*साफ सफाई में सामूहिक जिम्मेदारी निभाएं, बुखार हो तो सरकारी अस्पताल जाएं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ग्रामीणों को सलाह*
गोरखपुर- इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू और फाइलेरिया जैसे संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान चलाया जा रहा है । इस दौरान उच्च जोखिम वाले गांव (एचआरवी) पर खास जोर है। इसी कड़ी में खोराबार ब्लॉक के एचआरवी अमहिया में स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोगी विभागों ने एक ही दिन एक साथ समन्वय स्थापित कर अभियान चलाया। अभियान के जरिये संदेश दिया गया कि गांव में साफ सफाई में सभी लोग जिम्मेदारी निभाएं और अगर किसी को बुखार हो तो 108 एम्बुलेंस की मदद से सरकारी अस्पताल में जाएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांव का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत भी की।
अमहिया गांव में वर्ष 2020, वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के एक एक मामले प्रति वर्ष मिले हैं। इसी वजह से इसे हाई रिस्क विलेज की श्रेणी में रखा गया है। गांव के प्रधान अरविंद सिंह ने बताया कि पहली बार उनके गांव में बृहद स्तर पर स्वास्थ्य जांच हुई है। एक ही स्थान पर जांच और दवा उपलब्ध कराने के साथ साथ साफ सफाई भी कराई गई और मच्छरों से बचाव के लिए एंटी लार्वल का छिड़काव कराया जा रहा है। अमहिया गांव में स्वास्थ्य विभाग के अलावा ग्राम विकास अधिकारी बृजमोहन राय की देखरेख में स्कूल परिसर की बृहद सफाई की गयी। एडीओ कृषि उमेश तिवारी की टीम ने किसानों के छोटे छोटे समूहों को चूहा और छछूंदर से बचाव के लिए प्रेरित किया। किसानों से कहा गया कि नंगे पैर खेतों में न जाएं क्योंकि इससे स्क्रबटाफइस के कारण एईएस हो सकता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाखपति सिंह समेत आधा दर्जन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों के वजन की जांच की। आशा कार्यकर्ता रंजना समेत आठ कार्यकर्ताओं ने लाभार्थियों का आभा आईडी तैयार किया।
गांव में पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 22 वर्षीय तन्नू मिश्रा का आभा आईडी अपने सामने जेनरेट करवाया। वह अभियान का निरीक्षण करने के बाद गांव में पहुंचे और वहां 28 वर्षीय शिल्पी से बातचीत की और मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्ड मंगा कर जांच किया। गांव के 35 वर्षीय रणधीर यादव ने बताया कि शनिवार के अभियान के बारे में प्रचार प्रसार कराया गया था। उनके छोटे भाई की पत्नी ने स्वास्थ्य जांच भी कराया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि अभियान तो पूरे जिले में चल रहा है लेकिन हाई रिस्क विलेज में पहली बार एक ही दिन सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य कर रहे हैं। ऐसे सामूहिक प्रयासों से समुदाय में संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता का संदेश जा रहा है। अमहिया गांव में टीबी, फाइलेरिया, कुष्ठ और मलेरिया जैसी बीमारियों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया और सकारात्मक संदेश दिये गये।
इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ ओबेदुल हक, सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्वेता पांडेय, मलेरिया इंस्पेक्टर प्रवीण पांडेय समेत ब्लॉक के चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों ने विशेष योगदान दिया।
Apr 21 2024, 09:18