NEET के रिजल्ट को लेकर विवाद बढ़ा, रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप,मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट तक

NEET के रिजल्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि इसके रिजल्ट में गड़बड़ी कि गयी है।साथ हीं एक केंद्र से सभी टॉपर को लेकर यह भी सवाल उठने लगा है । इस विषय से जुड़े विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई कि मामलने ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक दस्तक दे दी है। कुछ दिन पहले NEET UG का रिजल्ट (Result) आने के बाद एक तरह से बवाल खड़ा हो गया है । रिजल्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाया जा रहा कि कि पेपर लीक हुआ है। इस विषय से जुड़े विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं। अब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक दस्तक दे दिया है। नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग को लेकर इस एग्जाम के उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की जा रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि 5 मई को हुई इस परीक्षा में काफी गड़बड़ी देखी गई है। उम्मीदवार ये तर्क दे रहे हैं कि नीट के पेपर लीक मामला संविधान के अनुच्छेद 14 में मिली समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। सभी आरोपों को लेकर NTA ने अपने तरफ से सफाई दे दी है। उसने खुद को नीट एंड क्लीन बताया है। जबकि NEET-UG 2024 टॉपर्स के एक ही केंद्र से कई छात्रों का होना भी सवाल खड़ा करता है, हालांकि NTA के सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों के परिणाम को लेकर कुछ गलतियां हुई हैं। NTA ने स्पष्ट किया कि इस केंद्र के विशिष्ट उम्मीदवारों को नॉर्मलाइजेशन के माध्यम एडजस्ट से पहले ही उनके हाई स्कोर थे। 24 लाख विद्यार्थियों ने कराया था रजिस्ट्रेशन आरोप ये भी लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार NTA ने इतना आसान पेपर क्यों बनाया। इस वर्ष 24 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया था। वहीं पिछले साल 20 लाख छात्रों ने पंजीकरण करवाया था। इसके अलावि इस साल पाठ्यक्रम में भी 15 प्रतिशत की कटौती की गई थी। NTA के DG ने कहा कि एनटीए ने परीक्षा प्रक्रिया को आयोजित करने में पूरी पारदर्शिता अपनाई है, छिपाने के लिए कुछ भी नहीं था।
एक्शन : मंत्री आलमगीर आलम के सारे विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वापस लिये*


*रांची :* जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम के सारे विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वापस ले लिए हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला में जेल में बंद हैं। इससे विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा था। ये सभी विभाग अब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन संभालेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार ने शुक्रवार को आधिकारिक अधिसूचना जारी की। मुख्यमंत्री के पास पूर्व में आवंटित विभागों के साथ-साथ संसदीय कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग भी रहेगा। ये चारों विभाग आलमगीर आलम के पास थे।
झारखंड से दो सांसदों को मिल सकता है केंद्रीय कैबिनेट में जगह आजसू की भी है चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कैबिनेट में कृषि व जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री का अहम दायित्व अर्जुन मुंडा के जिम्मे था।

केंद्र में नई सरकार के गठन की कवायद तेज गति से आगे बढ़ रही है। इस बीच यह खबर आ रही है कि झारखंड  से दो सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट  में शामिल किया जा सकता है।

इसमें एक भाजपा से और दूसरे आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी शामिल हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के दूसरे कैबिनेट में कृषि व जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री का अहम दायित्व अर्जुन मुंडा के जिम्मे था।

अर्जुन मुंडा खूंटी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। कोडरमा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से चुनाव जीतीं अन्नपूर्णा देवी निवर्तमान सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री हैं। उनको भी नए कैबिनेट में अवसर मिल सकता है।

निशिकांत और वीडी राम के नाम की भी चर्चा है। लोकसभा में भाजपा के पक्ष को दमदार तरीके से रखने वाले निशिकांत की छवि आक्रामक सांसद की रही है। साथ ही संताल इलाके में सिर्फ एक सीट गोड्डा पर भाजपा को जीत मिली है।

