पहली बारिश में खुली भ्रष्टाचार की पोल : करोड़ों की लागत से बने CHC भवन में पानी का रिसाव, CGMSC ने ही कराया था निर्माण

आरंग-     किसी भी देश-प्रदेश की प्रगति के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य ही आधार होता है. अगर ये दोनों व्यवस्था बेहतर हो जाए तो देश और प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में ये बातें सिर्फ कहने में ही अच्छे लगते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि रायपुर जिले के आरंग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ढाई करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए भवन ने 10 महीने में ही सारी सिस्टम की पोल खोल दी है. पहली ही बारिश में इस भवन में पानी का रिसाव होने लगा है.

सामने से भव्य और सुंदर दिखने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन में पहली बारिश में ही पानी का रिसाव होने लगा है. इस भवन का निर्माण लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सीजीएमएससी लिमिटेड संभाग रायपुर ने किया था. इस भवन में पानी रिसाव से शौचालय की बदबू लैब में आ रही है, जिससे बीमारी से संबंधित टेस्ट कराने वाले मरीजों और वहां के कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी मिली है कि विभाग वाले अपनी नाकामी छिपाने के लिए कुछ जगहों पर वाटर प्रूफ का कार्य करवाए हैं, लेकिन सावन महीने की बारिश ने विभाग के दावों की पोल खोल दी है.

समस्या को जल्द ठीक किया जाएगा : बीएमओ

इस मामले में आरंग विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.विजय लक्ष्मी अनंत ने बताया कि पूर्व में भी पानी रिसाव की शिकायत मिली थी. इसे संबंधित निर्माण कार्य एजेंसी ने सुधारा था, लेकिन अभी अन्य जगहों में भी रिसाव की शिकायत मिल रही है. इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है, जल्द ही इसे ठीक किया जाएगा.

बड़ा सवाल – क्या जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई…?

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जनसुविधाओं के लिए बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग के इस भवन में निर्माण कार्य एजेंसी की बड़ी लापरवाही दिख रही है. अगर इस तरह की लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्य कोई दूसरी निर्माण कार्य एजेंसी करती तो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अभी तक दोषियों पर कार्रवाई कर चुका होता, लेकिन इसमें निर्माण कार्य एजेंसी स्वयं सीजीएमएससी लिमिटेड संभाग रायपुर है. अब देखने वाली बात है कि विभाग इस बड़े भ्रष्टाचार के दोषियों पर कब कार्रवाई करती है. आपको बता दे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरंग में बने इस नए भवन का लोकार्पण तत्कालीन कैबिनेट मंत्री और आरंग विधायक डॉ. शिवकुमार डहरिया ने 26 सितंबर 2023 को किया था.

राजधानी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की नई इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से किया जा रहा है वर्षा जल संग्रहण, बिल्डरों और एनजीओ का लिया जा रहा सहयोग

रायपुर- राजधानी में अधिक से अधिक मात्रा में रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाकर वर्षा जल संग्रहण का काम किया जा रहा है। नगर निगम की पहल पर राजधानी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की नई इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 5 हजार रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाए जा रहे हैं। इसमें बिल्डरों और एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है।

नगर निगम ने इंदिरा स्मृति वन दलदल सिवनी के लगभग 42 एकड़ क्षेत्र में 3 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट का निर्माण कर अब तक लगभग 50 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहण किया जा चुका है। यह काम जियो हाईड्रोलाॅजिस्ट डाॅ. के. पाणीग्रही के निर्देशन में करवाया जा रहा है।

विगत दिनों नगर निगम मुख्यालय में हुई बैठक में नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा की पहल पर क्रेडाई पदाधिकारियों और बिल्डरों ने अपनी-अपनी टाउनशीप क्षेत्र में इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 50-50 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट जियो हाईड्रोलाॅजिस्ट के निर्देशन में शीघ्र बनवाने सहमति व्यक्त की। इसमें प्रत्येक रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट में लगभग 2 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहित किया जा सकेगा।

सहमति के आधार पर रहेजा होम्स दलदल सिवनी, रहेजा निर्वाण कचना, वालफोर्ट सिटी, वालफोर्ट हाइट्स के संबंधित बिल्डरों ने अपने-अपने टाउनशीप क्षेत्र में जियो हाइड्रोलाॅजिस्ट के निर्देशन में इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी से 25-25 रैन वाटर हार्वेस्टिंग पीट बनाने का कार्य प्रारंभ करवा दिया है।

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक सदन में बहुमत से पारित, विपक्ष की मांग पर हुआ मत विभाजन, पक्ष में 47 तो विपक्ष में 27 पड़े मत…

रायपुर-  विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित हुआ. विपक्ष ने संशोधन विधेयक पर मत विभाजन की मांग की थी, जिसके बाद हुए मतदान में विधेयक के पक्ष में 47 और विपक्ष में 27 मत पड़े. इसके साथ ही सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया. 

