अपने बेटे की मौत की दुआ करती माँ उसकी मौत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाया

 हर मां अपनी ममता के लिए जानी जाती है। अपनी संतान के हर दुख की घड़ी को वह अपना समझती है। उसके लिए सब कुछ निछावर कर देती है।

उसके सुखद जीवन के लिए सदा दुआ करती है, लेकिन दिल्ली से सटे गाजियाबाद की रहने वाली एक मां प्रत्येक दिन अपने बेटे की मौत के लिए दुआ मांग रही है, क्योंकि वह पिछले 11 सालों से लगातार बिस्तर में पड़ा है।

उसकी सिर्फ सांसें चल रही हैं और उसकी जिंदगी की और कोई निशानी भी नहीं बची है। बिस्तर पर पड़े-पड़े उसका शरीर भी अब धीरे-धीरे कंकाल में बदलता जा रहा है, लेकिन मौत है कि उसे आती नहीं। इसीलिए मां ने मायूस होकर और अपने बेटे की मौत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

 बनना चाहता था इंजीनियर

बेटे की देखरेख करने वाली उनकी मां निर्मला का कहना है कि जब बिस्तर में ही पड़े-पड़े सड़े तो फिर ऐसी जिंदगी का फायदा ही क्या है। जो हरीश की तकलीफ और स्थिति है, अब और नहीं देखा जाता। हाथ और पैर बिल्कुल डेढ़े हो गए हैं। इसे अब भगवान अपने आप ही मुक्ति दे दें। भगवान इसे ठीक करें हम नहीं बोल रहे पर इसे अब मुक्ति ही दे दें।

परिजनों ने बताया कि हरीश की जिंदगी 11 साल पहले पूरी तरह से गुलजार थी। वह इंजीनियर (Engineer) बनना चाहता था। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उसने साल 2013 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था।

बालकनी से गिरकर हो गया था बेहोश

अपनी पढ़ाई के दौरान वह यूनिवर्सिटी के पास ही मोहाली में एक हॉस्टल nमें रहता था। उसका कमरा चौथी मंजिले पर था।

एक दिन वह कॉलेज से आकर अपने हॉस्टल की बालकनी पर था और उसी बीच अचानक बालकनी से नीचे गिर पड़ा। इससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आई थी। वह होश में नहीं था लेकिन उसकी सांसें चल रही थी।

वहीं इस घटना के बाद उसे आनन-फानन में PGI चंडीगढ़ ले जाया गया। इस संबंध में मोहाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है उस समय हरीश के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को जान-बूझकर बालकनी से कुछ लड़कों ने धक्का देकर गिराया था।

इलाज में खराब हो गई घर की हालत

चंडीगढ़ PGI में उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। यहां तक कि डॉक्टरों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। अंत में डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया।

इसके पश्चात घरवालों ने उसे दिल्ली के ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल उसके बाद लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल और उसके बाद फिर फोर्टिस अस्पताल भर्ती कराया।

मगर कुछ भी फायदा नहीं हुआ। बेटे के इलाज के कारण घर की माली हालत दिनों-दिन और भी खराब होती चली गई।

आज ही के दिन 1969 में 14 निजी बैंकों का प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था राष्ट्रीयकरण

नयी दिल्ली : देश के बैकिंग इतिहास में 19 जुलाई को महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई, 1969 को 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। इन बैंकों पर अधिकतर बड़े औद्योगिक घरानों का कब्जा था। राष्ट्रीयकरण का दूसरा दौर 1980 में आया, जिसके तहत सात और बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया।

देश-दुनिया के इतिहास में 19 जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1827 : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पांडे का जन्म।

1848 : न्यूयॉर्क के सिनिका फॉल्स में पहले महिला अधिकार सम्मेलन का आयोजन।

1870 : फ्रांस ने पर्शिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1900 : फ्रांस की राजधानी पेरिस में पहली मेट्रो रेल चली। दुनिया की पहली मेट्रो सेवा लंदन में शुरू हो चुकी थी।

1940 : एडोल्फ हिटलर ने ग्रेट ब्रिटेन को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।

