बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में ग्रुप B व C पदों पर भर्ती के लिए आवेदन स्टार्ट, 17 जून तक किया जा सकता है आवेदन



नई दिल्ली:- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ओर से ग्रुप बी एवं ग्रुप सी के तहत आने वाले विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो भी अभ्यर्थी बीएसएफ में शामिल होना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म भरने की अंतिम तिहि 17 जून 2024 निर्धारित की गई है।

एप्लीकेशन फॉर्म बीएसएफ की ऑफिशियल वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाकर भरा जा सकता है। इसके साथ ही आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर भी आवेदन का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवाया गया है।

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में फॉर्म भरने के लिए आपको सर्वप्रथम आधिकारिक वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाना होगा।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको जिस भी पद/ विभाग के लिए आवेदन करना है उसके आगे Apply Here लिंक पर क्लिक करें।

अब आपको पहले पर्सनल डिटेल्स भरकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

इसके बाद अन्य सभी जानकारी भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

अंत में अभ्यर्थी पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट निकालकर भविष्य के सन्दर्भ के लिए सुरक्षित रख लें।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 141 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें से ग्रुप B के तहत एसआई (स्टाफ नर्स) के लिए 14 पद, एसआई (वाहन मैकेनिक) के लिए 3 पद, इंस्पेक्टर (लाइब्रेरियन) के लिए 2 पद आरक्षित हैं। इसके अलावा ग्रुप C के तहत पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 75 पद, SMT वर्कशॉप के लिए 34 पद, वेटरिनरी स्टाफ के लिए 3 पद आरक्षित हैं। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।
1926 में आज ही के दिन पारित किया गया था रेलवे श्रम अधिनियम


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 20 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। UPSC मेंस एग्जाम के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में ऐतिहासिक घटनाएं पूछी जाती हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में हम 20 मई का इतिहास जानेंगे। 

20 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1932 में आज ही के दिन विपिन चंद्र पाल का निधन हुआ था। वह भारत में क्रांतिकारी विचारों के जनक थे। 1923 में 20 मई को ही स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। 1926 में आज ही के दिन रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1927 सऊदी अरब को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली। 1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म आज ही के दिन हुआ था। 1918 में 20 मई को ही भारत और पाकिस्तान के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के वीर सैनिक पीरू सिंह का जन्म हुआ था। 

20 मई का इतिहास इस प्रकार है:

2011 में आज ही के दिन झारखंड की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज़ भारतीय महिला बनी थीं।

2011 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मध्य प्रदेश के बीना में हज़ारों करोड़ की लागत से बनी ऑइल रिफ़ाइनरी देश को समर्पित की थी।

2002 में आज ही के दिन पुर्तगाल ने पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान की।

2001 में 20 मई के ही दिन अफगानिस्तान में तालिबान ने हिंदुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन फिजी में जॉर्ज स्पेट अंतरिम प्रधानमंत्री बने थे।

1990 में आज ही के दिन हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष से पहली तस्वीरों भेजी थीं।

1927 में आज ही के दिन सऊदी अरब को ब्रिटेन से फ्रीडम मिली थी।

1926 में 20 मई के दिन ही रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1923 में आज ही के दिन स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर बने थे।

1902 में 20 मई को ही टॉमस एस्ट्राडा पाल्मा देश के पहले राष्ट्रपति बने थे।

1902 में आज ही के दिन क्यूबा को संयुक्त राज्य अमेरिका से आजादी मिली थी।

यह भी पढ़ें – हिंदी करंट अफेयर्स इन हिंदी 2024 

20 मई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ था।

20 मई को हुए निधन

2012 में 20 मई को ही प्रसिद्ध मानव विज्ञानी और नारीवादी विद्वान लीला दुबे का निधन हुआ 

था।

1957 में आज ही के दिन आंध्रा के पहले चीफ मिनिस्टर टी. प्रकाशम का निधन हुआ था।

1932 में आज ही के दिन क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चन्द्र पाल का निधन हुआ था।

1929 में आज ही के दिन राजकुमार शुक्ल का निधन हुआ था। वह स्वतंत्रता सेनानी थे।

हेल्थ टिप्स: लिवर के कोने - कोने की छुपी गंदगी बाहर निकाल देंगे ये ड्राई फ्रूट का पानी, आईए जानते है पीने का तरीका