इससे पहले संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंडी फीस के जगह कृषक कल्याण कह दिया. जियो जब शुरू हुआ तो फ्री में दिया गया था. आज पूरे मार्केट में सबसे ज्यादा कब्जा इनका है, और अब सबसे महंगा यही है. हिमाचल में क्या हुआ. वही बड़े लोग रेट खोल रहे हैं. औने-पौने दाम में हिमाचल में सेव बेचने के लिए किसान मजबूर हैं.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कुरुद में 20 ई-मंडी संचालित हैं. यह संशोधन इसलिए आया है, ताकि प्रदेश के मंडी के किसान भी राष्ट्रीय कृषि बाजार में व्यापार कर सकें. किसानों का कहीं से अहित नहीं है.

इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में यह जोड़ दीजिए कि समर्थन मूल्य से नीचे कोई नहीं खरीद सकेगा. छत्तीसगढ़ का पशुधन बाहर जाएगा. यहां से ट्रकों में भरकर पशु बाहर जा रहे हैं. बांग्लादेश के अलावा यूरोप जाएगा. बड़े व्यापारी और कॉरपोरेट हाउस पहले बेहतर दाम दे देंगे, बाद में यहां के किसानों की स्थिति बदतर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले सत्र में (संशोधन विधेयक) ले आइएगा. जल्दबाजी क्या है.

कांग्रेस विधायक व्यास कश्यप ने कहा कि संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट व्यापारी को यहां लाने की क्या जरूरत है. ऐसा न हो कि केंद्र के कृषि कानून की तरह बाद में इसे भी वापस लेना न पड़े. किसानों को आंदोलन न करना पड़े. किसान कुटीर बने, गोदाम, शेड की व्यवस्था हो ताकि किसानों को परेशानी न हो.

भाजपा विधायक भावना बोहरा ने कहा कि कृषक कल्याण शुल्क के संशोधन से इसकी भावना स्पष्ट है. गांव के छोटे किसान को यह अनुमति नहीं है कि वो दूसरे मंडी में अपनी उपज बेच सके. इसमें संशोधन से वो दूसरे मंडी में जा सकेगा. मंडी बोर्ड का जब विषय आता है. उसके फंड से सीसी रोड और नाली बनाने की बात होती है. मंत्री जी सुनिश्चित करें कि मंडी शुल्क का पैसा किसानों के कल्याण पर खर्च होगा.

कांग्रेस विधायक द्वारकाधीश यादव ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था केंद्र के विधेयक में भी था. पहली बार मोदी सरकार को इसे वापस लेना पड़ा. अंबानी और अदानी आएंगे तीन चार साल रेट देंगे. बाद में छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे.

भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि इससे उपज का सही मूल्य मिलेगा. मंडी शुल्क संशोधन के बाद कृषक कल्याण शुल्क कहलाएगा. यानी किसानों के कल्याण के लिए यह राशि खर्च की जायेगी. आज भी मंडी में छाया और शेड की व्यवस्था नहीं है. धान भीग जाते हैं. निश्चित रूप से कस्टम मिलिंग ठीक से होगी. हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा खुशहाल छत्तीसगढ़ का किसान है.

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सदस्यों ने कई तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं. आप कैसे सोच सकते हैं कि हमारी सरकार किसानों के हित की चिंता नहीं करेगी. भूपेश बघेल तो ऐसा बोलने लगे कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोग आ जाएंगे. मंडी अधिनियम में पशुपालन, मछलीपालन शामिल नहीं है. इसके बावजूद यदि कहीं भी यदि इसके परीक्षण की जरूरत होगी तो परीक्षण कराऊंगा. यदि ऐसा कुछ होगा तो इसे संशोधन से बाहर करूंगा.

मंत्री ने कहा कि मार्केट ओपन होना चाहिए ये तो आप चाहते हैं न. प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश न करें. प्रदेश की जनता आपके बातों में आने वाली नहीं है. ई नाम में कोई भी जुड़कर अपना सामान बेच सकता है. इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए.

