Jharkhand

Jun 17 2024, 20:26

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने अपने विधानसभा के जनता के बीच जाकर सुनी उनकी समस्याएँ, दिया समाधान का आश्वासन

झारखण्ड डेस्क 

विधान सभा चुनाव को लेकर जहाँ बड़ी पार्टियां सजग होकर अपनी सक्रियता बढा दी है वहीं जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने भी जनता के बीच जाकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.

इसी के तहत वे रामाधीन बागान और मनीफीट क्षेत्र का दौरा किया, और जनता की समस्याओं को सूना तथा उसके समाधान का आश्वासन दिया.

आज सोमवार की सुबह संपर्क समस्या समाधान के तहत विधायक सरयू राय ने रामाधीन बागान एरिया और मनीफीट एरिया का भ्रमण करके लोगों से बात किया और उनकी समस्याओं को जाना साथ ही रोड, नाली, बिजली, चापाकल की जो समस्याएं थी. 

उसको जल्द मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया. रामदीन बागान में ए के रोड में पाया गया कि घरों के बगल से एक नाला गया है, जो टाटा मोटर्स का पानी निकाल कर बस्तियों के बीच से निकलता है जिसकी सफाई नहीं होने के कारण बरसात के कारण पूरा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है. इसकी सफाई करने के लिए टाटा मोटर्स अधिकारी को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द नाले की सफाई की जाए और कई चापानला के साथ स्ट्रीट लाइट खराब थी उसको भी मरम्मती का निर्देश जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी के अधिकारियों को दिया गया.

वही मौके पर पहुंची महानंद बस्ती की क्षेत्रीय भाजमो जिला मंत्री मुन्ना देवी ने भी विधायक से लिखित रूप से आवेदन के तहत मांग की है की महानंद बस्ती के हनुमान मंदिर की छत ढलाई के साथ ग्रिल इत्यादि लगवा कर मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाए तथा मंदिर के बगल में स्थित स्कूल की मरम्मतीकारण करवाने की भी मांग की है. मौके पर उपस्थित लक्ष्मीनगर मंडल अध्यक्ष विनोद राय, सुधीर कुमार, राजू, अमरेश, करनदीप सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष शीला नाथ पांडे, मुन्ना देवी और कई बस्ती वासी मौके पर मौजूद थे.

Jharkhand

Jun 17 2024, 19:50

आग से क्षतिग्रस्त घर के पीड़ित परिवार से मिले: विधायक शिल्पी नेहा तिर्की।

झा डेस्क 

चान्हो प्रखंड अंतर्गत ग्राम रामदगा में बीते दिन आग से लगभग 12 या 15 घर पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई। क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता एवं खबर माध्यम से मिलते ही पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची स्थानीय विधायक शिल्पी नेहा तिर्की।

    विधायक ने क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया। साथ ही तत्कालीन आपदा राहत के लिए बड़े सरकारी पदाधिकारी से बात की, कि उक्त सभी पीड़ित लोगों के लिए जल्द से जल्द पानी का, खाने का एवं रहने का व्यवस्था कराये। 

और क्षति का शीघ्र आकलन कराते हुए मुआवजा राशि पीड़ित परिवार को भुगतान किया जाए ।

    मौक़े पर पार्टी के विधायक प्रतिनिधि मन्ना उरांव, प्रमोद लाल, अनिल उरांव एवं अन्य उपस्थित रहे।।

आगजनी से हुई क्षतिग्रस्त परिवार से मिले: डॉ. परमेश्वर भगत

ज्ञात हो की चान्हो प्रखंड अंतर्गत ग्राम रामदगा में बीते दिन हुई आगजनी से दीपक प्रसाद साहू, किशोरी लाल साहू, नकुल प्रसाद साहू, मनोज कुमार साहू, महेंद्र प्रसाद साहू, भीम साहू, सत्यदेव साहू, राजेश साहू, अनिल प्रसाद साहू, सुखदेव साहू एवं प्रेम साहू के घर पूरी तरह जल कर बर्बाद हो गई। खबर मिलते ही पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व डीडीसी सह समाजसेवी डॉ परमेश्वर भगत

