मंदिर परिसर से निकलने वाले कूड़े-कचरे, प्लास्टिक गौवंशो के लिए बन रहे घातक, रोक लगाने के बजाए जिम्मेदार बने हुए हैं मूक-बधिर


सोनभद्र। एक तरफ प्रदेश सरकार जहां गौशालयों के जरिए गौ संरक्षण पर जोर दे रही है और गौ सुरक्षा के प्रति भी गंभीर बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर धर्म का लबादा ओढ़े हुए लोग ही गौ संरक्षण से बेफिक्र बने हुए उन्हें मौत के मुंह में धकेलने का कार्य कर रहे हैं।

ऊपर तस्वीरों में आप जो दृश्य देख रहे हैं यह तस्वीर है सोनभद्र जिले के डाला स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर का है। जहां मंदिर से निकलने वाले कूड़े-कचरे, प्लास्टिक इत्यादि को खुले में फेंका जा रहा है। जहां गोवंशों का झुंड उन कूड़े कचरों पर अपनी भूख मिटाते हुए नजर आते हैं जो उनके लिए घातक ही नहीं बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।

इसका आभास भले ही इंसानों को ना हो, लेकिन इन बेजुबानों को कुछ दिनों बाद होने लगता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। क्योंकि यह बेजुबान अपने दर्द और व्यथा को बता पाने में असमर्थ होते हैं। दु:खद बात यह है कि इन बेजुबानों के दर्द और पीड़ा को इंसान समझ सकता है, लेकिन देखने के बाद भी अनजान बना हुआ इसे बढ़ावा देता जा रहा है। दरअसल, डाला स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर से निकलने वाले कूड़े-कचरे मंदिर परिसर के दुकानदारों द्वारा फेंके गए कूड़े कचरे पर अक्सर आसपास के गौ एकत्र होकर भोजन की तलाश में जुटी रहती हैं जिनके पेट में प्लास्टिक की थैलियां कचरा इत्यादि सीधे तौर पर जा रहे हैं जो उनके लिए घातक साबित होते हैं।


इस पर रोक लगाने और कूड़े-कचरे को खुले में ना फेंक कर किसी अन्यत्र स्थल पर निस्तारित किए जाने की भी कोई योजना मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा न किए जाने से सरकार के गौ संरक्षण अभियान को ठेस तो पहुंच ही रहा है। सर्वाधिक नुकसान इन बेजुबानों को हो रहा है। इस संदर्भ में कई गौ धर्मप्रेमी लोगों ने भी पूर्व में मंदिर प्रबंधन समिति से जुड़े हुए लोगों का ध्यान आकर्षण करते हुए टोका था, लेकिन इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां आने वाले दर्शनार्थियों ने भी कूड़े कचरे को अन्यत्र फेक जाने का आग्रह किया था, ताकि बेजुबान को इन पर मुंह ना मरने पाएं। बावजूद इसके इस तरफ कोई ध्यान न देकर मनमानी ढंग से कूड़े कचरे को खुले में फेंका जा रहा है।
सोनभद्र: ट्रेन की चपेट में आकर घायल व्यक्ति को समाजसेवी डब्लू सिंह ने भिजवाया अस्पताल, हालत नाज़ुक*

विकास कुमार अग्रहरि

सोनभद्र- जिले के रेनूकूट थाना क्षेत्र अंतर्गत ट्रेन की चपेट आकर गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को रेनूकूट कस्बे के समाजसेवी डब्लू सिंह द्वारा अस्पताल भिजवाया गया है।जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने घायल को बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया। बताते चलें कि रेनूकूट कस्बे के चाचा कॉलोनी निवासी फैयाज उर्फ वीरू रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी होने पर फ़ौरन मौके पर पहुंचे पूर्व पालिकाध्यक्ष के देवर समाजसेवी डब्लू सिंह ने गंभीर रूप से घायल की हालत देखते हुए उन्हें अपनी टीम के सदस्यों के साथ हिंडालको हॉस्पिटल में पहुंचाकर प्राथमिक उपचार कराया, जहां चिकित्सकों द्वारा घायल की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया। डब्लू सिंह ने घायल के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि मेरी यही कामना है कि फैयाज भाई स्वस्थ हो जाए और अपने परिवार के बीच पहुंचे।

