गंगा जीवनदायिनी हैं, धरती पर न आती तो देश मरुस्थल हो जाता : अभिनव पांडेय

मिजार्पुर। नगर के बरिया घाट स्थित सिटी लॉन में आध्यात्मिक और वैचारिक संस्था त्रिवेणी द्वारा 'हिमालय से निकलती है गंगा की पावन यात्रा' विषयक गोष्ठी रविवार को आयोजित की गई।

गोष्ठी में मुख्य वक्ता हरियाणा के करनाल जिले में स्थित केंद्रीय सैनिक स्कूल (कुंजपुरा) के शिक्षक एवं एवम आॅल इंडिया सैनिक स्कूल्स एकेडमिक स्टॉफ एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष अभिनव पांडेय द्वारा विषय के लौकिक वैज्ञानिक और साहित्यिक पक्ष पर गंभीरता से विचार रखा गया। श्री पांडेय ने कहा कि यदि हिमालय से जीवनदायिनी नदियों का उद्भव और विकास नहीं होता तो भारत एक मरुस्थल होता और साइबेरिया की शुष्क और ठंडी हवाएं भारत में जीवन के प्रति खतरा उत्पन्न करती और पारिस्थितिकी के लिए व्यक्ति को कठिन संघर्ष करना पड़ता ।

गाय, गंगा, गीता, गुरु और गायत्री मंत्र न केवल सनातनी संस्कार है वरन यह मनुष्य की जीवन पद्धति का अभिन्न अंग है जो व्यक्ति के जीवन में वैज्ञानिक और वैचारिक संस्कार विकसित करता है । वैश्विक स्तर पर शोध की विषय वस्तु रही गंगा कि शुचिता और शुद्धता पर अगर हम जागरूक नहीं हुए तो निश्चय ही मानव पीढ़ी के एक युग का अंत होगा। श्री पांडेय ने गङ्गा दशहरा की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस पर्व से यही प्रेरणा मिलती कि पूर्वजों के यश-कीर्ति को अभिशप्त न होने दिया जाए तथा ऐसे सकारात्मक कार्य किए जाएं ताकि कुल-खानदान का यश बढ़ता रहे। इससे आने वाली पीढ़ी भी रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए के बी कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश नाथ त्रिपाठी ने संस्था की भूमिका की सराहना की। आभार संस्था के अध्यक्ष रवींद्र कुमार पांडेय ने व्यक्त किया जबकि मुख्य वक्ता का परिचय एवं गोष्ठी का संचालन सलिल पांडेय ने किया। इस अवसर पर भगवती चौधरी, आशुतोष अग्रवाल, अनिल यादव, अरविंद अवस्थी, लालब्रत सिंह, शिव शंकर उपाध्याय, अच्युतानन्द शुक्ल, रामेश्वर मिश्र, नरेश शर्मा केदारनाथ सविता, मनोज शुक्ल, श्रीश श्रीवास्तव, ध्रुव पांडेय, एवं सन्तोष त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

मंडलीय अस्पताल में टला बड़ा हादसा, वर्षो पुराना नीम का पेड़ गिरने से बाल बाल बचे लोग

मीरजापुर। मंडलीय अस्पताल में रविवार को एक बड़ा हादसा होते होते टला है। दरअसल, रविवार को दोपहर में अचानक मंडलीय अस्पताल का वर्षो पुराना नीम के पेड़ का एक भाग टूट कर गिर पड़ा। जिसकी चपेट में आने से लोग बाल बाल बचे हैं। बताते चलें कि अस्पताल पुलिस चौंकी और जन औषधि केंद्र के बीच कई वर्षो पुराना नीम का पेड़ स्थित है।

रविवार को दोपहर अचानक देखते ही देखते पेड़ का एक हिस्सा टूट कर गिर पड़ा संयोग अच्छा था कि रविवार की छुट्टी के कारण उक्त स्थान खाली पड़ा हुआ था। पेट गिरने से प्रधानमंत्री जन औषधीय केंद्र को नुकसान होना बताया जा रहा है। संयोग अच्छा था कि जन औषधीय केंद्र के कुछ कर्मचारी बाहर ही खड़े थे जो बाल-बाल बचे हैं।