दिल्ली:- आजकल के आधुनिक जीवन शैली ने लिवर को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ज्यादा मीठा, असंतुलित आहार, ट्रांस फैट, सोडियम, नमक, तनाव, चिंता, धूम्रपान, शराब आदि सभी लिवर पर विपरीत असर डालते हैं। 

लिवर की सेहत बिगड़ने से आपके शरीर का पूरा सिस्टम गड़बड़ा सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने शरीर के इस अभिन्न अंग की सेहत का पूरा ध्यान रखें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसा घरेलू आयुर्वेदिक ड्रिंक जिसे पीने से आपका लिवर सेहतमंद रहेगा।

लिवर डिटॉक्स करेगा किशमिश का पानी - 

किशमिश को आयुर्वेद में हमेशा से ही बहुत महत्व दिया गया है। इसमें कई गुण हैं। वहीं इसका पानी और भी गुणकारी है। यह लिवर को ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करने के लिए तैयार करता है। इससे रक्त से विषाक्त पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करता है। आइए इसके अन्य गुणों के बारे में जानते हैं विस्तार से।

1. एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत

किशमिश के मीठे पानी में बायो फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये दोनों ही रक्त से हानिकारक विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाते हैं। साथ ही मुक्त कणों से शरीर की रक्षा करते हैं। ऐसे में लिवर अपने काम को अधिक सुचारू रूप से कर पाता है।

2. कैल्शियम से भरपूर

लिवर को सेहतमंद रखने के साथ ही किशमिश का पानी आपकी हड्डियों को भी मजबूती देता है। यह कैल्श्यिम का अच्छा स्रोत है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है। क्योंकि इसकी मदद से शरीर आसानी से कैल्शियम को पचा पाता है।

  3. आयरन से है युक्त

.

शरीर में आयरन की कमी होना एक खतरनाक स्थिति है। इससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। खून की कमी का असर लिवर पर भी पड़ता है। किशमिश का पानी आपको इन सभी परेशानियों से बचाता है। ये फलों और सब्जियों से कहीं ज्यादा असरदार है। ऐसे में इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। रोज सुबह किशमिश का पानी पीने से आपको भरपूर एनर्जी मिलती है।

4. सुधर जाएगा पाचन तंत्र

किशमिश में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसकी मदद से हानिकारक पदार्थ आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यह आंतों को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाती है, जिससे सूजन कम होती है। इससे पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया भी धीमी होती है।

ऐसे बनाएं किशमिश का पानी

किशमिश का पानी बनाना बेहद आसान है। इसके लिए आप 250 ग्राम किशमिश लें। इसे अच्छे से पानी से धो लें। अब एक बर्तन लें और उसमें एक लीटर पानी डालें। इसमें किशमिश डालकर 20 मिनट उसे उबालें। फिर गैस बंद करके रातभर इसे पैन में ही छोड़ दें। सुबह इसे छानकर बोतल में भर लें। इस पानी को आप फ्रिज में रखें। चार दिनों तक इसका सेवन करें। प्रतिदिन करीब 150 से 200 मिलीलीटर पानी आप पिएं। फिर नया पानी तैयार करें।

मोहिनी एकादशी व्रत से सभी पापों का होगा नाश


नई दिल्ली : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी व्रत 19 मई को है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत किया जाता है। 

धार्मिक मान्यता है कि मोहिनी एकादशी व्रत करने से जातक का शरीर और मन शुद्ध होता है और सभी पापों का नाश होता है। आइए पढ़ते हैं मोहिनी एकादशी व्रत कथा।

मोहिनी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, धनपाल नाम का एक अमीर व्यक्ति सुंदर नगर में रहता था। वह दानपुण्य अधिक करता थ। उसके पांच पुत्र थे। सबसे छोटा बेटे का नाम धृष्टबुद्धि था, जो धन की बर्बादी और बुरे कर्म करता था। एक समय ऐसा आया कि धनपाल ने उसकी आदतों से परेशान होकर उसे घर से निकाल दिया। 

धृष्टबुद्धि दिनभर भटकने लगा। एक दिन वह महर्षि कौंडिल्य के आश्रम जा पहुंचा। तभी महर्षि गंगा ने नदी में स्नान किया था।  

धृष्टबुद्धि ने महर्षि के पास जाकर बोला कि मुझे आप कोई उपाय बताओ कि जिससे मुझे इस जीवन में मिलने वाले दुखों से छुटकारा मिल सके। ऋषि ने प्रसन्न होकर उसे मोहिनी एकादशी का व्रत करने को कहा। 