हर सुख-दुख में मसीहा बन खड़े होते हैं डब्लू सिंह

सोनभद्र जिले के रेनूकूट, अनपरा सहित आसपास के इलाकों में डब्लू सिंह एक जाना-पहचाना नाम है। जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हर व्यक्ति के सुख-दुख में साथ खड़े होकर कंधे से कंधा मिलाकर चलना मानों डब्लू सिंह का स्वभाव बन चुका है। परेशान हो या लाचार जो बन पाया सबकी मदद और सेवा सत्कार उनके संस्कारों में शामिल हैं। किसी भी घटना दुर्घटना की खबर हुई नहीं कि डब्लू सिंह की टीम मौके पर पहुंच सहयोग में जुट जाती है। स्ट्रीट बज्ज से मुखातिब होते हुए डब्लू सिंह कहते हैं परोपकार का सबसे सरल तरीका लोगों की मदद, मदद माने दुखी, पीड़ित, राह में पड़े लोगों की मदद करना, यही तो सच्ची ईश्वरीय सेवा है।

वह बताते हैं कि भैया व भाभी की प्रेरणा से उन्हें यह सब करने का साहस मिलता है। अपने साथ सदैव कंधा से कंधा मिलाकर चलने वाले लोगों की भी मुक्त कंठ से सराहना करते हुए डब्लू सिंह बताते हैं कि यही मेरे साथी मेरे सच्चे सिपाही भी है जिनके साथ चलने में उर्जा मिलती है। पूरे आत्मविश्वास से लवरेज डब्लू सिंह कहते हैं जीवन के अंतिम छड़ों तक वह लोगों की मदद भलाई का कार्य निःस्वार्थ भाव से करते रहेंगे।

ओबरा न०पं० द्वारा मुख्य चौराहों पर 5 साल की गारंटी के साथ हाई मास्क लाइट व एलइडी से रोशन हो रहा नगर

विकास अग्रहरि सोनभद्र

ओबरा सोनभद्र - नगर पंचायत की मुख्य चौराहों पर हाई मास्क लाइटे लगाई है जिससे अब ये चौराहों नगर पंचायत की मुख्य सड़कों सहित गलियों, मंन्दिर, मस्जिद में भी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई है। हाई मास्क व स्ट्रीट लाइटें लग जाने से पूरा नगर पंचायत दूधिया रोशनी से जगमगाने लगा है। नगर पंचायत अध्यक्ष चांदनी ने बताया कि ओबरा नगर पंचायत के शारदा मंदिर चौराहा, बिल्ली रेलवे स्टेशन,शनि मन्दिर, बाबा भूतेश्वर दरबार, मोती चंद चौराहा, बालाजी टेंट हाउस चौराहा, खैरटिया बांध ,कुरैशी नगर, भलुआ टोला, कर्बला के अंदर मुख्य चौराहों पर हाई मास्क लाइट लगाई गई है।

नगर पंचायत ओबरा में लाइटों से नगर का अंधेरा दूर किया जा रहा है। इन लाइटों को सभी चौराहे, बाजार व सड़कों पर लगाया जाएगा। अधिशासी अधिकारी द्वारा बताया गया कि हाई मास्क लाइट और एलईडी लाइट 5 साल तक मेंटेनेंस का पूरा खर्च लगाने वाले फर्म के जिम्मे होगा। गारंटी 5 साल की होगी। अधिशासी अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर पंचायत के द्वारा 5 साल तक मेंटेनेंस के नाम पर कोई भुगतान नहीं किया जाएगा ।

