स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जशपुर जिला चिकित्सालय का किया निरीक्षण

रायपुर-     स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज जशपुर जिले के प्रवास के दौरान राजा देवशरण जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों का हालचाल पूछा और जिला चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा जांच उपकरणों एवं दवाओं की जानकारी ली। उन्होंने सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने के साथ ही अस्पताल की रख-रखाव एवं स्वच्छता के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने सीटी स्कैन, पोषण पुनर्वास केंद्र, पंजीयन कक्ष, ओपीडी कक्ष, कैंसर वार्ड, आईसीयू वार्ड, पोस्ट पेशेंट वार्ड, खून जांच लैब, मातृ शिशु स्वास्थ्य कक्ष का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी कक्ष में सीलिंग फॉल लगाने हेतु प्राक्कलन बनाने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जायसवाल ने आयुष्मान कार्ड समय पर बनाने कहा जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों से बातचीत कर निरंतर बेहतर चिकित्सा सेवा देने प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सफाई कर्मियों से भी बातचीत की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए जिला अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों की जरूरत है आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती भी की जाएगी। ऑक्सीजन प्लांट की रिपेयरिंग कराई जाएगी इसके लिए अस्पताल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन को सभी आवश्यकताओं का प्राक्कलन बनाकर प्रस्तुत करने की निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर, वार्ड, शौचालय को साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए ।

अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मी आंदोलन की राह पर, 22 और 23 जुलाई को करेंगे हड़ताल…

रायपुर-    मुख्यमंत्री से लेकर बड़े नेताओं को ज्ञापन देने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से व्यथित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. 22 और 23 जुलाई को इन संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने के आसार हैं.

छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी माँगों को लेकर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम सांसदों और विधायकों से मिल कर ज्ञापन दिया गया था. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर विवश होकर ध्यानाकर्षण के लिए 22 और 23 जुलाई को रायपुर में हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

इन सेवाओं पर पड़ेगा असर

एनएचएम और एड्स नियंत्रण मिशन से लगभग 16 हज़ार से ज्यादा डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल व प्रबंधकीय संवर्ग के कर्मचारी जुड़े हुए हैं. हड़ताल की वजह से इनके काम पर नहीं रहने से मरीजों के परीक्षण, जांच, दवाई, जन्म-मृत्यु पंजीयन, पोषण पुनर्वास, टीकाकरण सहित टीबी, मलेरिया, आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी. इसके अलावा प्रदेश में डायरिया, मलेरिया का प्रकोप चरम पर है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं के पटरी से उतरने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

आवेदन, निवेदन, ज्ञापन से नहीं बनी बात

छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि काम कर रहे कर्मचारी मानव संसाधन नीति 2018 से शासित होते हैं. समय के साथ नियमों में बदलाव की आवश्यकता है. नियमितिकरण सहित कुल 18 बिंदु मांग तथा गत वर्ष जुलाई में घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम बड़े मंत्रियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने की वजह से हड़ताल किया जा रहा है, जिसकी सूचना उच्च स्तर पर भी दे दी गई है.

अनुपूरक बजट सत्र घोषणा के बाद पालन नहीं

प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए अनुपूरक बजट सत्र 2023 में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा सदन में की गई थी, जिसके लिए 350 करोड़ का बजट रखा गया था. कई अन्य विभागों में वह प्राप्त भी हो चुका है, लेकिन आज तक एनएचएम तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है. अल्प वेतन में काम कर रहे कर्मचारियों को घोषित वेतन वृध्दि का लाभ न देना यह सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है.

ये है प्रमुख मांगें

18 बिंदु माँगों में नियमितिकरण, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड पे निर्धारण, वेतन विसंगति निराकरण, सीआर व्यवस्था में सुधार, चिकित्सा परिचर्या, अवकाश नियम में बदलाव, अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान में राशि मे वृद्धि, सेवा पुस्तिका संधारण, तबादला व्यवस्था में नियमितता जैसी प्रमुख मांगें सम्मिलित हैं.

अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मी आंदोलन की राह पर, 22 और 23 जुलाई को करेंगे हड़ताल…

रायपुर-    मुख्यमंत्री से लेकर बड़े नेताओं को ज्ञापन देने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से व्यथित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. 22 और 23 जुलाई को इन संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने के आसार हैं.

छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी माँगों को लेकर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम सांसदों और विधायकों से मिल कर ज्ञापन दिया गया था. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर विवश होकर ध्यानाकर्षण के लिए 22 और 23 जुलाई को रायपुर में हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

इन सेवाओं पर पड़ेगा असर

एनएचएम और एड्स नियंत्रण मिशन से लगभग 16 हज़ार से ज्यादा डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल व प्रबंधकीय संवर्ग के कर्मचारी जुड़े हुए हैं. हड़ताल की वजह से इनके काम पर नहीं रहने से मरीजों के परीक्षण, जांच, दवाई, जन्म-मृत्यु पंजीयन, पोषण पुनर्वास, टीकाकरण सहित टीबी, मलेरिया, आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी. इसके अलावा प्रदेश में डायरिया, मलेरिया का प्रकोप चरम पर है, ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं के पटरी से उतरने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

आवेदन, निवेदन, ज्ञापन से नहीं बनी बात

छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि काम कर रहे कर्मचारी मानव संसाधन नीति 2018 से शासित होते हैं. समय के साथ नियमों में बदलाव की आवश्यकता है. नियमितिकरण सहित कुल 18 बिंदु मांग तथा गत वर्ष जुलाई में घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम बड़े मंत्रियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने की वजह से हड़ताल किया जा रहा है, जिसकी सूचना उच्च स्तर पर भी दे दी गई है.

अनुपूरक बजट सत्र घोषणा के बाद पालन नहीं

प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए अनुपूरक बजट सत्र 2023 में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा सदन में की गई थी, जिसके लिए 350 करोड़ का बजट रखा गया था. कई अन्य विभागों में वह प्राप्त भी हो चुका है, लेकिन आज तक एनएचएम तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है. अल्प वेतन में काम कर रहे कर्मचारियों को घोषित वेतन वृध्दि का लाभ न देना यह सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है.

ये है प्रमुख मांगें

18 बिंदु माँगों में नियमितिकरण, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड पे निर्धारण, वेतन विसंगति निराकरण, सीआर व्यवस्था में सुधार, चिकित्सा परिचर्या, अवकाश नियम में बदलाव, अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान में राशि मे वृद्धि, सेवा पुस्तिका संधारण, तबादला व्यवस्था में नियमितता जैसी प्रमुख मांगें सम्मिलित हैं.

यूनिसेफ द्वारा छत्तीसगढ़ में कमजोर वर्गो को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना

रायपुर-   यूनिसेफ नई दिल्ली की सामाजिक नीति और सामाजिक सुरक्षा प्रमुख ह्यून ही बान के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आये दल ने छत्तीसगढ़ नीति आयोग के मार्गदर्शन में कमजोर वर्गो के समुदायों के बीच सामाजिक सुरक्षा की पहुंच बढ़ाने और बच्चों के अधिकार के लिए किए जा रहे कार्यो की सराहना की।

राज्य नीति आयोग में आज शाम हुई बैठक में सुश्री बान ने छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के काम की सराहना करते हुए कहा देश के अन्य राज्य भी नवीन नीतियों और कार्यक्रमों के लिए इस इकाई की गतिविधियों का अनुकरण कर सकते हैं। उन्होंने आयोग सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के नवोन्वेषी मॉडल की तारीफ करते हुए आयोग की सदस्यों को नई दिल्ली स्थित नीति आयोग में प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित किया। छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग में गठित सामाजिक नीति तकनीकी सहायता इकाई के माध्यम से राज्य और जिला स्तर पर साक्ष्य-आधारित नीतियों को विकसित करने और योजनाओं, कार्यक्रमों और सूचकांको में प्रगति की निगरानी में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए यूनिसेफ के साथ एक संयुक्त उद्यम है।