1969 : अपोलो द्वितीय के अंतरिक्ष यात्री नील आर्म स्ट्रांग और एडविन एल्ड्रीन ने यान से बाहर निकलकर चंद्रमा की कक्षा में चहलकदमी की।

1969 : भारत सरकार ने देश के चौदह बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया।

1974 : क्रांतिकारी उधम सिंह की अस्थियों को लंदन से नई दिल्ली लाया गया।

2001: नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला ने अपने पद से इस्तीफा दिया।

2003 : रूस के अंतरिक्ष यात्री यूरी माले थान्को अंतरिक्ष में शादी रचाने वाले पहले व्यक्ति बने।

2004 : तीन बार टाले जाने के बाद दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार उपग्रह को लेकर एरियन-5 फ्रेंच गुयाना के कोरू प्रक्षेपण केन्द्र से रवाना।

2005 : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी कांग्रेस को सम्बोधित किया।

2008 : अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में लक्ष्य निर्धारित कर लम्बी दूरी तक मार कर सकने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण किया।

यूट्यूबर 'सवुक्कू' शंकर को सुप्रीम कोर्ट से मिली रिहाई, गुंडा एक्ट के तहत सेंट्रल जेल में थे बंद

नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूट्यूबर सवुक्कू शंकर को रिहा करने का आदेश दिया है। शंकर गुंडा एक्ट के तहत कोयंबटूर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इस मामले में जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस एहानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि वह मामले का गुण-दोष के आधार पर फैसला नहीं करेंगे, क्योंकि मद्रास हाईकोर्ट इस मामले पर विचार कर रहा है।

पीठ ने कहा कि विशेष तथ्यों को देखते हुए याचिकाकर्ता को तब तक रिहा किया जाना चाहिए, जब तक कि हिरासत के खिलाफ मामला हाईकोर्ट की तरफ से तय नहीं हो जाता। पीठ ने इस दौरान स्पष्ट किया कि उसका आदेश केवल हिरासत के मामलों से संबंधित है। 

पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता किसी अन्य मामले में जेल में हैं, तो यह आदेश उस पर प्रभावी नहीं होगा।

हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के खिलाफ सुनवाई कर रही है, जिसमें यूट्यूबर सवुक्कू शंकर की मां की तरफ से गुंडा अधिनियम के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देते हुए दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्थगित कर दिया गया था।

कल है आषाढ़ माह की पूर्णिमा, जानिए तिथि स्नान दान का शुभ मुहूर्त और महत्व


 

नयी दिल्ली : आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और आषाढ़ी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं को याद कर उनकी पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन दान करने से धन-धान्य में बरकत होती है। 

शास्त्रों में आषाढ़ पूर्णिमा का खास महत्व बताया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस साल आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा कौनसे दिन मनाया जाएगा और स्नान-दान के लिए क्या शुभ मुहूर्त रहेगा।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन दान करने से धन-धान्य में बरकत होती है। शास्त्रों में आषाढ़ पूर्णिमा का खास महत्व बताया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। 

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इस साल आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा कौनसे दिन मनाया जाएगा और स्नान-दान के लिए क्या शुभ मुहूर्त रहेगा।

आषाढ़ पूर्णिमा 2024 तिथि और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 20 जुलाई 2024 को शाम 5 बजकर 59 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि समाप्त 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 46 पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, आाषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करने के लिए शुभ मुहूर्त 21 जुलाई को सुबह 9 बजकर 1 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपह 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। तीसरा और आखिरी मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व 

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गरीब और जरूरतमंदों को अन्न,धन और वस्त्र का दान करें। अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष या चंद्रमा कमजोर है तो पूर्णिमा के दिन सफेद चीजें जैसे- दूध, दही, चांदी, चीनी, चावल और सफेद मिठाई का दान करें। इसके साथ ही चंद्रमा की पूजा कर उनके मंत्रों का जाप करें। इन उपायों को करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व क्या है?