सोनभद्र: पानी की किल्लत से जूझते ग्रामीणों का टूटा धैर्य गांव में 'हर घर नल जल' योजना शुरू करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र। पानी की गंभीर हो चली समस्या से जूझते हुए आ रहे जिले के बिल्ली-मारकुंडी टोला के खैरटिया ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिवदत्त दुबे के नेतृत्व में प्रधानमंत्री हर घर नल जल योजना को गांव में लागू करने के लिए ग्रामीणों द्वारा रविवार को उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने उपेक्षा का आरोप लगाया कहा उनकी समस्याओं से मानों किसी को सरोकार ही नहीं है। शिवदत्त दुबे ने बताया कि आजादी के 77 वर्षों के बाद भी बिल्ली मारकुंडी ग्राम पंचायत का एक बड़ा हिस्सा खैरटिया गांव शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहा है।

ग्राम सभा बिल्ली मारकुंडी के सबसे बड़े टोला खैरटिया, बाड़ी, बगमनवा एवं बिल्ली आंशिक जैसे टोला पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। खैरटिया की आबादी करीब 15000 के पास है लेकिन अभी यहां के लोग भूमिगत जल या टैंकर जल पर निर्भर है। रेणुका नदी के किनारे बसे होने के कारण खैरटीया में बोरिंग भी सफल नहीं है। यहां के भूमिगत जल में फ्लोराइड और आर्सेनिक की अधिक मात्रा होने के कारण भूमिगत जल अत्यंत खतरनाक है। महेश अग्रहरी ने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा हर घर नल जल योजना के तहत 2024 तक हर ग्रामीण के घर में नल से पानी की सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य रखा जरूर गया है, लेकिन इस योजना में खैरटिया सहित अन्य टोलों को नहीं जोड़ा गया। ग्रामीणों ने मांग किया है कि तत्काल सर्वे करा कर चालू वर्ष में खैरटीया सहित सभी टोला में हर घर नल योजना का लाभ दिया जाए।

चेतावनी दी है कि हर घर नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल न मिलने तक ग्रामीण शांत नहीं बैठेंगे। प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से महेश अग्रहरी, शिवनाथ जायसवाल, फूलचंद, धर्मजीत, मनीष, शेरू चेरो, संगीता भारती, संत कुमार ,विकास भारती ,उमेश शुक्ला ,सतीश तिवारी, संतोष गुप्ता, मंगरु गुप्ता, किरण देवी ,सत्यम जायसवाल , अखिलेश जायसवाल, इंद्रदेव जायसवाल, फूलचंद जायसवाल सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एवं महिलाएं मौजूद रहे। बताते चलें कि जिले में विस्थापना, प्रदूषण, बेबसी, बेरोजगारी के बीच पानी की समस्या भी गंभीर रूप धारण करती जा रही है। दु:खुद है कि देश की आजादी के बाद भी यहां के लोगों को आज भी पानी की समस्या से जूझते हुए देखा जा सकता है। की टोले, मजरे हैं जहां के लोगों को आज भी पानी की बूंद बूंद को इकट्ठा कर प्यास बुझानी पड़ती है।

*सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मौत*

मिर्जापुर- चील्ह थाना क्षेत्र के सागरपुर पुर्जागीर गांव के समीप बाइक सवार युवक फोर व्हीलर वाहन से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए मंडली अस्पताल भेजा गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई है।

देहात कोतवाली क्षेत्र के शाहपुर चौसा गांव निवासी बबलू 36 वर्ष पुत्र सुक्खू औराई भदोही अपने एक रिश्तेदार के यहां गया था जहां से वापस लौटते समय वह पुर्जागीर गांव के समीप एक वाहन से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे आनंद-फानन में एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई है। जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया है।

*सोनभद्र: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सांसद निधि से बनी 23.94 लाख की बाउंड्री, गुणवत्ता को दरकिनार कर हुआ निर्माण*

सोनभद्र- एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाये हुए है। वहीं, दूसरी तरफ विभागों में बैठे अधिकारी व कर्मचारी ही सरकार की नीतियों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। विकास खण्ड चोपन के ग्राम पंचायत गोठानी स्थिति सोमनाथ मंदिर के समीप खेल मैदान में हमेशा क्रिकेट व खेल के मद्देनजर लोगों की मांग पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिये सांसद निधि से 23.94 लाख रुपये के लागत से गोठानी बंसरा मंदिर के नीचे स्टेडियम के बाउंड्री वाल का निर्माण करवाया गया था। हालांकि, कुछ ही महीनो में दीवार भरभराकर गिर गई।

बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य में मानकों को ताक पर रखकर घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। जिसकी वजह से निर्माण के कुछ महीने में ही बाउंड्री भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। पूरी दीवाल हवा में गिर गयी। जब कोई मकान या बाउंड्रीवॉल बनाई जाती है तो उसकी मजबूती के लिए मजबूत बेस व दीवार को मजबूती प्रदान करने पिलर का निर्माण किया जाता है। इससे दीवार की उम्र लम्बी हो जाती है।लेकिन ठेकेदार द्वारा द्वारा मानक का ध्यान नहीं दिया गया।

