काफिला रुका और वे गाड़ी से उतरकर रामचेत नाम के एक मोची की गुमटी की ओर चल पड़े। गुमटी पर रामचेत के बगल बैठे और हालचाल लिया। रोजगार और घर की बात की, किन चीजों को गरीबों को सबसे ज्यादा आवश्यकता हैं उसपर भी चर्चा की।

साथ ही जूते और चप्पलों की मरम्मत कैसे की जाती है ये भी रामचेत से सीखा। अपने बीच राहुल गांधी को देखकर राम चेत भाव विभोर हो गया। उसे तो पहले विश्वास ही नहीं हो रहा था कि राहुल गांधी उसकी छोटी से गुमटी पर बैठे हुए हैं और चप्पलों को सिल रहे हैं। इसके बाद राम चेत ने राहुल गांधी के लिए कोल्ड ड्रिंक मंगाई और दोनों लोगों ने कोल्ड ड्रिंक भी पी।वहीं मोची की दुकान पर राहुल गांधी को बैठा देख लोग स्तब्ध रह गए। देखते ही देखते राहुल की एक झलक पाने के लिए  सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए और राहुल की इस दरियादिली पर खुशी जाहिर की।

पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध शुरू किया लेकिन समाप्त भारत ने किया : योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सेंट्रल कमांड, कैंट, लखनऊ में कारगिल विजय दिवस 'रजत जयंती समारोह' के अवसर पर शहीदों को नमन किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 1999 में भारत के ऊपर युद्ध थोपा गया। भारत किसी से युद्ध नहीं चाहता है लेकिन जब हमारे बहादुर जवानों ने विपरीत परिस्थिति में भी दुश्मन को जवाब देना शुरू किया तो युद्ध खत्म हमारे जवानों ने किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस दिन को विजय दिवस के रूप में घोषित किया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत दुनिया में ऐसे जाना जाता है कि कभी भी भारत में किसी पर जबरन एकाधिकार करने का प्रयास नहीं किया। बल, बुद्धि और विद्या में जब भारत सिरमौर था, तब भी कोई ऐसा एक भी उदाहरण नहीं मिलेगा लेकिन जब कभी किसी आक्रांत ने हमारी शांति और सद्भावना का दुरुपयोग करने का प्रयास किया तो सदैव भारत माता के महान सपूतों ने देश की रक्षा करने के लिए अपना सर्वत्र न्याेछावर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सीएम योगी ने कहा कि शास्त्र वाले देश में ही शास्त्र की रक्षा हो सकती है।

भ्रष्टाचार पर प्रहार:  बलिया के एसपी-एएसपी हटे, सीओ निलंबित, एसओ समेत 23 पर रिपोर्ट


लखनऊ। भ्रष्टाचार मामलों को लेकर योगी सरकारी काफी गंभीर हो चली है। इसीलिए जहां पर भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर रहे है उनके ऊपर अब गाज गिरनी शुरू हो गई हैद्ध इसी के तहत चर्चित नरही थाना अवैध वसूली कांड की गाज बलिया जिले के एसपी से लेकर चौकी प्रभारी तक पर गिरी है। इस मामले में सख्त शासन ने जहां एसपी व एएसपी को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया है। वहीं, सम्बंधित सीओ को निलंबित कर दिया गया है। जबकि निलंबित एसओ, चौकी प्रभारी व पांच अन्य पुलिसकर्मियों समेत 23 पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

थाना नरही के भरौली में यूपी-बिहार बार्डर पर चल रही अवैध वसूली पर एक्शन

जिले का चर्चित थाना नरही के भरौली में यूपी-बिहार बार्डर पर चल रही अवैध वसूली पर एक्शन लेते हुए एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ रेंज वैभव कृष्ण ने गुरुवार से दोपहर तक संयुक्त छापेमारी की थी। जिसमें यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित भरौली चेक पोस्ट पर ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते हुए दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस कर्मियों के साथ अवैध रूप से वसूली में लिप्त 16 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में नरही थाना प्रभारी और पूरी कोरण्टाडीह पुलिस चौकी निलम्बित कर दी गई थी।

निलंबित सीओ व एसओ समेत उन सभी की संपत्ति की जांच विजिलेंस करेगा

अब इस मामले में नरही थाने के निलंबित इंस्पेक्टर पन्नेलाल, कोरण्टाडीह पुलिस चौकी के निलंबित प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर व पांच आरक्षियों समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि एसपी से लेकर चौकी तक के जिम्मेदार नप गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसपी देवरंजन वर्मा और एएसपी डीपी तिवारी को हटा कर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। वहीं, सीओ सदर को निलम्बित कर दिया गया है। शासन ने निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच एसपी आजमगढ़ द्वारा की जा रही है। वहीं, निलंबित सीओ व एसओ समेत उन सभी की संपत्ति की जांच विजिलेंस करेगा, जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस कार्रवाई से प्रदेश भर के पुलिस महकमे में हड़कंप है।