सुश्री बान के नेतृत्व में यूनिसेफ की दल गत दिनों कोंडागांव में युवोदय कार्यक्रम, दंतेवाड़ा मे छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क फॉर चिल्ड्रन (सीजी-पंच) का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और इन कार्यक्रमों को सराहा। यूनिसेफ के दल ने रायपुर में छत्तीसगढ़ एलायंस फॉर सोशल प्रोटेक्शन कार्यक्रम की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम के जरिए कमजोर समुदायों के बीच सामाजिक सुरक्षा की पहुंच बढ़ाने में सहायता दी जा रही है।

राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनुप कुमार श्रीवास्तव ने आकांक्षी ब्लॉकों और जिलों में यूनिसेफ के काम की सराहना की और छत्तीसगढ़ में बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए यूनिसेफ के साथ साझेदारी के लिए आयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस बैठक में आयोग के संयुक्त संचालक नीतू गौरडिया, आपातकालीन विशेषज्ञ यूनिसेफ नई दिल्ली सरबजीत सिंह सहोता, सामाजिक नीति विशेषज्ञ, यूनिसेफ डॉ. बाल परितोष दास, यूनिसेफ के आपातकालीन पदाधिकारी विशाल वासवानी एवं एसपीटीएसयू के डॉ. संतु मैती एवं डॉ. हेमंत कुमार उपस्थित थे।

मिनीमाता महतारी जतन योजना: जागृति को मिला 20 हजार का चेक, महासमुंद जिले की 8846 हितग्राहियों को मिला लाभ

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में मिल रहा है गर्भवती महिलाओं को लाभ। गरीब परिवारों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान सबसे बड़ी समस्या आती है। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए, छत्तीसगढ़ में मिनीमाता महतारी जतन योजना की शुरुआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिलाओं को प्रसूति सहायता राशि प्रदान करना है। इससे महिलाओं को मदद मिलेगी और उनके परिवार को लाभ होगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिनीमाता महतारी जतन योजना के अंतर्गत, पंजीकृत हितग्राहियों को 20 हजार रुपये की प्रसूति सहायता राशि दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य की अधिकतर जरूरतमंद महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

महासमुंद जिले में मिनीमाता महतारी जतन योजना की शुरुआत से अब तक 8846 हितग्राहियों को लाभ मिला है। जिसमें महासमुंद की सुभाष नगर निवासी जागृति साहू को 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। जागृति ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिक हैं। उन्होंने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि का उपयोग बच्चे के रहन-सहन और उचित देखभाल में किया जा रहा है।

मिनीमाता महतारी जतन योजना की पात्रता

गौरतलब है कि मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ लेने के लिए महिला श्रमिकों का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत होना अनिवार्य है। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को बच्चे के जन्म के 90 दिनों के भीतर श्रमिक पंजीयन प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, उत्तराधिकारी का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, शिशु के जन्म प्रमाण पत्र तथा मूल दस्तावेज के साथ श्रम विभाग, लोक सेवा केंद्र या वीएलई के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

अवैध कब्जे पर निगम की अधूरी कार्रवाई, कोर्ट के आदेश के बाद भी पूरी तरह नहीं हटाया गया अतिक्रमण

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के रायपुर में अवैध अतिक्रमण का एक और मामला सामने आया है. रायपुर जोन-10 अन्तर्गत तेलीबांधा क्षेत्र के एक निजी होटल द्वारा संयुक्त आवागमन के रास्ते से लगी हुई दूसरे के जमीन पर अवैध रूप से घेराबंधी कर दी गई है. मामले की शिकायत के बाद कोर्ट ने एसडीएम को अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश दिया था. इसके बाद बेरीकेटिंग हटाया गया, लेकिन अन्य अतिक्रमण को कल तक अतिक्रमणकारी को ही हटाने का आदेश दिया है.

