रामजन्म की कथा सुन जय श्रीराम के जयघोष से गूंजा पांडाल
कृष्णपाल ( के डी सिंह ),पिसावां (सीतापुर) रौना के दानेश्वर बाबा मंदिर पर चल रही नवम श्रीरूद्र महायज्ञ के दौरान मानस मर्मज्ञ महेंद्र मधुकर महाराज ने कथा सुनाते हुये कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था।
भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा।
राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। कथावाचक ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं।
जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है।कथावाचक ने कहा की श्री राम के जन्म से ठीक 6 दिन बाद भगवान हनुमान के जन्म की घटना को आप भले ही महज संयोग मान सकते हैं।
वहीं इसको लेकर तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं कि भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे। इसका मतलब है कि भगवान श्री राम सबके बिगड़े काम बनाते हैं, लेकिन उनके काम हनुमानजी बनाते हैं. यही कारण है कि प्रभु राम की सहायता करने के लिए हनुमान जी का जन्म रुद्र के 11वें अवतार के रूप हुआ।
इस दौरान मुख्य यजमान लालाराम यादव, श्रीकृष्ण यादव, दिलीप कुमार, राजवीर सिंह, पुत्तीलाल, शिवराम,सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
Jun 04 2024, 15:49