    इन्होंने तत्कालीन आपदा राहत के लिए वरीय अधिकारियों से बात की और अनुरोध किया कि उक्त सभी लोगों के लिए जल्द से जल्द पानी का, खाने का एवं रहने का व्यवस्था कराया जाए। साथ ही हुए क्षति का शीघ्र आकलन कराते हुए मुआवजा भुगतान के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए ।

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Jun 17 2024, 19:38

क्या झारखंड सरकार में बढेगा बन्ना गुप्ता का कद,पिछले दिन सीएम चंपाई सोरेन के बैठक में गुप्ता को वरियता के क्रम मिले स्थान के बाद चर्चा तेज

झारखण्ड डेस्क 

क्या झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बन्ना गुप्ता का कद बढ़ेगा. इस बात का क्यास इस बात से लगाने लगा है कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई विभागों की एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के ठीक बगल सीट में वरीयता क्रम में पहले आने वाले मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता को जगह दी गई। उसके बाद से यह चर्चा जोरों से है कि सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता का कद बढ़ने वाला है।

 पहले तक चंपाई सरकार में मुख्यमंत्री के बाद वरीयता क्रम में आलमगीर आलम का स्थान होता था। मुख्यमंत्री आवास में चाहे इंडिया गठबंधन की बैठक हो या सचिवालय में विभागों की समीक्षा, सभी में मुख्यमंत्री के बगल में हमेशा आलमगीर आलम ही बैठे देखे जाते थे। मंगलवार की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना बैठे न कि डॉ उरांव। समीक्षा बैठक में उपस्थित सभी आला अधिकारी भी इससे काफी अचंभित हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में मुख्यमंत्री के बगल में डॉ उरांव के बैठे जाने का नेम प्लेट लगा था। हालांकि बाद में इस नेम प्लेट की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता का नेम प्लेट लगा दिया गया।

ओबीसी वोट बैंक साधने की कांग्रेस की बड़ी कोशिश

लोकसभा चुनाव में पांचों एसटी सीटें जीतने के बाद इंडिया गठबंधन इस बात से तो बेफ्रिक है कि नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट ज्यादा से ज्यादा उनके पक्ष में ही रहेगा। गठबंधन के घटक दलों खासकर कांग्रेस पार्टी की चिंता ओबीसी वोट बैंक की है। केंद्र के मोदी कैबिनेट में जिस तरह ओबीसी वर्ग से आने वाले अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ को जगह दी गई, उसे देख इंडिया गठबंधन की यह चिंता और भी बढ़ गई है। 

राजनीति में एक अहम वोट बैंक कुरमी की एक बड़ी आबादी एनडीए घटक दल वाली आजसू के साथ है। फिलहाल कांग्रेस के पास ओबीसी वर्ग से बन्ना गुप्ता, प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, जयप्रकाश भाई पटेल सरीके नेता हैं।

 इस बारे में जब मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बात करने से साफ इनकार कर दिया। वहीं, मंत्री रामेश्वर उरांव से भी बातचीत करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।

वरीयता में बन्ना पीछे, आलमगीर के बाद डॉ उरांव का स्थान

दरअसल पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के मंत्री पद छोड़े जाने के बाद से ही कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद खाली है। मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि उन्हें यह पद दिया जा सकता है। लेकिन यहां एक तकनीकी पेच भी बन सकता है। हेमंत सोरेन के 29 दिसंबर 2019 को ली गई शपथ में उनके साथ आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली थी।

 उसके करीब एक माह बाद यानी 28 जनवरी 2020 को अन्य मंत्री जिनमें बन्ना गुप्ता भी थे, ने शपथ ली। कैबिनेट में वरीयता का क्रम हमेशा शपथ लेने के आधार पर निर्धारित होता है। आलमगीर के हटने के बाद वरीयता के क्रम में डॉ. उरांव का स्थान आता है। लेकिन उनकी जगह मंत्री बन्ना गुप्ता को मुख्यमंत्री के बगल में जगह दी गई। ऐसे में मंत्री बन्ना का कद बढ़ाने के लिए सरकार एक नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है।

