बीजेपी विधायक दल की बैठक : विधानसभा मानसून सत्र के लिए एकजुट हुई भाजपा, बनाई गई रणनीति

रायपुर- विधानसभा मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री निवास में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई. विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय सहित विधायक मौजूद रहे. बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई.

बैठक को लेकर तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जबरदस्त बैठक हुई है. सभी विधायक गण शामिल हुए. मानसून सत्र को लेकर रणनीति तय की गई है. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. बलौदाबाजार हिंसा के मामले को लेकर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि घटना हुई है. सरकार जवाब देने के लिए तैयार है.

विधायक दल की बैठक को लेकर विधायक भावना वोरा ने कहा कि बैठक में सभी विधायकों से चर्चा की गई है. मानसून सत्र को लेकर रणनीति तैयार की गई. कई विधायक नए हैं जो विधानसभा सत्र में पहली बार शामिल होंगे. विपक्ष के पास मुद्दे नहीं है. विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर जो बयान दे रहा है उन्हें पहले अपने 5 साल के कार्यकाल को देखना चाहिए. 6 महीने के कार्यकाल में प्रदेश में लोन ऑर्डर की स्थिति अच्छी हुई है पिछले 5 साल के मुकाबले अपराध के ग्राफ में कमी आई है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन की बड़ी कार्रवाई, जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही पर 6 ईई निलंबित, 4 को नोटिस

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश के बाद आज लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने छह कार्यपालन अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। साथ ही चार जिलों के कार्यपालन अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री  अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंत्रालय से आज छह कार्यपालन अभियंताओं के निलंबन के आदेश और चार कार्यपालन अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बरतने और त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग किए जाने को गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार, बिलासपुर के कार्यपालन अभियंता यू.के. राठिया, बैकुंठपुर के कार्यपालन अभियंता चंद्रबदन सिंह, बेमेतरा के कार्यपालन अभियंता आर.के. धनंजय, अंबिकापुर के कार्यपालन अभियंता एस.पी. मंडावी और सुकमा के कार्यपालन अभियंता जे.एल. महला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं दुर्ग के कार्यपालन अभियंता उत्कर्ष पाण्डेय, बालोद के कार्यपालन अभियंता सुक्रांत साहू, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कार्यपालन अभियंता एस.एस. पैकरा तथा सारंगढ़-बिलाईगढ़ के कार्यपालन अभियंता कमल कंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विगत दिनों जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान इसे राज्य और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए अधिकारियों को गंभीरतापूर्वक काम करने और निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने जल जीवन मिशन के प्रगतिरत कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने को कहा था। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी मिशन के कार्यों पर नाखुशी जाहिर करते हुए अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा गांवों में शत-प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह और त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राज्य शासन द्वारा निलंबन के बाद कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय कोंडागांव, यू.के. राठिया का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय रायपुर, चंद्रबदन सिंह का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय सरगुजा, आर.के. धनंजय का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय दुर्ग, एस.पी. मंडावी का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय बिलासपुर और जे.एल. महला का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता कार्यालय जगदलपुर नियत किया गया है। नियमानुसार निलंबन अवधि में इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कारण बताओ नोटिस की कार्रवाई वाले चारों कार्यपालन अभियंताओं को सूचना पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर अपना प्रतिवाद प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में प्रतिवाद प्राप्त नहीं होने पर यह समझा जाएगा कि संबंधित कार्यपालन अभियंताओं को इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। तदुपरांत शासन द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।

