पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 13 थाना प्रभारी किए गए इधर से उधर

बिलासपुर- पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है. जिसमें कई थाना प्रभारी बदले गए हैं. यह तबादला आदेश एसपी रजनेश सिंह ने जारी किया है.

ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार, 13 थाना प्रभारी इधर से उधर किए गए हैं. जिसमें तखतपुर, कोटा, कोनी, सकरी, चकरभाठा, सिरगिट्टी, सिटी कोतवाली तारबाहर, बेलगहना, महिला थाना के प्रभारी बदले गए हैं.

मुख्यमंत्री साय ने की जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा, बरसात में स्वच्छ पेयजल की पुख्ता व्यवस्था के दिए निर्देश

रायपुर-  सुशासन, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और विभागों के काम में कसावट लाने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की समीक्षा बैठकों का दौर जारी है। वे आज लगातार तीसरे दिन अलग-अलग विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री सचिवालय, जल जीवन मिशन और विभागीय अधिकारियों के साथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में बरसात के दिनों में प्रदेश में स्वच्छ पेयजल के लिए पुख्ता व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल संबंधी शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए पीएचई विभाग के टोल-फ्री नम्बर 1800-233-0008 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने निवास कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में जन कल्याणकारी योजनाओं के मैदानी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाते हुए राज्य के हर घर में पाइपलाइन के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य जल्द हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी वर्षा ऋतु को देखते हुए शुद्ध पेयजल के लिए जलापूर्ति व्यवस्था के आवश्यक रखरखाव और मरम्मत का कार्य पूर्ण करने को कहा। मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांवों में नियुक्त किए जाने वाले नल जल मित्रों का प्रशिक्षण कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से यथाशीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग में तकनीकी अमला बढ़ाने के लिए नई भर्तियों के प्रस्ताव भी शीघ्र भेजने को कहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी और जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की समस्या से जूझ रहे गांवों के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए, जिससे उन गांवों में यथाशीघ्र साफ पेयजल पहुंच सके। कुल 4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में ये मल्टी-विलेज योजनाएं प्रारंभ की जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से 3234 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इससे दस लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल पहुंचेगा।

उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने समीक्षा बैठक में जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए संचालन-संधारण नीति जल्द तैयार करने की जरूरत बताई। उन्होंने जलस्रोतों को रिचार्ज करने मनरेगा के माध्यम से आवश्यक संरचनाओं के निर्माण पर जोर दिया। श्री साव ने ऐसे गांवों में जहां पेयजल आपूर्ति के लिए भू-जल स्रोत नहीं मिल रहे हैं, उन गांवों के लिए नई मल्टी-विलेज योजनाएं राज्य मद से स्वीकृत करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर या डीएमएफ फंड से राशि की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने तेजी से नए नलकूपों के खनन के लिए विभाग में नई ड्रिलिंग मशीनें खरीदने की जरूरत भी बताई।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने बैठक में बताया कि प्रदेश में अब तक 39 लाख 14 हजार से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जा चुका है। जल जीवन मिशन के तहत अब तक 78 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य को हासिल किया जा चुका है। राज्य के 3356 गांवों में शत-प्रतिशत, 5093 गांवों में 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तथा 3153 गांवों में 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत घरों में नल का पानी पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि गांवों में पंचायतों के द्वारा जलापूर्ति व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नल जल मित्र की नियुक्ति की जाएगी। भारत सरकार द्वारा इसके लिए प्रदेश के 33 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से ग्राम पंचायतों द्वारा चयनित नल जल मित्रों का प्रशिक्षण शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेन्द्र तिवारी, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, और डॉ. बसवराजु एस., क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा, जल जीवन मिशन के एमडी सुनील जैन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता एम.एल. अग्रवाल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था: मेकाहारा में MRI-PET स्कैन तो DKS अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ठप, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मशीनों के टेंडर

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय यानि मेकाहारा अस्पताल में MRI मशींने एक्सपायर और केंसर सेंटर की स्कैन मशीन खराब हो गई हैं, स्वास्थ्य सुविधाएं काफी प्रभावित हो गई हैं. इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जल्द ही मशीनों का टेंडर किया जाएगा. विभाग से जानकारी मिली है कि 3 से 4 महीने के अंदर पेट स्कैन मशीन भी चालू कराया जाएगा.