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Jun 17 2024, 19:32

क्या झारखंड सरकार में बढेगा बन्ना गुप्ता का कद,पिछले दिन सीएम चंपाई सोरेन के बैठक में गुप्ता को वरियता के क्रम मिले स्थान के बाद चर्चा तेज

झारखण्ड डेस्क 

क्या झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बन्ना गुप्ता का कद बढ़ेगा. इस बात का क्यास इस बात से लगाने लगा है कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई विभागों की एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के ठीक बगल सीट में वरीयता क्रम में पहले आने वाले मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता को जगह दी गई। उसके बाद से यह चर्चा जोरों से है कि सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता का कद बढ़ने वाला है।

 पहले तक चंपाई सरकार में मुख्यमंत्री के बाद वरीयता क्रम में आलमगीर आलम का स्थान होता था। मुख्यमंत्री आवास में चाहे इंडिया गठबंधन की बैठक हो या सचिवालय में विभागों की समीक्षा, सभी में मुख्यमंत्री के बगल में हमेशा आलमगीर आलम ही बैठे देखे जाते थे। मंगलवार की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना बैठे न कि डॉ उरांव। समीक्षा बैठक में उपस्थित सभी आला अधिकारी भी इससे काफी अचंभित हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में मुख्यमंत्री के बगल में डॉ उरांव के बैठे जाने का नेम प्लेट लगा था। हालांकि बाद में इस नेम प्लेट की जगह मंत्री बन्ना गुप्ता का नेम प्लेट लगा दिया गया।

ओबीसी वोट बैंक साधने की कांग्रेस की बड़ी कोशिश

लोकसभा चुनाव में पांचों एसटी सीटें जीतने के बाद इंडिया गठबंधन इस बात से तो बेफ्रिक है कि नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट ज्यादा से ज्यादा उनके पक्ष में ही रहेगा। गठबंधन के घटक दलों खासकर कांग्रेस पार्टी की चिंता ओबीसी वोट बैंक की है। केंद्र के मोदी कैबिनेट में जिस तरह ओबीसी वर्ग से आने वाले अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ को जगह दी गई, उसे देख इंडिया गठबंधन की यह चिंता और भी बढ़ गई है। 

राजनीति में एक अहम वोट बैंक कुरमी की एक बड़ी आबादी एनडीए घटक दल वाली आजसू के साथ है। फिलहाल कांग्रेस के पास ओबीसी वर्ग से बन्ना गुप्ता, प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, जयप्रकाश भाई पटेल सरीके नेता हैं।

 इस बारे में जब मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बात करने से साफ इनकार कर दिया। वहीं, मंत्री रामेश्वर उरांव से भी बातचीत करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।

वरीयता में बन्ना पीछे, आलमगीर के बाद डॉ उरांव का स्थान

दरअसल पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के मंत्री पद छोड़े जाने के बाद से ही कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद खाली है। मुख्यमंत्री के बगल में बन्ना की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि उन्हें यह पद दिया जा सकता है। लेकिन यहां एक तकनीकी पेच भी बन सकता है। हेमंत सोरेन के 29 दिसंबर 2019 को ली गई शपथ में उनके साथ आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली थी।

 उसके करीब एक माह बाद यानी 28 जनवरी 2020 को अन्य मंत्री जिनमें बन्ना गुप्ता भी थे, ने शपथ ली। कैबिनेट में वरीयता का क्रम हमेशा शपथ लेने के आधार पर निर्धारित होता है। आलमगीर के हटने के बाद वरीयता के क्रम में डॉ. उरांव का स्थान आता है। लेकिन उनकी जगह मंत्री बन्ना गुप्ता को मुख्यमंत्री के बगल में जगह दी गई। ऐसे में मंत्री बन्ना का कद बढ़ाने के लिए सरकार एक नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है।

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Jun 17 2024, 18:06

झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इस राज्य के चुनाव प्रभारी का जिम्मा शिवराज सिंह चौहान और हेमन्त विश्व सरमा को दिया


झारखंड डेस्क

झारखंड में इसी साल नवम्बर दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होना है। जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। झारखंड में एनडीए की सरकार इसके पूर्व रही है।वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार है। जो अभी इंडी गटबंधन के रूप में है।

