सोनभद्र: ओबरा की खदानों से बोल्डर वाहन निकलकर बेधड़क शहरी क्षेत्र की घनी आबादी में भर रहे हैं फर्राटा
विकाश कुमार अग्रहरी
सोनभद्र। डैंजर जोन बनते जा रहे ओबरा नगर की सड़कों पर खदानों से बोल्डर गिट्टी लादकर निकलने वाले वाहन लोगों के जीवन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। ओबरा के खदानों से निकलकर घनी आबादी के बीच फर्राटा भरते हुए दौड़ते बोल्डर गिट्टी लदे वाहनों पर नियंत्रण तो दूर सुरक्षा के उपाय भी नहीं होते हैं। ऐसे में पीछे से उलझकर बोल्डर गिरने से दुर्घटना का भय बना रहता है बावजूद इसके न तो यातायात पुलिस का ध्यान इस ओर जा रहा है ना ही इलाकाई पुलिस का जिससे इन वाहनों से निरन्तर दुर्घटना घटित होने कि अंदेशा बना हुआ रहता है।
पुलिस के अनुसार जिले में होने वाले सड़क हादसों में बेशकीमती जानें जा रही हैं। इन हादसों में सर्वाधिक युवा वर्ग अपनी जान खो देता है। इनमें
छोटे वाहन चालक अधिक होते हैं।जिले में होने वाले दो तिहाई से भी अधिक हादसों के शिकार छोटे वाहन होते हैं। तो वहीं खदानों क्रेशर प्लांटों से निकलने वाले वाहन भी हादसों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।बताते चले कि सुरक्षा व्यवस्था की खातिर शारदा मंदिर चौराहे पर पुलिस केंद्र है मगर वहां अक्सर ताला लगा देखा जाता है। ना वहां ट्रैफिक पुलिस है ना वहां आसपास के थाने कर्मचारी नज़र आते हैं। बता दें कि तेज रफ्तार से बोल्डर गिट्टी लदे वाहन दौड़ रहे हैं जिनसे हादसों का भय तो बना ही रहता है यह प्रदूषण को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
खनन क्षेत्रों से निकलने वाले वाहनों से खनन क्षेत्र के धूलकणों को हवा में उड़ने से रोकने के लिए सड़क की दोनों पटरियों पर पानी का छिड़काव होना चाहिए ताकि धूल के गुबार से आवागमन में लोगों को असुविधा न हो लेकिन पानी का छिड़काव भी नहीं होता है जिससे सड़क के किनारे रहने वाले लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो उठा है।
आसपास के क्षेत्रवासियों के आने-जाने का यही एक मार्ग रास्ता है। नौकरी करने वाले, स्कूल जाने वाले बच्चे और कचहरी या जिला मुख्यालय जाने के लिए लोग इसी मार्ग से होते हुए निकलते हैं। ऐसे में भय बना रहता है कि यदि बोल्डर गिट्टी लदे ट्रक से कोई बड़ी घटना घट जाने पर इसकी जिम्मेदार कौन लेगा?
सुरक्षा को लेकर ना पुलिस, ना ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी देखने को मिल रही है। ना ही नगर पंचायत समुचित ढंग से पानी के छिड़काव को लेकर अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वहन कर रहा है।
दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि राजस्व को भी बहुत बड़ा चूना लगाया जा रहा है।शारदा मंदिर चौराहे पर पुलिस केंद्र बना हुआ है मगर कभी वहां पुलिस कर्मी को देखा नहीं गया ना ट्रैफिक पुलिस को देखा जाता है।
यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने, दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस केंद्र बना हुआ है मगर वहां कोई भी अधिकारी और कर्मचारी देखने को नहीं मिलते हैं।
Jun 25 2024, 19:58