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Jul 21 2024, 14:47

बिलासपुर कलेक्टर ने वीसी के जरिए बैठक लेकर की समीक्षा
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मलेरिया और डायरिया से निपटने के लिए जिला प्रशासन को हरसंभव उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उनसे मिले निर्देश के बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने आज रविवार के दिन वीसी के जरिए अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में मलेरिया और डायरिया के ताजा हालात की समीक्षा की। उन्होंने पेयजल के तमाम स्रोतों को अगले दो दिनों में क्लोरिनेशन के निर्देश दिए। गावों की सभी बोरिंग में प्लेटफार्म बनाने को कहा है। जिला पंचायत के मद से अगले 15 दिनों में इसे बनाया जायेगा। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपने मुख्यालय में रहकर ईमानदारी से ड्यूटी करें। दवा और बेड की कोई कमी किसी भी स्तर नहीं होगी।

कलेक्टर ने कहा है कि लोगों को बीमारी का असल कारण समझाएं और उन्हें पानी उबालकर और इसमें क्लोरिन टैबलेट डालकर पीने की सलाह दें। लोगों का इस संबंध में सावधान व सजग रहने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। कलेक्टर ने पिछले 10 साल में हुए आउटब्रेक की जानकारी देकर इन ग्रामों का निरीक्षण करने के निर्देश एसडीएम व तहसीलदार को दिए। उन्होंने कहा की प्रशासन के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सभी संबंधित विभाग आपसी तालमेल बनाकर काम करें। उन्होंने इलाज के लिए जिला मुख्यालय के साथ एहतियात के तौर पर सभी सीएचसी और पीएचसी में भी अतिरिक्त बेड तैयार रखने को कहा है।

कलेक्टर ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी उन्होंने सभी एसडीएम को उनके क्लीनिक व दुकान बंद कर कार्रवाई करने को कहा। यथासंभव उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कलेक्टर ने निजी समाजसेवी संस्थाओं को भी अभियान में सहयोग देने की अपील की। कलेक्टर की अपील पर रतनपुर महामाया ट्रस्ट द्वारा बीमार मरीजों को खिचड़ी व भोजन उपलब्ध कराई जा रही है। नेमीचंद जैन ट्रस्ट ने 200 मच्छरदानी उपलब्ध कराने की बात कही है । वर्तमान ने बिलासपुर जिले के सभी 668 गांव में स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जा रहा है । सप्ताह में दो दिन शनिवार और मंगलवार को यह कार्यक्रम आयोजित होता है जिसमें लोगों को साफ सफाई एवं सही खान-पान की जानकारी दी जाती है ।

कलेक्टर ने कहा कि बिलासपुर के निजी अस्पतालों और आई एम ए का सहयोग भी अभियान में लिया जाए। उन्हें प्रभावित क्षेत्र में कुछ गांव आवंटित कर इलाज व शिविर लगाने का दायित्व सौंपा जाए।

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Jul 21 2024, 14:40

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अंबेडकर अस्पताल में रक्तदान शिविर का किया शुभारंभ, स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल को लेकर कही यह बात…

रायपुर- राजधानी के अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है. यह शिविर हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के द्वारा लगाया गया है. इस ब्लड डोनेशन कैंप का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया. मीडिया से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के सभी सदस्यों को मैं बधाई देता हूं. इस शिविर के माध्यम से सैंकड़ों लोग की जान बचाने हमको मदद मिलेगी. हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के परिवार को बहुत-बहुत बधाई. इसके साथ ही मंत्री जायसवाल ने लोगों से अपील की है की ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान करें.

स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल को लेकर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अधिकार है, निश्चित रूप से हमारे अभिन्न अंग है. उनसे बातचीत की जाएगी.

हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट सुधीर अग्रवाल ने बताया कि आज हमने ब्लड डोनेशन कैंप रखा है. हमारा सौभाग्य है कि स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के द्वारा इसका उद्घाटन किया गया है. ज्यादा से ज्यादा लोग ब्लड कैंप आकार इस ब्लड कैंप को सफल बनाएं.

