सिख समुदाय के लोगो द्वारा 5 वें गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के मौके पर शरबत हलुआ का किया गया वितरण


सरायकेला : सिख समुदाय के लोगो द्वारा 5 वें गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के मौके पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ट्रस्ट द्वारा आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित सूरज ऑटोमोबाइल मोड़ क्रूज होटल के पास छबील लगाकर राहगीरों के बीच शरबत, चना, गुड़ और हलवा का वितरण किया गया। 

इस दौरान सैकड़ों महिला-पुरुषों ने शरबत, चना और हलवा खाए । ट्रस्ट के संरक्षक हरजीत सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भर्ती इस बर्ष भी ट्रस्ट द्वारा गुरु अर्जुनदेव जी के शहीदी दिवस पर सेवा भाव से छबील लगाकर लोगों की सेवा करता है। उन्होंने बताया कि गुरु अर्जुन देव को मुगलों ने भीषण गर्मी में विभिन्न प्रकार के यातनाएं दी थी, तब से उन्हीं की याद में सिख समुदाय राहगीरों की प्यास बुझाकर गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

 इस अवसर पर हरपिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, पवन सिंह, संजय सिंह, वीनसेन, समरदीप सिंह, पप्पू सिंह, शैलेन्द्र सिंह, दलवीर सिंह आदि उपस्थित थे ।

आज वविनायक चतुर्थी, यह व्रत है बहुत् नई फलदायी, जानिये इस व्रत के महत्व और विधि,


हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथमपूज्‍य माना गया है। साथ ही सभी चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्‍टी चतुर्थी और शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। यदि व्‍यक्ति सभी गणेश चतुर्थी के दिन व्रत करे और गणपति की पूरी तन्‍मयता से पूजा-आराधना करे तो उसके दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही उसके जीवन में खूब सुख-समृद्धि आती है।

विनायक चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश की दो बार (प्रातःकाल एवं सायंकाल) पूजा की जाती है, तथा चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्ध्य देने का विधान है। सुहागन महिलाओं के लिए पौष विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व वर्णित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार विनायक चतुर्थी पर पूरे दिन व्रत रखते हुए भगवान श्रीगणेश के साथ ही भगवान शिव एवं जगतमाता पार्वती की पूजा करने से परिवार में सुख शांति के साथ समृद्धि आती है, और शुभ-मंगल कार्यों में पड़नेवाली बाधाएं दूर होती हैं। यहां स्पष्ट कर दें कि केवल भाद्रपद शुक्ल पक्ष के दिन चंद्र-दर्शन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे झूठा कलंक लग सकता है।

विनायक चतुर्थी के दिन करें ये काम 

गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठें, फिर जल्‍दी स्‍नान-ध्‍यान करके पीले या रंग के कपड़े धारण करें। यदि गणेश चतुर्थी का व्रत कर रहे हैं तो भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्‍प लें।

 

- शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। साथ ही उन्‍हें मोदक, लड्डुओं का भोग लगाएं। फूल अर्पित करें. धूप-दीप करें।

- यदि किसी कारणवश गणेश चतुर्थी का व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो भगवान गणेश का मन ही मन स्‍मरण करते रहें और कोशिश करें कि उनकी पूजा जरूर करें।

- गणेश चतुर्थी का व्रत करने से और पूजा करने से गणपति का आशीर्वाद मिलता है। वे हमारी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। लिहाजा गणपति का पूरे भक्ति-भाव से पूजन-ध्‍यान करें और रात में चंद्र देव को अर्घ्‍य देने के बाद गणपति की आरती करें। फिर व्रत का पारण करें।

- चतुर्थी व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब आप इस दिन किसी जरूरतमंद की सेवा करें। दान-पुण्‍य करें। लिहाजा गणेश चतुर्थी की व्रत-पूजा के साथ अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार दान जरूर करें।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में 60 दिनों तक लगायी गयी धारा 144 ,इसका उल्‍लंघन करने वालों पर की जा सकती कार्रवाई

सरायकेला: चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में 60 दिनों तक धारा 144 लगा दी गई है। अनुमंडल दंडाधिकारी शुभ्रा रानी ने आदेश जारी कर दिया है। इसका उल्‍लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सकती तो।

 कोटपा एक्‍ट के तहत किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू पदार्थ की बिक्री पर रोक है। इसे देखते हुए अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंदर अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत सभी निजी एवं सरकारी स्कूल, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के 100 गज की परिधि में निषेधाज्ञा जारी की गई है।

अपराध की योजना बना रहे दो अपराधकर्मी को पुलिस ने किया गिरफ्तार,उसके पास से हथियार बरामद


सरायकेला : कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम जिले अन्तर्गत जमशेदपुर पुलिस को एक बार फिर से सफलता लगी है ।

 पुलिस ने अपराध की योजना बना रहे दो शातिर अपराधी कों गिरफ्तार कर लिया है, इनके पास से पुलिस ने हथियार भी बरामद कर लिया , इसकी जानकारी नगर पुलिस अधीक्षक मुकेश लूनायत ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी ।