गुरु भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं और उस संस्कृति को याद रखने के लिए ही आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का नाम दिया गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा के दिन वेद व्यास जी ने वेदों का संकलन किया था और कई पुराणों, उप पुराणों व महाभारत की रचना भी इसी दिन पूर्ण हुई थी, इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा सभी गुरुओं को याद करने का, उन्हें नमन करने का दिन है। शास्त्रों में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है।

स्वाति मालीवाल केस: CM केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ 500 पेज की चार्जशीट दाखिल 50 गवाहों के नाम दर्ज

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ AAP सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया. कोर्ट अब इस मामले में 30 जुलाई को सुनवाई करेगा.बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद मालीवाल पर हमला करने का आरोप है.  

कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपपत्र करीब 500 पन्नों का है. इसमें करीब 50 गवाहों के बयान भी हैं.

अंतिम रिपोर्ट आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दायर की गई है, जिसमें धारा 201 (अपराध के सबूत मिटाना), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी भी शब्द, हावभाव या वस्तु का इस्तेमाल कर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) शामिल है.

बता दें, 16 मई को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. घटना 13 मई की है. दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था.

महिला एडीसीपी स्तर की अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम मामले की जांच कर रही है. 

पिछले शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनका काफी प्रभाव है. न्यायाधीश ने कहा था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो गवाहों को प्रभावित या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है।

लॉ ग्रेजुएट युवाओं के पास इंडियन आर्मी में शामिल होने का सुनहरा मौका, 13 अगस्त तक कर सकते हैं अप्लाई


नई दिल्ली:- लॉ क्षेत्र में ग्रेजुएशा कर चुके ऐसे युवा जो इंडियन आर्मी में शामिल होने का सपना देख रहे उनके लिए महत्वपूर्ण खबर है। इंडियन आर्मी की ओर से JAG 34th Men/ Women Entry Scheme (April 2025) के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पात्र अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म भर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म इंडियन आर्मी की ऑफिशियल वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध है।

क्या है पात्रता

इस भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी (ग्रेजुएशन के बाद 3 वर्षीय या 10+2 के बाद पांच वर्षीय- इंटीग्रेटेड) डिग्री प्राप्त की हो। उम्मीदवार के पास क्लैट पीजी स्कोर कार्ड और बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्त अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 27 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी के नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी। अभ्यर्थी ध्यान रखें की उम्र की गणना 1 जनवरी 2025 के अनुसार की जाएगी।

कैसे करें आवेदन

इंडियन आर्मी जैग 34th फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर जाना होगा। वेबसाइट के होम पेज पर आपको भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद पहले रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण कर लें। रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल भरकर आवेदन पत्र सबमिट कर दें। अंत में पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।अभ्यर्थी ध्यान रखें कि इस भर्ती में शामिल होने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क जमा नहीं करना होगा। सभी श्रेणियों के उम्मीदवार भर्ती के लिए निशुल्क एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी एक बार आधिकारिक नोटिफिकेशन का अवलोकन अवश्य कर लें।

रेलवे भर्ती 2024: आरआरसी सेन्ट्रल रेलवे में अप्रेंटिसशिप के बंपर पदों पर भर्ती का एलान, 10वीं/ ITI उत्तीर्ण अभ्यर्थी कर सकते हैं अप्लाई


नई दिल्ली:- रेलवे में सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक युवाओं के लिए खुशखबरी है। रेलवे रिक्रूटमेंट सेल सेन्ट्रल रेलवे (RRC CR) की ओर से अप्रेंटिसशिप के बंपर पदों पर भर्ती निकाली गई है। आरआरसी सीआर की ओर से भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू कर दी जाएगी जो 15 अगस्त 2024 शाम 5 बजे तक जारी रहेगी।

योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन माध्यम से आरआरसी सीआर की ऑफिशियल वेबसाइट rrccr.com पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। फॉर्म भरने से पहले अभ्यर्थी पात्रता एवं मापदंड की जांच अवश्य कर लें।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का 10वीं/ मैट्रिक उत्तीर्ण होने के साथ ही आईटीआई उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 15 वर्ष से कम और 24 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आयु की गणना 15 जुलाई 2024 को ध्यान में रखकर की जाएगी। अभ्यर्थी पात्रता की विस्तृत जानकारी के लिए एक बार ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन अवश्य कर लें।

