नाबालिग लड़की को लातेहार से चेन्नई ले जा रहे दो तस्कर रांची स्टेशन से गिरफ्तार
आरपीएफ ने दो मानव तस्कर को गिरफ्तार किया है. लातेहार जिले के छोटू उरांव और रबलू उरांव नामक दोनो मानव तस्कर को गिरफ्तार कर कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप दिया गया है।
गौ रक्षकों ने 8 गोवंशीय पशु को गौ तस्करों से मुक्त कराकर वाहन सहित आदित्यपुर थाना के हवाले किया
सरायकेला :जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र से तस्करी कर ले जा रहे आठ गोवंशीय पशुओं को शुक्रवार तड़के करीब पांच बजे गौ रक्षकों द्वारा तस्करों से मुक्त कराकर वाहन सहित आदितपुर थाना के हवाले कर दिया। वैसे तस्कर करने वाले मौका मिलते ही भागने निकले । फिलहाल पुलिस जांच में जुट गए।
सूत्र के अनुसार जानकारी मिला राजनगर से गंजिया के रास्ते से आदित्यपुर होते हुए प्रत्येक दिन तस्कर गोवंशीय घरेलू पालतू पशुओं को लेकर जाने की सूचना मिलने के प्रश्चात गौ रक्षक सक्रिय हो गया था। इसकी सूचना उनके द्वारा आरआईटी आदित्यपुर और कदमा पुलिस को सूचित करते हुए गुरुवार देर रात से ही सभी विभिन्न मार्गों पर रात्रि में पहरेदारी करने लगा इसी दौरान आरआईटी मोड़ के समीप शुक्रवार तड़के करीब 4:45 बजे के आसपास तीन पिकअप वैन को आता देख गौ रक्षक सक्रिय हो गए ।
तभी आरआईटी मोड़ के समीप पुलिस और गौ रक्षकों की सक्रियता देख कर दो पिकअप वैन वापस आरआईटी की ओर भाग निकले। मगर एक सफेद रंग के पिकअप बोलेरो संख्या OD09E-7495 को गौ रक्षकों ने घर दबोचा, हालांकि पिकअप वैन चालक ने हद तक प्रयास किया कि भाग निकला जाए मगर आदित्यपुर पुलिस के दिलेरी के आगे उनकी एक न चली , अंततः खुद को फंसा देख पिकअप वैन चालक अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग निकला।
उसके बाद पुलिस ने पिकअप वैन को जप्त कर उसकी तलाशी ली गई जिसमे देखा आठ-आठ मवेशियों को बुरी तरह से बांधकर रखा गया है, जो दर्द से कराह रही है। सभी को थाने लाकर बंधन मुक्त किया । इस अभियान में शामिल गौ रक्षा सिंहभूम विभाग प्रमुख मंटू दुबे ने बताया कि आगामी बकरीद को लेकर गौ तस्कर जिले में सक्रिय है।
उड़ीसा के रास्ते राजनगर आरआईटी, गम्हरिया, आदित्यपुर
होते हुए गौ तस्कर धड़ल्ले से गोवंशीय पशुओं की तस्करी कर रहे हैं। इसकी सूचना उन्हें लगातार मिल रही थी, इसकी सूचना संबंधित थानों
की पुलिस को देकर कार्रवाई करने की मांग की गई थी, आदित्यपुर पुलिस की भूमिका बेहद सराहनी रही और जान पर खेलकर उन्होंने मवेशियों को मुक्त कराया ।उन्होंने बताया कि अगर पुलिस सावधानी नहीं बरतती तो गौ तस्कर पुलिस परभी हमला करने की से नहीं घबराते, उन्होंने बताया कि जो पिकअप वैन
भाग गया उसमें भी मवेशी और गौ मांस लदे थे , आपको बता दे कि दो दिन पूर्व गजिया के समीप तस्करी कर ले जा रहे मवेशियों को ग्रामीणों ने मुक्त कराया था और पिकअप वैन को
आग के हवाले कर दिया था।
बावजूद इसके गौ तस्कर इस मार्ग से आवागमन कर रहे हैं. इसमें आदित्यपुर पुलिस पेट्रोलिंग टीम की दो गाड़ियां दलबल के साथ सक्रिय रही। थानेदार नितिन कुमार लगातार मॉनिटरिंग करते रहे, वहीं गौ रक्षक मंटू दुबे, निशांत कुमार, आकाश
शर्मा, गौरव झा और प्रशांत कुमार की भी भूमिका सराहनी रहा है।
धूमावती जयंती आज गरीबी और रोगों से छुटकारा दिलाती है माँ धूमावती की पूजा
