अलविदा की नमाज के साथ ईद की तैयारी में जुटे रोजेदार

खजनी गोरखपुर। रमजान के आखरी जुम्मे के दिन आज अलविदा की नमाज में क्षेत्र की सभी मस्जिदों पर रोजेदारों की भारी भीड रही। नमाज के दौरान मस्जिदों पर तकरीरें भी हुई जिसमें सभी रोजेदारों और अकीदतमंदों को तफसील से नेकी की राह पर चलने जरूरतमंद मजलूम बेसहारा लोगों में खैरात तक्सीम करने की जानकारी दी गई।

नगर पंचायत उनवल में ईद के आखिरी जुमे के दिन गौसिया मस्जिद, जामा मस्जिद और अंजुमन इस्लामिया मस्जिद में भारी संख्या में अकीदत के साथ अदा अलविदा जुमा की नमाज अता की गई। हाजी आबाद खां ने बताया कि आज यहां रोजे रखकर अलविदा की नमाज पढ़ने वाले सभी रोजेदार नमाजियों के चेहरे से नूर टपक रहा था और यह मंजर देखने लायक था।

नमाज के बाद दोनों हांथ उठाकर खुदा का शुक्र अदा किया तथा इलाके के अमन-ओ-मान के लिए दुआएं माँगी। खजनी कस्बे में रूद्रपुर की मस्जिद और मदरसे के हाजी शहाबुद्दीन ने बताया कि माह-ए-रमजान में रोजेदारों पर खुदा की मेहर बरसती हैं,इस दौरान किए गए नेकी के हर काम से खुदा मेहरबान होते हैं।

रमजान गुनाहों से तौबा करने और खुदा की दहलीज पर हाजरी लगाने और नेकी कमाने का माह होता है।

इसी के साथ ईद की तैयारियों की खुशियां लोगों के चेहरे बयां करते नजर आए बाजारों में चहल पहल रही लोग ईद के दौरान लगने वाले मेले की तैयारियों में मशगूल रहे। भैंसा बाजार, डुमरैला, आशापार आदि स्थानों के लोग भी अलविदा की नमाज में शामिल हुए। शांति और सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय प्रशासन मुस्तैद रहा।

बैतुल मुकद्दस को आजाद कराने की मुहिम है कुद्स डे : मौलाना शमशाद

गोरखपुर। बैतुल मुकद्दस और मुसलमानो के किब्ला अव्वल पर इजराइल के कब्जे और फिलिस्तीनी मुसलमानो पर हो रहे जुल्म के खिलाफ शुक्रवार को शिया जामा मस्जिद गोरखपुर में अलविदा जुमा की नमाज के बाद शिया फेडरेशन के बैनर तले अंतर्राष्ट्रीय कुद्स डे (यौम अल कुद्स) मनाया गया। बताते चले की कुद्स डे का मतलब होता है मजलूमो का दिन। इसकी शुरूआत ईरान क्रांति के सर्वोच्च लीडर व शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह खुमैनी ने किया था।

इस अवसर पर इमाम जमात जुमा शिया जामा मस्जिद मौलाना शमशाद अब्बास कुम्मी ने कहा कि कुद्स डे मस्जिद ए अक्सा पर इजराइल के अवैध कब्जे के विरोध में एक लोकतांत्रिक एंव शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दिन है।ईरान में सन 1979 में इस्लामी क्रांति के रहबर हजरत आयतुल्लाह इमाम खुमैनी साहब ने यह एलान किया था कि माहे रमजान के अलविदा जुमे को सारी दुनिया कुद्स दिवस के रूप में मनाएं, तभी से हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है।

मौलाना ने कहा कि बैतुल मुकद्दस और मुसलमानो के किब्ला अव्वल जैसी मुबारक जगहों पर अमेरीकी सरकार की साजिशों से इज्रार्इीलियों ने कब्जा कर रखा है। उन्होेने फिलिस्तीन के निवासियों पर जुल्म व सितम के पहाड़ तोड़ रखे हैं जिसका उदाहरण पूरी दुनिया में नही मिलता। वह निर्दोष फिलिस्तीनी मुसलमानों का कत्ल-ए-आम कर रहे हैं।