अर्थात 5 साल की गारंटी के साथ हाई मास्क लाइट नगर पंचायत ओबरा के द्वारा लगाया जा रहा है ।नगर पंचायत अध्यक्षा श्रीमती चांदनी देवी ने कहा कि शीघ्र ही नगर पंचायत के सभी मोहल्लों एवं नगर पंचायत की गलियां बिजली की रोशनी से जगमग हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अंधेरे के कारण शरारती तत्व लूटपाट, छिनतई, छेड़खानी से आदि घटना को अंजाम देते हैं। स्ट्रीट लाइट लग जाने से जीव जंतुओं से भी खतरा उक्त घटनाओं पर विराम लगेगा।

थाना करमा पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के प्रकरण में नामजद वांछित 2 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र पुलिस अधीक्षक जनपद सोनभद्र के निर्देशन में जनपद में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत अपर पुलिस अधीक्षक आप0 के मार्गदर्शन में क्षेत्राधिकारी घोरावल सोनभद्र के निकट पर्यवेक्षण में आज दिनांक 26.जून.2024 को थाना करमा पुलिस टीम द्वारा थाना करमा पर पंजीकृत मु0अ0सं0- 51/2024 धारा 3(1) गैंगेस्टर अधिनियम से सम्बन्धित नामजद वांछित अभियुक्तगण 1.रामखेलावन पुत्र दुर्गा प्रसाद यादव निवासी ग्राम कुड़वा, थाना कोन, जनपद सोनभद्र उम्र करीब 47 वर्ष 2.उपेन्द्र गुप्ता पुत्र स्व0 रामदयाल गुप्ता निवासी ग्राम कुड़वा, थाना कोन, जनपद सोनभद्र उम्र करीब 40 वर्ष को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय भेजा गया ।

सोनभद्र में 25 नाबालिग बच्चों को कराया गया बालश्रम से मुक्त, चोपन एवं ओबरा मार्केट में चला अभियान

विकाश कुमार अग्रहरी ,सोनभद्र। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा निर्देश के क्रम में ब्लाक चोपन अन्तर्गत चोपन, ओबरा मार्केट के विभिन्न स्थानों पर होटलों, ढाबों एवं मोटर पार्ट्स की दुकानों पर बालश्रम उन्मूलन अभियान श्रम विभाग, जिला प्रोवेशन विभाग, थाना मानव तस्करी रोधी एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई की संयुक्त टीम द्वारा चलाया गया अभियान के दौरान कुल पच्चीस बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराते हुए सम्बंधित बीस नियोक्ताओं पर विधिक कार्यवाही की गयी।

 जिला बाल संरक्षण इकाई से ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया कि बाल श्रम, बाल भिक्षा वृत्ति, बाल विवाह एवं बाल तस्करी के रोकथाम हेतु जनपद के सभी ब्लाको में ब्लाक बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक जुलाई माह से आहूत कराते हुए कार्य योजना तैयार किया जाएगा जिससे ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के माध्यम से ग्राम स्तर पर बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु पात्र बच्चों का चिन्हांकन कराते हुए उन्हे विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित कराया जाएगा।

 साथ ही बाल विवाह, बाल श्रम एवं बाल भिक्षा वृत्ति से मुक्त कराये गये बच्चों का समिति के माध्यम से अनुश्रवण कराया जाएगा। टीम में मौकै पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी रामकुमार, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, दिनेश चंद्र सरोज, जिला बाल संरक्षण इकाई से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे, थाना मानव तस्करी रोधी एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई प्रभारी निरीक्षक रामजी यादव, मुख्य आरक्षी धनंजय यादव, आरक्षी अमन द्विवेदी, मुख्य आरक्षी मंजीत कुमार पटेल ,चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट से सुपरवाइजर धर्मवीर सिंह उपस्थित रहे।

सोनभद्र : एसपी का एक्शन, अवैध वसूली में लिप्त पांच पुलिस कर्मियों को किया निलंबित

विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र। जिले में रॉबर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत हिंदूआरी चौकी में तैनात पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसपी डॉ यशवीर सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। एसपी ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए अवैध तरीके से धन वसूली के आरोप में पांचों सिपाहियों को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिया है।

एसपी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते दिनों कई सिपाहियों द्वारा बाहरी व्यक्ति की सहायता से अवैध वसूली की शिकायत मिल रही थी जिस पर संबंधित चौकी प्रभारी से जांच करा कर सोमवार को मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर हिंदुआरी चौकी में तैनात पांच सिपाहियों हेड कांस्टेबल आशीष कुमार यादव, धनंजय राय, रमादत्त दुबे, कांस्टेबल संदीप कुमार निर्मल, विजय प्रसाद गौंड को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है साथ ही पुरे वसूली में लिप्त रहे प्राइवेट व्यक्तियों की भी तलाश की जा रही है।

निलंबित सिपाहियों के विरुद्ध विभागीय जाँच के आदेश भी दिए गए हैं। अभी कई और चौकी क्षेत्रों में इस तरह के अवैध वसूली की शिकायतें आ रही हैं जिनकी जांच कराई जा रही है, दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

एसपी ने बताया कि वह किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार नही बर्दास्त करेंगे, जो भी पुलिस कर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। बताते चलें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एसपी की ये कोई पहली कार्रवाई नहीं है, इसके पूर्व भी कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। एसपी की इस कार्यवाही के बाद जहां पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है, वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों को अपनी नौकरी खतरे में दिखाई देने लगी है।

सोनभद्र: ओबरा की खदानों से बोल्डर वाहन निकलकर बेधड़क शहरी क्षेत्र की घनी आबादी में भर रहे हैं फर्राटा

विकाश कुमार अग्रहरी

सोनभद्र। डैंजर जोन बनते जा रहे ओबरा नगर की सड़कों पर खदानों से बोल्डर गिट्टी लादकर निकलने वाले वाहन लोगों के जीवन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। ओबरा के खदानों से निकलकर घनी आबादी के बीच फर्राटा भरते हुए दौड़ते बोल्डर गिट्टी लदे वाहनों पर नियंत्रण तो दूर सुरक्षा के उपाय भी नहीं होते हैं। ऐसे में पीछे से उलझकर बोल्डर गिरने से दुर्घटना का भय बना रहता है बावजूद इसके न तो यातायात पुलिस का ध्यान इस ओर जा रहा है ना ही इलाकाई पुलिस का जिससे इन वाहनों से निरन्तर दुर्घटना घटित होने कि अंदेशा बना हुआ रहता है।

पुलिस के अनुसार जिले में होने वाले सड़क हादसों में बेशकीमती जानें जा रही हैं। इन हादसों में सर्वाधिक युवा वर्ग अपनी जान खो देता है। इनमें

छोटे वाहन चालक अधिक होते हैं।जिले में होने वाले दो तिहाई से भी अधिक हादसों के शिकार छोटे वाहन होते हैं। तो वहीं खदानों क्रेशर प्लांटों से निकलने वाले वाहन भी हादसों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।बताते चले कि सुरक्षा व्यवस्था की खातिर शारदा मंदिर चौराहे पर पुलिस केंद्र है मगर वहां अक्सर ताला लगा देखा जाता है। ना वहां ट्रैफिक पुलिस है ना वहां आसपास के थाने कर्मचारी नज़र आते हैं। बता दें कि तेज रफ्तार से बोल्डर गिट्टी लदे वाहन दौड़ रहे हैं जिनसे हादसों का भय तो बना ही रहता है यह प्रदूषण को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