सरायकेला : धूमावती जयंती भारत में मनाए जाने वाले सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। देवी धूमावती को 10 महाविद्याओं में से सातवें के रूप में जाना जाता है और उनकी पूजा उन लोगों द्वारा की जाती है जो सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करना चाहते हैं। यह देवता उन चीजों से जुड़ा है जिन्हें अशुभ और अनाकर्षक माना जाता है।
उन्हें उन लोगों के लिए शक्ति का स्रोत माना जाता है जो अपनी बाधाओं को पार करना चाहते हैं या अपने विरोधियों पर जीत हासिल करना चाहते हैं।
धूमावती जयंती तिथि
इस वर्ष, धूमावती जयंती बुधवार, 14 जून 2024को पड़ रही है और इसे धूमावती महाविद्या जयंती के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह दिन ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को पड़ता है।
पूजा अनुष्ठान और पूजा विधि
इस दिन, भक्त ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं और स्वयं को शुद्ध करने के लिए पवित्र स्नान करते हैं। उस पर गंगा जल छिड़क कर परिवर्तन को पवित्र किया जाता है और फिर देवी धूमावती की मूर्ति की पूजा फूल, पानी, सिंदूर, कुमकुम अक्षत, फल, धूप, दीपक (दीया), नैवेद्य आदि से की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन भक्तों द्वारा सामूहिक रूप से भजनों का पाठ किया जाता है और मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन काले तिल को काले कपड़े में बांधकर देवी धूमावती को अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से कहा जाता है कि इस दिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. जो महिलाएं विवाहित हैं वे इस देवता की पूजा नहीं करती हैं, केवल वे लोग जो अविवाहित हैं या कुंवारे हैं वे देवी धूमावती की पूजा करते हैं। गरीबी से छुटकारा पाने और शरीर को अत्यधिक रोगों से मुक्त करने के लिए इनकी पूजा की जाती है।
व्रत कथा
प्राणतोशिनी तंत्र के अनुसार, देवी धूमावती के जन्म के बारे में किंवदंतियां और कहानियां हैं। कथा कुछ इस प्रकार है: एक बार जब देवी पार्वती बहुत भूखी थीं और इसे और सहन नहीं कर सकती थीं, तो उन्होंने भगवान शिव से कुछ भोजन लाने के लिए कहा। भगवान शिव ने उसकी बात सुनी और देवी पार्वती से कुछ समय प्रतीक्षा करने को कहा ताकि वह भोजन का प्रबंध कर सकें। लेकिन, दुर्भाग्य से, समय समाप्त होने लगता है और वह भोजन की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होता है। इससे देवी पार्वती भूख से बेहद परेशान हो जाती हैं। जब वह इसे और नियंत्रित नहीं कर सकी, तो उसने भगवान शिव को निगल लिया। जल्द ही, उसके शरीर से धुआं निकलने लगता है और इसलिए, उसने उसका नाम धूमावती रखा और उसे विधवा का रूप लेने का श्राप दिया और उसे इस रूप में पूजा की जाएगी।
आइकनोग्राफी देवी धूमावती
धूमावती को एक विधवा के रूप में दिखाया गया है जो बूढ़ी, पतली, अस्वस्थ है और उसका रंग पीला है। वह सफेद कपड़े पहनती है जो पुराने हैं, खराब हो चुके हैं। उसके बालों को अस्त-व्यस्त दिखाया गया है और उसने कोई आभूषण नहीं पहना है। वह एक कौवे के प्रतीक के साथ एक घोड़े रहित रथ पर सवार होती है। उसकी मुद्रा को दो कांपते हाथों के रूप में दिखाया गया है, एक एक विनोइंग टोकरी के साथ जो वरदान देने वाले इशारे और ज्ञान देने वाले इशारे का प्रतीक है और इसे चिन मुद्रा और वरदा मुद्रा के रूप में जाना जाता है।
इतिहास और महत्व
धूमावती जयंती उस दिन को चिह्नित करने के लिए मनाई जाती है जब देवी ने पृथ्वी पर देवी शक्ति के रूप में अवतार लिया था। इन्हें कालहप्रिया के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन दान और धर्मार्थ कार्यों के लिए भी आदर्श माना जाता है। वह हमेशा प्यासी और भूखी रहने वाली और झगड़ों की शुरुआत करने वाली मानी जाती है। वह बहुत उग्र है और हमेशा क्रोधित रहती है और अपने शत्रुओं का नाश करने के लिए यह रूप धारण करती है। कहा जाता है कि इस दिन देवी की पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