DKS अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ठप

वहीं राजधानी के DKS अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ढप पड़ने को लेकर कहा कि कोरोना काल में जल्दबाज़ी में दोनों प्लांट बनाए गए थे, जिसमें 3 से 4 सालों के बाद अब कुछ ख़ामी आ चुकी है. प्रदेश के सभी ऑक्सीजन प्लांटों में जहां-जहां रिपेयर की आवश्यकता है, उसके लिये निर्देश जारी कर दिए हैं.

दूसरे राज्यों से बुलाए जाएंगे स्वास्थ्य विशेषज्ञ

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि बस्तर और सरगुजा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. पड़ोसी राज्यों से विशेष पैकेज देकर डॉक्टरों की पोस्टिंग की जाएगी. सरकार अनुबंध की राशि को 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ करने पर विचार कर रही है, ताकि डॉक्टर्स ड्यूटी छोड़कर ना जाएं.

बलौदाबाज़ार घटना मामले में कांग्रेस पर आरोप

बलौदाबाज़ार घटना में कांग्रेस के सरकार पर असक्षम होने के लगाए आरोप पर स्वास्थ्य मंत्री ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील है. कांग्रेस के लोगों ने ही प्रायोजित तरीके से अशांति फैलाने का काम किया है. कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री का वहां पर मौजूद होना यह सिद्ध करता है कि राजनीतिक लोलुपता के चलते यह घटना हुई है.

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, कि कांग्रेस चाह रही थी पुलिस लाठी चार्ज करें गोलियां चलाये, लेकिन बीजेपी सरकार ने ऐसा कोई भी काम नहीं किया. लापरवाही बरतने पर जिले के डीएम और SP को निलंबित कर दिया है. बलौदा बाजार की स्थिति और हालात अब एकदम सामान्य है.

रायपुर रेल मंडल और बैंक ऑफ इंडिया के बीच हुआ समझौता, 10 लाख का टर्म इंश्योरेश मिलेगा निशुल्क

रायपुर-  दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, के रायपुर मंडल व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 14 जून को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये गये। कार्यक्रम में मंडल रेल प्रबंधक/रायपुर संजीव कुमार, अपर मंडल रेल प्रबंधक राजेन्द्र कुमार साहू, मंडल कार्मिक अधिकारी/प्रभारी राहुल गर्ग तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से फील्ड जनरल मैनेजर, भोपाल जोन बिरजा प्रसाद दास, रिजनल हेड, रायपुर अनुज कुमार सिंह, व अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में बिरजा प्रसाद दास द्वारा इस समझौता ज्ञापन (MOU) पर विस्तार से जानकारी दी गई तथा मंडल रेल प्रबंधक/रायपुर संजीव कुमार द्वारा इस समझौता ज्ञापन से रायपुर मंडल के कर्मचारियों को होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला तथा कर्मचारियों को समझौता ज्ञापन (MOU) के लाभ पहुचाने के लिए यूनियन व एसोसिएशन को परामर्श भी दिया। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में रायपुर मंडल के जो रेल कर्मचारी वेतन खाता रखेंगे उन कर्मचारियों को 10 लाख रूपये के निःशुल्क टर्म लाइफ इंश्योरेंस तथा 100 लाख तक के निःशुल्क व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के साथ ही न्यूनतम दर पर वैकल्पिक स्वास्थ्य बीमा के अलावा अस्पताल नकद लाभ बैंक द्वारा अधिकतम 30,000 प्रतिवर्ष प्रदान करने के अतिरिक्त अन्य बहुत सी सुविधायें प्रदान की जायेंगी। इस समझौता ज्ञापन (MOU) को रायपुर मंडल की ओर से मंडल कार्मिक अधिकारी/प्रभारी राहुल गर्ग तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से अनुज कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षर किये गये।

कार्यक्रम में रायपुर मंडल के अधिकारीगण तथा यूनियन व एसोसिएशन के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे। अंत में मंडल कार्मिक अधिकारी निकिता अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

