सदन में मोदी-मोदी, तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई और शुभकामना का प्रस्ताव हुआ पारित…

रायपुर- विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई और शुभकामना का प्रस्ताव पारित किया गया. सदन ने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अत्यधिक ऊँचाइयाँ प्राप्त की है. उनके कुशल नेतृत्व में हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान बना पाएगा. उन्हीं के नेतृत्व में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होगा.

इससे पहले संकल्प पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा पहले भी कई प्रधानमंत्री रहे हैं, जो एक से ज्यादा बार प्रधानमंत्री रहे हैं. तब और अब में बड़ा अंतर है. आज प्रतिपक्ष पहले की तरह नहीं है. ऐसी स्थिति में तीसरी बार प्रधानमंत्री चुना जाना बड़ी बात है. 2014 से 2019 तक मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला था. संसद में पहली बार प्रवेश करते हुए उन्होंने ज़मीन पर झुककर प्रणाम किया था. पहले दिन ही उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ग़रीबों के कल्याण के लिए काम करेगी.

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2014 को लाल क़िले के प्राचीर से नरेंद्र मोदी ने जब स्वच्छता अभियान का ज़िक्र किया था, तब विपक्ष के लोग हंसते थे, और कहते थे कि यह क्या प्रधानमंत्री का काम है. ग्रामीण अंचलों में महिलायें शौचालय जाने के लिए शाम होने का इंतज़ार करती थी. आज देश में करोड़ों शौचालय बने हैं. 14 हज़ार गाँवों में सौभाग्य योजना शुरू कर बिजली पहुँचाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास, जनधन खाता खोलने जैसे काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. इसी देश के एक प्रधानमंत्री कहते थे कि एक रुपया भेजने पर नीचे पंद्रह पैसे पहुँचते हैं. आज देश में 45 करोड़ जनधन खाता खोला गया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर किया है.

आयोध्या में भगवान राम भव्य मंदिर में विराजे. यह सब बड़े निर्णय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में लिया है. आर्थिक क्षेत्र में दसवे स्थान से पाँचवे स्थान पर लाकर उन्होंने देश को खड़ा कर दिया है. मोदी की गारंटी को लेकर ही हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मैदान में गये थे. जनता ने हम पर भरोसा किया और जीत मिली. यह सब प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हो पाया है. 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने वह आज भी खड़े हैं.

संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि देश की आजादी के बाद विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के पीएम चुने गए हैं. आज कारगिल दिवस भी है. इन जवानों को जिन्होंने अपना सबकुछ न्योछावर किया, उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. नरेंद्र मोदी ने जब शपथ लिया था तो देश को आज किस नजर से देखा जाता है. यह उनके सामर्थ्य को बताता है. ऐसा बिरला नेता जो वैश्विक पटल पर अपनी बात पुरजोर तरीके से रखता है.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में से 370 हटा, यह संभव हुआ पीएम मोदी और अमित शाह के कारण संभव हुआ. पहले नारा चलता था एक देश दो विधान दो प्रधान नहीं चलेगा. आज जाकर एक देश एक विधान एक प्रधान का सपना साकार हुआ है. आयुष्मान योजना उन्होंने छत्तीसगढ़ में दौरे के दौरान सौगात दिया था। नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया. पीवीटीजी ग्रुप के लोगों के लिए पीएम जन मन योजना शुरू की.

केदार कश्यप ने कहा कि मैं जहां से चुनकर आता हूं. उस इलाके में अबूझमाड़ आता है. आज पीएम मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव से के कारण उन क्षेत्रों में भी विकास के द्वार खुले हैं. हमारे समाज की एक बेटी को देश के सर्वोच्च पद पर सुशोभित करने का काम किया है. इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं. पीएम मोदी को रोकने के लिए दुष्प्रचार किया गया है कि तीसरी बार पीएम बनने पर आरक्षण समाप्त हो जाएगा. हार कैसे मान ले वो लाल, जिसकी जीत का इंतजार भारत मां करती है.

भाजपा विधायक किरण देव ने कहा कि देश की सेवा करते हुए एक दिन की भी उन्होंने छुट्टी नहीं ली. यह देश के प्रति उनके समर्पण को बताता है. देश के सभी वर्ग संप्रदाय को लेकर चलने वाली उनकी योजनाएं हैं. कोविड के समय जब ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे देश भी उससे लड़ने में समर्थ नहीं थे, उस समय उन्होंने सिर्फ देश के लिए बल्कि दूसरे देशों के भी टीकाकरण की व्यवस्था की. यह उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण ही संभव हुआ. डिजिटल पेमेंट की उनकी सोच और यूपीआई सिस्टम को अमेरिका भी लॉन्च करना चाहता है. सफलतम विदेश नीति का अनुपम उदाहरण मोदी ने प्रस्तुत किया है.

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि पीएम देश का होता है. संघीय ढांचे में जब पीएम को धन्यवाद देने का अवसर है. वैसे में विपक्ष का अनुपस्थित होना उनके संविधान विरोधी चेहरे को उजागर करता है.

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं, उनके तीसरी बार पीएम बनने पर पूरा छत्तीसगढ़ उनको धन्यवाद देता है. 1962 के बाद पहली बार इस देश में किसी पीएम को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है. उस समय केवल एक ही बड़ी पार्टी थी. आज की परिस्थितियां भिन्न है, लेकिन उन्होंने अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनाया है. 2014 में पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति थी, आज वहीं देश-दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया के सामने मजबूती के साथ खड़ी है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों को लगता है कि इस देश में राज करने का अधिकार केवल एक परिवार के पास है. इन लोगों ने सभी को ठगने का काम किया. भय और भ्रम फैलाकर वोट लेने का काम किया. पिछड़े वर्ग के लोगों को जीने का अधिकार किसी ने दिया तो नरेंद्र मोदी ने दिया.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ और वोट बैंक की चिंता किए बिना कोई आज निर्णय लेने वाला नेता है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं. कच्छ में विंड एनर्जी का इतना बड़ा सिंगल प्रोजेक्ट जिसमे एक हजार वानखेड़े स्टेडियम समा जाए.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़, कोरबा में लगे पावर प्लांट की कुल ऊर्जा उत्पादन से केवल कच्छ में पैदा होगा. इस पर डेढ़ लाख करोड़ खर्च होगा. हालांकि, इससे उनको डेढ़ हजार वोट भी मिलेगा इसकी गारंटी नहीं है. यह केवल उनके विकसित भारत के सपने के कारण संभव हो पा रहा है.

उन्होंने कहा कि पीएलआई स्कीम फॉर ऑटोमोबाइल, जैसी योजना पीएम मोदी लेकर आए हैं. तीन चार दशक के बाद आने वाली पीढ़ियां साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट पार्क की तरह नाम लेगी. पीएम मोदी ने इस देश को प्रो इनकंबेंसी शब्द दिया, इससे पहले इस देश में केवल एंटी इनकंबैंसी शब्द का चलन था.

कैग ने किया स्वास्थ्य विभाग की गड़बड़ियों का बड़ा खुलासा…

रायपुर- 33 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाएँ कालातीत हो गईं. ⁠⁠करीब 50 करोड़ के मेडिकल उपकरण अनुपयोगी पड़े रहे. ⁠24 करोड़ की दवाएं ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से खरीदी गई. ⁠कोविड के दौरान बिना अनुशंसा 23 करोड़ रुपए की दवाएं खरीदी गई. ⁠838 स्वास्थ्य संस्थानों के पास अपना भवन नहीं, ⁠42 सीएचसी में ब्लड बैंक नहीं है. यह बड़ा खुलासा आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कैग रिपोर्ट में किया गया है. 

मार्च 2022 को समाप्त वर्ष तक के लिए तैयार ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया कि जिन कंपनियों ने घटिया दवा की सप्लाई की, उनसे क्वालिटी वाली दवा लेना तो दूर ना तो जुर्माना लगाया और ना ही डैमेज शुल्क लिया गया. कोविड काल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, लिक्विड टैंक खरीदे गए, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ. यही नहीं दवा और उपकरण खरीदी के लिए CGMSC के सॉफ्टवेयर में इंटीग्रेशन नहीं होने के कारण पेमेंट की ओवरलैपिंग भी हुई.

