मुख्यमंत्री श्री साय 13 जून से करेंगे विभागों की समीक्षा, विभागों के आला अधिकारी बैठक में होंगे शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद शासकीय काम-काज में कसावट और तेजी लाने के लिए 13 जून से विभिन्न विभागों के काम-काज और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा शुरू करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा ली जाने वाली इस समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय 13 जून को दोपहर 01 बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग तथा अपरान्ह 3 बजे से पशुधन विकास, मत्स्यपालन एवं दुग्ध महासंघ के काम-काज की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री 14 जून को पूर्वान्ह 11.30 बजे से स्वास्थ्य विभाग तथा अपरान्ह 3 बजे चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे। मुख्यमंत्री 15 जून को पूर्वान्ह 11.30 बजे से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा दोपहर 2 बजे से गृह एवं जेल विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे।

‘विकसित छत्तीसगढ़ विजन’: नई ऊंचाईयों को छूने का संकल्प

रायपुर-     आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर छत्तीसगढ़ एक समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में आकार लेगा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकसित भारत‘‘ के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस संकल्प को पूरा करने के प्रथम कदम के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यों ने ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विजन पर गत दिनों भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर में नीति निर्माताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के साथ दो दिनों तक विचार मंथन किया गया।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों, खनिज और वन सम्पदा तथा कुशल मानव संसाधन से सम्पन्न राज्य है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए विशेषज्ञों ने शासन-प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, नवाचार, राज्य के संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग की आवश्यकता बताई। इसे पूरा करने के लिए ‘‘विकसित छत्तीसगढ़‘‘ का स्पष्ट विजन तय कर उस पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।

विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, अधोसंरचना, प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग, खनन क्षेत्र में सुधार, प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए कुशल वित्त प्रबंधन, सुशासन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास, शिक्षा और लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता बताई। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने, कृषि के क्षेत्र में भण्डारण सुविधा बढ़ाने, मंडी विकास, सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी, उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधिकरण और फूड प्रोसेसिंग को प्रोत्साहन, पर्यटन से जुड़ी अधोसंरचना के विकास, उद्योग हितैषी नीतियों के निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों के सहयोग से आगे बढ़ने पर विशेषज्ञों ने बल दिया।

मजबूत निगरानी और नियंत्रण तंत्र

विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की भूमिका के संबंध में विशेषज्ञों का सुझाव था कि विकास योजनाओं के निर्माण के साथ-साथ विकसित छत्तीसगढ़ के विजन के क्रियान्वयन की निगरानी और नियंत्रण का लगातार कार्य राज्य सरकार को करना होगा। इसके लिए कुशल निगरानी तंत्र बनाने की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगरानी और नियंत्रण तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की जरुरत है। इसके साथ ही साथ आर्थिक प्रगति के लिए राज्य की नई क्षमताएं पहचाननी होगी। यह भी आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर योजनाएं बनाई जाए और नागरिकों के साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का प्रयास सुनिश्चित की जाए।

सरप्लस रिवेन्यू अर्थव्यवस्था की ताकत

साथ ही निजी क्षेत्र को परियोजनाओं में निवेश और संचालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ की बेहतर अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सरप्लस रिवेन्यू, अच्छा फिजिकल डिसीप्लिन, लो डेब्ट एण्ड जीडीपी रेश्यो राज्य की अर्थव्यवस्था की ताकत है। भौगोलिक रूप से देश के मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर उद्योगों के विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

योजना में जियो टैगिंग का उपयोग

खनन, पर्यावरण, स्वाईल हेेल्थ, विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां सैटेलाईट मैपिंग का कार्य 1990 के दशक में हो चुका है। जियो टैगिंग ऑफ विलेज का काम पूरा होने पर जिला, तहसील, गांव, सर्वे नंबर, ऑनरशिप, क्षेत्रफल, टाइप ऑफ लैंड सहित अनेक जानकारियां एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे, इससे नीतियों का निर्माण और परियोजनाओं का क्रियान्वयन कुशलतापूर्वक और तेजी से किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए ‘विजन डाक्यूमेंट’ बनाने का काम राज्य योजना आयोग को सौंपा गया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ राज्य जन-आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक हरित राज्य भी होगा।

नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश

रायपुर-    राज्य शासन ने नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी पर्व के अवसर पर रायपुर शहर एवं नया रायपुर स्थित शासकीय कार्यालयों में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इस आशय का संशोधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग अटल नगर नवा रायपुर द्वारा जारी कर दिया गया है। कैलेण्डर वर्ष 2024 के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन करते हुए नागपंचमी के अवसर पर 9 अगस्त 2024 को घोषित स्थानीय अवकाश को परिवर्तित करते हुए मंगलवार, 12 नवम्बर 2024 को देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) पर स्थानीय अवकाश घोषित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि यह अवकाश बैंक, कोषालय, उप कोषालय के लिए लागू नहीं होगा।

विकसित छत्तीसगढ़ विजन’: नई ऊंचाईयों को छूने का संकल्प

रायपुर-   आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर छत्तीसगढ़ एक समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में आकार लेगा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकसित भारत‘‘ के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस संकल्प को पूरा करने के प्रथम कदम के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यों ने ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विजन पर गत दिनों भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर में नीति निर्माताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के साथ दो दिनों तक विचार मंथन किया गया।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों, खनिज और वन सम्पदा तथा कुशल मानव संसाधन से सम्पन्न राज्य है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए विशेषज्ञों ने शासन-प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, नवाचार, राज्य के संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग की आवश्यकता बताई। इसे पूरा करने के लिए ‘‘विकसित छत्तीसगढ़‘‘ का स्पष्ट विजन तय कर उस पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।

विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, अधोसंरचना, प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग, खनन क्षेत्र में सुधार, प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए कुशल वित्त प्रबंधन, सुशासन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास, शिक्षा और लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता बताई। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने, कृषि के क्षेत्र में भण्डारण सुविधा बढ़ाने, मंडी विकास, सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी, उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधिकरण और फूड प्रोसेसिंग को प्रोत्साहन, पर्यटन से जुड़ी अधोसंरचना के विकास, उद्योग हितैषी नीतियों के निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों के सहयोग से आगे बढ़ने पर विशेषज्ञों ने बल दिया।

मजबूत निगरानी और नियंत्रण तंत्र

विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की भूमिका के संबंध में विशेषज्ञों का सुझाव था कि विकास योजनाओं के निर्माण के साथ-साथ विकसित छत्तीसगढ़ के विजन के क्रियान्वयन की निगरानी और नियंत्रण का लगातार कार्य राज्य सरकार को करना होगा। इसके लिए कुशल निगरानी तंत्र बनाने की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगरानी और नियंत्रण तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की जरुरत है। इसके साथ ही साथ आर्थिक प्रगति के लिए राज्य की नई क्षमताएं पहचाननी होगी। यह भी आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर योजनाएं बनाई जाए और नागरिकों के साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का प्रयास सुनिश्चित की जाए।

सरप्लस रिवेन्यू अर्थव्यवस्था की ताकत

साथ ही निजी क्षेत्र को परियोजनाओं में निवेश और संचालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ की बेहतर अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सरप्लस रिवेन्यू, अच्छा फिजिकल डिसीप्लिन, लो डेब्ट एण्ड जीडीपी रेश्यो राज्य की अर्थव्यवस्था की ताकत है। भौगोलिक रूप से देश के मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर उद्योगों के विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

योजना में जियो टैगिंग का उपयोग

खनन, पर्यावरण, स्वाईल हेेल्थ, विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां सैटेलाईट मैपिंग का कार्य 1990 के दशक में हो चुका है। जियो टैगिंग ऑफ विलेज का काम पूरा होने पर जिला, तहसील, गांव, सर्वे नंबर, ऑनरशिप, क्षेत्रफल, टाइप ऑफ लैंड सहित अनेक जानकारियां एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे, इससे नीतियों का निर्माण और परियोजनाओं का क्रियान्वयन कुशलतापूर्वक और तेजी से किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए ‘विजन डाक्यूमेंट’ बनाने का काम राज्य योजना आयोग को सौंपा गया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ राज्य जन-आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक हरित राज्य भी होगा।

नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश

रायपुर-  राज्य शासन ने नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी पर्व के अवसर पर रायपुर शहर एवं नया रायपुर स्थित शासकीय कार्यालयों में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इस आशय का संशोधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग अटल नगर नवा रायपुर द्वारा जारी कर दिया गया है। कैलेण्डर वर्ष 2024 के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन करते हुए नागपंचमी के अवसर पर 9 अगस्त 2024 को घोषित स्थानीय अवकाश को परिवर्तित करते हुए मंगलवार, 12 नवम्बर 2024 को देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) पर स्थानीय अवकाश घोषित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि यह अवकाश बैंक, कोषालय, उप कोषालय के लिए लागू नहीं होगा।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में छात्रावास अधीक्षक एवं अधीक्षिका के पदों पर दस्तावेज सत्यापन 13 जून को