22 जुलाई गुरू पूर्णिमा के दिन विद्यालयों में होंगे विविध आयोजन गुरूजनों एवं शिक्षकों का होगा सम्मान
रायपुर-   राज्य के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में 22 जुलाई को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरू पूर्णिमा उत्सव का गरिमामय आयोजन होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा आज मंत्रालय महानदी भवन में मंत्री परिषद की बैठक में गुरू पूर्णिमा उत्सव के आयोजन के संबंध में दिए गए निर्देश के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा सभी कलेक्टरों एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को जारी निर्देश के अनुसार विद्यालयों में 22 जुलाई को गुरू पूर्णिमा उत्सव का गरिमामय आयोजन साधु-संतों, गुरूजनों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं पूर्व छात्राओं सहित गणमान्य लोगों की मौजूदगी में होगा। इस दौरान सरस्वती वंदना, गुरूवंदना, दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही गुरूजनों एवं शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। प्रार्थनासभा के बाद प्रार्थना स्थल पर गुरू पूर्णिमा के महत्व एवं पारंपरिक गुरू शिष्य संस्कृति पर शिक्षकों का व्याख्यान होगा। इस आयोजन के दौरान प्राचीन काल में प्रचलित गुरूकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव विषय पर निबंध लेखन तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरू संस्मरण पर संभाषण भी होगा।
सफलता की कहानी - चिर्रा से श्यांग, पूरी होगी सड़क की मांग, डीएमएफ से किया गया 12 करोड़ का प्रावधान

रायपुर-  खनिज बहुल छत्तीसगढ़ के खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने में डीएमएफ फंड का प्रभावी इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरबा जिले में, जहां दुनिया की दो बड़ी कोयला खदानें गेवरा और कुसमंडा स्थित हैं, वहां कोरबा विकासखण्ड के वनांचल क्षेत्र में चिर्रा से श्यांग तक कच्ची और जर्जर सड़क को डीएमएफ फंड की राशि से पक्की बनाया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा वर्षों से इस सड़क को बनाने की मांग की जा रही थी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए करने के निर्देश दिए हैैं। इस राशि का उपयोग इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क और ग्रामीणों को आजीविका का साधन उपलब्ध कराने में किया जा रहा है। इसी क्रम में चिर्रा से श्यांग तक सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गई है। कोरबा विकासखंड अंतर्गत वनांचल क्षेत्र चिर्रा से श्यांग तक की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। हाथी प्रभावित होने के साथ ही मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर इस सड़क की स्थिति विगत एक दशक से अधिक समय से जर्जर है। सड़क जर्जर होने की वजह से इस क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों को आवागमन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय इस मार्ग में कीचड़ और गर्मी के समय में धूल का गुबार उठने से राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है। वर्षों से इस मार्ग को बनाने की मांग ग्रामीण करते आ रहे हैं। लेकिन चिर्रा से श्यांग मार्ग में पक्की सड़क नहीं बन पाई थी। शहर से दूर चिर्रा और श्यांग क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को जिला खनिज संस्थान न्यास से बनाने का निर्णय लिया गया है। इस मार्ग के लिए 12 करोड़ की राशि का प्रावधान रखा गया है।

जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से कोरबा जिले के खनन प्रभावित क्षेत्र सहित दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में विकास की नींव रखी जा रही है। वनांचल क्षेत्रों के लोगों को बेहतर आवागमन मुहैया कराने अति आवश्यक सड़कों का निर्माण करने की पहल की गई है। डीएमएफ की बैठक में अध्यक्ष एवं कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा सदस्यों के बीच चिर्रा से श्यांग मार्ग हेतु डीएमएफ से 12 करोड़ की राशि का प्रावधान रखे जाने की जानकारी प्रस्तुत किये जाने पर सभी ने सहमति जताते हुए इस प्रस्ताव की सराहना की। चिर्रा से श्यांग की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। इस मार्ग से गुरमा एवं श्यांग होकर धरमजयगढ़ पहुंचा जा सकता है। मार्ग के बनने से इस क्षेत्र में मौजूद गांव सिमकेदा, विमलता, चिर्रा, गीतकंवारी, लबेद, तीतरडांड, गिरारी सहित इस क्षेत्र में आवागमन करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। मार्ग की स्थिति जर्जर होने की वजह से शाम होते ही यहां आवागमन बंद सा हो जाता था। बारिश होने के साथ ही मार्ग में कीचड़ और वाहन फसने से वाहन चालक परेशान होते थे।

डीएमएफ से सड़क निर्माण के लिए 12 करोड़ की राशि का प्रावधान किये जाने पर क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी है। मार्ग से आवागमन कर रही महिला ललिता बाई, सुकदेव सिंह, रामेश्वर बाधे ने कहा कि वे इस मार्ग से कोरबा शहर की ओर जरूरी काम से जाते हैं। कई बार लौटने में विलंब हो जाता है। इस दौरान हाथी प्रभावित क्षे़त्र होने तथा बारिश में मार्ग कीचड़ से लथपथ होने की वजह से डर बना रहता है। अब सड़क बनने के लिए राशि स्वीकृत होने पर खुशी है कि जल्दी ही हम लोगों को पक्की सड़क नसीब हो पायेगी।