स्वास्थ्य विभाग में स्वीकृत पदों की तुलना में अधिकारी-कर्मचारियों की भर्ती में बहुत बड़ा अंतर है. रिपोर्ट के मुताबिक, 23 जिला अस्पतालों में 33 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी है. पैरामेडिकल स्टाफ 13 प्रतिशत तक कम हैं. सीएचसी की हालत और खराब हैं, यहां 72 प्रतिशत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी हैं. 32 प्रतिशत नर्स और 36 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टाफ की कमी हैं.

राज्य के कई सरकारी मेडकिल कॉलेजों में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं, जिसके चलते आठ-आठ साल से वो विभाग भी शुरू नहीं हो पाया है. जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में कैंसर यूनिट नहीं शुरू हो सकी. इसी तरह राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के चलते हृदयरोग विज्ञान, वृक्क और तंत्रिका विज्ञान विभाग का ओपीडी नहीं शुरू हो सका.

सीएजी रिपोर्ट में CGMSC की गंभीर खामियों पर भी सवाल उठाए गए हैं. 2016 से 2022 के बीच, सीजीएमएससी ने 3753 करोड़ रुपये की दवा, उपकरण और अन्य समान खरीदे हैं, लेकिन इसमें भारी अनियमितताएँ की गई हैं. मेडिकल सामानों की सेंट्रल एजेंसी होने के बावजूद, 27 से 56 फीसदी खरीदी लोकल पर्जेच के माध्यम से करनी पड़ी, क्योंकि जरूरत के अनुसार क्रय नियमावली तैयार नहीं की जा सकी. 278 निविदाएं CGMSC की ओर से निकाली गई, लेकिन इनमें से 165 टेंडर दो-दो साल तक फाइनल नहीं किए जा सके. इससे वक्त पर सप्लाई नहीं हुआ, और महंगे दाम पर लोकल पर्चेज करना पड़ा.

अस्पतालों में मशीनों की जरुरत कितनी है, इसे ऑपरेट कैसे किया जाएगा, इसका परीक्षण किए बिना उपकरण खरीदे गए. ऐसे 50 करोड़ के उपकरण बेकार पड़े हैं. हद तो तब हो गई जब सीजीएमएससी ने ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से करीब 24 करोड़ की दवाएं खरीद लीं.

रायपुर निगम वार्डों के परिसीमन पर बवाल, कांग्रेस पार्षद दल ने लिया यह बड़ा फैसला…

रायपुर-    नगर निगम के वार्डों के नए परिसीमन पर बवाल जारी है. रायपुर नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों ने इस विषय पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इस संबंध में कांग्रेस पार्षद दल की बैठक में फैसला लिया गया.

रायपुर नगर निगम अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि परिसीमन प्रायोजित है. किसी बंगले में बैठकर बनाया गया है. कांग्रेस के 36 पार्षदों के वार्डों को टारगेट कर परिसीमन किया गया है. कुछ नेताओं ने स्वार्थवश परिसीमन कराया है. परिसीमन तथ्यात्मक रूप से लोगों के गले नहीं उतर रहा है.

उन्होंने कहा कि तीन बार नगरीय निकाय में कांग्रेस का क़ब्ज़ा रहा है. तीन जगह में स्टे आ गया है. ये परिसीमन सरकार की कमी उजागर करती है. अभी राशन कार्ड नए बने, अब फिर एड्रेस चेंज करने सरकार नए राशन कार्ड बनाएगी. 2025 में नयी जनगणना की रिपोर्ट आएगी, तब क्या नया परिसीमन किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने दो महीने तक नगर निगम को कोई काम नहीं करने दिया

महापौर एजाज़ ढेबर ने कहा कि पूरे वार्डों को तितर-बितर कर दिया गया है. ऐसे वार्ड जिसे कांग्रेस पार्टी जीतते आई, उन्हें विलोपित कर दिया गया. राजनीति से प्रेरित होकर परिसीमन किया गया. जहां कांग्रेस के जीतने की संभावना है, उन वार्डों को तोड़ने का प्रायाम किया गया है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का भी अपमान किया गया है. हम परिसीमन का विरोध करते हैं.