इंडी गटबंधन की सरकार ने चुनाव को देखते हुए अपनी तैयारी शुरू की है तथा राज्य में कई घोषणाएं शुरू कर दी है।तो वहीं भाजपा भी सतर्क होकर रणनीति बनाना शुरू कर दी है।

इस बीजेपी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए विधानसभा चुनाव के लिए राज्यों के लिए प्रभारी नियुक्त करना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्र में मंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया है। उनके सहयोगी के रूप असम के मुख्यमंत्री हेमन्त विश्व सरमा को प्रभार दिया है।अब भाजपा को बेहतर प्रदर्शन के लियें दोनों को मिलकर रणनीति बनाना होगा।

पिछले लोकसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश में खूब सिक्का चला।उन्होंने बहुत ही सम्मानजनक वोट से खूद भी जीता और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया।

भाजपा के लिए झारखंड बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है।यहां उनका जनाधार भी रहा है।जबसे अलग राज्य बना तब से भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा।इस बार भी उसे बहुत उम्मीद है कि उनकी झारखंड में सत्ता में वापसी होगी।इस लिए शिवराज सिंह चौहान की बहुत हीं अहम भूमिका हो जाती है।

वैसे राज्य में इसबार तीसरे राजनीतिक ताकत के रूप में जयराम महतो को देखा जा रहा है।जिसने घोषणा कर दी है कि वह 50 सीटों पर कैंडिडेट देगा।ऐसे परिस्थिति में भाजपा इस तीसरी ताकत को चुनोती के रूप में लेती है या अवसर के रूप में यह वीजेपी के रणनीति पर निर्भर करता है।

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Jun 17 2024, 17:24

ईसीएल कर्मी एक बुजुर्ग निकला घर से एक बारात में शामिल होने,किसी ने उसकी पीट पीट कर कर दी हत्या,


हत्यारा कौन था जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर...? 

झारखंड डेस्क

झारखंड के साहिबगंज के मिर्जा चौकी में एक बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या कर देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था, वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी फरार था.इस पूरी घटना की जब जांच हुई तो चौकाने वाले मामला सामने आया,पीट पीट कर हत्या करने वाला शख्स और कोई नही उसका दमाद निकला।

गोड्डा जिला के ललमटिया के रहने वाले मंगल बास्की का शव मिर्जाचौकी के बसहा गांव के समीप से बरामद हुआ था। इसके बाद साहिबगंज के एसपी की ओर से एसडीपीओ किशोर तिर्की के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था।

एसआईटी ने मृतक की पहचान करते हुए घरवालों से पूछताछ की थी।

सख्ती से पूछताछ पर कबूला गुनाह

घरवालों ने एसआईटी को बताया था कि मंगल बास्की ईसीएल कंपनी में कार्यरत था। वह साहेबगंज जिला के मिर्जाचौकी के कीर्तनीय गांव में एक बारात में शामिल होने गए थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके दामाद अनिल टुडू से हुई थी। इसके बाद पुलिस ने अनिल को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

बसहा गांव में वारदात को दिया अंजाम

पुलिस ने बताया कि दामाद अनिल अपने ससुर मंगल पर उसे अपना घरजमाई बनाने का दबाव डाल रहा था। साथ ही वेतन के पैसे उसे देने की मांग कर रहा था। इसका ससुर मंगल बास्की विरोध कर रहे थे। इसी बीच अनिल ससुर मंगल बास्की को बारात वाले स्थान पर पहुंचाने की बात कह कर अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और बसहा गांव ले गया।यहां सुनसान जगह पर अनिल और एक नाबालिग ने ससुर मंगल बास्की पर ताबड़तोड़ डंडे और पत्थर से हमला कर दिया।इस हमले में मंगल की मौत हो गई।वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

एसआईटी टीम ने मृतक मंगल बास्की के घरवालों से की गई पूछताछ के आधार दामाद अनिल टुडू को हिरासत में लिया।पुलिस की पूछताछ में अनिल ने अपराध को स्वीकार कर लिया। पुलिस ने अनिल टुडू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

Jharkhand

Jun 17 2024, 16:52

आज झारखंड में धूमधाम से मनाया गया बकरीद,दी गई बकरे की कुर्वानी,ईदगाह में पढ़े गए अकीदत के नमाज


आज बकरीद का त्योहार सोमवार 17 जून को मनाया जा रहा है. सुबह से ही ईदगाहों में नमाज अदा की जा रही है. कुर्बानी के इस त्योहार की सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. ईदगाहों व मस्जिदों में विशेष व्यवस्था की गयी है.