पहुंचविहीन अमलडीहा से मालीकछार तक होगा सड़क का निर्माण-

कोरबा जिले के अंतिम छोर के ग्राम अमलडीहा से माली कछार तक पक्की सड़क नहीं होने का खामियाजा इस क्षेत्र के ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। इस क्षेत्र में शासकीय योजनाओं का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर अजीत वसंत के समक्ष ग्रामीणों ने सड़क नहीं होने की बात रखी थी। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को अमलडीहा से मालीकछार तक सड़क निर्माण हेतु निरीक्षण करने और प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। डीएमएफ की बैठक में इस मार्ग के निर्माण के लिए 10 करोड़ रूपये का प्रावधान रखते हुए समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु रखा गया था। समिति द्वारा इस मार्ग के निर्माण की सहमति प्रदान की गई।

तबादले के बाद भी नहीं किया जा रहा अधिकारी और कर्मचारियों को रिलीव, GAD ने सभी विभागों के सचिवों को जारी किया पत्र

रायपुर- मंत्रालय के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों की नवीन पदस्थापना होने पर कार्यमुक्त किया जा रहा है. इसके संबंध में समस्त विभागों के सचिवों को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है.

जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक आवश्यकता और कार्य व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से मंत्रालय के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों की पदस्थापना एक विभाग से दूसरे विभाग में की जाती है. अक्सर यह देखा गया है कि इन अधिकारी-कर्मचारियों की अन्यत्र पदस्थापना किये जाने पर नवीन पदस्थापना स्थल पर लंबे समय तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया जा रहा है. इसका मुख्य कारण संबंधित प्राधिकारी द्वारा उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जाना है. किसी एक विभाग / शाखा द्वारा कार्यमुक्त नहीं करने से एवजीदार की प्रत्याशा में दूसरे स्थानांतरित कर्मचारी को भी कई बार कार्यमुक्त नहीं किया जाता है.

दो डिप्टी इंजीनियर सहित एक सीएमओ निलंबित, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार को दो डिप्टी इंजीनियर सहित एक सीएमओ को अनुशासन हीनता और काम में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया है. यह आदेश नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के अवर सचिव दानिएल एक्का ने जारी किये हैं.

बता दें, बसंत कुमार बुनकर (सीएमओ) और भूमिका शास्त्री नगर पंचायत कोतबा में उप अभियंता के पद पर पदस्थ थीं. दोनों को आदर्श आचार संहिता के दौरान स्वीकृति लिए बिना ही अनुपस्थित रहने और उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना करने के लिए राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है. वहीं दीपक अग्रवाल (उप अभियंता) जो मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत स्वच्छता रेटिंग गिरने के लिए जिम्मेदार पाये गये. इस पर संतोषपूर्ण जवाब ना मिलने पर दीपक को भी निलंबित कर दिया गया है.

जलजीवन मिशन ने बदली भुईगांव के ग्रामीणों की जिंदगी, पेयजल की समस्या से मिली निजात, ग्रामीणों की आजीविका में हुआ सुधार

रायपुर-   ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र शासन द्वारा शुरू की गई योजना जल जीवन मिशन से कई गांवों में पेयजल की समस्या दूर हो रही है। इससे न केवल शुद्ध पेयजल मिल रहा है बल्कि ग्रामीण जल संरक्षण के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार पूरे छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन का कार्य तेजी से संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर बस्तर कांकेर जिले के चारामा विकासखण्ड के ग्राम भुइगांव जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक ऐसा गांव है, जहां वर्षों से पीने के साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के तहत् पेयजल की समस्या से निजात मिली है। पहले गांव के लोग, विशेषकर महिलाएं और बच्चे, हर दिन लंबी दूरी तय कर पानी लाते थे, जिससे उन्हें शारीरिक श्रम के साथ-साथ समय भी अधिक लगता था। ग्रामीणजन और सरपंच इस समस्या से निजात पाने का प्रयास कर रहे थे। कई ग्रामीण पानी की कमी के कारण बोर खुदवाने को भी मजबूर थे। ऐसे में गांव का भूजल स्तर भी कम होने लगा था।

ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल प्रदाय कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग कांकेर द्वारा जलजीवन मिशन के तहत ग्राम भुइगांव में पानी की समस्या को दूर करने के लिए योजना बनाई गई और सबसे पहले, गांव में पानी की कमी की सही स्थिति का आंकलन किया गया। इसके बाद नल से जल आपूर्ति के लिए कार्य शुरू किया गया और गांव के प्रत्येक घर में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिए पाइपलाइन बिछाई गई। पानी टंकी का निर्माण कर गांव के पास स्थित एक जलस्रोत से पाईपलाइन के माध्यम से पानी गांव तक पहुंचाया गया और जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की व्यवस्था की गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि ग्रामीणों को जल की गुणवत्ता की जांचने का प्रशिक्षण देकर जल परीक्षण किट्स वितरित की गई है, जिससे ग्रामीण स्वयं पानी को परख कर सकें।

ग्रामवासियों को जलजीवन मिशन के महत्व और लाभों के बारे में भी जागरूक किया गया। गांव में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और जागरुकता रथ से ग्रामीणों को जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया गया, साथ ही जल प्रबंधन, जल संरक्षण और स्वच्छता पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। ग्रामीणों को जल की गुणवत्ता की जांच करने और जल स्रोतों को सुरक्षित रखने के तरीकों की भी जानकारी दी गई। जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी इस टंकी ने गांव में सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद भी लाई। गांव के लोगों की आजीविका में भी सुधार हुआ और वे आत्मनिर्भर बनने लगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एक गैर शासकीय संगठन के सहयोग और प्रयासों से ग्रामीणों को जागरूक करने में काफी हद तक सफलता मिली। ग्राम भुइगांव के सभी ग्रामीण अब गर्व से कहते हैं कि गांव में जलजीवन मिशन ने उन
की जिंदगी बदल दी।

प्राकृतिक आपदा पीड़ित 11 परिवारों को 44 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

रायपुर-   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्राकृतिक आपदा पीड़ित परिवारों को त्वरित आर्थिक सहायता स्वीकृत की जा रही है। इसी कड़ी में बस्तर जिले के कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. द्वारा प्राकृतिक आपदा पीड़ित 11 परिवारों को 44 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।

राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत इन परिवारों को आर्थिक सहायता स्वीकृत किया गया है। जिनमें तहसील बस्तर अन्तर्गत दुबे उमरगांव निवासी गुली उर्फ इच्छा कश्यप की सांप काटने से मृत्यु होने के कारण उनके पिता श्री मिठूराम को, ग्राम भोण्ड के निवासी फुलबती की मृत्यु पानी में डूबने से उसकी नानी श्रीमती रूकमनी को, बस्तर निवासी देवेन्द्र की नहर नाली में डूबने से मृत्यु होने पर उनके पिता श्री कमलू को, ग्राम घाटकवाली निवासी अन्तुराम की मृत्यु नदी के पानी में डूबने से होने पर उसकी पुत्री सुश्री लच्छमनी को, तहसील तोकापाल के कुरेंगा निवासी सदा की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उसकी पत्नी श्रीमती रयमती को 4-4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार तहसील लोहण्डीगुड़ा के कोड़ेनार निवासी दयाराम की नदी में डूबने से मृत्यु होने पर उनकी माता श्रीमती दशसाय को, तहसील भानपुरी अन्तर्गत ग्राम सिवनी निवासी गुड्डूराम की नारंगी नदी में डूबने से मृत्यु होने पर उसकी पत्नी श्रीमती सुकरी को, ग्राम कावंड़गांव निवासी लखन की मृत्यु नदी में डूबने से होने के कारण उसकी पत्नी श्रीमती उर्मिला को, ग्राम केशरपाल निवासी गौतम की पानी में डूबने से मृत्यु होने पर उनके पिता श्री सुकनाथ को, तहसील बकावण्ड के बेलपुटी निवासी धनसिंग की नदी में डूबने से मृत्यु होने पर उनकी पत्नी श्रीमती सुहागी को और ग्राम कोसमी निवासी परमेश्वर की मृत्यु पानी में डूबने से होने के कारण उनके पिता श्री दयनु को आर्थिक सहायता स्वीकृत किया गया है। प्रत्येक पीड़ित परिवार को चार-चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।