रायपुर- स्काई-वॉक का निर्माण होगा पूरा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में रायपुर के अधूरे स्काई-वॉक के निर्माण को पूर्व निर्धारित ड्राइंग-डिजाइन के अनुसार पूर्ण करने का निर्णय लिया गया है। रायपुर के शारदा चौक से तात्यापारा चौक के बीच बहुप्रतीक्षित सड़क चौड़ीकरण के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाकर मुआवजा और चौड़ीकरण के लिए जमीन की जरूरत का परीक्षण कराकर काम आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव, रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व सांसद सुनील सोनी, रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत, रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू, पूर्व विधायक नंदकुमार साहू, श्रीचंद सुंदरानी और शहर के अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

बैठक में चर्चा के दौरान स्काई-वॉक के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर शास्त्री चौक पर पैदल चलने वाले यात्रियों की गणना की गई थी। उस समय अक्टूबर-2016 में पाया गया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय चौक पर 14 हजार और शास्त्री चौक पर 27 हजार पैदल चलने वाले यात्री निकलते हैं। मई-2019 में दोबारा गणना के दौरान डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय चौक पर पैदल निकलने वाले यात्रियों की संख्या 25 हजार 095 और शास्त्री चौक पर 35 हजार 920 थी जो कि पहले की गणना से चलने वाले यात्रियों की संख्या से अधिक थी। राज्य में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अधूरे स्काई-वॉक के संबंध में सुझाव समिति का गठन किया गया था। सुझाव समिति ने भी यह सुझाव दिया था कि स्काई-वॉक का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्काई-वॉक निर्माण के संबंध में विस्तृत चर्चा और उप मुख्यमंत्री तथा विभागीय मंत्री अरुण साव की सहमति के बाद इसे पूर्व अनुमोदित ड्राइंग-डिजाइन के अनुसार पूर्ण करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

बैठक में शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक के सड़क के चौड़ीकरण के संबंध जानकारी दी गई कि जयस्तंभ चौक से शारदा चौक तक फोरलेन मार्ग निर्मित है। साथ ही तात्यापारा चौक से आगे आजाद चौक की ओर भी फोरलेन मार्ग निर्मित है। शारदा चौक से तात्यापारा चौक के बीच मात्र 510 मीटर लम्बाई के फोरलेन नहीं होने के कारण प्रतिदिन चारपहिया एवं दोपहिया वाहनों का अत्यधिक दबाव रहता है जिससे आम लोगों को बहुत परेशानी होती है। यह रायपुर की लम्बे समय से लंबित मांग है। दोनों ओर की सड़कों के चौड़ीकरण होने के बाद बीच के छूटे हिस्से का चौड़ीकरण किया जाना आवश्यक हैं। विस्तृत चर्चा के बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि शास्त्री चौक से तात्यापारा चौक के मध्य की सड़क को तात्यापारा चौक से आजाद चौक तक सड़क चौड़ीकरण जिस रूपांकन एवं चौड़ाई में किया गया है, उसी प्रकार शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क चौड़ीकरण किया जाए, ताकि मार्ग में एकरूपता बनी रहे।

बैठक में रायपुर के कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया। यह समिति 30 दिनों के भीतर शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक वास्तविक रूप से कुल कितनी भूमि का अर्जन और अतिक्रमण मुक्त किया जाना है, अर्जन या विस्थापन में कितने भू-स्वामी व अतिक्रमणकर्ता प्रभावित हो रहे हैं, आबादी (शासकीय) भूमि एवं निजी भूमि (परिसंपत्ति सहित) के सम्पूर्ण विवरण तथा चौड़ीकरण के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने हेतु विकल्प एवं अनुशंसा प्रस्तुत करेगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा इस समिति का गठन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिलाने के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रयास जारी

रायपुर-    अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की 111 परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया है। लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवालों का जवाब देते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्री तोखन साहू ने जानकारी दी कि, छत्तीसगढ़ में 2541 करोड़ रुपए की 111 परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया है जिसमे से 18 परियोजनाओं के लिए 772.5 करोड़ रुपए प्रदत किए गए है और 1769 करोड़ रुपए लागत की 93 परियोजना, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट/ निविदा चरण में हैं।