रांची में सुहाने मौसम में बकरीद की नमाज अदा कर रहे लोग

रांची के कई इलाकों में रविवार की देर रात हुई बारिश के बाद राजधानी में सुहाने मौसम में लोगों ने ईदगाहों में नमाज अदा की. रांची ईदगाह में सुबह 9 बजे मौलाना डॉ असगर मिसबाही व डोरंडा ईदगाह में सुबह 8 बजे मौलाना अलकमा सिबली नमाज पढ़ायेंगे. 

सबसे पहले मक्का मस्जिद हिंदपीढ़ी में नमाज होगी. यहां 5:20 बजे नमाज पढ़ी गई. इसके बाद डोरंडा ईदगाह में नमाज अदा की गई. अब अन्य मस्जिदों व ईदगाहों में नमाज होगी.

बकरीद बलिदान देने का प्रतीक है

एदारे शरिया के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि बकरीद एक इंसान को दूसरे इंसान व संपूर्ण मानव जीवन के लिए बलिदान देने का प्रतीक है. किसी भी मनुष्य को घमंड, लालच और द्वेष रहित होकर अपने जीवन को रब के आगे समर्पित कर देना ही असली कुर्बानी है. आपसी समरसता व भाईचारे के माहौल में कुर्बानी का त्योहार मनाना हम सबका दायित्व है.

मसजिदे जाफरिया के इमाम मौलाना तहजीबुल हसन ने कहा कि बकरीद का पर्व लोगों को इस बात का संदेश देता है कि हर इंसान को किसी न किसी मौके पर चाहत की कुर्बानी देनी चाहिए. जानवर की कुर्बानी देना आसान है, लेकिन चाहत की कुर्बानी देना मुश्किल है और जो चाहत की कुर्बानी देता है, वह कामयाब है. उन्होंने कहा कि इस त्योहार को आपसी भाईचारे के साथ मनायें. वहीं कोई ऐसा काम न करें, जो दूसरों को तकलीफ पहुंचाये.

उन्होंने कहा कि कहा कि मजहबे इस्लाम में तकलीफ देकर इबादत करने को सही नहीं माना गया है. उन्होंने कहा कि जज्बा ए कुर्बानी जिस समाज में पाया जाता है, वह समाज तरक्की करता है. हमारा हिंदुस्तान एकता का प्रतीक है और इस एकता को मजबूती प्रदान करना हर हिंदुस्तानी का फर्ज है. यही कारण है कि हमारे पर्व में मुसलमान के साथ-साथ सभी भारतवासी हमारा हिस्सा बनते हैं.

बाजारों में रही चहल-पहल

त्योहार को लेकर बाजारों में चहल-पहल रही. यह चहल-पहल बकरा बाजार से लेकर सेवई व सब्जियों की दुकानों में देखने को मिली. मेन रोड डॉ फतेउल्लाह रोड में बाजार की रौनक देखते ही बन रही थी. यहां दस-तीस हजार रुपये तक के बकरे खूब बिके. यहां 50 हजार रुपये से भी अधिक का बकरा था लेकिन इसके खरीदार नहीं मिल रहे थे।

रांची में कुर्बानी के पर्व बकरीद का उल्लास, मस्जिदों व ईदगाहों में अदा की जा रही नमाज 2

यहां के अलावा कई अन्य जगहों पर भी छोटा-छोटा बाजार लगा था, जहां लोगों ने इसकी खरीदारी की. कई लोग दो, तो कई लोग तीन, तो कई लोग एक बकरे की खरीदारी कर रहे थे. मालूम हो कि बकरीद का त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है. वहीं बाजार में सब्जियों की दुकान विशेषकर प्याज की दुकानों में खासी भीड़ रही.