मत्स्याखेट पर 16 जून से 15 अगस्त तक पूर्णतः प्रतिबंध

रायपुर-  राज्य शासन द्वारा वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को ध्यान में रखते हुए उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मस्योद्योग अधिनियम 1972 के तहत 16 जून से 15 अगस्त 2024 तक की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया गया है। अतएव प्रदेश के समस्त नदी-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब या जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किए गए हैं में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।

उक्त नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के अन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं है, के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होगा।

सुप्रजा‘ कार्यकम योजना से गर्भिणी महिलाएं हो रही लाभान्वित

रायपुर- भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत वर्ष 2023-24 राष्ट्रीय कार्यक्रम सुप्रजा सचालित किया जा रहा है।

सुप्रजा कार्यक्रम गर्भवती, नवजात शिशु की देखभाल एवं सुरक्षा हेतु प्रारंभ किया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 06 जिलों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर, धमतरी) के कुल 28 संस्थाओं में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को भारत सरकार की गाईडलाइन के तहत गतिविधियों जैसे प्रतिमाह गर्भवती जांच, शिशु विकास परीक्षण, गर्भवती महिलाओं को शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने हेतु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। उत्तम गुणयुक्त संतान प्राप्ति के लिए गर्भसंस्कार करवाया जा रहा है। गर्भावस्था अनुरूप आहार-विहार संबंधित सलाह (प्रत्येक माह अनुसार आयुर्वेद आहार) तथा प्रत्येक गर्मीणी को गर्भावस्था में किये जाने वाली उपयोगी योगासन की जानकारी योग प्रशिक्षक एवं आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। ज्यादा से ज्यादा गर्मीणी महिला योग का लाभ ले सके इसलिए आयुष संस्थाओं में योगसत्र का आयोजन भी किया जा रहा है। गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद औषधियां निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत गर्भावस्था की जटिलताएं कम हुई हैं। साथ ही सिजेरियन डिलीवरी की संख्या घट रही है। जननी एवं नवजात शिशु की प्रसवोत्तर 06 माह तक चिकित्सक द्वारा फॉलोअप किया जा रहा है तथा नवजात शिशु को स्तनपान करवाने हेतु जननी को सलाह दी जा रही है।

अब तक सुप्रजा कार्यक्रम के तहत विगत 05 माह में चिन्हांकित 28 संस्थाओं में लगभग 945 गर्भिणी महिलाओं ने लाभ प्राप्त किया है। गर्भवती माताओं में आयुर्वेदिक जीवनशैली तथा गर्भ की देखभाल के प्रति रुझान में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है, इसलिए छत्तीसगढ़ आयुष संचालक इफ्फत आरा के आदेशानुरूप सुप्रजा कार्यक्रम के द्वितीय चरण में 20 अन्य संस्थाओं में भी यह कार्यकम राष्ट्रीय संचालित करने की योजना है।

सुचारू रूप से संचालित होने लगा है बलौदाबाजार जिला कार्यालय, ग्रामीण आवेदन लेकर पहुंचने लगे

रायपुर-  संयुक्त जिला कार्यालय में लोगों की समस्याओं का निराकरण गंभीरता से किया जा रहा है। दूर दराज से ग्रामीणजन आवेदन लेकर जिला कार्यालय बलौदाबाजार पहुंच रहे हैं। उचित मूल्य दुकानों में प्रत्येक माह लोगों को राशन वितरण किया जाता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए राशनकार्ड बहुत जरूरी है। खाद्य शाखा में बड़ी संख्या में आवेदन दिया गया हैं। जिला प्रशासन द्वारा त्वरित रूप से राशनकार्ड से संबंधित आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है।