इस व्रत को करने से सभी पाप भी नष्ट होते हैं। तब उसने विधि अनुसार व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उसके सब पाप मिट गए और अंत में वो गरुड़ पर सवार होकर बैकुंठ चला गया। इस व्रत से मोह-माया सबका नाश हो जाता है।

विभव कुमार को तीसहजारी कोर्ट से लगा झटका अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी




*नयी दिल्ली:* स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट और बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
विभव कुमार को तीसहजारी कोर्ट से लगा झटका अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी





*नयी दिल्ली:* स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट और बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का है आरोप।





दिल्ली:- राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. विभव कुमार की गिरफ्तारी दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास से हुईं. स्‍वाति मालीवाल 13 मई को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए सीएम के आवास पर गई थीं. आरोप है कि वहां सीए अरविंद केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ न केवल बदसलूकी कि बल्कि मारपीट भी की थी. दिल्‍ली पुलिस के आलाधिकारी ने स्‍वाति मालीवाली से मुलाकात कर उनसे घटना के बारे में जानकारी ली थी. बाद में बिभव कुमार के खिलाफ गैरजमानती धारा समेत आईपीसी के अन्‍य सेक्‍शन के तहत मामला दर्ज किया गया था।एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही पुलिस बिभव कुमार की तलाश में थी. मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को सीएम हाउस से ही दिल्‍ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से पुलिस की टीम उन्‍हें मुख्‍यमंत्री आवास में मौजूद पिछले दरवाजे से अपने साथ ले गई. स्‍वाति मालीवाल मारपीट मामले में गिरफ्तार किए गए बिभव कुमार को सिविल लाइन पुलिस थाना लाया गया है. निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, पहले उनका मेडिकल कराया जाएगा और फिर सक्षम मजिस्‍ट्रेट के समक्ष पेश कर कस्‍टडी मांगी जाएगी, ताकि बिभव कुमार से घटना के बारे में पूछताछ की जा सके।बता दें कि आरोपी बिभव पर आईपीसी की धारा 354 भी लगाई गई है जो गैरजमानती है.
वृंदावन से पंजाब जा रही चलती बस में अचानक लगी आग 9 लोग जिंदा जले, 24 से ज्यादा झुलसे


नूंह:- हरियाणा के नूंह जिले में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. खबर है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर देर रात श्रद्धालुओं से भरी बस में अचानक आग लग गई. आग इतनी भयंकर थी कि देखते ही देखते पूरी बस जलकर राख हो गई.

इस हादसे में बस में सवार 9 लोग जिंदा जल गए, जबकि दो दर्जन से अधिक यात्री बुरी तरह झुलस गए. जिन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

श्रद्धालुओं से भरी चलती बस में लगी आग: हादसे का शिकार लोग चंडीगढ़ और पंजाब के रहने वाले बताए जा रहे हैं. जो मथुरा और वृंदावन से दर्शन करके लौट रहे थे. बस में करीब 60 लोग सवार थे. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थी. जब बस नूंह जिले के तावडू कस्बे के पास कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर पहुंची तो उसमें अचानक आग लग गई. बताया जा रहा है कि हादसे में 9 लोग जिंदा जल गए, जिसके चलते उनकी मौत हो गई.

'ड्राइवर को आग का पता ही नहीं चला': बस में सवार सरोज ने बताया "हम लोगों ने टूरिस्ट बस को किराये पर लिया. इसके बाद बनारस, मथुरा और वृंदावन दर्शन के लिए निकले. बस में 60 लोग सवार थे. जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. हम सभी नजदीकी रिश्तेदार हैं. जो पंजाब के लुधियाना, होशियारपुर और चंडीगढ़ के रहने वाले है. जब हम दर्शन कर वापस लौट रहे थे. देर रात बस के पिछले हिस्से में आग की लपटें दिखाई दी, जिसका ड्राइवर को पता ही नहीं चला."

स्थानीय लोगों ने किया रेस्क्यू: मौके पर मौजूद लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो खेत में काम कर रहे थे. देर रात करीब डेढ़ बजे उन्होंने देखा कि चलती बस में आग लगी हुई है. बस के पिछले हिस्से से तेज लपटें निकल रही थी. ग्रामीणों ने आवाज लगाकर बस चालक को बस रोकने को कहा, लेकिन बस चालक का इस तरफ ध्यान नहीं गया. इसके बाद एक युवक ने बाइक से बस का पीछा किया और बस के आगे बाइक लगाकर बस रुकवाई.