कुर्बानी का पाकीजा मकसद : डॉ शाहनवाज कुरैशी

पवित्र कुरान में अल्लाह ने अनेक स्थानों पर कुर्बानी देने का आदेश दिया है. सूरा बकरा (2:196), सूरा इमरान (3:183), सूरा अल मायदा (5:2, 5:29, 5:97), सूरा अनाम (6:162), सूरा अनफाल (8: 75), सूरा हज (22:33, 22:36, 22:67), सूरा सफ़्फ़ात (37:107), सूरा अल फतह (48: 25), सूरा हशर (59:8), सूरा अल कौसर (108 :2) आदि में दर्जनों जगह कुर्बानी से संबंधित निर्देश है.

कुर्बानी के संबंध में स्पष्ट रूप से फरमाया गया- अल्लाह को कुर्बानी का न गोश्त पहुंचता है और न खून, बल्कि तुम्हारी तक़वा पहुंचता है. (22:37) व्यक्ति अपने अंदर की कमियों को भी इस त्योहार में दूर करने का संकल्प ले. ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव सदैव प्रदर्शित होना चाहिए. कुर्बानी त्याग और समर्पण की परीक्षा है. इस्लामिक मान्यता है कि यह संसार थोड़े समय के लिए ठहराव की जगह है.

इंसानों को अल्लाह ने अपनी इबादत के लिए पैदा किया. ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव प्रदर्शित करने का एक माध्यम है कुर्बानी. यह पैगम्बर इब्राहिम (अ) की सुन्नत है. यह कुर्बानी हज का भी अहम हिस्सा है. जब मक्का में दुनिया भर से जुटे लाखों लोग मीना में कुर्बानी पेश करते हैं. इस कुर्बानी का गोश्त गरीब अफ्रीकी देशों में भेज दिया जाता है.

इस्लाम ने खुशी के अवसर पर गरीबों को शामिल करने का निर्देश दिया है. ईद के मौके पर जहाँ फ़ितरा, जकात और सदका के माध्यम से गरीबों का ख्याल रखा गया है. वहीं ईद-उल-अज़हा के समय जानवरों के मांस को तीन हिस्सों में बांट कर एक हिस्सा गरीबों के लिए निश्चित कर दिया गया.

इस्लाम में प्रवेश के लिए ईश्वर के प्रति समर्पण पहली शर्त है. इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम सच्चाई के मार्ग पर सब कुछ कुर्बान करने की सीख देता है. वहीं अंतिम महीना जिलहिज़्ज़ भी अल्लाह के रास्ते ओर अपना प्रियतम चीज भी कुर्बान करने की भावना को दर्शाता है.

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Jun 17 2024, 08:58

झारखंड का एक आदर्श गांव,जहां का क्राइम रेट है जीरो,शत -प्रतिशत लोग हैं शिक्षित,आज तक एक भी मामला नही पहुंचा थाना*
झारखंड डेस्क आज आपको झारखंड के एक ऐसे गांव की जानकारी दे रहे हैं जहां आजादी के बाद से आज तक एक भी मामला थाने में दर्ज नही हुआ है गांव के लोग शत प्रतिशत पढ़े लिखे हैं। यह गांव है रामगढ़ जिले के चेटर गांव । जो काफी अनोखा है. इस गांव में आज तक आजादी के बाद थाना में एक भी क्रिमिनल केस या फिर किसी भी अन्य तरह का मामला दर्ज नहीं है. इस गांव के हर घर में आपको कोई ना कोई शिक्षक या फिर ग्रेजुएट या पीएचडी करने वाला मिल जाएगा. दरअसल, गांव में छोटे-छोटे मसले तो होते हैं.लेकिन उसे अखाड़ा में बैठकर बड़ा शांतिपूर्वक सुलझा लिया जाता है और अखाड़ा का जो फैसला होता है वह सब सर झुका कर मानते हैं. फैसला भी बड़ा सरल और सहज ढंग से व आपसी सहमति से होता है. गांव में अखाड़ा( पंच) में गांव के वरिष्ठ और पढ़े-लिखे 10 से 12 सदस्य होते हैं.यह सदस्य मिलकर छोटी बड़ी हर मसले का हल निकालते हैं.अखाड़ा के मुख्य सदस्य डॉ विनोद कुमार ने बताया कि इस गांव का शुरू से ही शिक्षा के प्रति रुझान रहा है. हर घर में आपको कोई ना कोई ग्रेजुएट मिल जाएगा. पिछले जेपीएससी में हमारे गांव की बच्ची सोनाली ने सफलता के परचम लहराया और अभी चतरा में पोस्टेड है. उन्होंने बताया कि हमारे गांव के लोग लड़ाई झगड़ा से लोग कोसो दूर रहते हैं.यहां पर आपको पढ़ने लिखने शांति का माहौल मिलेगा.यहां पर लगभग 30% घर में शिक्षक रहते हैं.यह शिक्षक सरकारी स्कूल में काम करते हैं तो कुछ प्राइवेट भी है. यहां के स्थानीय लोग अधिकतर खेती-बाड़ी पर निर्भर है. इस गांव की एक और खास बात यह है कि एक ही मोहल्ले में आदिवासी, हिंदू ,सिख व इसाई हर धर्म के लोग मिल जाएंगे. लेकिन इसके बावजूद यहां पर एक भी लड़ाई झगड़ा छोड़िये तेज बात करने की आवाज तक भी नहीं आती. गांव के थाना प्रभारी रंजीत कुमार सिन्हा बताते हैं इस गांव के लोग बड़े मिलनसार है. आपस में बहुत मिलजुल के रहते हैं और अगर कोई भी मसला होता है तो पंचायत में आपसी सहमति से और बहुत ही इज्जत के साथ सुलझाते हैं, इस गांव के लोगों का मैं खुद भी निजी तौर पर बहुत इज्जत करता हूं.