राजनगर प्रखंड मे माननीय मुख्यमंत्री के प्रस्तावित आगमन की तैयारियो का उपायुक्त नें लिया जायजा
सरायकेला : आगामी दिनांक 16 जून 2024 को फुटबॉल मैदान मतकामडीह, राजनगर में प्रस्तावित शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारीयों को लेकर जिला दंडाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर तैयारीयों का जायजा लिया। निरीक्षण के क्रम मे माननीय मुख्यमंत्री के आवागमन, हेलीपेड, बेरीकेटिंग, वाहन पार्किंग, यातायात परिचालन, कार्यक्रम स्थल पर लाभुकों की बैठने की व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल पर पेयजल एवं चलन्त शौचालय, सुरक्षा व्यवस्था आदी का जायजा ले सम्बन्धित पदाधिकारी को सभी तैयारियां ससमय पूर्ण करनें के निर्देश दिए।
मौक़े पर उपरोक्त के अलावे प्रखंड विकास पदाधिकारी राजनगर श्री मलय कुमार, अंचलधिकारी राजनगर श्री हरीश चंद्र मुंडा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री अविनाश कुमार, विभिन्न विभाग का कार्यपालक अभियंता तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य उपस्थित रहें।
एमआईजी दुर्गा पूजा मंडप के समीप गायत्री मंदिर परिसर में अखंड ज्योति मुफ्त नेत्र जांच शिविर का आयोजन
सरायकेला : अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से आदित्यपुर 2 के एमआईजी दुर्गा पूजा मंडप के समीप गायत्री मंदिर परिसर में अखंड ज्योति मुफ्त नेत्र जांच शिविर का आयोजन गयत्री परिवार द्वारा किया गया जिसमें बड़ी संख्या में आंख की बीमारी से पीड़ित मरीज पहुंच कर अपने-अपने आंख की जांच कराई.
इन मरीजों में बहुत सारे लोगों को आंख के आपरेशन के लिए भी डाक्टर के द्वारा सलाह दी गई जिसे अखंड ज्योति आई नेत्रम नेत्रालय हास्पिटल आदित्यपुर शेरे पंजाब में मुफ्त में किए जाने हैं शिविर में अखंड नेत्रम नेत्रालय
हॉस्पिटल के डाक्टर ने बताया कि इनके अस्पताल में आंख से संबंधित सभी रोगों का इलाज किया जाता है ।
जिसमें गायत्री परिवार के द्वारा आयोजित आंख जांच शिविर में दिखाने वाले रोगियों को दवा और आपरेशन मुफ्त में हो जाते हैं । बताया गया कि अब तक यहां के लगभग 200 से अधिक लोगों का आपरेशन किया जा चुका है जबकि सेकड़ो से अधिक लोगों को शिविर के माध्यम से दवा भी दी गई है , साथ शिविर में 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चो को जांच के बाद निशुल्क चस्मा भी दिया जाएगा और बुजुगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी निःशुल्क होगा इस तरह से गयत्री परिवार हर तरह के कार्यक्रम में भाग लेकर सरायकेला जिले में अपना योगदान देती है ।
कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर हाथियों का जामबाड़ा, राहगीरों परेशान
सरायकेला : कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले अन्तर्गत चाकुलिया वन क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर इन दिनों हाथियों के झुंड के आने जाने से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आज सुबह चाकुलिया – केरूकोचा मुख्य सड़क पर एक बड़ी दुर्घटना होने से बाल बाल बचे , हुआ यूं की सुबह में 7-8 हाथियों का झुंड मुख्य सड़क पार कर रहा था तभी इसी बीच एक ट्रैक्टर वहां आ पहुंचा.