NHM के संविदा कर्मचारियों को दो माह से नहीं मिला वेतन, स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार

रायपुर- एक तरफ पूरे प्रदेश में लगातार बारिश के कारण डायरिया, मलेरिया मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर इन बीमारियों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे प्रदेश के आधे जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे प्रदेश के एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बहुत परेशान हैं. वेतन न मिलने में सरगुजा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार ,कवर्धा आदि जिलों के कर्मचारी शामिल हैं. प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य मंत्री से जल्द वेतन दिलाने की मांग की है.

प्रदेश के एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वेतन को लेकर यह समस्या बनी हुई है, जिससे कर्मचारी परेशान हैं. महंगाई में रोजमर्रा के खर्चों से जूझ रहे एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द निदान होना चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी बहुत ही अल्प वेतन में अपना कार्य करते हैं और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ समय-समय उच्च अधिकारी को अवगत भी कराया है. फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

डॉ. गिरी ने बताया, नर्स, एनएनएम, ऑपरेटर, आया, हाउस कीपर, सुपरवाइजर सहित सभी कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से बहुत परेशान हैं. अल्प वेतन में गुजारा कर रहे कर्मचारियों को स्कूल के बच्चों की फीस, राशन, मकान किराया, बीमार माता-पिता की दवाइयां आदि कई मूलभूत जरूरतों को लेकर असुविधा हो रही है.

डॉ. अमित कुमार मिरी के अनुसार इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक को शीघ्र वेतन के लिए पत्र भी दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. ऐसी व्यवस्था बनाने की मांग की गई है, जिससे सभी को प्रतिमाह एक तारीख को वेतन मिल सके.

सड़क हादसे पर लगाम लगाने प्रशासन की पहल : अब हेलमेट पहनना अनिवार्य, कर्मचारियों के लिए भी जरूरी, नियम का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

बेमेतरा- प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों को लेकर प्रशासन ने संज्ञान लिया है. हादसे की रोकथाम के लिए बेमेतरा जिले में कलेक्टर रणबीर शर्मा ने अब हेलमेट को अनिवार्य कर दिया है. सरकारी कर्मचारियों को भी कार्यालय आने-जाने के दौरान दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है. बता दें कि प्रदेश में बढ़ती दुर्घटनाओं का मामला गुरुवार को विधानसभा में उठाया गया था. इस दौरान सदस्यों ने चिंता जताते हुए हादसे की रोकथाम के लिए हेलमेट को अनिवार्य करने की बात कही थी.

जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति बेमेतरा की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें समीक्षा के दौरान पाया गया कि 1 जनवरी 2024 से 15 जुलाई 2024 की अवधि में घटित सड़क दुर्घटनाओं में घायल एवं मृत व्यक्तियों की संख्या सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालकों की रही है. इन दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों की मृत्यु/गंभीर चोट हेलमेट न लगाने के कारण हुई है. बैठक में कलेक्टर ने बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता चताते हुए मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत दोपहिया वाहन चालकों को वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है.

कलेक्टर ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से सभी शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को अपने कार्यालय आने-जाने के लिए दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा. यह आदेश बैंक कर्मचारियों, सहकारी समिति के कर्मचारियों और सभी शैक्षणिक संस्थाओं के कर्मचारियों पर भी लागू होगा. आदेश का उल्लघंन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम और तत्संबंध में बनाए गए नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा.

भारी बारिश को लेकर अलर्ट, स्कूल और आंगनबाड़ियों में 3 दिन की छुट्टी, आदेश जारी …

बेमेतरा- जिले में आगामी तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. जिला कलेक्टर रणवीर शर्मा ने इस संदर्भ में 27, 28, और 29 जुलाई को सभी शासकीय, अर्ध-शासकीय और निजी स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी की घोषणा की है.

