विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र, रायपुर में हुए विधानसभा के घेराव आंदोलन जैसे मामलों को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रायपुर के राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत शामिल थे। महंत और बघेल ने प्रदेश में फर्जी नक्सल एनकाउंटर मामले को लेकर एक बड़ा बयान दिया।

चरणदास महंत ने कहा कि- प्रदेश में आम लोगों की हत्या के बाद उनके शवों के पास पुलिस भरमार बंदूक रख रही है। उन्हें नक्सली बता रही है। यह बात महंत ने 24 जुलाई को विधानसभा में भी उठाई थी। विधानसभा में हुई चर्चा को लेकर महंत ने प्रेस कॉन्फेंस में बताते हुए कहा- सदन में मैंने असलियत को रखने की कोशिश की। बस्तर के थानों में पहले से जमा भरमार बंदूक हैं। उन भरमार बंदूकों को ले जाते हैं और जहां आम आदमी की हत्या हो जाती है या इनके गोली से जो आम आदमी मर जाता है, उस शव के सामने पुरानी भरमार बंदूक को रख देते हैं। फिर उसको नक्सली घोषित कर देते हैं या करने की कोशिश करते हैं।

महंत ने आगे कहा- आप सोचिए कब से भरमार बंदूक का चलन हमारे देश में बंद हो चुका है। नक्सली जो बड़े-बड़े आधुनिक मशीन गन रखते हैं, जिनके पास लांचर है वह क्या भरमार बंदूक का उपयोग करते होंगे। मैंने सरकार से सदन में पूछा कि क्या कभी आपने भरमार बंदूकों की जांच कराई है ? उसकी संख्या कितनी है ? सिर्फ हमारे आम नागरिकों को नक्सली बताने में भरमार बंदूक का उपयोग हो रहा है। सदन में हमनें सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाई है।

भरमार बंदूक वाली बात पर आगे भूपेश बघेल ने कहा- हमारी सरकार की बैठक थी। तब यूनिफाइड कमांड की बैठक हुई थी। मैंने कहा था की भरमार बंदूक कि जब्ती दिखाएंगे तो मैं मालखाने में जाकर भरमार बंदूक की गिनती करूंगा। उसके बाद से 5 साल तक आप देखेंगे की भरमार बंदूक जब्ती में बड़ी गिरावट आई थी, और अब फिर से जब से भाजपा की सरकार आई है तब से भरमार बंदूक को दिखाया जा रहा है।

बघेल ने आगे कहा- इसका कारण यह है कि दबाव है कि आपको गिरफ्तारियां करनी हैं। आपको एनकाउंटर करके बताना है तो दबाव पूर्वक यदि पुलिस से कार्रवाई करवाएंगे तो गलती ही करेंगे। उनको तो उपलब्धि बताना है, इसलिए किसी को भी गिरफ्तार कर रहे हैं किसी का भी एनकाउंटर कर रहे हैं ।

गृह मंत्री ने क्या कहा था, इस मामले में

24 जुलाई को विधानसभा की कार्रवाई के दौरान जब चरणदास महंत ने भरमार बंदूक को शवों के पास रखने की बात की तो जवाब गृह मंत्री विजय शर्मा ने दिया था। शर्मा ने कहा था- इस तरीके से विषय का प्रस्तुतीकरण करना कि कोई खत्म (निधन) हो गया, और उसके पास में जाकर बंदूक रखकर फोटो खींच दिए, यह विषय स्वीकार्य नहीं है। ऐसा कहना भी बिल्कुल उचित नहीं है।

गृहमंत्री ने सदन में जानकारी देते हुए कहा था- वैसे एक और जानकारी आई है वह मैं आपके सामने रख देता हूं अभी तक भरमार बंदूक का मामला नहीं है, प्रदेश में नक्सली मुठभेड़ में 1 दिसंबर से लेकर 30 जून 2024 के बीच पांच एक-47 बरामद हुई है। 1 एसएलआर एलएमजी, 1 इंसास एलएमजी, 2 राइफल, 9 छोटे बड़े बीजीएल लॉन्चर नक्सलियों से मिले हैं। विधानसभा में कांग्रेसी नेताओं को लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आप जवानों की शहादत और सुरक्षा बलो को लेकर इस तरह की बात नहीं कर सकते। आपको माफी मांगनी होगी, जवानों की शहादत पर यह बात करना गलत है। किसी निर्दोष को जवानों ने नहीं मारा है और आप नक्सलियों का साथ देना बंद करें।

लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण अधिनियम पर आयोजित हुई कार्यशाला

रायपुर-   छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, नवा रायपुर अटल नगर में शुक्रवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम, 2024 (द पब्लिक एक्जामिनेशन, प्रीवेंशन ऑफ अनफेयर मींस, एक्ट 2024) पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में केन्द्र सरकार द्वारा पारित नये कानून के प्रावधानों के संदर्भ में आयोग के पैनल अधिवक्ता डॉ. सुदीप अग्रवाल, अधिवक्ता उच्च न्यायालय द्वारा उक्त कानून के संबंध में व्याख्यान दिया गया। विदित हो कि उक्त कानून 21 जून 2024 से भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है, जिसके तारतम्य में उत्तरप्रदेश तथा बिहार सरकार द्वारा भी इस कानून को राज्य की परीक्षाओं में लागू करने का अध्यादेश पारित किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य में इस कानून को लागू करने के लिए लोक सेवा आयोग द्वारा शासन को पत्र प्रेषित किया गया है। कार्यशाला में आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण वर्मा, सदस्य डॉ. सरिता उईके, सदस्य संतकुमार नेताम एवं आयोग के सचिव पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, विधिक सलाहकार सुधीर कुमार, परीक्षा नियंत्रक लीना कोसम एवं विधि अधिकारी अपूर्व श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ में स्किल्ड-बेस्ड एजुकेशन, प्राकृतिक औषधालय और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मिलेगा बढ़ावा: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

नई दिल्ली-    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में राज्य की विकास योजना प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य की प्राथमिकताओं और विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें शिक्षा, मानव संसाधन विकास , स्वास्थ्य, और तकनीकी उन्नति पर जोर दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं को साझा किया, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में राज्य की भूमिका को स्पष्ट करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि , छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत में प्रमुख भूमिका निभाएगा। वर्तमान में राज्य का GSDP 5.05 लाख करोड़ रुपये है, जिसे अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और लक्ष्यों पर काम शुरू किया गया है।

बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का मुख्य फोकस स्किल्ड मानव संसाधन तैयार करने पर है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यावसायिक कौशल और ट्रेनिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को ऐसी क्षमताएँ देना है जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करें। राज्य में प्रत्येक छात्र के लिए 'वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्ड' ( APAAR आईडी ) बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें छात्र के शैक्षणिक अनुभव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होंगी।

उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता, सतत विकास, और राज्य की संस्कृति व परंपरा के संरक्षण की योजना साझा की। आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ सड़कों, इमारतों जैसी भौतिक संरचनाओं और इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क जैसी डिजिटल सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए केंद्र से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि छतों पर सौर ऊर्जा लगाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और 100 गांवों को पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाने की योजना बनाई है। सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है, और नया रायपुर के अधिकांश सरकारी भवनों में ये संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं, जिनसे विद्युत आपूर्ति ग्रिड में की जाती है।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक 96 प्रतिशत घरों में पेयजल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक केवल विकसित ही नहीं, बल्कि जल-सुरक्षित भारत 2047 भी होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तकनीकी और आर्थिक सहयोग की उम्मीद जताई। इसके अलावा, रायपुर में नेशनल ग्राउंड वाटर ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट को और मजबूत करने के साथ-साथ वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि, इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ में बारिश के पानी को सही से संचित और इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे जल संकट कम होगा और किसानों को ज्यादा मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती की गई है। अब छत्तीसगढ़ के सबसे दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं। इन मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को सुविधा मिल रही है।

मुख्यमंत्री साय ने भूमि और संपत्ति के मुद्दों पर कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं। इस तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा। उन्होंने बताया कि इस सुधार से भूमि विवादों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा, जिससे राज्य में निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के प्रति समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार की सहायता से छत्तीसगढ़ राज्य अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा और विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस मौके पर समस्त केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर्स, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, गवर्निंग काउन्सिल के सदस्य व छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन उपस्थित रहे।

रायपुर महापौर ए़जाज ढेबर ने पुलिस पर लगाया आरोप, कहा- 

रायपुर- महापौर एजाज़ ढेबर ने पुलिस पर अपने आकाओं को खुश करने के लिए उन पर एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से एसपी को मुद्दे पर ज्ञापन देने की बात कही.

रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने कांग्रेस के विधानसभा घेराव के दौरान धक्का-मुक्की किए जाने पर पुलिस पर एफआईआर दर्ज किए जाने पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए अपनी बात रखी. ढेबर ने आरोप लगाया कि घेराव में शामिल 24 हजार लोगों में से मेरा वीडियो बीजेपी के आईटी सेल वालों ने जारी किया.

ढेबर ने आरोप लगाया कि उन्हें डराने के लिए राजनैतिक द्वेष से एफआईआर दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस वालों ने भी मुझसे धक्का-मुक्की की थी. मेरे पसलियों में चोट आई. उन्होंने कहा कि सड़क पर लड़ी लड़ाई जाएगी. कांग्रेस पार्टी एसपी को ज्ञापन दे सकती है.

झरिया के पानी पीने से मिली मुक्ति, घर तक पहुंचा नल जल का पानी, वनांचल गांव तुपेंगा के ग्रामीण जल जीवन मिशन से हो रहे लाभान्वित

रायपुर-  छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी योजना जल जीवन मिशन के तहत गरियाबंद जिला के वनांचल गांव तुपेंगा के ग्रामीणों को अब पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। उन्हें पेयजल के लिए झरिया पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। ग्राम पंचायत मोंहदा के आश्रित ग्राम तुपेंगा में घर-घर तक नल जल का कनेक्शन पहुंच गया है। अब महिलाओं को लंबी दूरी तय कर पानी लेने नहीं जाना पड़ रहा है। इससे ग्रामीणों को सदियों के बाद पानी लाने की झंझट से मुक्ति मिली है। घर में पानी मिल जाने से लोगों को काफी आराम एवं राहत मिली है। इसके लिए ग्रामीणों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही जल जीवन मिशन को कारगर बताते हुए शासन प्रशासन का आभार जताया है।

उल्लेखनीय है कि खेतों एवं जंगलों के बीच बसे इस गांव में कुल घर 12 हैं। जल जीवन मिशन के पहले ग्रामीणों को किसी भी प्रकार के जल की पूर्ति के लिए एक मात्र शासकीय हैण्डपम्प एवं झरिया पर निर्भर रहना पड़ता था। ग्राम में मुख्यतः आदिवासी वर्ग निवास करते है। जिनका मुख्य आय स्त्रोत वनोपज संग्रहण एवं कृषि हैं। पहले दूर से पानी लाने के लिए अन्य कार्यों को छोड़कर पैदल दूर जाना पड़ता था। गर्मी, सर्दी, बरसात में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इससे घर के सदस्यों पर विपरीत स्वास्थ्य प्रभाव भी पड़ता था। गांव की रहने वाली जयमति की बताती है कि दूर दूर से पानी लाकर थक जाते थे। जल जीवन मिशन के द्वारा प्रत्येक घरों में नल लगने से सभी के स्वास्थ्य में सुधार एवं शारीरिक कार्य क्षमता में वृध्दि हुई है। साथ ही छोटे बच्चों के साथ खेलने एवं समय बिताने का मौका मिल रहा है। गांव की रहने वाली श्रीमोतिन, रोमिन एवं जयमति जल जीवन मिशन के तहत घर में ही मिल जा रहे पेयजल के बचत पानी के सदुपयोग के लिए अपनी बाड़ियों में साग भाजी भी लगाने का फैसला किया है। साथ ही अच्छे उदाहरण के रूप में अपने आपको पेश कर अन्य ग्रामीणों को भी पानी के सदुपयोग एवं संरक्षण करने को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया है।

कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से 3 युवकों की मौत, मचा हड़कंप

बेमेतरा-  छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है. नवागढ़ तहसील के कुआं गांव में कुएं के अंदर जहरीली गैस के रिसाव से 3 युवकों की मौत हो गई है. घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना पर पुलिस और नवागढ़ तहसीलदार विनोद बंजारे मौके पर पहुंच गए हैं. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई करने में जुटी हुई है. बताया जा रहा है कि तीनों युवक पंप निकालने कुएं में उतरे थे, तभी यह हादसा हुआ.