ऐसे में संताल परगना से प्रतिनिधित्व देने की बात सामने आई तो निशिकांत दूबे को अवसर मिल सकता है।

राज्य में लोकसभा की SC आरक्षित सीट पर पलामू से जीते बीडी राम की जीत भी अहम है।

दलित समाज को साथ जोड़े रखने की कवायद में भाजपा बीडी राम को मौका दे सकती है। बीडी राम लगातार तीसरी बार लोकसभा के सांसद चुने गए हैं।
झारखंड के पूर्व डीजीपी रहे बीडी राम भी जीत-हार के बड़े अंतर को बरकरार रखे हैं।
झारखंड के सभी स्कूलों में ग्रीष्म अवकाश समाप्त, कल से खुलेंगी सभी स्कूलें


झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रचंड गर्मी के कारण लू के खतरे को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में 7 जून 2024 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किया गया था।

झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में अब ग्रीष्मावकाश समाप्त होने को है।

सभी सरकारी स्कूल 8 जून से वापस अपने निर्धारित समय अनुसार संचालित की जाएगी।

गौरतलब है कि झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रचंड गर्मी के कारण लू के खतरे को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में 7 जून 2024 तक ग्रीष्म अवकाश घोषित किया गया था।

कल यानी 8 जून से सभी सरकारी स्कूलों में कक्षाएं पहले की तरह सामान्य रूप से संचालित होगी।

हालांकि अब भी तापमान में कुछ खास गिरावट नहीं आई है। अब भी कई जिलों में हीट वेव का खतरा बना हुआ है। इसलिए स्कूल जा रहे बच्चे अपने साथ पानी की बोतल अवश्य रखें।

*पिछले 7 साल से झारखंड मे देर से पहुंच रही है मानसून,इस साल भी 15 जून को पहुंचेगी,कृषक होंगे प्रभावित

झारखंड में मौसम का असर दिखना शुरू हो गया है। कभी कभी आसमान में बादल छाने लगे हैं। इससे मानसून की आहट महसूस होने लगी है। केरल में मानसून 6 जून को प्रवेश किया था। जिसका असर देश के कई भागों के साथ झारखंड पर भी दिख रहा है। यहां भी देरी से मानसून प्रवेश करेगा। *15 जून तक झारखंड में मानसून पुरी तरह हो जायेगा प्रवेश* इस बार संथाल के रास्ते झारखंड में मानसून पहुंचने वाला है। झारखंड में भी पांच दिनों की देरी से मानसून 15 जून तक प्रवेश करेगा। इसका असर किसानी पर भी पड़ेगा। देरी से मानसून आने के चलते वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है। पिछ्ले वर्ष भी 18-20 जून तक दी थी मानसून दस्तक पिछले वर्ष भी मानसून पांच दिनों की देरी से 18 से 20 जून तक झारखंड में प्रवेश किया था जबकि वर्ष 2022 को छह दिनों की देरी से मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था जबकि झारखंड में 12 जून को मानसून प्रवेश की बात कही जा रही थी। मौसम विज्ञानी इस लेटलतीफी का बड़ा कारण मौसम परिवर्तन को बता रहे हैं। वहीं सात जून को राज्य के उत्तर पूर्वी, दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावे निकटवर्ती मध्य भाग में कहीं कहीं हीटवेव का असर देखने को मिलेगा। मध्य व उत्तर पश्चिमी हिस्सों में देश के पश्चिमी हिस्से से आ रही गर्म हवाओं ने क्लाउड बैंड के असर को कम कर दिया है। इन हिस्सों में लगातार सिमट रही हरियाली के कारण जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से जूझना पड़ रहा है। लगातार कम हरियाली के कारण बारिश नहीं हो पा रही वहीं क्लाउड बैंड बनने के बाद भी इन क्षेत्रों में लगातार कम हो रही हरियाली के कारण वर्षा नहीं हो पा रही है। पिछले दस दिनों से राजधानी समेत पूरे राज्य के तापमान में दो-तीन डिग्री का उतार चढ़ाव का दौर लगातार बना हुआ है। देरी हुई तो किसानी होगी प्रभावित : राज्य में जब भी मानसून देरी से आया है, यहां सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसका सीधा असर किसानी पर पड़ा है। दरअसल राज्य में मानसून में 1022.9 मिमी वर्षा को सामान्य माना जाता है। यहाँ 7 साल से देरी से पहुंच रहा है मानसून मौसम विज्ञान केंद्र के पिछले नौ साल के आंकड़ों को देखें तो सात वर्ष यहां मानसून देरी से पहुंचा है जबकि 2016 व 2021 को छोड़ दें तो हरेक बार सामान्य से कम वर्षा हुई है। 2018 में मानसून सबसे ज्यादा देरी से 25 जून को झारखंड में पहुंचा था और उस बार सबसे कम 784.4 मिमी वर्षा हुई थी। इस बार भी मानसून के तीन दिनों की देरी से आने की संभावना है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। वर्ष 2022 और 2023 में 18 से 20 जून तक मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था।
चुनाव विश्लेषण: कल्पना की झारखंड राजनीति में बढ़ता कद,और कई सीट पर भाजपा की हार से प्रभावित होगा आगामी विधानसभा चुनाव...?