9 लोगों की मौत, करीब 24 झुलसे: ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग बुझाने का भरसक प्रयास किया और बस में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया. इस बीच ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी. 

सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंची. दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. एंबुलेंस और अन्य वाहनों की मदद से आग में झुलसे लोगों को पास के अस्पताल पहुंचाया.

मृतकों की नहीं हो पाई पहचान: हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है. करीब दो दर्जन घायल हैं. सभी को उपचार के लिए अस्पताल भिजवा दिया है. पुलिस कार्रवाई में जुटी है. फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है.

राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में 9 डेड बॉडी आ चुकी हैं जिसमें 6 फीमेल और तीन मेल हैं. इसके अलावा 8 व्यक्ति झुलसे हुए हैं. जिनके नाम इस प्रकार हैं:

मीरा रानी वाइफ का नरेश कुमार निवासी मखनिया जालंधर पंजाब

नरेश कुमार सन ऑफ मुल्क राज निवासी मखनिया

कृष्णा कुमारी वाइफ ऑफ बलदेव राज निवासी फिल्सर जिला जालंधर

बलजीत सिंह राणा सन ऑफ मोहन सिंह निवासी मोहाली सेक्टर 16

जसविंदर वाइफ का बलजीत निवासी महोली सेक्टर 16

विजय कुमारी वाइफ का सुरेश कुमार निवासी जमरोल जिला जालंधर

शांति देवी वाइफ सुरेंद्र निवासी होशियारपुर पंजाब

पूनम वाइफ ऑफ़ अशोक कुमार निवासी होशियारपुर पंजाब

आज का इतिहास:आज के ही दिन 230 साल पहले 24 लोगों ने मिलकर की थी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत



*नयी दिल्ली :* दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज ‘दि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज’ (NYSE) की शुरुआत आज ही के दिन की गई थी। केवल 24 लोगों द्वारा शुरू किए गए इस स्टॉक एक्सचेंज में आज 2 हजार से भी ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। आज NYSE में हर दिन 90 लाख से भी ज्यादा स्टॉक और सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग होती है। NYSE को ‘द बिग बोर्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत करने वाले सभी लोग न्यूयॉर्क में बॉन्ड और सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग का बिजनेस करते थे। मार्च 1792 में इन लोगों ने न्यूयॉर्क के एक होटल में मीटिंग की। इसका उद्देश्य बिजनेस को और सुरक्षित व बेहतर बनाना था। इससे पहले बिजनेस करने का कोई एक ठिकाना नहीं था और न ही कोई लिखित नियम-कायदे थे। आज ही के दिन 1792 में ही इन्हीं 24 व्यापारियों ने एक एग्रीमेंट साइन किया, जिसे बटनवुड एग्रीमेंट नाम दिया गया। इस एग्रीमेंट में प्रतिभूति बिजनेस से जुड़े नियम-कायदे थे। दरअसल एक गार्डन में बटनवुड के पेड़ के नीचे ये एग्रीमेंट साइन हुआ था इसी वजह से इसे बटनवुड एग्रीमेंट नाम दिया गया। इसी के साथ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत हुई। NYSE ने 2 बैंक बॉन्ड और 3 सरकारी बॉन्ड के साथ बिजनेस शुरू किया। 1967 में म्यूरल सीबर्ट नामक पहली महिला ने NYSE में ट्रेडिंग की। 2007 में NYSE और यूरोप के स्टॉक एक्सचेंज ‘यूरोनेक्स्ट’ का मर्जर हुआ। अगले ही साल NYSE ने अमेरिका स्टॉक एक्सचेंज का अधिग्रहण कर लिया। आज ही के दिन 1978 में चार्ली चैप्लीन का चोरी हुआ ताबूत 11 हफ्ते बाद खोज लिया गया था। 1978: मशहूर कॉमेडियन चार्ली चैप्लीन का चुराया हुआ ताबूत खोज लिया गया मशहूर अभिनेता चार्ली चैप्लीन का निधन 25 दिसंबर 1977 को हुआ था। उनके शव को जेनेवा में एक झील के पास दफनाया गया था, लेकिन दफनाने के तीन महीने बाद कब्र से उनकी डेड बॉडी चोरी हो गई। बॉडी को चुराने के बाद चोरों ने चार्ली की पत्नी से डेड बॉडी को वापस करने के बदले में 4 लाख पाउंड की रकम की मांग की। इसके पांच हफ्ते बाद पुलिस ने बुल्गारिया के दो लोगों को चार्ली की डेड बॉडी चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया। उनका नाम रोमना वारदास और गेंचो गानेव था। आखिरकार 17 मई 1978 को दोनों ने पुलिस को उनकी डेड बॉडी सौंप दी। पूछताछ के दौरान दोनों चोरों ने बताया कि वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे, इसलिए उन्होंने चार्ली की डेड बॉडी ही चुरा ली। इसके बदले में मिलने वाले पैसों से दोनों नया बिजनेस शुरू करना चाहते थे। बाद में चार्ली की डेड बॉडी को स्विट्जरलैंड के पास विलेज ऑफ नोविले में दफनाया गया। इस बार चार्ली के शव को कंक्रीट के एक मजबूत स्लैब के नीचे दफनाया गया ताकि उनकी डेड बॉडी दोबारा चोरी न हो सके। 1939 में आज ही के दिन अमेरिका के NBC ने टीवी पर पहली बार किसी मैच का लाइव टेलीकास्ट किया। 1939: पहले स्पोर्ट्स इवेंट का लाइव टेलीकास्ट आज दुनिया के हर छोटे-बड़े स्पोर्ट्स इवेंट का लाइव टेलीकास्ट किया जाता है। इसकी शुरुआत 1939 में आज ही के दिन हुई थी। कैलिफोर्निया के बेकर फील्ड में कोलंबिया और प्रिंसटन के बीच बेसबॉल मैच था। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (NBC) ने करीब 400 से ज्यादा टेलीविजन पर इस मैच का लाइव टेलीकास्ट किया। पूरे टेलीकास्ट के लिए केवल एक ही कैमरे का इस्तेमाल किया गया। ये एक प्रयोग के तौर पर किया गया था। इसी के साथ ये पहला स्पोर्ट्स इवेंट बन गया जिसे लोगों ने घर बैठे टीवी पर लाइव देखा। इसके सफल होने के 5 महीनों बाद ब्रुकलिन से इसी तरह के दूसरे मैच का टेलीकास्ट किया गया। इस प्रयोग ने खूब वाहवाही बंटोरी और अगले दिन के अखबारों में इसे खूब जगह मिली। इसके बाद तो लगभग हर बड़े स्पोर्ट्स इवेंट का लाइव टेलीकास्ट होने लगा। जैसे-जैसे टीवी का इस्तेमाल बढ़ने लगा, लाइव टेलीकास्ट भी बढ़ता गया। आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे आज के दिन को दुनियाभर में वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे यानी विश्व उच्च रक्तचाप दिवस यानी हाई बल्ड प्रेशर डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इसे नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हाई ब्लड प्रेशर दुनियाभर में होने वाली मौतों की एक बड़ी वजह है। शरीर का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 80/120 होना चाहिए। लेकिन जब यह 135/185 तक पहुंच जाता है तो इसे हाइपरटेंशन कहते हैं। अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता कि वे इस बीमारी से पीड़ित हैं और वे इस पर कोई ध्यान ही नहीं देते। इस वजह से धीरे-धीरे दिल और ब्लड वेसल्स कमजोर होती जाती हैं। इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। 17 मई को इतिहास में और किन-किन वजहों से याद किया जाता है 2010: भारतीय बॉक्सरों ने कॉमनवेल्थ बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सभी 6 स्वर्ण पदक जीत लिए। भारत ने सर्वाधिक 36 अंक लेकर टीम चैंपियनशिप भी जीती। 2004: अमेरिका का मेसाचुसेट्स समलैंगिक शादी को मान्यता देने वाला पहला राज्य बना। 1975: जापानी महिला जुनको तैबेई माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं। 1918: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति तथा टाटा समूह के शीर्ष सदस्य रूसी मोदी का जन्म हुआ। 1865: विश्व संचार दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 1749: ‘चेचक’ के टीके के आविष्कारक एडवर्ड जेनर का जन्म हुआ।
कोविशील्ड के बाद अब कोवैक्सीन टीके लगवाने वाले में भी दिख रहे है साइड इफेक्ट