मौलाना ने कहा कि जब तक फिलिस्तीनी मुसलमानों के साथ न्याय नही होगा उस वक्त तक दुनिया में सही अर्थो में न्याय नही होगा।

इस मौके पर मौलाना डॉ0 सयैद फैयाज मोहसिन आब्दी ने कहा कि हमारी खुशनसीबी है कि हम उस मुल्क के बाशिंदे हैं जहां पर हमें हर तरह का प्रोटेस्ट करने की अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी रीति रिवाज को अंजाम देने की आजादी है। नमाज जुमा के बाद दुनिया के हर मुल्क में यौमे कुद्स का प्रोटेस्ट हो रहा है । इजराइल में भी प्रोटेस्ट शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना इंसानियत है और हमारा देश हमेशा जुल्म के खिलाफ और इंसानियत के साथ रहा है।

इस मौके पर एजाज रिजवी एडवोकेट, शबाहत हुसैन रिजवी एडवोकेट, साबिर हुसैन, आफताब हुसैन, अहमर रिजवी एडवोकेट, सिब्ते हसन, रफत हुसैन, सुल्तान हैदर, कदर रिजवी, तालिब, अस्करी, मोहम्मद, मंजर, जाफर, कुमैल, सैफी, विक्की, सोनू, शामू आदि विरोध प्रदर्शन के दौरान उपस्थित रहे।

भागवत कथा से मिलता है प्रेम और भक्ति मार्ग, कृष्णजन्म की कथा सुन झूम उठे श्रोता

उनवल खजनी गोरखपुर। भजन के लिए बुढ़ापे का इंतजार न करें क्योंकि जीवन भर हम जो भी कार्य करते हैं, वही अंत समय में हमें याद आते हैं। इसलिए भजन बचपन से ही प्रारंभ कर देना चाहिए। अमृत जाने में पिएं या अनजाने में वह सदा हितकर ही होता है। भगवन्नामामृत भी ऐसा ही है।

क्षेत्र के कोठां गांव में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में प्रयागराज से पधारे कथाव्यास शिवम शुक्ल ने श्रद्धालु श्रोताओं को भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सहित प्रियव्रत वंश के वर्णन, नरकों के वर्णन, समुद्र मंथन, गजेंद्र मोक्ष, भक्त प्रह्लाद चरित्र, अजामिल की कथाओं का विस्तार सहित वर्णन करते हुए बताया कि भागवत कथा से प्रेम और भक्ति का मार्ग मिलता है। इस दौरान उत्साह के साथ कृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।

संगीतमय कथा में नंद घर आनंद भयो और अन्य सुमधुर भजनों की धुनों पर श्रद्धालु श्रोता भक्ति आनंद में देर रात तक झूमते रहे। कृष्ण जन्मोत्सव की कथा में यजमान चंद्रभाल त्रिपाठी भानु प्रकाश मिश्रा, अरविंद पाठक, विनोद मिश्रा, आनन्द स्वरूप श्रीवास्तव, कामाख्या नारायण सिंह, लक्ष्मी शंकर मिश्रा, विद्या शंकर मिश्रा, राजेश सिंह ,लल्लन सिंह, गौरव सिह, संतोष राम त्रिपाठी, हरीश त्रिपाठी, आनन्द त्रिपाठी सहित ग्रामवासीयों और स्थानीय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।

चैंबर गिराए जाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

गोरखपुर। कलेक्ट्रेट अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश के आवास पहुंचकर प्रदर्शन किया, प्रदर्शन के दौरान पूर्व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष के के तिवारी सहित अन्य अधिवक्ताओं से डीएम ने मुलाकात किया।

बाहर निकाल कर पूर्व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष के के तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी ने बताया है कि पहले अधिवक्ताओं के बैठने के लिए एक लाइन से बैठक कच्छ बनवा दिया जाएगा। उसके बाद ही पूर्व बिल्डिंग को बहु मंजिली इमारत के लिए गिरवाया जाएगा। जिसका बाहर गेट पर खड़े सभी अधिवक्ताओं ने समर्थन करते हुए खुशी का इजहार किया।