छत्तीसगढ़ में जनजातीय परिपथ के तहत जशपुर-कुनकुरी -मैनपाट- कमलेशपुर- महेशपुर कुरदार- सरोधदादर -गंगरेल- कोंडागांव- नथियानवगांव के विकास के लिए 94.23 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

बिलासपुर और जगलपुर को स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत चिन्हित किया गया

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहा है। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल पर पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जानकारी दी है। जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ समिति संपूर्ण भारत में घरेलू पर्यटन 2020 कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच चुका है विदेशी पर्यटकों की संख्या भी इस वर्ष महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।

छत्तीसगढ़ में जनजातीय परिपथ के तहत जशपुर-कुनकुरी -मैनपाट- कमलेशपुर- महेशपुर कुरदार- सरोधदादर -गंगरेल- कोंडागांव- नथियानवगांव के विकास के लिए 94.23 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। साथ ही स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत राज्य में बिलासपुर और जगलपुर को चिन्हित किया गया है।

बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा करने और देश के भीतर नागरिकों को यात्रा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देखो अपना देश पहल शुरू की गई है। इतना ही नहीं बेहतर सेवा मानक प्रदान करने के लिए जनशक्ति को प्रशिक्षित एवं उन्नत करना। पर्यटकों की सहायता के लिए देश भर से सूप प्रशिक्षित पेशेवर पर्यटक सुविधा कर्ताओं का समूह बनाकर ऑनलाइन शिक्षक मंच तैयार करना, 24×7 बहुभाषी पर्यटक हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है।

विदेशी पर्यटकों के लिए ई वीजा पर्यटक, बिजनेस, मेडिकल, मेडिकल अटेंडेंट, कॉन्फ्रेंस समेत 7 श्रेणियों में प्रदान किया जा रहा है। मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत देश में 14 थीम आधारित परिपथों के तहत 76 परियोजनाओं को 4865 हजार करोड़ रुपए जारी किए है।

विधानसभा में विधायक भावना ने उठाया ट्रैक्टर आवंटन में असमानता का मुद्दा
रायपुर-    विधानसभा में गुरुवार को पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कृषि विभाग से सम्बंधित विभिन्न प्रश्न सदन के समक्ष रखे। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा कृषि विकास एवं किसान कल्याण के लिए कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सदन में उसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने किसानों को आवंटित होने वाले ट्रैक्टर के वितरण में असामनता का मुद्दा प्रमुखता से रखा साथ ही किसानों के हित व योजनाओं का लाभ उन्हें नियमित रूप से मिल सके इस विषय में भी सदन का ध्यान आकर्षण कर अपने विचार रखे। उन्होंने किसानों को वितरित खाद, कृषि विभाग द्वारा क्रय उपकरण व सामग्री एवं प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास के संबंध में भी प्रश्न किया।