कलेक्टर दीपक सोनी ने लोगों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करके 11 हितग्राहियों को मौके पर ही राशनकार्ड एवं 8 हितग्राहियों को नवनीकरण राशन कार्ड और 3 को आधारकार्ड बनाकर दिया गया। 11 हितग्राहियों में विकासखंड कसड़ोल अंतर्गत ग्राम पिकरी से दुर्गेश्वरी यादव, छाछी की श्रीमती प्रीति साहू,सेल से गणेशी, बलौदाबाजार अंतर्गत भरसेला निवासी कुलेश्वरी, नगर से धनेश्वरी यादव, पूजा पटेल, कुंती यादव, लीलाबाई, आशा साय, रेशमा एवं मनीषा वर्मा को नया राशनकार्ड दिया गया। नवीनीकरण राशनकार्ड हितग्राहियों में शहर बाई, प्रमिला बाई मानिकपुरी, कविता बाई, धरम बाई, शिवकुमारी, कौशल्या एवं प्रभा मानिकपुरी शामिल है। हितग्राहियों ने जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। इसी प्रकार ग्राम सुकलाभाठा एवं चिराही से पहुँचे कुमारी मीनाक्षी निषाद पिता शिव कुमार निषाद तथा वासु आज़ाद पिता रमेश आज़ाद आधार अपडेट हेतु लोक सेवा केन्द्र पहुंचे जिस पर तत्काल उन्हें अपडेशन के साथ आधार कार्ड कलेक्टर द्वारा प्रदान किया गया। कलेक्टर ने कहा घर में छोटे बच्चे जिनका आधार अपडेट 5 साल एवं 14 साल में होना है वह अपडेट अनिवार्य रूप से कराले।

लोकसेवा केंद्र में 2 दिनों में 389 आवेदनों का किया गया निराकरण

इनमें आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञा, विवाह पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र सुधार, सुखद सहारा योजना, न्यायालय आदेश प्रमाण पत्र (राजस्व न्यायालय), जन्म प्रमाण पत्र सुधार, दुकान एवं स्थापना पंजीयन हेतु आवेदन निराकरण किया गया है।

छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत 4 साल का टूटा रिकार्ड, अप्रैल माह में 2 करोड़ 57 लाख एवं मई माह में 3 करोड़ 15 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार के

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने फिर से विकास की रफ्तार पकड़ ली है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत 4 साल का रिकार्ड टूटा है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा न सिर्फ मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है बल्कि उनके जीवन में व्यापक बदलाव भी ला रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल में 2 करोड़ 57 लाख तथा माह मई में 3 करोड़ 15 लाख रोजगर सृजित हुआ इसप्रकार मई तक 5 करोड़ 82 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन कर विगत चार वित्तीय वर्ष के माह अप्रैल और मई में हुए सृजित मानव दिवस का आंकड़ा प्राप्त कर नई उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मई माह तक 4 करोड़ 81 लाख, वर्ष 2022-23 में मई माह तक 1 करोड़ 19 लाख, वर्ष 2023-24 में मई माह तक 4 करोड़ 49 लाख तथा 2024-25 में मई माह तक 5 करोड़ 72 लाख रोजगार का सृजन हुआ है। मनरेगा अंतर्गत विगत 6 माह में 10 करोड़ 93 लाख मानव दिवस सृजित हुआ वही 1 लाख 73 हजार निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक आजीविका संवर्धन एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। अमृत सरोवर के निर्माण में प्रतिदिन लगभग 59 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है, जो देशभर में सर्वाधिक है। अमृत सरोवर के क्रियान्वयन में प्रदेश के कार्यों का केंद्र स्तर पर सराहना की गई है। आगामी चार वर्षों में 8966 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत माओवाद प्रभावित ईलाके के 87 ग्रामों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से वृहद पैमाने पर कार्यों की स्वीकृति कर नियमित रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं,जिससे उक्त अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार सुलभ हो रहा है। मनरेगा अंतर्गत वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों को हितग्राहीमूलक कार्यों के माध्यम से जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश स्तर से विभागीय अधिकारियों को नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा को रोजगार सृजन के साथ आजीविका संवर्धन हेतु दूरगामी मंशा के अनुरूप कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में नियमित समीक्षा और राज्य स्तर से बेहतर क्रियान्वयन रणनीति का परिणाम है कि मनरेगा नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

छत्तीसगढ़ में हरियाली को बढ़ाने विशेष अभियान,वन विभाग द्वारा चालू वर्ष के दौरान 4 करोड़ पौधे के वृक्षारोपण का लक्ष्य, वृहद वृक्षारोपण अभियान के लिए