झारखंड राज्य में लोकसभा की पिछली बार की 12 सीटों में से तीन सीट भाजपा हार गई। दुमका, लोहरदगा और खूंटी में भाजपा की हार इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में परेशानी उत्पन्न करने वाली है।

खास बात यह है कि गांडेय विधानसभा के उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी कल्पना सोरेन 25 हजार वोटों से चुनाव जीत गईं।

पार्टी कल्पना सोरेन के सामने कोई चुनौती नहीं खड़ी कर सकी। हालांकि, पलामू में भाजपा प्रत्याशी बीडी राम और चतरा में कालीचरण सिंह की जीत से वहां विधानसभा चुनाव में मदद मिलने की उम्मीद है।

कोल्हान और संताल में पहले से कमजोर है भाजपा

साल 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को कोल्हान और संताल क्षेत्र से निराशा हाथ लगी थी। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को आदिवासी बहुल क्षेत्र में बढ़त की उम्मीद थी। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम ने पार्टी को निराश किया है।

अगर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन इसी तरह से विधानसभा का चुनाव लड़ता है तो भाजपा को उनके किले को तोड़ने में परेशानी होगी। पार्टी ने इस बार अपने दो विधायक मनीष जायसवाल और ढुलू महतो को टिकट दिया था जो जीत गए हैं। इन दो सीटों पर भी नए उम्मीदवार तलाशने की चुनौती पार्टी के समक्ष होगी।

अनुपमा सिंह ने लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं के प्रति आभार जताया,बोली आपके साथ हमेशा रहूंगी खड़ी


धनबाद : धनबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने लोकसभा क्षेत्र के सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया है. उन्होंने ढुलू महतो को जीत की बधाई देते हुए कहा कि धनबाद और बोकारो की देवतुल्य जनता ने उन्हें अपना भरपूर प्यार और सम्मान दिया है. इसके प्रति वह आभारी हैं. उन्होंने अपनी हार पर कहा कि यह उनकी हार नहीं बल्कि जीत है कि यहां के लाखों लोगों का उन्हें प्यार मिला. 

कुछ कमी जरूर रह गयी, जिसे वह अपनी मेहनत से दूर करेंगी. श्रीमती सिंह ने कहा कि वह इस इलाके में केवल चुनाव लड़ने के लिए नहीं आयीं थीं, वह धनबाद लोकसभा क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए वह यहां लगातार काम करेंगी. 

उन्होंने अपना घर धनबाद को बताते हुए कहा कि वह यहां के लोगों के लिए हर समय उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने खुद को मिले लाखों वोट के लिए भी लोगों का आभार जताया.