जारी आदेश के अनुसार, बेमेतरा में अत्यधिक वर्षा होने के कारण जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय एवम अनुदान प्राप्त विद्यालयों और समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में आगामी तीन दिवस (दिनांक 27, 28 एवं 29 जुलाई 2024 तक) अवकाश घोषित किया जाता है. समस्त शिक्षकगण, विद्यालयीन स्टॉफ और आंगनबाड़ीकार्यकर्ता/सहायिका के लिए अवकाश लागू नहीं होगा.

पानी पानी हुआ पीएचई विभाग, पॉलीथिन में ढके कम्प्यूटर, दस्तावेज भीगे, जर्जर भवन में कार्यालय संचालित

कवर्धा-   जर्जर भवन, स्कूल में पानी टपकने जैसे खबरे तो हमेशा ही पड़ते है, लेकिन आपको यह खबर पढ़कर हैरत होगी कि कबीरधाम जिला मुख्यालय में ही संचालित पीएचई विभाग कार्यालय ही पानी पानी हो गया।

लोगों को पानी पिलाने वाला पीएचई विभाग के कार्यालय में पानी भर गया है। जर्जर भवन में संचालित कार्यालय में यह पहनी दफा नहीं है जब यहां बारिश का पानी भर गया है। यह हर वर्ष कार्यालय के अंदर पानी भर जाता है, लेकिन विभाग के अधिकारी न तो इसकी मरम्मत करते है और न ही नया कार्यालय बनाने ध्यान देते है। इसके कारण हर वर्ष कार्यालय के अंदर बारिश का पानी भर जाता है। इससे यहां काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी भी परेशान हो चुके है।

जरूरी दस्तावेज खराब

पीएचई विभाग के अधिकारी के मनमानी के कारण यहां जरूरी दस्तावेज अव्यवस्थित ढंग से रखा होता है। अभी चार दिन से हो रही लगातार बारिश से खिड़की व छत से पानी टपकने से जरूरी दस्तावेज भी पानी भी भीग गए है, कर्मचारी पानी देख दस्तावेजो को समेटने में लगे हुए हैं। जबकि इस कार्यालय के माध्यम से केंद्रीय योजनाओं का संचालन होता है नल जल योजना से लेकर कई योजनाएं चल रही है जिसके दस्तावेज यहां रखे हुए है जिसमें से कई कागजात भीग गए है।

कम्यूटर को पॉलीथिन से ढकना पड़ा

दस्तावेज के साथ साथ कई रिकार्ड कम्प्यूटर में भी है, ऑनलाइन कई जानकारी से अन्य सारे काम कम्प्यूटर के माध्यम से होता है, बारिश का पानी कार्यालय में इतना आ रहा है कि कम्प्यूटर को पॉलीथिन में ढकना पड़ रहा है। कुछ कर्मचारियों के अनुसार तो पानी के कारण कम्प्यूटर व दीवार में करंट तक आ रहा है। ऐसे में यह पीएचई कार्यालय बढ़ी दुघटना घटित हो सकती है वही कम्प्यूटर में पानी जाने से कम्प्यूटर खराब हो सकता है इससे कई जरूरी जनाकारी नष्ट होने का डर बना हुआ है। इसके बाद भी पीएचई के अधिकारी मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं देते है।

विष्णु के सुशासन में दिव्यांगों को मिल रही सुविधा, नन्हीं वर्षा को मिला व्हीलचेयर अब आसान हुआ सफर

रायपुर-    छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है।

जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।

पंडरिया शक़्कर कारखाना में रिकवरी दर में कमी, नीलू चंद्रवंशी ने विधायक पर लगाएं गंभीर आरोप

कवर्धा- सरदार वल्ल्भ भाई पटेल शक़्कर कारखाना पंडरिया के गन्ना रिकवरी दर में शक़्कर मील के एमडी व विधायक भावना बोहरा पर नीलू चंद्रवंशी ने गम्भीर आरोप लगाते हुए किसानों के साथ धोखा बताया है।