रायपुर- छत्तीसगढ़ में हरियाली को बढ़ाने एवं वन संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप तथा वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा तैयारियां जोरों पर है। इसके तहत राज्य में वर्ष 2024 वर्षा ऋतु में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वृहद पैमाने पर 03 करोड़ 93 लाख 28 हजार पौधों के रोपण एवं वितरण का कार्य किया जाएगा।

प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वनबल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि इसके तहत विभागीय योजनांतर्गत 3927 हेक्टेयर तथा 57 किलोमीटर में 38 लाख 68 हजार पौधे, मनरेगा योजना के अंतर्गत 11 किलोमीटर में 4 हजार 900 पौधे, कैम्पा मद के अंतर्गत 2251 हेक्टेयर में 19 लाख 18 हजार पौधे तथा अन्य योजनांतर्गत 238 हेक्टेयर में 8 लाख 63 हजार पौधों के रोपण से राज्य हरितिमा से आच्छादित होगा।

उल्लेखनीय है कि इस वृहद वृक्षारोपण अंतर्गत 28 लाख 51 हजार फलदार पौधे, जिसमें आम, जामुन, बेल, कटहल, सीताफल, अनार, शहतूत, बादाम, बेर, तेंदू, गंगा ईमली आदि प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा, जिससे वनों में रहने वाले वन्यप्राणियों को सुलभता से आहार प्राप्त हो सके तथा वन्यप्राणी एवं मानव-द्वंद पर नियंत्रण किया जा सके। इसी क्रम में 49 लाख 36 हजार लघु वनोपज एवं वनौषधि पौधे जैसे पुत्राजीवा, काला सिरस, सिंदूरी, गरूड़, रीठा, चित्राक, एलोविरा, गिलोय, अडूसा, अश्वगंधा, सर्पगंधा, तुलसी, छोटा करोंदा आदि प्रजाति तथा 24 लाख 71 हजार बांस के पौधों का रोपण एवं वितरण किया जाएगा, जिससे वनों पर आश्रित आदिवासियों एवं आमजनों को इससे सुलभ रोजगार उपलब्ध हो सके।

इसी तरह नदी तट रोपण के तहत विगत वर्षों की भांति आगामी वर्षाऋतु में भी प्रदेश की हसदेव, महानदी, कुशमाहा, सासू, तेतरिया, बाकी, बोडा झरिया, चनान, रेड़, कोखवा, कन्हर, बनास, जमाड़ नदियों के तटों पर 534 हेक्टेयर रकबा में लगभग 5 लाख 87 हजार पौधों का रोपण किया जाएगा, जो न सिर्फ मृदा कटाव को रोकेगा साथ ही छायादार, फलदार एवं अन्य बहुउद्देश्यों की पूर्ति भी भविष्य में स्थानीय नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप करेगा। वहीं प्रदेश के मार्गों के किनारे हरियाली को बढ़ाने की दृष्टि से सड़क किनारे वृक्षारोपण अंतर्गत 121 किलोमीटर लम्बाई में 72 हजार 100 पौधों का रोपण भी किया जाएगा। यह वृहद वृक्षारोपण न सिर्फ वनक्षेत्र के अंदर होंगे अपितु वनक्षेत्र के बाहर निजी एवं शासकीय भूमियों जैसे- आंगनबाड़ी, पुलिस चौंकी, उद्यान, अस्पताल, शमशान, शासकीय परिसर, आदि स्थानों में भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री कश्यप के निर्देशों पर विभाग द्वारा अनूठी पहल करते हुए किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण, आई.टी.सी. आधारित पेपर मिल, सहयोगी संस्था, निजी कम्पनियों की सहभागिता की स्थिति में उक्त प्रजातियों के वृक्षों का वापस खरीद सुनिश्चित करना है। साथ ही चयनित प्रजातियों के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण करते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी करना, काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्धि लाना, रोजगार सृजन करना, वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं की सहभागिता से शासन के वित्तीय भार को कम करना है।