वहीं डिप्टी कलेक्टर शारदा अग्रवाल ने कहा कि सभी से अपील करना चाहूंगी जो हेल्पिंग हेल्प क्लब में आकर रक्तदान करें और कार्यक्रम को सफल बनाएं.

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Jul 21 2024, 14:32

सड़क चौड़ीकरण मामले में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का आरोप, कहा- श्रेय लेने की होड़ में हैं महापौर एजाज ढेबर

रायपुर-  तात्यपारा चौक सड़क चौड़ीकरण मामले में निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने महापौर एजाज ढेबर पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण हमारी मांग थी, अब महापौर श्रेय लेने की होड़ में हैं. कभी राज्यपाल, कभी मुख्यमंत्री तो कभी मंत्री के पास जा रहे हैं, वह सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. रायपुर शहर की जनता सब चीजों को अच्छे से समझती है।

रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, तब महापौर शांत बैठे थे. अपनी सरकार में वह कुछ नहीं कर पाए, जैसे ही सत्ता पलटी राजनीति के तहत चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं. हम महापौर से आग्रह करते हैं कि वह इस प्रकार की ओछी राजनीति न करें. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हमेशा विजन रहा है कि हमने बनाया है, हम ही सवारेंगे. यह किंतु-परंतु का विषय नहीं है. आने वाले समय में रोड का चौड़ीकरण करेंगे. जो भी प्रभावित लोग हैं, उनको उचित मुआवजा भी दिया जाएगा.

वहीं राजधानी में खान-पान के स्थानों पर छापेमारी पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौसमी बीमारियां सिर पर हैं, लोगों की बहुत सारी शिकायत आ रही हैं. खाद्य सेंटर में, जहां लोग रोजमर्रा का खाना खाने जाते हैं, वहां पुराने फूड रहते हैं. नगर निगम को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. वह टीम कार्रवाई कर रही है. हम लोगों ने इस ओर लगातार ध्यान आकर्षित किया है. गंदे भोजन और दूषित जल के कारण शहर में बीमारियां पैर पसार रही है. इन सभी के रोकथाम को लेकर नगर निगम कार्रवाई कर रही है.

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Jul 21 2024, 14:21

छत्तीसगढ़ में मिलेगी प्रीपेड बिजली, स्मार्ट मीटर लगने का काम शुरू, जानिए कैसा है नया मीटर और कैसे होगा उपयोग..

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में बिजली प्रीपेड लगने का काम शुरू हो गया है. नए मीटर लगने के बाद अब आम उपभोक्ताओं में इसे लेकर कई सवाल है. जैसे कि बिजली का स्मार्ट मीटर रिचार्ज कैसे करना होगा, कहीं कोई गड़बड़ी हुई तो क्या कनेक्शन कट जाएगा, ऐसे बहुत से सवालों का जवाब अभी उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया है. इन सवालों को लेकर बिजली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भीम सिंह कंवर ने जानकारी दी है.

मैनेजिंग डायरेक्टर भीम सिंह कंवर ने कहा कि ग्राहकों के लिए यह जानना जरूरी है कि प्रीपेड मीटर के मामले में यदि उपभोक्ता अपने प्रीपेड खाते को रिचार्ज करने में असफल रहता है और उसका शेष बैलेंस शून्य हो जाता है. तो छुट्टी के दिन को छोड़कर अगले दिन सुबह 10 से दोपहर 2 बजे के बीच बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.

बिजली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भीम सिंह कंवर ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में साफ किया गया है कि प्रीपेड मीटर रिचार्ज ना करने की स्थिति में बिजली कनेक्शन कब और कैसे काटा जाएगा. अगर प्रीपेड मीटर रिचार्ज नहीं किया गया और उसका शेष शून्य है, तो मैं गैर कार्यालय समय शाम 5:30 बजे से अगले दिन सुबह 10 बजे तक या छुट्टियों के दिन कनेक्शन नहीं काटा जाएगा.