झारखंड में इनामी नक्सली के इनाम राशि पर होगी समीक्षा,77 हैँ इनामी नक्सली,4 पर एक करोड़ की है इनाम की राशि

झारखंड के इनामी नक्सलियों की क्षमता के अनुसार उनपर इनामी राशि दोबारा तय होने वाली है। इसका मूल्यांकन हर जिले की पुलिस कर रही है, जो अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजेगी। इसमें वैसे नक्सली जिनकी सक्रियता कम है, उनपर घोषित इनाम को हटाया जाएगा।

नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद उनके बयान, दस्ते की स्थिति, दस्तों में नक्सलियों की सक्रियता, उन्हें मिले पद और उस पद का इस्तेमाल और उनकी गतिविधियां आदि को पुलिस ने अपने मूल्यांकन के प्रारूप में लिया है।

 77 नक्सलियो पर किया ज्ञाभाई इनाम घोषित

वर्तमान में राज्य में 77 इनामी नक्सली हैं। इस सूची को 29 अप्रैल 2024 को संशोधित किया गया था। इससे पहले 72 नक्सली थे। 29 अप्रैल को 5 और नक्सलियों का नाम जोड़ा गया। अब दोबारा संशोधन की प्रक्रिया पुलिस ने अपनाई है। हर इलाके के इनामी नक्सलियों की सूची मांगी गई है।

 4 नक्सली पर है एक करोड़ की इनाम

राज्य में जो इनामी नक्सली हैं, उसमें सेंट्रल कमेटी मेंबर व पोलित ब्यूरो मेंबर में एक करोड़ के इनामी 4, स्टेट एरिया कमेटी के 25 लाख के 8, रीजनल कमेटी मेंटर के 15 लाख के 13, जोनल कमेटी मेंबर में 10 लाख के 11, सब जोनल कमेटी मेंबर के 5 लाख के 12, एरिया कमेटी मेंबर में दो लाख के 9, जबकि साधारण सदस्यों में एक लाख के 20 नक्सलियों के नाम हैं। इसमें सीपीआई माओवादी, पीएफआई, जेजेएमपी और टीपीसी के उग्रवादी शामिल हैं।

आईजी ऑपरेशन अमोल वी होमकर ने बताया कि सीपीआई माओवादी, पीएलएफआई, जेजेएमपी, टीपीसी के उग्रवादियों की इनाम की सूची में संशोधन जारी है। उनकी क्षमता के अनुसार ही इनामी राशि निर्धारित की गई है। सूचना देने वाले इसके हकदार होंगे।

रांची में आज आसमान साफ रहने की संभावना ,अधिकतम तापमान 39.03 और न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहेगी


रांची में आज आसमान साफ रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 39.03 और न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। आर्द्रता 43% दर्ज की गई है।

रांची में आज का मौसम: रांची में आज न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक आसमान साफ रहने की संभावना है रहने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 33.06 सेल्सियस रहने की उम्मीद है।

रांची में कल का न्यूनतम तापमान 27.87 सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 43.13 सेल्सियस दर्ज किया गया था। सुबह आर्द्रता 43% दर्ज की गई। सूर्योदय 05:02:00 बजे हुआ है और सूर्यास्त 18:32:40 बजे होगा।

रांची में पूरे हफ्ते के मौसम का ब्योरा नीचे है।

गुरुवार : अधिकतम तापमान 43.13 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.87 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। आसमान साफ रहने की संभावना है।

शुक्रवार : अधिकतम तापमान 43.76 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29.71 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बादल छाए रहने की संभावना है।

शनिवार : अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.63 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। आसमान साफ रहने की संभावना है।

रविवार :अधिकतम तापमान 44.53 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.07 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बादल छाए रहने की संभावना है।

सोमवार : अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.88 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

मंगलवार : अधिकतम तापमान 40.99 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.04 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

अगर आपकी योजना यात्रा करने की है, तो उससे पहले भारत के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल पहले जान लें।

लखनऊ: न्यूनतम तापमान 29.99 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितकत तापमान 46.16 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बादल छाए रहने की संभावना है।