*नयी दिल्ली :* कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनियाभर में लोगों ने बढ़ चढ़ कर टीकाकरण अभियान में भाग लिया था। हालांकि, वैक्सीन कोविड से बचने का एकमात्र उपाय है।कोरोना महामारी के वक्त इससे बचाव के लिए देश में बड़े पैमाने पर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगवाए थे. लेकिन, धीरे-धीरे अब इन दोनों टीकों के साइड इफेक्ट की बात सामने आने लगी है. कोविशील्ड को विकसित करने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों वहां की एक अदालत में स्वीकार किया था कि उसके टीके से कुछ लोगों में गंभीर बीमारी हो सकती है. इसी तरह अपने देश में विकसित भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के साइड इफेक्ट को लेकर एक रिपोर्ट आई है. इसमें दावा किया गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के करीब एक साल बाद तक ठीक ठाक संख्या में लोगों में इसके साइड इफेक्ट देखे गए. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित किशोर लड़कियां थीं. कुछ साइड इफेक्ट बेहद गंभीर किस्म के थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक 'ऑब्जर्वेशनल स्टडी' की गई. इसमें टीका लगवाने वाले एक तिहाई लोगों में 'एडवर्स इवेंट्स ऑफ स्पेशल इंट्रेस्ट' यानी एईएसआई पाया गया. यह स्टडी रिपोर्ट स्प्रिंगर लिंक जर्नल में प्रकाशित हुई है. *बीएचयू में हुई स्टडी* यह स्टडी बनारस हिंदू विश्वविद्याल की संखा शुभ्रा चक्रबर्ती और उनकी टीम ने किया है. रिपोर्ट के मुताबिक टीका लगवाने वाले अधिकतर लोगों में एक साल तक साइड इफेक्ट देखा गया. स्टडी में 1024 लोगों को शामिल किया गया. इसमें 635 किशोर और 391 युवा थे. इन सभी से टीका लगवाने के एक साल बाद तक फॉलोअफ चेकअप के लिए संपर्क किया गया. स्टडी में 304 किशोरों यानी करीब 48 प्रतिशत में 'वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शन्स' देखा गया. ऐसी स्थिति 124 यानी 42.6 युवाओं में भी दिखी. इसके अलावा 10.5 फीसदी किशोरों में 'न्यू-ऑनसेट स्कीन एंड सबकुटैनियस डिसऑर्डर', 10.2 जनरल डिसऑर्डर यानी आम परेशानी, 4.7 फीसदी में नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर यानी नसों से जुड़ी परेशानी पाई गई. इसी तरह 8.9 फीसदी युवा लोगों में आम परेशानी, 5.8 फीसदी में मुस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर यानी मांसपेशियों, नसों, जोड़ों से जुड़ी परेशानी और 5.5 में नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानी देखी गई. रिपोर्ट के मुताबिक कोवैक्सीन का साइड इफेक्ट युवा महिलाओं में भी देखा गया. 4.6 फीसदी महिलाओं में पीरियड से जुड़ी परेशानी सामने आई. 2.7 फीसदी में ओकुलर यानी आंख से जुड़ी दिक्कत दिखी. 0.6 फीसदी में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया. 1 फीसदी लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट जहां तक गंभीर साइड इफेक्ट की बात है तो यह करीब एक फीसदी लोगों में पाया गया. 0.3 फीसदी (यानी 300 में से एक व्यक्ति) में स्ट्रॉक की दिक्कत और 0.1 फीसदी में गुईलैइन-बैरे सिंड्रोम पाया गया. स्टडी में कहा गया है कि इस वैक्सीन को लगवाने के बाद युवा-किशोर महिलाओं में थायरायड बीमारी का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ गया. कई किशोरियों में थायरायड का लेवल कई गुना बढ़ गया. *एक साल बाद भी असर* चिंताजनक बात यह है कि वैक्सीन लगवाने के एक साल बाद जब इन लोगों से संपर्क किया गया तो इनमें से अधिकतर लोगों में ये बीमारियां मौजूद थीं. इसमें यह भी कहा गया है कि कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट का पैटर्न कोरोना की अन्य वैक्सीन के साइड इफेक्ट के पैटर्न से अलग है. ऐसे में उनका सुझाव है कि वैक्सीन के प्रभाव को गहराई से समझने के लिए और अधिक दिनों तक नजर रखने की जरूरत है.