बच्चों में नादानी कम है,हरकत अब बचकानी कम है: डा. (मेजर) अमित
गोरखपुर । हिंदी साहित्य परिवार के तत्वावधान में तृतीय वर्षगांठ साहित्य अधिवेशन 2024 जो संवाद भवन गोरखपुर विश्वविद्यालय में साहित्यिक वातावरण में काव्य श्रृंबच्चों में नादानी कम है, हरकत अब बचकानी कम हैखला के मध्य संपन्न हुआ ।सर्वप्रथमप्रसिद्ध फिजिशियन एवं युवा कवि डॉक्टर (मेजर) अमित कुमार श्रीवास्तव ने अपने अपने सर्वश्रेष्ठ काव्य श्रृंखला माला में से एक’' बच्चों में नादानी कम है, हरकत अब बचकानी *कम है, के काव्य गाथा में उन्होंने कहा कि बारिश में बरसात नहीं है ,सर्दी वाली रात नहीं है ।, कहने को बातें कितनी है ,पहले वाली बात नहीं है ।, मिलने वालों से मुझको थोड़ी सी आसानी कम है ।,बच्चों में नादानी कम है ,हरकत अब बचकानी कम है ।,
सुनने वाले कितने सारे ,समझने , वाला यहां कहां ।, हर कोई संग हमारे, समय पे कोई खड़ा कहा है ।, रंग-बिरंगे चेहरों पर होती अब हैरानी कम है, बच्चों में नादानी कम है, हरकत अब बचकानी कम है ।
के साथ काव्य श्रृंखलाओं की शुरुआत जबरदस्त तालियो के गर्माहट के साथ कार्यक्रम की शानदार शुरुआत हुई ,तत्पश्चात डॉक्टर (मेजर ) अमित श्रीवास्तव जी का साहित्य परिवार द्वारा भव्य सम्मान, स्मृति चिन्ह ,अंग वस्त्र व पुष्प कुछ देकर सम्मान किया गया ।इस अवसर पर देश के विभिन्न कोने से आए दर्जनों कवियों ने और साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं रखी और साहित्य प्रेमियों का मनमोह कर ,खूब तालियां बजवाही , इसी क्रम में कवि व साहित्य कर्मियों का सम्मान भी किया गया ।
इस कार्यक्रम का संचालन किरण पांडे अध्यक्षता हिन्दी साहित्य की संग्रक्षिका ने किया ,कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर रामकरण साहू ने किया ,सभी के प्रति आभार डॉक्टर सरिता सिंह ने किया, सभी आगंतुओं का विशेष आभार अली अंसारी जी ने किया
Apr 08 2024, 20:29