नीलू ने कहा कि पिछले वर्ष 270582 मैट्रिक टन गन्ना की पैराई हुआ था जबकि इस वर्ष गन्ना पैराई 313000 मैट्रिक टन हुआ है यानि इस वर्ष 42418 मैट्रिक टन अधिक पैराई हुआ है और रिकवरी दर मे भी बढ़ोतरी हुआ है पिछले वर्ष 2022-23 मे रिकवरी दर 13.15% आया था और इस वर्ष 2023-24 मे रिकवरी दर बढ़ोत्री होकर लगभग 14% आया है, लेकिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा और पंडरिया शक़्कर मील के एमडी की मिली भगत कर इस वर्ष कि रिकवरी दर 12.78% बता रहे है जो कि गलत है।

जिसके कारण पंडरिया के किसानों को प्रति क्विंटल 38 रुपये कम मील रहा है, जिससे किसानो को 12 करोड़ रुपये नुकसान हो रहा है। जिसका जिम्मेदार शक़्कर मील के एमडी सतीश पाटले व पंडरिया विधायक का भ्रष्टाचार है। ये दोनों मिलकर पंडरिया के किसानो का भारी नुकसान किया है।

पंडरिया शक़्कर कारखाना में मिली भगत कर भ्रष्टाचार करने के लिए बहुत सारे काम करने वाले ईमानदार कर्मचारी एवं प्लेसमेंट ठेकेदार को बिना कारण बताये नौकरी से निकाल दिया गया है, क्योंकि ईमानदार कर्मचारी के मिल में रहने से ये दोनों एमडी व विधायक भ्रष्टाचार नहीं कर पाते इसलिए कई मजदूरों को बिना कारण बताये मील से निकाल दिए है और अपने चहते को काम पर रखा गया है। इस प्रकार पंडरिया विधायक भावना बोहरा के इशारे पर एमडी द्वारा मनमानी किया जा रहा है। नीलू चंद्रवंशी ने कहा कि पेराई अधिक, उत्पादन अधिक तो फिर रिकवरी दर किसानों को क्यों कम दिया जा रहा है। किसानों को उनके मेहनत की राशि मिली चाहिए।

स्पंज आयरन प्लांट के लिए बिना जगह को देखे दे दी अनुमति!, हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

बलौदाबाजार- स्पंज आयरन प्लांट के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने बिना जगह का मुआयना किए अनुमति दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की. इसके साथ ही राज्य सरकार के साथ पर्यावरण विभाग और स्पंज आयरन प्लांट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी. 

बता दें कि जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से महज 8 किमी की दूरी पर ग्राम खजूरी में विगत कई वर्षों से अनिमेष पॉवर प्लांट का संचालन किया जा रहा है, उसी स्थान पर और जमीन खरीदकर स्पंज आयरन प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका ग्रामीणों द्वारा 6-7 वर्षों से लगातार विरोध किया जा रहा था. सरकार एवं प्रशासन द्वारा कोई ध्यान न देने पर दिलीप कुमार पांडेय एवं अन्य ग्रामीणों के द्वारा जनहित याचिका वकील के माध्यम से लगाई गई थी.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने की. वकील ने दलील देते हुए कहा कि नदी नाले जंगल एवं रिहायशी इलाकों के समीप इस तरह के किसी भी उद्योग को लगाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है, जिससे पर्यावरण के साथ जल आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होगा.

मुख्य न्यायाधीश ने अनुविभागीय अधिकारी के वकील से पूछा कि बिना जगह का मुआयना किए उक्त भूमि का औद्योगिक डायवर्सन किस आधार पर किया गया. कोर्ट ने कहा कि बिना जनसुनवाई, बिना जगह देखे, ग्रामीणों के इतने विरोध के बावजूद प्लांट लगाने की अनुमति कैसे दी गई. मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य शासन पर्यावरण बोर्ड और प्रशासन से इसके संबंध में जवाब मांगा है.