MIRZAPUR : भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके शास्त्री सेतु का पाथ-वे ट्रक चढ़ने से टूटा, हो सकता है बड़ा हादसा
संतोष देव गिरि ,मीरजापुर। दुद्धि-लुम्बिनी मार्ग को जोड़़ने वाले गंगा नदी पर बने मिर्जापुर का शास्त्री पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। शास्त्री सेतु पुल एक बार फिर किनारे से टूट गया है। बीती रात बालू लदे ओवरलोड ट्रक मिर्ज़ापुर की ओर से जाते समय पाथ-वे पर चढ़ गया जिससे वह टूट कर गड्ढे का रूप ले लिया है।
पुल के टूटे पाथ-वे की का अभी तक मरम्मत कार्य भी नहीं हो पाया है। बताते चलें कि वर्ष 2020 से 3 बार करोड़ो की लागत लगाकर पुल का मरम्मत कराया जा चुका है। ओवर लोड बालू के ट्रक चढ़ने से पथवे का हिस्सा किनारे से टूटा है। 6 महीने पहले ही मरम्मत कराकर शास्त्री सेतु पुल को बड़े वाहनों के लिए चालू किया गया था। 45 साल पुराना बने पुल पर हर वर्ष मरम्मत का खेल होता है। पूर्व में मुंबई की कंपनी में आरएंडएम इंटरनेशनल को मरम्मत का ठेका दिया गया था। जर्जर पुल पर हर दिन हजारों वाहन गुजरते है। मिर्जापुर का शास्त्री सेतु पुल दुद्धि-लुम्बिनी मार्ग को जोड़ता है। 1अगस्त 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इस सेतु का उद्घाटन किया था।
बदलते ज़माने के साथ ही पुल पर न केवल आवागमन बढ़ा है बल्कि वाहनों की खेप भी बढ़ी है ऐसे में क्षमता से अधिक भार बढ़ने से पुल पर जहां असर पड़ा है वहीं रखरखाव में जमकर लापरवाही भी बरती गई है। जिसका खामियाजा यह हुआ है कि पुल के किनारे लगी लोहे की सरिया सड़-गल चुकी है। जगह-जगह दरार और जर्जर सरिया पुल के कमजोर होने की ओर इसारा करते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मरम्मत के नाम पर खर्च हुए रुपये के जांच के लिए पत्र लिख चुकी हैं। गौर करें तो वर्ष 2020 में 8 करोड़, 2021- 22 में 5.64 करोड़ और 2023 में 7.48 करोड़ मरम्मत के नाम पर खर्च हो चुके है। मरम्मत के नाम पर शास्त्री सेतु में करोड़ो का खेल होना बताया जा रहा है। फिलहाल शास्त्री सेतु पुल का टूटा हुआ पाथ-वे बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा टूटा है।
Jun 24 2024, 18:44