जानकारी के अनुसार, मामला एक संयुक्त आवागमन के रास्ते पर घेराबंदी करने का है. रायपुर तेलीबंधा मेन रोड के सर्विस रोड पर एक निजी होटल है, जिससे लगी हुई त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन में निर्माण का कार्य चल रहा है. होटल और सलूजा के जमीन के बीच एक सार्वजनिक सड़क है जिसे 30-35 सालों से दोनों ही उपयोग करते आये हैं. लेकिन 3 माह पहले त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन की ओर आने जाने वाले रास्ते पर होटल ने सौंदर्यीकरण कर घेराबंधी कर दिया और रास्ते में बेरिकेट भी लगा दिए. इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने विवाद किसी अपराध में न तब्दील हो. इसे देखते हुए जोन आयुक्त को अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया जिसके बाद आज निगम की तरफ कार्रवाई की गई.

भूस्वामी त्रिलोचन सिंह सलूजा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आज नगर निगम जोन क्रमांक दस ने बेरिकेट तो हटाया, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर की गई घेराबंदी को हटाने का आदेश होटल को ही दे दिया है, जबकि अतिक्रमण हटाना निगम का काम होता है. ऐसे में देखना होगा कि अगर निजी होटल की तरफ से की गई अवैध घेराबंदी नहीं हटाई जाती है तो निगम समय से कार्रवाई करती है या नहीं.

महादेव ऑनलाइन सट्टा एप और कोयला घोटाला मामले में EOW ने पेश किया चालान, दोनों मामलों में अब तक 25 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा एप और कोयला घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने चालान पेश कर दिया है. ईओडब्ल्यू ने दोनों मामलों का चालान विशेष कोर्ट में पेश कर दिया है. जिसमें आरोपियों की चल-अचल संपत्ति समेत अन्य दस्तावेज तैयार किए गए हैं. बता दें कि ईओडब्ल्यू ने महादेव ऑनलाइन बैटिंग एप के मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं कोयला घोटाला मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


महादेव बुक एप

EOW की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, महादेव बुक एप में आज कुल 10 गिरफ्तार आरोपियों रितेश कुमार यादव, राहुल वक्टे, चन्द्रभूषण वर्मा, सतीश चन्द्राकर, सुनील कुमार दम्मानी, भीम सिंह यादव, अमित कुमार अग्रवाल, अर्जुन सिंह यादव, नीतिश दीवान और किशनलाल वर्मा के खिलाफ भा.द.वि. की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 एवं 201, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018) की धारा 7 एवं 7A, छ.ग. जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम, 2022 की धारा 4, 7, 8, 11 एवं सार्वजनिक द्यूत अधिनियम, 1867 ( यथासंशोधित सार्वजनिक द्यूत (म. प्र. संशोधन) अधिनियम, 1976) की धारा 4क के अंतर्गत विशेष न्यायालय रायपुर में अभियोग पत्र पेश किया गया है. ये सभी आरोपी अभी न्यायिक अभिरक्षा में है.

मामले के अन्य 04 आरोपियों सतीश चन्द्राकर, सौरभ चन्द्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी जो कि महादेव बुक ऐप के प्रमोटर्स और संचालक हैं. उन सभी के संबंध में उपरोक्त धाराओं में पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण फरारी में कार्रवाई की जा रही है.

अवैध कोयला लेवी मामला

अवैध कोल लेवी मामले में आज कुल 15 आरोपियों सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग, संदीप कुमार नायक, सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, लक्ष्मीकांत तिवारी, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, पारेख कुर्रे, राहुल सिंह, रोशन कुमार सिंह और वीरेन्द्र जायसवाल के खिलाफ भा.द.वि. की धारा 120बी, 420 और 384 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 ( यथा संशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018) की धारा 7, 7 ए, एवं 12 के अंतर्गत विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.) रायपुर में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया.