रायपुर-    राज्य की शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में छात्रावास अधीक्षक एवं छात्रावास अधीक्षिका के पदों पर अभ्यर्थियों का छठवें चरण का दस्तावेज सत्यापन 13 जून को प्रातः 09:30 बजे से शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, रायपुर, विधान सभा रोड, सड्डू, रायपुर में किया जाएगा। दस्तावेज सत्यापन हेतु संबंधित अभ्यर्थियों को एसएमएस/व्हाट्सएप्प पर भी सूचना भेजी जा रही है। कट ऑफ मार्क्स संचालनालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। उक्त चरण में रिक्त पदों के विरूद्ध 03 गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन हेतु बुलाया गया है। सभी अभ्यर्थी अद्यतन जानकारी हेतु निरंतर संचालनालय की वेबसाइट https://cgiti.cgstate.gov.in/ तथा अपने लॉगिन आईडी का नियमित अवलोकन करते रहें। दस्तावेज सत्यापन उपरांत संबंधित अभ्यर्थी आगामी दिवस को दोपहर 01:00 बजे तक उसी स्थल पर पंजीयन प्रभारी के पास अपना दावा/ आपत्ति भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

बीजापुर के डुमरीपालनार गांव में पहुंचने लगी बुनियादी सुविधाएं,शासन-प्रशासन के प्रति वनवासियों में जगा विश्वास

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा बस्तर अंचल के सुदूर वनांचल विशेषकर नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और वनवासियों को सरकार की योजनाओं का बिना किसी व्यवधान के लाभ पहुंचाने के प्रयास सफल होने लगे है। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों में अब यह सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है। शासन-प्रशासन के इन प्रयासों को सफल करने में नियद नेल्लानार योजना अहम रोल अदा कर रही है। नियद नेल्लानार की बदौलत अब नक्सल प्रभावित गांवों में शासकीय अमले की आमदरफ्त बढ़ी है। जिसके चलते वनवासियों का भरोसा बढ़ा है और अब वह सरकारी नुमाइदों से बेझिझक मेल-मुलाकात करने के साथ ही अपनी जरूरतों को बताने लगे हैं।

बस्तर अंचल के बीजापुर जिले के कई गांव बीते दो दशकों से नक्सलवादी गतिविधियों के कारण विकास की मुख्यधारा से न सिर्फ कट गए थे, बल्कि बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित थे। माओवाद प्रभावित इन गांवों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष प्रयासों से शुरू हुई नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों में एक नया विश्वास जगा है। सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच गांवों को चिन्हित कर शासन की 32 कल्याणकारी एवं विकास योजनाओं के तहत आवास, अस्पताल, पेयजल, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं की तेजी से उपलब्धता सुनिश्चत करने के साथ ही हितग्राही मूलक कार्यक्रमों का लाभ भी दिया जा रहा है, ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सकें।

बीजापुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 45 किलोमीटर दूर बुरजी ग्राम पंचायत का गांव डुमरीपालनार भी बरसो-बरस माओवादी गतिविधियों से प्रभावित रहा है। नियद नेल्लानार योजना के कारण अब इस गांव में विकास की बयार बहने लगी है। डुमरीपालनार में सुरक्षा कैम्प की स्थापना और आवागमन के लिए बनी सड़क ने ग्रामीणों के दिलों को शासन-प्रशासन से जोड़ दिया है। ग्रामीणों ने अब माओवादियों की भय और आतंक की चादर को उतार फेंका है। गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास की बातें होने लगी है। बैलाडीला पहाड़ियों से निकलने वाले लाल दूषित पानी को पीने को मजबूर डुमरीपालनार के ग्रामीणों को अब स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है। प्रशासन ने इस गांव में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 5 हैण्डपंप भी लगवा दिए है। बीजापुर के गंगालूर, पुसनार, हिरोली सड़क मार्ग से होते हुए डुमरीपालनार पहुंचने पर यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इस गांव की तस्वीर और ग्रामीणों की तकदीर में अच्छा खासा बदलाव आया है। ग्रामीणों में विकास के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ा है।

