झारखंड विंधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति तय,राज्य के 26% आदिवासी वोट हथियाने के लिए सभी बड़े आदिवासी नेता को उतारा जयेगा मैदान में
झारखंड डेस्क
हेमन्त सोरेन की जमानत और आदिवासी समुदाय में झामुमो के प्रति सहानुभूति भाजपा के लिए अभी सबसे बड़ी चुनोती है।राज्य में आदिवासी समुदाय की 26%वोट है।पिछले लोकसभा चुनाव में जो रुझान रहा उसमे साफ तौर में दिखा कि आदिवासी वोट का प्रतिशत ज्यादा झामुमो के साथ दिखा।
अब इधर झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। भाजपा हर हाल में विधानसभा चुनाव में जीत कर झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाना चाहती है।इसके लिए रणनीति की दिशा तय करने के लिए
बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे पर आए ।इस दौरे में जो भाजपा की रणनीति सामने आई उसके अनुसार यह साफ हो गया है कि भाजपा राज्य के आदिवासी वोट को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी तरह से जूट गयी है।
इसको लेकर 29 जून को एकदिवसीय रांची दौरे पर पहुंचे हिमंत विश्व शर्मा ने पार्टी के सभी जनजातीय नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में जो तस्वीरें सामने आयी उससे साफ हो गया कि बीजेपी अब राज्य की 26% आदिवासी वोट को अपना बनाना चाहती है।
दरअसल हिमंत विश्व शर्मा ने रांची दौरे के दौरान बीजेपी की जिन ट्राइबल बड़े नेताओं के साथ मुलाकात की, उन सभी नेताओं को झारखंड विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए उतारा जा सकता है।इस लिस्ट में अगर अरुण उरांव को छोड़ दें तो तो चाहे वह अर्जुन मुंडा हो या फिर सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, सीता सोरेन या फिर समीर उरांव. इन तमाम नेताओं को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। लेकिन, झारखंड में यह सभी पार्टी के लिए बड़े ट्राइबल लीडर्स में एक है।
लोकसभा चुनाव में भले ही इन नेताओं का परफॉर्मेंस बहुत बेहतर नहीं रहा है।लेकिन, पार्टी इन सभी बड़े चेहरों को विधानसभा चुनाव में मौका दे सकती है। इससे पार्टी लोकसभा चुनाव में एसटी सीटों पर हार की कहानी से आगे बढ़़कर विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एक नया मोड़ दे सकती है। इसके साथ ही 26% आदिवासी समाज के सामने एक बड़ा मैसेज भी दिया जा सकता है।दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि पार्टी के जिन बड़े नेताओं को हार मिली है अब विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी.वैसे इन सभी नेताओं की अपने क्षेत्र में कैडर वोट पर अच्छी पकड़ है।
फिलहाल सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि हिमंत विश्व शर्मा का रांची दौरा पार्टी आलाकमान के इसी मैसेज के साथ फिक्स किया गया था।आइए आपको बताते हैं कि 29 जून को हिमंत विश्व शर्मा ने जिन ट्राइबल नेताओं के साथ मुलाकात की है अगर उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया तो उनका क्षेत्र कौन सा हो सकता है।
समीर उरांव- गुमला
सुदर्शन भगत- लोहरदगा
अर्जुन मुंडा- खरसावां
गीता कोड़ा- जगन्नाथपुर
सीता सोरेन/जयश्री सोरेन
 बेटी)- जामा
अरुण उरांव- अभी तय नहीं
इस लिस्ट में अरुण उरांव ने फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ा है।हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से कोशिश जरूर की थी लेकिन टिकट सुदर्शन भगत को दिया गया था। वैसे अरुण उरांव मूल रूप से गुमला के सिसई विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. ऐसे में उनकी इच्छा लोहरदगा या फिर गुमला के ही किसी विधानसभा क्षेत्र से हो सकती है।
Jul 01 2024, 15:46