जिला कांग्रेस की बैठक में जमकर हंगामा : PCC चीफ बैज के सामने पदाधिकारियों ने निकाली भड़ास, उपेक्षा का लगाया आरोप

धमतरी- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के सामने आज जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपनी भड़ास निकाली. दरअसल पीसीसी चीफ बैज आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेसियों की बैठक ले रहे थे. इस दौरान कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया. जिले के पदाधिकारियों ने आवाज उठाते हुए कांग्रेस पार्टी को बर्बाद करने का आरोप लगाया.

बैठक में कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और भूतपूर्व पदाधिकारियों ने हंगामा किया. विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शहर के सभी 40 वार्डों में कांग्रेस की हार से जिला संगठन के पदाधिकारियों ने अपना आक्रोश निकाला. उन्होंने कहा कि पांच साल तक कांग्रेस सत्ता में थी तो कार्यकर्ताओं की कोई पूछ परख नहीं होती थी. इस दौरान पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नाराज कांग्रेसियों से अलग से मिलने की बात कही.

कृषि मंत्री और वन मंत्री छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा में हुए शामिल

रायपुर-   आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सबकी सहभागिता से ही समाज का विकास होगा। आदिवासी समाज की समृद्ध इतिहास और परंपरा है, उनके रीति-रिवाज और दैनिक-दिनचर्या व रहन-सहन है। इस समृद्ध, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही नई पीढ़ियों को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि इन्हीं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण आदिवासी समाज की एक अलग पहचान है। इस परम्परा को बनाएं रखना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समाज का विकास अच्छे कार्यों का अनुकरण और अपने सांस्कृतिक विरासतों को अन्य समाजों तक पहुंचाकर किया जा सकता है।

मंत्री श्री नेताम ने कहा कि समाज को रचनात्मक कार्याें की दिशा में आगे आना चाहिए। दिग्भ्रमित करने वाले लोगों से बचते हुए समाज को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों में आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती, राज मोहिनी देवी, शहीद वीर नारायण सिंह, बिरसा मुण्डा, वीर गुण्डाधूर सहित अन्य महापुरूषों के बताए हुए मार्गों पर चल हमें समाज के उत्थान के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा काम करें जिससे समाज का गौरव हो, नई पीढ़ी उसके कार्यों का अनुकरण करें। मंत्री श्री नेताम ने साहित्यिक और सामाजिक तथा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज के लोगों को प्रोत्साहन देने उनका सम्मान करने की बात कही। उन्होंने शासन की योजनाओं का शत्-प्रतिशत लाभ लेने के लिए समाज को आगे आने की अपील की।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने गोंडवाना गोड़ महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के सभी तबको के विकास के लिए हमें सर्व आदिवासी हित में काम करने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति जो कई वर्षों से समाज के उत्थान में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं, उनका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति परंपरा, रीति-रिवाज सहन-सहन को संरक्षित करने, समाज के महापुरूषों के बारे में आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने की दिशा में भी कारगर कदम उठाने की जरूरत है। मंत्री श्री कश्यप ने मेले-मड़ई सहित आदिवासियों की जीवन शैली को संरक्षित करने पर बल दिया।

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए समाज के पदाधिकारियों ने आदिवासी समाज के विकास के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए। मंत्री द्वय श्री नेताम और श्री कश्यप ने इस मौके पर धमतरी के लेखक श्री डुमन लाल धु्रव द्वारा छत्तीसगढ़ के परंपरिक आभूषणों पर आधारित किताब ”छत्तीसगढ़ का लोक आभूषण” का विमोचन किया।

कार्यक्रम में विधायक नीलकंठ टेकाम, छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पवन साय, एम.डी.ठाकुर, बी.पी.एस. नेताम, विकास मरकाम सहित बड़ी संख्या में प्रदेश के गोंडवाना राज के पदाधिकारी उपस्थित थे।