“राज्यकर्मियों को मिल सकता है कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस” संयुक्त मोर्चा ने रखा प्रस्ताव, स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द फैसला लेने का दिलाया भरोसा

रायपुर-    राज्यकर्मियों के लिए जल्द ही कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस लागू हो सकता है। संयुक्त मोर्चा की तरफ से राज्य सरकार को इसे लेकर प्रस्ताव किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद मोर्चा के प्रस्ताव पर सरकार सहमत भी होती दिख रही है। इससे पहले छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल 19 जुलाई को मंत्रालय मे राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिलकर उत्तरप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को पांच लाख रूपए तक का पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कैशलेश चिकित्सा योजना को लागू करने की मांग की।

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए प्रतिनिधिमंडल को इस दिशा में जल्द निर्णय का भरोसा दिलाया।  प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को चार प्रतिशत डीए का ज्ञापन देकर मुख्य मंत्री से मांग पूरा कराने का अनुरोध किया। प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत, लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष करन सिंह अटेरिया,तथा तीरथ लाल सेन, सुनील यादव,मनोज कुमार साहू,नरेंद्र कुमार ठाकुर, कांति सूर्यवंशी एवं धनेश्वरी साहू सम्मलित थे।

बीजेपी विधायक दल की बैठक : विधानसभा मानसून सत्र के लिए एकजुट हुई भाजपा, बनाई गई रणनीति

रायपुर- विधानसभा मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री निवास में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई. विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय सहित विधायक मौजूद रहे. बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई.

बैठक को लेकर तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जबरदस्त बैठक हुई है. सभी विधायक गण शामिल हुए. मानसून सत्र को लेकर रणनीति तय की गई है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. बलौदाबाजार हिंसा के मामले को लेकर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि घटना हुई है. सरकार जवाब देने के लिए तैयार है.

विधायक दल की बैठक को लेकर विधायक भावना वोरा ने कहा कि बैठक में सभी विधायकों से चर्चा की गई है. मानसून सत्र को लेकर रणनीति तैयार की गई. कई विधायक नए हैं जो विधानसभा सत्र में पहली बार शामिल होंगे. विपक्ष के पास मुद्दे नहीं है. विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर जो बयान दे रहा है उन्हें पहले अपने 5 साल के कार्यकाल को देखना चाहिए. 6 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में लोन ऑर्डर की स्थिति अच्छी हुई है पिछले 5 साल के मुकाबले अपराध के ग्राफ में कमी आई है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन की बड़ी कार्रवाई, जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही पर 6 ईई निलंबित, 4 को नोटिस

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश के बाद आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने छह कार्यपालन अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। साथ ही चार जिलों के कार्यपालन अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री  अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंत्रालय से आज छह कार्यपालन अभियंताओं के निलंबन के आदेश और चार कार्यपालन अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बरतने और त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग किए जाने को गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार, बिलासपुर के कार्यपालन अभियंता यू.के. राठिया, बैकुंठपुर के कार्यपालन अभियंता चंद्रबदन सिंह, बेमेतरा के कार्यपालन अभियंता आर.के. धनंजय, अंबिकापुर के कार्यपालन अभियंता एस.पी. मंडावी और सुकमा के कार्यपालन अभियंता जे.एल. महला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं दुर्ग के कार्यपालन अभियंता उत्कर्ष पाण्डेय, बालोद के कार्यपालन अभियंता सुक्रांत साहू, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कार्यपालन अभियंता एस.एस. पैकरा तथा सारंगढ़-बिलाईगढ़ के कार्यपालन अभियंता कमल कंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विगत दिनों जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान इसे राज्य और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए अधिकारियों को गंभीरतापूर्वक काम करने और निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने जल जीवन मिशन के प्रगतिरत कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने को कहा था। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी मिशन के कार्यों पर नाखुशी जाहिर करते हुए अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा गांवों में शत-प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह और त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राज्य शासन द्वारा निलंबन के बाद कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय कोंडागांव, यू.के. राठिया का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय रायपुर, चंद्रबदन सिंह का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय सरगुजा, आर.के. धनंजय का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय दुर्ग, एस.पी. मंडावी का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय बिलासपुर और जे.एल. महला का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय जगदलपुर नियत किया गया है। नियमानुसार निलंबन अवधि में इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कारण बताओ नोटिस की कार्रवाई वाले चारों कार्यपालन अभियंताओं को सूचना पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर अपना प्रतिवाद प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में प्रतिवाद प्राप्त नहीं होने पर यह समझा जाएगा कि संबंधित कार्यपालन अभियंताओं को इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। तदुपरांत शासन द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।