*मण्डलायुक्त ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में सुनी समस्याएं

मिर्जापुर- सम्पूर्ण समाधान दिवस पर मण्डलायुक्त डॉ मुथुकुमार स्वामी बी के मार्ग निर्देशन में मण्डल के तीनों जनपदों के सभी तहसीलों में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। मण्डलायुक्त डॉ मुथुकुमार स्वामी बी ने जनपद भदोही के औराई तहसील में पहुंचकर जन समस्याओ को सुना।

वहीं उप पुलिस महानिरीक्षक आरपी सिंह ने जनपद मिर्जापुर के मड़िहान तहसील में पहुंचकर जन समस्याओं को सुनकर सम्बन्धित अधिकारियों को ससमय निस्तारण करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर सम्बन्धित उप जिलाधिकारी के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

*मिर्जापुर: पुलिया के नीचे महिला का गला रेता शव मिलने से मची सनसनी,जांच में जुटी पुलिस*

मिर्जापुर- जिले के हलिया थाना अंतर्गत अहुगी कला गांव में कोआपरेटिव खाद गोदाम के पास एक पुलिया में एक 27 वर्षीय युवती की गला रेत कर हत्या कर फेंकी गई लाश पुलिया के नीचे से बरामद हुआ। जानकारी होते ही जहां सनसनी फ़ैल गई है वहीं मौके पर पुलिस और ग्रामीणों की भीड़ काफी संख्या में भीड़ जुट गई थी। हलिया क्षेत्रान्तर्गत अहुगीं कलां गांव में खाद गोदाम पुलिया के पास सड़क किनारे एक महिला जिसकी उम्र करीब 27 वर्ष प्रतीक होती है की शव होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन द्वारा थाना हलिया पुलिस बल, फॉरेंसिक टीम व डॉग स्काड के साथ तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है।

प्रथम दृष्टया मृतका की हत्या किया जाना प्रतीत हो रहा है। परिजनों से प्राप्त तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर थाना हलिया पुलिस द्वारा मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्मार्टम हेतु भिजवाया गया है। वहीं थाना हलिया पुलिस द्वारा कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पुछताछ की जा रही है। महिला की हत्या किसने व क्यों कि है पुलिस जहां पड़ताल करने में जुटी हुई है वहीं महिला की हत्या को लेकर तरह तरह की चर्चा भी व्याप्त है।

पीडब्ल्यूडी की जमीन पर हुए अतिक्रमण कब्जे की शिकायत करने की मिली सजा

जौनपुर। सरकार से लेकर न्यायालय तक का सख्त आदेश है कि जहां कहीं भी सरकारी भूमि, तालाब, पोखरा भीठा की जमीन हो उसे कब्जा मुक्त कराकर खाली कराया जाए। लेकिन लगता है कि इसे खाली कराने और अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध आवाज उठाना गुनाह है, वह भी जब जनसरोकार से जुड़े हुए मसलों और न्याय की खातिर आवाज बुलंद करने को ही फर्जी मुकदमे में फांस दिया जाए तो भला कैसे और कौन आवाज उठाने की हिकामत करेगा? खासकर तब, जब ऐसे मामलों में दबंगो, अतिक्रमणकारियों को इलाकाई पुलिस और थाने पुलिस चौकी के दलालों का संरक्षण प्राप्त हो। ताजा मामला जौनपुर जिले के केराकत कोतवाली और थानागद्दी पुलिस चौकी से जुड़ा हुआ है।

जहां थानागद्दी पुलिस चौकी प्रभारी ने ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाते हुए एक आरटीआई कार्यकर्ता को गुरुवार की रात्रि में घर से उठाकर पूरी रात पुलिस चौकी में रखकर इस कदर बेल्ट, लाठी से पिटाई की है कि वह चलने फिरने में भी असमर्थ है। तुर्रा यह कि उसके बाद फर्जी शिकायत के आधार पर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। सरकारी भूमि पर कब्जा करने को लेकर सरकार जहां गंभीर है और चेतावनी दर चेतावनी देती जा रही है, वहीं थानागद्दी के आरटीआई कार्यकर्ता बजरंग बहादुर सिंह उर्फ बजरंगी सिंह पर पुलिस ने उन लोगों को आगे खड़ा कर तहरीर दिलवाई है जो पीडब्ल्यूडी की जमीन पर कब्जा जमाए हुए हैं, जिन्हें कुछ दिनों पूर्व पीडब्ल्यूडी द्वारा बाकायदा नोटिस दी गई थी। नोटिस मिलते ही झल्लाए अतिक्रमणकारियों ने पुलिसिया सांठ-गांठ से बजरंग बहादुर सिंह को फंसाए जाने का ताना-बाना शुरू कर दिया था।