खनन क्षेत्रों से निकलने वाले वाहनों से खनन क्षेत्र के धूलकणों को हवा में उड़ने से रोकने के लिए सड़क की दोनों पटरियों पर पानी का छिड़काव होना चाहिए ताकि धूल के गुबार से आवागमन में लोगों को असुविधा न हो लेकिन पानी का छिड़काव भी नहीं होता है जिससे सड़क के किनारे रहने वाले लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो उठा है।

आसपास के क्षेत्रवासियों के आने-जाने का यही एक मार्ग रास्ता है। नौकरी करने वाले, स्कूल जाने वाले बच्चे और कचहरी या जिला मुख्यालय जाने के लिए लोग इसी मार्ग से होते हुए निकलते हैं। ऐसे में भय बना रहता है कि यदि बोल्डर गिट्टी लदे ट्रक से कोई बड़ी घटना घट जाने पर इसकी जिम्मेदार कौन लेगा?

सुरक्षा को लेकर ना पुलिस, ना ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी देखने को मिल रही है। ना ही नगर पंचायत समुचित ढंग से पानी के छिड़काव को लेकर अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वहन कर रहा है।

दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि राजस्व को भी बहुत बड़ा चूना लगाया जा रहा है।शारदा मंदिर चौराहे पर पुलिस केंद्र बना हुआ है मगर कभी वहां पुलिस कर्मी को देखा नहीं गया ना ट्रैफिक पुलिस को देखा जाता है।

यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने, दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस केंद्र बना हुआ है मगर वहां कोई भी अधिकारी और कर्मचारी देखने को नहीं मिलते हैं।

सोनभद्र: तेज रफ्तार वाहनों से बढ़ रहे सड़क हादसे, ओवर-स्पीडिंग सड़क हादसों का बन रहा है मुख्य कारण

विकाश कुमार अग्रहरी ,सोनभद्र। जिले में तेज रफ्तार वाहन जिंदगी की गाड़ी में ब्रेेक लगा रहे हैं। वाहनों की तेज गति की वजह से होने वाले हादसों में लोगों की जान चली जाती है। जिले में औसतन एक मौत हर रोज सड़क हादसों में हो रही है। साढ़े तीन महीने में सैकड़ों मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो चुकी है। मौत के बाद भले ही कानूनी कार्रवाई होती रहे, लेकिन दुनिया को छोड़ देने वाले व्यक्ति का परिवार खालीपन को कभी नहीं भर पाता।

हादसे में मरने वाले के आश्रित जीवनभर दिक्कतों से जूझते रहते हैं, मुआवजे के लिए भी लंबा संघर्ष करना पड़ता है।

तंग सड़कों पर वाहनों की स्पीड पर स्वत: ही लगाम हुई थी। अब सड़केें बेहतर हैं तो वाहनों की गति बढ़ रही है। साथ में बढ़ रहे सड़क हादसे। मामला पुलिस में पहुंचता है तो तेज रफ्तार और लापरवाही से ड्राइविंग करना कागजों में लिख दिया जाता है। यह सिर्फ कागजों में ही तस्दीक नहीं हो रहा, बल्कि वाहनों को तेज गति में दौड़ाया जा रहा है। बताते चलें कि निर्धारित है रफ्तार लेकिन…शहरी क्षेत्र से होकर निकले वाहन पर 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार निर्धारित है। लेकिन इसके बाद भी इन स्थानों पर 50 से 80 की स्पीड में दौड़ लगाते हुए वाहनों को देखा जा सकता है।

सड़कों के बीचों-बीच में तेज रफ्तार में दौड़ लगाने वाले यह वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। शारदा मंदिर से गजराज नगर तक तीन विद्यालय है और उसी रास्ते पर तेज रफ्तार से बॉर्डर वहां 50-60 की रफ्तार से बोल्डर लेकर दौड़ रहे हैं।

भागम भाग की इस दौड़ में सबको अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंचने की जल्दी होती है। किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है तो किसी को स्कूल और कॉलेज जाने की जल्दी है। ऐसे में कुछ लोग अनजाने में यातायात नियमों की हवा निकाल रहे हैं। तो अधिकांश लोग जानबूझ कर नियमों को ताक पर रख कर यातायात व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