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट rrccr.com पर जाना है।

वेबसाइट के होम पेज पर एप्लीकेशन लिंक पर क्लिक करके पहले पंजीकरण लिंक पर क्लिक करना है।

रजिस्ट्रेशन करने के बाद अभ्यर्थी लॉग इन के माध्यम से अन्य डिटेल भरकर फॉर्म पूर्ण कर लें।

अब अंत में निर्धारित शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

आवेदन शुल्क

इस भर्ती में आवेदन करने के साथ जनरल, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों को 100 रुपये का भुगतान करना होगा। एप्लीकेशन फीस डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई के माध्यम से जमा की जा सकती है। एससी, एसटी, पीएच एवं महिला अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

जम्मू आंतकी हमला:सुरक्षा एजेंसियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे: अपने पूर्व सैनिकों को आतंकी बनाकर भेज रहा है पाकिस्तान


नई दिल्ली:- स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती पूरी तरह बंद होने के बाद पाकिस्तान अपने पूर्व सैनिकों को आतंकी बनाकर भेज रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जम्मू इलाके में पिछले डेढ़ महीने के आतंकी हमलों में पाकिस्तानी सेना के पूर्व सैनिकों की संलिप्तता के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में भारी मतदान के बाद पाकिस्तान हताशा में विधानसभा चुनाव के पहले माहौल खराब करने के लिए जम्मू इलाके में हमलों को अंजाम दे रहा है चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद डेढ़ महीने में नौ आतंकी हमलों में सुरक्षा बलों के 12 जवान हो गए हैं और 13 घायल हुए हैं।

यहां खड़ा किया आतंक का नेटवर्क

जम्मू-कश्मीर से जुड़े सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि कश्मीर घाटी की तरह से जम्मू इलाके में आतंकियों की मदद करने वाले ओवर ग्राउंट वर्कर के नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफलता नहीं मिली है।

डोडा, किश्तवार, पुंछ, रजौरी, रियासी, कठुआ के मुश्किल भौगोलिक इलाकों में पिछले दो दशक में जैश- ए- मोहम्मद और लश्करे तैयबा ने ओवर ग्राउंड वर्कर का नेटवर्क खड़ा किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से आने वाले आतंकियों को कश्मीर घाटी तक पहुंचाने का काम करते थे।

इलाकों में घर बना कर रहे आतंकी

मूलरूप से कश्मीर घाटी के रहने वाले ये ओवरग्राउंड वर्कर जंगलों और दुर्गम इलाकों में छोटे-छोटे घर बना कर रहे हैं। रियासी जिले में हिंदू भक्तों की बस पर गोली चलाने वाले आतंकियों को ऐसे ही ओवर ग्राउंट वर्कर ने मदद की थी। उनके अनुसार, इन ओवर ग्राउंड वर्कर के नेटवर्क को ध्वस्त करना सुरक्षा एजेंसियों की पहली प्राथमिकता है।

आतंकियों के पास हथियार और सैटेलाइट फोन

आतंकी हमलों में पाकिस्तान के पूर्व सैनिकों के इस्तेमाल के स्पष्ट संकेत पहली बार रियासी हमले के बाद मारे गए आतंकियों से मिला है। इन आतंकियों के पास से मिले हथियारों और सैटेलाइट फोन उसी प्रकार के थे, जैसा पाकिस्तान सेना उपयोग करती है। यही नहीं, ये आतंकी जंगल वार फेयर में पूरी तरह से प्रशिक्षित थे, जिससे इनके पाकिस्तानी सेना के पारा ट्रूपर डिविजन से जुड़े होने की भी आशंका है।

आतंकियों से निपटने के लिए बनी ये रणनीति

सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सेना के प्रशिक्षित इन आतंकियों से निपटने के लिए अलग तरह की रणनीति बनानी होगी और इसके लिए सुरक्षा की कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करना होगा।

उनके अनुसार, कोरोना काल के पहले जम्मू इलाके के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी सेना व पुलिस की छोटी-छोटी टुकड़ी को तैनात किया जाता था और 15-20 के अंतराल पर तैनात जवानों को बदल दिया जाता था।

