गोड्डा के इस मंदिर में पूरी होती है संतान प्राप्ति की मनोकामना! यहां के प्रसाद की है बड़ी महिमा
गोड्डा: मंदिर के पंडित ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराना है. यहां लोग आकर पूजा करते हैं. जिनकी जो भी मनोकामना पूर्ण होती है. मनोकामनापूर्ण होने पर मंगलवार और शनिवार को बली के रूप में बकरा, मुर्गा, या कबूतर दिया जाता हैं.
गोड्डा के कझिया नदी के तट पर बसा छुरिया बाबा मंदिर संतान सुख प्राप्ति को लेकर देश के कई राज्यों में मशहूर है. मान्यता है कि जिन्हें भी संतान सुख प्राप्ति नहीं होती है. वह इस मंदिर में आकर माथा टेकते हैं. उन्हें साल भर में संतान सुख प्राप्ति हो जाती है. जिसके बाद उन्हें इस मंदिर में बलि देना पड़ता है.उसे बली का प्रसाद वही बनाकर खाना होता है. सप्ताह में 2 दिन शनिवार और मंगलवार को यहां लोगों की अधिक भीड़ लगती है.
यहां झारखंड बिहार बंगाल और उड़ीसा से भी लोग पूजा और अपनी मनोकामना को लेकर पहुंचते है..
मंदिर के पुजारी भूटन राय ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से इस मंदिर में रह रहे हैं जहां भक्त अपनी कई मनोकामनाओं को लेकर इस मंदिर में लेकिन संतान सुख प्राप्ति को लेकर काफी शक्ति शाली है. जहां झारखंड, बिहार, बंगाल और उड़ीसा से लोग यहां पुत्र प्राप्ति की मनोकामना लेकर आते हैं.
काम, फल-फूल, पत्ते और छाल सब का होता है उपयोग,
लड्डू-चूरमा या सब्जी बनाकर भी खाते हैं लोग.
बलि के प्रसाद मंदिर के आस पास बनाकर खाने की परंपरा
मंदिर के पंडित ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराना है. यहां लोग आकर पूजा करते हैं. जिनकी जो भी मनोकामना पूर्ण होती है. इस मंदिर की परंपरा है कि जो भी यहां पर मनोकामनापूर्ण होने पर मंगलवार और शनिवार को बली के रूप में बकरा, मुर्गा, या कबूतर दिया जाता हैं उन्हें मंदिर के आसपास ही बनाकर खाना होता है.पूजा करने आए गोड्डा के चिलोना गांव के संजीत कुमार सहने बताया कि उनकी शादी 10 वर्ष पहले हुई थी और उन्हें तीन बेटी था लेकिन और शुरू से ही वह पुत्र प्राप्ति को लेकर कई डॉक्टर से दवा चल चुके थे जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर में मनोकामना मांगी और उनकी मनोकामना पूरी हुई जिसे चौथे संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति हुई.
Jun 03 2024, 10:31