ट्रैक्टर चालक की हिम्मत कहे या किस्मत की वह हाथियों के झूंड के बीच से सुरक्षित ट्रैक्टर लेकर निकल गया, ट्रैक्टर जैसे ही हाथियों के बीच पहुंचा हाथियों के चिंघाड़ से क्षेत्र गूंज उठा , वहीं सड़क के किनारे जंगल में हाथियों के झूंड के आने से चाकुलिया – केरूकोचा मुख्य सड़क पर आने जाने वाले राहगीर काफी भयभीत देखा गया और सावधानी पूर्वक आवागमन कर रहे हैं, वहीं जंगल में हाथियों के झूंड के आने से आस पास के गांव के ग्रामीण काफी भयभीत हैं।
पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य के सरायकेला जिला दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गज परियोजना से गजों किया पलायन और छोटे बड़े जंगलों में हाथी की झुंड देता डाला हुआ ।भोजन और पानी की तलास में आज सेंचुरी छोड़कर सड़क पर भटके हे यह झुंड ,राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जंगल और वन्य जीव जंतु की संरक्षण के लिए , वन एब पर्यावरण विभाग को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।ओर हाथी की झुंड भोजन पानी के लिए गांव को टारगेट करते देखा गया ,घर में रखे अनाज को अपना निवाला बना रहा है.
आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर लंबित योजनाओं की निविदा निकाल कर काम में तेज़ी से लाने का दिया निर्देश
सरायकेला :आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने आगामी एक सप्ताह के भीतर लंबित योजनाओं की निविदा निकाल कर तेजी से काम शुरू कराने का निर्देश दिया है । इस योजना में 97 करोड़ से निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डो में 48 सडको का निर्माण होना है इसके आलावा जिस योजना का निर्माण कार्य चुनाव आचार संहिता लगने के कारण नही हो पा रहा था अब उस योजनाओं का काम एक सप्ताह के अंदर निविदा निकालकर शुरू किया जाएगा प्रशाशक बैठक में सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है पुराने सभी मामलों का निष्पादन शीध्र करे ही आम जनता की समश्या को सुनने के बाद उनको संतुष्ट करे ।
40 डीप बोरिंग से लोगो की बुझेगी प्यास निगम द्वारा पेयजल संकट को देखते हुए 40 डीप बोरिंग कराने का निर्णय लिया गया था पर आदर्श आचार संहिता लगने के कारण यह योजना खटाई में पड़ गयी थी इसे लेकर निविदा भी कराई जाएगी योजना के तहत प्रत्येक वार्डो में दो एचआईवीडीटी लगाया जाएगा इसे लेकर निगम की टीम ने स्थल का सर्वे भी कर लिया है वासिंग सेंटरों को जारी की गई एडवाजरी कस्बे में जल संकट को देखते हुए प्रसाशक ने क्षेत्र में संचालित वासिंग सेंटरों के लिए एडवाजरी जारी की है अनुमति प्राप्त वासिंग सेंटर संचालकों को कम पानी इस्तेमाल करने की एडवाइजरी जारी की गई है इसके आलावे वैसे वासिंग सेंटर जो अवेध रूप से संचालित हो रहे है।
इधर नगर निगम प्रशाशक आलोक कुमार ने बताया है कि अगले वर्ष मार्च तक घर घर लोगो को पानी मिलना शुरू हो जाएगा वन विभाग में फंसा पेंच अब सुलझा लिया गया है जितने भी एनओसी पेंडिंग थे सभी किलयर हो चुके है अब 30 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा ।
गढ़वा : जिले मे एनजीटी के रोक के बावजूद भी जिले के कई नदियों से बालू माफिया द्वारा खनन जारी
गढ़वा : जिले मे एनजीटी के रोक के बावजूद भी जिले के कई नदियों से बालू माफिया खनन विभाग के मिलीभगत से बालू का बेरोक टोक उठाव कर रहे है रात के अँधेरे मे इन बालू माफियाओ की दिन की शुरुआत होती है जो रात भर चलती है। जिले मे इसका दो प्रखंडो मे उदाहरण देखने को मिला जहाँ गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के बघवार स्थित कनहर नदी से अवैध बालू की ढुलाई में लगे दर्जनों ट्रैक्टरों को बीती रात ग्रामीणों ने रोक दिया.
रात भर ट्रैक्टरों को रोककर विभाग को इस मामले पर करवाई के लिए जानकारी देने के बाद भी रात के ढाई बजे तक करवाई की उम्मीद खत्म होता देख ग्रामीणों ने इन ट्रैक्टरों को छोड़ दिया।.वही इस दौरान अवैध बालू की ढुलाई से आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रैक्टर मालिकों को इस क्षेत्र से बालू नही ले जाने की कड़ी हिदायत दी. जानकारी के अनुसार पहले की तरह बीती रात भी बघवार के कनहर नदी से बालू की अवैध ढुलाई हो रही थी.
इसी दौरान कनहर नदी से बालू के उठाव में लगे दर्जनों ट्रैक्टरों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया.वहीं सभी ट्रैक्टरों को प्रशासन से जप्त कराने की बात कही.इसे लेकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना भंडरिया प्रखण्ड प्रमुख,मुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को दी। वंही दूसरी ओर चिनियाँ प्रखंड क्षेत्र मस्त भी रात भर बालू की ढूलाई ट्रैक्टर से की जा रही है लेकिन किसी की हिम्मत रोकने के लिए नही हो रही है.
इन 12 विधाओं से जाना जा सकता है भविष्य,सबसे ज्यादा लोकप्रिय है हस्तरेखा और कुंडली
सरायकेला : रिपोर्ट विजय कुमार :- भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग तरीके से भाग्य या भविष्य बताया जाता है। माना जाता है कि भारत में लगभग 150 से ज्यादा ज्योतिष विद्या प्रचलित हैं। प्रत्येक विद्या आपके भविष्य को बताने का दावा करती है। माना यह भी जाता है कि प्रत्येक विद्या भविष्य बताने में सक्षम है, लेकिन उक्त विद्या के जानकार कम ही मिलते हैं, जबकि भटकाने वाले ज्यादा। मन में सवाल यह उठता है कि आखिर किस विद्या से जानें हम अपना भविष्य, तो यहाँ प्रस्तुत है कुछ प्रचलित ज्योतिष विद्याओं की जानकारी।
1. कुंडली ज्योतिष :- यह कुंडली पर आधारित विद्या है। इसके तीन भाग है- सिद्धांत ज्योतिष, संहिता ज्योतिष और होरा शास्त्र। इस विद्या के अनुसार व्यक्ति के जन्म के समय में आकाश में जो ग्रह, तारा या नक्षत्र जहाँ था उस पर आधारित कुंडली बनाई जाती है। बारह राशियों पर आधारित नौ ग्रह और 27 नक्षत्रों का अध्ययन कर जातक का भविष्य बताया जाता है। उक्त विद्या को बहुत से भागों में विभक्त किया गया है, लेकिन आधुनिक दौर में मुख्यत: चार माने जाते हैं। ये चार निम्न हैं- नवजात ज्योतिष, कतार्चिक ज्योतिष, प्रतिघंटा या प्रश्न कुंडली और विश्व ज्योतिष विद्या।
2. लाल किताब की विद्या :- यह मूलत: उत्तरांचल, हिमाचल और कश्मीर क्षेत्र की विद्या है। इसे ज्योतिष के परंपरागत सिद्धांत से हटकर 'व्यावहारिक ज्ञान' माना जाता है। इसे बहुत ही कठिन विद्या माना जाता है। इसके अच्छे जानकार बगैर कुंडली को देखे उपाय बताकर समस्या का समाधान कर सकते हैं। उक्त विद्या के सिद्धांत को एकत्र कर सर्वप्रथम इस पर एक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसका नाम था 'लाल किताब के फरमान'। मान्यता अनुसार उक्त किताब को उर्दू में लिखा गया था इससे इसके बारे में भ्रम उत्पन्न हो गया।
3. गणितीय ज्योतिष :- इस भारतीय विद्या को अंक विद्या भी कहते हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रह, नक्षत्र, राशि आदि के अंक निर्धारित हैं। फिर जन्म तारीख, वर्ष आदि के जोड़ अनुसार भाग्यशाली अंक और भाग्य निकाला जाता है।
4. नंदी नाड़ी ज्योतिष :- यह मूल रूप से दक्षिण भारत में प्रचलित विद्या है जिसमें ताड़पत्र के द्वारा भविष्य जाना जाता है। इस विद्या के जन्मदाता भगवान शंकर के गण नंदी हैं इसी कारण इसे नंदी नाड़ी ज्योतिष विद्या कहा जाता है।
5. पंच पक्षी सिद्धान्त :- यह भी दक्षिण भारत में प्रचलित है। इस ज्योतिष सिद्धान्त के अंतर्गत समय को पाँच भागों में बाँटकर प्रत्येक भाग का नाम एक विशेष पक्षी पर रखा गया है। इस सिद्धांत के अनुसार जब कोई कार्य किया जाता है उस समय जिस पक्षी की स्थिति होती है उसी के अनुरूप उसका फल मिलता है। पंच पक्षी सिद्धान्त के अंतर्गत आने वाले पाँच पक्षी के नाम हैं गिद्ध, उल्लू, कौआ, मुर्गा और मोर। आपके लग्न, नक्षत्र, जन्म स्थान के आधार पर आपका पक्षी ज्ञात कर आपका भविष्य बताया जाता है।
6. हस्तरेखा ज्योतिष :- हाथों की आड़ी-तिरछी और सीधी रेखाओं के अलावा, हाथों के चक्र, द्वीप, क्रास आदि का अध्ययन कर व्यक्ति का भूत और भविष्य बताया जाता है। यह बहुत ही प्राचीन विद्या है और भारत के सभी राज्यों में प्रचलित है।
7. नक्षत्र ज्योतिष :- वैदिक काल में नक्षत्रों पर आधारित ज्योतिष विज्ञान ज्यादा प्रचलित था। जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता था उसके उस नक्षत्र अनुसार उसका भविष्य बताया जाता था। नक्षत्र 27 होते हैं।
8. अँगूठा शास्त्र :- यह विद्या भी दक्षिण भारत में प्रचलित है। इसके अनुसार अँगूठे की छाप लेकर उस पर उभरी रेखाओं का अध्ययन कर बताया जाता है कि जातक का भविष्य कैसा होगा।
9. सामुद्रिक विद्या:- यह विद्या भी भारत की सबसे प्राचीन विद्या है। इसके अंतर्गत व्यक्ति के चेहरे, नाक-नक्श और माथे की रेखा सहित संपूर्ण शरीर की बनावट का अध्ययन कर व्यक्ति के चरित्र और भविष्य को बताया जाता है।
10. चीनी ज्योतिष :- चीनी ज्योतिष में बारह वर्ष को पशुओं के नाम पर नामांकित किया गया है। इसे ‘पशु-नामांकित राशि-चक्र’ कहते हैं। यही उनकी बारह राशियाँ हैं, जिन्हें 'वर्ष' या 'सम्बन्धित पशु-वर्ष' के नाम से जानते हैं। यह वर्ष निम्न हैं- चूहा, बैल, चीता, बिल्ली, ड्रैगन, सर्प, अश्व, बकरी, वानर, मुर्ग, कुत्ता और सुअर। जो व्यक्ति जिस वर्ष में जन्मा उसकी राशि उसी वर्ष अनुसार होती है और उसके चरित्र, गुण और भाग्य का निर्णय भी उसी वर्ष की गणना अनुसार माना जाता है।
11. वैदिक ज्योतिष :- वैदिक ज्योतिष अनुसार राशि चक्र, नवग्रह, जन्म राशि के आधार पर गणना की जाती है। मूलत: नक्षत्रों की गणना और गति को आधार बनाया जाता है। मान्यता अनुसार वेदों का ज्योतिष किसी व्यक्ति के भविष्य कथक के लिए नहीं, खगोलीय गणना तथा काल को विभक्त करने के लिए था।
12. टैरो कार्ड :- टैरो कार्ड में ताश की तरह पत्ते होते हैं। जब भी कोई व्यक्ति अपना भविष्य या भाग्य जानने के लिए टैरो कार्ड के जानकार के पास जाता है तो वह जानकार एक कार्ड निकालकर उसमें लिखा उसका भविष्य बताता है।
यह उसी तरह हो सकता है जैसा की पिंजरे के तोते से कार्ड निकलवाकर भविष्य जाना जाता है। यह उस तरह भी है जैसे कि बस स्टॉप या रेलवे स्टेशन पर एक मशीन लगी होती है जिसमें एक रुपए का सिक्का डालो और जान लो भविष्य। किसी मेले या जत्रा में एक कम्प्यूटर होता है जो आपका भविष्य बताता है।
उपरोक्त विद्या जुए-सट्टे जैसी है यदि अच्छा कार्ड लग गया तो अच्छी भविष्यवाणी, बुरा लगा तो बुरी और सामान्य लगा तो सामान्य। हालाँकि टैरो एक्सपर्ट मनोविज्ञान को आधार बनाकर व्यक्ति का चरित्र और भविष्य बताते हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई होती है यह कहना मुश्किल है।
इसके अलावा माया, हेलेनिस्टिक, सेल्टिक, पर्शियन या इस्लामिक, बेबिलोनी आदि अनेक ज्योतिष धारणाएँ हैं। हर देश की अपनी अलग ज्योतिष धारणाएँ हैं और अलग-अलग भविष्यवाणियाँ।
Jun 14 2024, 16:23