राज्य में किसान वृक्ष मित्र योजनांतर्गत कुल 28921 कृषकों की निजी भूमियों पर 43423 एकड़ रकबा में 2 करोड़ 77 लाख 66 हजार 611 पौधों का रोपण किया जाएगा जिसमें से प्रदेश में 29051 एकड़ क्षेत्र में 2 लाख 30 क्लोनल नीलगिरी एवं 367 एकड़ क्षेत्र में 1 लाख 54 हजार 973 टिश्यू कल्चर बांस एवं 390 एकड़ 2 लाख 37 हजार 798 साधारण बांस, 4073 एकड़ में 9 लाख 82 हजार 207 टिश्यू कल्चर सागौन, 7944 एकड़ में 29 लाख 12 हजार 474 साधारण सागौन, 1090 एकड़ में 1 लाख 73 हजार 165 चन्दन पौधे, 385 एकड़ में 1 लाख 58 हजार 667 मिलिया डूबिया पौधों का रोपण किया जाएगा।

वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, व्ही. श्रीनिवास राव को वृक्षारोपणों के सतत् अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के निर्देश दिए गए हैं। रोपित किये गये पौधों की सतत सुरक्षा कड़ाई से करने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं तथा भविष्य में इन रोपणों का अंतरवृत्तीय मूल्यांकन किया जाकर आवश्यक कार्यवाही विभाग द्वारा की जाएगी।

इस प्रकार वन विभाग विभिन्न संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, ग्राम पंचायतों, स्वयं सेवी संस्थानों, स्कूल एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं, एवं गणमान्य नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से आगामी वर्षाऋतु में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वृहद वृक्षारोपण प्रदेशभर में किया ही जाएगा, भविष्य में वन आधारित निजी जरूरतों की पूर्ति और वनोपज की बिक्री से अतिरिक्त आय का साधन भी प्रदेशभर के निवासियों को प्राप्त होगा।

ओपी चौधरी ने बैडमिंटन में दिखाये हाथ, 37.75 लाख की लागत से तैयार दो आउट डोर बैडमिंटन कोर्ट एवं बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड का किया लोकार्पण

रायगढ़-  वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने रायगढ़ स्टेडियम में युवाओं व खेल प्रेमियों के लिए दो आउट डोर बैडमिंटन कोर्ट एवं बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद राधेश्याम राठिया ने की। कार्यक्रम में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, निगम कमिश्नर सुनील कुमार चंद्रवंशी सहित बड़ी संख्या में पाषर्दगण, खिलाड़ी, खेल प्रेमी एवं शहरवासी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड का लोकार्पण फीता काटकर किया गया। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने ग्राउंड का पूरा निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री श्री चौधरी ने बल्ला लेकर क्रिकेट में हाथ आजमाया। इस दौरान बॉक्स क्रिकेट के ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया की जानकारी भी उन्होंने ली। इस दौरान वित्त मंत्री श्री चौधरी ने ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग को नि:शुल्क करने और पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर रखने के निर्देश दिए। मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बॉक्स क्रिकेट और ओपन बैडमिंटन कोर्ट का उद्घाटन किया गया है। यह खेल प्रेमियों के खेल को निखारने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि शहर के आठ अलग-अलग जगह पर बॉक्स क्रिकेट और बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। जल्द सभी का लोकार्पण होगा और युवाओं, खेल प्रेमियों का इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से रायगढ़ शहर का विकास होगा। इसके बाद दो आउटडोर बैडमिंटन कोर्ट का भी उद्घाटन उन्होंने फीता काटकर किया। इस दौरान भी बैडमिंटन कोर्ट में मंत्री ओपी चौधरी, सांसद श्री राठिया सहित अधिकारी एवं उपस्थित जनों ने बैडमिंटन खेल का आनंद लिया।

37 लाख 75 हजार लागत से हुआ निर्माण

दो ओपन बैडमिंटन कोर्ट प्रत्येक का 8 लाख 71 हजार रुपए कुल राशि 17 लाख 42 हजार रुपए लागत से निर्माण हुआ। इसी तरह बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड 20 लाख 33 हजार रुपए लागत से बनकर तैयार हुआ। इस तरह दोनों ग्राउंड कुल 37 लाख 75 हजार रुपए की लागत से तैयार किए गए हैं।