दुखद घटना: प्रातः आवाज के सहयोगी दीपक कुमार कश्यप की दुर्घटना में मौत,आवाज के प्रिंटिंग प्रबंधक के रूप में दिया था योगदान


झा. डेस्क 

 प्रातः आवाज की मशीन लगने से लेकर उसके लिए सारे इंतज़ाम करने वाले हंसमुख दीपक कुमार कश्यप की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी.

प्रातः आवाज प्रिंटिंग यूनिट के मैनेजर का पद संभालने वाले दीपक जी से आखिरी बात 3 जुलाई को रातः 8.50 बजे हुई, देवघर पेज का pdf भेजने को लेकर। एक घंटे बाद वे सर्कुलेशन मैनेजर ओमप्रकाश के साथ निकले और खुद उनकी मोटरसाइकिल चलाने लगे, उन्हें पीछे बिठाकर निकल गए चानो से ओरिया होते हुए सिंघानी मोड़ जाने के लिये। एक तो बिल्कुल टूटा फूटा रास्ता, दूसरा रिमझिम बारिश और गड्ढों में भरा पानी, इसी में एक ट्रक ने चपेट में ले लिया, 

 दीपक जी ट्रक की ओर गिरे और हेलमेट समेत उनका सिर ट्रक की चपेट में आ गया। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। दूसरी ओर गिरे ओमप्रकाश ने शोर मचाया तो पीछे से आ रहे युवकों में ट्रक जेएच 02 एयू 3169 को पकड़ लिया पर चालक फरार हो गया। ट्रक चालक की लापरवाही ने एक माता पिता से उनकी एकलौती संतान छीन ली और दो मासूम बेटियों से उनके पिता। 

आज उन्हें अपने घर साड़म, गोमिया जाना था। भांजी के लिए लैपटॉप लेकर पहुंचे थे प्लांट, पर होनी को कुछ और मंजूर था। एक मेहनती, हँसमुख और ईमानदार व्यक्ति से हमलोगों का साथ छोड़ दिया, प्रातः आवाज परिवार को बड़ी क्षति।

हेमंत सोरेन द्वारा सीआरपीसी की धारा 205 के तहत छूट के लिए दायर याचिका पर आज होंगी सुनवाई


झारखंड डेस्क 

हेमंत सोरेन की ओर से अदालत में अपनी उपस्थिति से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 की याचिका दाखिल की है। उनके आवेदन पर छह जुलाई यानी आज कोर्ट में सुनवाई होगी। दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची एमपी एमएलए की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत में ईडी के समन का अवहेलना करने मामले में छठी बार भी पेश नहीं हुए थे। 

आपको बता दें कि ईडी की ओर से हेमंत सोरेन की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रोडक्शन का आवेदन दिया गया, जिस पर सुनवाई लंबित है। पूर्व में ही सीजेएम कोर्ट ने यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। मामले सीजेएम कोर्ट के मामले में संज्ञान लिए जाने के बावजूद भी हेमंत सोरेन सीजेएम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। अब हेमंत सोरेन की ओर से निचली अदालत के समन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।

हाई कोर्ट में यह मामला अभी लंबित है। 

ईडी की ओर से बताया गया है कि हेमंत को ईडी ने जमीन घोटाला मामला में दस समन किया था, जिसमें से मात्र दो समन पर ही हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष उपस्थित हुए थे। यह ईडी के समन की अवहेलना है। 

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के समन मामले में ईडी ने दिल्ली में सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था। उसी आधार पर यहां पर भी हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराई गई है।

सीएम हेमंत सोरेन को मिला अनंत अंबानी की शादी का कार्ड

झारखंड डेस्क 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रिलाइंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी के शादी समारोह में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया है। 

मुख्यमंत्री से एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट रिलायंस इंडस्ट्रीज झारखण्ड ने मुलाकात कर विवाह निमंत्रण पत्र भेंट किया।

राज्यपाल ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने की दी मंजूरी

राजपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आठ जुलाई को आहूत करने के लिए मंजूरी दे दी है।

विधानसभा का विशेष सत्र पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगा। इस दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बहुमत साबित करेंगे। एक दिन चलने वाले विशेष सत्र के संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी है।

न्यायमूर्ति विद्युत रंजन सारंगी ने झारखंड हाईकोर्ट के 15 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।



रांची : न्यायमूर्ति विद्युत रंजन सारंगी ने शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय के 15वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के अलावा कई न्यायाधीश और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए।*

झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अब तक सिर्फ रघुवर दास ने किया झारखंड में अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा


झा डेस्क 

झारखंड अलग राज्य 2000 में अस्तित्व में आने के बाद झारखंड में तमाम सियासी उथल-पुथल के बीच अब तक 12 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ हो चुकी है।

4 जुलाई को 13 वीं बार शपथ ग्रहण समारोह हुई है। हेमंत सोरेन राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए 

यह ध्यान देने लायक महत्वपूर्ण बात है कि BJP नेता और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास को छोड़कर झारखंड में किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना पूरा कार्यकाल नहीं कर पाए । राज्य में हमेशा से सत्ता परिवर्तन का दौर चलता रहा है।

अब तक ये बनें झारखंड के मुख्मंत्री

अब प्रारंभ से जरा सिलसिलेवार चर्चा। 15 नवंबर 2000 को BJP के बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। इनकी सरकार लगभग ढाई साल तक रही।

इसके बाद अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह लगभग दो साल तक मुख्यमंत्री रहे।

इसके बाद शिबू सोरेन ने 12 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने। 12 मार्च 2005 को फिर से अर्जुन मुंडा लगभग डेढ़ साल के लिए मुख्यमंत्री बने।