चिंतित तो वैसे लोग हो रहे हैं जो अपने यातायात नियमों का पालन कर पूरी सावधानी से वाहन चलाते हैं और सामने वाले नियमों को ताक पर रखते हुए ट्रिपर बोल्डर वाहन खतरनाक तरीके से वाहन चलाते हुए सायं सायं निकल जाते हैं। लिहाजा हादसों के कारण असमय ही लोगों की जान जा रही है। विशेषज्ञों व आंकड़ों की बात करें तो अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों का उल्लंघन से ही होते हैं।

भीड़ से बचने के लिए किसी भी दिशा में वाहन चलाने की बात हो या बगैर नंबर प्लेट वाहन चलाना दोनों ही शान की बात बन गई है। लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में बेलगाम दौड़ रहे वाहनों पर रोक लगनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह तेज रफ्तार पर सख्ती से लगाम कसे। ताकि शहरी क्षेत्र की घनी आबादी वाले इलाके से वाहन धीमी गति में गुजरें, जिससे हादसा होने की आशंका न रहे। वहीं तेज गति से वाहन चलाने वालों से सख्ती से निपटा जाए। गौर करने की बात है कि उत्तर प्रदेश के मुखिया का भी निर्देश है कि ओवरलोड चलने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं लेकिन कार्रवाई तो दूर सेटिंग होने से यह बेखौफ होकर दौड़ते हुए देखें जा सकतें हैं।

सोनभद्र : आदिवासी समाज, भाठ क्षेत्र के वनवासी आज भी विकास से वंचित हो बनें हुए हैं दोयम दर्जे के नागरिक

विकास कुमार अग्रहरी,सोनभद्र। जनपद का कालापानी कहे जाने वाला रेणुकापार का भाठ क्षेत्र देश की आजादी के बाद आज भी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से वंचित होता आया है।

जाति का मंत्री होने के बाद भी विकास को तरसते रहे भाठ क्षेत्र के वाशिंदों का कोई भी हाल खबर लेने वाला फिलहाल दिखलाई नहीं दे रहा है। यहां के लोग

आजादी के 75 साल बाद भी रोटी-कपड़ा, मकान तथा सड़क के लिए तरस रहे हैं। ओबरा तहसील क्षेत्र का रेणुका पार का आदिवासी इलाका आकाश पानी गांव की जनता ने बीते लोकसभा चुनाव से पूर्व चुनाव बहिष्कार कर सरकार को चेतावनी दी थी कि सड़क नहीं तो वोट नहीं, परंतु लाख लिखने पढ़ने के बाद भी न तो गांव में झांकने आया ना ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हो पाया है।

चुनाव बीत चुका है लेकिन

अभी भी आदिवासी अंचलों में वहां के रहवासियों का सड़क निर्माण करायें जाने का अरमान अधूरा बना हुआ है। सड़क के अभाव में लोगों का चलना दुश्वार हो उठा है।

जान जोखिम में डालकर ग्रामीण करते हैं आवागमन

कड़िया से परसोई तथा दुरुह आदिवासी क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क खतरनाक गढ्ढे में तब्दील हो चुकी है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर आवागमन करते हैं। सड़क न होने से ग्रामीण बरसात में भयंकर हादसा होने की आशंका जताते हैं। लोगों का कहना है कि क्या दर्जनों लोगों की मौत के बाद जागेगा शासन और जिला प्रशासन।

बताते चलें कि ओबरा रेणुका पार नदी के उस पार सैकड़ो गांव आज भी रोड के बिना विकास से वंचित हैं। आए दिन सड़क न होने के वजह से बीमार, गर्भवती महिलाएं 108 एंबुलेंस की सेवा अथवा गांव के किसी भी प्रकार के साधनों की सेवा के माध्यम से शहर तक नहीं पहुंच पाती हैं। जिसके कारण डोली पालकी के माध्यम से उन्हें शहर तक लाया जाता है।