उपभोक्ताओं को असुविधा से बचने के लिए कनेक्शन काटने की प्रक्रिया तत्काल अगले कार्य दिवस पर सुबह 10 से दोपहर 2 के बीच होगी. खास बात यह है कि शून्य बैलेंस होने के कारण बिजली कनेक्शन काटने को अस्थाई या टेंपरेरी डिस्कनेक्शन माना जाएगा.

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Jul 21 2024, 14:16

आबकारी विभाग ने अहाता लाइसेंस फीस और गारंटी जमा नहीं करने पर जारी किया नोटिस, शर्तों का पालन करने के दिए निर्देश

रायपुर।  कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर आबकारी उपायुक्त विकास गोस्वामी ने अहाता लाइसेंसियों की बैठक ली. बैठक के दौरान सभी अहाता लाइसेंस की शर्तों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए. इसके साथ ही अहाता में निरंतर साफ-सफाई और अन्य लाइसेंस शर्तों का नियमानुसार पालने करने के निर्देश दिए गए. साथ ही अहाता में सभी आवश्यक सुविधा तत्काल उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए.

अहाता लाइसेंसियों द्वारा शर्तों के उल्लंघन करने पर और समय पर लायसेंस फीस व बैंक गारंटी जमा नहीं करने पर सभी को नोटिस जारी किया गया. अहाता लाइसेंसियों को कड़ी हिदायत दी गई की किसी भी प्रकार से लाइसेंस शर्त का उल्लंघन नहीं करें. इस अवसर पर सभी वृत्त प्रभारी भी उपस्थित रहे.

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Jul 21 2024, 13:29

बारिश का रेड अलर्ट, मौसम विभाग ने 48 घंटे के लिए जारी किया अलर्ट, 16 जिलों में भीषण बारिश की चेतावनी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भीषण बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 घंटे के लिए प्रदेश कई जिलों से रेड अलर्ट और कई जिलों के आरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की तरफ से जारी चेतावनी के मुताबिक मौसम विभाग ने गरियाबंद, धमतरी, खैरागढ़, राजनांदगांव, मोहला मानपुर, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर में भीषण बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं बालोद जिले में भी तेज बारिश होगी। बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले के रेड अलर्ट जारी किया है। यहां काफी ज्यादा बारिश हो सकती है।

वहीं अगले 48 घंटे में रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, खैरागढ़, छुईखदान, राजनांदगांव, मोहला मानपुर, बस्तर, सुकमा जिले में भारी बारिश की संभावना है। वहीं कोंडगांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर जिले के लिए बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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Jul 21 2024, 12:18

तहसीलदारों ने 22 जुलाई से होने जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल की स्थगित

रायपुर- छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रदेश के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की मांगों को लेकर 22 जुलाई से शुरू होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया है. यह निर्णय शासन द्वारा की जा रही पहलों को समय देने के उद्देश्य से लिया गया है.

बता दें कि संघ की प्रमुख मांगों में राजस्व न्यायालय, भुइयाँ और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन, राजस्व न्यायालय में सुरक्षा, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 अनुपात में पदोन्नति, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा, जजेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना, प्रोटोकॉल कार्य हेतु उचित व्यवस्था, तहसीलदारों के लिए वाहन व्यवस्था, और ऑनलाइन कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन शामिल हैं.

संघ की कार्यकारिणी और सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश चंपावत के बीच बैठक में इन सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई. सचिव चंपावत ने इन मांगों पर हो रही कार्यवाही की जानकारी दी और आश्वासन दिया. संघ के प्रांताध्यक्ष नीलमणि दुबे ने बताया कि तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन में 50% पद आरक्षित रखने की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने की फाइल सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जा रही है.

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 में त्रुटि सुधार के मामलों में तहसीलदारों को पुनः अधिकार दिए जाने पर संघ ने शासन के किसान हित के निर्णय का सम्मान करते हुए हड़ताल को स्थगित कर दिया है. संघ की कार्यकारिणी आगामी बैठकों में आगे की रणनीति पर विचार करेगी.