इसके बाद निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बने।

राष्ट्रपति शासन की स्थिति

28 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल सिर्फ छह माह का रहा। 

इसके बाद 19 जनवरी 2009 को राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा।

30 दिसंबर 2009 को तीसरी बार शिबू सोरेन छह माह के लिए मुख्यमंत्री बने।

1 जून 2010 को दूसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा। 11 सितंबर 2010 को अर्जुन मुंडा तीसरी बार मुख्यमंत्री बने,

 लेकिन उन्हें लगभग ढ़ाई वर्ष में मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा।

18 जनवरी 2013 को तीसरी बार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद 13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन इनका कार्यकाल भी डेढ़ साल का ही रहा।

BJP की पूर्ण बहुमत की सरकार

28 दिसंबर 2014 को भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार में रघुवर दास मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।

2019 के चुनाव में JMM, कांग्रेस और RJD गठबंधन की सरकार को पूर्ण बहुमत मिली और 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।

ED की कार्रवाई की वजह से इन्हें 31 जनवरी 2024 को इस्तीफा सौंपना पड़ा। हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन को नया मुख्यमंत्री बनाया गया।

चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अब हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद 3 जुलाई को उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

हेमंत तीसरी बार और राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में 4 जुलाई को शपथ लिए ।

हेमंत सोरेन 8 जुलाई को करेंगे बहुमत साबित,संख्या बल के हिसाब से अभी भी हैं मज़बूत


झा. डेस्क 

हेमंत सोरेन 8 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करेंगे। हालांकि संख्या बल के हिसाब से उनके लिए ज्यादा परेशानी नहीं हैं 

गठबंधन के पास अभी भी पर्याप्त संख्या बल है। हालांकि कई विधायकों के लोकसभा चुनाव लड़ने की वजह से संख्या बल में कमी ज्यादा जरूर हुई है। लेकिन फिर भी हेमंत सोरेन को बहुमत साबित करने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। 

 लोकसभा चुनाव की वजह से झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का 1 और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने बीजेपी के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। 

झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। 

वहीं इसी तरह, विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। वहीं भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है।

 हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 सदस्य हैं। लिहाजा इस बार बहुमत साबित करने के दौरान आंकड़ें का दिलचस्प गणित देखने को मिलेगा।

सुनील कुमार श्रीवास्तव फिर बनाए गए मुख्‍यमंत्री के वरीय आप्‍त सचिव

रांची। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के वरीय आप्‍त सचिव फिर सुनील कुमार श्रीवास्तव बनाए गए हैं। इसका आदेश कार्मिक विभाग ने जारी कर दिया।

आदेश में कहा गया है कि सुनील कुमार श्रीवास्‍तव को 4 जुलाई, 2024 के अपराह्न के प्रभाव से मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव (वाह्य कोटा) के पद पर नियुक्त किया जाता है।

यह नियुक्ति बिल्कुल अस्थायी एवं को-टर्मिनस है। किसी भी समय बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त की जा सकती है। श्री श्रीवास्‍तव वे सेवानिवृत्त सहायक अभियंता हैं।

इनरव्हील क्लब ऑफ गिरिडीह सनशाइन का पदस्थापना समारोह आयोजित, सोनाली तर्वे अध्यक्ष व राखी झुनझुनवाला सचिव बनीं

झा. डेस्क
गिरिडीह। इनरव्हील क्लब ऑफ गिरिडीह सनशाइन का पदस्थापना समारोह द्वारा श्याम सेवा समिति के प्रांगण में संपन्न हुआ। समारोह की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई। समारोह की मुख्य अतिथि क्लब संस्थापक पीडीसी पूनम सहाय थीं।

अध्यक्ष सुमन गौरीसरिया ने सभी का स्वागत किया और अपने कार्यकाल में किये गये कार्यों पर चर्चा की। इस दौरान पिछले कार्यकाल में बेहतर कार्य करने वाले सदस्यों को अवार्ड देकर सम्मानित किया। नये सत्र में सोनाली तर्वे ने अध्यक्ष पद की शपथ ली।नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया।

क्लब सेक्रेटरी राखी झुनझुनवाला, वाइस प्रेसिडेंट कविता राजगढ़िया, कोषाध्यक्ष स्मृति आनंद, आइएसओ एडवोकेट सुनीता शर्मा व संपादक दीप्ति सिन्हा बनायी गयीं. मुख्य अतिथि पूनम सहाय ने क्लब के कार्यों की सराहना की और क्लब को आगे ले जाने के लिए प्रेरित किया।

पदस्थापना समारोह में क्लब की कई सदस्यों के अलावा शहर के गण्यमान्य लोग भी उपस्थित थे। समारोह में लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। मौके पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, संजीत तवें, गोपाल भदानी, प्रकाश सेठ, रंजना बगेड़िया, सुमन गौरीसरिया, अर्चना कुमारी, डॉ पी सहाय, डॉ संजीव कुमार, डॉ एनी, डॉ शीतल गौरीसरिया आदि भी मौजूद थे।
हेमंत सोरेन का राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह शुरू,विधायकों के साथ पिता शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेकर पहुंचे राजभवन

झा. डेस्क
हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ  राजभवन से ले रहे. 5 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह  शुरू हो गया.वे तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनें. राजभवन सूत्रों के अनुसार हेमंत अकेले शपथ लें रहे हैं । हेमंत सोरेन विधायकों के साथ राजभवन पहुंच चुके हैं.

इसके पहले गुरुवार सुबह राज्यपाल राधाकृष्णन ने इंडी गठबंधन के नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया था। शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन से मुलाकात की और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।

X पर तस्वीरें शेयर कर हेमंत सोरेन ने लिखा-आदरणीय बाबा से मिलकर आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए आशीर्वाद लिया।