जिसकी आशंका जताते हुए आरटीआई कार्यकर्ता के पुत्र ने दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र लिखकर कुछ ऐसी ही घटनाओं की आशंका जताई थी जो सच साबित हो गई है। दुर्भाग्य की बात है कि बेलगाम हुई थानागद्दी पुलिस चौकी पुलिस एवं केराकत कोतवाली पुलिस ने सारे कायदे कानून, मानवाधिकार नियमों को ताक पर रखकर आईटीआई कार्यकर्ता बजरंगी सिंह की जिस क्रूरता पूर्ण ढंग से बेल्ट और लाठियां इत्यादि से पिटाई की है वह न केवल पुलिस का अमानवीय कृत्य है बल्कि मानवाधिकार कानून का माखौल भी उड़ता हुआ नजर आ रहा है।

पीड़ित बजरंगी सिंह के घर की महिलाएं दहशत में है, महिलाओं का कहना है की गुरुवार को रात्रि में 11:00 बजे घर पर पहुंचे चौकी प्रभारी विद्यासागर सिंह ने जिस अभद्रता और दुर्व्यवहार का नंगा नाच, तांडव मचाते हुए उनके मुखिया को घर से उठा ले जाकर रात भर पुलिस चौकी में बंद कर बुरी तरह से मारने पीटने का काम किया है वह निंदनीय ही नहीं बल्कि कानून और मानवाधिकार के मुंह पर तमाचा भी है।

पुलिस की मनमानी, दलाल की दलाली में बाधक बने थे बजरंगी

आनन-फानन में भले ही पुलिस ने थानागद्दी निवासी राजकुमार सिंह उर्फ राजू की तहरीर पर बजरंगी सिंह और उनके बेटे के नाम पर तहरीर दर्ज कर घर से सोते समय बजरंगी सिंह को उठाकर अपराधियों जैसा पुलिस चौकी में रातभर सलूक किया है वह न केवल अमानवीय है बल्कि चारों तरफ उसकी निंदा भी हो रही है। लोगों की माने तो इस घटना के तह में बजरंगी सिंह का सामाजिक कार्य रहा है जो पुलिस और क्षेत्र के ही एक दलाल को खटकने लगा था। जिसका बजरंगी सिंह में प्रतिरोध करने के साथ ही साथ कई मामले को लेकर जबरदस्त उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की थी। लेकिन दुखद है कि उच्च अधिकारियों द्वारा भी कोई ठोस संज्ञान में ना लिए जाने के कारण केराकत पुलिस और थानागद्दी चौकी पुलिस पूरी तरह से बेलगांव बनी हुई दलाल के इशारे पर नाचती आई है। खैर इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार के लोगों ने इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री एवं मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में लाते हुए इस संपूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।

जनता दर्शन में आने वाले फरियादियों की समस्याओं का समयबद्ध व संतुष्टिपरक हो निस्तारण : डीएम

मीरजापुर। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनता दर्शन में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने पूर्वान्ह 10 बजे से ही कलेक्ट्रेट पहुंचे एक-एक फरियादियों के समस्याओ को सुनकर उनके निस्तारण के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को दूरभाष पर अथवा पत्राचार कर निर्देशित किया। उन्होने कहा कि जनता दर्शन में आने वाले फरियादियो की समस्याओ से सम्बन्धित प्रार्थना पत्रो को जिस भी अधिकारी को प्रेषित किया जाए वे उसका समयबद्ध व संतुष्टिपरक निस्तारण सुनिश्चित कराए।

जिलाधिकारी ने जमीन विवाद व अवैध अतिक्रमण कर कब्जा करने वालो के विरूद्ध राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि गम्भीरता पूर्वक कार्य करे तथा अवैध अतिक्रमण करने वालो के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होेने कहा कि जमीन विवाद अथवा पैमाइश जैसे मामलो में तत्काल टीम गठित कर मौके पर भेजते हुये निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए।

किसी भी प्रार्थना प्रत्र पर गलत आख्या लगाने अथवा लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