डुमरीपालनार गांव में स्कूल फिर चलें अभियान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है। ग्रामीणों ने स्थानीय संसाधन से बच्चों के पढ़ने के लिए अधोसंरचना भी निर्मित की है। ग्रामीणजन स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, राशन जैसी शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए बेखौफ आगे आने लगे है।

कोल घोटाला मामले में एक बार फिर सूर्यकांत तिवारी और समीर बिश्नोई को ईओडब्ल्यू ने रिमांड पर लिया

रायपुर- कोल घोटाला मामले में एक बार फिर सूर्यकांत तिवारी और समीर बिश्नोई को ईओडब्ल्यू ने रिमांड पर लिया है। सोमवार को रायपुर में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों की दो दिन की रिमांड मंजूर कर दी है।

वहीं आबकारी घोटाले मामले में ED के प्रोडक्शन वारंट पर सभी आरोपी विशेष कोर्ट में पेश हुए। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने पक्ष रखा जिसपर बचाव पक्ष की ओर से भी जमकर बहस हुई। कोर्ट ने इस मामले में 12 जून को सुनवाई की अगली तारीख तय की है। फिलहाल सभी आरोपी जेल भेजे गए। सोमवार को प्रोडक्शन वारंट पर अनवर ढेबर,अरुण पति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन विशेष कोर्ट में पेश हुए थे।

कोल घोटाले मामले में एक बार फिर ईओडब्ल्यू ने जेल में बंद आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर पेश करने के लिए आवेदन लगाया है। विशेष कोर्ट ने ईओडब्ल्यू के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। जेल में बंद चार आरोपी मंगलवार को कोर्ट में पेश होंगे। आरोपी लक्ष्मीकांत तिवारी, शिवशंकर नाग, सुनील नायक और निखिल चंद्राकर प्रोडक्शन वारंट पर पेश होंगे।

पिछली सुनवाई में भी नहीं हो पाया था फैसला

इससे पहले दोनों ही मामलों में 5 जून को सुनवाई हुई थी लेकिन ED और EOW की स्पेशल कोर्ट के जज छुट्टी पर थे। इसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहनी कंवर की कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों ही मामले में बचाव पक्ष ने प्रोडक्शन रिमांड पर देने का विरोध किया। लंबी बहस के बाद फैसला नहीं हो पाया था। सुनवाई के बाद जज ने इस मामले में 10 जून की तारीख तय की थी।

बलौदाबाजार की घटना को नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने बताया भाजपा सरकार की नाकामी, कहा – प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर

रायपुर- बलौदाबाजार घटना पर सियासत तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने बलौदाबाजार हिंसा को सरकार की नाकामी और प्रदेश की लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण बताया है. उन्होंने कहा, भाजपा सरकार सतनामी समाज की मांग अनुसार इस पूरी घटना की जांच कराए.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि प्रदेश की राजधानी रायपुर से लगे जिले में यह घटना चिंताजनक है. धर्म स्थली अमर टापू की घटना निंदनीय है. 15 मई की घटना से नाराज़ लोग न्याय की मांग को लेकर धरने पर थे. राज्य शासन-प्रशासन अगर समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो आज नाराज़गी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था.

डॉ. महंत ने कहा कि मैं समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. सतनामी समाज बाबा घासीदास के बताए शांति और सद्भाव के रास्ते पर चलने वाला समाज है.

बलौदाबाजार मामला : पूर्व मंत्री डहरिया ने लोगों से की शांति बनाए रखने की अपील, कहा – घटना के लिए प्रशासनिक फेलियर जिम्मेदार

रायपुर- बलौदाबाजार में हुई घटना पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने प्रशासनिक फेलियर को ज़िम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, गिरौदपुरी विश्व स्तरीय सतनामी समाज का धार्मिक स्थल है. यहां जैतखाम पर तोड़फोड़ मामले में समाज ने न्यायिक जांच की मांग की थी, जिसे सरकार ने नजरअंदाज किया. आंदोलन की बात आई तो जांच की घोषणा कर रहे हैं.

डहरिया ने कहा, पहले ही समाज के लोगों को बुलाकर चर्चा करनी थी. मामले को दबाने बिहार के लोगों को अपराधी ठहराकर गिरफ्तार किया गया. व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को बुलाया गया था. नेतृत्व करने कोई नहीं था. कानून व्यवस्था की फेलियर से यहां घटना हुई. बीजेपी शासन में हो रही ऐसी घटना प्रदेश के लिए शर्मनाक है. उन्होंने सतनामी और अन्य समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.