जानकारी के अनुसार कुआं गांव में दो युवक पंप निकालने के लिए कुएं में उतरे थे. इस दौरान दोनों कुएं के अंदर ही बेहोश हो गए. उन्हें बेहोश देख तीसरा युवक भी उन्हें बचाने के लिए कुएं में उतरा और वह भी बेहोश हो गया. जिससे तीनों की कुएं में ही मौत हो गई. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा शिविर का शुभारंभ किया

रायपुर-  यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा की डबल इंजन सरकार छत्तीसगढ़ की जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए वचनबद्ध और उसके निवारण के लिए लगातार कार्यरत है। यह कहना है रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने शनिवार को राजधानी के टिकरापारा स्थित हरदेवलाला मंदिर में नगर निगम द्वारा आयोजित जनसमस्या निवारण पखवाड़ा शिविर का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां नगर निगम, बिजली विभाग, परिवार कल्याण, श्रम विभाग आदि से संबंधित जनता की समस्याओं का समाधान एक ही स्थान पर त्वरित गति से हो सकेगा। यह शिविर जनता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिविर में आधार कार्ड, राशन कार्ड, श्रमिक कार्ड, स्वास्थ्य बीमा कार्ड की त्रुटि संशोधन करवाया जा सकता है। तथा नए कार्ड के लिए आवेदन भी किया जा सकता है। इससे जनता को विभागों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।

इस अवसर पर बृजमोहन अग्रवाल ने जनता से पीएम सूर्योदय योजना के तहत घर में सोलर पैनल लगवाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत आप अपने बिजली बिल को शून्य कर सकते हैं तथा ज्यादा बिजली उत्पादन होने पर उसे सरकार को बेच भी सकते हैं जिससे यह आपकी आमदनी का जरिया रहेगा जो लोग पीएम सूर्योदय योजना के तहत सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं वह इस शिविर में आकर जानकारी ले सकते हैं उसका लाभ उठा सकते हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिविर में चॉइस सेंटर का भी स्टॉल लगाएं तथा यह भी सुनिश्चित करें कि, जिन समस्याओं का निवारण इस शिविर में नहीं हो सकता है जनता से उसका प्रार्थना पत्र लेकर अधिकारियों से चर्चा के बाद उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।

शिविर में नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा, पार्षद चंद्र पाल धनगर, पार्षद सरिता वर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष सालिक सिंह ठाकुर समेत विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

सरकार ने खत्म कीं बाधाएं, EOW और ACB अब जुआ एक्ट की सभी धाराओं में कर सकेंगी जांच
रायपुर- छत्‍तीसगढ़ में EOW और ACB की जांच का दायरा अब राज्य सरकार ने बढ़ा दी है। दोनों एजेसियां अब जुआ एक्‍ट की सभी धाराओं में जांच और कार्यवाही कर सकेगी। राज्‍य सरकार ने एजेंसियो को यह अधिकार देने के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। इसको लेकर बाकायदा राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। विभागीय अफसरों की मानें तो EOW और ACB अब जुआ एक्‍ट 2022 के तहत राज्य में जांच और कार्यवाही कर सकेगी। राज्‍य सरकार ने दोनों एजेंसियो के अधिकार क्षेत्र में यह बढ़ोतरी महादेव सट्टा एप केस की जांच के लिए की है।

महादेव सट्टा एप में जांच में हो रही थी दिक्कत

उल्लेखनीय है कि, पूववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उजगार हुए इस मामले की जांच EOW और ACB को सौंपी गई है। बताया जाता है कि, ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी के पास अर्थिक अनियमितता और भ्रष्‍टाचार की ही जांच का अधिकार हैं। ऐसे में महादेव सट्टा की जांच में दिक्‍कत हो रही थी। इसे देखते हुए यह बदलाव किया गया है।

EOW और ACB नहीं है राज्‍य पुलिस का हिस्‍सा

आपको बता दें कि, EOW और ACB राज्‍य पुलिस का हिस्‍सा नहीं है। बल्कि यह सामान्‍य प्रशासन विभाग (GAD) के अधीन काम करता है। इस वजह से यह एजेंसी पुलिस को प्राप्‍त सभी अधिकारियों का प्रयोग नहीं कर पाती है।

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने केंद्रीय बजट की बताईं विशेषताएं, कहा- विकसित भारत के संकल्प को दिखा रहा मोदी 3.0 का पहला बजट…