लेकिन, बाद में इस व्यवस्था को बदल कर स्थानीय पुलिस को लगाकर आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया गया, जो सफल साबित नहीं हुआ।

अब दुर्गम और सुरक्षा की दृष्टि से अहम इन स्थानों पर प्रशिक्षित जवानों की दोबारा तैनाती पर विचार किया जा रहा है, ताकि आतंकियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

जम्मू में आतंक पर जल्द लगेगी लगाम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू इलाके की भौगोलिक स्थिति आतंकियों के घुसपैठ और घात लगाकर हमला करने में जरूर मददगार साबित हो रहा है। लेकिन, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां जरूरी रणनीति पर काम कर रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही कश्मीर की तरह जम्मू इलाके में आतंकवाद पर लगाम लगाने में सफलता मिलेगी।

जुलाई महीने में दूसरा एकादशी व्रत 17 को और तीसरा एकादशी व्रत 31 जुलाई को


नयी दिल्ली : जुलाई के महीने में तीन एकादशी तिथियां पड़ रही हैं। ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। आइए ऐसे में जानते हैं कि जुलाई में किन तारीखों को ये एकादशियां हैं और इनका महत्व क्या है।

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने से जीवन की हर परेशानी का अंत हो जाता है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले बहुत से लोग एकादशी तिथि का व्रत रखते हैं। हर माह में ज्यादातर 2 एकादशी तिथियां आती हैं, एक शुक्ल पक्ष की और एक कृष्ण पक्ष की। लेकिन साल 2024 के जुलाई महीने में एक ही महीने में तीन एकादशी तिथियां हैं। 

आइए जानते हैं जुलाई में ये तीनों एकादशी तिथियां कब-कब हैं और इनका महत्व क्या है। जुलाई महीने में तीन एकादशी तिथियां

इस महीने के पहले हफ्ते में योगिनी एकादशी का व्रत रखा गया था।

योगिनी एकादशी 2 जुलाई को थी। अब 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसके बाद महीने के अंतिम दिन 31 जुलाई को कामिका एकादशी व्रत है। यानि जुलाई में तीन एकादशी तिथियों का संयोग बना है। योगिनी एकादशी का व्रत लिया जा चुका है, आइए अब जानते हैं कि अगर आप देवशयनी और कामिका एकादशी का व्रत रखते हैं तो आपको कैसे परिणाम प्राप्त होते हैं।

17 को देवशयनी एकादशी का महत्व

देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और शुभ मांगलिक कार्यों को करने पर रोक लग जाती है। चार माह बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और फिर मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इसलिए यह एकादशी बेहद खास मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और साथ ही अंत समय में मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने से आरोग्य वर भगवान विष्णु आपको देते हैं। 

31 को कामिका एकादशी का महत्व

कामिका एकादशी का व्रत रखने से भक्तों के सभी दुख समाप्त होते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से न केवल भगवान विष्णु बल्कि सभी देवताओं, गंधर्व और सूर्य देव की पूजा का भी फल प्राप्त होता है। इस दिन दान करने से आपको पुण्य प्राप्त होता है। 

एकादशी व्रत की पूजा विधि

अगर आप एकादशी तिथि का व्रत रख रहे हैं तो आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। फिर फूल, फल, अक्षत आदि अर्पित करने चाहिए और धूप दीप जलाना चाहिए साथ ही व्रत का संकल्प भी आपको लेना चाहिए। तत्पश्चात भगवान विष्णु के मंत्रों का जप और आरती आपको करनी चाहिए। पूरे दिन व्रत करने के बाद अगले दिन द्वादशी तिथि में व्रत का पारण आपको करना चाहिए।

1948 में आज ही के दिन भारत में महिलाओं को IAS-IPS समेत कई सार्वजनिक सेवाओं में भर्ती होने की मिली थी स्वीकृति,जाने 17 जुलाई से संबंधित इतिहास

नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 17 जुलाई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। UPSC मेंस एग्जाम के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में पूछा जाता है। इस लेख में हम 17 जुलाई का इतिहास जानेंगे। 

17 जुलाई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1919 में आज ही के दिन यूरोपीय देश फिनलैंड में संविधान को स्वीकृति दी गई थी। 