जिलाधिकारी से मुलाकात के दौरान एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम गुप्ता मुख्य राजस्व अधिकारी सुशील कुमार गौड़ सिटी मजिस्ट्रेट मंगलेश दुबे भी रहे मौजूद। इस पर अधिवक्ताओं ने सदर तहसील के सभी कार्यालय को बंद करवा कर विरोध प्रदर्शन किया था।

बीडीओ खजनी के नेतृत्व में विशाल मतदाता जागरूकता रैली निकाली, खजनी कस्बे से होकर तहसील मुख्यालय तक पहुंची रैली

खजनी गोरखपुर।लोकसभा चुनाव में शतप्रतिशत मतदान के लिए वोटरों को प्रेरित करने की मुहिम शुरू हो गई है। आज खजनी ब्लाॅक मुख्यालय से तहसील मुख्यालय तक बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला के निर्देशन में श्रीमती द्रौपदी देवी इंटरकॉलेज तथा वीर बहादुर सिंह ग्रुप आॅफ काॅलेज के विद्यार्थियों के साथ ब्लॉक के सभी कर्मचारियों ने मतदाता जागरूकता रैली निकाल कर क्षेत्र के मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित किया।

इस दौरान ब्लॉक परिसर में सामूहिक हस्ताक्षर अभियान चला कर मतदान का संकल्प लिया गया। रैली का नेतृत्व कर रहे बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला ने विद्यार्थियों के साथ नारे लगाते हुए खजनी कस्बे में उप जिलाधिकारी खजनी शिवम सिंह क्षेत्राधिकारी खजनी ओंकारदत्त तिवारी थानाध्यक्ष खजनी गौरव आर कन्नौजिया के माध्यम से सभी मतदाताओं को निर्भीक होकर निष्पक्ष मतदान में हिस्सा लेने और गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र तथा संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया।

अभियान में अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां और बैनर लेकर चल रहे विद्यार्थियों ने मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करते हुए गगनभेदी नारे लगाए। सामूहिक मतदाता जागरूकता रैली में एडीओ पंचायत तनवीर अशरफ अंसारी ग्राम विकास अधिकारी चैतन्य तिवारी, रामपाल, गंगा प्रसाद,सतीश यादव,रौशन सिंह,संतोष तिवारी,अवनीश कुमार,बबलू निषाद,सत्येंद्र बहादुर सिंह सभी सफाई कर्मचारी क्षेत्रीय ग्रामप्रधान,शिक्षक,शिक्षिकाएं एवं स्थानीय सामाजिक लोग बड़ी संख्या में रैली में शामिल रहे।

अलविदा जुमा : नमाज़ अदा कर मांगी अमन शांति की दुआ

गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान के अंतिम जुमा (अलविदा या जुमातुल विदा) की नमाज़ सभी मस्जिदों में अम्न-ओ-अमान के साथ अदा की गई। नमाज़ियों ने मुल्क में सुख-शांति, कौम की तरक्की खुशहाली, बैतुल मुकद्दस की आज़ादी, जुल्म-ज्यादती से निजात, अपना मुकद्दर संवारने व दुनिया से जा चुके पूर्वजों आदि के लिए दुआएं कीं। मुसलमानों के चेहरे पर माह-ए-रमज़ान के जाने का ग़म साफ़ नज़र आया। लबों पर जहन्नम से निजात व मग़फिरत की भी दुआ रही। उलमा किराम ने तकरीर में जकात, फित्रा, शबे कद्र, ईद सहित तमाम दीनी मामलात पर रोशनी डाली। अलविदा के मौके पर ईद जैसा माहौल नज़र आया।

इससे पहले मुस्लिम घरों में लोग सुबह उठकर अलविदा की तैयारी में जुट गए। मस्जिदों व घरों में साफ-सफाई शुरु होने लगी। लोगों ने जुमा का गुस्ल किया। नहा धोकर नये कपड़े पहने, इत्र लगाया, सिर पर टोपी लगाई हाथों में मुसल्ला लिया। समय से पहले नमाज़ी मस्जिद में पहुंच गए। बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान सभी का मकसद पहली सफ में जगह पाना रहा। जिसको जहां जगह मिली वहीं पर बैठकर अल्लाह की इबादत शुरु की। अज़ान होने से पहले ही मस्जिदें भरनी शुरु हो गईं।