कानपुर: न्यूनतम तापमान 33.86 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितकत तापमान 46.31 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बादल छाए रहने की संभावना है।

पटना: न्यूनतम तापमान 30.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितकत तापमान 44.87 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बादल छाए रहने की संभावना है।

बेंगलुरु: न्यूनतम तापमान 21.36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितकत तापमान 28.77 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

मुंबई: न्यूनतम तापमान 29.73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधितकत तापमान 31.99 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

दिनभर की गतिविधियों की योजना बनाने और अपने आप को मौसम की मार से बचाने के लिए मौसम के पूर्वानुमान के बारे में पता होना अत्यंत आवश्यक है। चाहे आप आउटडोर एक्टिविटीज के लिए तैयारी कर रहे हों, काम पर जा रहे हों या बस आराम कर रहे हों, मौसम कैसा रहने वाला है अगर इसकी जानकारी आपके पास है तो आप अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। हम बदलते मौसम और इसके पैटर्न के पल-पल की जानकारी आप तक पहुंचाएंगे और किसी भी अप्रत्याशित परिवर्तन के लिए तैयार रहें।

मौसम की लेटेस्ट जानकारी रखकर आप एक कदम आगे रह सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मौसम जैसा भी हो आपके लिए सुखद और आनंददायक अनुभव हो।

झारखंड में चुनाव परिणाम चौकाने वाले रहे,निशिकांत दुबे अपनी सीट बचाने में रहे कामयाब

 झारखंड राज्य में लोकसभा परिणाम के बाद जीत-हार के समीकरण को लेकर चर्चा शुरु हो गई है गोड्डा सीट पर भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे की जीत सबसे चौंकाने वाली रही।

 वोटिंग से एक दिन पहले तक स्थानीय स्तर पर मतदाताओं की उनसे नाराजगी की बात कही जा रही थी, लेकिन देवघर में एम्स से लेकर एयरपोर्ट और गोड्डा में ट्रेन लाने तक के काम ने उनकी नैया पार कर दी।

निशिकांत दुबे को कितने मिले दिए

गोड्डा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार निशिकांत दुबे को 693140 वोट मिले। उन्होंने 101813 के बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार प्रदीप यादव को हराया है। प्रदीप को कुल 591327 वोट प्राप्त हुए। इस सीट पर करीब 4361 वोट नोट में पड़े।

अर्जुन मुंडा बड़े अंतर से हारे

इधर, खूंटी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। 

आदिवासी बहुल इस सीट पर गृहमंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक का प्रचार उनके काम नहीं आया।

आदिवासी वोटों की नाराजगी और कुड़मी मतदाताओं की बेरुखी उन्हें भारी पड़ी। दुमका में शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में थीं, लेकिन उन्हें हार मिली। चाईबासा से पार्टी बदलकर भाजपा से लड़ रहीं गीता कोड़ा को भी आदिवासी मतदाताओं का भरोसा नहीं मिला।

लेकिन, अन्नपूर्णा देवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर अपनी सीट बचा ले गईं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी मतदाताओं की नाराजगी की जो बात कही जा रही थी, भाजपा उसे पाटने में असफल रही।

लोहरदगा, दुमका और खूंटी की सीट भाजपा ने गंवाई

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोहरदगा, खूंटी और दुमका की सीट जीती थी। इस बार भाजपा यह तीनों सीट हार गई। राजमहल की सीट पर झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम के चुनाव लड़ने से भाजपा को उम्मीद बंधी थी।

लेकिन, भाजपा के ताला मरांडी वहां जीत की चाबी नहीं तलाश सके। रांची में संजय सेठ दोबारा अपनी सीट बचाने में सफल रहे। शहरी क्षेत्र होने की वजह से उन्हें मध्यवर्गीय मतदाताओं का समर्थन मिला। शहरी मतदाताओं ने धनबाद में ढुलू महतो और जमशेदपुर में विद्युत वरण महतो की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।