1948 में 17 जुलाई को ही भारत में महिलाओं को IAS और IPS समेत सभी सार्वजनिक सेवाओं में भर्ती होने की स्वीकृति मिली थी।

1893 को आज ही के दिन इंग्लैंड के आर्थर श्रेव्सबरी टेस्ट क्रिकेट में 1,000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे।

1929 में 17 जुलाई को ही सोवियत संघ ने चीन के साथ राजनयिक संबंध समाप्त किए थे। 

17 जुलाई का इतिहास इस प्रकार है :

1995 में आज ही के दिन फोर्ब्स मैगजीन ने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बताया था।

1994 में 17 जुलाई को ही धूमकेतू शुमेकर लेवी-9 का पहला टुकड़ा बृहस्पति ग्रह से टकराया था।

1987 में आज ही के दिन ईरान और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंध टूटे थे।

1980 में 17 जुलाई को ही जेंको सुजुकी जापान के प्रधानमंत्री बने थे।

1976 में आज ही के दिन 21वें माडर्न ओलंपिक खेलों का आयोजन मांट्रियाल में शुरू हुआ था।

1974 में 17 जुलाई को ही लंदन टॉवर में बम धमाके से 41 लोग घायल हो गए थे।

1972 में आज ही के दिन पहली बार दो महिलाओं ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई एजेंट के तौर पर चंटिको में ट्रेनिंग शुरू की थी।

1950 में 17 जुलाई को ही पठानकोट में भारत का पहला विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

1948 में आज ही के दिन भारत में महिलाओं को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) समेत नागरिक सेवाओं में पात्र घोषित किया गया था।

1929 में 17 जुलाई को ही सोवियत संघ ने चीन के साथ कूटनीतिक संबंध समाप्त किए थे।

1919 में आज ही के दिन यूरोपीय देश फिनलैंड में संविधान को स्वीकृति दी गई थी।

1912 में 17 जुलाई को ही इंटरनेशनल एमेच्योर एथलेटिक्स महासंघ की स्वीडन में स्थापना की गई थी।

1906 में आज ही के दिन क्लेमेंट आर्मंड फैलिएरेस फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे। 

1893 में 17 जुलाई को ही इंग्लैंड के आर्थर श्रेव्सबरी टेस्ट क्रिकेट में 1,000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे।

1850 में आज ही के दिन हार्वर्ड वेधशाला ने तारे का पहला फोटोग्राफ लिया था।

1712 में 17 जुलाई को ही इंग्लैंड, पुर्तगाल और फ्रांस ने युद्धविराम संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

1549 में आज ही के दिन यूरोपीय देश बेल्जियम के घेंट इलाके से यहूदियों को निकाला गया था।

17 जुलाई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1971 में 17 जुलाई के दिन ही अभिनेता रवि किशन शुक्ला का जन्म हुआ था।

1943 में आज ही के दिन परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म हुआ था।

1959 में आज ही के दिन हिंदी चलचित्र अभिनेत्री ज़रीना वहाब का जन्म हुआ था।

1923 में 17 जुलाई के दिन ही भारत के पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी बेगम आबिदा अहमद का जन्म हुआ था। 

1913 में आज ही के दिन फ्रांस के विख्यात दार्शनिक और लेखक रोजर गैरोडी का मार्सी नगर में जन्म हुआ था।

17 जुलाई को हुए निधन

2013 में आज ही के दिन प्रसिद्ध इतिहासकार बरुन डेका निधन हुआ था।

2005 में 17 जुलाई के दिन ही भारतीय रिज़र्व बैंक के 14वें गवर्नर आई. जी. पटेल का निधन हुआ था।

1972 में आज ही के दिन गुजरात के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और ‘ऑल इंडिया किसान सभा’ के नेता इंदुलाल याज्ञिक का निधन हुआ था।

1928 में 17 जुलाई के दिन ही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, गवर्नर जनरल की गृह विभाग की समिति के सदस्य अलेक्जेन्डर मडीमैन का निधन हुआ था।

1790 में आज ही के दिन प्रसिद्ध स्कॉटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री एडम स्मिथ का निधन हुआ था।