लक्ष्मण ने निद्रा देवी से मांगा था चौदह वर्षों तक जागने का वरदान : आरती मौर्या
कृष्णपाल ( के डी सिंह), पिसावां (सीतापुर) बराहमऊ में चल रही श्रीमद भागवत कथा का श्रीराम राज्याभिषेक के प्रसंग के साथ सम्पन्न हो गयी इस दौरान हवन पूजन के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया कथा वाचिका आरती मौर्या ने कथा श्रवण कराते हुये कहा पुराणों के अनुसार जहां श्री राम विष्णु जी के अवतार थे, वहीं लक्ष्मण शेषनाग के अवतार थे। जब भगवान राम को वनवास हुआ तो उनके साथ लक्ष्मण और माता सीता भी जाने लगे। लेकिन लक्ष्मण जी ने वनगमन से पूर्व अपनी नींद का त्याग किया।
पुराणों के अनुसार वन जाने से पूर्व लक्ष्मण ने निद्रा देवी से वरदान मांगा कि वनवास के 14 वर्षों तक उन्हे नींद नहीं आए ताकि वह अपने भाई-भाभी की सेवा कर सकें। लक्ष्मण की सेवा भाव से प्रसन्न होकर निद्रा देवी ने उन्हें वरदान दे दिया, लेकिन इसके बदले में एक शर्त भी रखी कि लक्ष्मण के बदले उनकी पत्नी उर्मिला को 14 वर्षों तक सोना होगा।
इसी कारण लक्ष्मण के बदले उनकी पत्नी उर्मिला 14 वर्षों तक राजभवन में सोती रहीं। रामायण के एक कांड में उल्लेख है कि श्रीराम और रावण के भीषण युद्ध में लक्ष्मण ने रावण के पुत्र मेघनाद का वध किया था क्योंकि मेघनाद को वरदान प्राप्त था कि 14 वर्षों तक लगातार जागने वाला इंसान ही मेघनाद का वध कर पाएगा। इसीलिए लक्ष्मण ने मेघनाद का वध किया था।
वनवास समाप्त होने के बाद श्रीराम का राज्याभिषेक होना था। लेकिन राजतिलक के समय लक्ष्मण जोर-जोर से हंसने लगे तो सबने उनसे इसका कारण पूछा तो वह बोले जिस घड़ी का वो इतने वर्षों से इंतजार कर रहे थे उस दिन उन्हें निद्रा देवी को दिया गया वो वचन पूरा करना होगा। कहा जाता है कि निद्रा देवी ने कहा था कि जैसे ही वह अयोध्या लौटेंगे उर्मिला की नींद टूट जाएगी और उन्हें सोना होगा। लक्ष्मण जी इसलिए हंस रहे थे कि वह अपने भ्राता प्रभु श्रीराम का राजतिलक नहीं देख पाएंगे। लक्ष्मण जी के स्थान पर इस शुभ बेला पर उनकी पत्नी उर्मिला उपस्थित हुई थीं।
Jun 21 2024, 10:48