रमज़ान के अंतिम जुमा (अलविदा) की नमाज़ अदा करने के लिए मस्जिद नमाज़ियों से भर गईं। ग्रामीण अंचलों से भी लोग नमाज़ अदा करने व ईद की खरीदारी करने शहर आए। अलविदा होने के कारण कुछ मस्जिदों में जगह कम पड़ गई। नमाज़ियों ने मस्जिद की छतों आदि पर दरी व चटाई बिछाकर नमाज़ अदा की। मस्जिद कमेटी ने नमाजियों की बड़ी तादाद के मद्देनजर चटाई, दरी, टोपी, वुज़ू के लिए पानी, शामियाना वगैरा का इंतजाम किया था।

जुमा की नमाज़ से पहले अलविदा का ख़ुत्बा पढ़ा गया। उसमें रमज़ान के फजाइल बयान किए गए। जुमा की दो रकात फ़र्ज़ नमाज इमाम ने पढ़ाई। इमाम ने खुसूसी दुआ मांगी। फिर सुन्नत व नफ्ल नमाज़ का दौर शुरु हुआ। अंत में सभी ने पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में सलातो-सलाम पेश किया।

अलविदा के मौके पर घरों में महिलाओं ने नमाज, तिलावत-ए-कुरआन व तस्बीह कर अल्लाह से दुआ मांगी। शाम में रोजेदार इफ्तार की तैयारी में जुट गए। इफ्तार का समय होने पर सभी ने मिलकर रोज़ा इफ्तार किया। अल्लाह से अपने लिए खैर व बरकत की दुआ मांगी। पूरा अलविदा अल्लाह की इबादत में बीता। इस तरह 25वां रोज़ा मुकम्मल हो गया। रोजेदारों ने अलविदा के दिन सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़कर, कुरआन-ए-पाक की तिलावत करके गुनाहों की माफ़ी भी मांगी।

उलमा किराम अवाम से हुए मुखातिब की नसीहत

रमजानुल मुबारक के अंतिम जुमा (अलविदा) में उलमा किराम अवाम से मुखातिब हुए खूब नसीहत की। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि आपसी भाईचारा को कायम रखें। फित्रा व जकात की रकम जल्द निकाल हकदारों तक पहुंचा दें। गुनाहों से तौबा करें। जिस तरह रमज़ान में ज़िंदगी गुजारी है उसी तरह पूरी ज़िंदगी गुजारें। जो भी काम करें अल्लाह व रसूल की रज़ा के लिए। रोज़ा तो एक माह का फ़र्ज़ है लेकिन नमाज़ तो 365 दिन पांचों वक्त पढ़नी है। लिहाजा नमाज़ों में कोताही न करें।

बेलाल मस्जिद अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि रमज़ानुल मुबारक रुखसत हो रहा है जिसकी हर घड़ी रहमत भरी है और जिसमें हर आन छमाछम रहमतें बरसती है। जिसमें जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। दोजख के दरवाजों पर ताले पड़ जाते हैं। रोजाना लाखों करोड़ों गुनहगारों की मग़फिरत हो जाती है। ऐसा इनामात व करामात वाला मुबारक मुकद्दस मेहमान रुखसत हो रहा है। ईद की खुशियों में सबको शामिल करें।

मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर में मौलाना मो. फिरोज निजामी ने कहा कि ईद की रात बहुत बरकत वाली होती है लिहाजा इसे इबादत में गुजारें। ईद की रात ईनाम मिलने की रात है, इसे घूम टहल कर बाज़ार में बर्बाद न करें। नमाज़ की पाबंदी करें। कुरआन-ए-पाक की तिलावत करें और उसके हुक्म पर ज़िंदगी गुजारें। झूठ, फरेब, रिश्वतखोरी से खुद को बचाएं। बेहूदा कलमात जबान से न निकालें। चुगली न करें।

मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद ने कहा कि ईद सिर्फ मजहबी त्योहार ही नहीं है बल्कि यह इंसानियत का भी त्योहार है। यह उन अहसासों का त्योहार है, जो इंसानियत के लिए बेहद जरूरी हैं और उनकी बुनियाद हैं। जकात एवं सदका-ए-फित्र की व्यवस्था सामाजिक न्याय एवं आर्थिक विपन्नता को ध्यान में रखकर ही की गयी है।

चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि हमें अल्लाह के हुक्म के मुताबिक ज़िंदगी गुजारनी चाहिए। गरीबों, यतीमों, फकीरों की जकात व फित्रा से मदद करें। ईद की रात को गफलत में न गुजारें बल्कि इबादत करें। बुराई से दूर रहे हैं। कुरआन व हदीस के मुताबिक मुसलमान बनें।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में हाफिज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जब रमज़ान की आख़िरी रात आती है तो जमीन व अासमान और फरिश्ते मेरी उम्मत की मुसीबत को याद करके रोते हैं। अर्ज किया गया या रसूलल्लाह कौन सी मुसीबत? फरमाया रमज़ान का रुखस्त होना। क्योंकि इसमें सदकात और दुआओं को कबूल किया जाता हेै। नेकियों का अज्र व सवाब बढ़ा दिया जाता है। अजाबे दोजख दूर किया जाता है तो रमज़ानुल मुबारक की जुदाई से बढ़कर मेरी उम्मत के लिए और कौन सी मुसीबत हो सकती है।

सिक्योरिटी डिपॉजिट में जमा रकम पर जकात लाज़िम : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर शुक्रवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन ओ हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : सिक्योरिटी डिपॉजिट में रखी रकम पर ज़कात का क्या हुक्म है? (गुलाम मोहम्मद, इलाहीबाग)

जवाब : सिक्योरिटी डिपॉजिट में रखी रकम पर भी ज़कात फ़र्ज़ है। (मुफ्ती अख्तर)

2. सवाल : क्या ज़कात रमज़ान में ही निकाली जा सकती है? (मोहसिन, खोखर टोला)

जवाब : ज़कात का ताल्लुक रमज़ान से नहीं बल्कि ज़कात की अदाएगी बकद्रे निसाब माल पर साल पूरा होने पर फ़र्ज़ हो जाती है। हां, अगर साल रमज़ान के बाद पूरा होता हो तो साल पूरा होने से पहले रमज़ान ही में दे दे तो इसमें सवाब ज़्यादा है। (मौलाना जहांगीर)

3. सवाल : भूल कर कुछ खा लिया तो रोज़ा टूटेगा या नहीं? (शहनवाज अहमद, मियां बाज़ार)

जवाब: नहीं। रोज़ा याद न होने की सूरत में भूल कर खाने से रोज़ा नहीं टूटता। हां याद आने पर फौरन रुक जाएं बल्कि मुंह में मौजूद लुकमा भी निकाल दें। (मुफ्ती मेराज

अलविदा जुमा आज, इंतजाम मुकम्मल

गोरखपुर। शहर की मस्जिदों में अलविदा जुमा (रमज़ान का अंतिम जुमा) के मद्देनजर तमाम इंतजाम मुकम्मल कर लिए गए हैं। मस्जिदों की साफ-सफाई करीब पूरी हो गई है। दरी, चटाई व पानी की समुचित व्यवस्था कर ली गई है। मस्जिदों में खूब भीड़ उमड़ेगी।

दोपहर 12:30 बजे से 2:30 बजे तक सभी मस्जिदों में जुमा की नमाज़ अदा की जाएगी। मस्जिदों में तकरीर और अलविदाई ख़ुत्बा होगा। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोग दो रकात जुमा की फ़र्ज़ नमाज़ अदा करेंगे। सभी मस्जिदों में जुमा की नमाज़ अदा कर खुसूसी दुआ मांगी जाएगी। जुमा की नमाज़ सबसे अंत में चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में दोपहर 2:15 बजे व सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में दोपहर 2:30 बजे अदा की जाएगी।

मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि रमज़ान के महीने के आख़िरी जुमा को अलविदा या जुमातुल विदा भी कहते हैं। यूं तो इस माह के हर दिन की अहमियत है, लेकिन जुमा को और दिनों का सरदार कहा जाता है इसलिए इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। इसे छोटी ईद या हफ्ते की ईद भी कहा जाता है। रमज़ान के आखिरी जुमा की नमाज़ से रमज़ान के समापन का संदेश मिलता है। रहमत भरा महीना जाने के गम में अलविदा-अलविदा माह-ए-रमज़ान अलविदा कहा जाता हैं। ईद के आने की खुशी जहां लोगों में होती है, वहीं इस रहमत भरे महीने के जाने का गम भी होता है। अलविदा के माने रुखसत करना है। अलविदा रमज़ान के आखिरी जुमा को कहते है। इसके बाद रमज़ान में कोई दूसरा जुमा नहीं आता है, इसलिए अलविदा कहा जाता है।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने बताया कि कुरआन-ए-पाक में अल्लाह तआला फरमाता है, रोजों की गिनती पूरी करो और अल्लाह की बड़ाई बोलो कि उसने तुम्हें हिदायत फरमाई । हदीस में है जब पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मदीने में तशरीफ लाए उस जमाने में अहले मदीना साल में दो दिन ख़ुशी करते थे महरगान व नौरोज। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया यह क्या दिन है? लोगों ने अर्ज किया कि जाहिलियत में हम इन दिनों में ख़ुशी करते थे। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया अल्लाह तआला ने उनके बदले में इनसे बेहतर दो दिन तुम्हें दिए हैं ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज़हा।

24वां रोज़ा मुकम्मल : सहरी-इफ्तार का नूरानी समा चारों ओर

मुकद्दस रमज़ान के माह में की गई इबादत व नेकी का सवाब कई गुना बढ़ा कर मिलता है, इसीलिए अल्लाह के बंदे रोज़ा, नमाज़, जकात, सदका-ए-फित्र, एतिकाफ आदि के जरिए खूब नेकी बटोर रहे हैं। वहीं बंदों द्वारा शबे कद्र की ताक रातों में जागकर खूब इबादत की जा रही है। भाईचारगी बढ़ाने के लिए सामूहिक इफ्तार की दावतें हर जगह आम हैं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत मस्जिद व घरों में हो रही है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी इबादत के साथ कीचन व बाजार की जिम्मेदारी भी उठा रही हैं। इस वक्त रेती, शाह मारुफ, उर्दू बाजार, घंटाघर, जाफरा बाजार, गीता प्रेस रोड, गोलघर, गोरखनाथ आदि बाजारों में मुस्लिम महिलाओं को खरीदारी करते आसानी से देखा जा सकता है। ईद के लिए जमकर खरीदारी हो रही है। शाह मारुफ में ईद के लिए सजा दस दिनों वाला अस्थायी बाज़ार गुलज़ार है। गुरुवार को 24वां रोजा खैर के साथ बीता। बड़े तो बड़े बच्चे भी रोज़ा रखकर इबादत में मशरूफ हैं। शाम को दस्तरख़्वान पर तमाम तरह की खाने, शर्बत रोज़ेदारों का इस्तकबाल करते नज़र आ रहे हैं। हदीस शरीफ़ के मुताबिक रोज़ेदार के लिए दरिया की मछलियां भी दुआ करती हैं। सहरी व इफ्तार के समय नूरानी समा चारों तरफ नज़र आ रहा है।

औरतों पर जुमा की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं है : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नंबर पर गुरुवार को रोज़ा, नमाज, जकात, सदका-ए-फित्र व ईद की नमाज़ आदि के बारे में सवाल आते रहे। उलमा किराम ने शरीअत की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : औरतों पर जुमा की नमाज़ पढ़ने का क्या हुक्म है? (शादाब, गेहूंआ सागर)

जवाब : जुमा की नमाज़ मर्दों पर फ़र्ज़ है। औरतों पर जुमा की नमाज़ फर्ज नहीं। वह रोज़ाना की तरह नमाज़े जोहर अदा करें।(मुफ्ती अख्तर)

2. ईद की नमाज़ मस्जिद में पढ़ना कैसा है? (जुबैर, गोरखनाथ)

जवाब : ईदैन की नमाज़ वाजिब है और उसके लिए खुले मैदान में निकलकर अदा करना सुन्नत है, बगैर किसी उज्र के ईद की नमाज़ मस्जिद में पढ़ना खिलाफे सुन्नत है। अलबत्ता किसी उज्र की वजह से ईदगाह या खुले मैदान में नमाज़ पढ़ना मुश्किल हो तो मस्जिद में पढ़ना जायज़ है। (मुफ्ती अजहर)