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Jul 21 2024, 12:13

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की घोषणा अनुसार पंचायत सचिवों के शासकीयकरण हेतु समिति का हुआ गठन
रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा पंचायत सचिव दिवस के अवसर पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में पंचायत सचिव संघ के शासकीयकरण की मांग पर घोषणा किया था कि इसके कियान्वयन के लिए समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पंचायत सचिवों की शासकीयकरण की मांग एवं इसके कियान्वयन के विचार हेतु समिति का गठन किया गया है। सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग राजेश सिंह राणा को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। संचालक, पंचायत संचालनालय प्रियंका ऋषि महोबिया को सदस्य सचिव तथा वित्त नियंत्रक, विकास आयुक्त कार्यालय मो.यूनूस को सदस्य बनाया गया है। यह समिति 30 दिनों के भीतर अपना प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेगी।

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Jul 21 2024, 11:41

आयुष्मान कार्ड का गलत उपयोग करने वाले अस्पतालों पर की गई कार्रवाई, 48 अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही , 11 अस्पतालों के विरूद्ध लगाया जुर्माना
रायपुर-   आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आम जन के लिए एक अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत समस्त पात्र हितग्राहियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायें प्रदाय की जा रही है। अपने आर्थिक लाभ की दृष्टि से कई अस्पताल नियमों की अवहेलना कर मरीजों के अधिकार (आयुष्मान कार्ड) का दुरूपयोग करते हुए शासन को गुमराह कर रहे हैं । इसी कारण शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के सुचारू रूप से क्रियान्यवन हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियम विरुद्ध कार्य कर रहे अस्पतालों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है, जिसके तहत वर्ष 2024 में अब तक कुल 48 अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही की जा चुकी है।
इन 48 अस्पतालों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों पर जाँच उपरांत, 11 अस्पतालों के विरुद्ध जुर्माना लगाया जा चुका है एवं 1 अस्पताल का पंजीयन निरस्त (De-empanelment) किया गया है। इन अस्पतालों के विरुद्ध आयुष्मान कार्ड से इलाज करने के बाद भी हितग्राहियों से अतिरिक्त नगद राशि लेने, आर्थिक लाभ हेतु नियम विरुद्ध अनावश्यक रूप से मरीजों को योजना अंतर्गत भर्ती किये जाने एवं अवैधानिक तौर पर योजना के तहत गर्भाशय के ऑपरेशन करने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुयी थी।
इन अस्पतालों के विरूद्ध की गई कार्रवाही
नियम विरूद्ध कार्य करने पर जय तुलसी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल राजनंदगांव पर 15 हजार रुपए का अर्थदंड, श्री आरोग्यम हॉस्पिटल पर 11 लाख 41 हजार रुपए का अर्थदंड एवं अंकुर हॉस्पिटल रायपुर, 1 लाख 40 हजार का अर्थदंड, माँ यशोदा हॉस्पिटल, जिला-गरियाबंद पर 6 लाख 60 हजार रूपए, श्री राम हॉस्पिटल झलप, महासमुंद पर 11 लाख 41 हजार रूपए, अशोका हॉस्पिटल, रायपुर 31 लाख 60 हजार रूपए , ओमकार हॉस्पिटल बिलासपुर, 1 लाख 82 हजार रूपए, साईं समर्थ हॉस्पिटल रायपुर 4 लाख 25 हजार रूपए, CIMT हॉस्पिटल, रायपुर 11 लाख 8 हजार रूपए, केयर एंड क्योर हॉस्पिटल, बिलासपुर पर 12 लाख 74 हजार 900 रूपए का अर्थदंड एवं स्पर्श मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, दुर्ग पर 24 लाख 44 हजार 700 का अर्थदंड लगाया गया है।
48 अस्पतालों में से शेष 33 अस्पताल जिनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था उनके द्वारा प्राप्त स्पष्टीकरण पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । प्राप्त स्पष्टीकरण के आधार पर जल्द ही नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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Jul 21 2024, 10:46

सफलता की कहानी - कडुवाहट भरी जिंदगी में आई मिठास, नौकरी ने पहाड़ी कोरवाओं के जीवन में लाया उल्लास