सोनभद्र के डॉ. मुनीश कुमार मिश्रा को मिला रिसर्च फेलो अवार्ड

सोनभद्र। जनपद सोनभद्र के चतरा ब्लाक अंतर्गत ग्राम जयमोहरा निवासी डॉ. मुनीश कुमार मिश्र का चयन “भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान” राष्ट्रपति निवास, शिमला में रिसर्च फेलो के रूप में हुआ है। शिमला में स्थित यह संस्थान देश के उच्चतम अनुसंधान संस्थानों में गिना जाता है।

यहां अनुसंधान करना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होती है।

वैदिक दर्शन विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शास्त्री आचार्य एवं पीएच.डी. करने वाले डॉ. मुनीश कुमार मिश्र सोनभद्र के ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जिनको इस संस्थान से अनुसंधान करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

डॉ. मिश्र ने कहा कि ‘उच्च अध्ययन संस्थान’ में अनुसंधान हेतु चयनित होना मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय है और यह उपलब्धि बाबा विश्वनाथ की कृपा एवं माता-पिता तथा गुरुजनों के आशीर्वाद से प्राप्त हुई है।

उन्होंने कहा कि वह “काशी की न्याय दर्शन की परंपरा” पर अनुसंधान करते हुए काशी के परिप्रेक्ष्य में आदि से वर्तमान तक के न्याय दर्शन के आचार्यों की जीवनी को अनुसन्धान के द्वारा संग्रहित व लेखन करने का कार्य करेंगे। क्योंकि काशी एक विशिष्ट नगरी है और यहां विभिन्न शास्त्रों के साथ न्याय दर्शन की भी एक लंबी सुदीर्घ परंपरा है, किंतु व्यवस्थित रूप से अनुसंधान ना हो पाने के कारण आचार्यों की जीवनी अथवा उनका विवरण नहीं मिलता है|

इस परियोजना के द्वारा काशी में कौन-कौन से आचार्य न्याय दर्शन अध्ययन करने आये या अध्यापन किया, उन सभी का अनुसन्धान करके एक संग्रह तैयार किया जाएगा, जो भविष्य में आने वाले छात्रों और आने वाली पीढ़ी के लिए काशी की न्याय परंपरा को जानने का एक प्रमाणिक ऐतिहासिक मार्ग प्रशस्त करेगा| इस अनुसन्धान के अंतर्गत काशी के न्यायशास्त्र के आचार्यों के जीवनवृत्त, कृतित्व, वंशपरम्परा, गुरुपरम्परा व शिष्य परम्परा का अन्वेषण तथा संकलन किया जाना है| इसमें न केवल अध्यापन कार्य में सन्नद्ध अपितु अन्य किसी भी रूप में यदि किसी विद्वान् द्वारा न्यायशास्त्र परम्परा का संवर्धन किया गया है तो उनके जीवनवृत्त को भी इसमें सम्मिलित किया जायेगा|

भारत में परम्परागत रूप से न्यायशास्त्र का अध्यययन करने के उपरान्त विदेशों में न्यायदर्शन का अध्यापन/अनुसंधान करने वाले विद्वानों को भी इसमें समाहित किया जायेगा|

श्री मिश्र ने कहा कि स्वतन्त्र रूप से ‘काशी की न्याय दर्शन परम्परा’’ पर अनुसन्धान न होने से कितने आचार्य होंगे इस विषय में अभी स्पष्ट कहना कठिन है ,किन्तु कम से कम 500 आचार्यों की जीवनी पर कार्य होना है, जिनको इस अनुसन्धान के माध्यम से जानने का प्रयत्न किया जायेगा। इस अनुसन्धान के द्वारा काशी की न्याय परम्परा की एक अपनी विशिष्ट उपलब्धि तथा काशी की ज्ञान परम्परा के विकास में न्याय दर्शन के आचार्यों के योगदान की भूमिका सभी के सम्मुख उपस्थित होगी। साथ ही साथ यह अनुसन्धान काशी के इतिहास से भी परिचय करायेगा।

भविष्य में शोधार्थियों के अनुसन्धान हेतु भी सहायक होगा। काशी के नैयायिकों की जीवनी को भी संरक्षित करने का कार्य करेगा।

बताते चले कि डॉ मुनीश मिश्र को इससे पूर्व में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ प्रभाग, शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा “न्यायांजनम्” नामक अनुसंधान परियोजना भी स्वीकृत हुई थी जो अब लगभग पूर्ण हो चुकी है, शीघ्र ही जिसका मोबाइल एप्लीकेशन आम जनमानस के प्रयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगा।