तेलंगाना पुलिस ने तालाब में तैरते ‘शव’ को देखकर रह गयी हैरान, जनिए क्या थी वजह
हाल ही में तेलंगाना के वारंगल जिले में एक तालाब में तैरते हुए एक गतिहीन शव ने तब हड़कंप मचा दिया, जब स्थानीय लोगों ने मान लिया कि वह व्यक्ति डूब गया है और मर गया है। पुलिस को बताया गया कि शव करीब पांच घंटे से पानी में तैर रहा था। जब पुलिस ‘शव’ को बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंची, तो उन्होंने पाया कि वह व्यक्ति पूरी तरह से जीवित था और चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए पानी में झपकी ले रहा था। तेलंगाना में घटनाओं की विचित्र श्रृंखला सामने आई। पुलिस द्वारा घसीटे जाने पर व्यक्ति के जागने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। एक्स यूजर सुधाकर उडुमुला ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा: “हनुमाकोंडा के रेड्डीपुरम कोवेलाकुंटा के निवासी आज हैरान रह गए, जब उन्होंने देखा कि स्थानीय तालाब में एक शव तैर रहा है जिसे बाद में नेल्लोर जिले के कावली के खदान मजदूर के रूप में पहचान हुई। वह व्यक्ति को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पानी में गतिहीन अवस्था में पाया गया।” इस वीडियो को X पर 4 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह व्यक्ति खदान में काम करने वाला था, जो ठंडक पाने के लिए तालाब में तैर रहा था। जब स्थानीय लोगों ने सोचा कि यह एक लाश है और उन्होंने काकतीय विश्वविद्यालय पुलिस को इसकी सूचना दी, तो पुलिस उसे बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुँची। हालाँकि, उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ, जब वह व्यक्ति जाग गया और खुद ही तालाब से बाहर निकल आया। पूछताछ करने पर, उसने कथित तौर पर बताया कि वह ग्रेनाइट खदान में लगातार 10 दिनों से काम कर रहा था। 12 घंटे की अपनी शिफ्ट के बाद थके हुए व्यक्ति ने तालाब में डुबकी लगाने का फैसला किया, लेकिन जल्द ही सो गया। हालाँकि, उसकी उपस्थिति ने क्षेत्र के निवासियों में दहशत पैदा कर दी, जिन्होंने देखा कि वह पाँच घंटे से ज़्यादा समय से बिना हिले-डुले तैर रहा था।

हाल ही में तेलंगाना के वारंगल जिले में एक तालाब में तैरते हुए एक गतिहीन शव ने तब हड़कंप मचा दिया, जब स्थानीय लोगों ने मान लिया कि वह व्यक्ति डूब गया है और मर गया है। पुलिस को बताया गया कि शव करीब पांच

#bjp_va_tmc टीएमसी की गुंडागर्दी से दहशत में बीजेपी कार्यकर्ताओं का परिवार, अपनों को सुरक्षा देनें में क्यों असमर्थ है पार्टी?
2021 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह से पूरे राज्य भर में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों को निशाना बनाया गया वह जगजाहिर है। बंगाल में जिस तरह से राजनीतिक हिंसा की लगातार घटनाएं और सत्तारूढ़ दल का आतंक है उसमें जमीन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए काम करना उतना आसान भी नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता चुनावी हिंसा का शिकार हुए हैं। भाजपा के प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेता इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस को लगातार घेरते रहे। पार्टी लगातार यह भी कहती रही कि बंगाल में भाजपा के सत्ता में आने पर इसका बदला लिया जाएगा। बावजूद इसके समर्थकों को हिंसा का डर सताता रहा। हालात ये हैं कि करीब 10 हजार पार्टी कार्यकर्ता घर-द्राव छोड़कर पार्टी ऑफिम में शरण लेकर रह रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में बाजेपी के पोलिंग एजेंट की पत्नी का एक वीडो में वायरल हो रहा है, जिसमें वो टीएमसी की गुंडागर्दी से तंगआकर ममता बनर्जी से जगह देनें की अपील कर रही हैं। वीडियो में महिला कहती दिख रहा है कि “मेरे पति बीजेपी के पोलिंग एजेंट थे। उन्होंने हमारे लोगों को इतनी बुरी तरह पीटा कि वे जीवन भर के लिए अपंग हो गए। हम बुनियादी ज़रूरतों से दूर हो गए हैं, हमारे बच्चे भूख से मर रहे हैं। हमारे गांव में टीएमसी के लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। हम ममता बनर्जी से विनती करते हैं कि कृपया हमें जहर दे दें। बता दें कि पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां राजनीतिक हिंसा की संस्कृति अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है। यहां राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास है, जो कई दशकों से चला आ रहा है और जिस ने राज्य की राजनीति पर जटिल और गहरा प्रभाव डाला है। हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी हिंसक घटनाएं हावी रहीं। इसलिए कई भाजपाइयों ने अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। कई लोग वोट डालने के बाद घर छोड़ कहीं और चले गए। इसे लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है।राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लिखे पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 10,000 भाजपा कार्यकर्ता और उनके परिवार असुरक्षित हैं, जिनमें से कई लोग पार्टी कार्यालय में रुके हैं।

2021 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद जिस तरह से पूरे राज्य भर में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों को निशाना बनाया गया वह जगजाहिर है। बंगाल में जिस तर

जल संकट पर बीजेपी ने आप को घेरा, सांसद बांसुरी स्वराज ने 73,000 करोड़ के घाटे पर मांगा जवाब*
#bjp_demands_answer_from_govt_loss_of_rs_73000_crore
दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि जो दिल्ली जल बोर्ड कभी 600 करोड़ का मुनाफा देता था, वो आज 73,000 करोड़ के घाटे में कैसे चला गया। इसका जवाब दिल्ली सरकार को देना होगा। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट नहीं है। असल में दिल्ली में एक ओर जल वितरण के लिए समर एक्शन प्लान का अभाव है और दूसरी ओर सरकार वॉटर लीकेज से होने वाली बर्बादी को रोकने में असमर्थ रही है। स्वराज ने कहा डीजेबी का पूरा बुनियादी ढांचा, पाइपलाइन, जल भंडारण प्रणाली जर्जर है। आईएमडी ने मार्च महीने में ही भविष्यवाणी कर दी है कि दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ेगी। मंत्री आतिशी और आप सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए थे। एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए थी, डीजेबी के बुनियादी ढांचे में सुधार होना चाहिए था लेकिन कुछ नहीं किया गया। बांसुरी स्वराज ने आगे कहा की भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को सभी स्रोतों से एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पानी मिल रहा है। यदि किसी भी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी चाहिए तो उसे या आपसी बातचीत से पड़ोसी राज्यों से लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा। बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली की जल चोरी एवं बर्बादी रोकने में असफल केजरीवाल सरकार ने खुद की गलतियों का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ने का प्रयास किया और मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ले गई। की जल मंत्री आतिशी एक ओर लगातार कहती रहीं की हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है और दूसरी ओर हरियाणा पर पूरा जल नहीं देने का आरोप लगाती रहीं। सांसद बांसुरी स्वराज ने बताया कि आज केजरीवाल सरकार और उसकी मंत्री आतिशी की पोल पूरी तरह खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं है। हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई की आखिर क्यों वह 2019 से हर गर्मी में सुप्रीम कोर्ट आती है। दिल्ली में पानी की किल्लत से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया था कि लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं ऐसे में आपने टैंकर माफिया के खिलाफ क्या एक्शन लिया है।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि पानी की बर्बादी को रोकने और टैंकर माफिया के खिलाफ आपने क्या कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर आपने टैंकर माफिया के खिलाफ एक्शन नहीं लिया तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे वह टैंकर माफिया के खिलाफ एक्शन ले। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस को अपने अपने बॉर्डर पर टैंकर माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
Terrorists are openly roaming in my Jammu city with AK-47s.
This lady is an eyewitness who encountered a terrorist near Wave Mall, where he asked her for cigarettes and if she was a local. What the hell is going on in my Jammu?

Why BJP loses in #WestBengal
Why BJP loses in #WestBengal

जयपुर में हिंदू परिवार पलायन करने को क्यों हुए मजबूर, घरों के बाहर लगे पोस्टर, जानें क्या लिखा

#migration_of_hindu_families_in_jaipur

राजस्थान की राजधानी जयपुर की शिवाजी कॉलोनी में रहे रहे हिंदू परिवार अपना मकान बेच कर धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं।हिंदूओं ने मुस्लिमों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका है कि वे मुस्लिम समुदाय की ज्यादतियों से परेशान हो रहे हैं। वे हिन्दुओं को अलग अलग तरीके से घर बेचने पर मजबूर कर रहे हैं। वहीं, हिंदू परिवारों का पलायन रोकने के लिए घरों और दुकानों के बाहर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं। हिंदू परिवारों के पलायन के रोकने के लिए कुछ परिवारों ने पोस्टर लगाए हैं और कहा है कि वह अपना घर अगर बेच रहे हैं तो केवल हिंदू परिवार को ही बेचें।बता दें कि इससे पहले राजधानी जयपुर के किशनपोल और ब्रह्मपुरी में भी हिंदुओं के पलायन की घटनाएं हुई है।

ताजा मामला है जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में स्थित शिवाजी कॉलोनी का। शिवाजी कॉलोनी में रह रहे हिंदू परिवारों ने बताया कि वो काफी सालों से यहां रह रहे हैं, लेकिन अब ये कॉलोनी सुरक्षित नहीं रह गई है। यहां कभी पत्थरबाजी होती है तो कभी उनकी बच्चियों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। अब उन लोगों की पलायन जैसी नौबत आ गई है।अपनी शिकायत लेकर स्थानीय थाने पहुंचे स्थानीय वाशिंदों का आरोप था कि उनकी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। समुदाय विशेष के लोग जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और करा रहे हैं।

जहां एक तरफ लोग अपने घरों को बेचने पर मजबूर हैं, वहीं दूसरे हिंदू परिवारों ने अपने घरों के बाहर पलायन को रोकने वाले पोस्टर्स लगाए हैं। इन पोस्टर्स पर लिखा है कि,सनातनियों से अपील है कि पलायन को रोकें, सभी सनातन भाई-बहनों से निवेदन है कि अपने घर गैर हिंदुओं को न बेचें।हिंदू परिवार के लोगों ने सरकार से मांग की है कि यहां गैर हिंदुओं को घर खरीदने से रोका जाए, जिससे हिंदुओं को पलायन के लिए विवश न होना पड़े।

नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जम्मू क्षेत्र में तेज हुए आतंकी हमलों में पाक सेना के शामिल होने के मिले सबूत
#evidence_of_direct_involvement_of_pakistan_army_in_terror_attacks_in_Jammu_region जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी देखी गई है। जम्मू में पिछले दिनों 4 दिनों के अंदर 4 आतंकी हमले हुए। पाकिस्तान और उसके प्रिय आतंकी संगठनों ने ये हमले अंजाम दिए हैं। जम्मू के रियासी में रविवार शाम को पहला आतंकी हमला हुआ। हमलावरों ने कटरा से तीर्थ यात्रियों को लेकर शिव खोरी जा रही बस को रनसू इलाके में निशाना बनाया। आतंकवादियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की, इससे बस गहरी खाई में गिर गई। इस हमले में कम से नौ लोगों की मौत हुई है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए कायराना आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। ये वह आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के लिए काम करता है। हर बार की तरह इस बार भी साफ हो गया कि इन आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ है। यही नहीं, खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस हमले में भी आतंकियों का हमला करने का तरीका वैसा ही है, जो पिछले हमलों में भी देखा गया है। आतंकी ने जिस तरह अचूक निशाना साध कर बस ड्राइवर के सिर पर गोली मारी है, वह किसी पेशेवर का काम है, जो पाकिस्तान की सेना से जुड़ा हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि घाटी में इन दिनों दो ही आतंकी संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव हैं, पहला द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) और दूसरा पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ)। जितनी भी आतंकी वारदातें हो रही हैं, उनमें इन्ही दोनों ग्रुप की संलिप्तता पाई गई है। उन्होंने इस बात का अंदेशा जताया कि दोनों ही संगठनों के पास पाकिस्तान की सेना का सपोर्ट है। सूत्र बताते हैं कि अक्तूबर 2021 को हुए पुंछ के भाटा दूड़ियां के जंगलों में हुए हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस हमले का पीएएफएफ ने वीडियो जारी किया था, जिसमें देखा गया था कि आतंकियों ने किस सटीकता के साथ इस हमले को अंजाम दिया था। इसके बाद मई 2023 में राजौरी में आतंकी हमले में शहीद हुए स्पेशल पैरा फोर्स का एक जवान शहीद हो गया था, उसकी आंख में आतंकियों ने गोली मारी थी। वहीं, इस साल चार मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शाहसितार के पास भारतीय वायुसेना के वाहनों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भी जिस सटीकता के साथ वाहन की विंडस्क्रीन पर निशाना बनाया गया, वह कोई प्रोफेशनल हथियार चलाने वाला ही कर सकता है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) से जुड़े रिटायर्ड फौजी पीएएफएफ और टीआरएफ के साथ जुड़े हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को दिया अंतिम मौका, 10 अगस्त तक खाली करना होगा राउज एवेन्य स्थित पार्टी कार्यालय

#supreme_court_asksaam_aadmi_party_vacate_delhi_office_said_last_chance

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को अब 10 अगस्त तक राउज एवेन्य स्थित पार्टी कार्यालय को खाली कराना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अब पार्टी को 10 अगस्त तक पार्टी कार्यालय खाली करने का आदेश दिया है। इससे पहले 4 मार्च को सर्वोच्च अदालत ने आम आदमी पार्टी को 15 जून तक कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया था। समयसीमा खत्म होने से पहले ही आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डेडलाइन बढ़ाने की मांग की थी।

आप की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने आम आदमी पार्टी की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर गौर करने के बाद समयसीमा 10 अगस्त तक बढ़ा दी। पीठ ने साफ कर दिया कि यह अंतिम मौका है और आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त या उससे पहले 206, राउज एवेन्यू स्थित इमारत से अपना कब्जा छोड़ना होगा। 

मालूम हो कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली के बंगला नंबर 206 राउज एवेन्यू के जिस बंगले में पार्टी दफ्तर है, वह परिसर दिल्ली हाई कोर्ट को 2020 में जिला अदालत के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए आवंटित हो चुका है। लेकिन आम आदमी पार्टी के जगह खाली न करने के कारण कोर्ट के विस्तार के काम में देरी हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने आप को लैंड एंड डेवलेपमेंट ऑफिस में संपर्क करके उनके कार्यालय के लिए जमीन आवंटित करने की मांग करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने जमीन विकास विभाग को चार हफ्तों के भीतर आम आदमी पार्टी की अपील पर जवाब देने का निर्देश दिया था।

Maharashtra ATS arrests four Bangladeshi nationals for using forged documents
Maharashtra ATS arrests four Bangladeshi nationals for using forged documents to obtain Indian passports and voter ID cards. Shockingly they had even voted in just concluded Lok Sabha elections using fake documents. Raids continue for m

Pakistani opposition leader Shibli Faraz inside Pakistani Parliament praises
Pakistani opposition leader Shibli Faraz inside Pakistani Parliament praises “enemy country” #India for smooth, free and fair elections in largest democracy in the world.