जाति का जनप्रतिनिधि, मंत्री भी नहीं करा पा रहे हैं विकास

शहर तक लाने में रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है, आकाश पानी गांव के नाथू गौड़ का कहना है कि उनकी बिरादरी का नेता मंत्री विधायक होने के बाद भी वह लोग विकास के लिए तरस रहे हैं। शर्मनाक है, सड़क के लिए कई बार उन लोगों ने अपने नेता से गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। वह कहते हैं कि हम लोग की आवाज उनके दरवाजे से निकलते ही दब जाती है।

गांव में जाने वाले मार्ग की स्थिति बरसात के महीने में देखते बनती है जब पैदल भी चलना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों की माने तो आजादी के 75 साल बाद भी मैंड़ाडाण, आकाशपानी, कन्हरा जैसे दर्जनों बीहड़, आदिवासी वाले गांव के लिए आज भी किसी प्रकार की कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलने से वंचित होते हुए आ रहें हैं। कभी भी कोई सरकारी अधिकारी कर्मचारी नेता मंत्री इन गांव का मुआयना नहीं करते, लेखपाल कानूनगो तथा सेक्रेटरी भी हमारे गांव आज तक नहीं आते क्योंकि गांव आने के लिए कोई रास्ता नहीं है।

हम लोग आज भी आदिवासी कबीलों की जिंदगी जी रहे हैं। वहीं सरकार का मानना है की जाति स्तर पर टिकट देने से उनकी जाति और क्षेत्र का विकास होगा, परंतु टिकट पाने के बाद सीट जीतने के बाद जात के नाम पर राजनीति करने वाले नेता ना तो कभी उन गांवों का दौरा करते हैं ,ना तो कभी अपने उन आदिवासी गरीब जनजाति कबिलों का कोई ध्यान रखते हैं। सरकार का यह दावा खोखला होता चला जा रहा है की जाति स्तर पर क्षेत्र का विकास करने के लिए जातिगत टिकट देना उनके लिए और चुनौती होती जा रही है।

बहरहाल, सड़क से लेकर विभिन्न बुनियादी सुविधाओं से वंचित होते चले आ रहे रेणुका पार के आदिवासी वनवासी समाज के लोगों का कोई पुरसाहाल नहीं है।

कनहर डैम में जल भंडारण के पूर्व लखनऊ से आई टीम ने किया निरीक्षण

विकाश कुमार अग्रहरी ,सोनभद्र। दुद्धी स्थित कनहर परियोजना के मुख्य डैम का बांध सुरक्षा संगठन के मुख्य इंजीनियर ने स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कनहर डैम स्थानीय प्रबंधकों को चर्चा कर दिशा निर्देश दिए। बता दें कि सिंचाई परियोजना के मुख्य बांध में इस बरसात में जल भंडारण होना है।

डैम में जल भंडारण को लेकर प्रशासन ने पूर्व के दिनों में जगह जगह नोटिस चस्पा कर डूब क्षेत्र के लोगों को जानकारी देते हुए आगाह किया था।इसी क्रम में बांध सुरक्षा संगठन लखनऊ के मुख्य अभियंता स्तर वन इंजीनियर रमेश चंद्र अमवार स्थित कनहर सिंचाई परियोजना के मुख्य बांध स्पिलवे पहुंच कर बांध का स्थलीय जायजा लिया।

इस दौरान कनहर एवम पांगन नदियों के बरसात के दिनों में पानी के बहाव की स्थिति के बारे में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंताओं से जानकारी ली।मुख्य अभियंता ने बांध में जल भराव के दौरान होने वाली सुरक्षा के बाबत सिंचाई विभाग के अभियंताओं के साथ बैठक कर चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बताया गया कि केंद्रीय जल आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे कि बांध जल भराव के लिए सुरक्षित है।