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Jun 16 2024, 14:03

झारखण्ड को मिलेगी एक और वन्दे भारत ट्रैन इसके लिए टाटानागर रेलवे स्टेशन पर शुरू होगा दो नए प्लेटफार्म बनाने का काम

झारखण्ड डेस्क 

टाटानगर रेलवे स्टेशन से जल्द ही वंदेभारत ट्रेन चलने जा रही है। इसका काम प्रगति पर है। बोर्ड स्तर पर फैसले के बाद यह कहां से कहां तक चलेगी, इसकी जानकारी दी जायेगी। यह जानकारी दक्षिण-पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने दी। शनिवार को टाटानगर स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पत्रकारों से ये बातें कहीं।

जीएम ने कहा कि दक्षिण पूर्व रेलवे को कई वंदेभारत ट्रेनें मिली हैं। उन्होंने कई विकास योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि टाटानगर रेलवे स्टेशन पर तीन नये प्लेटफॉर्म और आदित्यपुर में दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि टाटानगर स्टेशन के री-डेवलपमेंट का काम जल्द शुरू होगा। यह इसीपी कॉन्ट्रैक्ट के अधीन है, जिसके तहत कॉन्ट्रैक्टर को ही डिजाइन और वर्क करना है। रेलवे को सिर्फ अपनी जरूरतें बतानी है।

री-डेवलपमेंट के बाद टाटानगर स्टेशन 108 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा हो जायेगा। बीच में 36 मीटर का फुटओवरब्रिज होगा और फूड प्लाजा भी बनेगा। साउथ और नार्थ एरिया में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स भी होगा।

वर्तमान में पांच प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर आठ किया जायेगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। पर्याप्त जमीन खाली पड़ी है। यहां जो खाली भवन हैं या अतिक्रमित हैं, उसे हटाया जायेगा। अगर पुनर्वास की जरूरत होगी, तो यह राज्य सरकार का मामला है। रेलवे की ओर से पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।

जीएम ने कहा कि यह सही है कि ट्रेनें देर से चल रही हैं। अप्रैल से मई माह में कई स्पेशल ट्रेनें चली थीं। रेगुलर ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ। अब इसको दुरुस्त करने का काम चल रहा है।

देश को अगर विकास के पथ पर ले जाना है, तो संसाधन तैयार करना होगा। इसके कारण ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। समय पर ट्रेनें चलें, यह सुनिश्चित कराया जायेगा।