उन्होंने कहा की पुलिस कों गुप्त सुचना मिली थी की बारिडीह होते हुए हुरलूँग के रास्ते में दो व्यक्ति एक कार में हथियार लेकर जा रहे हैं, इसपर पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर छापेमारी कर उन्हें पकड़ लिया। 

गिरप्तार अपराधकर्मी का नाम विजय प्रधान एवं प्रदुमन प्रधान बताया जा रहा हे जिनके पास से दो अवैध देशी पिस्टल एवं कारतूस समेत एक कार कों जब्त किया है, दोनों अभियुक्त किसी बड़े घटना कों अंजाम देने की फिराक में जुटे थे, दोनों अभियुक्त का पूर्व से आपराधिक इतिहास रहा है।

पुण्यतिथि पर बिरसा मुंडा को आजसू नेता हरेलाल महतो ने दी श्रद्धांजलि

भारत की आजादी में बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय : हरेलाल महतो

सरायकेला : भगवान बिरसा मुंडा के पुण्यतिथि पर आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने नीमडीह प्रखंड के टेंगाडीह पंचायत अंतर्गत मातकमडीह तथा चांडिल प्रखंड मुख्यालय कटिया में बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया।

 दोनों स्थान पर स्थित बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर उन्होंने पुष्प माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर हरेलाल महतो ने कहा कि भारत की आजादी में बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय है। 

उनके संघर्ष को जानकर हमें ऊर्जा मिलती हैं। बिरसा मुंडा जैसे अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष के फलस्वरूप हमें आजाद भारत मिला है। इस अवसर पर नीमडीह प्रखंड अध्यक्ष दिगंबर सिंह सरदार, भगीरथ दास, शंभु सिंह, फणीभूषन सिंह सरदार, मिथुन पांडे, सत्यवान माहली, रवि महतो, मियादी महतो, काला चांद कुम्हार, सुभाष दास आदि मौजूद थे।

सरायकेला :बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर जल, जंगल, जमीन बचाने का संकल्प सभा आयोजित।

 दलमा सेंचुरी की तराई में बिरसा उलगुलान समिति चांडिल द्वारा नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के टेंगाडीह पंचायत अधीन मातकमडीह मोड़ में बिरसा मुंडा शहादत दिवस के अवसर पर जल, जंगल, जमीन बचाने का संकल्प सभा आयोजित किय गया।

 अतिथियों द्वारा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प सभा का शुभारंभ किया गया। उपस्थित लोगों ने संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि इतिहास बताता है 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेज कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे। हालांकि आदिवासी विद्रोह करते थें, लेकिन संख्या बल में कम होने एवं आधुनिक अस्त्र की अनुपलब्धता के कारण उनके विद्रोह को कुछ ही दिनों में दबा दिया जाता था। यह सब देखकर बिरसा मुंडा विचलित हो गए, और अंततः 1895 में अंग्रेजों की लागू की गयी जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जल-जंगल-जमीन बचाने की लड़ाई छेड़ दी। यह मात्र विद्रोह नहीं था। यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था। 

पिछले सभी विद्रोह से सीखते हुए, बिरसा मुंडा ने पहले सभी आदिवासियों को संगठित किया फिर छेड़ दिया अंग्रेजों के ख़िलाफ़ महाविद्रोह 'उलगुलान'। 

उन्होंने कहा कि आज भी हमारे अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जल, जंगल जमीन को लुटा जा रहा है। हम सभी आदिवासियों को एकजुट होकर अपने अस्मिता और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए संकल्प लेना होगा। पातकोम दिशोम माझी महाल पारगाना के सचिव श्यामल मारडी ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज को अपना अधिकार समझना होगा और उस अधिकार के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाना होगा। सभा की अध्यक्षता सुरेंद्र नाथ सिंह, संचालक फनीभूषण सिंह ने किया।

 संकल्प सभा को पुष्पा सिंह, नीमडीह मुखिया संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, मुखिया सुभाष सिंह, डमन बास्के, सूर्य नारायण सिंह, भोलानाथ सिंह, श्यामल मारडी, देवेन माझी, अरुण सिंह, विश्वनाथ मंडल, लालमोहन गोराई, गुहीराम सिंह, भदरू सिंह मुंडा, कमल सिंह, कृष्ण दास महतो, हरेकृष्ण सिंह, जगत सिंह सरदार आदि ने सम्बोधित किया।

नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल परिसर मैं भगवान बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि मनाई गई


सरायकेला : नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल परिसर मैं भगवान बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि मनाई गई इसमें उपस्थित संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने कहा बिरसा मुंडा का जन्म (15 नवम्बर 1875 - 9 जून 1900) एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। 

उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। भारत के आदिवासी उन्हें भगवान मानते हैं और 'धरती आबा' के नाम से भी जाना जाता है 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे।