भावना बोहरा ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है हमारे छत्तीसगढ़ का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र भी है जहां वन उपज संग्रहण से अधिकांशत आदिवासी समाज के लोग जीवन यापन करते हैं ऐसे में आज जब छत्तीसगढ़ राज्य उपज मंडी अधिनियम 1972 क्रमांक 24 की धारा 2 की उप धारा 1 में महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखा गया है तब मैं संशोधन का स्वागत करती हूं। है। इस संशोधन के उपरांत राज्य सरकार को मंडी शुल्क की बात ही कृषक कल्याण शुल्क से भी छूट दिए जाने की शक्तियां होगी इस दृष्टि से यह संशोधन किसानों के कल्याण में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही इस संशोधन के उपरांत मंडियों द्वारा संग्रहित कृषक कल्याण शुल्क का राज्य शासन द्वारा निर्धारित परिषद बोर्ड को छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में भुगतान करने और छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि को सहकारी बैंक या डाकघर या राज्य शासन द्वारा निर्देशित पत्र बैंकों में जमा किया जा सकेगा। जिससे न केवल यह राशि सुरक्षित रहेगी बल्कि इस राशि पर ब्याज का लाभ भी प्राप्त होगा। हमारे छोटे किसानों की जितनी लागत फसल को उपजाने में लगती है, उतना ही संघर्ष उन्हें अपने उपज को मंडी तक ले जाने के परिवहन में भी करना पड़ता है। इस संशोधन के उपरांत प्रदेश के किसान निकटतम मंडी एवं जहां उन्हें ज्यादा मूल्य प्राप्त हो ऐसी मंडी में अपनी उपज विक्रय कर सकेंगे जो कि स्वागत योग्य है। छत्तीसगढ़ राज्य उपज मंडी अधिनियम 1972 क्रमांक 24 की धारा 2 की उप धारा 1 में यह संशोधन अन्नदाताओं के हित और उनका आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भावना बोहरा ने कहा कि किसानों को शासन द्वारा जो ट्रैक्टर आवंटन किया जाता है उसमें असमानता है, जिसे गंभीरता से लिया जाए। जानकारी के अनुसार की हर ब्लॉक एवं विकासखंड में अलग-अलग ट्रैक्टर आवंटन किया जा रहा है। किसी ब्लॉक में पहले आवेदन करने वाले किसानों को अभी तक ट्रैक्टर आवंटित नहीं हुआ है और बाद में आवेदन करने वालों को ट्रैक्टर आवंटित करने की भी सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्षों एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिनांक 30 जून, 2024 तक किस योजना के तहत, कितने हितग्राही कृषकों को अनुदान पर ट्रैक्टर स्वीकृत किये गये? कितने किसानों को कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गई है एवं कितने आवेदन प्राप्त एवं निरस्त हुए हैं? विभागीय मंत्री रामविचार नेता ने बताया कि पंडरिया विधानसभा के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 167, 2022-23 में 403, 2023-24 में 54 और 2024-25 में एक भी ट्रैक्टर आवंटित नहीं किया गया इस प्रकार अबतक कुल ६२४ किसानों को ट्रैक्टर आवंटित किया गया है। ट्रैक्टर के आवंटन हेतु अनुसूचित जाती,अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत किसानों तथा महिलाओं को ट्रैक्टर के मॉडल आधार पर अधिकतम 2 लाख से 5 लाख तक एवं अन्य वर्ग के लिए अधिकतम 1 लाख 60 हजार से 4 लाख तक अनुदान राशि प्रदान की जाती है।

भावना बोहरा ने पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से 30 जून 2024 तक कृषि विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत कितनी लागत के कितने कार्य कराये गये एवं कौन-कौन से कृषि उपकरण एवं अन्य सामग्री की खरीदी की गई, लाभान्वित कृषकों की संख्या की जानकारी के संबंध में प्रश्न किया वहीं खरीदी गयी सामग्री/उपकरण, हितग्राहियों के चयन और वितरण में अनियमितता की शिकायत मिलने के विषय में भी जानकारी मांगी और यदि अनियमितता हुई है तो उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है इस विषय में भी जानकारी मांगी। प्रदेश में किसानों को हो रही खाद वितरण के संबंध में प्रश्न किया कि सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों को वितरित किए जाने वाले खाद की कुल आवश्यकता प्रतिवर्ष कितनी होती है? आवश्यकता के अनुरूप खाद की उपलब्धता की मात्रा क्या है? एवं पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय कितने किसानों को वितरित किये गए हैं और जिन किसानों को खाद नहीं मिला है उन्हें कबतक उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके सन्दर्भ में विभागीय मंत्री ने कहा कि अभी इस विषय में जानकारी संकलित की जा रही है जानकारी मिलते ही उपलब्ध कराई जाएगी।

पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास/आश्रम के संबंध में भावना बोहरा ने प्रश्न किया कि कितने आश्रम किन स्थानों पर संचालित हैं? 2021 से जून 2024 तक छात्रावास को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई और उन राशि का किन कार्यों में व्यय हुआ इसके साथ ही प्रतिमाह प्रति छात्र कितनी राशि खर्च होती के संबंध में प्रश्न उठाया।

बस्तर विश्वविद्यालय अध्ययन शाला के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 31 जुलाई तक मिलेगा प्रवेश

रायपुर-   शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर (जगदलपुर) द्वारा पहली बार अपने विश्वविद्यालय के अध्ययन शाला में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बीए, बीएससी, बीकॉम सहित एमए, एमएसी एवं एमकॉम में सीधे प्रवेश की सुविधा प्रदान किया जा रहा है। प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्राएं न्यूनतम 975 रुपए शुल्क में ग्रेजुएशन और 3650 रुपये के शुल्क में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। कोई भी छात्र-छात्रा सीधे विश्वविद्यालय आकर 31 जुलाई 2024 तक प्रवेश ले सकते हैं। प्रवेश से संबंधित समस्त जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://smkvbastar.ac.in पर देखी जा सकती है।

