विधानसभा चुनाव में इण्डिया और एनडीए के हैं अपने-अपने मुद्दे, देखना हैं कि किनके मुद्दे कितना वोटर को कर सकता हैं प्रभावित
झारखण्ड डेस्क
झारखंड में विंधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है.केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम भी आयी, स्थानीय अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की.और वस्तुस्थिति की ज्याजा लेकर चले गए.
जल्द चुनाव को लेकर निर्णय लिया जा सकता है ,इसके लिए निर्धारित तिथि की घोषणा आयोग द्वारा किया जा सकता है.
वैसे सम्भावना है झारखंड में तीन चरण में चुनाव हो सकती है.
इसबार जो परिस्थिति है झरखंड में हैं तीन पार्टी चुनाव मैदान में होंगे।एनडीए,इंडी और जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस.
ये तीनों दल मैदान में अपने अपने प्रत्याशी मैदान में उतरने की तैयारी में लगे हैं. इसी लिए इसबार का चुनाव दिलचस्प होगा.
लोकसभा चुनाव में भले हीं जयराम महतो की पार्टी जीत दर्ज नही की लेकिन लोकसभा में प्राप्त वोट का अगर विश्लेषण करें तो संभवत:5 से 6 सीट पर इस बार जेबीकेएसएस विधानसभा में जीत सकती है।अब आगे का रणनीति क्या होगा यह समय तय करेगा कि जेबीकेएसएस एनडीए का हिस्सा होगा या इंडी गघबन्धन का।लेकिन समझा जा रहा है कि जो पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में होगी जेबीकेएसएस उसका समर्थन कर सरकार का हिस्सा बनना चाहेगा।
इस बार मुख्य दो घटक एनडीए और इंडी जनता के बीच पूरी तैयारी के साथ जाएगी।दोनों के मुद्दा अपने अपने होंगे।
इंडी गठबंधन को भरोसा हैं कि वे जनता को यह कन्विंस करने में सफल रहेगा कि भाजपा आदिवासी को दबाने, उसके हक को मारने और झूठे मुकदमे में फंसा कर एक आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल भेजने का काम किया।ईडी और सीबीआई की छवि भी खराब हुई जब हेमन्त सोरेन को झारखण्ड हैं कोर्ट ने जिस टिप्पणी के साथ बेल दिया उससे केंद्रीय एजेंसी कि पोल भी खुल गयी कि वह किसके इशारे पर काम के रही हैं. खास कर आदिवासी समुदाय तो यह मान कर चल रही है कि हेमंत सोरेन को जान बुझ कर फंसाया गया.
जिसका लाभ लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को लोकसभा चुनाव में मिला.
जनता के बीच जाने के लिये इंडिया गठबंधन को बीजेपी और ईडी के बिरुद्ध यह बहुत बड़ा मुद्दा मिल गया. हलाकि ईडी ने डैमेज़ मैनेज के लिए सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध याचिका दाखिल की हैं. लेकिन बिना ठोस आधार के सुप्रीम कोर्ट में निराशा हीं हाथ लगेगी.
दूसरी तरफ भाजपा को उम्मीद हैं की इस बर विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें जनाधार देगी. केंद्रीय नेतृत्व ने भी इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. भाजपा जनता के बीच नौकरी, चिकित्सा, भ्रस्ट्राचार जैसे मुद्दा को हवा दे सकती हैं.
क्योंकि झारखण्ड में कुछ घटनायें भाजपा को मज़बूत आधार दिया हैं., खनन घोटाला, मनरेगा घोटाला, कमीशन घोटाला और इस मामले में बरामदे नोटों का पहाड़ इंडिया गठबंधन के. लिए मुशिकल में जरूर डाला हैं. इस परिस्थिति में मुद्दा दोनों. के पास हैं अब देखना हैं कि जनता को कौन पार्टी 6कितना प्रवभावित कर सकती हैं.
Jul 13 2024, 17:25