 हालाँकि आदिवासी विद्रोह करते थें, लेकिन संख्या बल में कम होने एवं आधुनिक हत्यारों की अनुपलब्धता के कारण उनके विद्रोह को कुछ ही दिनों में दबा दिया जाता था। यह सब देखकर बिरसा मुंडा विचलित हो गए, और अंततः 1895 में अंग्रेजों की लागू की गयी जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जंगल-जमीन की लड़ाई ने छेड़ दी। यह मात्र विद्रोह नहीं था।

 यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था। पिछले सभी विद्रोह से सीखते हुए, बिरसा मुंडा ने पहले सभी आदिवासियों को संगठित किया फिर छेड़ दिया अंग्रेजों के ख़िलाफ़ महाविद्रोह 'उलगुलान'। इसमें उपस्थित कॉलेज के प्राचार्य जयदीप पांडे , कृष्ण चंद्र महतो ,देव कृष्णा महतो अजय कुमार मंडल ,गौरव महतो , संदीप नायक आदि उपस्थित थे ।

पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर लुपुंगडीह परिसर में प्रशांत गोप के नेतृत्व में लड्डू का वितरण किया गया।


सरायकेला : भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधान मंत्री के पद को सुशोभित करने के अवसर पर लुपुंगडीह परिसर में प्रशांत गोप के नेतृत्व में लड्डू का वितरण किया गया । 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉक्टर जटा शंकर पांडे उपस्थित थे।  कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि भारत के पहले प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के बाद श्री मोदी पहला गैर काँग्रेस व्यक्ती है जो तीसरी बार प्रधान मंत्री बन रहे हैं।  

भारत के लिये बहुत ही सौभाग्य की बात है, प्रधान मंत्री के नेतृत्व में अपना देश पूरे विश्व में आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित होगा तथा विश्व का नेतृत्व करेगा, इस अवसर पर विद्या गोप, उतम दास सहित साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

सरायकेला :चांडिल बिरसा मुंडा के 124वीं शहादत दिवस के अवसर पर विद्यासागर कोचिंग एंड कंप्यूटर इंस्टीट्यूट ने मनाया कार्यक्रम।


सरायकेला : विद्यासागर कोचिंग एंड कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की ओर से चांडिल पंचायत भवन प्रांगण में वीर शहीद उलगुलान के महानायक बिरसा मुंडा का 124वां शहादत दिवस मर्यादापूर्वक मनाया गया।

 इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में चांडिल पंचायत के मुखिया मनोहर सिंह सरदार जी उपस्थित थे।

साथ ही विद्यासागर इंस्टिट्यूट के संचालक हाराधन महतो ने कहा आज जरूरत है, बिरसा मुंडा सहित सभी क्रांतिकारियों के जीवन संघर्ष को जानने की और उनके विचार, आदर्श को समाज में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच ले जाने की।

क्योंकि आज स्कूल कॉलेज के सिलेबस से बिरसा मुंडा का संघर्षशील इतिहास को हटा दिया जा रहा है। जिससे छात्र-नौजवान जान नहीं पा रहे हैं। आज नैतिक मेरुदंड को तोड़ने की साजिश चल रही है। समाज में जात-पात, भेद-भाव लगातार बढ़ती जा रही है।

 इसलिए आज हमलोग को एकजुट होकर बिरसा मुंडा के विचारों से लैस होकर एक सुंदर समाज निर्माण करना होगा।

मुड़िया पंचायत में फर्जीवाड़ा मामला में रैयतदार के माध्यम से उपायुक्त ने एक बार फिर लिखित शिकायत की दर्ज

सरायकेला :  जिले के मुड़िया पंचायत में भू-माफियाओं ने फर्जीवाड़ा कर 5 एकड़ भूमि की फर्जी डीड तैयार कर म्यूटेशन एवं रजिस्ट्री करने के मामले में सरायकेला अंचल कार्यालय की भी संदिग्ध भूमिका सामने आई है. जहां देर रात अंचल कार्यालय में एक साथ 60 साल का बकाया जमीन के रेंट को काटा गया है.मुड़िया मौजा अंतर्गत खाता नंबर 63, प्लॉट संख्या 235, कुल रकवा 5 एकड़ 11 डिसमिल है. इसे भू-माफियाओं ने सरायकेला रजिस्ट्री कार्यालय में दाखिल कर 9 अप्रैल को रजिस्ट्री कराया है. मामला पूर्व में ही सरायकेला उपायुक्त के पास पहुंचा हुआ था. एक बार फिर गम्हरिया प्रखंड उप-प्रमुख कियाम हुसैन ने सरायकेला अंचल के गड़बड़झाला को उपायुक्त के समक्ष उठाया है.

रैयतदार अनीता देवी के माध्यम से उपायुक्त को एक बार फिर लिखित शिकायत की गई है. बताया है कि जमीन माफियाओं ने फर्जी डीड, रेंट लगान तैयार कर जमीन का जितेंद्र गर्ग नामक व्यक्ति के नाम डीड तैयार करवाया है. इसमें रणजीत सिंह एवं कौशल अग्रवाल नामक दो व्यक्तियों को भी शामिल कराया गया है. दोनों सहयोगी हैं.