रायपुर- मोदी सरकार का 3.0 का पहला बजट विकसित भारत के संकल्प को दिखा रहा है. मोदी जी की सोच इस बजट मे दिखती है. देश के आज़ादी के वक्त रोटी, कपड़ा और मकान का नारा था. जो अब पूरा हो चुका है. देश को विकसित बनाने के लिए मोदी काम कर रहे हैं. यह बात केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने केंद्रीय बजट को लेकर पत्रकारों से चर्चा में कही. 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, केदार कश्यप, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि हमारी सरकार इस बजट में नौ प्राथमिकता तय की है. देश में किसानी खेती में सुविधा देने की व्यवस्था की गई है. किसान सम्मान निधि से छह हज़ार रुपए देने का कार्य हो रहा है. मोदी सरकार ने एक लाख बावन हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है. हमारी सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए बढ़ावा देने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि इस देश में रोजगार बहुत आवश्यक है. 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपए का ऐम्प्लॉयमेंट लिंक से जोड़ा जाएगा. EPFO के माध्यम से युवाओं के खातो में 12 हजार रुपए दिया जाएगा. हमारी सरकार स्किल डेवलपमेंट के लिए हर राज्य सरकार द्वारा योजनाएँ बनाई जाएगी. हब और स्पॉक के मॉडल से ITI बनाई जाएगी. स्किल पॉवर को डेवलप कर हमारे युवाओं को दिया जाएगा. एक करोड़ युवाओं की स्किलिंग कर इंटर्नशिप कराना है. हमारी सरकार अगले पांच साल में चार करोड़ युवाओं को नौकरी दिलाने में सहयोग करेंगे.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सिटी प्लानिंग पर हमारी सरकार काम कर रही है. इस प्लानिंग पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की तैयारी है. सरकार का बजट किसी भी सरकार की विजन की जानकारी देती है. शहरी क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 1 करोड़ शहरी आवास बनाया जाएगा. मेरे चुनाव के वक्त शहरी आवास की लाभार्थी महिला मेरी नॉमिनी बनी थी.

मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमारी सरकार बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेक्टर पर 11 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने जा रही है. इस देश में विकास की गति तीन गुना बढ़ चुकी है. आज 30 से 32 किलोमीटर हर दिन नेशनल हाईवे बन रहा है. इसी गति से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर कार्य किया जा रहा है. हमारी सरकार 2047 के विजन को पूरा करने के लिए कार्य कर रही है. रिसर्च और इन्वेस्टमेंट पर सरकार काम कर रही है. जो आने वाले समय के लिए बहुत लाभदायक रहने वाला है.

अभिजीत शर्मा ने जीता एंटरप्रेन्योरियल मेंटर ऑफ द ईयर अवार्ड
रायपुर- छत्तीसगढ़ और भारत में स्टार्टअप और उद्यमिता विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अभिजीत शर्मा ने बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित एक भव्य समारोह में "एशिया लीडरशिप फेडरेशन" द्वारा "एंटरप्रेन्योरियल मेंटर ऑफ द ईयर" का अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार 26 जुलाई 2024 को प्रदान किया गया। अभिजीत शर्मा वर्तमान में कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, इनक्यूबेशन और उद्यमिता के रूप में कार्यरत हैं और पहले IGKV RKVY RAFTAAR एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर, रायपुर में बिजनेस मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए अभिजीत शर्मा ने कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए और मेरे काम के लिए एक बड़ा सम्मान है। मैं इस सम्मान के लिए एशिया लीडरशिप फेडरेशन का आभार व्यक्त करता हूँ।" उन्होंने विशेष रूप से मध्य भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र, अपने मेंटी स्टार्टअप्स, अपने वर्तमान और पिछले संस्थानों का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग और समर्थन के बिना यह संभव नहीं हो पाता। अभिजीत शर्मा ने अपने परिवार के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की, जिसमें उनके माता-पिता, पत्नी पूजा शर्मा, उनके बच्चे और उनके प्रिय मित्र शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता, मेरी पत्नी पूजा शर्मा, मेरे बच्चे और मेरे प्रिय मित्रों का निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन मेरे लिए संबल रहा है, खासकर कठिन समय में। उनके बिना यह पुरस्कार संभव नहीं था।" इस अवसर पर, उन्होंने छत्तीसगढ़ और केंद्रीय भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी सदस्यों का भी धन्यवाद किया, जिनके सामूहिक प्रयासों और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की। उन्होंने कहा, "यह पुरस्कार हमारे सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और मैं इसे अपने सभी सहयोगियों और स्टार्टअप्स के साथ साझा करता हूँ।" इस पुरस्कार ने न केवल अभिजीत शर्मा के योगदान को मान्यता दी है, बल्कि पूरे क्षेत्र के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की सफलता और संभावनाओं को भी उजागर किया है।