कुल शरीफ़ की रस्म अदा कर मांगी अमनो सलामती की दुआ,हज़रत मुबारक ख़ां शहीद का उर्स संपन्न
गोरखपुर। नार्मल स्थित दरगाह पर हज़रत मुबारक ख़ां शहीद अलैहिर्रहमां के सालाना उर्स के अंतिम दिन कुल शरीफ़ की रस्म रिवायत के मुताबिक अदा की गई। हिन्दू-मुस्लिम एकता के साथ दुनिया में अमनो सलामती, फिलिस्तीन में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म से निज़ात के लिए खास दुआ मांगी गई।
दरगाह पर साझा संस्कृति परवान चढ़ रही थी। हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्मों के पुरुष, महिला व बच्चे पहुंचे। दिन भर हज़रत की दरगाह पर अकीदतमंदों का तांता लगा रहा।
कुल शरीफ के दौरान दरगाह सदर इकरार अहमद ने पैग़ाम दिया कि दीन-ए-इस्लाम हमेशा से भाईचारा, समानता और अमन की बात करता आया है और इसी पर यकीन करता है। इस संदेश को जन-जन जक पहुंचाने में औलिया किराम ने बहुत मेहनत की है। औलिया किराम दिलों को जोड़ते हैं। ऐसे ही औलिया किराम में हज़रत मुबारक ख़ां शहीद भी शामिल हैं। जिनके दर पर पहुंचने वाला ग़रीब भी फैज़ पाता है और अमीर भी।
औलिया किराम की बारगाह से तौहीद, इत्तेहाद और भाईचारगी का सबक मिलता है। औलिया किराम को मानना यकीनन खुश नसीबी है।
उन्होंने कहा कि हज़रत मुबारक खां शहीद ने गोरखपुर में दीन-ए-इस्लाम की पक्की बुनियाद डाली। जिन्होंने अल्लाह की वहदानियत और कुरआन की अजमत का आईना दिखाया। नेक लोगों का जिक्र ईमान और अकीदे में मजबूती पैदा करने का बेहतरीन जरिया है।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई फिर नात शरीफ़ पढ़ी गई। अंत में दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। सामूहिक रूप से दरूदो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई।
अंतिम दिन दरगाह पर अकीदतमंदों की खूब भीड़ उमड़ी। जोहर की नमाज़ के बाद सभी में लंगर बांटा गया। सभी ने मिलकर लंगर खाया और अल्लाह का शुक्र अदा किया। दूर-दराज से आए अकीदतमंदों ने फातिहा पढ़कर अपने व मुल्क की सलामती के लिए दुआ मांगी। सुबह से ही चादर चढ़ाने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।
देर रात तक चला कव्वाली का मुकाबला
दरगाह परिसर में रात की नमाज़ के बाद दिल्ली व कानपुर के कलाकारों के बीच कव्वाली का जबरदस्त मुकाबला हुआ। दिल्ली के वसीम साबरी व उनके साथियों ने शानदार कव्वाली पेश कर महफिल में वाहवाही लूट ली। रात की नमाज़ के बाद जो कव्वाली का दौर शुरु हुआ तो फज्र की अज़ान तक चलता रहा। वहीं कानपुर के शरीफ़ परवाज़ व उनके साथियों ने एक से बढ़कर एक कव्वाली पेश की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। लोगों ने कव्वालों द्वारा गाई कव्वाली का आनंद लिया। इनाम से भी नवाजा।
इस मौके पर दरगाह सदर इकरार अहमद, सैयद शहाब, शमशीर अहमद शेरु, कुतुबुद्दीन, रमज़ान, हाजी कलीम फरजंद हाजी खुर्शीद आलम खैरुल बशर अहमद हसन समसुल आरफीन अब्दुल्ला मुर्तुज़ा हुसैन रहमानी एजाज अहमद कमरुल हक हमजा खान इमरान सादिक कलीम सैफ अंसारी गुलाम फरीद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
May 08 2024, 18:31