बस्तर अंचल के अंदरूनी ईलाके के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से अलग-अलग छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही छात्र-छात्राओं की अध्ययन के प्रति रूझान को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए 24×7 लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है। प्रवेश सम्बन्धी अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 87122-27321, 87122-29289 अथवा ई-मेल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

ज्ञातव्य है कि राज्य शासन द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर को 20 नवीन शिक्षण विभागों में 33 नवीन स्नात्तक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही भारत सरकार द्वारा बस्तर विश्वविद्यालय को पीएम उषा बहुविषयी शिक्षा एवं शोध योजनांतर्गत अनुदान भी स्वीकृत किया गया है। उक्त प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विश्विद्यालय को बहुविषयक शिक्षा आधारित पाठ्यक्रमों का संचालन एवं सभी अध्ययनशाला में महत्वपूर्ण विषयों पर शोध को भी प्रारंभ किया गया है।

बस्तर यूनिवर्सिटी पीएम उषा विश्वविद्यालय होने के कारण सम्पूर्ण बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के युवाओं को अपने अध्ययनशाला में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं युवाओं के रुचिकर व्यवसाय एवं रोजगार चुनने का अवसर प्रदान करना चाहता है। लेकिन वर्तमान में बस्तर क्षेत्र की उच्च शिक्षा में ग्रास इनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) लगभग 11 प्रतिशत है, जो कि बहुत कम है। इसे मद्देनजर रखते हुए नवपदस्थ कमिश्नर बस्तर संभाग डोमन सिंह ने बस्तर विश्वविद्यालय के उक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु सभी शासकीय एवं गैर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों में सत्र 2023-24 के तहत कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में कक्षा बारहवी उत्तीर्ण करने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय अध्ययनशाला में प्रवेश हेतु मार्गदर्शन कर उच्च शिक्षा हासिल करने हेतु प्रोत्साहित किये जाने के निर्देश सयुंक्त संचालक स्कूल शिक्षा और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। साथ ही बस्तर संभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय एवं गैर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के समस्त प्राचार्यों के माध्यम से इस दिशा में अंदरूनी ईलाके के विद्यालयों से उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने हेतु प्राथमिकता के साथ अभिप्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।

वित्त विभाग के 2 अफसरों का तबादला
रायपुर- राज्य सरकार ने वित्त सेवा के दो अफसरों का तबादला किया है। संयुक्त संचार और उप संचालक का तबादला किया गया है।
रायपुर परिसीमन; 2 वार्ड खत्म कर दूसरे में मर्ज, 70 वार्डों की बदली तस्वीर

रायपुर-   नगरीय निकाय चुनाव से नगर निगम रायपुर का परिसीमन हो गया है। परिसीमन के बाद ज्यादातर वार्डों के नंबर और तस्वीर बदल गई है। परिसीमन से 2 वार्ड तो पूरी तरह से अलग-अलग वार्डों में मर्ज हो गए। हालांकि रायपुर में कुल वार्डों की संख्या 70 ही है।

बाकी वार्डों में भी परिसीमन का खासा असर पड़ा है। किसी वार्ड में नए इलाके शामिल हुए तो किसी इलाके से कई हिस्से कम हो गए। शहर के आउटर एरिया को मिलाकर 2 नए वार्ड बनाए गए है। मोवा,सड्डू,आमा सिवनी वाले क्षेत्र को मिलाकर एक नया वार्ड बनाया गया है।

ये वार्ड विलोपित हुआ

पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड जहां से MIC सदस्य आकाश तिवारी पार्षद है उस वार्ड को विलोपित कर दिया गया है। इसे आस-पास के वार्ड में मर्ज कर दिया गया है। 2011 जनगणना को आधार बनाते हुए यह परिसीमन किया गया है। इसमें प्रत्येक वार्डों की जनसंख्या 12 हजार से 16 हजार के बीच है। वार्डों का भूगोल बदलने से एक वार्ड के मतदाता दूसरे वार्ड में शिफ्ट हो गए हैं, जिससे पार्षदों की चिंता भी बढ़ गई है।

एक सप्ताह में दावा आपत्ति

परिसीमन के पहले प्रकाशन के साथ ही सात दिन के भीतर दावा-आपत्ति मंगवाई है। नगर निगम मुख्यालय के चौथे फ्लोर में कमरा नंबर- 502 में इसे चस्पा किया गया है। कोई भी व्यक्ति वार्डों के नए सीमा निर्धारण के इस प्रस्ताव को समझकर दावा-आपत्ति पेश कर सकता है।