3. सवाल : अगर नमाज़ में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरत मिलाना भूल जाए और रुकु में याद याद आए तो क्या करें? (अदहम, छोटे काजीपुर)

जवाब : अगर सूरत मिलाना भूल जाए फिर रुकु में याद आए तो खड़ा हो जाए और सूरत मिलाए फिर रुकु करे और आखिर में सजदा-ए-सह्व करे। (मौलाना जहांगीर अहमद)

4. सवाल : नमाजे चाश्त कितनी रकात है? (मो. आज़म, खोखर टोला)

जवाब : चाश्त की नमाज़ मुस्तहब है। कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा बारह रकात है। हुजूर अलैहिस्सलाम ने फरमाया जो चाश्त की दो रकातों पर मुहाफजत करे उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे, अगरचे समंदर के झाग के बराबर हों। (मौलाना मोहम्मद अहमद

शार्ट सर्किट से साइकिल के स्टोर में लगी आग से जला लाखों का सामन

खजनी गोरखपुर।। कस्बे में कोतवाली के पास स्थित गौंड़ साइकिल स्टोर में बुधवार देर रात 11:30 बजे अचानक आग लग गई। मकान से आग की लपटें धुंआ उठता देखकर भयभीत रात में अपने घरों में सो रहे आसपास के लोग जाग गए। घटना की सूचना तत्काल पुलिस फायर ब्रिगेड और बिजली विभाग को दी गई। स्थानीय लोगों के सहयोग से पुलिस,फायर ब्रिगेड के जवानों ने मौके पर पहुंच कर आग बुझानी शुरू की। इस दौरान बिजली विभाग के कर्मचारी ने कस्बे की बिजली काट दी।

कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह से आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान मकान की पहली,दूसरी और तीसरी मंजिल पर रह रहे। साइकिल स्टोर के मालिक अशोक कुमार गौंड़ उनके परिवार और बच्चों को खिड़कियां और जंगलों को तोड़कर किसी तरह से सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर अग्निशमन दल नहीं पहुंचता तो जानमाल का बड़ा हादसा हो जाता। स्टोर मालिक ने बताया कि रोज की तरह वह दुकान बंद होने के बाद ऊपरी मंजिल पर स्थित घर में चले गए थे।

आग से लगभग पांच लाख से अधिक के सामान जल गए हैं। जिसमें टायर ट्यूब नई साइकिलें और उनके पार्ट थे। आग लगने कारण बिजली की शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग बुझाने के दौरान परिवार के प्रदीप गौंड़ के सर में चोट और पांव में फ्रैक्चर हो गया, उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। हादसे के संदर्भ में थानाध्यक्ष गौरव राय कन्नौजिया ने बताया कि आग लगने से संबंधित कोई प्रार्थनापत्र अभी मेरे पास नहीं आया है।

कंपोजिट स्कूल से निकली स्कूल चलो अभियान रैली,विदाई और सम्मान समारोह आयोजित

खजनी गोरखपुर। क्षेत्र के भिउरी गांव के कम्पोजिट से आज सबेरे बच्चों और शिक्षकों ने स्कूल चलो अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली और सभी के लिए अनिवार्य शिक्षा का संदेश देते हुए नारे लगाते हुए अपने स्कूल से चलकर भिउरा खड़गराम और आसपास लोगों में पम्पलेट वितरित करते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए प्रेरित किया।

इस दौरान कक्षा आठ के सभी विद्यार्थियों की विदाई समारोह का आयोजन किया गया। साथ उत्तीर्ण विद्यार्थियों को रिपोर्ट कार्ड, टीसी, मेडल,पुरस्कार और मिष्ठान दे कर सम्मानित करते हुए विदाई की गई। मुख्य अतिथि डाक्टर एस के लाट विशिष्ट अतिथि डाक्टर अमित सिंह,बीईओ श्रीनारायण मिश्र ने अपने संबोधन में बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसे उपस्थित अतिथियों ने सराहा।

शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष युगेश कुमार शुक्ल मंत्री संग्राम सिंह एआरपी रंजीत जायसवाल,बजरंगी सिंह संकुल शिक्षक विवेक कुमार,शिवेंद्र पाण्डेय,अंगद सिंह,अरविंद कुमार दूबे,अजीत कुमार,सुप्रिया गुप्ता वन्दना सिंह,सहायक अध्यापक पूनम सिंह आंगनवाड़ी कार्यकत्री राजमती अशर्फी देवी,कान्ती देवी, माया देवी,किरन देवी,मीरा कुमारी सहित प्रबंध समिति अध्यक्ष बैजू प्रसाद, राजकुमार गुप्ता, डाक्टर जयराम, वृषभान सिंह,गंगा शंकर सिंह, उमेश राम त्रिपाठी,उमेश दूबे, गजेन्द्र त्रिपाठी,संदीप तिवारी, सत्येन्द्र कुमार तिवारी आदि सभी अतिथियों को फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन वंदना के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ। बच्चों को सहभोज और अभिभावकों को जलपान कराते हुए प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश पांडेय ने सभी के प्रति आभार जताते हुए समापन की घोषणा की।

राष्ट्रीय युवा महोत्सव में गोरखपुर विश्वविद्यालय ने झटके तीन पदक, कुलपति ने दी बधाई

गोरखपुर। 37वें अंतर विश्वविद्यालय राष्ट्रीय युवा महोत्सव, लुधियाना, पंजाब से लौटी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर की 14 सदस्यीय टीम ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे के नेतृत्व में कुलपति प्रो. पूनम टंडन से मुलाकात की।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ(AIU) द्वारा आयोजित 37वां अंतर विश्वविद्यालय राष्ट्रीय युवा महोत्सव, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब में दिनांक 28 मार्च से 01 अप्रैल तक संपन्न हुआ। इस युवा महोत्सव में कुल 120 विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें गोरखपुर विश्वविद्यालय ने 1 स्वर्ण,1 रजत और 1 कांस्य पदक अपने नाम किया l

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे ने बताया कि युवा महोत्सव में गोरखपुर विश्वविद्यालय की टीम,टीम मैनेजर प्रदीप राजोरिया, सहायक आचार्य, ललित कला एवं संगीत विभाग के नेतृत्व में कुल 3 विधाओं में प्रतिभाग किया और तीनों विधाओं में पदक जीते, जिसमें हर्षित गुप्ता, प्रतिष्ठा मिश्रा, निकिता यादव और रोशन सिंह ने जनजातीय संस्कृति के कलाकृति को वेस्ट मटेरियल से बनाकर इंस्टॉलेशन विद्या में प्रथम स्थान प्राप्त किया इसके साथ ही कोलाज मेकिंग में हर्षित गुप्ता ने महात्मा गांधी का पोट्रेट बनाकर द्वितीय स्थान अपने नाम किया l और मूक अभिनय विधा में अरुन यादव,शैली गुप्ता,लाभांश गुप्ता,रिद्धि निराला,प्रितिवा गुप्ता,राजन मद्धेशिया, निखिल मणि त्रिपाठी, नीतेश कुमार ने जल संरक्षण पर अपनी प्रस्तुति देकर तृतीय स्थान अर्जित किया l

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थियों के अंदर असीम प्रतिभा है, इसे अवसर देकर प्रस्तुत करने की आवश्यकता है और इस प्रकार की गतिविधि पूरे वर्ष आयोजित होनी चाहिए। हमारे पास संसाधन पर्याप्त हैं, विद्यार्थियों को अलग-अलग विधा के अनुरूप प्रशिक्षण एवं अभ्यास कराना चाहिए, जिससे भविष्य में और अच्छे परिणाम आ सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों की समग्र विकास की बात करती है। इस दिशा में हमें आगे बढ़ना चाहिए।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे ने कहा कि हम अगले सत्र से एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कैलेंडर बनाएंगे। जो विभाग स्तर पर अलग-अलग विधा में सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे वर्ष आयोजित करेगा। जिससे भविष्य में विद्यार्थियों की गुणवत्ता बढ़ेगी l

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ.प्रदीप राजोरिया एवं हर्षवर्धन सिंह के साथ सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और मेडल देकर टीम को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।