रायपुर-     यह पहाड़ी कोरवा समारिन बाई है। कुछ दिन पहले तक इन्हें गिनती के कुछ लोग ही जानते थे। यह सिर्फ इनकी ही बात नहीं है। इनके गाँव की भी यहीं बात है। घने जंगल के बीच मौजूद इनके गाँव टोकाभांठा को भी बहुत कम लोग जानते हैं। मुख्य सड़क से दूर टोकाभांठा में रहने वाली पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का जीवन भी घने जंगल में बसे गाँव की तरह गुमनाम सा था। जहाँ सुबह का सूरज तो रोज निकलता था, लेकिन इनकी जिंदगी में गरीबी का अंधेरा जस का तस रहता था। दिन के उजाले में पहाड़ के नजदीक पहाड़ जैसी जिंदगी जीने वाली समारिन बाई ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें नौकरी मिल जायेगी और अंधेरे से घिरी गरीबी को दूर कर कडुवाहट भरी जिंदगी में मिठास तथा जीवन में उल्लास का उजियारा लाएगी।

कोरबा जिले के अजगर बहार ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम टोकाभांठा में रहने वाली समारिन बाई अब पहले से काफी बदल गई है। उनकी जिंदगी और रहन-सहन में बदलाव की शुरुआत हाल ही के दिनों से हुई है। जिला प्रशासन की पहल पर जब विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा था तब समारिन बाई की शिक्षा भी बहुत काम आई। कक्षा दसवीं तक पढ़ी समारिन बाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में वार्ड आया की नौकरी मिल गई। फिर क्या था, जंगल में बकरी चराने वाली और गरीबी की वजह से आर्थिक तंगी से जूझने वाली समारिन बाई अस्पताल में अलग रूप में नज़र आ रही है। ट्रे में दवाइयां लेकर मरीजों के वार्ड तक और डॉक्टर, नर्स के साथ उनके आस-पास समारिन का दिन गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह सरकारी अस्पताल में अपनी ड्यूटी करेगी। उन्हें तो लगता था कि हम पहाड़ी कोरवाओं की जिंदगी गरीबी के बीच जंगल में उनके पुरखों की तरह ही कठिनाइयों के बीच बीतेगी।

पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का कहना है कि उनका समाज ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। जंगल में गरीबी के बीच बहुत ही विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करना पड़ता है। ऐसे में शिक्षा से जुड़ पाना संभव नहीं हो पाता। खासकर लड़कियों को घर के काम करने पड़ते हैं, उनका स्कूल जाना और पढ़ाई पूरी कर पाना बहुत चुनौती है। मैंने किसी तरह पढ़ाई तो कर ली थी लेकिन नौकरी मिलेगी यह कभी सोचा ही नहीं था। समारिन बाई ने बताया कि उन्हें अस्पताल में नौकरी मिली है। इस जगह में रहकर वह जान पा रही है कि अन्य समाज के साथ कैसे रहना है। किस तरह पढ़ाई कर महिलाएं काम कर रही है। यहाँ बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी मानदेय में जो राशि मिल रही है उससे घर का खर्च चला रही है। भविष्य में कुछ पैसे बचत करने की कोशिश भी करेगी ताकि अपने बच्चों का भविष्य बना पाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में ही पहाड़ी कोरवा समार साय, बुधवार सिंह की भी स्वच्छक तथा वार्ड बॉय के रूप में नौकरी लगी है। मानदेय के आधार पर मिली नौकरी से दोनों खुश हैं और बताते हैं कि दिन भर जंगल में बिताने से बेहतर है कि यहां काम कर कुछ पैसे मिल जाएं। इससे घर परिवार का खर्च चल जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ी कोरवाओं को दी जा रही नौकरी की सराहना करते हुए कहा कि हमारी कड़ुवाहट भरी जिंदगी में नौकरी से मिठास जरूर आयेगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर अजीत वसंत ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में जिले के पहाड़ी कोरवाओं तथा बिरहोरों को योग्यता के आधार पर मानदेय में नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में पीवीटीजी के 19 युवाओं को अस्पतालों में विभिन्न पदों पर रखा गया है।