वार्ड क्रमांड- 51 अब पंडित रवि शंकर शुक्ला वार्ड

रायपुर नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 35 जिसका नाम पूर्व में रविशंकर शुक्ल था उसे विलोपित कर दिया। अब वार्ड क्रमांक 51 को इसी नाम से रखा गया है। इस वार्ड में ऐश्वर्या अंपायर छोकरा नाला के पीछे से होते हुए विशाखापट्टनम रेलवे लाइन अमायरा कॉलोनी, सिल्वर स्प्रिंग से पीछे एक्सप्रेस-वे मिलन बिंदु छोकरा नाला होते हुए गौरव गार्डन VIP रोड और VIP रोड चौक करंसी टावर का क्षेत्र होगा।

बस्तर अंचल की महिला कृषक को जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मिला लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार

रायपुर-  नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 20 से 22 जुलाई तक सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृषि एवं उद्यानिकी पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मेले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बस्तर अंचल के महिला कृषक को लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के पांच कृषकों को भी सम्मानित किया गया है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने उद्यानिकी के क्षेत्र में वनांचल क्षेत्रों सहित प्रदेश के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मेले में अवार्ड मिलने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बस्तर के सुदूर अंचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 1000 महिला कृषकों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली महिला कृषक वेदेश्वरी (बिंदु) शर्मा को उक्त एक्पो में लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बस्तर की जैविक महिला की पदवी प्राप्त श्रीमती शर्मा के मार्गदर्शन में जिला-कोंडागांव के ग्राम कोकोड़ी एवं आस पास के गांवों के 1000 महिला कृषक, जैविक खेती अपनाकर विगत 6 वर्षों से अधिक आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 5 एकड़ खेत में श्रीमती शर्मा द्वारा पूर्ण जैविक खेती ली जा रही है, इनके कठिन परिश्रम के परिणामस्वरूप इन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों से पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।

जिला-बिलासपुर के ग्राम मल्हार के कृषक यदुनंदन प्रसाद वर्मा को विगत 5-6 वर्षों से 2.5 एकड क्षेत्र में केला, सब्जी आदि की जैविक खेती करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जिरेनियम की खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एवं राज्य में इसकी खेती को बढावा देने वाले जयराम नगर जिला-बिलासपुर के कृषक लोकेश बालकृष्ण पताडे को तकनीकी नवाचार के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जय किसान नर्सरी, ग्राम बम्हनी चारपारा, जिला राजनांदगांव के कृषक जसवंत कुमार साहू के कुशल मार्गदर्शन एवं अथक प्रयासों से ग्राफ्टेड सब्जी पौध तैयार करने तथा उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु प्रशस्ति पत्र से नवाज़ा गया। पुष्प की खेती में अपना नाम रोशन करने वाली महिला कृषक अंकिता वर्मा, जिला-रायपुर को ग्रीन हाउस में गुलाब के फूलों की उत्कृष्ट खेती हेतु प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि 3 दिवसीय एक्सपो में छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा स्टॉल लगाकर पुष्प, फल, सब्जी आदि की प्रदर्शनी लगाई गयी तथा विभागीय योजनाओं, गतिविधियों एवं प्रगतिशील कृषकों की सफलता की कहानी को बैनर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। साथ ही मशरूम के उत्पाद, प्रसंस्करण उत्पाद, महुआ तथा जामुन का जूस आदि भी स्टाल में प्रदर्शनी एवं विक्रय हेतु रखा गया था। स्टाल में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा जरेनियम की खेती, पॉली हाउस में आर्किड की खेती, ग्राफ्टेड बैंगन की खेती, ड्रैगन फ्रूट, कालीमिर्च एवं चाय की खेती की विस्तृत जानकारी के साथ लगे डिस्प्ले जिसे पढने और उसकी अधिक जानकारी प्राप्त करने विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा। प्रदर्शनी में आये विशेष अतिथियों एवं अधिकारियों द्वारा भी छत्तीसगढ़ उद्यानिकी के स्टाल में लगाई गयी उत्कृष्ट प्रदर्शनी की प्रशंसा की गयी एवं ‘‘प्रमोशन ऑफ़ बेस्ट हॉर्टिकल्चर एंड फार्म फॉरेस्ट्री प्रैक्टिसेज‘‘ के केटेगरी में भी अवार्ड से सम्मानित किया गया।