अप्रैल से जून तक का समय काम का होता है। जून से अक्तूबर तक बारिश के कारण काम नहीं हो पाता है। इसके बाद फेस्टिव सीजन शुरू हो जाता है। इस कारण काम में दिक्कत होती है। वैसे तय किया गया है कि 120 दिन पहले किसी भी विकास काम के कारण ट्रेनें रद्द होने की सूचना दे दी जायेगी, ताकि यात्री अपनी सहूलियत के अनुसार टिकटों की बुकिंग कर सकें।

बालेश्वर हादसे के बाद कवच को लॉन्च किया गया था। दक्षिण-पूर्व रेलवे में भी कवच सिस्टम लागू किया जा रहा है। 160 केएमपीएच वाले एरिया में अभी दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई तक कवच लगाया जा रहा है, ताकि ट्रेनों की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। दक्षिण-पूर्व रेलवे में इसको लगाने के लिए सर्वे का काम पूरा होने वाला है। जल्द ही काम शुरू होगा।

Jharkhand

Jun 16 2024, 13:36

झारखण्ड को मिलेगी एक और वन्दे भारत ट्रैन इसके लिए टाटानागर रेलवे स्टेशन पर शुरू होगा दो नए प्लेटफार्म बनाने का काम

झारखण्ड डेस्क 

टाटानगर रेलवे स्टेशन से जल्द ही वंदेभारत ट्रेन चलने जा रही है। इसका काम प्रगति पर है। बोर्ड स्तर पर फैसले के बाद यह कहां से कहां तक चलेगी, इसकी जानकारी दी जायेगी। यह जानकारी दक्षिण-पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने दी। शनिवार को टाटानगर स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पत्रकारों से ये बातें कहीं।

जीएम ने कहा कि दक्षिण पूर्व रेलवे को कई वंदेभारत ट्रेनें मिली हैं। उन्होंने कई विकास योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि टाटानगर रेलवे स्टेशन पर तीन नये प्लेटफॉर्म और आदित्यपुर में दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि टाटानगर स्टेशन के री-डेवलपमेंट का काम जल्द शुरू होगा। यह इसीपी कॉन्ट्रैक्ट के अधीन है, जिसके तहत कॉन्ट्रैक्टर को ही डिजाइन और वर्क करना है। रेलवे को सिर्फ अपनी जरूरतें बतानी है।

री-डेवलपमेंट के बाद टाटानगर स्टेशन 108 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा हो जायेगा। बीच में 36 मीटर का फुटओवरब्रिज होगा और फूड प्लाजा भी बनेगा। साउथ और नार्थ एरिया में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स भी होगा।

वर्तमान में पांच प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर आठ किया जायेगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। पर्याप्त जमीन खाली पड़ी है। यहां जो खाली भवन हैं या अतिक्रमित हैं, उसे हटाया जायेगा। अगर पुनर्वास की जरूरत होगी, तो यह राज्य सरकार का मामला है। रेलवे की ओर से पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।

जीएम ने कहा कि यह सही है कि ट्रेनें देर से चल रही हैं। अप्रैल से मई माह में कई स्पेशल ट्रेनें चली थीं। रेगुलर ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ। अब इसको दुरुस्त करने का काम चल रहा है।

देश को अगर विकास के पथ पर ले जाना है, तो संसाधन तैयार करना होगा। इसके कारण ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। समय पर ट्रेनें चलें, यह सुनिश्चित कराया जायेगा।

अप्रैल से जून तक का समय काम का होता है। जून से अक्तूबर तक बारिश के कारण काम नहीं हो पाता है। इसके बाद फेस्टिव सीजन शुरू हो जाता है। इस कारण काम में दिक्कत होती है। वैसे तय किया गया है कि 120 दिन पहले किसी भी विकास काम के कारण ट्रेनें रद्द होने की सूचना दे दी जायेगी, ताकि यात्री अपनी सहूलियत के अनुसार टिकटों की बुकिंग कर सकें।

बालेश्वर हादसे के बाद कवच को लॉन्च किया गया था। दक्षिण-पूर्व रेलवे में भी कवच सिस्टम लागू किया जा रहा है। 160 केएमपीएच वाले एरिया में अभी दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई तक कवच लगाया जा रहा है, ताकि ट्रेनों की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। दक्षिण-पूर्व रेलवे में इसको लगाने के लिए सर्वे का काम पूरा होने वाला है। जल्द ही काम शुरू होगा।